Posted on 04 November 2015 by admin
भजन करने की कोई उम्र नहीं होती। बचपन से यदि भगवान का भजन किया जाए तो ध्रुव की तरह अत्यन्त शीघ्र भगवत प्राप्ति होती है। उक्त वचनों के माध्यम से कथावाचक श्री रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने बोरा जी हाउस, सेवा अस्पताल प्रांगण, सीतापुर रोड, लखनऊ में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन श्रवण कर रहे भक्तों को आनंदित किया।
कथा प्रसंग ध्रुव चरित्र से प्रारंभ हुआ। जिसमें ध्रुव चरित्र का वर्णन किया गया। ध्रुव के वंश का वर्णन करते हुए श्री रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने राजा वेन की कथा, प्रथु अवतार और प्राचीन वर्ही की कथा सुनाई। प्रियव्रत उपख्यान जड भरत चरित्र की कथा कहते हुए समस्त भक्तों को महाराज जी ने बताया कि संसार में दया का अभाव सबके प्रति रखना चाहिए किन्तु मोह किसी से नहीं करना चाहिए। एक हिरण से मोह हो जाने के कारण महाराज भरत को तीन जन्म भटकना पडा।
नर्कों का वर्णन करते हुए श्री रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने 28 प्रकार के नर्क बतलाए और कहा कर्म का फल भोग है। यदि कर्म दूषित है तो दुगर्ति एवं नर्क भोगना पडेगा। मन को कर्म का कारक बतलाते हुए कहा कि बंधन एवं मोक्ष का कारण जीव का मन ही है।
उन्होंने बताया कि मन को सदमार्ग में लगाने के लिए 9 साधन तप, ब्रहमचर्य, सत्य, इन्द्रिय निग्रह, मनोनिग्रह व त्याग आदि हैं और बताया कि भगवान का नाम कलयुग में समस्त पापों को नष्ट करने में सामथ्र्य है। जो प्राणी भगवान के नाम का आश्रय लेता है उसका भगवान स्वयं कल्याण करते हैं जैसे कि अजामिल का किया।
कथा के अंत में प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि यदि विश्वास प्रहलाद की तरह हो तो कोई भी हमारा कुछ नहीं बिगाड सकता और एक भक्त की बात को सत्य करते हुए भगवान नरसिंह का रुप धारण करके एक खंभे से प्रकट हुए। अपने भक्त प्रहलाद का संरक्षण किया। हमें सदैव यह विश्वास रखना चाहिए कि भगवान पत्र, तत्र एवं सर्वत्र हैं।
कथा के अंत में प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर बोरा परिवार सहित वी0एस0 पंत, महेश गिरि, ओ0पी0 जैन, विजय केडिया, विवेक तोमर, गिरिजा शंकर अग्रवाल, सुधांशु मिश्रा, सुनील सिंह, चेतन मिश्रा, के0के0 अग्रवाल, श्रीराम, शोभित मिश्रा, रेखा वर्मा, अनिल सिंह, भानू सिंह, कुशल कुमार तिवारी एवं अन्य भक्तगण मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 November 2015 by admin
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन(उपजा) ने पत्रकार, लेखक, कवि, चिंतक और सामाजिक कार्यकर्ता राजीव चतुर्वेदी की आज पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर सरकार से निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है।
उपजा के प्रान्तीय अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित व प्रान्तीय महामंत्री रमेश चन्द जैन ने राजीव चतुर्वेदी की मौत की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है ताकि राजीव चतुर्वेदी की मौत पर कोई संशय न रहे। पी0टी0आई0 के प्रमोद गोस्वामी ने राजीव चतुर्वेदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को असहनीय बताया है। उपजा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष पत्रकार सर्वेश कुमार सिंह ने राजीव चतुर्वेदी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। वरिष्ठ पत्रकार दादा पी0के0 राय,पी0बी0 वर्मा, वीर विक्रम बहादुर मिश्र व अजय कुमार ने भी राजीव चतुर्वेदी की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि आज राजीव चतुर्वेदी की सरोजनीनगर थाने में मौत हो गई। एक धोखाधडी के मामले में पुलिस राजीव को पूछताछ के लिए सरोजनी नगर थाने में ले गई थी। पुलिस का दावा है कि राजीव को जबरदस्त हृदयाघात हुआ। और जैसे ही पुलिस उन्हें अस्पताल तक पहुंचाती, राजीव के प्राण-पखेरू उड गए।
राजीव चतुर्वेदी के इण्डिया टुडे,द वीक, हिन्दू, स्टेटमेंन, द पायनियर,दैनिक जागरण,भास्कर,राजस्थान पत्रिका,नई दुनिया ,अमर उजाला,जनसत्ता,ट्रिब्यून सहित देश की विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में 50 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हुए।
पत्रकार से व्यवसायी बने राजीव चतुर्वेदी मूलतः इटावा के रहने वाले वकील खानदान से थे। राजीव मानेजाने वकील भी थे। एक धोखाधडी के मामले में नाम आने के बाद राजीव ने वकालत छोड दिया और लखनऊ में जम गए। वे आधारशिला ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने आधारशिला प्रकाशन के नाम से संस्थान शुरू किया। एक पत्रिका भी शुरू की थी बाद में यह पत्रिका बंद हो गई।
उ0प्र0 जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला ने राजीव चतुर्वेदी की मौत पर गहरा दुखः व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाए प्रकट की है और ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह दुःख की इस घडी में परिजनों को सांन्त्वना प्रदान करे।
लखनऊ इकाई के महामंत्री के0के0वर्मा, उपाध्यक्ष सुशील सहाय, भरत सिंह, रत्नाकर मौर्य, कोषाध्यक्ष मंगल सिंह, मंत्री अनुराग त्रिपाठी, एस0बी0सिह, विकास श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, पूर्व सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सक्सेना, प्रभाकर शुक्ल, डाॅ0मत्स्येन्द्र प्रभाकर, रवीन्द्र जयसवाल,सुनील टी त्रिवेदी व तारकेश्वर मिश्र ने भी वरिष्ठ पत्रकार राजीव चतुर्वेदी के निधन पर गहरा दुखः व्यक्त किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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