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हमने सपा और बसपा की सरकारे देखी है उसमें कोई भी अधिकारी रिश्वत लिए बगैर काम नही करता,

Posted on 15 September 2016 by admin

हमने सपा और बसपा की सरकारे देखी है उसमें कोई भी अधिकारी रिश्वत लिए बगैर काम नही करता, जिसमें सामान्य आदमी की कोई सुनवाई नही होती है। सपा-बसपा की सरकारो में अधिकारी सरकार के एजेंट के रूप में काम करते है, प्रदेश में विकास कार्य शून्य हो गया है। यदि हमें प्रदेश में विकास करना है और 2017 में प्रदेश में सरकार बनानी है तो सभी को एकजुटता से काम करना होगा। सभी संगठन के लोगों को बूथ के प्रत्येक घर तक जाना होगा। भाजपा कार्यकर्ताओ की पार्टी है। हम सभी को सेक्टर पर पहुँच कर सभी के दुःख सुख में साथ रहना होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उक्त बाते गाजियाबाद महानगर की जिला कार्यसमिति को सम्बोधित करते हुए कही।
श्री मौर्य ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनावो में पूर्वांचल में बसपा और सपा का खाता भी नही खुलने वाला है। बीजेपी जैसे कार्यकर्ता किसी भी पार्टी में नही है बीजेपी में परिवारवाद ना होकर सभी कार्यकर्ताओ को लेकर चला जाता। हमारी पार्टी सभी वर्गो को साथ लेकर चलती है आज केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यो की वजह से हमारा देश विश्व गुरु बनने जा रहा है।
कार्यसमिति में उपस्थित प्रमुख लोगो में क्षेत्रीय अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, महानगर अध्यक्ष अजय शर्मा, पूर्व विधायक सुनील शर्मा, अतुल गर्ग, आशा शर्मा, मास्टर अमरदत्त शर्मा, विजय मोहन सरदार, एस. पी. सिंह, महानगर महामंत्री राजीव अग्रवाल, संजीव गुप्ता, अरविन्द भारतीय, राजेश त्यागी, लेखराज माहौर, मान सिंह आदि लोग रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 10.09.2016

Posted on 15 September 2016 by admin

बी.एस.पी. के लगभग एक दर्जन विधायकों के टिकट, उनके क्षेत्र से, उनके कार्यों व गतिविधियों की सन्तोषजनक रिपोर्ट ना मिलने की वजह से उनके टिकट करीब तीन महीने पहले ही काट दिये गये थे। जिसके बारे में उन्हें बता भी दिया गया था।
और यदि ये लोग अपने टिकट के स्वार्थ में किसी भी विरोधी पार्टी में जाते हैं तो उससे बी.एस.पी. के यहाँ प्रदेश में लगातार बढ़ रहे जनाधार पर रत्तीभर भी असर नहीं पड़ने वाला है।
इसके साथ ही यदि ऐसे लोगांे को बीजेपी टिकट देने के लिए अति-उत्साहित होकर, उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराती है तो इससे भी बीजेपी की यहाँ प्रदेश में खराब हालत का काफी कुछ पर्दाफाश हो जाता है:  बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, सुश्री मायावती जी।

