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सद्भावना पूर्वक लांक्षन लगाना अवमानना नहीं

Posted on 21 February 2014 by admin

समाचार पत्र यदि सुआधारित तथ्यों पर किसी लांक्षन लगाता है और ऐसा लांक्षन लोक कल्याण के लिए सद्भावना पूर्वक लगाया गया है तो वह अवमानना के दायरे में नहीं आता है। शहर के चर्चित डाण् अनिल गुप्ता हत्याकांड में डाण् एससी गौड़ द्वारा दाखिल अवमानना के वाद में आरोपी अखबार के संपादक को उन्मोचन प्रदान करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने यह अवधारणा दी है। कोर्ट ने संपादक को अवमानना के आरोप से बरी करते हुए कहा है कि उनकी ओर से प्रस्तुत सीबीसीआईडी रिपोर्ट मेें दिए तथ्यों से स्पष्ट है कि अखबार की रिपोर्ट कपोल कल्पित नहीं थी बल्कि वह ठोस तथ्यों पर आधारित थी। कोर्ट ने समाचार जगत की सक्रियता के चलते कई चर्चित मामलों में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता साबित होने का भी जिक्र अपने आदेश में किया है।
मामला 20 साल पुराने डाण् अनिल गुप्ता हत्याकांड से जुड़ा है जिसमें डाण् अनिल गुप्ता उनकी पत्नी रश्मि गुप्ताए बहन शालिनीए साढ़े तीन साल के पुत्र अभि और मां शांति गुप्ता की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। घटना 17.18 फरवरी 1993 की रात में अंजाम दी गई। इसे लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। उस वक्त शहर से प्रकाशित समाचार पत्र प्रयाग राज टाइम्स और लीडर;अंग्रेजी दैनिकद्ध ने इस घटना को लेकर प्रमुखता से समाचार और लेख प्रकाशित किए। नौ अप्रैल 1995 को इन समाचार पत्रों ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल के अस्थि रोग विभाग के तत्तकालीन विभागाध्यक्ष डाण् एससी गौड़ के संबंध में एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें डाण् गौड़ के मेडिकल कालेज की छात्राओं से सेक्स स्कें डल में फंसने और बचने तथा डाण् अनिल गुप्ता हत्याकांड से भी साफ बच निकलने का आरोप लगाया गया। डाण् गौड़ ने इस प्रकाशन को तथ्यहीन तथा मनगंढ़त बताते हुए अपनी अवमानना का परिवाद समाचार पत्रों और उसके संपादक अनुपम मिश्र के खिलाफ योजित किया था।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने इस मामले में अनुपम मिश्र के उन्मोचन ;डिस्चार्जद्ध के बिंदु पर सुनवाई की। अनुपम मिश्र की ओर से अपना पक्ष साबित करने के लिए सीबीसीआईडी की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की थी। सीबीआईडी की इस रिपोर्ट के अलावा डाण् गौड़ के खिलाफ अन्य दस्तावेज भी न्यायालय के समक्ष रखे गए। सीबीसीआईडी की रिपोर्ट का न्यायालय ने अपने आदेश में जिक्र किया है जिसमें मामले को लेकर डाण् गौड़ और प्रीति नर्सिंग होम के संचालक डाण् एके गुप्ता के संबंध में गंभीर टिप्पणियां की गई है। रिपोर्ट में हत्याकांड से संबंधित कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों को दबा देने का भी जिक्र है। पोस्टमार्टम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए गए हैं। समाचार पत्र ने किसी विद्वेष से प्रेरित होकर यह लेख लिखा इस बात को साबित करने में भी डाण् गौड़ नाकाम रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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जंक्शन पर 35 दिन नहीं आएंगी दर्जनभर ट्रेनें

Posted on 21 February 2014 by admin

कोहरे के कारण ट्रेनों का संचालन शुरू भी नहीं हो सकाए इसके पहले ही इलाहाबाद जंक्शन से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों के लिए एक और परेशानी वाली खबर आ गई है। जंक्शन के छह नंबर प्लेटफार्म पर वाशिंग एप्रेन का निर्माण होना है। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने दर्जनभर महत्वपूर्ण ट्रेनों को 35 दिनों के लिए निरस्त करने का फैसला लिया है। इनमें ऊंचाहार एक्सप्रेसए लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस और गंगा.गोमती एक्सप्रेस प्रयाग स्टेशन से चलाई जाएंगी। इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रयाग से विन्ध्याचलए चौरीचौरा कानपुर.रामबागए जनता मुगलसराय.दिल्लीए इटारसी पैसेंजर मानिकपुर.इलाहाबाद के बीच निरस्त रहेगी।
उत्तर मध्य रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जंक्शन के छह नंबर प्लेटफार्म पर मेगा ब्लॉक लेने की मंजूरी रेलवे बोर्ड ने दे दी है। यह कार्य 15 अप्रैल से शुरू किया जाएगाए जो 19 मई तक चलेगा। एनसीआर के सीपीटीएम संजय कुमार की ओर से 19 फरवरी को ही जोन के सभी विभागाध्यक्षों और कामर्शियल विभाग को इसका आदेश जारी कर दिया गया है। इसके मुताबिक गाड़ी 18101ध्18102 मुरी एक्सप्रेस 12873ध्12874 हटिया.आनंद विहार एक्सप्रेस को चुनार से इलाहाबाद और गाड़ी 12427ध्12428 रीवांचल एक्सप्रेस को कानपुर से इलाहाबाद के बीच डीजल इंजन से चलाया जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय राष्टीय पत्रकार महासंघ की जिला इकार्इ इलाहाबाद का 14वां जिला सम्मेलन

