Posted on 07 March 2013 by admin
भारतीय राष्ट्रªीय पत्रकार महासंघ के इलाहाबाद केंद्रीय कार्यालय में नगर व ग्रामीण पत्रकारों की एक बैठक हुई जिसमें विभिन्न जनपदों से आये पत्रकारों ने इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया कि प्रदेश भर में पत्रकारों का उत्पीत्रडन हो रहा है और शासन प्रशासन इस सम्बंध में चुप्पी मारे बैठा है।पत्रकारों ने कहा कि इलाहाबाद, सुल्तानपुर, जौनपुर, राय बरेली, कौशाम्बी आदि जिलों में पत्रकारों के साथ बर्बर पुलिसिया बर्ताव, कैमरा तोत्रडने तथा मारपीट की घटनायें आम होती जा रही है जो गलत है।सी पत्रकारों ने इसकी निंदा की व प्रदेश सरकार से मांग रखी कि मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान दें और पत्रकारों को स्वतंत्रता पूर्वक कार्य करने दें क्योंकि पत्रकार समाज व देश का आइना है। हमेशा सच को सच बनाये रखने का जोखिम उठाता है उसमें पुलिस को मदद करनी चाहिये लेकिन कई जनपदों में पुलिस के बर्बर व्यवहार से उŸार प्रदेश का पत्रकार आक्रोशित है यदि सरकार ध्यान नही देती तो आंदोलन की राह पकत्रडने के लिए पत्रकार महासंघ मजबूर होंगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 बी0पी0 उपाध्याय ने कहा कि पत्रकारों के उत्पीत्रडन के खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है। वैसे हमारा संगठन इसे सुलझाने में प्रयासरत है जल्द ही सुधार आयेगा हम सीधे सम्बंधित विभागों व प्रदेश सरकार से इसकी शिकायत कर चुके हैं आगे भी प्रयास जारी है यदि इसमें परिवर्तन न हुआ तो हमें संगठित होकर समाज हित राष्ट्र हित व पत्रकारों के मान सम्मान व स्वािमान के लिए आंदोलन करना पत्रड सकता है जिसके लिए हमें सदैव तैयार रहना होगा।
बैठक में प्रमुख रूप से डा. बी0पी0 उपाध्याय, श्याम सुंदर सिंह पटेल, विजय चितौरी, राम खेलावन पटेल, सुभाष मिश्रा, विजय विद्रोही, शतीश कुमार गुप्ता, जगदम्बा शुक्ल, कुसुमलता, नीतू सिंह, संगीता श्रीवास्तव, मोनी , राम मूर्ति मिश्र, नरेश गौत्रड, के0 के0 गिरी, विवेक बाजपेयी,जिया सिद्दकी, धीरेंद्र केशरवानी, गोपी केशरवानी, रमाकांत त्रिपाठी, देवेंद्र त्रिपाठी, कुलदीप चैधरी, मुनेश कुमार मिश्र, ध्रुव सिंह, लाल बहादुर मधुर, देवेंद्र शर्मा आदि लोगों ने अपने विचार रखे जिसमें अन्य जनपदों के भी पत्रकार बंधु शामिल रहे। महासंघ की आगामी विशेष बैठक 17 मार्च को कंपनी बाग स्थित चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति के पास दोपहर 12.00 बजे से बुलाई गयी है जिसमें हम अपनी आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगें। और साथ ही 31 मार्च को होने वाले होली मिलन समारोह की रूपरेखा बनाई जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 March 2013 by admin
जनपद इलाहाबाद/थाना कर्नलगंज
दिनांक 21 02 13 को थाना कर्नलगंज क्षेत्रान्तर्गत ठेकेदार पिन्की
गुप्ता की अज्ञात बदमाशों द्वारा हत्या कर दी गयी थी। इस संंबंध में थाना
कर्नलगंज पर अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण हेतु पुलिस टीमें गठित कर
प्रयास किये जा रहे थे।
दिनांक 03ण्03ण्13 को थाना कर्नलगंज व एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा
विवेचना से प्रकाश में आये 04 अभियुक्तों को शहीद स्मारक के गेट के सामने
से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से अवैध शस्त्रए घटना में प्रयुक्त
मोटर साइकिल व मोबाईल फोन बरामद हुये। उल्लेखनीय है कि दिनांक 29ण्09ण्12
को नीरज वाल्मीकि द्वारा मृतक पिन्की गुप्ता से 10 लाख रूपये गुण्डा
टैक्स मांगा गया थाए न देने पर इनके ऊपर बम से प्रहार किया था। जिसके
संबंध में थाना कैण्ट पर अभियोग पंजीकृत हुआ था। उक्त अभियोग में नीरज
वाल्मीकि द्वारा न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया गया था। जेल में रहते
हुये इसके द्वारा हत्यारों को 25 लाख रूपये का प्रलोभन देकर उक्त घटना
कारित करायी गयी थी।
गिरफ्तार अभियुक्त
1ण् बिट्टू उर्फ शरद सोनकरए निवासी 9 पोनप्पा रोडए थाना कैण्टए जनपद इलाहाबाद।
2ण् अंकित कुमार सोनकरए निवासी 116बी अशोकनगरए थाना कैण्टए जनपद इलाहाबाद।
3ण् नौशादए निवासी 1081/541 राजापुरए थाना कैण्टए जनपद इलाहाबाद।
4ण् विवेक प्रताप सिंहए निवासी 23/6 जी लाल बिहार बमरौलीए थाना धूमनगंजए
जनपद इलाहाबाद।
बरामदगी
1ण् 02 तमंचा 315 बोरए 05 जीवित कारतूस
2ण् 01 तमंचा 12 बोरए 03 जीवित कारतूस
3ण् घटना में प्रयुक्त अपाचे व सीवीजेड मोटर साइकिल
4ण् 04 अदद मोबाईल फोन
थाना कर्नलगंज पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 March 2013 by admin
जनपद संतरविदासनगर/थाना भदोही
दिनांक 01-03-13 को थाना भदोही क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम हरियाॅव के पास ट्रक नं0 यूपी-70एम-9655 ने मोटर साइकिल में टक्कर मार दी जिससे मोटर साइकिल पर सवार श्री हाफिज जमाल उम्र 45 वर्ष निवासी लक्ष्मण पट्टी थाना ज्ञानपुर जनपद संतरविदासनगर, 2-श्री राम प्रकाश विश्वकर्मा उम्र 28 वर्ष निवासी हरियाॅव थाना भदोही जनपद संतरविदासनगर की मृत्यु हो गयी । इस संबंध में थाना भदोही पर अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 March 2013 by admin
दिनांक 28.02.13 को प्रभारी एन्टी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व श्रम प्रवर्तन अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा थाना कर्नलगंज व थाना शिवकुटी से 02 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया तथा दोनों बाल श्रमिकों को चाइल्ड लाइन, इलाहाबाद के सुपुर्द किया गया।
मुक्त बाल श्रमिक
1. आफताब उम्र 10 वर्ष पुत्र श्री अच्छे बाबू, निवासी शिलाखाना, जनपद इलाहाबाद।
2. राजदेव उम्र 13 वर्ष पुत्र श्री लक्ष्मी शर्मा अस्थाई पता स्वराजनगर, थाना शिवकुटी, जनपद इलाहाबाद स्थाई पता ग्राम बलाट, जिला मधुबनी, बिहार।
इस संबंध में विधिक कार्यवाही की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 March 2013 by admin
1 मार्च
कुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित खोया-पाया केन्द्रों का भूले-भटके श्रद्धालुओं को मिलवाने में अहम योगदान रहा। मेला क्षेत्र में सेक्टर नम्बर 4 त्रिवेणी मार्ग स्थित भारत सेवा दल, खोया-पाया केन्द्र द्वारा 28 फरवरी तक लगभग 1 लाख 65 हज़ार लोगों को मिलवाया जा चुका है, जो संगम में स्नान करने आये थे और अपने परिजनों से बिछड़ गये। इसमें 179 बच्चे भी शामिल है। भारत सेवा दल के संस्थापक राजाराम पाण्डेय ने बताया कि मेला प्रशासन के सहयोग और गंगा मां की कृपा से मेरे संस्थान द्वारा सन् 1946 से माघी मेला, अर्द्धकुंभ और महाकंुंभ में भूले-भटके श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलवाने का काम किया जा रहा है। जिसमें 56 माघ मेला, 07 अर्द्धकुंभ और इस महाकंुभ को लेकर 06 महाकुंभ शामिल है। तब से लेकर अब तक लगभग 12 लाख भूले-भटके लोगों को मिलवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस बार के महाकंुभ में श्रद्धालुुओं की भीड़ ज्यादा होने की वजह से भारी संख्या में लोग अपने परिजनों से बिछड़ गये। बिछड़े हुए लोगों में लगभग 1 लाख 65 हज़ार लोग भारत सेवा दल खोया-पाया केन्द्र आएं। जिनको एनाउंसमेन्ट के जरिये मिलवाने का काम किया गया। इसमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो 10 से 15 दिन बाद अपने परिजानों से मिल पाये। आमावस्या के बाद में 70 लागों को टेªन के जरिये उनके गंतव्य तक भेजा गया। अभी भी 30 से 40 लोग जो अपने परिजनों से नहीं मिल पाये हैं उनको मिलवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
कुंभ मेला क्षेत्र में भूले-भटके लोगों को मिलवाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा भी लगभग 20 हजार बिछड़ों को अपनों से मिलवाया गया, वहीं 06 कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र स्थापित किये गये गये है। कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र के संचालक, डाटानेट टेक्नाॅलाजी के निदेषक श्री धनन्जय सिंह ने बताया कि अब तक कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र के जरिये 28 फरवरी तक लगभग 31 हज़ार भूले-भटके लोगों को मिलवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र पर इंटरनेट के जरिये भूले-भटके लोगों की तस्वीर और नाम, पता, सम्पर्क सूत्र आदि कम्प्यूटर में लोड कर दिया जाता है, जो मेला क्षेत्र में लगी एलसीडी स्क्रिन पर दिखाई देता है। इससे उसकी पहचान करके लोग आसानी से मिल जाते है। मेले में सिविल डिफेन्स द्वारा तथा स्व0 श्रीमती बहुगुणा सेवा स्मृति द्वारा भी हजारों भूले-भटके महिलाओं, बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया।
इन दोनों केन्द्रों द्वारा अभी भूले भटके लोगों को मिलाने का काम निरन्तर चल रहा है जो आगामी 10 मार्च तक चलता रहेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 02 March 2013 by admin
1 मार्च
कुंभ मेला केवल भक्ति, आस्था, अध्यात्म और दर्शन का ही संगम नहीं रहा बल्कि यह कई अन्य विधाओं खान पान, वेशभूशा, रहन-सहन आदि सहित भारतीय संस्कृति और सभ्यता का संगम रहा। इन तीनों नदियों के समागम स्थल पर वास्तव में जो संगम देखने को मिला है उससे भारतीय संस्कृति की छवि प्रदर्षित हुई है। इस समागम स्थल की रेती पर देश-विदेश से आये लोगों का रहन-सहन, खान-पान, वेशभूशा, संस्कृति, कलाकृति आदि का जो मिलन होता है उससे सही मायने में नदियों के समागम स्थल पर संगम को सम्पूर्ण भारत का संगम कहा जा सकता है।
