Archive | November 4th, 2014

बागबानांे के लिये इस माह फलोत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी तथा सुझाव

Posted on 04 November 2014 by admin

प्रदेश के उद्यान निदेशक श्री एस0पी0 जोशी ने किसानों को फलों के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि यह समय आँवला एवं अमरूद के लिये विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आँवला की फसल तैयार हो रही है। शीघ्र व मध्य समय में तैयार होने वाली प्रजातियों की तुड़ाई ग्रेडिंग व पैकिंग कर वे बाजार में इसके विपणन के लिए तैयारी शुरू कर दें। अमरूद के बाग फलत में हैं, इनमें उर्वरकों के प्रयोग के लिये यही समय उपयुक्त है। अमरूद के 06 वर्ष आयु या इससे अधिक आयु वाले पौधों को तत्व के रूप में 300 ग्राम नत्रजन, 150 ग्राम फास्फोरस एवं 300 ग्राम पोटाश प्रति वर्ष की दर से दी जाती है। इस उर्वरक की मात्रा में नत्रजन की आधी मात्रा यानी कि 150 ग्राम नत्रजन तथा पूरी फास्फोरस एवं पोटाश की मात्रा इसी माह के प्रारम्भ में पेड़ों की नीचे घेरे में फैलाकर मिट्टी में मिला देना चाहिए। बेर के बागों में भी इसी प्रकार उर्वरकों का प्रयोग किया जाना है। इसके साथ ही 15-15 दिन के अन्तराल पर हल्की सिंचाई भी करते रहें। आम की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये कीट एवं व्याधियां को नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। इस समय आम के बागों में मिलीबग कीट का प्रकोप हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए 2 प्रतिशत मिथाइल पैराथियान चूर्ण 250 ग्राम प्रति वृक्ष की दर से पेड़ के नीचे फैलाव में बुरक दंे तथा मुख्य तने पर जमीन से 7 से0मी0 ऊपर अल्काथीन/पाॅलीथीन की 400 गेज शीट की 25-30 से0मी0 चैड़ी पट्टी दोनों किनारों पर बांध दे तथा नीचे की ओर ग्रीस की मोटी तह लगा दें ताकि मादा कीट उनपर न चढ़ने पायें। मैंगों मालफार्मेशन यानी गुम्मा रोग का प्रकोप भी इस समय आम के बागों में दिखायी देता है। इसके नियंत्रण के लिए 200 पी0पी0एम0 (2 ग्राम/10 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर) नेप्थलीन एसिटिक एसिड का छिड़काव करें।
श्री जोशी ने बागबानों को ड्रिप सिंचाई पद्धति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ड्रिप सिंचाई पद्धति जिसे टपक सिंचाई प्रणाली भी कहते हैं, एक बहुत ही लाभदायक सिंचाई की विधि है। इससे सिंचाई करने से लगभग 50 प्रतिशत पानी की बचत तो होती ही है, इसके साथ ही उपज में भी 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी भी हो जाती है। इस विधि से सिंचाई करने से और भी लाभ हंै जैसे कि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होता है। बागों में अनावश्यक खरपतवार कम उगते हैं इसके माध्यम से उर्वरकों का प्रयोग भी किया जा सकता है, जिससे समय व श्रम दोनों की ही बचत होती है। उन्होंने कहा कि इस लाभदायक विधि से सिंचाई कर के अवश्य फायदा उठायें। बागों से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये खाद तथा उर्वरकों का प्रयोग बहुत जरूरी हैं। आम, कटहल, लीची के बागों में उर्वरकों के प्रयोग का समय आ गया हैं। 10 वर्ष की आयु या इससे अधिक आयु वाले प्रति वृक्ष के लिये नत्रजन व पोटाश, आधा-आधा कि0ग्रा0 जो कि वार्षिक कुल मात्रा का आधा भाग है तथा आधा कि0ग्रा0 फास्पोरस पेड़ के फैलाव में जमीन पर बिखेर कर मिट्टी में मिला दें। शेष आधा कि0ग्रा0 नत्रजन व पोटाश बाद में प्रयोग करें।
उद्यान निदेशक ने बताया कि प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में आम के शाखा गांठ कीट का जहाँ प्रकोप होता है वहां प्रभावी नियंत्रण के लिए 2-4 डी रसायन का छिड़काव यदि पिछले माह नहीं किया हो तो अब अवश्य ही 200 मि0ग्रा0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर दें। इससे गांठ खुल जायेगी तथा कीट अपना जीवन चक्र पूरा नहीं कर पायेगा, जिससे इसका प्रकोप प्रभावी रूप से नियंत्रित हो सकेगा। तने से गोंद निकलने की व्याधि से बचाव के लिए इस समय 250 ग्रा0 कापर सल्फेट, 250 ग्रा0 जिंक सल्फेट, 125 ग्रा0 बोरेक्स तथा 100 ग्रा0 चूने का प्रयोग करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 के राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुरादाबाद को निर्देशित किया गया था

