Posted on 28 September 2011 by admin
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना में काम करने वाले अफसरों को श्रमिक भुगतान मेें अब जिम्मेदार समझा जाएगा। अगर नियमों के अंतर्गत भुगतान में प्रतिकर देना होगा। ऐसा आदेश ग्राम्य विकास के प्रमुख सचिव का शासन स्तर से आया है। जिसमें प्रतिकर वसूलने की कार्यक्रम अधिकारी पंचायत कर्मी से करने का स्पष्ट करने का निर्देश है। शासन से प्राप्त पत्र के बाद सीडीओें ने संबंधित अधिकारियांे को आदेश निर्गत कर दिए। पहले मजदूरों को मजदूरी के लिए ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायतों की जी हुजुरी करनी पड़ती थी। न मिलने पर आला अधिकारियों को गुहार लगानी पड़ती थी। परंतु यह शिंकजा अब शासन स्तर से कस दिया गया है जिसमें मनरेगा के अंर्तगत एक्ट 2005 की धारा (3)3 के अतंर्गत 15 दिन के अंदर हल हाल में भुगतान की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यदि भुगतान निर्धारित तिथि पर नहीं होता है। तो अधिनियम की धारा 5 (2) शेड्यूल क्लास 30 के अंतर्गत वेजेज एक्ट के तहत प्रतिकर देना होगा। जो अनिवार्य हैं जिससे राज्यसरकार को भुगतान करना होगा। इसलिए शासन ने कड़ाई से यह सुनिश्चित कर दिया है यदि तब भी स्थित ठीक नहीं बन पाई तो ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव एनएस रवि के अनुसार जिलों को पत्र भेजकर धन की वसूली खंड विकास अधिकारी कार्यक्रम अधिकारी और संबंधित पंचायत अधिकारी से वसूल की जाएगी। इस पत्र की आमद के साथ प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सीडीओ एकेे द्विवेदी ने यह आदेश सभी को उपलब्ध करवा दिया हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 07 September 2011 by admin
मनरेगा मजदूरों ने तहसील दिवस मंे की शिकायत
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा गांव-गांव में श्रमिकों को मजदूरी देकर उनको जीविकोपार्जन का एक मुहिक चलाया गया और इसको सफल बनाने एवं श्रमिकों को आसानी से पूरा रुपया दिलाने की योजना अपनाते हुए सरकार ने प्रत्येक मजदूर के शून्ये वैलेंस से बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक मंे खाते खुलवाने के प्रशासन को निर्देश दिये, परन्तु प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही व रिश्वतखोरी के चलते श्रमिक आज भी अपने खाते खुलवाने एवं रुपये लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं पर उनकी समस्या को सुनने वाला कोई भी नहीं हैं क्योंकि उधर से लेकर नीचे तक हर विभाग भ्रष्टाचार की दलदल में डूबा हुआ है।
इसी भ्रष्टता से तंग आकर पुवायां क्षेत्र के ग्राम हरना नगला के मजदूरों ने एक फरवरी 2011 को तहसील दिवस में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक ताकिया पुवायां के शाखा प्रबंधक पर मनरेगा के खाते खोलने के बदले में एक-एक हजार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगने का आरोप लगाया था। जिसको एसडीएम पुवायां ने जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया परन्तु सात माह गुजर जाने के उपरान्त भी श्रमिकों के मनरेगा खाते को खोला गया और न ही शाखा प्रबंधक के ऊपर लगाये गये आरोप पत्र की जांच कराकर कोई कार्रवाई की गयी। जबकि मनरेगा मंे सैकड़ों मजदूरों ने काम किया जिसमें पचासों मजदूरों के खाते न खुले होने के कारण वह अपनी-अपनी मजदूरी से वंचित रहकर अपने परिवारों का पालन पोषण नहंी कर पा रहे हैं। जिसका कारण है कि काम तो वह मनरेगा योजना में करते हैं और खाता न खुलने के कारण पैसा बैंक से नहीं मिलता है। आज आठ माह से यह मजदूर बैंक व ब्लाक के चक्कर काट रहे हैं। पर इनकी सुनने वाला कोई भी नहीं नजर आ रहा है। शाखा प्रबंधक पर रिश्वत का आरोप लगाने वाले राम भरोसे लाल, सत्यदेव, रमेश चन्द्र, मुनीम, अतीक खां, जितेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार आदि लोग शामिल हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 September 2011 by admin