Posted on 10 February 2014 by admin

भारतीय राष्टीय पत्रकार महासंघ की जिला इकार्इ इलाहाबाद का 14वां जिला सम्मेलन माघ मेला क्षेत्र में त्रिवेणी रोड पर गंगा प्रदूषण निवारण प्रदशर्नी के पंडाल में आज डा0 दीनानाथ शुक्ल दीन की अध्यक्षता में धूमधाम से सम्पन्न हुअ जिसमें जिला उधान अधिकारी मा0 पंकज शुक्ल मुख्य अतिथि रहे और पी0के0 मिश्र महासचिव राष्टीय उपभोगता संरक्षण समिति विशिष्ट अतिथि रहे। मंच पर नवनियुकित राष्टीय अध्यक्ष रमाकान्त त्रिपाठी एवं समाज सेवी अमर बहादुर यादव भी मौजूद रहे। समारोह का संचालन डा0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने किया। ।
सम्मेलन के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण में मीडिया की भूमिका विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मंचासीन विद्वानों के अलावा उमापति राही, अशोक कुणाल, जगदम्बा प्रसादशुक्ला, सरदार दिलावर सिंह, डा0 अशोक कुमार मिश्र, मुकितनाथ उपाध्याय, श्याम सूरत उपाध्याय, मथुरा प्रसाद धूरिया, अंजनी भाष्कर, विश्वमित्र मिश्र, ओम प्रकाश मिश्र, अनन्त राम पाण्डेय, सचिदानन्द मिश्र, आदि ने पर्यावरण संरक्षण में मीडिया महत्वपूर्णं भूमिका पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में नव गठित राष्टीय इकार्इ का शपथग्रहण समारोह भी हुआ और बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट, दिल्ली आदि प्रदेश के अलावा सुल्तानपुर प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फैजाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, देवरिया वाराणसी आदि अन्य जनपदों से आये 25 पत्रकारों, कवियों समाजसेवियों व विद्वानों को सम्मान पत्र प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। लखनउ से आये वरिष्ठ पत्रकार पी0एन0 द्विवेदी हिन्दी दैनिक सहजसत्ता के सम्पादक पं0 मुनेश्वर मिश्र, जगदम्बा प्रसाद शुक्ल, श्यामसुन्दर सिंह पटेल आदि ने सम्मेलन को सम्बोधित किया।
महासंघ  के संयोजक डा0 भगवान प्रसाद उपाध्याय ने नये राष्टीय अध्यक्ष रमाकान्त त्रिपाठी एवं राष्टीय मुख्य महासचिव जगदम्बा प्रसाद शुक्ल सहित नयी कार्य समिति के पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण कराया।
सम्मेलन में मुख्य रूप से दीप प्रकाश गुप्ता, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, विजय विशाल, प्रकाश कुमार, मुनेश कुमार मिश्र, सुभाष चन्द्र मिश्र, गोपी केशरवानी, दिवाकर अग्रवालशिव शंकर पाण्डेय, प्रमोद बाबू झा, बृजेश कुमार पाण्डेय, कृष्णकुमार गिरी, शिव कुमार भारतीया, अशोक पाण्डेय, अनूप जायसवाल, कुलदीप शुक्ल, विवके सत्यांशु, सचिदानन्द मिश्र, मिहाचल मौर्य, मनोज सिंह, विपिन उपाध्याय, महारानीदीन यादव, राजकुमार पटेल, रतनेश द्विवेदी, धनंजय पाण्डेय, मुकितनाथ उपाधय, मो0 जिया, धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, सुधाकर पाण्डेय, श्रीनिवास राय, विजय बहादुर गुप्ता, राजेश मिश्र, अमित कुमार यादव, सदानन्द यादव, हरेराम गुप्ता, नंदल हितैषी, आदि अन्य सैकड़ोंं लोग उपसिथत रहें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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इलाहाबाद में महा-कुम्भ मेला, अनेक चुनौतियों के बावजूद कड़े सुरक्षा के इंतजामों के कारण निर्विघ्न रुप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ।