Posted on 04 November 2014 by admin

उ0प्र0 के राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुरादाबाद को निर्देशित किया गया था कि अगली तिथि पर स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी क्यों न उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाये, परन्तु प्रतिवादी न तो वादी को सूचना उपलब्ध करायी और न ही उनके द्वारा कोई स्पष्टीकरण दिया गया है। उन्होंने प्रतिवादी जन सूचना अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुरादाबाद के विरुद्ध 18 सितम्बर की तिथि से 250 रुपये प्रतिदिन का अर्थ दण्ड अधिरोपित किया है, जिसकी अधिकतम सीमा 25000 रुपये है।
आदेश की प्रति जिलाधिकारी मुरादाबाद को इस आशय से भेजी गयी है कि उपरोक्त आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से आयोग को अवगत करायें, जिसकी वसूली उनके वेतन से की जाये और उक्त वसूली वेतन से न होने पर भू-राजस्व बकाये की भांति की जाये। वाद वास्ते अगली सुनवाई 23 दिसम्बर 2014 को होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नगर विकास विभाग में नोडल अधिकारी नामित

Posted on 04 November 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाआंे एवं कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार हेतु नगर विकास विभाग के अनुसचिव श्री श्रवण कुमार सिंह को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। श्री सिंह का मोबाइल नम्बर 9454413827 है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढ़़ाया -राम आसरे विश्वकर्मा

Posted on 04 November 2014 by admin

उ0 प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा है कि वर्तमान सरकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी बधाई के पात्र हैं, क्योकि उन्होंने विश्वकर्मा समाज के लोहार, बढ़ई को आई0टी0आई0 का प्रमाण पत्र देने का कार्य किया हैै। उन्होंने कुटीर उद्योग लगाने के लिए ग्राम समाज की जमीन का पट्टा देने, लोहारगीरी व बढ़ईगीरी को श्रमिक पंजीकरण के माध्यम से सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की बड़ी पहल की है तथा विश्वकर्मा जयंती का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने तथा आर्टीजन डेवलपमेन्ट बोर्ड बनाकर सभी शिल्पकारों का विकास करने की नीति को अपनाया है। उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा महासभा के अध्यक्ष श्री विश्वकर्मा ने सभी प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक कर वर्तमान सरकार द्वारा संचालित सभी कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुचाने तथा इनका प्रचार प्रसार करने के साथ विश्वकर्मा महासभा के सभी जिला समितियों, महानगर समितियों, युवा एवं महिला समितियों के कार्यकर्ताओं को दो महीने के अन्दर संगठन को पुर्नगठित कर इसे सक्रिय करने के निर्देश दिये।
उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा महासभा के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा गत दिवस विश्वकर्मा मंदिर, मकबूलगंज, लखनऊ में महासभा के प्रदेश एवं जिला कमेटी के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिल्पकारों एवं दस्तकारों के विकास के लिए वर्तमान सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशानुरूप सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों व उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाए और सरकार की कार्यप्रणाली को मजबूत करने में अपना अधिक से अधिक योगदान दे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के प्रयास से ही विश्वकर्मा समाज का प्रदेश में सम्मान बढ़ा और इनकी पहचान बनी।
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि 25 दिसम्बर 2014 को पूर्व राष्ट्रपति स्वःज्ञानी जैल सिंह के पुण्य तिथि के अवसर पर विश्वकर्मा समाज का प्रदेश स्तरीय महासम्मेलन  आयोजित करना है, और पूरे समाज की एकता को बनाए रखना है।
बैठक में श्री अशोक विश्वकर्मा, बृजेश विश्वकर्मा, अच्छेलाल विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, विश्वनाथ विश्वकर्मा, राजवीर विश्वकर्मा, लवकुश विश्वकर्मा, छोटे सिंह विश्वकर्मा, तथा राजपाल विश्वकर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश में 8440 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति

Posted on 04 November 2014 by admin

उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8440 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही थी।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2567 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 334 मेगावाट, अनपरा से 916 मेगावाट, पनकी से 77 मेगावाट, हरदुआगंज से 503 मेगावाट तथा पारीछा से 737 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 175 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 3509 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 100 मेगावाट, रोजा से 765 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 361 मेगावाट तथा लैन्को से 963 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सचिवालय में एन0आर0आई0 विभाग का स्वतंत्र अनुभाग गठित

Posted on 04 November 2014 by admin

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अप्रवासी भारतीयों की समस्याओं के निराकरण के लिए जो एन0आर0आई विभाग गठित किया गया है उसके कार्यों के सम्पादन हेतु सचिवालय में एक स्वतंत्र एन0आर0आई0 अनुभाग सृजित किया गया है।
यह जानकारी सचिवालय प्रशासन के सचिव श्री प्रभात मित्तल ने दी। उन्होंने बताया कि इस अनुभाग द्वारा प्रदेश के अप्रवासी भारतीयों (एन0आर0आई0/पी0आई0ओ0/ओ0सी0आई)/उत्प्रवास स्वीकृत प्राप्त व्यक्तियों की समस्याओं के निष्पादन से जुड़े विभिन्न कार्य स्वतंत्र एवं सुचारू रूप से सम्पादित किये जायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश में 51 कामधेनु डेरियाँ स्थापित

Posted on 04 November 2014 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार की सक्रियता से पूरे प्रदेश में 51 कामधेनु डेरियों की स्थापना की जा चुकी है। इन डेरियों द्वारा 30 हजार लीटर दूध का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मिनी कामधेनु डेरियों की स्थापना हेतु भी लाभार्थी पशुपालकों को शासन द्वारा अनुमन्य सुविधायें उपलब्ध कराते हुए उन्हें डेरियों की स्थापना के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने कामधेनु तथा मिनी कामधेनु डेरियों की स्थापना हेतु बैंकों द्वारा लाभार्थिंयों को वित्तीय ऋण शीघ्र स्वीकृत किये जाने हेतु समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों/सी0डी0ओ0 तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों एवं बैंक के शीर्ष अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि कामधेनु/मिनी कामधेनु डेरियों की स्थापना के इच्छुक व्यक्तियों, किसानों तथा पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर संबंधित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से सम्पर्क करके सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एचडीएफस्ी एर्गो आर्ट इंष्योरेंस ने लखनऊ में ‘‘आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स‘‘ का प्रायोजक बना

