महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना में काम करने वाले अफसरों को श्रमिक भुगतान मेें अब जिम्मेदार समझा जाएगा। अगर नियमों के अंतर्गत भुगतान में प्रतिकर देना होगा। ऐसा आदेश ग्राम्य विकास के प्रमुख सचिव का शासन स्तर से आया है। जिसमें प्रतिकर वसूलने की कार्यक्रम अधिकारी पंचायत कर्मी से करने का स्पष्ट करने का निर्देश है। शासन से प्राप्त पत्र के बाद सीडीओें ने संबंधित अधिकारियांे को आदेश निर्गत कर दिए। पहले मजदूरों को मजदूरी के लिए ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायतों की जी हुजुरी करनी पड़ती थी। न मिलने पर आला अधिकारियों को गुहार लगानी पड़ती थी। परंतु यह शिंकजा अब शासन स्तर से कस दिया गया है जिसमें मनरेगा के अंर्तगत एक्ट 2005 की धारा (3)3 के अतंर्गत 15 दिन के अंदर हल हाल में भुगतान की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यदि भुगतान निर्धारित तिथि पर नहीं होता है। तो अधिनियम की धारा 5 (2) शेड्यूल क्लास 30 के अंतर्गत वेजेज एक्ट के तहत प्रतिकर देना होगा। जो अनिवार्य हैं जिससे राज्यसरकार को भुगतान करना होगा। इसलिए शासन ने कड़ाई से यह सुनिश्चित कर दिया है यदि तब भी स्थित ठीक नहीं बन पाई तो ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव एनएस रवि के अनुसार जिलों को पत्र भेजकर धन की वसूली खंड विकास अधिकारी कार्यक्रम अधिकारी और संबंधित पंचायत अधिकारी से वसूल की जाएगी। इस पत्र की आमद के साथ प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सीडीओ एकेे द्विवेदी ने यह आदेश सभी को उपलब्ध करवा दिया हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com