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, सुश्री मायावती जी ने कहा जैसाकि सर्वविदित है कि बी.एस.पी. एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ देश में सामाजिक परिवर्तन का एक मूवमेन्ट भी है और इसी कारण पार्टी का टिकट बांटने में पार्टी नेतृत्व को मूवमेन्ट से सम्बन्धित बहुत सारी बातों का ख्याल रखना पड़ता है और इस क्रम में अनेकों वर्तमान विधायकों व सांसदों का टिकट काटने की मजबूरी हो जाती है।
और अब जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा का आमचुनाव काफी नजदीक है तो काफी सोच-विचार के बाद लोगों को पार्टी का टिकट दिया जा रहा है जिसके चलते लगभग एक दर्जन पार्टी के विधायकों का टिकट काट भी दिया गया है। और जिन वर्तमान विधायकों के टिकट आज से लगभग तीन महीने पहले काट दिये गये हैं, तो उसका आधार उनके क्षेत्र से, उनके कार्यों व सर्वसमाज को पार्टी से जोड़ने की उनकी गतिविधियों के सम्बन्ध में संतोषजनक रिपोर्ट नहीं मिलना रहा है।
बी.एस.पी. का मानना है कि टिकट काटे जाने वाले, जो लोग मिशनरी हैं तो वे लोग पार्टी में ही बने रहेंगे। परन्तु यदि वे लोग अपनी टिकट के स्वार्थ में किसी विरोधी पार्टी में जाते हैं तो इससे बी.एस.पी. के लगातार बढ़ रहे जनाधार पर रत्तीभर भी असर पड़ने वाला नहीं है। लेकिन फिर भी अभी तक देखा यही गया है कि कुछ मीडिया हर कुछ अन्तराल के बाद इन लोगों की खबरें इस प्रकार से सनसनीखेज बनाकर देता रहता है जैसे बी.एस.पी. को बहुत जबर्दस्त नुकसान इससे होने वाला हो और इससे फिर विरोधी पार्टी भारी फायदे में आ जायेगी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है, और बी.एस.पी. आयेदिन लगातार मजबूत होती चली जा रही है।
इसके साथ-साथ यदि ऐसे लोगांे को खासकर भाजपा टिकट देने के लिए अति-उत्साहित होकर अपनी पार्टी में उन्हें शामिल कराती है तो इससे भाजपा की यहाँ उत्तर प्रदेश में आमधारणा के अनुसार खराब हालत का ही काफी कुछ पर्दाफाश होता है।
वैसे भी अब जग-जाहिर होता जा रहा है कि भाजपा लाखों ढिढ़ोरे पीट ले मगर यह धारणा बन गयी है कि भाजपा की हालत उत्तर प्रदेश में काफी खराब है। उसके पास टिकट देने के लोगों की वैसी ही कमी है जैसे कि बिहार में कमी थी और इसी कारण केन्द्र की सत्ता का दुरूपयोग करते हुये भाजपा दूसरी पार्टियों के लोगों को तोड़कर या फिर दूसरी पार्टियों में से खासकर बी.एस.पी. से निकाले गये लोगों को ही टिकट प्राथमिकता के आधार पर देने का काम कर रही है। पर आमजनता भाजपा के साम, दाम, दण्ड, भेद व भ्रष्ट आचरणों को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है और अब तो इन कारणों से स्वयं भाजपा के भीतर ही बाबेला मचा हुआ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे आउटररिंग रोड का शिलान्यास

Posted on 15 September 2016 by admin

गृहमंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह जी और नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन राज मार्ग मंत्रालय एक दिवसीय दौरे पर 16 सितम्बर को लखनऊ पहुंचेगे। भारतीय जनता पार्टी, लखनऊ महानगर के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह 16 सितम्बर को सायंकाल 4ः00 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहंुचेंगे जहां पर महानगर इकाई के पदाधिकारियों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जायेगा। एयरपोर्ट से सीधे झूलेलाल मैदान निकट गोमती तट में 5,000 करोड़ की स्वीकृत आउटर रिंग रोड के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे तथा मा. नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। सायंकाल 5ः45 बजे स्व. पदम्श्री डा.एस.सी. राय के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने उनके निवास पर जायेंगे एवं सायंकाल 6ः30 बजे पूर्व सांसद लालजी टण्डन के आवास 9 त्रिलोकी नाथ रोड जायेंगे, क्यांेकि पिछले दिने पूर्व सांसद लालजी टण्डन के भतीजे अनिल टण्डन का आकस्मिक निधन हो गया था। इसके उपरान्त मा. गृहमंत्री अमौसी एयरपोर्ट के लिये रवाना हांेगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में 4207 वादों का निस्तारण