Posted on 04 November 2014 by admin

एचडीएफसी एर्गो जनरल इंष्योरेंस कंपनी, लखनऊ के क्लाक्र्स अवध में आयोजित होने वाले इंटरनेषनल आर्ट रेसीडेंसी प्रोग्राम ‘‘आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स‘‘ को प्रयोजित कर रही है। इस प्रोग्राम का आयोजन 26-31 अक्टूबर 2014 तक किया जायेगा। कला एवं तहजीब के शहर में रेसीडेंसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बांग्लादेष और भारत के पेंटरों की मेजबानी करेगी।
कला के प्रति जागरुकता, सार्वजनिक जानकारी, समझ और सराहना में बढ़ोत्तरी के कारण कलात्मक वस्तुओं के मूल्य में पिछले कुछ वर्षों में अद्भुत वृद्धि देखने को मिली है। फाइन आर्ट, एंटीक फर्नीचर, संगीत उपकरण, मूर्तियों व अन्य महत्वपूर्ण संग्रहणीय वस्तुओं को संपदा के रूप में देखा जाने लगा है। इनके मूल्य मंे लगातार वृद्धि हो रही है। बीते कुछ वर्षों में भारतीय कला बाजार में 500 प्रतिषत से अधिक की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। पेंटिग्स एवं एंटीक्स जैसी कलात्मक वस्तुओं के बढ़ते दामों के मद्देनजर, इन मूल्यवान वस्तुओं का बीमा कराना अनिवार्य हो गया है। इसलिए, भारत में कला के शौकीनों में आर्ट इंष्योरेंस नामक अवधारणा जोर पकड़ रही है। इसमें व्यक्तियों के साथ-साथ काॅर्पोरेट भी शामिल हैं।
बाजार के सामथ्र्य पर चर्चा करते हुये श्री रितेष कुमार, प्रबंध निदेषक एवं सीईओ, एचडीएफसी एर्गो ने कहा, ‘‘कला भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और भारत को कला से अलग करना कठिन है। कला के कई रूप लुप्त होने के कगार पर हैं, ऐसे में कला के शौकीन, जो भी कुछ शेष रह गया है, उसके संरक्षण को लेकर सजग हो गये हैं। इसलिए, आर्ट इंष्योरेंस कला के कारोबारियों के लिए उपयुक्त संरक्षण उत्पाद है। मूल्यवान कलात्मक वस्तुओं की भारी संख्या को देखते हुये, भारत में बीमा करने योग्य कला का मूल्य लगभग 1 बिलियन डाॅलर (6000 करोड़ रूपये) है। चूंकि, हम संरक्षण के व्यवसाय में संलग्न हैं, हमारा दृढ़ विष्वास है कि सभी रूपों में कला की सुरक्षा की जानी चाहिये। इस परिसर में एचडीएफसी एर्गो आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स के साथ सहयोग कर रहा है।‘‘
आर्ट बियाॅन्ड बाॅर्डर्स का आयोजन सीमा पार कला का उत्सव मनाने के लिए किया जाता है। बांग्लादेष और भारत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात कलाकार रेसीडेंसी में अपने विषिष्ट कार्य का प्रदर्षन करेंगे। बांग्लादेष के पेंटरों में रफीकुन नबी, शहाबुद्दीन अहमद, जमाल अहमद, निसार हुसैन, रूकैया सुल्ताना, कनकचम्पाचकमा, मोनिरूज्जमान, शम्सोद्दोहा, शेख अफजल, रंजीत दास, कुहू पलमोंदन और सुलेखा चैधरी शामिल हैं। अपनी कला का प्रदर्षन करने वाले भारतीय कलाकारों में धीरज चैधरी, तपन मित्रा, जतिन दास, आर बी भास्करन, सुदीप राॅय, प्रणाम सिंह, सीमा कोहली, आनंदमय बनर्जी, सुषांत गुहा, अपर्णा कौर, बृंदा मिलर और सपन दास शामिल हैं।
मषहूर भारतीय पेंटर श्री जतिन दास ने कहा, ‘‘लखनऊ शहर की कला के विविध रूपों में लंबी परंपरा रही है, इसलिए आर्ट रेसीडेंसी के आयोजन के लिए यह आदर्ष स्थान है तथा एचडीएफसी एर्गो जैसी प्रतिष्ठित कंपनी से अनुमोदन इस प्रोग्राम को सुदृढ़ साख प्रदान करता है।‘‘ रेसीडेंसी की समाप्ति के बाद फाइनल प्रदर्षनी का आयोजन नई दिल्ली में हैबिटैट विजुअल आर्ट गैलरी में किया जायेगा।
कला की विषाल धरोहर के बावजूद, आर्ट इंष्योरेंस भारत में अभी भी नयी अवधारणा है। ठेठ आर्ट इंष्योरेंस परिवहन, रिस्टोरेषन एवं फ्रेमिंग के दौरान होने वाले जोखिम को कवर करता है। गैलरी परिसर में कलात्मक वस्तुओं के प्रबंधन में कई सारे जोखिम होते हैं, जिन्हें बीमा में कवर किया जा सकता है। यह प्राकृतिक आपदा, अप्रत्याषित नुकसान और आतंकवादी नुकसान के प्रति भी कवर विस्तारित करता है।
एचडीएफसी एर्गो द्वारा भारत में कला के शौकीनों के लिए आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी के रूप में बीमा की पेषकष की जाती है। इसे काॅर्पोरेट कलेक्टर्स, व्यक्तिगत कलेक्टर्स (कला के घोर समर्थक एवं पहली बार के खरीदार), फाइन आर्ट डीलर्स, म्यूजियम, एंटीक डीलर्स और कला प्रदर्षनियों की जरूरतों की पूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है। एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी बीमित संपदा को व्यापक संरक्षण प्रदान करती है। इसमें बीमित संपदा का भारत में परिवहन भी शामिल है।
एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी के अंतर्गत कवरेज में किसी भी कारण से कोई भी अप्रत्याषित एवं अचानक हुआ भौतिक नुकसान शामिल है। यह पाॅलिसी ‘वाॅल टु वाॅल‘ आधार पर इधर-उधर करने, कारोबार अथवा पेषे के उद्देष्य के लिए उल्लिखत शेड्यूल में क्षेत्रीय सीमा में भंडारण समेत परिसर में प्रदर्षन के दौरान बीमित संपदा को भी कवर करती है।
आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी का प्रीमियम सम इंष्योर्ड, कला के प्रकार (एंटीक फर्नीचर, संगीत वाद्य, मूर्तियों), परिसर में उपलब्ध सुरक्षा उपाय, कवरेज, भौगोलिक सीमाओं और कलेक्टर के प्रकार जैसे घटकों पर निर्भर करता है।
अतिरिक्त प्रीमियम के लिए, एचडीएफसी एर्गो की आर्ट इंष्योरेंस पाॅलिसी को निम्नलिखित कवर में विस्तारित किया जा सकता है:
ऽ    डिफेक्टिव टाइटल
ऽ    स्वतः बहाली
ऽ    ताले-चाबी का रिप्लेसमेंट
ऽ    अस्थायी भंडारण लागत
ऽ    प्रदर्षनी कवरेज