Posted on 02 January 2014 by admin

•    इलाहाबाद में महा-कुम्भ मेला, अनेक चुनौतियों के बावजूद कड़े सुरक्षा के इंतजामों के कारण निर्विघ्न रुप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। कुम्भ मेला क्षेत्र में लगे पुलिसकर्मियो के विनम्र व्यवहार की सराहना आम जनमानस से लेकर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी की, इससे प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा निखर कर सामने आया।
•    कुम्भ मेला मे करोड़ो की संख्या में स्नानार्थियों व श्रद्धालुओ का आगमन हुआ। प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन लगभग 3.50 करोड़ श्रद्धालुओ ने पवित्र संगम त्रिवेणी में स्नान किया। कुम्भ मेला पुलिस ने भूले-भटके शिविरो तथा कन्ट्रोल रूम के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख बिछुडे़ लोगाें को उनके परिजनो से मिलवाया। जल पुलिस एवं पीएसी (फ्लड कम्पनी) के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए 115 लोगो को डूबने से बचाया। मेले में आवागमन की सुगमता हेतु एकीकृत कंट्रोल रुम (कम्पोजिट कन्ट्रोल रुम) बनाकर मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गर्इ। टेण्ट नगरी के रूप में अस्थार्इ रूप से बसे सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में पहली बार पर फायरफाइटिंग उपकरण युक्त मोटर साइकिलों के सचल दस्ते बना कर अगिन दुर्घटनाओं पर तत्काल पहुंचकर प्रभावी कार्यवाही की गयी। आग से 35 लोगो की प्राणों की रक्षा तथा लगभग 2.81 करोड रूपये की सम्पतित की क्षति रोकी गयी।
•    अपराध नियंत्रण के लिए कानपुर नगर में अत्याधुनिक कन्ट्रोल रुम की शुरुआत की गयी है, जिसमें सी.सी.टी.वी. कैमरा, जीपीएस, जीआर्इएस, सीएडी व ब्हेकिल ट्रैकिंग सिस्टम तथा अन्य आधुनिक तकनीकों से सुसजिजत उपकरणों की व्यवस्था की गयी है। शीघ्र ही इलाहाबाद, लखनऊ एवं गाजियाबाद में भी इसी प्रकार के अत्याधुनिक कण्ट्रोल रूम की शुरुआत होगी।
•    कानपुर का यह अत्याधुनिक कन्ट्रोल रुम ब्।क् ;ब्व्डच्न्ज्म्त् ।प्क्म्क् क्प्ैच्।ज्ब्भ्द्ध प्रणाली पर कार्यरत हैं। जब कोर्इ व्यकित कण्ट्रोल रूम में काल करता है तो उसके काल करने का समय, आवश्यकतानुसार की गयी सहायता तथा पुलिस की कृत कार्यवाही का समस्त समयवार विवरण कम्प्यूटर में रिकार्ड हो जाता है। कण्ट्रोल रूम से पुलिस सहायता प्रदान करने हेतु संचालित प्रत्येक चारपहिया व दोपहिया वाहन एम0डी0टी0 युक्त है जिससे पुलिस की इन गाडि़या की लोकेशन, स्पीड व अन्य विवरण कण्ट्रोल रूम में देखे जा सकते हैं। घनी आबादी वाली तंग गलियों में पैट्रोलिंग हेतु उपयुक्त संख्या में डक्ज् ;डव्ठप्स्म् क्।ज्। ज्म्त्डप्छ।स्द्धके साथ नर्इ तकनीक वाली गियरयुक्त हार्इ स्पीड साइकिलों पर आरक्षीगण भी नियुक्त हैं। कण्ट्रोल रूम के सर्वर में सीसीटीवी को भी समाविष्ट किया गया है जो शहर के प्रमुख चौराहों व संवेदनशील स्थानों पर लगाये गये कैमरों से सम्बद्ध हैं। प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक की सिथति अथवा विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर घटित होने वाली अपराधिक गतिविधियों अथवा संदिग्ध व्यकितयों के आवागमनसंचरण को कण्ट्रोल रूम में सीधे देख कर प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही करार्इ जा सकती है। सभी फील्ड सुपरवाइजर्स को कण्ट्रोल रूम में उपयोग होने वाले साफ्टवेयर युक्त स्मार्ट फोन प्रदान किये गये हैं जिसका प्रयोग करके किसी भी दूरस्थ स्थान से, जनसामान्य द्वारा कण्ट्रोल रूम में की गयी किसी भी काल को सुना जा सकता है व उस पर पुलिस द्वारा उपलब्ध करार्इ गयी सहायता व कृत कार्यवाही का समयवार विवरण देखा जा सकता है व कार्यवाही सही थी या गलत, यह निर्णय भी किया जा सकता है।
•    प्रदेश में पुलिस बल की कमी दूर करने के लिए 41 हजार से अधिक पुलिस कांस्टेबिल की भर्ती करने का निर्णय लिया गया, जिसमें पीएसी व अगिनशमन सेवाकर्मी भी शामिल हैं। इसके लिए पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा भर्ती की प्रकि्रया शुरु कर दी गयी है। साथ ही 2800 से अधिक कम्प्यूटर आपरेटर की भर्ती भी की जा रही है।
•    पुलिस बल में उपनिरीक्षकों को निरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने हेतु ऐतिहासिक निर्णय लिया गया तथा नियमों में जरूरी बदलाव किये गये। नये निर्णयानुसार इसके लिए विभागीय परीक्षा के बजाय वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की प्रकि्रया प्रारम्भ की गयी। नर्इ व्यवस्था से लगभग 2 हजार उपनिरीक्षकों को निरीक्षक के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयीं। इसकी विशेषता रही कि सारा कार्य पूर्ण पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ तथा बड़े पैमाने पर हुर्इ यह पदोन्नतियां बिना किसी शिकवे-शिकायत के सम्पन्न हुर्इ। इससे जहा एक ओर पुलिस कर्मियों में नयी आशा का संचार हुआ है, वहीं दूसरी ओर एक भी प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नही हुआ।
•    इसके अलावा 3171 मुख्य आरक्षियों का उपनिरीक्षक के पद पर चयन कर उन्हें उपनिरीक्षक का प्रशिक्षण देकर जनपदों में नियुक्त किया गया है। 380 मृतक आश्रितो को उपनिरीक्षक के पद पर, 368 मृतक अश्रितों को आरक्षी के पद पर व 204 मृतक आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी के पद पर सेवायोजन प्रदान किया गया। 17 आरक्षी, 02 मुख्य आरक्षी तथा 08 उपनिरीक्षकों को आउट आफ टर्न प्रोन्नति प्रदान की गयी। गणतंत्र दिवसस्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 200 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह तथा 50 को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किये गये।
•    पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक के पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की प्रकि्रया हेतु शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए पूर्व में निर्धारित दौड़ की दूरी में परिवर्तन कर उसे और अधिक व्यवहारिक बनाया गया है।
•    छात्राओं, कामकाजी लड़कियों और महिलाओं को आये दिन आने वाले अश्लील एसएमएस, एमएमएस और फेक काल्स से हो रहे एक नये तरह से मानसिक उत्पीड़न से राहत दिलाने हेतु प्रदेश में पहली बार ”वूमेन पावर लाइन 1090 की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। इसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित महिला पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसके पंचतत्व विशेष रुप से उल्लेखनीय है जिसके तहत शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जायेगी, महिला को किसी थाने अथवा पुलिस स्टेशन पर नही बुलाया जायेगा, शिकायत महिला पुलिस अधिकारी द्वारा सुनी जायेगी, महिला की समस्या के समाधान पावर लाइन सम्पर्क में रहेगी तथा एक राज्य एक नम्बर। इसमें महिला द्वारा ही शिकायत की जायेगी, जिसे महिला पुलिसकर्मी द्वारा अटेण्ड किया जायेगा। पावर लाइन की पुलिसकर्मी स्वयं अपने स्तर से शिकायत करने वाली महिला या उसके परिवार के संतुष्ट होने तक उसके सम्पर्क में रहेगी।
•    वीमेन पावर लाइन 1090 सेवा में 1 जनवरी से 15 दिसम्बर 2013 तक की अवधि में तक 1 लाख, 35 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुर्इ, जिनमें से 1 लाख 25 हजार से अधिक शिकायतों का पूर्णतया: निस्तारण किया जा चुका है। विभिन्न जनपदों में पावर लाइन के माध्यम से कुल 239 अभियोग पंजीकृत किये गये।
