इलाहाबाद 28 फरवरी
कुंभ मेला क्षेत्र के लिए संजय गाँधी पी0जी0आई0 लखनऊ से आयी टेलीमेडिसिन परियोजना की टीम बृहस्पतिवार को अभियान का प्रथम चरण पूरा कर लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गयी। गत 2 फरवरी से मेला क्षेत्र मेें अवस्थान कर रही इस टीम के माध्यम से 600 रोगियों को सेवाएँ प्रदान की गयी।
एस0पी0जी0आई0 ने ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गम्भीर रोगों से पीडि़़त मरीजों को सूचना एवं प्रौद्योगिकी सेवाओं के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञों की परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देष्य से यह परियोजना शुरू की है। इसके अन्तर्गत आधुनिक संचार सुविधाओें से युक्त एक सचल यान विकसित किया गया है इस यान में देश के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सा विशेषज्ञों से सम्पर्क की सुविधा उपलब्ध है। इस मोबाइल वैन के जरिये रोगी इन विशेषज्ञों से सम्पर्क कर सकता है। डाक्टर को मरीज की जाँच रिर्पोट दिखाई जा सकती है। उनसे रोगी अपनी समस्याएँ बता सकता है तथा परामर्श प्राप्त कर सकता है। कुम्भ मेले में यहाँ आने वाली भीड़ को देखते हुए 2 फरवरी को यह टीम यहाँ पहुँची। इसे मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में घुमाया गया। बडी संख्या में श्रद्धालुओं, जिज्ञासुओं और साधू-सन्तों ने इस तकनीक को देखा व जानकारी प्राप्त की। परियोजना के प्रबन्धक रिपु दमन चन्द तथा उनके सहयोगी अरूण कुमार, अशोक कष्यप, अमित मोहन, दबीर वार्षी, इन्द्र प्रताप सिंह, संदीप सिंह, कालिका, दीनानाथ, व प्रशान्त चतुर्वेदी ने क्षेत्रों में जाकर लोगों को टेलीमेेडिसिन परियोजना की जानकारी दी।
अभियान के समापन के अवसर पर परियोजना के प्रबन्धक रिपु दमन चन्द ने बताया कि कुम्भ मेले में 600 से अधिक मरीजों को इनके चिकित्सकों के तकनीकि के माध्यम से साक्षात्कार के अवसर सुलभ कराये गये। इन मरीजों को चिकित्सकों ने इनकी जाँच रिर्पाेट देखकर बहुमूल्य परामर्ष प्राप्त किया। इन रोगियों में विशेष रूप से कैंसर, मधुमेह, रक्तचाँप, हृदय रोग तथा अन्य गम्भीर रोगों से सम्बंधित मरीज रहे।
श्री चन्द ने बताया कि स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी के प्रचार-प्रसार तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे रोगियों को अच्छी परामर्श सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देष्य से एस0पी0जी0आई0 ने वर्ष1999 से टेलीमेडिसिन परयोजना शुरू की गयी है इस परियोजना का वास्तविक लक्ष्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की पहुँच सुनिष्चित कराना है। इस परियोजना में महाविपत्ति के समय में अकास्मिक चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में व्यवस्था करायाी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में चिकित्सा विशेषज्ञों के माध्यम से चिकित्सा केन्द्रों में प्रशिक्षण की सेवाएँ भी उपलब्ध करायी जाती है। श्री चन्द्र ने बताया कि इस परियोजना में एक सचल वाहन विकसित किया गया है इसमें दूरसंचार के अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए है। इन उपकरणों के जरिये देश के किसी कोने में कार्यरत विशेषज्ञों से सम्पर्क किया जा सकता है। मरीज अपनी परेशानी विशेषज्ञ को बता सकता है तथा उसकी सलाह प्राप्त कर सकता है।
श्री चन्द ने यह भी बताया कि यहा समापन के बाद यह वाहन रायबरेली होते हुए लखनऊ पहुँचेगा। निकट भविष्य में यह अभियान प्रदेश के अन्य जनपदों में संचालित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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