Posted on 15 September 2016 by admin

उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार 10 सितम्बर को मा0 जनपद न्यायाधीश श्रीमती सरोज यादव की अध्यक्षता में दीवानी न्यायालय परिसर आगरा में मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से आपराधिक शमनीय वाद आदि से संबंधित मामलों, प्रकरणों एवं अन्य सुलह-समझौते योग्य समस्त मामलों को निस्तारण हेतु सम्मिलित किया गया।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रवीन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस लोक अदालत में, जिला जज न्यायालय द्वारा 09 मोटर दुर्घटना प्रतिकर के प्रकीर्ण वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें एफडीआर रिलीज की धनराशि 19 लाख 92 हजार 267 रूपये सम्मिलित है। अपर जिला जज कमला सिंह यादव, विशेष जज अश्विनी कुमार त्रिपाठी, अपर जिला जज सुनील कुमार मिश्रा, विवेक, सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, कृष्ण चन्द्र पाण्डेय एवं कुशपाल द्वारा कुल 11 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण कर प्रतिकर धनराशि 65 लाख 91 हजार 964 रूपये पीड़ित पक्ष को दिलाई गयी। विशेष जज, आर्थिक अपराध श्री विवेक सिंघल द्वारा विद्युत संबंधी 35 वादों का निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य अपर जिला जज न्यायालय द्वारा कुल 71 विभिन्न प्रकृति के मामलों का निस्तारण किया गया। जिसमें दाण्डिक अपील, प्रकीर्ण वाद एवं अन्य वाद सम्मिलित हैं। प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय रमेश सिंह द्वारा 22 अन्य वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया।
विभिन्न मजिस्ट्रेट न्यायालयों द्वारा फौजदारी के कुल 3733 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें जुर्माना मुल्य 1 लाख 86 हजार 550 रूपये बसूल कर सरकारी खजाने में जमा कराये गये। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेन्द्र कुमार द्वारा 322 वाद, पूनम त्रिवेदी द्वारा 319 वाद, नितिन पाण्डेय द्वारा 235 वाद, प्रदीप कुमार द्वारा 366 वाद एवं स्पेशल जे0एम ब्रिजेन्द्र मोहन सिन्हा द्वारा 253 वादों का निस्तारण सम्मिलित है। सिविल जज सीनियर डिवीजन कविता मिश्रा द्वारा 05 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें उत्तराधिकार के 01 वाद में धनराशि 3 लाख सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त विभिन्न सिविल  न्यायालयों द्वारा कुल 20 वादों को निस्तारण किया गया है।
दीवानी न्यायालय में शनिवार को आयोजित मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में नियमित न्यायालयों द्वारा कुल 3919 मामलों का निस्तारण किया गया। जनपद की समस्त तहसीलों में भी मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें राजस्व के 165 वाद एवं फौजदारी के 123 वादों सहित कुल 288 वादों का निस्तारण किया गया।  इस प्रकार शनिवार को आयोजित मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी परिसर स्थित न्यायालयों एवं राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 4207 वादों का निस्तारण किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पर्यटन विकास में सहयोग करने हेतु बैठक 13 सितम्बर को ताजमहल पश्चिमी गेट पर स्थित पार्किंग मार्केट में होगी बैठक

Posted on 15 September 2016 by admin

उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने सूचित किया है कि 13 सितम्बर मंगलवार को प्रातः 10 बजे उत्तर प्रदेश प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजनान्तर्गत ताजमहल पश्चिमी द्वार मार्ग पर विजिटर केन्द्र एवं पार्किग रिहेबिलिटेशन योजना विषय पर ताजमहल पश्चिमी द्वार मार्ग पर स्थित पार्किंग मार्केट में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जा रहा है। बैठक का मुख्य उद्देश्य जनसाधारण को आगरा शहर में प्रस्तावित उपर्युक्त योजना की जानकारी परामर्शदाता ।छठ ब्व्छैन्स्ज्।छज्ै द्वारा  देना तथा उनका फीड बैक प्राप्त करना, क्रियान्वयन के दौरान होने वाली समस्याएं और उनके समाधान तथा अन्य विभागों से अपेक्षित सहयोग पर चर्चा करना है। उन्होंने जन साधारण से इस बैठक में भाग लेने हेतु अनुरोध किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महानिदेशक पर्यटन ने ताजगंज प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया ताजमहल पूर्वी गेट पर सौ मीटर का माॅडल देखा, फिनिसिंग के निर्देश दोनों और सभी दुकानों पर एक जैसा कलर कराने के निर्देश मुगल म्यूजियम के निर्माणाधीन कार्य में तेजी लाने के निर्देश