•    महिलाओं के विरूद्ध घटित हिंसा की घटनाओं रोकथाम के परिप्रेक्ष्य में दण्ड विधि (संषोधन) अधिनियम-2013 विषेष रूप से लागू किया गया है। प्रत्येक पुलिस थाने में एक महिला पुलिस अधिकारीपुलिस कर्मी यथासंभव हमेशा उपलब्ध रहेगी। महिला पुलिस कर्मी की जिम्मेदारी होगी कि वह पीडि़त महिला व उसके परिवार को सान्त्वना व ढ़ांढ़स देकर आश्वस्त करें। महिला सम्बन्धी अपराधों में न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके अपराधियों को दणिडत कराने के निर्देश दिये गये है।
•    प्रदेश के सभी जनपदों में क्राइम ब्रान्च का गठन किया गया है, क्योंकि जिलो मे ऐसी टीम की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जो फील्ड में खतरनाक आपरेशन्स को अंजाम देने में सक्षम हो और विकट परिसिथतियों में अपराधियों का मुकाबला विशेषज्ञतापूर्ण तरीके से कर सके। इन्ही आवश्यकताओं को दृषिटगत रखते हुए प्रत्येक जनपद में क्राइम ब्रान्च के अन्तर्गत स्वाट टीम गठित किये जाने के निर्देश दिये गये। यह टीम अपहृतों की मुकित, सकि्रय शूटरों को निषिक्रय करने दुर्दान्त अपराधियों को पकड़ने, आतंकवादी घटनाओं से निपटने आदि कार्यो को अंजाम देगी।
•    क्राइम एण्ड कि्रमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सी.सी.टी.एन.एस.) योजना के तहत प्रदेश के सभी थानों, पुलिस कन्ट्रोल रुम तथा पुलिस अधिकारियों के विभिन्न कार्यालय यथा क्षेत्राधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, परिक्षेत्रीय कार्यालय, डीजीपी कार्यालय आदि से नेटवर्किंग के माध्यम से आपस में जोड़ने की योजना है। इसके अन्तर्गत विभिन्न विवेचना इकार्इयों यथा सीबीसीआर्इडी, र्इओडब्ल्यू को भी कम्प्यूराइज्ड कर नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ा जायेगा। इस सम्पूर्ण प्रकि्रया के पूर्ण होने पर डाटा संकलन, विश्लेषण एवं डाटा ट्रांसफर व विभिन्न डाटा आदान-प्रदान कर सूचनायें भेजने में सुगमता होगी।
•    इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों को 4 चरणों में पूर्ण करने की योजना बनायी गयी है। प्रथम चरण में लखनऊ, मुरादाबाद व गाजीपुर को पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में रखा गया है।
•    प्रदेश के बड़े-बडे महानगरों में प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन हेतु सीसीटीवी लगाये जाने की योजना है। पायलट पे्राजेक्ट के तहत प्रथम चरण में लखनऊ महानगर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु शहर के चिनिहत 70 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाये जायेंगे। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में इसी प्रकार की व्यवस्था चरणबद्ध से किये जाने का लक्ष्य है ताकि यातायात व्यवस्था को और सुगम व सुदृढ़ किया जा सके।
•    प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं इन अपराधों के अनावरण हेतु प्रदेष के समस्त जनपदों में साइबर क्राइम यूनिट का गठन किया गया है। साइबर क्राइम के सम्बन्ध में 138 पुलिस उपाधीक्षकों, निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों को तथा 136 आरक्षियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 75 निरीक्षकोंउपनिरीक्षकों का रिफ्रेसर कोर्स भी कराया गया है।
•    आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जनपद लखनऊ में स्थापित डीएनए लैब का उच्चीकरण किया गया। परीक्षण में गुणवत्ता लाने के लिए वाहय विशेषज्ञों द्वारा जनपद के कर्मियों को प्रशिक्षित एवं जागरुक किया गया है।
•    राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरों, लखनऊ द्वारा वर्ष 2012 से ßक्राइम इन यू0पी0ß का डाटा पुलिस की वेबसाइट पर आन लाइन कर दिया गया है।
•    उत्तर प्रदेष पुलिस की नवीन वेबसाइट ीजजचरूध्ध्नचचवसपबमण्हवअण्पद लांच की गर्इ है, जिससे पुलिस एवं जनता को सूचना आदान प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
•    उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा में उत्तर प्रदेश के लापता व्यकितयों के सम्बन्ध में सूचना संकलित करने एवं आवश्यक सहायता कार्य में राज्य स्तर पर समन्वय गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।
•    जनपदीय पुलिस द्वारा की जा रही विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार हेतु समस्त जोनल महानिरीक्षक व परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक को विवेचना की गुणवत्ता सुनिशिचत करने के लिए अभियोजन विभाग से विधिक अभिमत प्राप्त करने के निर्देश दिये गये है। पुलिस महानिरीक्षक, (जोन) के लिए अपर निदेशक अभियोजन, पुलिस उपमहानिरीक्षक, (परिक्षेत्र) के लिए संयुक्त निदेशक अभियोजन एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकपुलिस अधीक्षक के लिए ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारियों की विधिक सलाहकार के रूप में तैनाती का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा जिलों में मा0 न्यायालयोंराजस्व न्यायालयों में अभियोजन कार्य भी सम्पादित किया जायेगा।
•    अपराधियों को सजा दिलानें के कार्य में तेजी लाये जाने हेतु अभियोजन विभाग द्वारा चिनिहत मुकदमों की पैरवी में तेजी लायी गयी है। इस कड़ी में 24 जिलों की मानीटरिंग दिन-प्रतिदिन निदेशालय के अभियोजन संवर्ग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है तथा 49 जिलों की मानीटरिंग वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से परिक्षेत्रीय अपर निदेशक अभियोजन द्वारा साप्ताहिक रुप से की जा रही है। साथ ही साथ अभियोजन निदेशालय द्वारा सभी 71 जिलों की मानीटरिंग माह के प्रथम मंगलवार को की जा रही है।
•    इस प्रकार प्रदेश के सभी जनपदों के चिनिहत 12,226 अभियुक्तों के 14,757 मुकदमों की मानीटरिंग की जा रही है। निस्तारित 3518 अभियोगों में 2823 में प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप अपराधियों को सजा हुर्इ है।
•    शासन द्वारा पुलिस बल के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को मिलने वाले वर्दी अनुरक्षण (धुलार्इ) भत्ते को 12 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 125 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
•    पुलिस व पीएसी के जिन कर्मियों को न तो सरकारी आवास मिला है और न ही सरकारी आवासीय सुविधा मिली है तथा उनके परिवार के सदस्य उसी शहर में किराये के मकान में रह रहे है, ऐसे कर्मियों को फैमिली एकोमोडेशन एलाउंस दिये जाने के निर्देश दिये गये है।
•    पुलिस कर्मियों की समस्याओं के निराकरण एवं कल्याणकारी दिशा में ठोस प्रयास किये गये हैं। अनुग्रह राशिपुलिस कल्याण निधिसुख सुविधा निधि आदि में 17 करोड़ 22 लाख 77 हजार रूपये से अधिक धनराशि व्यय की गयी हैं।
•    प्रान्तीय पुलिस सेवा के 09 अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में, 72 अपर पुलिस अधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक के उच्च वेतनमानों मे, 91 पुलिस उपाधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक पद पर, 82 पुलिस उपाधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठ वेतनमान में तथा 73 निरीक्षकों को पुलिस उपाधीक्षक पर प्रोन्नति प्रदान की गयी है।
