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मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुसार प्रदेश के 30 जनपदों को वर्तमान वर्ष के 31 दिसम्बर तक तथा शेष 44 जनपदों को आगामी वर्ष 02 अक्टूबर तक खुले में शौचमुक्त कराने हेतु कराये जा रहे कार्यों में तेजी से चलेगा अभियान: मुख्य सचिव

Posted on 18 July 2017 by admin

प्रत्येक जनपद में जनपद स्तर पर शौचालय निर्माण हेतु राजमिस्त्रियों को
प्रशिक्षण देने हेतु 50 मास्टर ट्रेनर कराये जा रहे तैयार: राजीव कुमार

शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक विकास खण्ड में लगभग 250 से 300 राजमिस्त्रियों
का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य कराया जाये: मुख्य सचिव

dsc_4249इस प्रकार कुल 1.50 लाख राजमिस्त्रियों को
प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित: राजीव कुमार

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की घोषणा के अनुसार प्रदेश के 30 जनपदों को 31 दिसम्बर, 2017 तक तथा शेष 44 जनपदों को 02 अक्टूबर, 2018 तक खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु सितम्बर, 2017 तक 33 हजार स्वच्छाग्रहियों का चयन, प्रशिक्षण/क्षमतावृद्वि हेतु तैनाती सुनिश्चित करा दी जाये। उन्होंने कहा कि राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण निर्धारित अवधि में सुनिश्चित कराते हुये मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने व्यापक आई.ई.सी. गतिवधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुये सत्यापन की व्यवस्था एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय भी सुनिश्चित कराया जाये।
प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के क्रियान्वयन हेतु मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में गठित “शीर्ष समिति“ (।चमग ब्वउउपजजमम) की बैठक में श्री चंचल कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज, श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव, वित्त,  श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव, सूचना, श्री प्रशान्त कुमार त्रिवेदी, प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री एम.पी. अग्रवाल, सचिव, वित्त, श्री संतोष कुमार यादव, सचिव, महिला कल्याण, के साथ-साथ मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) तथा यूनीसेफ, विश्व बैंक एवं वाॅटरएड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
स्वच्छाग्रहियों का चयन, प्रशिक्षण/क्षमतावृृद्धि एवं तैनातीः प्रदेश में योजना के दु्रत क्रियान्वयन हेतु बनायी गयी रणनीति के अनुसार प्रत्येक 03 ग्राम पर 01 सी.एल.टी.एस. विधा से प्रशिक्षित 33000 स्वच्छाग्रहियों की माह सितम्बर, 2017 तक तैनाती की जानी है, जिसके सापेक्ष अबतक लगभग 21000 स्वच्छाग्रहियों का चयन करते हुए उनको सी.एल.टी.एस. विधा पर प्रशिक्षण करने हेतु राज्य स्तर पर स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एस.आर.जी.) का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से आगामी 2 माह में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर ग्रामांे का स्वामित्व प्रदान कर ग्राम को खुले में शौच मुक्त बनाये जाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम स्तर पर निगरानी समिति, जिसमें महिलाऐं, बच्चें, बुजुर्ग एवं नौजवानों को शामिल गांव के लोंगो को सुबह एवं साय को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु निगरानी का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।
राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन, प्रशिक्षण एवं तैनातीः राज्य स्तर से गुणवत्तापूर्ण शौचालय निर्माण हेतु प्रदेेश के समस्त जनपदों केे 05-05 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनके माध्यम से जनपदों मे राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण कराने के निर्देेश दिये गये है। इसके साथ मिशन द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों मे सहयोगी संस्थाओं यथा-यूनीसेफ, वल्र्ड बैंक, वाटर एड, डब्लू.एस.एस.सी.सी द्वारा 28 जनपदों में शौचालय निर्माण तकनीकी पर कार्यशाला की गयी है। प्रत्येक जनपद मे कम से कम 100 से 500 प्रशिक्षित राजमिस्त्रिी कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से  गांवो में शौचालय निर्माण कार्य किया जा रहा है।
प्रत्येक जनपद में जनपद स्तर पर शौचालय निर्माण हेतु राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने हेतु 50 मास्टर ट्रेनर को तैयार किया जा रहा तथा शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक विकास खण्ड में लगभग 250 से 300 राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। इस प्रकार कुल 1.50 लाख राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है।  निर्माण सामग्री की उपलब्धता सम्भावित मांग के अनुसार आंकलन कर सप्लाई चैन व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, ताकि ईट, बालू, रूरल पैन एवं दरवाजे आदि की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए ग्राम पंचायतवार मैपिंग आपूर्तिकर्ताओं/दुकानदारों के साथ टाई-अप किया जा रहा है।
प्रचार-प्रसार एवं क्षमतावृद्धि की गतिविधियां- राज्य स्तर पर जनपद की आई.ई.सी. प्लान तैयार करने हेतु राज्य स्तरीय कार्यशालाओ का आयोजन किया गया है। प्रत्येक जनपद मे खुले मे शौच मुक्त करने की गतिविधियां बढ़ाने हेतु समस्त जनपदों का आई.ई.सी. प्लान एवं कैलेण्डर तैयार किया गया है एवं उसका नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है।  इसमें अन्र्तवैक्तिक सम्प्रेषण व सामुदायिक स्थायी व्यवहार परिवर्तन हेतु घर-घर सम्पर्क गतिविधियों पर विशेष जोर देते हुए प्रभावी गतिविधियां यथा- सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में इम्पैन्ल्ड संस्थाओं के माध्यम से मोबाइल वैन, नुक्कड़-नाटक, मोबाइल मैसेजिंग, वीडियो फिल्म प्रदर्शन, स्वच्छता रैली तथा पैदल मार्च इत्यादि का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
जन-शक्ति की व्यवस्था- जनपदों को खुले मे शौच मुक्त हेतु की जाने वाली गतिविधियों एवं अधिक मात्रा मे शौचालय निर्माण होने पर भारत सरकार की वेबसाइट पर लाभार्थीवार एम.आई.एस. एवं फोटो अपलोडिंग, अनुश्रवण आदि की गतिविधियों के दृष्टिगत प्रत्येक स्तर पर अनुमन्य समस्त पदों के सापेक्ष तैनाती सुनिश्चित की जा रही है।  प्रत्येक जनपद में आवश्यकता एवं प्रशासनिक मद की उपलब्धता के अनुसार जनपद स्तर पर प्राविधानित मैनपावर के सापेक्ष अवशेष पदों पर भी तैनाती किया जाना है।
खुले में शौच मुक्ति (ओ.डी.एफ.) का सत्यापन एवं सत्यापन एवं ळमव.जंहहपदह- योजनान्तर्गत पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु भारत सरकार के आई.एम.आई.एस. प्रणाली में निर्मित शौचालय की शतप्रतिशत फोटो अपलोडिंग (ळमव.जंहहपदहए आक्षांश एवं देशान्तर सहित) निरन्तर अनुश्रवण की व्यवस्था बनायी गयी। ग्रामों में निर्मित हो रहे प्रत्येक शौचालय के लिए निर्धारित यूनिक कोडिंग व्यवस्था के अन्तर्गत इंगित कर फोटों अपलोडिंग के दौरान प्रदर्शित करना आवश्यक है। ग्राम/ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु संबंधित ग्राम/ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित कर निर्धारित समयान्तर्गत स्वघोषणा के पश्चात त्रिस्तरीय सत्यापन व्यवस्था लागू किया गया है, जिसके तहत विकास खण्ड, जनपद एंव मण्डल स्तर पर स्वतंत्र रूप से शतप्रतिशत शौचालयों का सत्यापन एवं ओ.डी.एफ. की वस्तुस्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।
अन्य विभागों के साथ समन्वय-कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं प्रदेश को खुले मंे शौच से मुक्त करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, आई.सी.डी.एस. शिक्षा विभाग आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने के0जी0एम0यू0 के ट्राॅमा सेण्टर का दौरा कर आग से प्रभावित तलों का निरीक्षण किया

Posted on 16 July 2017 by admin

मुख्यमंत्री ने इस दुःखद घटना के दौरान शिफ्टिंग अथवा उसके बाद सदमे से जान गंवाने वाले मरीजों के सम्बन्ध में आख्या मांगने के साथ-साथ
मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख रुपए की आर्थिक
सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की

मुख्यमंत्री ने ट्राॅमा सेण्टर से शिफ्ट किए
गए मरीजों से मिलकर उनका भी हालचाल लिया

