महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना में पहली बार वास्तविकता देखने हेतु तीन स्तरीय जांच की जाएगी। जिसमंे जिला स्तरीय जांच अधिकारी कोई भी नही होगा। सोशल आडिट बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी समन्वयक और नेहरू युवा केंद्र के वालियन्टरों के द्वारा भौतिक सत्यापन तीनों के सदस्य संयुक्त रूप से करेगे। इसलिए तीनों की कार्यशाला की योजना विकास भवन सभागार में रखी गई। कार्यशाला का प्रारम्भ सीडीओ चैत्रावी दीप प्रज्जवलित करके किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इसका उद्देश्य कानून और नीतियां सार्वजनिक उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है। ग्राम सभाओं में किए गए कार्यो का ब्यौरा खुली बैठकों में होगा। मनरेगा के समन्वयक आदर्श तालाब की खुदाई, नाली, खंडजा, चकरोड, पौधरोपण, साग भाजी, हैण्डपंप, बंधो की सफाई समेकित शिकायत सामग्री रजिस्टर, बैंक पास बुक सभी कुछ शोसन आडिट के तहत होगा। पहली टीम जाॅब कार्डो का विवरण कार्य की मांग व प्रक्रिया, दूसरी टीम स्तर का भ्रमण भौतिक प्रगति उपयोगिता, पेयजल, बच्चों की क्रेच व्यवस्था तथा तीसरी टीम बिंदु आदि सूचनाओं के साथ गांव में श्रमिकों के साथ साक्षात्कार, मजदूरों के भुगतान का विवरण, बैंको द्वारा भुगतान की जांच आदि सभी कार्यो का सत्यापन करेगी। डीआरडीए स्थित मनरेगा सेल में शिकायतंे दर्ज कराने के निर्देश निवारण किया जा सके। कार्यशाला में पीडी निर्वाचन, बीडीओ पीके सिंह, डीपीओ प्रकाश कुमार मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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