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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2017 को रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आयोजित कराया जायेगा: मुख्यमंत्री

Posted on 14 May 2017 by admin

प्रधानमंत्री जी के साथ-साथ लगभग 55 हजार प्रतिभागी करेंगे योग: योगी जी

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम हेतु रमाबाई अम्बेडकर मैदान उपयुक्त: केन्द्रीय गृह मंत्री

press-22मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री एवं राज्य मंत्री आयुष मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले योग कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि 21 जून, 2017 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में योग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों, तहसीलों एवं विकास खण्डों के सार्वजनिक स्थानों, विद्यालयों एवं पार्कों में भी व्यापक रूप से योग-कार्यक्रम आयोजित कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में सामाजिक संगठनों एवं आम नागरिकों की उत्सुकता को दृष्टिगत रखते हुए उनकी भागीदारी सुनिश्चित करायी जायेगी। इसके साथ ही, लखनऊ में आयोजित होने वाले योग कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को लाने एवं ले जाने हेतु यातायात की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं राज्य मंत्री आयुष मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाइक के साथ लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले योग कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को योगा-मैट, टी-शर्ट के साथ-साथ रीफ्रेशमेण्ट की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित होने वाले योग कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी के साथ लगभग 55 हजार लोग भाग लेंगे। कार्यक्रम में इच्छुक लोगों के लिए पंजीयन की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यक्रम शासकीय नहीं, बल्कि जनसामान्य योग कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन हेतु अनेकों शैक्षिक संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों ने भाग लेने की रुचि दिखाते हुए बढ़चढ़ कर सहयोग प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की है।
योगी जी ने इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश देते हुए कहा कि लखनऊ नगर के अन्य सार्वजनिक स्थानों एवं पार्कों में आम नागरिकों की सुविधा हेतु एल0ई0डी0 स्क्रीन लगाकर लाइव टेलीकास्ट कराया जायेगा ताकि आम नागरिक अपनी सुविधानुसार विभिन्न पार्कों में योग कर सके। उन्होंने योग कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए 28 दिन का प्रशिक्षण योग कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश भी दिये हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के प्रस्तुतिकरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसको देखने से स्पष्ट है कि लखनऊ में आयोजित होने वाला योग कार्यक्रम व्यापक एवं सफल होगा। उन्होंने आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराने का आग्रह करते हुए कहा कि रमाबाई अम्बेडकर मैदान कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु उचित स्थान है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्री आशुतोष टण्डन, श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय एवं श्रीमती स्वाति सिंह सहित भारत एवं प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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राज्य की अधिकांश आबादी की कृषि पर निर्भरता को देखते हुए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है: मुख्यमंत्री

Posted on 13 May 2017 by admin

20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेज किया जाए

कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों
को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए

प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए: योगी जी

पहली बार राज्य में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत
लगभग 13,000 कु0 आलू क्रय किया गया

केन्द्रीय योजनाओं को समयबद्ध रूप से लागू करने से किसानों
की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा: केन्द्रीय कृषि मंत्री

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री के साथ कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य सम्बन्धी योजनाओं की समीक्षा की
upcm-yogiउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का काम शुरु किया गया है। उन्होंने प्रदेश में स्थापित होने वाले 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा कि अब इन केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेजी से शुरु किया जाए, जिससे इनका लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिल सके।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह के साथ कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य सम्बन्धी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पहले से स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यहां तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए। उन्होंने  प्रमुख सचिव, कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए।
योगी जी ने विगत कुछ वर्षों में किसानों एवं कृषि की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश के किसानों विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई, भण्डारण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध न कराए जाने के कारण इन क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर काफी कमजोर है। इस वर्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए 3,384 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 66 मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने का प्रयास तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में भी इण्टर मण्डी टेªड के तहत जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाते हुए किसानों को पंजीयन शुल्क आदि में पर्याप्त राहत प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि समेकित बागवानी विकास योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को उनकी उपज का प्रभावी मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य योजना को गम्भीरता से लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में वर्तमान राज्य सरकार ने गेहूं क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों से गेहूं क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को देखते हुए पहली बार राज्य में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लगभग 13,000 कुन्टल आलू क्रय किया गया। इस योजना के लागू हो जाने से प्रदेश में आलू के थोक भाव में 100 रुपए प्रति कुन्टल तक की वृद्धि हुई, जिसका सीधा लाभ आलू किसानों को प्राप्त हुआ।
प्रदेश में पशुपालन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के अलावा केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय गोकुल ग्राम योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी एवं मथुरा में गायों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए गोकुल ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस योजना के तहत करीब 03 केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 01 बुन्देलखण्ड क्षेत्र में होगा। इसी प्रकार भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग कर गुणवत्तायुक्त गोवंश की वृद्धि का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को इस योजना को पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति को बड़े पैमाने पर सुधारा जा सकता है। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2015 में समेकित सहकारी विकास योजना के तहत प्रदेश को 401 करोड़ रुपए स्वीकृत करते हुए 257 करोड़ रुपए अवमुक्त भी किए गए थे। लेकिन इस सम्बन्ध में अब तक प्राप्त की गई प्रगति से केन्द्र सरकार को अवगत नहीं कराया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों की स्थिति ठीक नहीं है। इस मामले में वर्तमान राज्य सरकार रणनीति बनाकर कार्य करने के लिए संकल्पबद्ध है।
योगी जी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश की बड़ी आबादी की कृषि पर निर्भरता को देखते हुए यहां हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिए। उन्होंने आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 05 फार्म मशीनरी टेस्टिंग एण्ड टेªनिंग इन्स्टीट्यूट की स्थापना कराए जाने पर बल दिया, जिससे कृषि यंत्रों की उपयोगिता बढ़ सके। इसके साथ ही, 04 आधुनिक बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, 25 नई मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में दो-दो आधुनिक संयत्र की उपलब्धता, किसानों को कृषि निवेशों की सुविधा हेतु इस वर्ष 100 किसान कल्याण केन्द्रों की स्थापना के अलावा राज्य में धान तथा गेहूं के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध केन्द्र स्थापित कराने का भी आग्रह किया।
योगी जी ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 05 सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के लिए प्रेषित की गई योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने का अनुरोध किया। साथ ही, उन्होंने ‘ए’ श्रेणी में चिन्हित अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, बाबूगढ़, जनपद हापुड़ में  वर्गीकृत वीर्य उत्पादन हेतु लैब स्थापित करने तथा जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना के तहत अधिक से अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्र में आगामी पांच वर्षों में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2967 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया। इसी प्रकार उन्होंने मत्स्य तथा सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध करते हुए प्रदेश की प्रारम्भिक ऋण समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 225 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की 323 शाखाओं को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए 11.50 करोड़ रुपए आदि सहयोग उपलब्ध कराने की भी अपेक्षा की।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के किसानों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से लागू कराते हुए अधिक से अधिक किसानों को आच्छादित कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत स्मार्ट फोन के उपयोग को बढ़ावा देने तथा क्लस्टर बनाकर योजना के तहत कम्पनियों से टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे। इसी प्रकार स्वायल हेल्थ कार्ड योजना को भी तेजी से लागू किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी 271 डार्क जोन को आच्छादित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे जहां भूमिगत जल के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं किसानों की उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कृषि, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य आदि विभागों के तहत संचालित केन्द्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विगत तीन वर्षों में कई योजनाओं की धनराशि का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इन योजनाओं को समयबद्ध रूप से पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए तो राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा। उन्होंने राज्य सरकार को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। यदि यहां के किसानों तथा पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तो इसका प्रगटीकरण देश की अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