इस संगम नगरी में विभिन्न भाषाओं का संगम रहा। कंुभ में लगे विभिन्न तम्बुओं में विभिन्न प्रांतों के लोग एक साथ रहते थे, एक साथ स्नान करते थे और खान-पान, रहन-सहन भी साथ-साथ रहा। देश के कोने-कोने से आये विभिन्न धर्माचार्यो, संतों के अखाड़ों, धर्म स्थलों में भी लोगों का संगम देखने को मिला।
मेले में छोटे कारोबार की शक्ल लिए कलाकृतियों का संगम भी कुंभ मेला-2013 में एक से बढ़कर एक अद्भूत छटा देखने को मिलती रही। प्रदेश के इस प्रमुख शहर इलाहाबाद में देश के विभिन्न प्रांतों से आये व्यापारी अपने प्रांतो के मशहूर चीजें को बिक्रय व प्रदर्शन हेतु लाये थे, राजस्थान और असम में लकड़ी से बनी कलाकृतियों में ऊँट, हाथी, ताजमहल, कई तरह के घर, दिलकश जूतियाँ, नागरे, कई रंग के सिंदूर, और अन्य तरह की मनमोहक वस्तुए अपनी रंग बिखेर रहें है, वहीं दूसरी तरफ पूर्वाेत्तर भारत की परम्परागत विभिन्न वस्तुओं की झलक का संगम देखने को मिला। इसके साथ ही साथ मेले में खूबसुरत कश्मीरी शाॅल, चादरें, कारपेट, पाशमीना शाॅल, रजाई और भी कई वस्तुएं कशमीर घाटी की कलाओं का प्रसार भी कर रही है। वहीं नागालैण्ड की मूंगा सिल्क साड़ी व कपड़े मेले में अपनी पहचान बनाये रखा।
खान पान के संगम में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी संस्कृति के लिए मशहूर भारतीय खान-पान का भी संगम इस महाकंुभ में देखने को मिल रहा है। चूंकि इस कुंभ मेले में विदेश व देश के विभिन्न प्रांतों से भक्त, श्रद्धालु और सैलानी आये। जिनका खान-पान विभिन्न प्रकार का होता है जैसे महाराष्ट्र के लोगों को पाव-भाजी तथा महाराष्ट्रीयन खान-पान, भेलपूरी, दक्षिण भारत के से आये लोगों को उत्पम, ढोसा, इटली, साम्भर और अन्य दक्षिण भारतीय व्यंजन खाते हुए देखे जा सकते हंै। गुजरात से आये लोग ढोकला, पोहा, श्री खण्ड, दाल ढोकला व दाल पराठा आदि खाते हूए देखे गये। इसे पूूर्वोत्तर के प्रांतों से आये लोग भी खाते थे। साथ ही साथ पूर्वांचल की दाल बाटी, लिट्टी चोखा आदि भी देष विदेष से आये पर्यटक, श्रद्धालु/स्नानार्थी चाव से खा रहे थे। यह संगम नगरी भारतीय व्यंजनों की संगम नगरी रही है।
वेशभूषा का संगम प्रयाग राज इलाहाबाद मंे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में वेषभूषा का जो संगम देखने को मिल रहा था वो भी अपने आप में अद्भूत संगम था। यहां देश विदेश के विभिन्न प्रांतों से आये लोग अपने पारम्परिक वेषभूषा में आये थे और यहां पर आकर अन्य प्रांतों की वेशभूषा को भी अपना कर उन प्रांतों के लोगों के साथ घुल मिलकर उन प्रांतों की संस्कृति खान पान, वेशभूशा, रहन-सहन आदि की विषेषता को भी जाना। इस कुंभ में कई गृहस्थों द्वारा आपसी वैवाहिक रिष्ते भी बनाये गये हैं। महाकंुभ का यह संगम भारतीय संस्कृति, रहन-सहन, वेषभूषा की एक नमूना सभी के सामने पेष किया। जो कि पूरे विष्व में अन्य किसी जगह पर देखने को नहीं मिलता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 02 March 2013 by admin
इलाहाबाद 1मार्च