•    उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली में संशोधन कर निर्णय लिया गया है कि मुख्य आरक्षी के शत-प्रतिशत पदों पर पात्र आरक्षियों में अनुपयुक्तों को अस्वीकार करते हुए ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति से भरा जायेगा। इसके अलावा ऐसे आरक्षी, जो आउट आफ टर्न प्रोन्नति पाकर मुख्य आरक्षी ना0पु0 नि:संवर्गीय पदों पर कार्यरत हैं, को भी मौलिक पद की ज्येष्ठता के अनुसार मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति प्राप्त होगी।
•    प्रदेश पुलिस बल में कार्यरत 996 ए0एस0आर्इ0 (एम) कार्मिकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए कान्स0 (एम) के पद धारण की अवधि से नियमित मानते हुये ए0सी0पी0 का लाभ दिये जाने का निर्णय मृतक आश्रित नियमावली के प्रदत्त प्राविधानों के अन्तर्गत लिया गया है। मृतक आश्रित के रूप में समायोजित कान्स0 (एम) सम्प्रति नवीन पदनाम ए0एस0आर्इ0 (एम) को उनकी नियुकित की तिथि से उनकी सेवा आंगणित करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार विगत लगभग 20 वर्ष से चल रही विसंगति को समाप्त कर दिया गया है।
•    मुजफ्फरनगर जिले में 27 अगस्त को घटित घटना के बाद 7 सितम्बर को अचानक भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार द्वारा तत्परता से प्रयास किये गये। मुजफ्फरनगर के 3 थाना क्षेत्रों में कफ्यर्ू लगाया गया तथा शासन द्वारा तत्काल सेना की सहायता ली गयी और भारी संख्या में केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती कर अगले दिन 8 सितम्बर तक सिथति पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया।
•    मुजफ्फरनगर एवं उसके आस-पास के जनपदों में हुर्इ इस घटना से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में राज्य सरकार ने गम्भीरता से कार्य किया। मृत व्यकितयों के परिजनों को सरकारी नौकरी के साथ अन्य प्रकार की आर्थिक मदद उपलब्ध करायी गयी। गम्भीर रुप से घायलों को राज्य सरकार द्वारा 50-50 हजार रुपये तथा साधारण रुप से घायल व्यकितयों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी। 74 घायलों को रानी लक्ष्मी बार्इ पेंशन योजना के तहत 400 प्रतिमाह की दर से पेंशन स्वीकृत की गयी। जिन व्यकितयों को चल-अचल सम्पतित का नुकसान हुआ, ऐसे 1054 व्यकितयों को 6 करोड़ 84 लाख रुपये से अधिक धनराशि शासन द्वारा दी गयी। मुजफ्फरनगर के कृषकों को टे्रक्टर ट्रालियों तथा गन्ने की फसल को हुये नुकसान के लिए 56 लाख 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी।
•    साम्प्रदायिक घटनाओं से भयाक्रांत हो अपने घरों से पलायन कर गये लगभग 51 हजार व्यकितयों को 58 राहत शिविरों के माध्यम से ठहरने, चिकित्सा, खाधय सामग्री व अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध करायी गयी। इन व्यकितयों को यथावश्यक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करायी गयी। नौ गांवों के 1534 परिवारों के 8500 से अधिक सदस्यों को अपनी इच्छा से चयनित स्थानाें पर बसने हेतु राज्य सरकार द्वारा 5-5 लाख रुपये प्रत्येक परिवार की दर से कुल 76.70 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी।
अपराध नियंत्रण के प्रयास
•    प्रदेश की आम जनता को एक सुरक्षित परिवेश प्रदान करना, सुदृढ़ साम्प्रदायिक एवं जातिगत सौहार्द्र कायम रखना, संगठित एवं पेशेवर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवार्इ सुनिशिचत किया जाना तथा अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण रखना जिससे प्रदेश में विकास का बेहतर माहौल तैयार हो, वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताए है। प्रदेश में जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने हेतु पुलिस द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहे है जिसके फलस्वरूप कानून व्यवस्था की सिथति सुदृढ़ है।
•    सरकार का प्रयास है कि गुण्डे जिले के बाहर हो तथा अपराधी जेल के भीतर। पुलिसबल का मनोबल ऊचा रखने के लिए जहा हर सम्भव प्रयास हो रहे है, वहीं जनता से बदसलूकी एवं गैर कानूनी कामों में लिप्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही भी की गयी है।
•    आलोच्य अवधि में गुण्डा अधिनियम में 16705, गैंगेस्टर अधि0 में 1920, एनएसए में 200, शस्त्र अधि0 में 20777, जुआ अधि0 में 6198, एनडीपीएस अधि0 में 5475, आबकारी अधि0 में 29939, गोबध अधि0 में 4629, आर्इटीएक्ट में 611, आब0 अधि0 में 975, पोस्को अधि0 में 1570 एवं अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत 1727447 के विरूद्ध कार्यवाही की गयी।
•    फैक्ट्री निर्मित बन्दूक 162, पिस्टल 101, रिवाल्वर 68, राइफल 79, स्टेनगनकार्बाइन 3, कारतूस 25585 एवं देशी निर्मित बन्दूक 175, पिस्टल 11386, रिवाल्वर 436, राइफल 162, स्टेनगनकार्बाइन 3, कारतूस 289, हैण्ड गि्रनेड 1, बम 589, टीएमसी 9, शस्त्र फैक्ट्री 144 बरामद करने में सफलता प्राप्त हुर्इ।
•    विगत 1 जनवरी से 15 दिसम्बर, 2013 तक की अवधि में पुलिस द्वारा की गयी उपलबिधयोें में प्रमुख हैं : 51 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 27 लाख 89 हजार रूपये से अधिक की भारतीय जाली मुद्रा की बरामदगी, मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त 276 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 11.242 किलोग्राम हेरोइन, 277.3 किलोग्राम चरस, 6.675 किलोग्राम अफीम, 8619 किलोग्राम डोडा पोस्ता, 4974.66 किलोग्राम गांजा, 4.58 किलोग्राम स्मैक, 15.5 किलोग्राम नशीला पाउडर, 01 किलोग्राम कोकीन की बरामदगी।
•    पुलिस द्वारा चोरीलूट के 1496 दो पहिया एवं 298 चार पहिया वाहनों को बरामद कर कुल 913 अभियुक्तों को गिरफतार किया गया। 37 मूर्ति चोरों को गिरफ्तार कर 34 अष्टधातु एवं अन्य धातुओं की मूर्तियां बरामद की गयी। पुलिस द्वारा 153 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर 63 अपहृतों को बरामदमुक्त कराने में सफलता प्राप्त की गयी है।
•    प्रदेश पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ की गयी कार्यवाही में 10 हजार रुपये या उससे ऊपर के तीन अपराधी मारे गये जिनमें 50 हजार का पुरस्कार घोषित अपराधी शेर बहादुर उर्फ शेरू उर्फ सत्यम सिंह शामिल है।
•    पुलिस द्वारा 10 हजार रुपये से ऊपर के र्इनामी कुल 151 अपराधी गिरफ्तार किये गये है। इनमें एक लाख रूपये के 3, पचास हजार रूपये के 13, पच्चीस हजार रूपये का 1, बीस हजार रूपये के 2, बारह हजार रूपये के 65, दस हजार रूपये के 27 शामिल हैं।
•    गिरफ्तारी अपराधियों में प्रमुख नाम हैं : एक लाख रूपये का इनामी अपराधी प्रदुम्न शर्मा उर्फ मन्टू शर्मा, विनोद बावला एवं कपिल कटारिया उर्फ सोनू तथा 50 हजार रुपये के पुरस्कार घोषित अपराधी करन उर्फ कुन्नू उर्फ अशोक बहेलिया, जस्सो उर्फ दसरथ, योगेश भदौड़ा, भोलू उर्फ अरविन्द, विजय उर्फ अजय, सन्दीप उर्फ भरतू, दशरथ यादव, समर बहादुर उर्फ अमर बहादुर उर्फ चचुवा, विपुल सिंह उर्फ बृजेश सिंह, सादाब, अमरजीत यादव, योगेश सागवान उर्फ सीटू एवं विपिन दीक्षित उर्फ अजय हक्कल प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षा में मूल्यों के बदलते प्रतिमान अर्थात आदर्श शिक्षा।