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आई0जी0आर0एस0 के तहत राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित सन्दर्भों के निस्तारण में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही के समय स्थलीय निरीक्षण टिप्पणी पर दो स्थानीय निष्पक्ष गवाहों के नाम, स्पष्ट हस्ताक्षर एवं मोबाइल नम्बर दर्ज करने के निर्देश

Posted on 13 May 2017 by admin

*आई0जी0आर0एस0 पर आख्या फीड करते समय भी साक्षीगण के नाम और मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित किए जाएं*
*स्थलीय निरीक्षण किए बिना कार्यालय स्तर पर ही आख्या तैयार करके शिकायतों का निस्तारण करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश*
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली(आई0जी0आर0एस0) के तहत राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित ऐसे सन्दर्भों, जिनके निस्तारण में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही की जानी है, में स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही के समय तैयार की जाने वाली स्थलीय निरीक्षण टिप्पणी (स्पाॅट मेमो) पर दो स्थानीय निष्पक्ष गवाहों के नाम एवं स्पष्ट हस्ताक्षर उनके मोबाइल नम्बर के साथ दर्ज कराया जाए। साथ ही, आई0जी0आर0एस0 पर आख्या फीड करते समय भी साक्षीगण के नाम और मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित किए जाएं।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई0जी0आर0एस0) में आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ ही, किन्हीं गवाह विशेष के नाम एवं मोबाइल नम्बर एक से अधिक बार अंकित न किए जाने की भी अपेक्षा की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली(आई0जी0आर0एस0) द्वारा विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है। इनमें राजस्व एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित शिकायतें अधिक संख्या में प्राप्त होती हैं। सन्दर्भों के निस्तारण के पश्चात, शिकायतकर्ता या आवेदक द्वारा अंकित किए जाने वाले फीडबैक के परीक्षण से यह तथ्य प्रकाश में आया कि जिन सन्दर्भों के निस्तारण के लिए स्थलीय निरीक्षण या कार्यवाही की जानी अपेक्षित है, उनमें भी स्थलीय निरीक्षण किए बिना कार्यालय स्तर पर ही आख्या तैयार करके शिकायतों का निस्तारण कर दिया जा रहा है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं।

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सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग
की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाए

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड पैकेज के विस्तार का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री ने कार्यकारी ग्रुप गठित करने के
उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया

उत्तर प्रदेश नीति आयोग की
‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा

‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए प्रदेश में
‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी: मुख्यमंत्री

नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में
पूरा सहयोग देगा: उपाध्यक्ष नीति आयोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां योजना भवन में नीति आयोग के साथ आयोजित बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के सम्बन्ध मंे आवश्यक बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत भारत सरकार से सभी स्तरों पर सहयोग की अपेक्षा होगी।press-34
श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर राज्य में 500 या उससे अधिक आबादी वर्ग की समस्त बसावटें ‘आॅल वेदर रोड’ से संतृप्त हैं। उन्होंने नीति आयोग से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब 250 से 499 आबादी वर्ग की पक्के मार्गाें से अब तक नहीं जुड़ी बसावटों को ‘आॅल वेदर रोड’ से जोड़े जाने की योजना पर काम किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं में बी0पी0एल0 परिवारों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वर्तमान समय में जिस सर्वेक्षण के आधार पर कार्य किया जा रहा है वह काफी वर्ष पुराना होने के कारण जमीनी वास्तविकताओं से काफी भिन्न है। उन्होंने प्रत्येक 05 वर्ष में बी0पी0एल0 सर्वे कराए जाने की वकालत की।
श्री योगी ने बुन्देलखण्ड पैकेज की अवधि समाप्त होने के मसले को नीति आयोग के संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी भी समन्वित विकास की दिशा में बहुत से कार्य कराए जाने शेष हैं। उन्होंने पैकेज के विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रस्ताव विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नीति आयोग इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगा।press-13
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खारे पानी, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित जल की विकट समस्या के स्थायी समाधान हेतु बड़े पैमाने पर सरफेस सोर्स आधारित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए नीति आयोग से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने आज नीति आयोग के साथ हुई सकारात्मक चर्चा के क्रम में विभिन्न विभागों के लिए कार्यवाही के बिन्दु तय करने के लिए एक कार्यकारी ग्रुप गठित करने के उपाध्यक्ष नीति आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया।
श्री योगी ने नीति आयोग के साथ बैठक में हुई चर्चा के दौरान उभरने वाले बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार को 10 प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा। ऐसी वृद्धि से ही राज्य में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विकास सर्वाधिक आवश्यक है। कानूनी प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कानूनों का सरलीकरण अपेक्षित है।press-23
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के धन का सदुपयोग पारदर्शिता के साथ करना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी ठेकों इत्यादि में ई-टेण्डरिंग अनिवार्य करने के निर्णय की सभी ओर से प्रशंसा हो रही है। उन्हांेने चिंता व्यक्त की कि राज्य की प्रगति पिछले वर्षाें में आवश्यकता से कम हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराए गए कार्याें की गुणवत्ता के सम्बन्ध में नीति आयोग द्वारा प्रकट की गई चिंता का समाधान करना होगा।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, नीति आयोग की ‘डेवलपमेन्ट सपोर्ट सर्विस’ योजना में भागीदार बनेगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को जैविक कम्पोस्ट का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों के बीच सामुदायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना होगा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ‘अन्ना प्रथा’ की सीमित करने के लिए वहां खरीफ फसल की बुआई बढ़ानी होगी। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा कर इस दिशा में प्रयास करने होंगे।
‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए ‘आॅनलाइन पोर्टल व्यवस्था’ लागू की जाएगी। सरकारी फाॅर्माें में स्वःप्रमाणन व्यवस्था लागू की जाएगी। गांवों के विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला समूहोें को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार बाल विकास, बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान प्रदेश के विकास के सम्बन्ध में दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गम्भीरता से कार्य करेगी और उन्हें धरातल पर उतारेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग द्वारा सहकारी संघवाद की सोच के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोग की प्रशंसा की।
इससे पूर्व, बैठक को ‘सम-अप’ करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि उत्तर प्रदेश पिछले कुछ वर्षाें में विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, परन्तु अब मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार आवश्यक निर्णय तेजी से लेकर उन्हें लागू कर रही है। नीति आयोग उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में पूरा सहयोग देगा। किसी भी देश अथवा प्रदेश की प्रगति के लिए सबसे पहले कृषि में प्रगति सबसे आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जापान, सिंगापुर इत्यादि जैसे विकसित देशों ने पहले अपनी कृषि पर ध्यान दिया फिर उद्योगों पर अपना फोकस किया।
श्री पनगढ़िया ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए कृषि में सुधारांे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ के लिए उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी, ताकि प्रदेश की ओर घरेलू तथा विदेशी निवेशक आकर्षित हों। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने फाउण्डेशनल लर्निंग पर फोकस करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने सभी स्तर की कक्षाओं में ‘टेस्ट’ को अनिवार्य करने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल व्यवस्था इत्यादि पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नीति आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त ग्रुप गठित करने का भी सुझाव दिया जो राज्य की प्रगति के विषय में अपनी सिफारिशें देगा।

इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारी, राज्य सरकार के मंत्रिगण तथा प्रदेश के मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एवं गरीबों के सशक्तिकरण का नया युग प्रारम्भ हुआ: मुख्यमंत्री

Posted on 10 May 2017 by admin

नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा

प्रदेश की वर्तमान विकास दर को बढ़ाने की सख्त जरूरत: श्री योगी

कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर
किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा

राज्य सरकार मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है

नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम किया जा रहा है

औद्योगिकीकरण के लिए भूमि बैंक बनाया जा रहा है

उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही
तथा इंस्पेक्टर राज समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की
पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है

प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम
एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का काम करेगी

राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने
के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित

राज्य सरकार मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए
आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी
प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल
उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है

प्रदेश के सभी नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018
तक ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित

गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले
परिवारों का प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के

उच्चस्तरीय दल द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में सम्मिलित हुए

press-34 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में परिवर्तन, विकास एंव गरीबों के सशक्तिकरण का एक नया युग प्रारम्भ हुआ है। विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों को तेजी से बढ़ाते हुए आर्थिक विकास दर को 10 प्रतिशत तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसा होने पर ही राज्य को विकास के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। इसके लिए कृषि जैसे प्राथमिक सेक्टर के साथ-साथ उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ व टैक्स रिफाॅर्म जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग से प्राप्त सुझाव पर गम्भीरता से अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में नीति आयोग तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के उच्चस्तरीय दल द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संसाधनों के मामले में उत्तर प्रदेश को एक सम्पन्न राज्य बताते हुए कहा कि करीब 22 करोड़ की आबादी वाला यह प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद विकास के सूचकांकों में पिछड़ा माना जाता है।
press-13 मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को एक कृषि प्रधान राज्य बताते हुए कहा कि यहां की लगभग 77 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। प्रदेश के कुल ग्रामीण परिवारों का लगभग 75 प्रतिशत परिवार कृषक है। इनमें से लगभग 65 प्रतिशत परिवारों की आय का मुख्य स्रोत कृषि ही है। जबकि इस क्षेत्र में वास्तविक आमदनी बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012-13 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय जहां 36 हजार रुपए थी, वहीं 2016-17 में करीब 53 हजार रुपए अनुमानित है। इस प्रकार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से लगभग आधी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रदेश की विकास दर 7.4 प्रतिशत आकलित की गई है, जिसे बढ़ाए जाने की सख्त जरूरत है।
प्रदेश की आबादी का अधिकांश भाग कृषि क्षेत्र पर निर्भर होने के नाते इस क्षेत्र को मजबूत बनाने की प्राथमिकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब कृषि उत्पादन एवं कृषि उत्पादकता, दोनों में वृद्धि की जाए। इसके लिए किसानों को नवीन तकनीक से जोड़ने, कृषि में निवेश बढ़ाने तथा कृषि के लिए वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्रकार के मूल्य संवर्धन कार्यकलापों को बढ़ाने तथा मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ने पर बल दे रही है।
press-23प्रदेश की विकास दर को बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देने की तत्काल जरूरत पर बल देते हुए श्री योगी ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार लाया जा सकता है। राज्य सरकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक नीति पर तेजी से काम कर रही है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण को गति प्रदान की जा रही है। बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप देने तथा औद्योगिकीकरण के लिए भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि बैंक बनाया जा रहा है।
नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए उद्योगों की स्थापना में लाल फीताशाही तथा इंस्पेक्टरराज की दखलंदाजी समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाने के लिए औद्योगिकीकरण से सम्बन्धित समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार जी0एस0टी0 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विद्युत जैसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न निर्णयों की जानकारी देते हुए श्री योगी ने कहा कि 14 अप्रैल, 2017 से रात्रिकालीन विद्युत आपूर्ति सहित प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों को 20 घण्टे, ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति शुरु कर दी गई है। अक्टूबर, 2018 से पूरे प्रदेश को चैबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर बदलने के लिए भी सख्त कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे में तथा शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे में खराब ट्रांसफार्मर को बदला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को तकनीकी रूप से दक्ष श्रम शक्ति उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार प्रत्येक इच्छुक परिवार के कम से कम एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने का काम करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश के औद्योगिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक किए गए प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए नीति आयोग की विशेषज्ञता एवं अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।
राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में अभी और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने मातृ एवं शिशु की वर्तमान मृत्यु दर पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार वर्तमान मृत्यु दर को तेजी से घटाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए कृत संकल्पित है।
प्रदेश सरकार प्रत्येक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना का विकास करेगी। नियमित टीकाकरण अभियान की गुणवत्ता को सुधारते हुए इसे और अधिक व्यापक बनाने तथा संस्थागत प्रसव को शत्-प्रतिशत पहुंचाने के लिए सख्ती से काम किया जाएगा। लिंगानुपात को सुधारने के लिए चिन्हित जनपदों में बेटियों के प्रति प्रेम की सामाजिक चेतना जाग्रत कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। शिक्षा के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सभी बालक-बालिकाओं के लिए निःशुल्क, समान एवं गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुलभ कराने के लिए काम किया जाएगा।
प्रदेश के विकास में आर्थिक एवं क्षेत्रीय विषमता को कम करना एक बड़ी चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या है। प्रदेश के लगभग 92 प्रतिशत किसान सीमान्त एवं लघु कृषक की श्रेणी में आते हैं। इन सभी वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए लक्ष्य आधारित नीति एवं योजना तैयार की जाएगी।
कृषि को अधिकाधिक लाभकारी बनाने के साथ ही रोजगार के वैकल्पिक स्रोतों का भी विकास किया जाएगा। गरीबों विशेषकर मजदूरों एवं भूमिहीनों के लिए आजीविका एवं आय की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में नीति आयोग के भी सुझाव को अमल में लाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा कौशल उन्नयन पर बल दिया जाएगा।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। जलापूर्ति परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों को समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता के साथ पूरा कराने के साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा प्रदेश के मध्य एवं पश्चिम क्षेत्रों में गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। इस मामले में नीति आयोग से तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर विशेष रूप से डार्क एवं ग्रे जोन में तालाबों के निर्माण की योजना बना रही है ताकि स्थानीय स्तर पर लोग भूमिगत जल के बजाय इन जल स्रोतों पर निर्भर होने की आदत डाल सकें। प्रदेश के सभी 654 नगर निकायों को 02 अक्टूबर, 2018 तक शत्-प्रतिशत ओ0डी0एफ0 बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों (बी0पी0एल0) के लिए प्रत्येक 05 वर्ष में सर्वेक्षण कराने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे बी0पी0एल0 परिवारों की सूची अद्यतन करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रयोग की जा रही नवीनतम तकनीक, नई सोच और अभिनव प्रयोग को आवश्यकतानुसार उत्तर प्रदेश में भी लागू करने के लिए काम कर रही है, जिससे विकास योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने सीमित संसाधनों में बेहतर परिणाम प्राप्त करने तथा संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में नीति आयोग से मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया है।
इससे पूर्व, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ0 अरविन्द पनगढ़िया ने ट्रांसफाॅर्मिंग उत्तर प्रदेश शीर्षक के तहत विस्तार से विभिन्न बिन्दुओं पर तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार 09 फीसदी की वृद्धि दर भी प्राप्त कर ले तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति में गुणात्मक सुधार हो जाएगा। उन्होंने तेज गति से विकास पर बल देते हुए कहा कि परम्परागत ढंग की कार्यप्रणाली से विकास को तेजी से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अमिताभ कान्त ने विद्युत उत्पादन की दर कम करने, विद्युत वितरण कम्पनियों की क्षमता में विकास तथा ‘उदय’ को प्रभावी रूप से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण सम्पर्क मार्ग, हेल्थ इंडेक्स तथा गरीबी उन्मूलन जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए प्रदेश में सुधार की सम्भावनाओं को रेखांकित किया।
नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चन्द्र ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए प्रदेश के विकास के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत पर बल दिया।
इसी प्रकार भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव श्री रमेश अभिषेक ने ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ तथा स्टार्टअप कार्यक्रम, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं आवास से सम्बन्धित विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में स्वास्थ्य, कुपोषण, शिक्षा, पेय जल तथा स्वच्छता आदि विषयों पर भी भारत सरकार एवं नीति आयोग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिया।
इससे पूर्व नीति आयोग की इस पहल का स्वागत करते हुए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित अच्छी योजनाओं को प्रदेश की परिस्थितियों के हिसाब से लागू करने पर विचार करेगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, श्रीमती अनुपमा जयसवाल, डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सविच/सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा किया गया।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 10 May 2017 by admin

*नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला*

मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला लिया है। साथ ही, इसके लिए अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन अथवा परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता पर आवश्यक सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि मथुरा एवं वृन्दावन एक प्रमुख धार्मिक नगरी है एवं श्रीकृष्ण की जन्म स्थली होने के कारण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में मथुरा एवं वृन्दावन का महत्वपूर्ण स्थान है। मथुरा एवं वृन्दावन के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए स्थानीय निवासियों व वहां आने वाले विदेशी पर्यटकों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने हेतु नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम बनाया जाना आवश्यक है।
नगर निगम का गठन होने से निकाय की आय में वृद्धि होगी, जिससे नगर निगम को वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होगी। इसके अतिरिक्त इस वर्णित कारणों से इन क्षेत्रों के समुचित विकास एवं वहां निवास करने वाले व्यक्तियों को रोजगार आदि के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद मथुरा एवं नगर पालिका परिषद वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के गठन का फैसला लिया गया है।
*नगर पालिका परिषद अयोध्या एवं नगर पालिका परिषद फैजाबाद को मिलाकर नगर निगम अयोध्या बनाए जाने का प्रस्ताव मंजूर*
मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद अयोध्या एवं नगर पालिका परिषद फैजाबाद को मिलाकर नगर निगम अयोध्या बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही, इसके लिए अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन अथवा परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता पर आवश्यक सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि फैजाबाद एवं अयोध्या एक प्रमुख धार्मिक नगरी है एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्म स्थली होने के कारण राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में इन स्थलों का महत्वपूर्ण स्थान है। फैजाबाद एवं अयोध्या के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए स्थानीय निवासियों व वहां आने वाले विदेशी पर्यटकों सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने हेतु नगर पालिका परिषद फैजाबाद एवं नगर पालिका परिषद अयोध्या को मिलाकर नगर निगम बनाया जाना आवश्यक है।
नगर निगम का गठन होने से निकाय की आय में वृद्धि होगी, जिससे नगर निगम को वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होगी। इसके अतिरिक्त इस वर्णित कारणों से इन क्षेत्रों के समुचित विकास एवं वहां निवास करने वाले व्यक्तियों को रोजगार आदि के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद फैजाबाद एवं नगर पालिका परिषद अयोध्या को मिलाकर नगर निगम अयोध्या के गठन का फैसला लिया गया है।
*उ0प्र0 पथ विक्रेता नियमावली, 2017 अनुमोदित*
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन) नियमावली, 2017 को अनुमोदित कर दिया है। भारत सरकार के पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014 (अधिनियम संख्या-7 सन् 2014) की धारा-36 के अधीन प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत नगरीय पथ विक्रेताओं के अधिकारों का संरक्षण और पथ विक्रय की गतिविधियों तथा इससे सम्बद्ध या अनुषांगिक मामलों के विनियमन के दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है।
नियमावली में विहित व्यवस्थानुसार प्रत्येक निकाय में यथास्थिति नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी की अध्यक्षता में नगर पथ विक्रय समिति का गठन किया जाएगा। समिति का कार्यकाल प्रथम बैठक की दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए होगा। किन्तु नियमावली के अनुरूप कार्य नहीं करने पर राज्य सरकार समिति को भंग कर सकती है। भंग किए जाने की दिनांक से 03 माह के भीतर नई नगर पथ विक्रय समिति का गठन किया जाएगा।
नगर पथ विक्रय समिति सभी विद्यमान पथ विक्रेताओं का सर्वेक्षण, पथ विक्रय परिक्षेत्र की धारण क्षमता और पथ विक्रय परिक्षेत्र में पथ विक्रेताओं को स्थान देना सुनिश्चित करेगी। पथ विक्रय प्रमाण पत्र दिए जाने के पश्चात् पथ विक्रेताओं को समिति द्वारा परिचय पत्र भी जारी किया जाएगा। नई अवस्थापना विकास योजनाओं द्वारा हटाए गए पथ विक्रेताओं को समायोजित किया जाएगा, ताकि वह नई अवस्थापना द्वारा उत्पन्न आजीविका अवसरों का उपयोग कर सकें।
