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मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुसार प्रदेश के 30 जनपदों को वर्तमान वर्ष के 31 दिसम्बर तक तथा शेष 44 जनपदों को आगामी वर्ष 02 अक्टूबर तक खुले में शौचमुक्त कराने हेतु कराये जा रहे कार्यों में तेजी से चलेगा अभियान: मुख्य सचिव

Posted on 18 July 2017 by admin

प्रत्येक जनपद में जनपद स्तर पर शौचालय निर्माण हेतु राजमिस्त्रियों को
प्रशिक्षण देने हेतु 50 मास्टर ट्रेनर कराये जा रहे तैयार: राजीव कुमार

शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक विकास खण्ड में लगभग 250 से 300 राजमिस्त्रियों
का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य कराया जाये: मुख्य सचिव

dsc_4249इस प्रकार कुल 1.50 लाख राजमिस्त्रियों को
प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित: राजीव कुमार

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की घोषणा के अनुसार प्रदेश के 30 जनपदों को 31 दिसम्बर, 2017 तक तथा शेष 44 जनपदों को 02 अक्टूबर, 2018 तक खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु सितम्बर, 2017 तक 33 हजार स्वच्छाग्रहियों का चयन, प्रशिक्षण/क्षमतावृद्वि हेतु तैनाती सुनिश्चित करा दी जाये। उन्होंने कहा कि राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण निर्धारित अवधि में सुनिश्चित कराते हुये मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने व्यापक आई.ई.सी. गतिवधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुये सत्यापन की व्यवस्था एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय भी सुनिश्चित कराया जाये।
प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के क्रियान्वयन हेतु मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में गठित “शीर्ष समिति“ (।चमग ब्वउउपजजमम) की बैठक में श्री चंचल कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज, श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव, वित्त,  श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव, सूचना, श्री प्रशान्त कुमार त्रिवेदी, प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री एम.पी. अग्रवाल, सचिव, वित्त, श्री संतोष कुमार यादव, सचिव, महिला कल्याण, के साथ-साथ मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) तथा यूनीसेफ, विश्व बैंक एवं वाॅटरएड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
स्वच्छाग्रहियों का चयन, प्रशिक्षण/क्षमतावृृद्धि एवं तैनातीः प्रदेश में योजना के दु्रत क्रियान्वयन हेतु बनायी गयी रणनीति के अनुसार प्रत्येक 03 ग्राम पर 01 सी.एल.टी.एस. विधा से प्रशिक्षित 33000 स्वच्छाग्रहियों की माह सितम्बर, 2017 तक तैनाती की जानी है, जिसके सापेक्ष अबतक लगभग 21000 स्वच्छाग्रहियों का चयन करते हुए उनको सी.एल.टी.एस. विधा पर प्रशिक्षण करने हेतु राज्य स्तर पर स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एस.आर.जी.) का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से आगामी 2 माह में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर ग्रामांे का स्वामित्व प्रदान कर ग्राम को खुले में शौच मुक्त बनाये जाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम स्तर पर निगरानी समिति, जिसमें महिलाऐं, बच्चें, बुजुर्ग एवं नौजवानों को शामिल गांव के लोंगो को सुबह एवं साय को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु निगरानी का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।
राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन, प्रशिक्षण एवं तैनातीः राज्य स्तर से गुणवत्तापूर्ण शौचालय निर्माण हेतु प्रदेेश के समस्त जनपदों केे 05-05 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनके माध्यम से जनपदों मे राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण कराने के निर्देेश दिये गये है। इसके साथ मिशन द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों मे सहयोगी संस्थाओं यथा-यूनीसेफ, वल्र्ड बैंक, वाटर एड, डब्लू.एस.एस.सी.सी द्वारा 28 जनपदों में शौचालय निर्माण तकनीकी पर कार्यशाला की गयी है। प्रत्येक जनपद मे कम से कम 100 से 500 प्रशिक्षित राजमिस्त्रिी कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से  गांवो में शौचालय निर्माण कार्य किया जा रहा है।