Posted on 26 October 2013 by admin

शिक्षा की उपयोगिता-उत्तर वैदिक काल में शिक्षा में मूल्यों के बदलते प्रतिमान अर्थात आदर्श शिक्षा।
1.    वैदिक काल में शिक्षा नाम का वेदांक प्रचलित था। ऋषियों ने शिक्षा के नाम वेदांक
शिक्ष बताया गुरूकुल  में छात्रों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी जाती थी छात्रों को गुरू पूरी तरीके से सक्षम बनाते थे।
2.    आज के शिक्षा प्रणाली में नर्इ तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। परन्तु घ्यान देने योग बात है कि छात्रों को मूल्य आधारित अर्थात सदसंस्कारयुक्त शिक्षा दिया जाना चाहिए। छात्र गुरू के अच्छे आचरण द्वारा शिक्षा ग्रहण करते है तथा शिक्षक के प्रति उसे सम्मान का भाव पैदा होता है। अपने समाज में गुरू का स्थान र्इश्वर से भी बड़ा माना गया है। गुरू का आचरण भी अच्छा होना चाहिए गुरू समाज का दर्पण होता है।
गुरू का देश के विकास में अहम योगदान है। गुरू अच्छे शिष्य का निर्माण करें तो देश के विकास में अहम योगदान होता है।
3.    आज लोगों का झुकाव अंग्रेजी विषय के प्रति बढ़ रहा है। किसी भी विषय की शिक्षा खराब नही होती हमें अपने शिक्षा रूपी ज्ञान के अच्छे कार्यो, सदसंस्कार पूर्वक उपयोग करना चाहिए जिससें हमारे समाज में मूल्यआधारित अर्थात अच्छी शिक्षा प्रणाली विकसित हों किसी भी देश के विकास में शिक्षा का बहुत ही योगदान है। चाहे विज्ञान एवं टेक्नोलाजी ही क्यों न हो विज्ञान टेक्नोलाजी द्वारा देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए मिसाइलें तथा प्रक्षेपास्त्र का निर्माण कर उसे मजबूत किया जाता है। वही जिसके संस्कार अच्छे नही है वो इसे देश में आतंक फैलाने के लिए बम बनाकर समाज में दहशत फैलाते हैं। अर्थात हम सभी का ये परम कर्तव्य है कि अपने देश व समाज में बच्चों को एक मूल्यआधारित शिक्षा सिखाया जाय ताकि वो देश के विकास व निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
4.    समाज में केवल सरकार के द्वारा ही साक्षरता बढाने में निर्भर नही रह सकते हैं हम अगर ठान लें कि हम भी साक्षरता बढाने में अपना योगदान दे समाजसेवी संस्था भी इस दिशा में लगी हुर्इ है, जिसमें विधा भारती का इसमें अहम योगदान है। विधा भारती बिना किसी सरकारी अनुदान के अपने विधालयों सरस्वती शिशु मनिदर के माध्यम से देश के सभी भागों में सदसंस्कारयुक्त तथा मूल्यआधारित शिक्षा देने में अहम योगदान दे रही है। देश के सभी नागरिको का कर्तव्य है कि देश के विकास में अहम
योगदान दे जो कि शिक्षा के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के जन्मदिवस पर प्रेस क्लब के सभागार में

Posted on 21 October 2013 by admin

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के जन्मदिवस पर प्रेस क्लब के सभागार में नादति मंथन व्याख्यानमाला ‘मीडिया में भाषागत चुनौतियां’ पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के आयोजक एन.डी.टी फाउण्डेशन (ट्र0) के बैनरतले कार्यक्रम की अध्यक्षता पं.राम नरेश त्रिपाठी ने एवं संचालन संतोष कुमार जैन ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश गिरधर मालवीय ने अन्य विशिष्ट वक्ताओं कन्दर्प नारायण मिश्र, प्रो.मुश्ताक काजमी, रमा शंकर श्रीवास्तव, नंदल हितैषी, रतन दीक्षित, राम नरेश पिण्डीवासा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर संतोष जैन ने वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि 50 वर्ष तक शासन करने के बाद आज भी देश में भ्रष्टाचार, मंहगार्इ, घोटाला आदि व्याप्त है। इसी प्रकार न्यायपालिका पर भी उन्होने प्रहार करते हुए कहा कि जब अयोग्य व्यकित संसद में बैठकर कानून बनाये तो निशिचत ही सारी व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न होगी।
वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु उपाध्याय ने कहा कि अंग्रेजी की महत्ता इतनी बढ़ गयी है कि हिन्दी का असितत्व ही समाप्त होता जा रहा है और दो समाचार पत्रों का नाम लेते हुए कहा कि इसने मीडिया में भाषा की गरिमा घटायी है। वरिष्ठ पत्रकार रमा शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया में हिन्दी भाषा कंगाल नहीं है, वह 43 भाषाओं से मिलकर बनी है। फिर भी हम अंग्रेजी को लेकर चलना चाहते हैं। कर्इ साहित्यकार व लेखक हो गये परन्तु व्याकरण में कमियों पर ध्यान नहीं देते। आज हिन्दी की जो दुर्दशा हो रही है वह सोचनीय है। नंदल हितैषी ने कहा कि आजादी के समय की पत्रकारिता अलग थी। पहले पत्रकार स्वत: लिखता था और वही प्रूफ रीडर भी था और अखबार भी वही बांटता था। लेकिन आज की पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है। उन्होने कहा कि भाषा में चुनौतियां बहुत है, बहुत नुक्ताचीनी करने पर भाषा मरती है जैसे फारसी व संस्कृत। उन्होने कहा कि किसी पर नुक्ताचीनी करना ठीक नहीं है। मीडिया में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं।
इस अवसर पर इलेक्ट्रानिक चैनल के वीरेन्द्र पाठक ने कहा कि मीडिया में यह गोष्ठी जिनके लिए बहुत उपयोगी था वही आज बहुत कम दिखायी दे रहे हैं। कहा कि नयी मीडिया जिसे सरकार ने भी स्वीकार किया है वही इसके जिम्मेदार हैं। जो 80-90 के दशक से कार्य कर रहा है वह भाषा को नहीं तोड़ रहा है, नयी मीडिया के आने से ही भाषाओं में काफी गिरावट आर्इ है। कहा कि पहले जो पत्रकार गलत भाषा का प्रयोग करता था उसे तत्काल बाहर निकाल दिया जाता था लेकिन आज ऐसा नहीं है। जिसके कारण स्थानीय बोली व भाषा पर संकट गहराता जा रहा है।
अन्त में मुख्य अतिथि ने सभी वक्ताओं के विचारों पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि वक्ताओं ने जो तथ्य रखे हैं वह विचारणीय है और हम सबको उस पर अमल करना होगा। अंत में कहा कि यह सब हमें संस्कारों से मिलता है जो परिवार, शिक्षालय आदि से प्राप्त होता है। कार्यक्रम के दौरान रमा शंकर श्रीवास्तव, नंदल हितैषी, वीरेन्द्र पाठक, सुधीर अगिनहोत्री, प्रो.मुश्ताक काजमी, कन्दर्प नारायण मिश्र, अजामिल व्यास आदि को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया। इस दौरान यूनिवर्सिटी स्टूडेन्ट के सम्पादक प्रभाकर भटट, डा. भगवान प्रसाद उपाध्याय, न्याय का प्रहरी के संपादक हरिश्चन्द्र पटेल, अमरजीत सिंह सहित कर्इ पत्रकार व छायाकार उपसिथत रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मीरा स्मृति सम्मान समारोह आठ को

Posted on 06 September 2013 by admin

साहित्य भण्डार एवं मीरा फाउण्डेशन इलाहाबाद द्वारा मीरा स्मृति सम्मान समारोह 8 सितम्बर को कला संगम उत्तरमध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित किया गया है जिसमें मीरा स्मृति व्याख्यान माला के अंतर्गत ‘हिन्दी कहानी में मध्य वर्ग’ विषय पर श्री रविन्द्र कालिया की अध्यक्षता में व्याख्यान होगा जिसमें मुख्य अतिथि प्रो0 काशीनाथ सिंह होंगे।

