विभिन्न अस्पतालों में 5 लाख से अधिक लोगों का हुआ इलाज।

Posted on 01 March 2013 by admin

इलाहाबाद 28 फरवरी

कुंभ मेला क्षेत्र में शिविरों के खाली होने के साथ-साथ मेला क्षेत्र की सफाई और जन शौचालयों को बन्द करने का अभियान तेजी से आरम्भ हो चुका है। मेला क्षेत्र में मक्खी मच्छर निरोधी कीट नशाकों का छिड़काव निरन्तर किया जा रहा है।
प्रभारी चिकित्सा सेवा (कुंभ मेला) डा0 सुरेश द्विवेदी ने बताया कि जैसे-जैसे शिविर खाली हो रहे है तदोपरान्त पुनः सफाई व्यवस्था और शौचालयों को बन्द करने का काम सुनिष्चित कर दिया जा रहा है। इसके लिए 7000 सफाई कर्मी लगाये गये है। उन्होंने बताया कि शौचालयों को बन्द करने की प्रक्रिया में सर्व प्रथम सीटों को निकाल कर शौचालय गड्ढों को ब्लीचिंग, चूना, मैलाथीन जैसे कीट नाशकों से विधिवत विसंक्रमित करने के उपरान्त मिट्टी से भरकर उसकी रैपिंग करके बन्द किया जा रहा है और उसके उपर पुनः कीट नाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। इस विधा से गड्ढे में एनोरोबिक कंडीसन उत्पन्न होती है और एकत्रित मल पदार्थ डि-कम्पोज होकर खाद में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह ऐसे गड्ढ़ांे से मक्खियों की ब्रिडिंग की समस्या समाप्त हो जाती है। इसी प्रक्रिया से मूत्रालय गड्ढ़ों को भी बन्द कराया जा रहा है। ज्ञात हो कि मेला क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए 10-10 सीट वाले 337 जन शौचालयों के साथ-साथ 35000 ग्लैस्ड सीट के शौचालय बनाये गये थे।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में एकत्रित और शिविरों के समापन के उपरान्त अवशिष्ट पदार्थाें/कूड़ों का तेजी से निस्तारण किया जा रहा है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेसीबी मशीनें एवं ट्रक लगाये गये है, जो कूड़े का निस्तारण मेला क्षेत्र से बाहर नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थलों पर कर रहे है। मेला क्षेत्र में जिन स्थलों पर पानी/जल भराव की अवस्था है ऐसे स्थलों पर लार्वा निरोधी छिड़काव सघनता से किया जा रहा है। कीटनाशक छिड़काव के संचालन हेतु 07 अनुभवी सहायक मलेरिया अधिकारी एवं 18 मलेरिया निरीक्षक के निर्देशन में 380 कर्मियों के दल कार्य कर रहें है। इन दलों द्वारा लगातार वायु मंडल में उड़ने वाले कीट-पतंगों को नष्ट करने हेतु नियमित फागिंग करायी जा रही है। मेला क्षेत्र में मक्खी, मच्छर विराधी कार्यवाही हेतु 03 लीकोफाग मषीन, 10 पल्स फाग मशीन, 05 फन्टान मषीन, 04 मिस्ट ब्लोवर के साथ-साथ ट्रप पम्प, नैपसेक पम्प, फ्लीट गन जैसे छिड़काव यत्रों का प्रयोग किया जा रहा है।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि विशेषज्ञ सेवाओं सहित 100 शैय्या युक्त एक केन्द्रीय चिकित्सालय तथा 14 क्षेत्रीय चिकित्सालय तथा 20 प्राथमिक उपचार केन्द्र कार्य कर रहे हंै। अब तक सेक्टरों तथा केन्द्रीय चिकित्सालयों द्वारा 3,91,532 रोगियों को वाहय रोगी विभाग द्वारा उपचारित किया गया तथा 4,202 रोगियों को भर्ती करके उपचारित किया गया। इसी प्रकार 1,10,257 रोगियों को प्राथमिक उपचार केन्द्रोें पर उपचारित किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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