प्रत्येक जनपद में जनपद स्तर पर शौचालय निर्माण हेतु राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने हेतु 50 मास्टर ट्रेनर को तैयार किया जा रहा तथा शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक विकास खण्ड में लगभग 250 से 300 राजमिस्त्रियों का चिन्हांकन एवं प्रशिक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। इस प्रकार कुल 1.50 लाख राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य है।  निर्माण सामग्री की उपलब्धता सम्भावित मांग के अनुसार आंकलन कर सप्लाई चैन व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, ताकि ईट, बालू, रूरल पैन एवं दरवाजे आदि की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए ग्राम पंचायतवार मैपिंग आपूर्तिकर्ताओं/दुकानदारों के साथ टाई-अप किया जा रहा है।
प्रचार-प्रसार एवं क्षमतावृद्धि की गतिविधियां- राज्य स्तर पर जनपद की आई.ई.सी. प्लान तैयार करने हेतु राज्य स्तरीय कार्यशालाओ का आयोजन किया गया है। प्रत्येक जनपद मे खुले मे शौच मुक्त करने की गतिविधियां बढ़ाने हेतु समस्त जनपदों का आई.ई.सी. प्लान एवं कैलेण्डर तैयार किया गया है एवं उसका नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है।  इसमें अन्र्तवैक्तिक सम्प्रेषण व सामुदायिक स्थायी व्यवहार परिवर्तन हेतु घर-घर सम्पर्क गतिविधियों पर विशेष जोर देते हुए प्रभावी गतिविधियां यथा- सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में इम्पैन्ल्ड संस्थाओं के माध्यम से मोबाइल वैन, नुक्कड़-नाटक, मोबाइल मैसेजिंग, वीडियो फिल्म प्रदर्शन, स्वच्छता रैली तथा पैदल मार्च इत्यादि का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
जन-शक्ति की व्यवस्था- जनपदों को खुले मे शौच मुक्त हेतु की जाने वाली गतिविधियों एवं अधिक मात्रा मे शौचालय निर्माण होने पर भारत सरकार की वेबसाइट पर लाभार्थीवार एम.आई.एस. एवं फोटो अपलोडिंग, अनुश्रवण आदि की गतिविधियों के दृष्टिगत प्रत्येक स्तर पर अनुमन्य समस्त पदों के सापेक्ष तैनाती सुनिश्चित की जा रही है।  प्रत्येक जनपद में आवश्यकता एवं प्रशासनिक मद की उपलब्धता के अनुसार जनपद स्तर पर प्राविधानित मैनपावर के सापेक्ष अवशेष पदों पर भी तैनाती किया जाना है।
खुले में शौच मुक्ति (ओ.डी.एफ.) का सत्यापन एवं सत्यापन एवं ळमव.जंहहपदह- योजनान्तर्गत पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु भारत सरकार के आई.एम.आई.एस. प्रणाली में निर्मित शौचालय की शतप्रतिशत फोटो अपलोडिंग (ळमव.जंहहपदहए आक्षांश एवं देशान्तर सहित) निरन्तर अनुश्रवण की व्यवस्था बनायी गयी। ग्रामों में निर्मित हो रहे प्रत्येक शौचालय के लिए निर्धारित यूनिक कोडिंग व्यवस्था के अन्तर्गत इंगित कर फोटों अपलोडिंग के दौरान प्रदर्शित करना आवश्यक है। ग्राम/ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु संबंधित ग्राम/ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित कर निर्धारित समयान्तर्गत स्वघोषणा के पश्चात त्रिस्तरीय सत्यापन व्यवस्था लागू किया गया है, जिसके तहत विकास खण्ड, जनपद एंव मण्डल स्तर पर स्वतंत्र रूप से शतप्रतिशत शौचालयों का सत्यापन एवं ओ.डी.एफ. की वस्तुस्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।
अन्य विभागों के साथ समन्वय-कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं प्रदेश को खुले मंे शौच से मुक्त करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, आई.सी.डी.एस. शिक्षा विभाग आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।

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