आयोजन समिति के विशिष्ट सहयोगी नंदल हितैषी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि व्याख्यान माला में वक्ता के रूप में सुश्री नासिरा शर्मा नई दिल्ली, डा0 रमाकांत श्रीवास्तव भोपाल, एवं डा0 दामोदर दत्त दीक्षित लखनउ उपस्थित रहेंगे। जिसका विषय प्रवर्तन डा0 आशीष प्रवर्तन द्वारा किया जायेगा। व्याख्यान माला का संचालन प्रो0 दिनेश कुशवाह करेंगे और संयोजन डा0 विजय अग्रवाल का होगा। व्याख्यान माला के पश्चात इस आयोजन में 5 लब्ध प्रतिष्ठि मनीषियों को सम्मानित किया जायेगा जिसमें प्रो. काशीनाथ सिंह वाराणसी, पद्यमश्री शम्सुर्रहमान फारूकी, इलाहाबाद, प्रो. राजेन्द्र कुमार इलाहाबाद, प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी ‘सनातन’ वाराणसी एवं प्रो. वी. विजयालक्ष्मी, पाण्डिचेरी हैं।

सम्मान समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री अशोक बाजपेयी करेंगे। इस अवसर पर नंदल हितैषी के ग्रंथ यंत्रवत सहित अपनी शताब्दी के नाम प्रो. दूधनाथ सिंह, आलोचना के आयाम- धनंजय वर्मा, ऋण गुणा ऋण तथा अन्य कहानियां-प्रो. राजेन्द्र कुमार, मंटो के खत-लिप्यंतरण-डा0 शहनवाज आलम, केदारनाथ अग्रवाल-गद्य की पगडंडिया, संपादक-प्रो संतोष भदौरिया, योग और अध्यात्म-सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय, कवि मित्रों से दूर-संपादन-अशोक त्रिपाठी, अजय तिवारी, तथा अनोखी आधुनिक कहानियां-दामोदर दत्त दीक्षित का लोकार्पण होगा। मीरा स्मृति सम्मान समारोह की स्थापना 2008 में हुई थी। तब से अब तक प्रतिवर्ष यह सम्मान देश के शीर्ष साहित्यकारों को दिया जाता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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पत्रकार महासंघ का सदस्यता अभियान 16 सितम्बर से

Posted on 06 September 2013 by admin

भारतीय राष्ट्र्रीय पत्रकार महासंघ का नये सत्र के लिए सदस्यता अभियान आगामी 16 सितम्बर से शुरू किया जा रहा है जिसमें प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर उस जिले की सदस्यता ली जायेगी।

महासंघ के राष्ट्र्रीय महासचिव श्याम सुंदर सिंह पटेल ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक जनपद के जिला मुख्यालय पर सदस्यता अभियान पूरे एक माह तक चलाया जायेगा और जिले के मुख्यालय सहित सभी तहसीलों के पत्रकारों को महासंघ से जोड़ा जायेगा। इलाहाबाद में 16 सितम्बर से सिविल लाइन्स स्थित कार्यालय में सदस्यता फार्म भराये जायेंगे। इस एक माह के भीतर जो भी सदस्य बनेंगे उन्हें ही वर्ष 2014 की कार्यकारिणी में शामिल किया जायेगा।सदस्यता के नवीनीकरण के लिए और नये सदस्यों की सम्बद्धता के लिए प्रत्येक तहसीलों में पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। श्री पटेल ने बताया कि 16 अक्टूबर के पश्चात जिला इकाईयों का पुर्नगठन किया जायेगा। जो 31 अक्टूबर तक चलेगा।एक नवम्बर से 15 नवम्बर के बीच सभी प्रदेश इकाईयों का पुर्नगठन कर लिया जायेगा और 16 नवम्बर से 30 नवम्बर के बीच राष्ट्र्रीय कार्यसमिति में भी आवश्यक संशोधन करके कार्यकारिणी घोषित कर दी जायेगी।सभी नवगठित इकाईयों का कार्यकाल दिसंबर 14 तक के लिए वैध होगा। सभ्ीा इकाईयों को जनवरी 14 तक अपना शपथ ग्रहण समारोह करा लेना अनिवार्य होगा।राष्ट्र्रीय कार्यकारिणी सहित उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह 17-18 जनवरी 2014 को ओबरा सोनभद्र में आयोजित होने वाले राष्ट्र्रीय सम्मेलन में कराया जायेगा।श्री पटेल ने बताया कि इलाहाबाद के लिए मण्डल अध्यक्ष राम खेलावन पटेल एवं जिलाध्यक्ष सुभाष चन्द्र मिश्र सदस्यता प्रभारी बनाये गये हैं।

-डा0 भगवान प्रसाद उपाध्याय  9455324157

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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न तो डंडे रंगें गये न चने भिगोये गये ………फिर भी गुडि़या मना ली गयी