मुख्यमंत्री ने सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों, कार्यालयों, अन्य सरकारी भवनों तथा मल्टी स्टोरी भवनों की फायर सेफ्टी की स्थिति की समीक्षा करने
के निर्देश डी0जी0 फायर सेफ्टी को दिए

पुलिस, प्रशासन, फायर सर्विसेज़ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, वरिष्ठ चिकित्सकों, रेजीडेण्ट चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ द्वारा मरीजों
की सहायता हेतु दिखायी गयी तत्परता
के लिए मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की

इन सभी को सम्मानित भी किया जाएगा

press-2 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां किंग जाॅर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) के ट्राॅमा सेण्टर का दौरा किया। उन्होंने ट्राॅमा सेण्टर में कल की आग से प्रभावित तलों का निरीक्षण करने के साथ-साथ अन्य तलों पर भर्ती मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल भी पूछा। उन्होंने आग के कारण ट्राॅमा सेण्टर से शिफ्ट किए गए सभी मरीजों की सारी आवश्यक जांचें तथा इलाज निःशुल्क कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों से इस दुःखद घटना के दौरान शिफ्टिंग अथवा उसके बाद सदमे से जान गंवाने वाले मरीजों के सम्बन्ध में आख्या मांगने के साथ-साथ मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि इस घटना में आग से जल कर किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है।
योगी जी ने ट्राॅमा सेण्टर का निरीक्षण करने के उपरान्त निकट स्थित शताब्दी चिकित्सालय फेज़-2 में यहां से शिफ्ट किए गए मरीजों से मिलकर उनका भी हालचाल लिया। उन्होंने के0जी0एम0यू0 के कुलपति श्री एम0एल0बी0 भट्ट तथा अन्य पदाधिकारियों को व्यवस्था बहाल करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटना की रोकथाम के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने आग लगने के सम्भावित कारणों की भी जानकारी ली। साथ ही, मरीजों को उचित इलाज तथा अन्य सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।press-31
मुख्यमंत्री जी ने डी0जी0 फायर सेफ्टी को सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों, कार्यालयों, अन्य सरकारी भवनों तथा मल्टी स्टोरी भवनों की फायर सेफ्टी की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
योगी जी ने पुलिस, प्रशासन, फायर सर्विसेज़ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, वरिष्ठ चिकित्सकों, रेजीडेण्ट चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ द्वारा मरीजों की सहायता के लिए दिखायी गयी तत्परता के लिए उनकी प्रशंसा की और उन्हें सम्मानित करने की भी घोषणा की।
ज्ञातव्य है कि कल (15 जुलाई, 2017) को किंग जाॅर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) के ट्राॅमा सेण्टर में आग लगी थी, जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को तुरन्त मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने ट्राॅमा सेण्टर में भर्ती मरीजों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री जी द्वारा मण्डलायुक्त लखनऊ को इस घटना की जांच कर 03 दिन में आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश कल ही दिए जा चुके हैं। उनके द्वारा इस घटना के लिए दोषी व्यक्तियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करने तथा उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं।

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मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के 71 जरूरतमंदों को गम्भीर बीमारी के इलाज के लिए 85 लाख 15 हजार रु० की आर्थिक सहायता प्रदान की

Posted on 16 July 2017 by admin

यह वित्तीय मदद कैंसर, किडनी, हृदय, लिवर, ब्रेन ट्यूमर,
एप्लास्टिक एनीमिया जैसे गम्भीर रोगों के उपचार के लिए स्वीकृत की गयी

मुख्यमंत्री जी द्वारा इसके पहले भी 559 जरूरतमंद लोगों को
6 करोड़ 16 लाख 81 हजार रु० की वित्तीय मदद प्रदान की गयी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विभिन्न जिलों के 71 जरूरतमंद लोगांे को गम्भीर बीमारी के इलाज के लिए 85 लाख 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री जी द्वारा यह वित्तीय मदद कैंसर, किडनी, हृदय, लिवर, ब्रेन ट्यूमर, एप्लास्टिक एनीमिया जैसे गम्भीर रोगों के उपचार के लिए स्वीकृत की गयी है। आज यहां यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इसके पूर्व भी मुख्यमंत्री जी द्वारा विभिन्न जनपदों के 559 जरूरतमंद लोगों को 6 करोड़ 16 लाख 81 हजार रुपये की वित्तीय मदद प्रदान की जा चुकी है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद महोबा के श्री नूर मोहम्मद, बहराइच के श्री छांगुर, हमीरपुर की श्रीमती प्रभारानी, गोरखपुर की श्रीमती अलका श्रीवास्तव, देवरिया के श्री रामप्रवेश यादव, फिरोजाबाद के श्री सर्वेश कुमार, इटावा के श्री विनोद कुमार, जालौन की श्रीमती अर्चना को कैंसर के उपचार हेतु, इलाहाबाद के मास्टर रितिक मिश्रा, गाजीपुर के श्री सर्वजीत राजभर, गोण्डा की श्रीमती दीपमाला को हृदय उपचार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की गयी।
इसी प्रकार, फतेहपुर की श्रीमती सुन्दर देवी, लखनऊ की श्रीमती तबस्सुम, खीरी के श्री सुधीर शर्मा को किडनी के उपचार हेतु, गाजीपुर के श्री बिरजू कश्यप को ब्रेन ट्यूमर के इलाज हेतु, इलाहाबाद की कु0 सुम्बुल फातिमा को ब्लड कैंसर के उपचार हेतु वित्तीय मदद प्रदान की गयी। इसके अलावा, वाराणसी के श्री संजय पाण्डेय को न्यूरो उपचार हेतु, लखनऊ की श्रीमती शैल तिवारी को कूल्हे के प्रत्यारोपण हेतु, लखनऊ के मो0 फहद को एप्लास्टिक एनीमिया हेतु उपचार के लिए वित्तीय मदद प्रदान की गयी। अन्य जरूरतमन्दों को भी इलाज के लिए मदद स्वीकृत की गयी है।

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मुख्यमंत्री विश्व युवा कौशल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

Posted on 16 July 2017 by admin

press-111व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की 101
विभिन्न परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने शिलान्यास एवं लोकार्पण किया

कौशल विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा
सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए

कौशल में पारंगत व्यक्ति के लिए देश
और दुनिया में प्रगति के रास्ते हमेशा खुले होते हैं

धरती पर कोई भी अयोग्य नहीं, केवल ऐसे
योजक की आवश्यकता है, जो उसे दिशा दे सके: मुख्यमंत्री

पांच वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा 70 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एवं
राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स के मध्य एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर

एम0ओ0यू0 के तहत राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स
04 साल में 26 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित कर सेवायोजित करेगी

इस सत्र से 26 नये आई0टी0आई0 क्रियाशील होने
से 17 हजार 500 अधिक छात्रों को प्रशिक्षण का मौका मिलेगा

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन
की पुस्तिका तथा अन्य प्रचार सामग्री का विमोचन किया