Posted on 15 September 2016 by admin

प्रमुख सचिव सूचना एवं महानिदेशक पर्यटन श्री नवनीत सहगल ने शनिवार को ताजगंज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ताजमहल पूर्वी गेट पर प्रोजेक्ट में तैयार किये गये सौ मीटर माॅडल को देखा, जिसमें फिनिसिंग को और अधिक अच्छा करने के लिए राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश दिये। माॅडल एरिया में सुरक्षा उपकरण बोलार्ड बैरियर, सीसीटीवी तथा कन्ट्रौल रूम भी बनाया गया है। प्रोजेक्ट में जिस तरह के साइनेज और लाइटें लगी हंै, माॅडल एरिया में उन्हें शुरू करा दिया गया है।
महानिदेशक पर्यटन ने सड़क के दोनों और बनी दुकानों पर रंगाई, पुताई एक ही कलर में तथा दुकानों के ऊपर लगे बोर्डों का साइज तथा कलर भी एक जैसा कराने के लिए निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त उन्होंने सड़क के दोनों ओर कुछ स्थानों पर बाउण्ड्रीबाल के खराब प्लास्टर को हटाकर नया प्लास्टर कराने तथा उसकी रंगाई, पुताई भी एक जैसी कराने के लिए राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश दिये। महानिदेशक पर्यटन ने मुगल म्यूजियम निर्माण कार्य स्थल पर चल रहे निर्माणाधीन कार्य की प्रगति पर असन्तोष प्रकट करते हुये तेजी के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी गौरव दयाल, सचिव एडीए राजकुमार, संयुक्त निदेशक पर्यटन उ0प्र0 पी.के. सिंह, उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार, राजकीय निर्माण निगम के महाप्रबन्धक यू.क.े गहलोत प्रोजेक्ट मैनेजर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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*राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हिन्दी अनिवार्य- श्रीमती अपर्णा यादव *

Posted on 15 September 2016 by admin

हिन्दी हमारी मातृ भाषा है। हमें उसका सम्मान करना चाहिये। क्योकि हिन्दी भाषा ही हमारे महान प्राचीन इतिहास को उजागर करती है और वही हमारी पहचान है। परंतु वर्तमान में आर्थिक और तकनिकी विकास के साथ-साथ हिन्दी भाषा अपने महत्त्व को खोती चली जा रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि आज ऐसा माहौल बनाएं कि हिंदी के साथ- साथ, हिन्द देश में रहने वाले नागरिकों का भी सम्मान हो। एक अतिमत्वपूर्ण विन्दु यह कि राष्ट्रीय एकीकरण के लिए हिन्दी अनिवार्य है। उक्त बातें समाज सेविका श्रीमती अपर्णा यादव ने बुद्धवार को हिंदी दिवस पर कहीं।

श्रीमती यादव कैनाल रिंग रोड, तेलीबाग स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के तत्वावधान आयोजित हिन्दी दिवस एवम
हिन्दी पखवाड़ा के मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपना विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी हमारी माँ हैं और जहाँ पर माँ का सम्मान नहीं होगा वह राष्ट्र आगे नही बढ़ सकता। आज हर कोई सफलता पाने के लिये इंग्लिश भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योकि हम देखते है की आज हर जगह इंग्लिश भाषा की ही मांग शुरू है। ये सच है। भले ही आज इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना जरुरी है लेकिन सफलता पाने के लिये हमें अपनी राष्ट्रभाषा को कभी नही भूलना चाहिये। दूसरे देशो में भी हिन्दी भाषा बोलते समय हमें शर्मिंदगी महसूस नही होनी चाहिये बल्कि हिन्दी बोलते समय हमें गर्व होना चाहिये। ऐसे समय में साल में एक दिन हिंदी दिवस मनाना लोगो में हिंदी भाषा के प्रति गर्व को जागृत करता है और लोगो को याद दिलाता है की हिन्दी ही हमारी राष्ट्रभाषा है।

उक्त अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ के डीआईजी श्री रविन्द्र सिंह रौतेला, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक डाँ कुलदीप कुमार लाल, डाँ अखिलेश कुमार मिश्र तथा श्री शरद कुमार सिंह आदि गणमान्यों सहित समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राजभाषा के लिए समर्पित गुजराती महिला का हिंदी दिवस पर साहसिक धरना कल 14 सितंबर को दिल्ली में जंतर मंतर पर अकेले