Posted on 13 August 2013 by admin

न तो डंडे रंगें गये न चने भिगोये गये
………फिर भी गुडि़या मना ली गयी

न तो डंडे रंगें गये न चने भिगोये गये न अखाड़े खोदे गये न तो दांव लगाये फिर भी गुडि़या मना ली गयी। बेचारी गुडि़या का श्रृंगार ही नहीं हुआ तो वह पिटती कहां से। चने और उड़द की दाल बाजार से आयी नहीं तो वह पिसती कहां से। गुलगुले और ठोकसा भी कड़ाही में नाचने को तरस गये। बेचारे नाग देवता को गाय का दूध ही कहां से मिले जब घर के दरवाजे से नाॅंद व खूंटे ही गायब हैं? गाय के गोबर से घरों की लिपाई अब किस्से कहानी में ही होगी।
‘गुडि़या’ अर्थात नाग पंचमी भारतीय संस्कृति के संवाहक पर्वों की श्रंखला का प्रथम सोपान है।
जिस दिन आये नाग
उस दिन गायें फाग
यानी नाग से फाग तक की अटूट श्रृंखला में पर्व हमारे संस्कारों को सहेजनें का काम करते थे। अब धीरे-धीरे सभी तीज त्योहार केवल रस्म अदायगी भर रह गये हैं। नाग पंचम के दिन सुबह से गुडि़यों का श्रृंगार शुरू हो जाता। बच्चे अपने डंडे रंगने में व्यस्त रहते। बड़े लोग अखाड़े खोदने व कबड्डी के पाले बनाने में लग जाते और बूढ़े दांव की बारीकी बताते। यह सब घर के आंगन के बाहर की बात थी। भीतर मातायें कोने-कोने की सफाई व दरवाजे को गोबर से लिपाई करने के बाद प्रत्येक कमरों में गाय का दूध छिड़कती।कटोरी भर कर दूध और चावल नाबदान के पास रखा जाता था। मान्यता है कि नाग देव प्रत्येक घरों में नाबदान के रास्ते आंगन तक आकर दूध पीते हैं। चने की दाल व उड़द की दाल पीसने के लिए अलग सिल बट्टे धाये जाते थे। घरों से पकवान बनने की भीनी सुगन्ध से पूरा वातावरण भर जाता था। खीर, पूड़ी, कचैड़ी, बरा, कढ़ी, चावल, गुलगुला, ठोकवा, दालपूरी, सब्जी तैयार होते-होते दोपहर हो जाती। इस बीच लड़कियों का झुण्ड तालाबों की ओर गीत गाती हुई अपनी-अपनी गुडि़यों की विदाई के लिए चल पड़ती तो पीछे-पीछे बच्चों का झुण्ड भी रंग बिरंगे डंडे लहराता अपनी ‘वीरता’ को आतुर होकर चलता। गुडि़या तालाब के किनारे दोनों पक्ष एकत्र हो जाते तब गुडि़यों की विदाई हेाती। उन्हें तालाब में प्रवाहित किया जाता और बच्चे डंडे लेकर तालाब में कूद पड़ते। गुडि़यों की निर्ममता से पिटाई ‘विदाई’ होती। बाहर निकलकर बहनों के हाथ से चने का प्रसाद व दक्षिणा ‘दो आने/चार आने’ लेकर डंडोुं को भी तालाब में फेंककर चले आते फिर वे अखाड़ों व खेल के मैदान में देर तक बने रहते। घर में बने विविध व्यंजन बूढ़ों की प्रतीक्षा करते।शाम ढलने से पूर्व ही दरवाजे पर लगी नीम की डालें इठलाने लगती। उन पर झूले पड़ जाते और कजरी गीतों की धुन से गांव की गलियां, झंकृत हो उठती। इस बीच नाई, धोबी, लुहार, कुम्हार, धरिकार व हलवाहों का परिवार अपने-अपने किसान के घर बायन के लिए जाता उनकी खूब आवाभगत होती और घर में बने सभ्ीा व्यंजन उन्हें सम्मान पूर्वक परोसे जाते। सामाजिक समरसता व परस्पर भाई चारे की यह संास्कृतिक विरासत अब लुप्त हो गयी है। घरों के सामने से नीम क्या गायब हो गई अन्य पेड़ों की डालें भी झूले के लिए तरस रही हैं।‘बायन’ की प्रथा खत्म हो गयी। अखाड़ों से दांव गांव से बाहर हो गये। सावनी गीतों की धुन में घुन लग गया। माताओं बहनों को अब केवल टी.वी. पर ही सुनकर संतोष कर लेना पड़ता है। ग्रामीण खेलों की शुरूआत भी नागपंचमी से ही होती थी जो अब बीते दिनों की बात हो गयी है। जितने अधिक ‘राजनैतिक दल’ बनते जा रहे हैं ‘गांव’ उतने ही भागों में बंटता जा रहा है। गांव से ‘पायलागी’ और ‘जैरमी’ पूरी तरह गायब हो गयी है। अब हमने विकास जरूर कर लिया है किन्तु मानवीय मूल्यों और रिश्तों की विरासत खो चुके हैं।
अल्हैत और लठैत गांव से गुम हो गये। अब गांवों में आल्हा की धुन कहीं सुनने को नहीं मिलती। आल्हा-उदल की कथा वीरता की पर्याय मानी जाती है जिसे सुनने के लिए अब केवल कैसेटों का सहारा लिया जाता है। तीन-चार दशक पूर्व तक आल्हा की पुस्तकें गांव के मेलों में भ्ीा बिकती थी। अब न केवल आल्हा गीत बल्कि अनेक लोक गीतों की परम्परा भी लुप्त होती जारही है। लोकगीतों के लेखकों व गायकों का बहुत सम्मान था किन्तु अब ऐसा नहीं है।
-डा0 भगवान प्रसाद उपाध्याय
9455324157

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पत्रकार महासंघ का 14वां स्थापना दिवस सम्पन्न

Posted on 17 July 2013 by admin

इलाहाबाद । आज के परिवेश में पत्रकारों को बहुत तनाव, दबाव व असुरक्षा के बीच कार्य करना पत्रडता है। इसलिए मैं राष्ट्रीय मिशन ‘खुशहाली‘ आप सबके लिए लाया हूं। शासन-प्रशासन व प्रेस मालिकान को ी उनके इस कठिन कार्य के लिए उचित मानदेय, सुविधा, सुरक्षा, संरक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान दे तो पत्रकारिता और मजबूत होगी। उक्त बातें ारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के 14वें स्थापना दिवस पर ‘‘पत्रकारिता एवं साहित्य का अन्तर्सम्बंध‘‘ विषयक पर मुख्य अतिथि बीएचयू वाराणसी के प्रख्यात मनोचिकित्सक डा. संजय गुप्ता ने कही।  इस अवसर पर ‘साहित्यांजलि प्रा‘ का लोकार्पण और नवगठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुारम् मुख्य अतिथि डा. संजय गुप्ता व अध्यक्षता कर रहे पूर्व महापौर चैधरी जितेन्द्र नाथ सिंह तथा महासंघ के संरक्षक रमा कान्त त्रिपाठी ने मां सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम के दौरान पहुंचे शिक्षक विधायक सुरेश चन्द्र त्रिपाठी ने ी पत्रकारों का आार व अिनन्दन करते हुए कहा कि ज्यादातर पत्रकार शिक्षक वर्ग से आते हैं, इसलिए शिक्षा, साहित्य समाचार, पत्रकारिता सब एक-दूसरे के सहयोगी हैं।
चैधरी जितेन्द्र नाथ सिंह ने सी का धन्यवाद व आार प्रकट करते हुए कहा कि आज मुझे बहुत कुछ जानने व सीखने को मिला है। कहा कि यदि मीडिया न हो तो समाज में जनहित के कोई कार्य न हों। पत्रकारों को हर प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। सहज सŸााा के सम्पादक मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता व साहित्य एक-दूसरे से ही संबंधित हैं, लेकिन वर्तमान की पत्रकारिता साहित्य से आंखे तरेर रही हैं, जिसका मुख्य कारण इलेक्ट्रानिक मीडिया माना जा रहा है। इस दौरान ारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. गवान प्रसाद उपाध्याय ने मृत्योपरान्त देहदान करने का निर्णय लेते हुए कहा कि हमारे शरीर के अंग केवल पत्रकारों के ही काम आयें अन्य किसी को नहीं।
कार्यक्रम के अन्त में नवगठित कार्यकारिणी सदस्यों को मुनेश्वर मिश्र ने सबको शपथ दिलायी और कहा कि मुझे बत्रडी खुशी होती है जब किसी अन्य प्रान्त में महासंघ का विस्तार होता है। कार्यक्रम का संचालन श्याम सुन्दर सिंह पटेल ने किया। इस दौरान रमा कान्त मिश्रा, विजय विद्रोही, अवधेश अग्निहोत्री, विद्या कान्त मिश्र, राम खेलवान पटेल, शिवा कान्त कुशवाहा, अरूण कुमार सोनकर, सतीश कुमार आर्या, श्याम लाल बेगाना, श्रीधर द्विवेदी, सुाष चन्द्र मिश्रा, विजय चितौरी सहित शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों के साथ अन्य जनपदों से ी आए कई पत्रकारगण मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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