press-62उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि उनका मानना है कि ‘अयोग्यः पुरुषो नास्ति योजकस्त्र दुर्लभः’ अर्थात धरती पर कोई भी अयोग्य नहीं है। केवल ऐसे योजक की आवश्यकता है, जो उसे दिशा दे सके। राज्य सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग देश के सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले प्रदेश के नौजवानों को कौशल विकास के माध्यम से दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। दोनों विभागों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि युवाओं को कुशल बनाकर उनके जीवन को दिशा देना गौरव की बात है। कौशल में पारंगत व्यक्ति के लिए देश और दुनिया में प्रगति के रास्ते हमेशा खुले होते हैं। ऐसा व्यक्ति कहीं भी रहकर अपनी आजीविका प्राप्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां तृतीय विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की 101 विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण, कौशल विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र का वितरण भी किया। लोकार्पित परियोजनाओं में 06 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के नवीन भवन, 10 संस्थानों में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र, 25 संस्थानों में आई0टी0 लैब, 35 संस्थानों में स्मार्ट क्लास, 04 संस्थानों का जीर्णोद्धार तथा 17 संस्थानों में नवनिर्मित कार्यशाला एवं थ्योरी कक्षाएं शामिल हैं। शिलान्यास की गई परियोजनाओं में 03 संस्थानों में ऊर्जा संयंत्र की स्थापना एवं राजकीय शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण संस्थान, सुल्तानपुर सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री जी ने कौशल विकास प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।press-81
योगी जी ने कहा कि वर्ष 2014 में केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना लागू करने के साथ ही, पहली बार अलग से कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया गया, जो सभी विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र देने के अनेक संस्थान एवं कार्यक्रम रहे हैं, लेकिन ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं था, जो परम्परागत व्यवसाय करने वाले लोगों का कौशल विकास कर सके। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन अनेक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी देकर कुशल ड्राइवर बनाने अथवा पारम्परिक रूप से राजमिस्त्री, कारपेन्टर आदि का काम करने वालों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण देने की भी योजना नहीं थी जबकि ऐसे लोगों को उचित प्रशिक्षण देकर उनकी कमाई को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने इस योजना को आगे बढ़ाया है। प्रदेश सरकार भी अब इसको आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं। आगामी पांच वर्षों में प्रदेश सरकार का 70 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य है, जिसमें से 10 लाख लोगों को रोजगार व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के माध्यम से दिया जाना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कृषि, डेयरी, लघु उद्योग, औद्योगिक विकास आदि सभी विभागों को बेहतर समन्वय के साथ प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में रेडीमेड गाॅरमेन्ट, मोबाइल रिपेयरिंग, फूड प्रोसेसिंग आदि में रोजगार की बड़ी सम्भावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नौजवानों को कौशल विकास से होने वाले लाभ के प्रति जागरूक किए जाने की भी आवश्यकता है।press-12
कार्यक्रम के दौरान व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एवं राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स, भीलवाड़ा (राजस्थान) के मध्य एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर पर प्रसन्नता जताते हुए योगी जी ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा विभाग का यह कार्य सराहनीय है। एम0ओ0यू0 के तहत राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स 04 साल में 26 हजार प्रशिक्षणार्थियों को टेक्सटाइल, रिटेल, आई0सी0टी0 और एपैरल सेक्टर में प्रशिक्षित कर सेवायोजित करने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित टेक्सटाइल मिल्स के साथ भी ऐसे करार किए जाने चाहिए। कृषि के बाद टेक्सटाइल ही सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराने वाला क्षेत्र है। प्रदेश में इस क्षेत्र में विकास की व्यापक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बंद टेक्सटाइल मिलों को संचालित किए जाने की जरूरत है। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
राज्य में इस सत्र से 26 नये आई0टी0आई0 क्रियाशील किए जाने पर प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इससे 17 हजार 500 और अधिक छात्रों को प्रशिक्षण हेतु इन संस्थानों में प्रवेश का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 606 इंजीनियरिंग काॅलेज हैं। इनके मुकाबले पाॅलीटेक्निक काॅलेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या काफी कम है। प्रत्येक इंजीनियरिंग काॅलेज पर पांच पाॅलीटेक्निक और प्रत्येक पाॅलीटेक्निक पर पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिए। इस प्रकार प्रदेश में कम से कम 15 हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिए। प्रथम स्तर पर तहसील स्तर पर एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए और उसके बाद प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी एक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में छात्रों को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा सकेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया आदि जो प्रयास शुरु किए गए हैं, प्रदेश सरकार उन्हें साकार कर रही है। उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार माध्यमिक और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में भी रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों को शामिल करने पर विचार कर रही है, जिससे प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति व्यावसायिक रूप से भी कुशल हो।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान ने कहा कि विश्व युवा कौशल विकास दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम उन सभी युवाओं को समर्पित है, जिनके कौशल से देश और समाज का विकास होता है। वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत युवा ही स्किल्ड हैं। इसलिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि अधिक से अधिक युवाओं को हुनरमंद बनाया जाए। इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ ही कौशल विकास मिशन के माध्यम से भी युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक परिवार के कम से कम एक इच्छुक युवा को प्रशिक्षित किया जाए। अपने सम्बोधन में उन्होंने विभाग के क्रियाकलापों, लक्ष्यों और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम को व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री सुरेश पासी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की परिचय पुस्तिका ‘एक राह कुशलता की, एक लक्ष्य सफलता का’ तथा अन्य प्रचार सामग्री का विमोचन किया। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा अनुबंधित एक प्लेसमेंट एजेंसी के मोबाइल एप ‘मेरा हुनर’ का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर आई0टी0आई0 के ब्राण्ड एम्बेस्डर के रूप में श्री गुरुमुख सिंह को सम्मानित किया गया। इस मौके पर श्री अमरजीत यादव को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास मिशन से जुड़कर रोजगार प्राप्त करने वाले श्री रामू मिश्रा, सुश्री दीपिका मिश्रा, श्री सचिन कुमार गौतम ने अपना अनुभव भी साझा किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने राजकीय एवं निजी प्रशिक्षण संस्थाओं के 88 मेधावी प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया एवं विभिन्न निजी नियोजकों द्वारा चयनित आई0टी0आई0 और कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने 29 एवं 30 जून, 2017 को गोरखपुर में आयोजित सम्भागीय कौशल विकास एवं रोजगार मेले में सराहनीय योगदान के लिए मिशन निदेशक, उ0प्र0 कौशल विकास मिशन, निदेशक (प्रशिक्षण एवं सेवायोजन), मुख्य विकास अधिकारी, गोरखपुर तथा संयुक्त निदेशक (प्रशि0/शिशिक्षु) गोरखपुर मण्डल को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।
कार्यक्रम के अंत में सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्री भुवनेश कुमार ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार अर्धकुंभ मेला-2019 के सम्पूर्ण आवश्यक कार्य आगामी 30 सितम्बर, 2018 तक निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने हेतु यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ करा दिये जाये: मुख्य सचिव

Posted on 16 July 2017 by admin

अर्द्धकंुभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये मेला
क्षेत्र के लगभग 30 किलोमीटर के परिक्षेत्र में सड़के, पेयजल, सुलभ शौचालय
सहित अन्य मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्य
प्राथमिकता से सुनिश्चित कराये जायें: राजीव कुमार

भारत सरकार से अर्द्धकंुभ मेला-2019 के लिये विभिन्न कार्यों हेतु प्राप्त
की जाने वाली धनराशि का विभागवार विस्तृत विवरण एवं आगणन
के साथ प्रस्ताव यथाशीघ्र भेज दिया जाये: मुख्य सचिव

तीर्थयात्रियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये इलाहाबाद शहर के रेलवे स्टेशनों
के प्लेटफाॅर्मो में भी आवश्यकतानुसार कार्य कराने हेतु रेलवे विभाग के
अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित किया जाये: राजीव कुमार