Posted on 15 September 2016 by admin

मीडिया शायद ही इसे कवर करे, क्योंकि ये कोई हत्या, बलात्कार की खबर नहीं. पर राजभाषा के नाम पर हो रहे जिस भ्रष्टाचार को राजेश्वरी सोलंकी ने उजागर किया है, वह देश भर के हिंदी प्रेमियों के लिए स्तब्ध कर देने वाला है.
राजेश्वरी के इस जज्बे को मेरा सलाम !!
गुजरात के लोग भी कमाल के जुझारू होते हैं. इस मामले में वे यूपी-बिहार आदि से कतई कम नहीं. अब इस महिला को ही देखिये - हिंदी के लिए समर्पित ये गुजराती महिला राजभाषा में बढ़ रहे दिखावे के भ्रष्टाचार  के खिलाफ अहमदाबाद से अकेले दिल्ली चल पड़ी है. कोई संगठन नहीं, कोई साथी नहीं, घर वाले भी नहीं. अब वो कल यहां दिल्ली में धरना देने आ रही हैं ! दिन रात हिंदी के लिए घड़ियाली आंसू बहाने और हिंदी के पैसे पर मौज उड़ाने वालों से इतर इस महिला के साहस को मेरा सलाम !!
यूको बैंक चांदखेडा, अहमदाबाद की राजभाषा अधिकारी (53548) सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई ने पूरे साहस के साथ न सिर्फ राजभाषा के क्रियान्वयन में की जा रही धांधली का मामला उजागर किया, बल्कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केन्द्र सरकार के आला नेताओं व अधिकारियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी. जाहिर है, कोई कार्रवाई हुई नहीं, तो ये महिला अकेले दिल्ली में धरना देने चल पड़ीं. कल वे जंतर मंतर पर सुबह से शाम पांच बजे तक सांकेतिक धरने पर बैठेंगी.
राजेश्वरी ने खुलासा किया है कि-
•         राजभाषा नियमों का हो रहा घोर उल्लंघन
•         रिपोर्टों में झूठा दिखाया जा रहा राजभाषा का कार्यान्वयन
•         राजभाषा अधिकारियों को सौंपे जा रहे कार्यालय के अन्य कार्य
•         नौकरी की फ़िक्र में अधिकारी वह सब करने को मजबूर जिससे हिंदी का सरोकार नहीं
•         राजभाषा का सही कार्यान्वयन कराने वाले को प्रताड़ित करते हैं विभाग
•         उन्हें वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट में अंक कम देना, ताकि पदोन्नति न मिल पाए
•         होम टाउन से स्थानांतरण कर बनाया जाता है उच्च अधिकारियों का गुलाम
•         प्रवीणता प्राप्त अधिकारी भी नहीं करते हिंदी में कार्य
•         ऐसे अधिकारियों पर भी नहीं होती कोई कार्रवाई
•         कार्यपालक ही कर रहे राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना
•         प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते
•         लेकिन कार्यक्रम की रिपोर्ट / कार्यवृत भेजना अवश्य सुनिश्चित किया जाता
राजेश्वरी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने वालों पर उचित कार्रवाई तथा न्याय करने की मांग की थी. मांगें नहीं माने जाने पर वे कल नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देंगी
राजभाषा को लेकर की जा रही घपलेबाजी पर राजेश्वरी सोलंकी ने क्या लिखा है?
- सोलंकी राजेश्वरी के अनुसार रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा कासही कार्यान्वयन तो सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता हैं। प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष तिमाही / माह / दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
केन्द्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों में राजभाषा को लेकर की जा रही घपलेबाजी पर राजेश्वरी ने किसे पत्र लिखा था-
राजेश्वरी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य तमाम केन्द्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी.
भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिकरोड के सेवानिवृत्त राजभाषा अधीक्षक मधुकर अ. सूर्यवंशी के अनुसार सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों में कड़वी सच्चाई है.
राजेश्वरी के पत्र पर आधारित रिपोर्ट