ग्राम प्रधान तथा सेक्रेटरी के मनमाने रवैये के विरोध में रोजगार सेवकों के स्वर तेज हो गए हैं। जिलाधिकारी को दिए पत्र में मनरेगा में धांधली की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
जिला प्रभारी ललितेश शास्त्री के नेतृत्व में रोजगार सेवकों ने डीएम को पत्र देते हुए कहा कि ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी सेवकों को काम पर जाने से रोकते हैं। सम्बन्धित अभिलेख मांगने पर मानदेय तथा सेवा समाप्ति की धमकी दी जाती है। श्री शास्त्री ने कहा कि मनरेगा में हो रही धांधली के कारण ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा। उन्होंने डीएम से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले खिरनीबाग स्थित कालीबाड़ी मंदिर में हुई बैठक में रोजगार सेवकों के साथ हो रहे अन्याय पर नाराजगी जताई गई। पत्र देने वालों में राजीव कुमार, नीरज कुमार, संतोष, बागेश सिंह, धर्मपाल सिंह, भूपेंद्र मिश्र, अमित गुप्ता, मनोज वर्मा, मुन्ना लाला, सुधीर, हरिओम सहित मदनापुर, ददरौल, तिलहर, कलान के दर्जनों रोजगार सेवक मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 August 2011 by admin
शाहाबाद आंझी के ग्रामीणों द्वारा मनरेगा में फर्जी काम करवाएं जाने पर गांव मेें कोई भी विकास का काम न होने पर कलेक्ट्रेट हरदोई में पंचायत सचिव एडीओं पंचायत के खिलाफ प्रदर्शन करके ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ग्रमीणों द्वारा आरोप लगाया गया कि फर्जी कार्ड योजना बनवाकर लाखों रूपए का गोलमाल किया गया। गंाव वासी अनिल कुमार पुत्र रामदयाल ने बताया कि ग्राम प्रधान और पंचायत मित्र ने अपने परिवार के फर्जी जाॅबकार्ड बनवाकर उन पर काम दिखाकर हजारों रूपए का गवन किया गया। शिकातयी पत्र में बताया कि तालाब की मरम्मत फर्जी कार्ययोजना एक लाख पैसठ हजार रूपए का बंदरवाट हो गया। ग्रामीणों द्वारा शौचालयों के निर्माण में पांच पांच सौ रूपए लेने की बात कहीं गई। फिर भी निर्माण कार्य नहीं किया गया। प्रदर्शन में सीताराम, छेदालाल, कमलेश ंिसह, रामवती, यशोदा आदि गांव वाले मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 July 2011 by admin
भरखनी विकास खंड की कुछ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कामों के अभिलेख बोरो में बाधकर इधर उधर फंेक दिए गए है कंाग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने उन सभी बोरो को और उनमें भरे हुए सभी कागजों को मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि अब वह कतई चुप नहीं बैंठेगे। हम अपनी बात को यहा से लेकर के कांग्रेस की महापंचायत में इस मुद्दे का हम जोर शोर से उठाएंगें। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह बोरे भरखनी ब्लाॅक के ग्राम पंचायतों केे तहत कराए गए कार्यो का जिनमें मस्टररोल, एबी आदि महत्वपूर्ण दस्तावेजों को मिडिया को दिखाते हुए कहा कि यह करोडों का खेल गरीबों का हक मार कर किया गया है। जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जांच जिला प्रशासन का करवानी चाहिए। अन्यथा कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता अधिकारियों का घेराव करेगें। फिर हमकों दोष न दिया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 June 2011 by admin
मनरेगा के कार्यान्वयन में प्रशासनिक लापरवाही आखिरकार गांव के गरीबों पर भारी पड़ गई। बजट का निर्दिष्टि उपभोग नहीं हो पाने के कारण शासन ने जिले की 135 पंचायतों का बजट रोक दिया है।
वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए जिले 60.45 लाख मानव दिवस के सृजन के लिए 128.35 करोड़ का बजट मिलना है। केंद्र से पैसा मिलने के बाद शासन ने 30 जून तक के लिए पहली किस्त में 11.84 करोड़ रुपये 787 ग्राम पंचायतों के खातों में भेज दिए हैं। जबकि पिछले साल इसी योजना के तहत 135 ग्राम पंचायतों के खातों में 14.04 करोड़ रुपया बकाया होने के कारण कोई बजट नहीं दिया गया है। 31 मई तक 333167 मानव दिवस सृजित हो चुके हैं।