निर्मित होने वाले अण्डरपास एवं आवागमन हेतु रेलवे ओवरब्रिज आदि कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने हेतु रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्माण कार्य प्राथमिकता से प्रारम्भ करा दिये जायें: मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार अर्धकुंभ मेला-2019 के सम्पूर्ण आवश्यक कार्य आगामी 30 सितम्बर, 2018 तक निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने हेतु यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ करा दिये जायें। उन्होंने कहा कि अर्द्धकंुभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये मेला क्षेत्र के लगभग 30 किलोमीटर के परिक्षेत्र में सड़कंे, पेयजल, सुलभ शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें जायें। उन्होंने कहा कि निर्मित होने वाले अण्डरपास एवं आवागमन हेतु रेलवे ओवरब्रिज आदि कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने हेतु रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्माण कार्य प्राथमिकता से प्रारम्भ करा दिये जायें। उन्होंने कहा कि अर्द्धकुंभ मेला के 30 किलोमीटर परिक्षेत्र में आवश्यकतानुसार सफाई व्यवस्था एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक चिकित्सालयों का निर्माण एवं सफाई हेतु पर्याप्त सफाई कर्मी भी तैनात कराने हेतु कार्य योजना का क्रियान्वयन प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में अर्द्धकुंभ मेला-2019 में विभागीय अधिकारियों की बैठक कर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आवश्यकतानुसार प्रस्तावित ब्रिज एवं सड़कों के निर्माण का कार्य अगले सप्ताह से ही प्रारम्भ कर दिया जाये ताकि निर्धारित माइलस्टोन के अनुसार निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि भारत सरकार से अर्द्धकंुभ मेला-2019 के लिये विभिन्न कार्यों हेतु प्राप्त की जाने वाली धनराशि का विभागवार विस्तृत विवरण एवं आगणन के साथ प्रस्ताव यथाशीघ्र भेज दिया जाये ताकि भारत सरकार से विभिन्न कार्यों हेतु प्राप्त होने वाली धनराशि यथाशीघ्र प्राप्त हो सके।
श्री राजीव कुमार ने अर्द्धकुंभ मेला परिक्षेत्र में आवश्यकतानुसार रैन बसेरों का भी निर्माण कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि अर्द्धकंुभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों के आवागमन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये सड़कों के चैड़ीकरण का कार्य भी परीक्षण कराकर प्राथमिकता से करा दिया जाये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि रेलवे विभाग के सहयोग से होने वाले कार्यों को समय से पूर्ण कराने हेतु प्रत्येक सप्ताह रेलवे विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि अर्द्धकुंभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये इलाहाबाद शहर के रेलवे स्टेशनों के प्लेटफाॅर्मो में भी आवश्यकतानुसार कार्य कराने हेतु रेलवे विभाग के अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित किया जाये।
मुख्य सचिव ने अर्द्धकुंभ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकतानुसार पुलिस स्टेशनों को खोलने के साथ-साथ पर्याप्त पुलिस कर्मी भी तैनात कराये जायें। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को अर्द्धकुंभ मेला परिक्षेत्र की पल-पल की आवश्यकतानुसार जानकारी देने हेतु सार्वजनिक स्थानों पर एल0ई0डी0 स्क्रीन तथा उद्घोषणा के माध्यम से आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त लाउडस्पीकर भी लगवाये जायें। उन्होंने अर्द्धकुुंभ मेला के विभिन्न स्नान कार्यक्रमों के कवरेज हेतु संचार माध्यमों से युक्त मीडिया सेन्टर एवं प्रेस कैम्प की स्थापना भी कराने के निर्देश दिये गये।
बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त कुमार मिश्रा, प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव, सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव, नगर विकास श्री कुमार कमलेश, मण्डलायुक्त इलाहाबाद श्री आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी इलाहाबाद, श्री संजय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार आगामी मार्च, 2019 तक प्रदेश के समस्त घरों में बिजली पहुंचाने हेतु व्यापक कार्य योजना के अनुसार कार्यों में तेजी लाई जाये: मुख्य सचिव

Posted on 16 July 2017 by admin

बड़े परिदृश्य में ग्रामीण एवं दूरस्थ इलाकों में प्रत्येक घर को विद्युत उपलब्ध
कराने में सौर ऊर्जा को एक विकल्प के रूप में विचार किया जाय: राजीव कुमार

आगामी दो वर्षों में ट्रांसमिशन नेटवर्क को बढ़ाने हेतु आवश्यकतानुसार निर्मित
किये जाने वाले लगभग 38 सब स्टेशनों हेतु उपयुक्त जमीन का
नियमानुसार चयन सुनिश्चित करायें: मुख्य सचिव

लगभग 70 निर्माणाधीन सब स्टेशनों का निर्माण भी निर्धारित मानक एवं
गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने हेतु निरंतर माॅनीटरिंग सुनिश्चित:राजीव कुमार

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार आगामी मार्च, 2019 तक प्रदेश के समस्त घरों में बिजली पहुंचाने हेतु व्यापक कार्य योजना के अनुसार कार्यों में तेजी लाई जाये। बड़े परिदृश्य में ग्रामीण एवं दूरस्थ इलाकों में प्रत्येक घर को विद्युत उपलब्ध कराने में सौर ऊर्जा को एक विकल्प के रूप में विचार किया जाये। ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के साथ-साथ शेष क्षेत्रों में भी मीटरिंग, बिलिंग एवं अन्य क्षेत्रों में दक्षतावृद्धि कर ऊर्जा क्षेत्र को सस्टेनेबल आधार पर स्वावलम्बी बनाया जाये।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार आज अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने बुनकर अनुदान एवं केंद्रीयकृत सरकारी भुगतानों यथा नगर निगम, नगर पंचायत, जल निगम तथा सिंचाई विभाग से बकायों के रूप में बिजली विभाग की अवशेष धनराशि के त्वरित भुगतान के लिए प्रचलित प्रणाली को सरल बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभागों के बजट में बिजली बिल भुगतान हेतु उपलब्ध धनराशि तत्काल पाॅवर कार्पोरेशन को अवमुक्त कर दिया जाये, ताकि पाॅवर कार्पोरेशन विद्युत उत्पादकों का आंशिक भुगतान सुनिश्चित कर सके।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि सौर ऊर्जा के प्रभाव, मांग प्रबंधन से ऊर्जा में आने वाली कमी एवं कार्पोरेशन एवं फिक्स्ड चार्ज की देयता को समग्रता में आईआईटी, कानुपर या किसी विशेषज्ञ संस्था से अध्ययन करवाकर समय के व्यापक फलक पर इसका समेकित विश्लेषण कराया जाये। उन्होंने आगामी दो वर्षों में ट्रांसमिशन नेटवर्क को बढ़ाने हेतु आवश्यकतानुसार निर्मित किये जाने वाले लगभग 38 सब स्टेशनों हेतु उपयुक्त जमीन का नियमानुसार चयन सुनिश्चित करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि लगभग 70 निर्माणाधीन सब स्टेशनों का निर्माण भी निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने हेतु निरंतर माॅनीटरिंग सुनिश्चित की जाये।
बैठक में अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन श्री आलोक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पास मानकों से अधिक दीर्घकालीन पीपीए हैं एवं साथ ही भविष्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा प्राप्ति के परिदृश्य में वितरण कम्पनियों पर अनावश्यक रूप से फिक्सड चार्जेस के वहन का दायित्व बढ़ेगा, जो एक बड़ी चुनोती होगा। अतः ऐसे दीर्घकालिक पीपीए जिनसे प्राप्त होने वाली ऊर्जा की वैरिएबल कास्ट अत्याधिक है उन्हें पुर्नविचारित करना आवश्यक होगा।

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मुख्यमंत्री के आदेशों का अनुपालन कड़ाई से कराकर विकास योजनाओं में और अधिक गति लाकर विकास दर बढ़ानी होगी: मुख्य सचिव

Posted on 14 July 2017 by admin

  • प्रदेश में भयमुक्त वातावरण तैयार करने हेतु जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को एक साथ क्षेत्र का भ्रमण कर जनता से करें मधुर व्यवहार: राजीव कुमार
  • किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी का शासकीय मोबाइल नम्बर स्विच आॅफ नहीं होना चाहिए: मुख्य सचिव
  • स्थानीय स्तर पर निस्तारित होने वाली समस्याओं के लिये आम नागरिकों को मण्डल एवं लखनऊ के चक्कर लगाने हेतु विवश न होना पड़े: राजीव कुमार
  • बाढ़ से बचाव हेतु आवश्यक व्यवस्थायें समय से प्रत्येक दशा में सुनिश्चित होनी चाहिए: मुख्य सचिव
  • मुख्य सचिव ने वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश

dsc_4086उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों एवं आदेशों का पालन कड़ाई से सुनिश्चित कराते हुये विकास योजनाओं को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूर्ण कराने में कोई कोर कसर न छोड़ें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नियमों के तहत पूर्ण स्वतंत्रता के साथ कार्य करने की छूट जो वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा दी गयी है उसका पूर्ण लाभ उठाते हुये आम जनता को एहसास कराये कि मण्डल, जनपद एवं तहसीलों एवं ब्लाॅक स्तर पर तैनात अधिकारी आम नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने हेतु प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ मधुर व्यवहार कर उनकी बात शालीनता से सुनकर यथाशीघ्र नियमानुसार निस्तारित कराकर फरियादी को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रही वर्षा से संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव के लोगों की सुरक्षा हेतु आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा लें। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ से बचाव के लिये पी0ए0सी0 नाव की उपलब्धता न होने पर कुशल तैराकों सहित आवश्यकतानुसार नावों की व्यवस्था भी समय से सुनिश्चित करा लें ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटित न होने पाये। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घन्टे क्रियाशील रखते हुये आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री, दवाइयां आदि अन्य सामग्रियां वितरित कराते हुये पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखी जायें।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकास दर बढ़ाने हेतु प्रत्येक जिले का सर्वांगीण विकास होना आवश्यक है। प्रत्येक जनपद में विकास योजनाओं में और अधिक गति देने हेतु जनपदीय अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि आम जनता को यह एहसास कराना आवश्यक है कि जनपद के विकास हेतु जिलाधिकारी एवं पुलिस अधिकारी एवं तहसील, ब्लाॅक स्तर के प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अधिकारी मिलकर टीम भावना से कार्य कर रहे हैं।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि जनपद एवं तहसील अथवा ब्लाॅक स्तर पर हल होने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु किसी भी नागरिक को विवश होकर मण्डल मुख्यालय अथवा लखनऊ न आना पड़े। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की समस्या स्थानीय स्तर पर न सुनने की जानकारी की पुष्टि होने पर सम्बन्धित अधिकारी अथवा कर्मी को चिन्हित कर दण्डित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि तहसील एवं थाना स्तर पर आयोजित होने वाले समाधान दिवसों पर आम नागरिकों द्वारा उठाई जाने वाली समस्याओं का समाधान निर्धारित अवधि में नियमानुसार निस्तारित होना आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी का शासकीय नम्बर स्विच आॅफ कतई नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण अपना मोबाइल फोन सदैव आॅन रखे तथा अपने पास रखें एवं स्वयं उठाना सुनिश्चित करें, यदि व्यस्ततावश मोबाइल स्वयं रिसीव करने की स्थिति में न हों तो अपने अधीनस्थ को मोबाइल रिसीव करने हेतु अवश्य निर्देशित कर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारियों को अपने शासकीय दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ प्रत्येक दशा में कर आम नागरिक के साथ मधुर व्यवहार से पेश आयें।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि विकास योजनाओं को गति देने हेतु जनपद स्तर पर माॅनिटरिंग व्यवस्था कड़ाई से लागू की जाये। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को मासिक स्टाफ मीटिंग कर भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं/परियोजनाओं के निर्धारित लक्ष्य को समय से प्राप्त करने हेतु माॅनिटरिंग व्यवस्था लागू करनी होगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद अथवा किसी भी स्थल पर कोई भी अप्रिय घटना घटित होने पर सम्बन्धित अधिकारी द्वारा समय से नियमों के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन न करने पर उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को सजग रहकर अप्रिय घटना घटित होने से रोकना होगा। उन्होंने कहा कि यदि अप्रिय घटना घटित होती है तो तत्काल एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर नामजद होने की स्थिति पर यथाशीघ्र गिरफ्तारी एवं चार्जशीट दाखिल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और बेहतर ढ़ंग से लागू कर भयमुक्त समाज का वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही कदापि क्षम्य नहीं होगी।
वीडियोकान्फ्रेन्सिंग में प्रमुख सचिव, राजस्व डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव, सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, सचिव गृह श्री मणि प्रसाद मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट राज्य की 22 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है: मुख्यमंत्री

Posted on 11 July 2017 by admin

01-4-1बजट में किसानों, दुर्बल वर्ग, महिलाओं एवं बालिकाओं, बुजुर्गों व युवा वर्ग को सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए योजनाएं सम्मिलित की गई
प्रस्तुत बजट में 55 हजार 681 करोड़ 96 लाख रु0 की नई योजनाएं सम्मिलित
प्रदेश में गरीबी को समाप्त करना वर्तमान राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य: योगी आदित्यनाथ
बजट में उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव किया गया
फिजूलखर्ची रोक कर बिना कोई अतिरिक्त कर रोपित किए
फसली ऋण मोचन के लिए 36 हजार करोड़ रु0 का प्राविधान किया गया
सभी वर्गों के निर्धन अभिभावकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के स्कूल बैग के लिए 100 करोड़, एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा तथा एक स्वेटर के लिए 300 करोड़, यूनीफाॅर्म एवं पाठ्य पुस्तकों हेतु 123 करोड़ 96 लाख रुपए की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आज विधान सभा में प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट राज्य की 22 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इस बजट में किसानों, दुर्बल वर्ग, महिलाओं एवं बालिकाओं, बुजुर्गों व युवा वर्ग को समाज में भयरहित वातावरण प्रदान करने तथा उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए सक्षम बनाने की योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। 03 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपए का प्रस्तावित बजट पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष लगभग 11 फीसदी अधिक है। प्रस्तुत बजट में 55 हजार 681 करोड़ 96 लाख रुपए की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीबी को समाप्त करना वर्तमान राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य है। इसके लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास करते हुए अगले पांच वर्ष में दहाई विकास दर प्राप्त करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में जनसाधारण को विश्वस्तरीय आधुनिक यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ मेट्रो के कार्य को और तेजी से आगे बढ़ाने के साथ-साथ कानपुर, वाराणसी, आगरा एवं गोरखपुर में मेट्रो रेल परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इसके लिए प्रस्तुत बजट में 288 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही, बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा पूर्वान्चल को एक्सप्रेस-वे द्वारा जोड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
योगी जी ने बताया कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017 को लागू करने के लिए बजट में प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत विशेष निवेश बोर्ड एवं सिंगल विण्डो क्लीयरेंस के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की गई है। पारम्परिक स्वरोजगारियों की सहायता के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रस्तावित करते हुए 10 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति तथा प्रत्येक प्रदेशवासी को वर्ष 2019 तक विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। डिजिटल इण्डिया का प्रयोग करते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए यह सरकार कृत संकल्प है।
वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अपनाए जा रहे वित्तीय अनुशासन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फिजूलखर्ची को रोक कर जनता पर बिना कोई अतिरिक्त कर रोपित किए फसली ऋण मोचन के लिए बजट में 36 हजार करोड़ रुपए का प्राविधान किया है। राज्य की ऋण ग्रस्तता में सुधार आया है। वर्तमान में यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 28.6 प्रतिशत है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में ऋण ग्रस्तता करीब 30 फीसदी से अधिक थी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश सरकार लोक कल्याण संकल्प पत्र को चरणबद्ध ढंग से लागू करते हुए प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में सफल होगी।press-1
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि राज्य सरकार ने जनपद गोरखपुर के पिपराइच एवं बस्ती के मुण्डेरवा चीनी मिलों को पुनः संचालित करने के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करते हुए निगम क्षेत्र की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के क्षमता विस्तारीकरण एवं कोजेन की स्थापना हेतु करीब 74 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत कराया है। इसी प्रकार सहकारी क्षेत्र की 23 चीनी मिलों के अपगे्रडेशन हेतु तकनीकी परीक्षण कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीहड़, बंजर एवं जलभराव वाले क्षेत्रों को सुधारने, कृषि मजदूरों को आवंटित भूमि का उपचार कराने तथा उन्हें आजीविका उपलब्ध कराने हेतु पं0 दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।
कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा एवं इलाहाबाद में विभिन्न फसलों पर अनुसंधान हेतु सेण्टर फाॅर एक्सीलेन्स की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। प्रदेश की सड़कों के अनुरक्षण एवं उन्हें गड्ढामुक्त किए जाने हेतु 03 हजार 972 करोड़, विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत पूर्वान्चल के लिए 300 करोड़ तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान अवस्थापना विकास की नई योजनाओं के लिए किया गया है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के तहत 300 करोड़, मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के तहत 385 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी मिशन) हेतु 3,000 करोड़ तथा दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन हेतु 218 करोड़ 75 लाख रुपए का प्राविधान किया गया है।press-11
योगी जी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा को सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग के लिए 100 करोड़, एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा तथा एक स्वेटर के लिए 300 करोड़, निःशुल्क यूनीफाॅर्म एवं पाठ्य पुस्तके उपलब्ध कराने हेतु 123 करोड़ 96 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। सभी बालिकाओं को अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना के अंतर्गत ग्रेजुएट स्तर तक शिक्षा के लिए 21 करोड़ 12 लाख, पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना हेतु 142 करोड़ तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु 1061.32 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजना एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु 941.83 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। समस्त राजकीय तथा अराजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में वाईफाई की सुविधा हेतु 50 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति तथा जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदायों के निर्धन अभिभावकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा में क्रमशः रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट की योजनाओं के लिए 1240 करोड़, प्रासाद योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 800 करोड़, वाराणसी में सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इलाहाबाद में आयोजित होने वाले अद्धकुम्भ मेला 2019 के लिए 500 करोड़, गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण हेतु 20 करोड़, गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल में वाॅटर स्पोर्ट्स के विकास हेतु 25 करोड़, विन्याचल के पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ तथा जनपद मथुरा के नगला चन्द्रभान का ग्रामीण पर्यटन के तहत विकास के लिए 05 करोड़ रुपए के साथ-साथ रामायण काॅन्क्लेव के आयोजन के लिए 03 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बजट में किया गया है।
योगी जी ने बताया कि प्रदेश के 61 शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अमृत योजना के तहत 2,000 करोड़, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 1500 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना के लिए 1,000 करोड़, नमामि गंगे योजना के तहत 240 करोड़, झील संरक्षण योजना के तहत 70 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है। उन्होंने प्रस्तुत बजट के माध्यम से प्रदेश को नये युग की तरफ ले जाने की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार सबका साथ-सबका विकास की नीति पर चलते हुए प्रदेश के विकास के लिए गम्भीरता से प्रयास शुरु कर दिया है। उन्होंने इस प्रगतिशील बजट के लिए वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल एवं अपर मुख्य सचिव वित्त डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय की सराहना करते हुए भरोसा जताया कि उनके इस प्रयास से प्रदेश की आर्थिक विकास दर में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे आर्थिक संसाधन बढ़ेंगे और नौजवानों को रोजगार के अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर सूचना राज्य मंत्री डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी, मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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जनसंख्या का स्थिरीकरण करके ही समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है: मुख्यमंत्री