एक तरफ जहां देश भर में राजभाषा को लेकर एक सप्ताह, पखवाड़ा और माह भर तक आयोजन करने की तैयारियां चल रही हैं, वहीं एक महिला राजभाषा अधिकारी ने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना किये जाने तथा राजभाषा अधिकारियों के साथ निष्पक्ष न्याय नहीं रखने का गंभीर आरोप लगाया है. यूको बैंक चांदखेडा, अहमदाबाद की राजभाषा अधिकारी (53548) सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई ने पूरे साहस के साथ न सिर्फ राजभाषा के क्रियान्वयन में की जा रही धांधली का मामला उजागर किया है, बल्कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने के दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केन्द्र सरकार के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर दस दिनों के भीतर उचित कार्रवाई करने अन्यथा धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
सोलंकी राजेश्वरी के अनुसार रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा का सही कार्यान्वयन तो सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता हैं। प्रवीणता प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते है एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान, नासिकरोड के सेवानिवृत्त राजभाषा अधीक्षक मधुकर अ. सूर्यवंशी ने सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों का समर्थन करते हुए लिखा है कि सोलंकी राजेश्वरी के आरोपों में कड़वी सच्चाई है। वास्तव में तिमाही के जो आँकडे जाते हैं, वह वास्तविक नहीं होते। किसी भी अधिकारी को हिंदी नियमों की जानकारी नहीं होती। फिर भी हिंदी कर्मचारी को बेवजह प्रताडित किया जाता है। आपने जो आवाज उठाई है वह सही है। मैं भी इसका शिकार हूँ। मैं भी हरेक को लिख चुका हूँ लेकिन कोई असर नही हुआ है।
दरअसल राजभाषा अधिकारी सोलंकी राजेश्वरी नरसिंहभाई का पत्र देश भर के राजभाषा अधिकारियों के गूगल समूह में चर्चा का विषय बना हुआ है. अपने पत्र में राजेश्वरी ने बताया है कि उन्होंने राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना किये जाने के मामले पर 01.08.2016 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर पूछा था कि क्या ऐसे दोषी कर्मचारी या अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. राजेश्वरी को मंत्रालय से जवाब मिला कि उनका पत्र कार्यालय ज्ञापन सं:12019/04/2016-रा.भा.(शिका.)/ अन्य शिका.-3 दिनांक 12.08.2016 के तहत विभाग द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु संयुक्त सचिव (प्रशासन), वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय को भेजा गया है।
इस पत्र में दो बातें लिखी गई हैं, (1) यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी जानबूझकर राजभाषा के बारे में लागू प्रावधानों की अवहेलना करता है तो प्रकरण में संबंधित नियमों एवं आदेशों के उल्लंघन होने के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है। (2) राजभाषा विभाग सभी केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको एवं केंद्रीय उपक्रमों से समस्त कार्यपालिका को राजभाषा प्रयोग संबंधी सौंपे गए संवैधानिक और सांविधिक दायित्वों के निष्पादन में और वार्षिक कार्यक्रम में उल्लिखित लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में अभीष्ट स्वैच्छिक समर्थन की आशा और अपेक्षा करता है।
इससे पहले राजेश्वरी राजभाषा अधिकारी, यूको बैंक ने उपर्युक्त विषय में विभिन्न सरकारी कार्यालयों को भी ई-मेल व पत्र भेजा था,जिसमें केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और प्रणाली के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के ई-मेल से उन्हें केवल अंग्रेजी में उत्तर प्राप्त हुए. उन्होंने सूचना का अधिकार कानून-2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए पोस्टल ऑर्डर के साथ यूको बैंक के सूचना अधिकारी को भी आवेदन भेजा था, जिसका उत्तर राजेश्वरी को अंग्रेजी में प्राप्त हुआ है। जो राजभाषा नियम 5 का घोर उल्लंघन है।
राजेश्वरी का सवाल वाजिब है कि राजभाषा कार्यान्वयन के लिए 1950 से नियम लागू होने के पश्चात भी सरकारी कार्यालयों द्वारा ऑटो जनरेटेड, सिस्टम जनरेटेड ई-मेल केवल अंग्रेजी में भेजने की व्यवस्था क्यों है? यह विडंबना ही है कि उपर्युक्त उल्लंघनों के पश्चात भी कार्यालयों की रिपोर्टों में राजभाषा कार्यान्वयन सुनिश्चित कर दिया जाता है तथा रिपोर्ट के आंकड़ों व हिंदी संबंधी कार्यक्रमों/ प्रतियोगिताओं के आधार पर पुरस्कार वितरण भी किए जाएंगे। इसी कारण अभी तक राजभाषा का उल्लंघन भी चलता रहा है तथा रिपोर्टों में राजभाषा अनुपालन का दिखावा भी चल रहा है।
