1 मार्च
कुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित खोया-पाया केन्द्रों का भूले-भटके श्रद्धालुओं को मिलवाने में अहम योगदान रहा। मेला क्षेत्र में सेक्टर नम्बर 4 त्रिवेणी मार्ग स्थित भारत सेवा दल, खोया-पाया केन्द्र द्वारा 28 फरवरी तक लगभग 1 लाख 65 हज़ार लोगों को मिलवाया जा चुका है, जो संगम में स्नान करने आये थे और अपने परिजनों से बिछड़ गये। इसमें 179 बच्चे भी शामिल है। भारत सेवा दल के संस्थापक राजाराम पाण्डेय ने बताया कि मेला प्रशासन के सहयोग और गंगा मां की कृपा से मेरे संस्थान द्वारा सन् 1946 से माघी मेला, अर्द्धकुंभ और महाकंुंभ में भूले-भटके श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलवाने का काम किया जा रहा है। जिसमें 56 माघ मेला, 07 अर्द्धकुंभ और इस महाकंुभ को लेकर 06 महाकुंभ शामिल है। तब से लेकर अब तक लगभग 12 लाख भूले-भटके लोगों को मिलवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस बार के महाकंुभ में श्रद्धालुुओं की भीड़ ज्यादा होने की वजह से भारी संख्या में लोग अपने परिजनों से बिछड़ गये। बिछड़े हुए लोगों में लगभग 1 लाख 65 हज़ार लोग भारत सेवा दल खोया-पाया केन्द्र आएं। जिनको एनाउंसमेन्ट के जरिये मिलवाने का काम किया गया। इसमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो 10 से 15 दिन बाद अपने परिजानों से मिल पाये। आमावस्या के बाद में 70 लागों को टेªन के जरिये उनके गंतव्य तक भेजा गया। अभी भी 30 से 40 लोग जो अपने परिजनों से नहीं मिल पाये हैं उनको मिलवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
कुंभ मेला क्षेत्र में भूले-भटके लोगों को मिलवाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा भी लगभग 20 हजार बिछड़ों को अपनों से मिलवाया गया, वहीं 06 कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र स्थापित किये गये गये है। कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र के संचालक, डाटानेट टेक्नाॅलाजी के निदेषक श्री धनन्जय सिंह ने बताया कि अब तक कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र के जरिये 28 फरवरी तक लगभग 31 हज़ार भूले-भटके लोगों को मिलवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटराइज खोया-पाया केन्द्र पर इंटरनेट के जरिये भूले-भटके लोगों की तस्वीर और नाम, पता, सम्पर्क सूत्र आदि कम्प्यूटर में लोड कर दिया जाता है, जो मेला क्षेत्र में लगी एलसीडी स्क्रिन पर दिखाई देता है। इससे उसकी पहचान करके लोग आसानी से मिल जाते है। मेले में सिविल डिफेन्स द्वारा तथा स्व0 श्रीमती बहुगुणा सेवा स्मृति द्वारा भी हजारों भूले-भटके महिलाओं, बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया।
इन दोनों केन्द्रों द्वारा अभी भूले भटके लोगों को मिलाने का काम निरन्तर चल रहा है जो आगामी 10 मार्च तक चलता रहेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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