श्री रितेष कुमार ने कहा, ‘‘धनाढ्य लोगों एवं युवा उद्यमी जोकि कला को निवेष अवसर के रूप में देखते हैं तथा भारतीय आर्ट वर्क कलेक्टर्स के चलन में बढ़ोतरी कला बाजार में विकास के मुख्य संचालक हैं। एचडीएफसी एर्गो का आर्ट इंष्योरेंस इस बढ़ते वर्ग के लिए एकदम उपयुक्त उत्पाद है।‘‘

एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विषय में:
एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड देश की अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस संस्थान एचडीएफसी लिमिटेड तथा म्युनिक रे ग्रुप की अग्रणी बीमा कंपनी एर्गो इंटरनेशनशल एजी के बीच का संयुक्त उपक्रम है। इसमें दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत तथा 26 प्रतिशत है। एचडीएफसी इर्गो मोटर, हेल्थ, ट्रैवल से लेकर खुदरा क्षेत्र में होम एवं पर्सनल एक्सीडेंट के आम बीमा उत्पादों से लेकर काॅर्पोरेट क्षेत्र में प्राॅपर्टी, मरीन, लाएबिलिटी इंष्योरेंस जैसे विषिष्ट रूप से निर्मित उत्पादों की सम्पूर्ण श्रृंखला की पेषकष करती है।