सीडीओ मुरली मनोहर लाल ने बताया कि मनरेगा के तहत हमें बजट की पहली किस्त मिल चुकी है। जिन ग्राम पंचायतों ने 60 प्रतिशत से कम उपभोग किया था उनके खातों में पैसा नहीं भेजा गया है। 30 जून तक शत प्रतिशत उपभोग व एमआईएस फीडिंग के बाद हमें दूसरी किस्त मिल जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 25 May 2011 by admin
विकास खंड ग्राम पंचायत काकेमऊ में मनरेगा के तहत विकास कार्यो पर हुए कार्यो पर गोलमाल प्रकरण की वजह से 25 मई से आमरण अनशन की घोशणा करने की चेतावनी देने वाले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डा. संदीप पाण्डेय ने प्रशासन के सन्मुख तीन सूत्रीय मांग पत्र रखा है। जो एडीएम को जांच रिपोर्ट सौपी गई उसमें पहली जांच जिलाधिकारी द्वारा दूसरी जांच शासन स्तर से अपर आयुक्त ग्राम विकास के स्तर से निश्चित की गई है। संदीप पाण्डेय ने कहा कि डीडीओ जनसूचना अधिकारी द्वारा पूर्व में तीन सदस्यीय अधिकारियों की कमेटी जांच रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर 6,90,400 रूपए का भुगतान मजदूरांे पर बिना बैंक के खातों द्वारा लिया गया है। जब कि मस्टररोल में 2,24,500 रूपए के संलग्नक भी लगाए गए हैं। इसी आधार पर शेष धनराशि पर 4,65,900 का प्रमाण भी दिया गया है। रविवार को आशा आश्रम मनरेगा के मजदूरों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ग्राम विकास आयुक्त के निर्देश पर जिलास्तर से आए तकनीकी सहायक महेश तिवारी धर्मेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि संपर्क मार्गो से निर्माण कार्य 12.5 प्रतिशत का टालरेंश है। जबकि ड्रेन और तालाबों को कोई टालरेंश नहीं है। पूर्व की जांच में काकेमऊ मनरेगा मंे 6 लाख रूपए से अधिक का गोलमाल मिला। जबकि 56,059 रूपए ही दिखाया गया जिससे व्यय राशि 5.1 प्रतिशत होने से गबन की श्रेणी से पृथक कर दिया गया काकेमऊ में संपर्क मार्ग पर 83,000 संपर्क मार्ग के अलावा शेष करीब 11 लाख से अधिक की धनराशि ड्रेन की खुदाई पर बताई जा रही हैं इसलिए संदीप पाण्डेय ने मनरेगा के गोलमाल को सार्वजनिक करने की मांग उठाई। तथा तीसरी मांग में काकेमऊ प्रकरण जांच गैर सरकारी सदस्यों को शामिल किया जाए।जिससे लोगों में विश्वसनीयता कायम हो। गैरसरकारी सदस्यों में हरदोई के राधेश्याम कपूर, पूर्व एसपी अवकाश प्राप्त नसीम,पूर्व आईजी एसआर दानापुरी, सर्तकता विभाग पोष्ट आफिस के देवेद्र दीक्षित तथा विद्युत विभाग के अवकाश प्राप्त इंजीनियर टीपी सिंह का नाम भी इनमें शामिल किया जाएं।इधर केंद्र सरकार से ग्राम विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिता श्रीवास्तव के पत्र पर प्रदेश की प्रमुख सचिव ग्राम विकास की तरफ से अपर आयुक्त एनके अग्निहोत्री को काकेमऊ प्रकरण की जांच सौपी गई। शासन और प्रशासन दोनों में जांच पक्षकारों अधिकारियों के बयान लेने में तेजी लाने की बात संदीप पाण्डेय ने स्वीकार की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 11 May 2011 by admin
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना में पहली बार वास्तविकता देखने हेतु तीन स्तरीय जांच की जाएगी। जिसमंे जिला स्तरीय जांच अधिकारी कोई भी नही होगा। सोशल आडिट बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी समन्वयक और नेहरू युवा केंद्र के वालियन्टरों के द्वारा भौतिक सत्यापन तीनों के सदस्य संयुक्त रूप से करेगे। इसलिए तीनों की कार्यशाला की योजना विकास भवन सभागार में रखी गई। कार्यशाला का प्रारम्भ सीडीओ चैत्रावी दीप प्रज्जवलित करके किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इसका उद्देश्य कानून और नीतियां सार्वजनिक उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है। ग्राम सभाओं में किए गए कार्यो का ब्यौरा खुली बैठकों में होगा। मनरेगा के समन्वयक आदर्श तालाब की खुदाई, नाली, खंडजा, चकरोड, पौधरोपण, साग भाजी, हैण्डपंप, बंधो की सफाई समेकित शिकायत सामग्री रजिस्टर, बैंक पास बुक सभी कुछ शोसन आडिट के तहत होगा। पहली टीम जाॅब कार्डो का विवरण कार्य की मांग व प्रक्रिया, दूसरी टीम स्तर का भ्रमण भौतिक प्रगति उपयोगिता, पेयजल, बच्चों की क्रेच व्यवस्था तथा तीसरी टीम बिंदु आदि सूचनाओं के साथ गांव में श्रमिकों के साथ साक्षात्कार, मजदूरों के भुगतान का विवरण, बैंको द्वारा भुगतान की जांच आदि सभी कार्यो का सत्यापन करेगी। डीआरडीए स्थित मनरेगा सेल में शिकायतंे दर्ज कराने के निर्देश निवारण किया जा सके। कार्यशाला में पीडी निर्वाचन, बीडीओ पीके सिंह, डीपीओ प्रकाश कुमार मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 April 2011 by admin
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 90 करोड़ से अधिक धनराशि व्यय कर जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) खुद की अपनी पीठ थपथपा रहा है। इसकी तह में जाएं तो कड़वी सच्चाई का पता चलता है। नतीजतन 33 हजार लाभार्थियों में महज 29 ऐसे सौभाग्यशाली अति गरीब हैं जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है। यह वह लाभार्थी हैं जो इंदिरा आवासों में रहते हैं।
मनरेगा योजना की सबसे बड़ी मंशा यही थी कि गांव के गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में सहयोग किया जा सके। इसके लिए श्रम शक्ति के बदले उन्हें अच्छी मजदूरी देकर शहरों की तरफ उनका पलायन रोका जाना था। योजना के तहत फैजाबाद में भी अब तक हजारों बीपीएल परिवारों को लाभांवित करने की बात कही जा रही है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। डीआरडीए द्वारा संचालित इंदिरा आवास योजना के तहत बीते तीन वर्षो में 11 हजार से अधिक बीपीएल परिवारों को आवासीय सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2010-11 में ही तीन हजार 669 बीपीएल परिवारों को इंदिरा आवास आवंटित किए गए हैं। इन हजारों परिवारों में से तीन दर्जन परिवारों को भी मनरेगा में शामिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं विभाग के पास यह सूची भी नहीं है कि इंदिरा आवास के लाभार्थियों में से कितनों को मनरेगा के तहत लाभ दिया गया? वहीं मनरेगा की वेबसाइट हकीकत से पर्दा उठाती है।
वेबसाइट में वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान उत्पन्न रोजगार की टेबल के 11वें खाने में उन परिवारों की संख्या दर्ज की गई है जो इंदिरा आवास योजना और भूमि सुधार योजना के लाभार्थी हैं और उन्हें रोजगार मुहैया कराया गया है। सूची साफ करती है कि मयाबाजार, मिल्कीपुर, पूराबाजार और रुदौली विकासखंड में एक भी इंदिरा आवास धारक को रोजगार नहीं मुहैया कराया गया। हालांकि परियोजना निदेशक अजय प्रकाश कहते हैं कि योजना के तहत काम करने के इच्छुक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में कोई कोताही नहीं बरती जाती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 06 April 2011 by admin
मनरेगा की राष्ट्रीय बेबसाइट पर 2.35लाख जाब कार्ड गुम है जबकि इसी बेबसाइट पर शत प्रतिशत जाब कार्डों पर काम देने की बात बतायी गयी है तो फिर चार लाख में से केवल 1लाख 89हजार जाब कार्ड ही क्यों दिखायी दे रहे हैं पूंछने पर जिले के अधिकारियों के पास कोई जबाव नहीं है। इस प्रकार 2लाख 35हजार की पारदर्शिता क्यों नहीं है जिसकेा लेकर चर्चा कानाफूसी हो रही है। मुख्य विकास अधिकारी चैत्रा बी कहती हैं कि जो मजदूर काम चाहता है दे दिया जाता है शेष जाब कार्ड बच जाते हैं शायद सारे कार्डों पर काम नहीं दिया जाता।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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