रेलवे स्टेशन पर वाटर प्लांट स्थापित किया जायेगा जिसके कारण यात्रियों कों पीने के पानी एवं गाडियों में पानी भरने की सुविधा हो जायेगी। कार्य प्रारम्भ करने के लिये एक करोड की धनराशि प्रदान की गयी है वाटर प्लांट की लागत 7,49 करोड आंकी गयी है। रेलवे स्टेशन पर जल्द ही यात्रियों के पानी की समास्या हल होती नजर आ रही है क्योकि रेलवे बोर्ड ने जंक्शन में वाटर प्लांट की मंजूरी दे दी है साथ ही एक करोड रूपये भी प्रदान कर दिये गये है। स्टेशन से गुजरने वाली गाडियों में पानी भरने की भी समाधान हो जायेगा वाटर प्लांट के लग जाने से जहां एक ओर प्लेटफार्म सहित पूरे स्टेशन परिसर में पीने के पानी की आपूर्ति की जायेगी। इलाहाबाद से गुजरने वाली गाडियों में पानी भरने की सुविधा हो जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2013 by admin
इलाहाबाद 28 फरवरी
कुंभ मेला क्षेत्र के लिए संजय गाँधी पी0जी0आई0 लखनऊ से आयी टेलीमेडिसिन परियोजना की टीम बृहस्पतिवार को अभियान का प्रथम चरण पूरा कर लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गयी। गत 2 फरवरी से मेला क्षेत्र मेें अवस्थान कर रही इस टीम के माध्यम से 600 रोगियों को सेवाएँ प्रदान की गयी।
एस0पी0जी0आई0 ने ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गम्भीर रोगों से पीडि़़त मरीजों को सूचना एवं प्रौद्योगिकी सेवाओं के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञों की परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देष्य से यह परियोजना शुरू की है। इसके अन्तर्गत आधुनिक संचार सुविधाओें से युक्त एक सचल यान विकसित किया गया है इस यान में देश के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञों से सम्पर्क की सुविधा उपलब्ध है। इस मोबाइल वैन के जरिये रोगी इन विशेषज्ञों से सम्पर्क कर सकता है। डाक्टर को मरीज की जाँच रिर्पोट दिखाई जा सकती है। उनसे रोगी अपनी समस्याएँ बता सकता है तथा परामर्श प्राप्त कर सकता है। कुम्भ मेले में यहाँ आने वाली भीड़ को देखते हुए 2 फरवरी को यह टीम यहाँ पहुँची। इसे मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में घुमाया गया। बडी संख्या में श्रद्धालुओं, जिज्ञासुओं और साधू-सन्तों ने इस तकनीक को देखा व जानकारी प्राप्त की। परियोजना के प्रबन्धक रिपु दमन चन्द तथा उनके सहयोगी अरूण कुमार, अशोक कष्यप, अमित मोहन, दबीर वार्षी, इन्द्र प्रताप सिंह, संदीप सिंह, कालिका, दीनानाथ, व प्रशान्त चतुर्वेदी ने क्षेत्रों में जाकर लोगों को टेलीमेेडिसिन परियोजना की जानकारी दी।
अभियान के समापन के अवसर पर परियोजना के प्रबन्धक रिपु दमन चन्द ने बताया कि कुम्भ मेले में 600 से अधिक मरीजों को इनके चिकित्सकों के तकनीकि के माध्यम से साक्षात्कार के अवसर सुलभ कराये गये। इन मरीजों को चिकित्सकों ने इनकी जाँच रिर्पाेट देखकर बहुमूल्य परामर्ष प्राप्त किया। इन रोगियों में विशेष रूप से कैंसर, मधुमेह, रक्तचाँप, हृदय रोग तथा अन्य गम्भीर रोगों से सम्बंधित मरीज रहे।
श्री चन्द ने बताया कि स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी के प्रचार-प्रसार तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे रोगियों को अच्छी परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देष्य से एस0पी0जी0आई0 ने वर्ष1999 से टेलीमेडिसिन परयोजना शुरू की गयी है इस परियोजना का वास्तविक लक्ष्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की पहुँच सुनिष्चित कराना है। इस परियोजना में महाविपत्ति के समय में अकास्मिक चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में व्यवस्था करायाी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में चिकित्सा विशेषज्ञों के माध्यम से चिकित्सा केन्द्रों में प्रशिक्षण की सेवाएँ भी उपलब्ध करायी जाती है। श्री चन्द्र ने बताया कि इस परियोजना में एक सचल वाहन विकसित किया गया है इसमें दूरसंचार के अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए है। इन उपकरणों के जरिये देश के किसी कोने में कार्यरत विशेषज्ञों से सम्पर्क किया जा सकता है। मरीज अपनी परेशानी विशेषज्ञ को बता सकता है तथा उसकी सलाह प्राप्त कर सकता है।
श्री चन्द ने यह भी बताया कि यहा समापन के बाद यह वाहन रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुँचेगा। निकट भविष्य में यह अभियान प्रदेश के अन्य जनपदों में संचालित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2013 by admin
इलाहाबाद 28 फरवरी
कुंभ मेला क्षेत्र में शिविरों के खाली होने के साथ-साथ मेला क्षेत्र की सफाई और जन शौचालयों को बन्द करने का अभियान तेजी से आरम्भ हो चुका है। मेला क्षेत्र में मक्खी मच्छर निरोधी कीट नशाकों का छिड़काव निरन्तर किया जा रहा है।
प्रभारी चिकित्सा सेवा (कुंभ मेला) डा0 सुरेश द्विवेदी ने बताया कि जैसे-जैसे शिविर खाली हो रहे है तदोपरान्त पुनः सफाई व्यवस्था और शौचालयों को बन्द करने का काम सुनिष्चित कर दिया जा रहा है। इसके लिए 7000 सफाई कर्मी लगाये गये है। उन्होंने बताया कि शौचालयों को बन्द करने की प्रक्रिया में सर्व प्रथम सीटों को निकाल कर शौचालय गड्ढों को ब्लीचिंग, चूना, मैलाथीन जैसे कीट नाशकों से विधिवत विसंक्रमित करने के उपरान्त मिट्टी से भरकर उसकी रैपिंग करके बन्द किया जा रहा है और उसके उपर पुनः कीट नाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। इस विधा से गड्ढे में एनोरोबिक कंडीसन उत्पन्न होती है और एकत्रित मल पदार्थ डि-कम्पोज होकर खाद में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह ऐसे गड्ढ़ांे से मक्खियों की ब्रिडिंग की समस्या समाप्त हो जाती है। इसी प्रक्रिया से मूत्रालय गड्ढ़ों को भी बन्द कराया जा रहा है। ज्ञात हो कि मेला क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए 10-10 सीट वाले 337 जन शौचालयों के साथ-साथ 35000 ग्लैस्ड सीट के शौचालय बनाये गये थे।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में एकत्रित और शिविरों के समापन के उपरान्त अवशिष्ट पदार्थाें/कूड़ों का तेजी से निस्तारण किया जा रहा है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेसीबी मशीनें एवं ट्रक लगाये गये है, जो कूड़े का निस्तारण मेला क्षेत्र से बाहर नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थलों पर कर रहे है। मेला क्षेत्र में जिन स्थलों पर पानी/जल भराव की अवस्था है ऐसे स्थलों पर लार्वा निरोधी छिड़काव सघनता से किया जा रहा है। कीटनाशक छिड़काव के संचालन हेतु 07 अनुभवी सहायक मलेरिया अधिकारी एवं 18 मलेरिया निरीक्षक के निर्देशन में 380 कर्मियों के दल कार्य कर रहें है। इन दलों द्वारा लगातार वायु मंडल में उड़ने वाले कीट-पतंगों को नष्ट करने हेतु नियमित फागिंग करायी जा रही है। मेला क्षेत्र में मक्खी, मच्छर विराधी कार्यवाही हेतु 03 लीकोफाग मषीन, 10 पल्स फाग मशीन, 05 फन्टान मषीन, 04 मिस्ट ब्लोवर के साथ-साथ ट्रप पम्प, नैपसेक पम्प, फ्लीट गन जैसे छिड़काव यत्रों का प्रयोग किया जा रहा है।