प्रत्येक नगर पथ विक्रय समिति में नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी अध्यक्ष होगा। समिति की सदस्य संख्या नगर पंचायत के मामले में अनधिक 10, नगर पालिका परिषद के मामले में अन्यून 10 और अनधिक 20 और नगर निगम के मामले में अन्यून 20 और अनधिक 40 होगी। समिति में गैर सरकारी संगठनों और समुदाय आधारित संगठनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी द्वारा कम से कम 10 प्रतिशत सदस्य नामनिर्दिष्ट किए जाएंगे। समिति में नगर पालिका क्षेत्र के पथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों की संख्या 40 प्रतिशत से कम नहीं होगी। पथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों के एक तिहाई सदस्य महिला पथ विक्रेताओं में से होंगी। साथ ही, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा अल्पसंख्यकों व निःशक्त पथ विक्रेताओं को समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा। प्रथम बार पथ विक्रय कार्य करने वाले का पथ विक्रेता के रूप में आवेदन करना होगा और उन्हें यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आजीविका का कोई अन्य साधन नहीं है।
14 वर्ष से कम आयु के लोगों को पथ विक्रेता के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाएगा। प्रत्येक स्थिर पथ विक्रेता को पथ विक्रय परिक्षेत्र में, जहां समुचित रूप से उपलब्ध हो, 2ग2 मीटर से अनधिक क्षेत्र इस रीति से उपलब्ध कराया जा सकेगा कि यानीय और पैदल यातायात में बाधा उत्पन्न न हो और दुकानों एवं आवासों तक की पहुंच बन्द न हो। पैदल सेतुओं, ऊपरिगामी सेतुओं और फ्लाईओवर के ऊपर पथ विक्रय क्रिया-कलाप नहीं किया जाएगा। राज्य स्तर पर पथ विक्रय से सम्बन्धित समस्त मामलों के समन्वय के लिए निदेशक, स्थानीय निकाय या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी राज्य नोडल अधिकारी होगा।

*भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत जारी 16 सितम्बर, 2016 की अधिसूचना में संशोधन का निर्णय*
मंत्रिपरिषद ने भारतीय स्टाम्प (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2015 प्रवृत्त हो जाने के फलस्वरूप, साधारण खण्ड अधिनियम, 1897 (अधिनियम संख्या-10, सन् 1897) की धारा-21 के साथ पठित भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (अधिनियम संख्या-2, सन् 1899) की धारा-76क के खण्ड (ख) के अधीन शक्ति का प्रयोग करके और इस निमित्त जारी पूर्ववर्ती अधिसूचना संख्या- 24/2016-889/94 स्टा0नि0-2-16-500(5)91 टी0सी0 दिनांक 16 सितम्बर, 2016 में संशोधन का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के तहत स्टाम्प शुल्क की सुनवाई हेतु ‘न्यायिक सदस्य राजस्व परिषद’ के स्थान पर ‘सदस्य/न्यायिक सदस्य राजस्व परिषद’ किया गया है। साथ ही, उपायुक्त, स्टाम्प, सम्बन्धित मण्डल/वृत्त की स्टाम्प शुल्क के विवादों की अधिकारिता की सीमा में भी संशोधन किया गया है। इसके अन्तर्गत मुख्य नियंत्रण राजस्व प्राधिकारी की शक्तियां विभागीय उपायुक्त, स्टाम्प के अतिरिक्त मण्डलायुक्त एवं अपर मण्डलायुक्त को अपीलों के निस्तारण हेतु प्रतिनिधानित किया गया है।
साथ ही, सदस्य/न्यायिक सदस्य, राजस्व परिषद को 25 लाख रुपए से अधिक, मण्डलायुक्त को 25 लाख रुपए तक तथा अपर मण्डलायुक्त/उपायुक्त स्टाम्प को 10 लाख रुपए तक की सीमा तक स्टाम्प वाद के मामलों में सुनवाई का अधिकार दिया गया है। उपायुक्त स्टाम्प, सम्बन्धित मण्डल/वृत्त की स्टाम्प शुल्क के विवादों की अधिकारिता में संशोधन करते हुए 10 लाख रुपए तक की सीमा तक का अधिकार दिया गया है, जिससे जनसामान्य के स्थानीय स्तर पर स्टाम्प वाद के प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण किया जा सके।

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तहसील व थाना दिवसों में इस प्रकार जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए कि वे पूर्ण समाधान दिवस बन जाएं: मुख्यमंत्री

Posted on 08 May 2017 by admin

गलत एफ0आई0आर0 पर सम्बन्धित व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जाए

आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के मध्य राहत
वितरण समय से होना चाहिए: श्री योगी आदित्यनाथ

गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को विद्युत कनेक्शन
देने की व्यवस्था अभियान चलाकर पूरी की जाए

गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो

आगरा की मलिन बस्तियों में जल निकासी व पानी की
व्यवस्था ठीक प्रकार से सुनिश्चित की जाए

झोला छाप डाक्टरों पर रोक लगे तथा अवैध अल्ट्रासाउण्ड मशीन
रखकर भ्रूण हत्या करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए

ओ0डी0एफ0 अभियान को प्रभावी रूप से चलाने के निर्देश

थाने पर उपलब्ध पुलिसजन का व्यवहार आम जनता के प्रति ठीक हो
और उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए

पर्यटन की दृष्टि से आगरा और मथुरा अधिक महत्वपूर्ण

केन्द्रीय योजनाओं का कार्य रुकना नहीं चाहिए

मुख्यमंत्री का आगरा भ्रमण
लखनऊ: 07 मई, 2017
up-cm-yogi-meeting-in-agra उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज आगरा भ्रमण के दौरान एस0एन0 मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण करने के उपरान्त, मलिन बस्तियों के सफाई कार्यों का भी निरीक्षण किया। साथ ही, उन्होंने ताज काॅरीडोर सहित अन्य विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने स्वच्छता कार्यक्रम की प्रगति के विषय में विस्तृत जानकारी ली। इसके उपरान्त उन्होंने कमिश्नरी सभागार में आगरा मण्डल के विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की मण्डलीय समीक्षा भी की।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तहसील व थाना दिवसों में इस प्रकार जन समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए कि तहसील व थाना दिवस पूर्ण समाधान दिवस बन जाएं। आगे चलकर इन्हें मुख्यमंत्री हेल्प लाइन से भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि थानों पर एफ0आई0आर0 दर्ज की जाए। गलत एफ0आई0आर0 दर्ज होगी, तो सम्बन्धित व्यक्ति को संदिग्ध मानकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाए, क्योंकि उसने प्रशासन का समय बरबाद किया है। इससे गलत लोगों को यह संदेश जाएगा कि गलत एफ0आई0आर0 कराने पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को जाति और मजहब के आधार पर देखने का चश्मा बदलना होगा। पीड़ित के साथ किसी भी दशा में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उसकी समस्या का तत्काल समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के मध्य राहत वितरण समय से हो जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी दशा में एक सप्ताह के भीतर सम्बन्धित व्यक्ति को राहत मिल जाए। उन्होंने मण्डल में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा के दौरान कहा कि यदि हाईटेंशन तार पेड़ों के बीच से जा रहा हो या नीचे लटक रहा हो तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए। गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को विद्युत कनेक्शन देने की व्यवस्था अभियान चलाकर पूरी की जाए।up-cm-yogi-in-agra
श्री योगी ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उसके बैठने व पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर समर्थन मूल्य धनराशि उसके खाते में पहंुच जाए। इसी प्रकार मनरेगा में काम करने वालों को समय से भुगतान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगरा की मलिन बस्तियों में जल निकासी व पानी की व्यवस्था ठीक प्रकार से सुनिश्चित की जाए। साथ ही, वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्यक्रम बनाकर कार्यवाही की जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि गंगा जल प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जो बाधक बने उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही कर योजना शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झोला छाप डाक्टरों पर रोक लगे तथा अवैध अल्ट्रासाउण्ड मशीन रखकर भ्रूण हत्या करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जननी सुरक्षा योजना की गहन समीक्षा करें तथा मण्डलीय बैठकों में भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को बुलाकर इसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा की कि वे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का भी बीड़ा उठाएं।
श्री योगी ने कहा कि आगरा सहित पूरे प्रदेश में पेयजल जैसी समस्या के निदान के लिए पैसे की कमी नही होने दी जाएगी। पूरे प्रदेश में कही भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिए। उन्होने तालाबों के निर्माण पर विशेष बल देते हुए कहा कि वृहद स्तर पर तालाबों और चेकडैम का निर्माण कराया जाए, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को डार्क जोन होने से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा, मथुरा में पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से लपका तथा पण्डा प्रथा समाप्त होनी चाहिए तथा किसी भी दशा में पर्यटकों को परेशानी न होने दी जाए। उन्होंने प्रदेश में शहरों को स्वच्छ बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि आगामी वर्षों में जब स्वच्छता के दृष्टिगत शहरांे की रेटिंग की जाए, तो उत्तर प्रदेश के कम से कम 50 शहर स्वच्छ शहर के रूप में आ जाएं। उन्होंने कहा कि कूड़ा सार्वजनिक स्थल पर न रखा जाए। उन्होंने खुले में शौचमुक्त अभियान (ओ0डी0एफ0) को प्रभावी रूप से चलाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्र में सफाई कर्मियों से युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सफाई कार्य कराया जाए व चूने आदि का भी छिड़काव किया जाए।
श्री योगी ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं का कार्य रुकना नहीं चाहिए। संवाद बनाकर हर स्तर पर समस्याओं का निदान किया जाए। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन सहित किसान आन्दोलन की दशा में उनसे संवाद स्थापित कर समस्याओं का निदान त्वरित गति से किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मण्डी समिति में चोरी न होने पाए तथा किसी स्तर पर किसी का उत्पीड़न न हो।up-cm-yogi-in-agra-with-public
मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि मण्डल व जनपदों में एक भी अवैध बूचड़खाना मौजूद नहीं होना चाहिए तथा जांच करके यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि मानक पूरा करने वाली लाइसेंसी मीट की दुकानें ही संचालित हों। मीट की दुकानों का मानक पूरा करने पर ही लाइसेंस दिए जाएं और मा0 उच्चतम न्यायालय व एन0जी0टी0 के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गो-तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ हो। अपराधियों से जुड़े पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की जाए। प्रदेश के सभी थाने इस प्रकार पब्लिक फ्रैण्डली हों कि आम जनता उनसे अपनी बात कह सके। थाने पर उपलब्ध पुलिस जन का व्यवहार आम जनता के प्रति ठीक हो और उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि अपराधी तो अपराधी होता है, अपराधियों का चेहरा देखकर कार्यवाही न हो, बल्कि सभी अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। किसी के प्रति अन्याय न होने पाए तथा विद्वेष की भावना से कार्यवाही न हो। खनन, भू तथा वन माफिया व हिस्ट्रीशीटर अवैध गतिविधियां संचालित न करने पाएं। आगरा-लखनऊ एक्सपे्रेस वे पर कहीं भी कोई घटना न होने पाए।up-cm-yogi
श्री योगी ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों में ठेकों पर कराए जा रहे कार्यों के लिए ठेका किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के रिश्तेदार एवं आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को न दें। ठेकों को ऐसे व्यक्ति को दें जो गुणवत्ता के साथ-साथ समय पर कार्य पूरा करे। उन्होंने सड़क निर्माण की सभी कार्यदायी संस्थाओं से उनके कार्य की विस्तृत जानकारी लेते हुए सख्त निर्देश दिए कि सभी सड़कें 15 जून तक हर हालत में गड्ढा मुक्त की जाएं अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सर्वप्रथम विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। विद्यालयों में शिक्षकों के फोटो भी लगा दिए जाएं, जिससे यह निश्चित हो कि जो शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वह विद्यालय के वास्तविक शिक्षक हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कहा कि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी एक सरकारी विद्यालय को गोद ले, ताकि शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन आए। उन्होंने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देेते हुए कहा कि सभी विद्यालयों में ड्रेस, बैग, किताबें हर हालत में समय से उपलब्ध कराई जाएं।
श्री योगी ने स्वच्छता अभियान को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक कार्यालय व स्कूल में एक दिन स्वच्छता अभियान चलाया जाए। साथ ही, प्रत्येक कार्यालय में पान, गुटखा एवं धूम्रपान के प्रयोग को प्रतिबंधित किया जाए। इसके साथ ही, विभिन्न समारोहों में प्रयोग में लाए गए प्लास्टिक व थर्माेकोल को नाली में फेंकने पर जुर्माना किया जाए। उन्होंने प्लास्टिक तथा पाॅलीथीन उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से आगरा और मथुरा अधिक महत्वपूर्ण हैं। इनको स्वच्छ रखने की आवश्यकता है, जिससे दोनों जिलों के पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात से पूर्व नालों की सफाई करा दी जाए और उनकी सिल्ट को तुरन्त हटवा दिया जाए, जिससे पानी भराव की समस्या उत्पन्न न हो।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने खेरिया एयरपोर्ट पहुंचने के उपरान्त सीधे राजामण्डी स्थित एस0एन0 मेडिकल काॅलेज का आकस्मिक निरीक्षण किया और मरीजों का हालचाल पूछा। उन्होंने ताज काॅरीडोर का भी निरीक्षण किया। इसके निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ताजमहल व लालकिले के मध्य यमुना से लगी 100 एकड़ सरकारी जमीन का सौन्दर्यीकरण करके इसे बहुआयामी क्षेत्र बनाया जा सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी से भी वहां की स्थिति की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि यमुना पर चेकडैम की आवश्यकता है, जिसके लिए पहले धनराशि स्वीकृत हुई थी, किन्तु उस धनराशि को और बढ़ाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने छोटा उखर्रा क्षेत्र में बाल्मीकी बस्ती का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मलिन बस्ती से पानी निकास की व्यवस्था की जाए। साथ ही, सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रो0 रामशंकर कठेरिया, ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा, दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मीनारायन चैधरी, पशुधन मंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री ने परिवहन निगम की वातानुकूलित बसों को झण्डी दिखाकर रवाना किया

