शिक्षा में मूल्यों के बदलते प्रतिमान अर्थात आदर्श शिक्षा।

Posted on 26 October 2013 by admin

शिक्षा की उपयोगिता-उत्तर वैदिक काल में शिक्षा में मूल्यों के बदलते प्रतिमान अर्थात आदर्श शिक्षा।
1.    वैदिक काल में शिक्षा नाम का वेदांक प्रचलित था। ऋषियों ने शिक्षा के नाम वेदांक
शिक्ष बताया गुरूकुल  में छात्रों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी जाती थी छात्रों को गुरू पूरी तरीके से सक्षम बनाते थे।
2.    आज के शिक्षा प्रणाली में नर्इ तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। परन्तु घ्यान देने योग बात है कि छात्रों को मूल्य आधारित अर्थात सदसंस्कारयुक्त शिक्षा दिया जाना चाहिए। छात्र गुरू के अच्छे आचरण द्वारा शिक्षा ग्रहण करते है तथा शिक्षक के प्रति उसे सम्मान का भाव पैदा होता है। अपने समाज में गुरू का स्थान र्इश्वर से भी बड़ा माना गया है। गुरू का आचरण भी अच्छा होना चाहिए गुरू समाज का दर्पण होता है।
गुरू का देश के विकास में अहम योगदान है। गुरू अच्छे शिष्य का निर्माण करें तो देश के विकास में अहम योगदान होता है।
3.    आज लोगों का झुकाव अंग्रेजी विषय के प्रति बढ़ रहा है। किसी भी विषय की शिक्षा खराब नही होती हमें अपने शिक्षा रूपी ज्ञान के अच्छे कार्यो, सदसंस्कार पूर्वक उपयोग करना चाहिए जिससें हमारे समाज में मूल्यआधारित अर्थात अच्छी शिक्षा प्रणाली विकसित हों किसी भी देश के विकास में शिक्षा का बहुत ही योगदान है। चाहे विज्ञान एवं टेक्नोलाजी ही क्यों न हो विज्ञान टेक्नोलाजी द्वारा देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए मिसाइलें तथा प्रक्षेपास्त्र का निर्माण कर उसे मजबूत किया जाता है। वही जिसके संस्कार अच्छे नही है वो इसे देश में आतंक फैलाने के लिए बम बनाकर समाज में दहशत फैलाते हैं। अर्थात हम सभी का ये परम कर्तव्य है कि अपने देश व समाज में बच्चों को एक मूल्यआधारित शिक्षा सिखाया जाय ताकि वो देश के विकास व निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
4.    समाज में केवल सरकार के द्वारा ही साक्षरता बढाने में निर्भर नही रह सकते हैं हम अगर ठान लें कि हम भी साक्षरता बढाने में अपना योगदान दे समाजसेवी संस्था भी इस दिशा में लगी हुर्इ है, जिसमें विधा भारती का इसमें अहम योगदान है। विधा भारती बिना किसी सरकारी अनुदान के अपने विधालयों सरस्वती शिशु मनिदर के माध्यम से देश के सभी भागों में सदसंस्कारयुक्त तथा मूल्यआधारित शिक्षा देने में अहम योगदान दे रही है। देश के सभी नागरिको का कर्तव्य है कि देश के विकास में अहम
योगदान दे जो कि शिक्षा के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

March 2025
M T W T F S S
« Sep    
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
-->









 Type in