Posted on 11 July 2017 by admin

press-10इसी दर से जनसंख्या वृद्धि होती रही तो आने वाले समय में खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो जाएगा: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर ‘जागरूकता रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवारा का शुभारम्भ भी किया

press-9उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जनसंख्या का स्थिरीकरण करके ही समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। जनसंख्या की बेतहाशा वृद्धि आज एक ज्वलंत समस्या बन गयी है। उन्होंने कहा कि अगर इसी दर से जनसंख्या वृद्धि होती रही तो आने वाले समय में खाद्यान्न का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
press-41मुख्यमंत्री जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर ‘जागरूकता रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया तथा जनसंख्या स्थिरता पखवारा का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनसामान्य को जागरूक किया जाना आवश्यक है। यह जानकारी देना भी जरूरी है कि छोटा परिवार ही खुशहाली का आधार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए जनसंख्या वृद्धि की दर को नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि जनसंख्या नियंत्रण के अभियान सभी की सहभागिता सुनिश्चित हो तभी एक स्वस्थ और समृद्ध प्रदेश की कल्पना साकार हो सकेगी।press-71
कार्यक्रम के अन्त में मुख्यमंत्री जी ने हस्ताक्षर अभियान की भी शुरूआत की, जिस पर लोगों ने हस्ताक्षर कर प्रदेशवासियों को स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन उपलब्ध कराने के लिए संकल्प लिया।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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उत्तर प्रदेश बजट वर्ष 2017-2018 के प्रमुख अंश एवं विशेषताएं

Posted on 11 July 2017 by admin

वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट के मुख्य बिन्दु
ऽ    प्रस्तुत बजट का आकार 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपये (384659.71 करोड़ रुपये) है, जो वर्ष 2016-17 के बजट के सापेक्ष 10.9 प्रतिशत अधिक।
ऽ    प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व में वर्ष 2016-17 की अपेक्षा लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि सम्मिलित।
ऽ    बजट में 55 हजार 781 करोड़ 96 लाख रुपये (55,781.96 करोड़ रुपये) की नई योजनाएं सम्मिलित।
ऽ    अगले 5 वर्षों में 10 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य।
किसानों और गांवों के लिए
ऽ    लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली ऋण अदायगी के लिए 36,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ग्रामीण क्षेत्रों में बीहड़, बंजर एवं जल भराव वाले क्षेत्रों को सुधारने तथा कृषि मजदूरों को आवंटित भूमि का उपचार एवं आजीविका उपलब्ध कराने के लिए ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना’ के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    फसलों की उपज बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट की उपलब्धता बढ़ाये जाने की योजना के लिए 19 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    अतिदोहित, क्रिटिकल तथा सेमी क्रिटिकल विकास खण्डों में सिंचाई हेतु स्प्रिंकलर’ के लिए 10 करोड़ 41 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत सोलर फोटोवोल्टेइक इरीगेशन पम्प की स्थापना योजना हेतु 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    गन्ना किसानों की उपज को बाजार तक सुगमता से पहुंचाने के लिए सम्पर्क मार्गों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये तथा अनुरक्षण के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा एवं इलाहाबाद में फसलों पर अनुसंधान हेतु सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश की बंद सहकारी चीनी मिल पिपराईच के स्थान पर 3 हजार 500 ‘‘टन आॅफ केन पर डे’’ (टीसीडी) क्षमता की नयी चीनी मिल, जिसे 5 हजार टीसीडी तक विस्तारित किया जा सकेगा एवं को-जनरेशन प्लाण्ट की स्थापना हेतु 273 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश की बंद सहकारी चीनी मिल मुंडेरवा के स्थान पर 5 हजार (टीसीडी) क्षमता की नयी चीनी मिल, जिसे 7 हजार 500 टीसीडी तक विस्तारित किया जा सकेगा एवं को-जनरेशन प्लांट की स्थापना हेतु 270 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    निर्माणाधीन सहकारी चीनी मिल सठियाँव को इस वर्ष पूर्ण किये जाने हेतु 33 करोड़ 33 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    सहकारी चीनी मिल रमाला की पेराई क्षमता 2 हजार 750 (टीसीडी) को बढ़ाकर 5 हजार टीसीडी किये जाने हेतु 84 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ    लघु एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने हेतु संकर शाकभाजी उत्पादन एवं प्रबंधन के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    भारत सरकार के सहयोग से 20 जनपदों में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना प्रस्तावित है।
अवस्थापना विकास
ऽ    प्रदेश में मैट्रो रेल परियोजनाओं हेतु 288 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ    मार्गाें के चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 598 करोड़ 65 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ग्रामों को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने तथा लघु सेतुओं हेतु 451 करोड़ 58 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    जिला मुख्यालयों को 4 लेन मार्गों से जोड़ने हेतु 71 करोड़ 21 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    सड़कों के अनुरक्षण एवं गड्ढामुक्त किये जाने हेतु 3 हजार 972 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘उत्तर प्रदेश राज्य सड़क विकास निगम’ की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    पूर्वांचल की विशेष योजना हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं हेतु 200 करोड़ रुपये की नई योजनाएं प्रस्तावित हैं।
ऽ    ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना’ हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’ हेतु 385 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत सबके लिए आवास (शहरी मिशन) हेतु 3000 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित हैं।
ऽ    दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन हेतु 218 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना’ हेतु 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ    चिन्हित स्थलों पर हवाई पट्टियों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना’ के अन्तर्गत कांजी हाउस/पशु शेल्टर होम्स की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘केन्द्रीय मार्ग निधि योजना’ के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 8 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    नेपाल की सीमा से जुड़े प्रदेश के 07 जनपदों में निर्मित किए जाने वाले मार्गों हेतु 251 करोड़ 67 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    विश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित ‘उत्तर प्रदेश कोर नेटवर्क परियोजना’ के अन्तर्गत मार्ग निर्माण कार्यों हेतु 253 करोड़ रुपये तथा एशियन डेवलेपमेण्ट बैंक की सहायता से मार्ग निर्माण हेतु 202 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के मार्गों पर सेतुओं, रेल उपरिगामी तथा अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 185 करोड़ 69 लाख रुपये की व्यवस्था।
उद्योग एवं रोजगार
ऽ    ‘औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017’ के क्रियान्वयन हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन हेतु ‘‘विशेष निवेश बोर्ड’’ की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘‘सिंगल विण्डो क्लियरेंस’’ की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    लखनऊ में इन्क्यूबेटर्स की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’’ हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
छात्र-छात्राओं के लिए
ऽ    बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के निःशुल्क स्कूल बैग आवंटन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    बेेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा तथा एक स्वेटर उपलब्ध कराये जाने हेतु, 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    बेेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफाॅर्म एवं किताबें उपलब्ध कराये जाने हेतु, 123 करोड़ 96 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    सभी लड़कियों को ‘अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना’ के तहत ग्रेजुएट स्तर तक निःशुल्क शिक्षा हेतु 21 करोड़ 12 लाख रुपये की व्यवस्था।
दुर्बल वर्ग के लिए
ऽ    ‘मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ के अन्तर्गत 692 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘आम आदमी बीमा योजना’ हेतु 85 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    एस0सी0 एस0टी0 ओ0बी0सी0 तथा अल्पसंख्यक समुदाय के निर्धन अभिभावकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
हमारी सांस्कृतिक विरासत
ऽ    ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा में रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट की योजनाओं के लिए 1240 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘प्रासाद योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    वाराणसी में सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु हेलीकाॅप्टर सेवा के संचालन के लिए 25 करोड़ रुपये। गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल में वाॅटर स्पोर्ट्स के विकास हेतु 25 करोड़ रुपये। विन्ध्याचल के पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रुपये। मथुरा में नगला-चन्द्रभान के ग्रामीण पर्यटन विकास हेतु 5 करोड़ रुपये तथा रामायण काॅन्क्लेव के आयोजन हेतु 3 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    इलाहाबाद के अर्द्धकुम्भ मेला की तैयारी हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