हकीकत ये है कि रिपोर्टों में राजभाषा का कार्यान्वयन दिखाकर तमाम राजभाषा अधिकारियों को कार्यालय के अन्य कार्य सौंपे जा रहे हैं। अधिकारी भी अपनी नौकरी की फ़िक्र में वह सब काम करने के लिए बाध्य होता है जिससे हिंदी का सरोकार नहीं होता है और कार्यालय को भी एक ऐसा जीव मिल जाता है जो हिंदी में काम करने या न करने पर भी राजभाषा अनुपालन की ही रिपोर्ट तैयार करता है। जो राजभाषा अधिकारी सही रूप से राजभाषा कार्यान्वयन करना चाहे तथा उल्लंघन करने वाले उच्च कार्यालय व उच्च कार्यपालकों को सूचित करें, तो उसे वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट में अंक कम देना, ताकि पदोन्नति न मिल पाएं तथा होम टाउन से स्थानांतरण कर देना, ताकि वह अधिकारी भी स्वतंत्र भारत में
राजभाषा के कार्यान्वयन को छोड़कर उच्च अधिकारियों का गुलाम बन जाए तथा राजभाषा कार्यान्वयन का दिखावा करके देश व अपने दायित्वों के प्रति बेईमान बनें।
ज्यादातर सरकारी विभागों में एक धारणा बनी हुई है कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. जबकि ऐसा कहीं पर भी नहीं लिखा गया है तथा किसी भी सरकारी अधिकारी को जानबूझकर राजभाषा नियमों के उल्लंघन का अधिकार भी नहीं दिया गया है. राजभाषा कार्यान्वयन न करने के बावजूद रिपोर्ट में कार्यान्वयन दिखाकर भ्रष्टाचार करना तो कानूनन गुनाह है। रिपोर्ट के आंकड़ों पर तथा हिंदी संबंधी कार्यक्रमों के आधार पर पुरस्कार वितरण करने से राजभाषा का सही कार्यान्वयन तो
सुनिश्चित नहीं हो रहा बल्कि राजभाषा में दिखावे का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, जो दिखावे के रूप में आयोजित कार्यक्रमों के रूप में देश का खर्च बढ़ाता है। प्रवीणता
प्राप्त अधिकारियों द्वारा हिंदी में कार्य नहीं किया जाने पर कोई कार्रवाई नहीं करना, कार्यपालकों द्वारा राजभाषा नियमों की जानबूझकर अवहेलना करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना, लेकिन प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, कार्यशाला, निरीक्षण, प्रतियोगिताएं, हिंदी दिवस, हिंदी प्रशिक्षण दिलवाना ही है। परिणाम स्वरूप प्रत्येक वर्ष/तिमाही/माह/दिवस में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाते है एवं कार्यक्रम न किए जाने पर भी कार्यक्रम की रिपोर्ट/कार्यवृत अवश्य भेजना सुनिश्चित अवश्य किया जाता है।
राजेश्वरी का मानना है कि राजभाषा संबंधी आदेशों की जानबूझकर अवहेलना होने पर भी कार्रवाई न करना, तो राजभाषा कार्यान्वयन में दिखावे रूपी भ्रष्टाचार को प्रेरणा और प्रोत्साहन देना है। तथापि यदि उल्लंघन पर कोई कार्रवाई नहीं करनी है तो रिपोर्टिंग में राजभाषा की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाने वाले भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी तथा वास्तविकता की जांच किए बिना ही रिपोर्ट के आंकड़ों को सही मानकर पुरस्कार प्रदान करने हेतु चयन करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्रवाई करनी होगी, ताकि राजभाषा कार्यान्वयन की वास्तविक स्थिति बनी रहे एवं राजभाषा के कार्यान्वयन के दिखावे का भ्रष्टाचार भी बंद हो। राजभाषा के वास्तविक कार्यान्वयन से या राजभाषा के दिखावे को समाप्त करके हमारे देश के आदर्श सूत्र वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ को सार्थक करना होगा। राजभाषा अधिकारियों/कार्यपालकों का भी राजभाषा कार्यान्वयन की सही रिपोर्ट तैयार करके प्रेषित करने से स्वमान बढ़ेगा तथा अपने कर्तव्यों के प्रति बेईमानी करने के बोझ से मुक्ति मिल जाएगी।
राजेश्वरी ने पत्र में कि देश में राजभाषा के सही सम्मान हेतु उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए लिखा है कि वास्तविकता के बिना हिंदी दिवस मनाना केवल
दिखावा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय कुमार निषाद ने बताया है