एचडीएफसी एर्गो देशव्यापी स्तर पर अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है और वर्तमान समय में 89 शहरों में इसके 108 शाखा कार्यालय कार्यरत हैं और इसके कर्मचारियों का आधार 1900 से अधिक है। कंपनी के नेटवर्क का दायरा काफी व्यापक है, जिसमें ब्रोकर्स, रीटेल एवं काॅरपोरेट एजेंट्स, बैंकाएश्योरेंस के साथ-साथ कंपनी का अपना सेल्स फोर्स भी शामिल है। एचडीएफसी एर्गो को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा द्वारा ‘आईएएए‘ की रेटिंग प्रदान की गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि कंपनी अपनी देनदारियों को चुकाने में सक्षम है। कंपनी को इसके दावा निपटान कार्यक्रमों के लिये आईएसओ प्रमाण पत्र भी प्राप्त है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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केएसएस, सोनी 4के के संग भारत में लाए सर्वोत्तम सिनेमा के अनुभव

Posted on 04 November 2014 by admin

देष की अग्रणी डिजिटल मीडिया एण्टरटेनमेंट कंपनी केएसएस लि0 भारत के प्रोजेक्षन बिजनेस में 4के सिनेमा टेक्नालाॅजी सोनी काॅर्पोरेषन हांगकांग के साथ लेकर आये हैं। सोनी के साथ हुए इस समझौते के चलते केएसएस भारत की ऐसी पहली कंम्पनी हो गई है जो दर्षकों को 4के सिनेमा का उच्चतम अनुभव करायेगी। समझौते के अनुसार केएसएस लि0 पूरे देष के थिएटर और मल्टीप्लैक्सेस को सोनी 4के प्रोजेक्टर उपलब्ध करायेगी।
विनिता द्विवेदी, सीईओ (के षेरा षेरा डिजिटल सिनेमा प्रा0 लि0) ने कहा, ’’केएसएस का ध्यान सिनेमा में सर्वोच्च तकनीक और अन्वेशण प्रदान करना रहा है। केएसएस लि0 ने अगले 2-3 सालों में सोनी की मदद से 3000 स्क्रीन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वर्तमान प्रोजेक्षन बिजनेस को देखते हुए केएसएस को इस लक्ष्य को प्राप्त करने का भरोसा है। इस समझौते से केएसएस को भारतीय बाजार में फीस पर आधारित इस तकनीक को लागू करने से कंपनी तथा इसके षेयरधारकों को लाभ पहंुचेगा। सीईओ विनीता द्विवेदी ने कहा कि भारतीय बाजार इतना बडा है कि मार्केटिंग प्रयासों से फीस आधारित आय से कंपनी को अगले कुछ वर्शों में अच्छे खासे राजस्व की प्राप्ति होगी। उन्होनें बताया अगले डेढ वर्शों में 270 4के प्रोजेक्टर लगाने में 150 करोड रूपये का अनुमानित खर्च आयेगा।
पिछले कुछ वर्शों में वैष्विक स्तर पर डिजिटल सिनेमेटोग्राफी का स्वरूप तेजी से बदला है जिसके चलते रेजोल्यूषन, कलर और कन्ट्राॅस्ट की गुणवत्ता में बढोत्तरी हुई है। डिजिटल टेक्नालाॅजी की मदद से सम्पूर्ण सिनेमा का  अनुभव 4के तकनीक से सम्पन्न होगा।
हालांकि भारत में ज्यादातर मल्टीप्लैक्सेस अभी भी 2के प्रोजेक्टर इस्तेमाल में ला रहे हैं जिसकी इमेज 2000 पिक्सेल की होती है जबकि 4के डिजिटल तकनीक इससे 4 गुना क्षमता की इमेज के साथ बेहतर चाक्षुश अनुभव देता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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sa@upnewslive.com

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