कानून व्यवस्था
ऽ    पुलिस कर्मियों के अवास के लिए प्रथम चरण में 800 आरक्षियों, मुख्य आरक्षियों, उपनिरीक्षकों एवं निरीक्षकों के लिए श्रेणी-ए एवं बी के 800 यूनिट्स के निर्माण का लक्ष्य।
ऽ    इस वर्ष लगभग 33 हजार 200 पुलिसकर्मियों, जिनमें 30 हजार पुलिस कांस्टेबल और 3 हजार 200 सब इंस्पेक्टर की भर्ती की जायेगी। आगामी पांच वर्षों के अन्दर 1,50,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कृषि
ऽ    खाद्यान उत्पादन का लक्ष्य 567 लाख एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
ऽ    56 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य, जिसमें खरीफ की फसलों हेतु 11 लाख कुन्तल एवं रबी की फसलों हेतु 45 लाख कुन्तल का वितरण किये जाने का लक्ष्य है।
ऽ    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु 450 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ के तहत मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना के लिए 19 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था। इसके अलावा मृदा सर्वेक्षण एवं परीक्षण कार्यक्रम हेतु 261 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    88 लाख 82 हजार मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य।
ऽ    ‘सबमिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन’ के तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों को किराये एवं अनुदान पर कृषि यंत्र क्रय हेतु 300 कस्टम हायरिंग केन्द्र तथा 582 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ    ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ के तहत में 968 करोड़ 57 लाख रुपये का बजट प्राविधान।
ऽ    ‘नेशनल मिशन फाॅर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना’ के तहत परम्परागत कृषि विकास योजना द्वारा जैविक खेती का कार्यक्रम बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों सहित 30 जनपदों में क्रियान्वित करने का प्रस्ताव।
ग्राम्य विकास
ऽ    आवास विहीन एवं कच्चे आवासों में निवास करने वाले परिवारों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 4 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल एवं विन्ध्य क्षेत्र में सतही जल आधारित ग्रामीण पेयजल योजना हेतु 2 हजार 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘विधायक निधि’ योजना के क्रियान्वयन के लिए 762 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य
ऽ    पीसीडीएफ के अन्तर्गत प्रदेश में 10 डेयरी प्लाण्टों की स्थापना तथा 04 डेयरी प्लाण्टों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं हेतु 134 करोड़ 10 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    कानपुर में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड मिल्क पाउडर प्लाण्ट को पूरा करने के लिए 35 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    दुग्ध संघों को सुदृढ़ तथा पुनर्जीवित किए जाने के लिए 57 करोड़ 25 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    गौशालाओं में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए गौ सेवा आयोग को अनुदान हेतु 15 करोड़ 16 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    सक्रिय मत्स्य पालकों के आवास विहीन 666 परिवारों को एक लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास की दर से निःशुल्क आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
पंचायती राज
ऽ    ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना’ के अन्तर्गत स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के लिए 3 हजार 255 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश की प्रत्येक न्याय पंचायत में 02 ‘चन्द्रशेखर आजाद ग्रामीण विकास सचिवालय’ की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना’ के लिए 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
ऽ    प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के साथ 24ग्7 पावर फाॅर अॅाल हेतु 14 अप्रैल, 2017 को अनुबन्ध हस्ताक्षरित।
ऽ    अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे तथा प्रत्येक प्रदेशवासी को वर्ष 2019 तक वि़द्युत की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
ऽ    प्रदेश सरकार द्वारा जल्दी ही नई ’’सौर ऊर्जा नीति’’ लायी जाएगी, जिसमें निजी सत्र का निवेश आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना के लिये 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आवास एवं नगर विकास
ऽ    ’’आगरा पेय जलापूर्ति परियोजना’’ के अन्तर्गत 130 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन द्वारा 150 क्यूसेक कच्चा जल लाये जाने हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के 61 शहरांे में ’’अटल मिशन फाॅर रीज्यूवनेशेन एण्ड अर्बन ट्रांसफाॅर्मेशन (अमृत)’’ योजना हेतु 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’स्मार्ट सिटी मिशन’’ कार्यक्रम हेतु 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था। स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 13 नगरों में आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचा, ई-गवर्नेन्स एण्ड सिटीजन सविर्सेज, वेस्ट
मैनजमेन्ट, वाॅटर मैनेजमेन्ट तथा अर्बन मोबिलिटी द्वारा जीवन स्तर को बेहतर बनाये जाने का लक्ष्य।
ऽ    ’’स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना’’ हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    शहरों में बुनियादी सुविधाओें के सुदृढीकरण एवं विकास हेतु 85 करोड़ 74 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण-’’नमामि गंगे’’ के अन्तर्गत 240 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    गंगा, यमुना तथा गोमती के तटों पर स्थित नगरों में नदी प्रदूषण मुक्ति हेतु 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश की झीलों तथा तालों के संरक्षण हेतु ’’झील संरक्षण योजना’’ हेतु 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम नगरीय सौर पुंज योजना’’ हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ‘डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन योजना’ हेतु 213 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन
ऽ    ’’प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिये आवास (शहरी) मिशन’’ योजना के लिये 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’’ हेतु 385 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

सिंचाई
ऽ    ’’राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना’’ के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 110 राजकीय नलकूपों का निर्माण आगामी 2 वर्षों में कराया जायेगा।
ऽ    बाढ़ नियंत्रण तथा जल निकासी कार्यों हेतु 647 करोड़ 30 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना’’ पर काम प्राथमिकता से शुरू किया जायेगा।
लघु सिंचाई
ऽ    ’’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’’ के अन्तर्गत ’’पर ड्राप मोर क्राॅप योजना’’ हेतु 112 करोड़ 67 लाख रुपये की व्यवस्था।

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
ऽ    हथकरघा वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 25 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
ऽ    प्रदेश में 100 शैय्यायुुक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 85 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    बरेली, मुरादाबाद तथा देवीपाटन (गोण्डा) में 33 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से 300 शैय्या वाले संयुक्त चिकित्सालय खोले जायेंगे।
ऽ    ग्रामीण क्षेत्रों में 50 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    शहरी क्षेत्रों में 50 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों के लिये 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण हेतु क्रमशः 49 करोड़ 75 लाख े एवं 85 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु कैशलेस चिकित्सा सुविधा हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    जिला संयुक्त चिकित्सालयों में विशिष्ट चिकित्सा सुविधायें उपलबध कराने हेतु 125 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
ऽ    डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय, लखनऊ परिसर के विस्तार हेतु 19 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
बेसिक शिक्षा
ऽ    ’’सर्व शिक्षा अभियान’’ हेतु 19 हजार 444 करोड़ 35 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मध्याह्न भोजन कार्यक्रम हेतु 2 हजार 54 करोड़ 74 लाख रुपये की व्यवस्था।
माध्यमिक शिक्षा
ऽ    ’’राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान’’ हेतु 551 करोड़ 93 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    166 पं0 दीन दयाल उपाध्याय राजकीय माॅडल विद्यालयों के संचालन हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
उच्च शिक्षा
ऽ    राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में ’’राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान’’ के अन्तर्गत आधारभूत सुविधायें उपलबध कराने हेतु 191 करोड़ 27 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के सभी काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 15 करोड़ की व्यवस्था।
ऽ    जननायक चन्द्रशेखर राज्य विश्वविद्यालय, बलिया हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    विश्वविद्यालयों में ’’पं0 दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ’’ की स्थापना के लिये 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में ’’भाऊराव देवरस शोध पीठ’’ की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करने की आॅन लाइन व्यवस्था हेतु 50 लाख रुपये का प्राविधान।
प्राविधिक शिक्षा
ऽ    सोनभद्र के राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज, कन्नौज एवं मैनपुरी के राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेजों के अवशेष निर्माण कार्यों के लिए 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रतापगढ़ में एक राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज स्थापित किये जाने के लिए 4 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ के निर्माण कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान।
ऽ    बस्ती एवं गोण्डा में एक-एक इंजीनियरिंग काॅलेज के अवशेष निर्माण कार्यों के लिये 14 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मिर्जापुर में राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज निर्माण हेतु 8 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
व्यवसायिक शिक्षा
ऽ    अगले 5 वर्षों में 70 लाख रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ    प्रदेश के समस्त राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के लिये अपने निजी भवन निर्मित किये जायेंगे तथा निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण कराया जायेगा।
महिला एवं बाल कल्याण
ऽ    ’’महिला विकास एवं मातृत्व लाभ कार्यक्रम’’ के लिये 100 करोड़ रुपये तथा ’’शबरी संकल्प अभियान’’ के लिये 262 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    निराश्रित महिला भरण-पोषण अनुदान योजना हेतु 1 हजार 129 करोड़ 78 लाख रुपये की व्यवस्था।
अल्पसंख्यक कल्याण
ऽ    अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 791 करोड़ 83 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति योजना हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मान्यता प्राप्त मदरसों तथा मकतबों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा हेतु 394 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं के शैक्षिक एवं आर्थिक विकास के लिये अल्पसंख्यक सघन आबादी वाले क्षेत्रों में महिला छात्रावास हेतु 18 करोड़ 41 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’मल्टीसेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेन्ट प्लान’ के अन्तर्गत 340 करोड़ 90 लाख रुपये की व्यवस्था।

