मनरेगा की राष्ट्रीय बेबसाइट पर 2.35लाख जाब कार्ड गुम है जबकि इसी बेबसाइट पर शत प्रतिशत जाब कार्डों पर काम देने की बात बतायी गयी है तो फिर चार लाख में से केवल 1लाख 89हजार जाब कार्ड ही क्यों दिखायी दे रहे हैं पूंछने पर जिले के अधिकारियों के पास कोई जबाव नहीं है। इस प्रकार 2लाख 35हजार की पारदर्शिता क्यों नहीं है जिसकेा लेकर चर्चा कानाफूसी हो रही है। मुख्य विकास अधिकारी चैत्रा बी कहती हैं कि जो मजदूर काम चाहता है दे दिया जाता है शेष जाब कार्ड बच जाते हैं शायद सारे कार्डों पर काम नहीं दिया जाता।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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