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि विशेषज्ञ सेवाओं सहित 100 शैय्या युक्त एक केन्द्रीय चिकित्सालय तथा 14 क्षेत्रीय चिकित्सालय तथा 20 प्राथमिक उपचार केन्द्र कार्य कर रहे हंै। अब तक सेक्टरों तथा केन्द्रीय चिकित्सालयों द्वारा 3,91,532 रोगियों को वाहय रोगी विभाग द्वारा उपचारित किया गया तथा 4,202 रोगियों को भर्ती करके उपचारित किया गया। इसी प्रकार 1,10,257 रोगियों को प्राथमिक उपचार केन्द्रोें पर उपचारित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 March 2013 by admin
इलाहाबाद 28 फरवरी
कुम्भ मेले में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उ0प्र0 के सांस्कृतिक पण्डाल में अब तक 56 सांस्कृतिक दलों द्वारा विभिन्न विधाओं के 528 कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए महाकुम्भ में आये लाखों श्रद्धालुओं के मनोरंजन के साथ-साथ शासन की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया।
निदेशक सूचना के निर्देशन में सेक्टर-1 त्रिवेणी रोड पर स्थित सांस्कृतिक पण्डाल बड़े़ ही सुव्यवस्थित ढंग से बनाया गया है। मंच सज्जा के साथ-साथ दर्षक दीर्घा भी काफी बड़ी बनाई गयी थी जिसमें हजारों दर्षक बैठकर कार्यक्रम देख सकते हैं। उक्त सांस्कृतिक दलों में 5 भजन दल, 7 लघु सांस्कृतिक दल, 5 कठपुतली दल, 7 नाटक दल, 8 वृहद सांस्कृतिक दल, 8 लोकगीत दल, 4 आल्हा दल, 7 जादू के दल, 4 नौटंकी एवं 1 बिरहा दल द्वारा विभिन्न मनोरंजन एवं आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। उक्त प्रत्येक दलों द्वारा भिन्न-भिन तिथियों में 8 से 10 कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। दलों की विशेषता रही कि वे क्षेत्रीय भाषाओं, बृज, भोजपुरी, अवधी, बुन्देलखण्डी आदि में अपनी प्रस्तुती देकर दर्षकों की प्रषंसा पायी गयी। लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों से जहां क्षेत्रीय लोकगीत, लोकसंगीत और लोकविधाओं के लोक नृत्यों की सांस्कृतिक विरासत को सरक्षण मिलता है। वहीं लोक भाषा में प्रस्तुत कार्यक्रम आम जनता को सीधे समझ में भी आ जाता है। शासन की विभिन्न संचालित योजनाओं की जानकारी सीधे जनता को उन्हीं की लोक भाषा में प्रस्तुत करते हुए सांस्कृतिक दलों द्वारा वृहद प्रचार-प्रसार किया गया।
प्रभारी सांस्कृतिक पण्डाल ने बताया कि प्रति दिन 5 से 12 हजार के बीच दर्षकों द्वारा उक्त पण्डाल में प्रस्तुत कार्यक्रमों को देखते हुए मनोरंजन के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की गयी। अब तक लाखों लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी से 10 मार्च तक 12 दलोें द्वारा और कार्यक्रम प्रति दिन प्रस्तुत किये जायेंगे। जिसमे भजन, कव्वाली, कठपुतली, जादू, आल्हा एवं लोकगीत व नाटक प्रमुख रूप से सांस्कृतिक दलों द्वारा प्रस्तुत किये जायेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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