Posted on 07 May 2017 by admin

  • वातानुकूलित बसों में 12 हाई एण्ड स्कैनिया एवं वाॅल्वो तथा 15 साधारण श्रेणी की वातानुकूलित जनरथ बसें शामिल
  • मुख्यमंत्री ने साधारण श्रेणी की वातानुकूलित जनरथ बस में बैठकर यात्रा की
  • प्रदेश की जनता को सस्ती, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए किया गया बसों का संचालन
  • साधारण वातानुकूलित बस सेवाओं के माध्यम से सामान्य जनता को कम किराए में उच्च श्रेणी की परिवहन सुविधा मिलेगी

cm-yogi-volvo-bus2उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 27 वातानुकूलित बसों को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इन बसों में 12 अत्याधुनिक उच्चस्तरीय तकनीकी सुविधाओं से युक्त हाई एण्ड स्कैनिया एवं वाॅल्वो वातानुकूलित बसें तथा 15 साधारण श्रेणी की 3ग्2 वातानुकूलित जनरथ बसें शामिल हैं। बसों को रवाना करने से पूर्व मुख्यमंत्री ने सभी श्रेणी की बसों में चढ़कर उनका निरीक्षण किया तथा साधारण श्रेणी की वातानुकूलित जनरथ बस में बैठकर यात्रा भी की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह, महिला कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, खेल मंत्री श्री चेतन चैहान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा सहित शासन-प्रशासन एवं परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा और लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुरूप प्रदेश की जनता को सस्ती, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए इन बसों को संचालित किया गया है। इन बसों के माध्यम से जहां एक ओर सामान्य जनता को कम किराए में वातानुकूलित बस सेवाओं की सुविधा मिलेगी, वहीं उच्च आय वर्ग के यात्रियों को भी उच्च श्रेणी की वातानुकूलित बस सेवा की सुविधा उपलब्ध होगी।
cm-yogi-volvo-busस्कैनिया एवं वाॅल्वो श्रेणी की बसें गोरखपुर-दिल्ली वाया कानपुर, गोरखपुर-लखनऊ-आगरा वाया कानपुर एवं लखनऊ-दिल्ली वाया कानपुर मार्गों पर संचालित की जाएंगी। परिवहन निगम की साधारण श्रेणी की वातानुकूलित बसें अन्य मार्गों से भी लखनऊ-दिल्ली के अलावा लखनऊ-बांदा-कर्वी, लखनऊ-सीतापुर-बरेली, लखनऊ-डुमरियागंज-बढ़नी, लखनऊ-बहराइच, लखनऊ-झांसी, लखनऊ-सुलतानपुर-वाराणसी, लखनऊ-फैजाबाद-आजमगढ़, लखनऊ-फैजाबाद-देवरिया आदि मार्गों पर संचालित की जाएंगी। इन बसों में आॅनलाइन अग्रिम आरक्षण की व्यवस्था उपलब्ध होगी।

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जनप्रतिनिधियों को जनता इसलिए चुनकर भेजती है कि वे उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराकर जन-जीवन को सुगम बनायें जिससे देश, प्रदेश और पूरे समाज की प्रगति हो

Posted on 04 May 2017 by admin

  • जनप्रतिनिधियों को जनता की अपेक्षाओं का तर्कपूर्ण विश्लेषण करते हुए उन पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए: लोक सभा अध्यक्ष
  • सदन के सुचारु संचालन के लिए जनप्रतिनिधियों को संसदीय परम्पराओं, नियमावलियों का ज्ञान होना चाहिए
  • जनप्रतिनिधि निष्ठा से कार्य करते हुए संसदीय परम्पराओं व  अपनी जिम्मेदारियों का भलीभांति निर्वहन करें
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एक कर्मयोद्धा हैं
  • संन्यास का अर्थ सब कुछ छोड़ना नहीं है, श्री योगी ने कर्म से संन्यास नहीं लिया है
  • लोक सभा के अपने कार्यकाल के दौरान मैंने लोक सभा अध्यक्ष से बहुत कुछ सीखा: मुख्यमंत्री
  • श्रीमती महाजन ने हमेशा नये लोक सभा सदस्यों की चिन्ता की, ताकि उन्हें संसदीय परम्पराओं, नियमों इत्यादि की जानकारी हो सके
  • लोक सभा अध्यक्ष का मार्गदर्शन उ0प्र0 विधान सभा को मिलता रहेगा: मुख्यमंत्री