पिछड़ा वर्ग कल्याण
ऽ    पिछडे़ वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं के छात्रावास हेतु 52 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक एवं युवतियों को ’’ओ’’ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु 11 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 551 करोड़ 28 लाख रुपये की व्यवस्था।
दिव्यांग कल्याण
ऽ    ’’सुगम्य भारत अभियान योजना’’ के अन्तर्गत सरकारी कार्यालयों एवं जन उपयोगी भवनों को चिन्हित कर दिव्यांगजन हेतु बाधारहित बनाये जाने के लिये 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    दिव्यांग पेंशन की राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह करने हेतु 559 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों के निर्माण कार्यों हेतु 18 करोड़ 40 लाख रुपये की व्यवस्था।
खाद्य एवं रसद
ऽ    राशन कार्ड में दर्ज यूनिट की आधार सीडिंग हेतु 76 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
न्याय
ऽ    उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच, लखनऊ के नवीन भवन में अतिरिक्त कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    नवसृजित जनपदों एवं नव सृजित न्यायालयों में भवन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    अधीनस्थ न्यायालयों में सोलर पाॅवर सिस्टम की स्थापना के लिये 20 करोड़, सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिये 20 करोड़, सी0सी0टी0वी0 कैमरों के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    अधीनस्थ न्यायालयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु स्वतंत्र फीडर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मध्यस्थों को मानदेय भुगतान हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

राजस्व
ऽ    प्रदेश में आपदा राहत के लिये ’’राज्य आपदा मोचक निधि’’ में 744 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    ’’तालाब विकास प्राधिकरण’’ के गठन हेतु 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ     मण्डल, जनपद, तहसील के कार्यालयों तथा अनावासीय भवनों के निर्माण, पुनर्निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं भूमि क्रय के लिए 205 करोड़ 13 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    प्रदेश के मण्डल, जनपद, तहसीलों के आवासीय भवनों के निर्माण, पुनर्निर्माण, सुदृढ़ीकरण एवं भूमि क्रय के लिये 95 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मण्डल, जनपद एवं तहसील कार्यालयों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेेट्रिक सिस्टम स्थापित किये जाने हेतु 1 करोड़ 37 लाख रुपये की व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण
ऽ    वर्ष 2017 के वर्षाकाल में वन विभाग द्वारा 4 करोड़ 30 लाख तथा अन्य विभागों द्वारा 2 करोड़ 24 लाख, कुल 6 करोड़ 54 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य।
संस्कृति
ऽ    राम कथा संग्रहालय में संरक्षित गुमनामी बाबा से संबंधित दस्तावेजों का डिजिटाईजेशन किया जायेगा। गोरखपुर में ’’लोक मल्हार’’ तथा अयोध्या में ’’सावन झूला’’ के विशिष्ट कार्यक्रमों के आयोजन किये जाने का संकल्प। ’’कृष्ण संग्रहालय’’ की स्थापना के साथ ही ’’पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह’’ के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में माहवार संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराने की रूपरेखा बनायी गयी।
ऽ    संास्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 135 करोड़ 26 लाख रुपये की व्यवस्था। इसके अन्तर्गत कलाकारों का उन्नयन एवं प्रशिक्षण, फिल्मों का विकास (डाक्यूमेंट्री, आॅडियो विजुअल), कला परिषद का गठन, कबीर अकादमी की स्थापना, महानगरों तथा जिला केन्द्रों पर कला उत्सव के आयोजन।
ऽ    गोरखपुर में आधुनिक प्रेक्षागृह के निर्माण हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    मथुरा में ’’गीता शोध संस्थान’’ की स्थापना के लिये 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ    लोक कलाओं के संवर्धन हेतु लोक कलाकारों को वाद्य यंत्रों के लिए अनुदान हेतु 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आबकारी शुल्क
ऽ    आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 20 हजार 593 करोड़ 23 लाख रुपये निर्धारित।
स्टाम्प एवं पंजीकरण
ऽ    स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 17 हजार 458 करोड़ 34 लाख रुपये निर्धारित।
वाहन कर
ऽ    वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 5 हजार 481 करोड़ 20 लाख रुपये निर्धारित।
वित्तीय वर्ष 2017-2018 के बजट अनुमान
प्राप्तियाँ
ऽ    वर्ष 2017-2018 में 3 लाख 77 हजार 190 करोड़ 88 लाख रुपये (377190.88 करोड़ रुपये) की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं।
ऽ    कुल प्राप्तियों में 3 लाख 19 हजार 397 करोड़ 43 लाख रुपये (3,19,397.43 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 57 हजार 793 करोड़ 45 लाख रुपये (57,793.43 करोड़ रुपये) की पूँजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं।
ऽ    राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 2 लाख 32 हजार 908 करोड़ 41 लाख रुपये (2,32,908.41 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 1 लाख 11 हजार 501 करोड़ 90 लाख (1,11,501.90) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1 लाख 21 हजार 406 करोड़ 51 लाख रुपये (1,21,406.51 करोड़ रुपये)सम्मिलित है।
व्यय
ऽ    कुल व्यय 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपये (3,84,659.71 करोड़ रुपये) अनुमानित है।
ऽ    कुल व्यय में 3 लाख 7 हजार 118 करोड़ 63 लाख रुपये (3,07,118.63 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय  है तथा 77 हजार 541 करोड़ 8 लाख रुपये (77541.08 करोड़ रुपये) पूँजी लेखे का व्यय है।

राजस्व बचत
ऽ    वर्ष 2017-2018 में 12 हजार 278 करोड़ 80 लाख रुपये (12,278.80 करोड़ रुपये) का राजस्व बचत अनुमानित है।

राजकोषीय घाटा
ऽ    वित्तीय वर्ष 2017-2018 में 42 हजार 967 करोड़ 86 लाख रुपये (42,967.86 करोड़ रुपये) का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।
ऽ    राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 28.6 प्रतिशत अनुमानित है।
समेकित निधि
ऽ    समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् 7 हजार 468 करोड़ 83 लाख रुपये (7468.83 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है।
लोक लेखा
ऽ    लोक लेखे से 7 हजार 600 करोड़ रुपये (7600 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित हैं।
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम
ऽ    वर्ष 2017-2018 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 131 करोड़ 17 लाख रुपये (131.17 करोड़ रुपये) अनुमानित है।
अन्तिम शेष
ऽ    वर्ष 2017-2018 में प्रारम्भिक शेष 1 हजार 204 करोड़ 55 लाख रुपये
(1,204.55 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 1 हजार 335 करोड़ 72 लाख रुपये (1335.72 करोड़ रुपये) होना अनुमानित हैं।
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