बी.एस.पी. के लगभग एक दर्जन विधायकों के टिकट, उनके क्षेत्र से, उनके कार्यों व गतिविधियों की सन्तोषजनक रिपोर्ट ना मिलने की वजह से उनके टिकट करीब तीन महीने पहले ही काट दिये गये थे। जिसके बारे में उन्हें बता भी दिया गया था।
और यदि ये लोग अपने टिकट के स्वार्थ में किसी भी विरोधी पार्टी में जाते हैं तो उससे बी.एस.पी. के यहाँ प्रदेश में लगातार बढ़ रहे जनाधार पर रत्तीभर भी असर नहीं पड़ने वाला है।
इसके साथ ही यदि ऐसे लोगांे को बीजेपी टिकट देने के लिए अति-उत्साहित होकर, उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराती है तो इससे भी बीजेपी की यहाँ प्रदेश में खराब हालत का काफी कुछ पर्दाफाश हो जाता है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, सुश्री मायावती जी।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, सुश्री मायावती जी ने कहा जैसाकि सर्वविदित है कि बी.एस.पी. एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ देश में सामाजिक परिवर्तन का एक मूवमेन्ट भी है और इसी कारण पार्टी का टिकट बांटने में पार्टी नेतृत्व को मूवमेन्ट से सम्बन्धित बहुत सारी बातों का ख्याल रखना पड़ता है और इस क्रम में अनेकों वर्तमान विधायकों व सांसदों का टिकट काटने की मजबूरी हो जाती है।
और अब जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा का आमचुनाव काफी नजदीक है तो काफी सोच-विचार के बाद लोगों को पार्टी का टिकट दिया जा रहा है जिसके चलते लगभग एक दर्जन पार्टी के विधायकों का टिकट काट भी दिया गया है। और जिन वर्तमान विधायकों के टिकट आज से लगभग तीन महीने पहले काट दिये गये हैं, तो उसका आधार उनके क्षेत्र से, उनके कार्यों व सर्वसमाज को पार्टी से जोड़ने की उनकी गतिविधियों के सम्बन्ध में संतोषजनक रिपोर्ट नहीं मिलना रहा है।
बी.एस.पी. का मानना है कि टिकट काटे जाने वाले, जो लोग मिशनरी हैं तो वे लोग पार्टी में ही बने रहेंगे। परन्तु यदि वे लोग अपनी टिकट के स्वार्थ में किसी विरोधी पार्टी में जाते हैं तो इससे बी.एस.पी. के लगातार बढ़ रहे जनाधार पर रत्तीभर भी असर पड़ने वाला नहीं है। लेकिन फिर भी अभी तक देखा यही गया है कि कुछ मीडिया हर कुछ अन्तराल के बाद इन लोगों की खबरें इस प्रकार से सनसनीखेज बनाकर देता रहता है जैसे बी.एस.पी. को बहुत जबर्दस्त नुकसान इससे होने वाला हो और इससे फिर विरोधी पार्टी भारी फायदे में आ जायेगी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है, और बी.एस.पी. आयेदिन लगातार मजबूत होती चली जा रही है।
इसके साथ-साथ यदि ऐसे लोगांे को खासकर भाजपा टिकट देने के लिए अति-उत्साहित होकर अपनी पार्टी में उन्हें शामिल कराती है तो इससे भाजपा की यहाँ उत्तर प्रदेश में आमधारणा के अनुसार खराब हालत का ही काफी कुछ पर्दाफाश होता है।
वैसे भी अब जग-जाहिर होता जा रहा है कि भाजपा लाखों ढिढ़ोरे पीट ले मगर यह धारणा बन गयी है कि भाजपा की हालत उत्तर प्रदेश में काफी खराब है। उसके पास टिकट देने के लोगों की वैसी ही कमी है जैसे कि बिहार में कमी थी और इसी कारण केन्द्र की सत्ता का दुरूपयोग करते हुये भाजपा दूसरी पार्टियों के लोगों को तोड़कर या फिर दूसरी पार्टियों में से खासकर बी.एस.पी. से निकाले गये लोगों को ही टिकट प्राथमिकता के आधार पर देने का काम कर रही है। पर आमजनता भाजपा के साम, दाम, दण्ड, भेद व भ्रष्ट आचरणों को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है और अब तो इन कारणों से स्वयं भाजपा के भीतर ही बाबेला मचा हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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