लोकसभा की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता इसलिए चुनकर भेजती है कि वे उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराकर जन-जीवन को सुगम बनायें जिससे देश, प्रदेश और पूरे समाज की प्रगति हो। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता की अपेक्षाओं का तर्कपूर्ण विश्लेषण करते हुए उन पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए। सदन को चलाने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को संसदीय परम्पराओं, नियमावलियों इत्यादि का समुचित ज्ञान होना चाहिए, तभी इसे भलीभांति चलाया जा सकता है।
sumita-mahajanश्रीमती महाजन ने यह विचार आज यहां विधान सभा के तिलक हाॅल में उत्तर प्रदेश विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि नये विधान सभा सदस्यों के लिए यह आवश्यक है कि वे विधान सभा के नियमों को पढ़ें और नियमावली का अध्ययन करें। संसदीय परम्पराओं को समझने के लिए इन्हें पढ़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नये सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए सही बिन्दुओं का चुनाव आवश्यक है।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि पूरी निष्ठा से काम करें और संसदीय परम्पराओं के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियों का भलीभांति निर्वहन करें। जनप्रतिनिधियों को संसदीय संस्थाओं को बेहतर ढंग से चलाने की दिशा में लगातार चिन्तन करते रहना चाहिए। उन्हें अच्छे भाषण सुनने चाहिए और अपना काफी समय पुस्तकालय में अध्ययन करने में व्यतीत करना चाहिए, ताकि उन्हें संसदीय नियमों और परम्पराओं का भलीभांति ज्ञान हो सके। प्रत्येक जनप्रतिनिधि को संसदीय संस्थाओं पर आस्था रखनी चाहिए और इन संस्थाओं का कैसे निर्माण हुआ इसकी जानकारी होनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों को जनाकांक्षाओं को ठीक से समझने का प्रयास करना चाहिए और ऐसे कार्याें को करने से मना कर देना चाहिए, जो ठीक न हों। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि को मौके पर ‘ना’ बोलना आना चाहिए।
श्रीमती महाजन ने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि को पारदर्शिता तथा स्पष्टता से काम करना चाहिए। विधायक बनने के बाद सदन में बोलने से पहले विषय की जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए सदन की पूर्व की कार्रवाइयों को पढ़ना चाहिए, विषय का अभ्यास करना चाहिए। लोक सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय परम्पराओं, नियमों इत्यादि की जानकारी देने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विषय विशेषज्ञों से चर्चा करके विधान सभा में होने वाली चर्चाओं का स्तर सुधारा जा सकता है।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि विधान सभा के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए जनप्रतिनिधियों को सोच-समझकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र चुनने की सलाह देते हुए विषय का गहन अध्ययन करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने कार्यकलापों को जनता और कार्यकर्ताओं से शेयर करें। जनता द्वारा चुने गये विधायकों को ‘जनप्रतिनिधि’ बनने की आवश्यकता है, न कि नेता बनने की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने प्रचण्ड बहुमत देकर जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। ऐसे में जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।
श्रीमती महाजन ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एक कर्मयोद्धा हैं। उन्होंने कहा कि संन्यास का अर्थ सब कुछ छोड़ना नहीं है। श्री योगी ने कर्म से संन्यास नहीं लिया है। उत्तर प्रदेश को श्री योगी के रूप में एक कर्मठ मुख्यमंत्री मिला है, जो राज्य को विकसित कर इसे अग्रणी बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष का समय ज्यादा नहीं होता है। ऐसे में विपक्ष का सहयोग लेते हुए तेजी से काम करना होगा। उन्होंने विपक्ष द्वारा अपनी जिम्मेदारी भलीभांति निभाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने लोक सभा के अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। लोक सभा अध्यक्ष सदन पर प्रभावी नियंत्रण रखते हुए उसका भलीभांति संचालन करती हैं। उनके नेतृत्व में लोक सभा नयी ऊचाइयों पर पहुंच गयी है और इसकी कार्रवाई में 125 प्रतिशत कार्य का रिकाॅर्ड स्थापित हो चुका है। स्पष्ट है कि उनके नेतृत्व में लोक सभा का कार्यकाल अविस्मरणीय बन चुका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में लोक सभा अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से श्रीमती महाजन ने हमेशा नये लोक सभा सदस्यों की चिन्ता की, ताकि उन्हें संसदीय परम्पराओं, नियमों इत्यादि की जानकारी हो सके। लोक सभा अध्यक्ष हमेशा नये सदस्यों को सदन में बोलने का मौका देती हैं, ताकि वे जनता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा पूरे उत्साह के साथ जनता की सेवा करने के लिए आगे बढ़ रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में लोक सभा अध्यक्ष का मार्गदर्शन उत्तर प्रदेश विधान सभा को मिलता रहेगा। श्रीमती महाजन का व्यावहारिक ज्ञान हम सबके लिए लाभकारी साबित होगा और उत्तर प्रदेश की जनता को उनके अनुभवों का लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास रहेगा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा कम से कम 90 दिन अवश्य चले। विधान सभा का सुचारु संचालन हम सबके लिए आवश्यक है।
विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना सहित बड़ी संख्या में नवनिर्वाचित विधायकगण मौजूद थे।

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राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत किया

Posted on 04 May 2017 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन का स्वागत राजभवन में किया। श्रीमती महाजन विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित द्वारा आयोजित प्रथम बार निर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन समारोह में आज लखनऊ प्रवास पर राजभवन में ठहरी हैं।
sumitra-mahajan ज्ञातव्य है कि विधान भवन में 17वीं विधानसभा में प्रथम बार निर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण के लिये 3-4 मई को दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम रखा गया था जिसका उद्घाटन राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा विधानसभा अध्यक्ष श्री हृृदय नारायण दीक्षित, गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष श्री रमन लाल वोरा, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविन्द चैधरी, मंत्रीगण एवं नव निर्वाचित विधायकगणों की उपस्थिति में 03 मई को किया गया था।
राज्यपाल श्री राम नाईक से श्रीमती सुमित्रा महाजन का पारिवारिक संबंध रहा है। दोनों ने लगातार पांच बार लोकसभा में सांसद के तौर पर काम किया है तथा पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के मंत्रिमण्डल में राज्यपाल श्री राम नाईक पेट्रोलियम मंत्री थे और श्रीमती महाजन पेट्रोलियम राज्यमंत्री थीं। श्री नाईक ने लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन को अपने साथ मध्यान्ह भोजन पर भी आमंत्रित किया।

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