Posted on 15 September 2016 by admin

निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय कुमार निषाद ने बताया है कि सपा, बसपा ने मछुआ समुदाय के साथ हमेशा वोट लेकर धोका देने के अलावा कुछ नही किया है।निषाद समाज प्रदेश मे 16% से अधिक होने के बाद अपनी सख्या के अनुसार हमेशा हासिऐ पर साजिश के सहित रखी गयी है।सरकार बनाओ अधिकार पाओ महारैली के माध्यम से अपनी ताकत का प्रर्दशन कल रमाबाई मैदान मे किया जायेगा।2017का विधान सभा चुनाव मे पीस पार्टी,महान दल के साथ चुनावी गठबन्धन किया गया है।पार्टी का विधान सभा चुनाव मे 100सीटे जीतने का लक्ष्य है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह पर सियासी उठापटक की रही छाया, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे,

Posted on 15 September 2016 by admin

हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह पर सियासी उठापटक की रही छाया, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे, मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में राज्यमन्त्त्री अभिषेक मिश्र ने समारोह में शिरकत की. हिन्दी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अभिषेक  मिश्रा ने अंग्रेजी शब्दों का जम कर इस्तेमाल किया। सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा को मधुलिमये साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया इस मौक़े पर हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष दादा उदय प्रताप सिंह मौजूद थे

उत्तर प्रदेश में मची सियासी नूरा कुश्ती के बीच हिन्दी संस्थान के पुरूस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री की जगह सम्मान समारोह में राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा ने साहित्यकारों को सम्मानित किया। इस मौक़े पर अभिषेक मिश्रा ने कहा की इस दौर में साहित्यकारों पर समाज को दिशा दिखाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है. हिन्दी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में अभिषेक मिश्रा ने हिन्दी से ज़्यादा अंग्रेज़ी शब्दो का प्रयोग किया, सम्मान समारोह में वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा को मधुलिमये साहित्य सम्मान, भारत भारती सम्मान से समानित डा विश्वनाथ त्रिपाठी की जगह उन का सम्मान असग़र वजाहत ने लिया, सम्मानित होने वालों में लोहिया साहित्य सम्मान सैयद असग़र वजाहत, हिन्दी गौरव सम्मान डा शेरजंग गर्ग, महात्मा गाँधी साहित्य सम्मान डा गंगा प्रसाद विमल, प दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान डा रमानाथ त्रिपाठी, अवंतीबाई साहित्य सम्मान डा दीन मोहम्मद दीन, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन सम्मान हिन्दी प्रचार सभा हैदराबाद को दिया गया

साहित्य भूषन सम्मान से रमाकांत पांडेय “अकेले” रवीन्द्र वर्मा, दिनेश पालीवाल, राजाराम सिंह, डा महाश्वेता चतुर्वेदी, संजीव, दामोदर दत्त दीक्षित, विजय किशोर मानव, राजेन्द्र “राजन” और डा सुधाकर अदीब को दिया गया, लोक भूषन सम्मान से कैलाश मड़बैया, कलभूषण सम्मान नन्द किशोर खन्ना, विधा भूषन सम्मान डा रामानंद शर्मा, विज्ञान भूषण सम्मान काली शंकर, पत्रकारिता भूषण सम्मान शीला झुनझुनवाला, प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान मेजर शेर बहादुर सिंह- न्यूयार्क, बाल साहित्य भारती सम्मान बाबूलाल शर्मा “प्रेम” , पं श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान अरविन्द तिवारी, विधि भूषण सम्मान शैलेन्द्र कुमार अवस्थी, हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान रामदेव धुरंधर (मॉरीशस) और आलोक मिश्रा (यू. एस. ए) जबकि विश्वविद्यालयस्तरीय सामान अनिल कुमार त्रिपाठी और प्रो वशिष्ठ अनूप को दिया गया
सम्मान समारोह में सौहार्द सम्मान से ओम प्रकाश गासो (पंजाब), डा विश्वास किशन पाटील (मराठी), थिंडूजम श्याम किशोर सिंह (मणिपुर), डा रमरप्रिया मिश्रा (उड़िया), प्रो मीनाक्षी जोशी (गुजराती), एस एम सुभ्रमण्यम ‘मोती मद्रासी’ (तमिल), डा प्रत्यूष गुलेरी (डोंगरी), महाराजकृष्ण शाह (कश्मीरी), एहतराम इस्लाम (उर्दू), घीसा लाल अगरवाला, डॉ जे रामचंद्रन नायर (मलयालम) डा उषाकिरन खान (मैथिलि) और डा प्रभुनाथ दिवेदी (संस्कृत) को सम्मानित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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