Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उ0प्र0 सहकारी ग्राम्य विकास बैंक से भूमि बंधक रखकर 50 हजार रुपए तक ऋण लेने वाले किसानों का शेष मूलधन तथा ब्याज माफ करने की घोषणा की है। यह सुविधा उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने 31 मार्च, 2012 तक मूलधन का कम से कम 10 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों का 1650 करोड़ रुपए का ऋण माफ हो जाएगा तथा प्रदेश के लगभग 07 लाख 20 हजार किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्तमान बजट में 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है शेष आवश्यक धनराशि की व्यवस्था आगे के बजट में की जाएगी।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन का उल्लेख करते हुए कहा कि नेताजी एक किसान परिवार से हैं और किसानों के जायज हितों के लिए उनके द्वारा लगातार संघर्ष किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जमीन बंधक रखकर कर्ज लेने वाले किसानों द्वारा कर्ज न दे पाने की स्थिति में जमीन को नीलाम करने की व्यवस्था को समाप्त करने और ऐसी स्थिति में किसानों की कर्ज माफी का वायदा किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान तरक्की नहीं करेंगे तब तक देश और प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाना सम्भव नहीं है। इसीलिए प्रदेश सरकार लगातार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की मदद करने का फैसला करती रही है।
श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित में नहरों एवं राजकीय नलकूपों के माध्यम से मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था का फैसला पहले ही ले चुकी है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बहुत शीघ्र राज्य सरकार गन्ना मूल्य घोषित कर देगी। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए जा चुक हैं।
पत्रकार वार्ता में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, अम्बिका चैधरी,
बलराम यादव, अहमद हसन, राम गोविन्द चैधरी, आनन्द सिंह,
ओमप्रकाश सिंह, राज्यमंत्री अभिषेक मिश्र, विधान परिषद सदस्य राजेन्द्र चैधरी, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव सूचना संजीव मित्तल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
सपा सरकार द्वारा ऋणमाफी की घोषणा, मात्र एक छलावा है तथा किसानों के साथ एक और धोखा, यह बात राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।
श्री सिंह ने कहा कि उ0प्र0 के विधानसभा चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी ने किसानों का ऋण माफ करने का वायदा किया था, जिस कारण किसानों ने आश लगाये रखी कि हमारा ऋण माफ हो जायेगा फलस्वरूप इनके ऊपर ब्याज बढ़ता गया तथा ऋण का नवीनीकरण न हो पाने से आगे उनको ऋण भी नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी फसल प्रभावित हो रही है। आज सपा सरकार द्वारा किसानों के सशर्त ऋण माफी की घोषणा से किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि केवल भूमि विकास बैंकों का ऋण माफ करने से कुछ ही किसानों का ऋण माफ हो पायेगा जबकि पूरा किसान वर्ग खाद् और डीजल के बढ़े दामों और अन्य मंहगाई के कारण परेशान है। ऐसे में शेष किसान बढ़े हुये ब्याज सहित अपना ऋण चुकाने को मजबूर होंगे। किसानों द्वारा समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र पर विश्वास करना उनके लिए अतिरिक्त बोझ बन गया है। बढ़ा हुआ ब्याज अदा करके ऋण मुक्त होने में किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा। प्रदेश सरकार द्वारा केवल एक ही बैंक का ऋण माफ करने से यह साबित होता है कि सरकार को किसानों के फायदें की नहीं बल्कि भूमि विकास बैंक के लाभ की चिन्ता है।
श्री सिंह ने उ0प्र0 सरकार से माँग की है कि वह अपना वायदा पूरा करते हुये सभी किसानों के ऋण माफ करें नहीं तो आने वाले दिनों में किसान अपने साथ हुये धोखे का बदला लोकसभा चुनाव में सपा के विरूद्ध मतदान करके लेगा।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व प्रदेश महासचिव वसीम हैदर ने दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार कृषकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु कृत-संकल्प है। इसी क्रम में लघु सिंचाई विभाग द्वारा आगामी 5 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 19.20 लाख हेक्टेयर शुद्ध असिंचित क्षेत्र को सिंचित करने की वृहद योजना तैयार की गई है।
लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार निःशुल्क बोरिंग योजना में जल के अपव्यय को रोकने हेतु जल वितरण के लिए एच.डी.पी.ई. पाइप सिंचाई सिस्टम के लिए अधिकतम 3000.00 रुपये के अतिरिक्त अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा गहरी बोरिंग व मध्यम गहरी बोरिंग योजना में निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु विद्युत नियामक आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित अनुदान पृथक से दिये जाने की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में यह अनुदान 0.68 लाख रुपये है। अनुदान की यह राशि आगामी वित्तीय वर्ष 2013-14 से लघु सिंचाई विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी तथा लघु सिंचाई विभाग द्वारा कृषकों की बोरिंग होने के उपरान्त ऊर्जीकरण हेतु कृषक के नाम सहित उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को उपलब्ध करायी जायेगी। साथ ही गहरे एवं मध्यम गहरे नलकूपों में बोरिंग हैण्ड ओवर होने के उपरान्त छः माह के अन्दर बोरिंग फेल होने की दशा में पुनः बोरिंग कराये जाने की व्यवस्था भी की गई है।
गहरे नलकूपों की योजना में जल के अपव्यय को रोकने हेतु वर्तमान में अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त जल वितरण के लिए एच.डी.पी.ई. सिंचाई सिस्टम की स्थापना हेतु अधिकतम 10000.00 रुपये के अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी प्रकार सामूहिक नलकूपों के निर्माण हेतु नये स्वरूप में डा0 राममनोहर लोहिया सामुदायिक नलकूप योजना नामक नयी योजना स्वीकृत की गई है जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य समूहों को नलकूप निर्माण हेतु अधिकतम 5.00 लाख रुपये तथा सामान्य श्रेणी बाहुल्य समूहों को अधिकतम 3.92 लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा। इस अनुदान में नलकूप निर्माण, जल वितरण प्रणाली तथा नलकूप के ऊर्जीकरण हेतु पृथक-पृथक अनुदान की व्यवस्था है। ऊर्जीकरण हेतु विद्युत नियामक आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित अनुदान देय होगा तथा वर्ष 2013-14 से ऊर्जीकरण हेतु अनुदान की राशि लघु सिंचाई विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा समूह बोरिंग होने के उपरान्त ऊर्जीकरण हेतु धनराशि समूह के नाम सहित उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को उपलब्ध करायी जायेगी।
सतही जल संसाधनों के उपयोग हेतु पम्पसेट देने की योजना के अन्तर्गत पम्पसेट क्रय हेतु सभी श्रेणी के कृषकों हेतु वर्तमान में अनुमन्य अनुदान 3000.00 रुपये को संशोधित कर निःशुल्क बोरिंग योजना के पैटर्न पर सामान्य श्रेणी के लघु कृषक को अधिकतम 4500.00 रुपये सीमान्त कृषक को अधिकतम 6000.00 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषक को अधिकतम 9000.00 रुपये का अनुदान स्वीकृत किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 November 2012 by admin
फिलहाल तीन जनपदों के तीन विकास खण्डांे में सक्रिय प्रणाली को आगे पूरे राज्य में लागू किया जायेगा -आलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज यहां बताया कि राज्य में मनरेगा योजना में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए जी.पी.एस./जी.आई.एस. आधारित माॅनीटरिंग की एक नवीन प्रणाली लागू की गयी है। उन्होंने बताया कि जी.पी.एस/जी.आई.एस. को मनरेगा में पायलेट योजना के रूप में प्रदेश के लखीमपुर, हरदोई एवं उन्नाव जनपदों के एक-एक विकास खण्डों में लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि एन0आई0सी0 के सहयोग से तैयार की गयी इस प्रणाली द्वारा मनरेगा योजना के कार्यों को गूगल-अर्थ पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रभावशीलिता का मूल्यांकन करने के बाद इस प्रणाली को पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा।
श्री आलोक रंजन ने बताया कि जी.पी.एस/जी.आई.एस. प्रणाली से उपलब्ध कार्य विवरणों के फोटोग्राफ को अक्षांश एवं देशान्तर के साथ राज्य के ग्राम विकास विभाग की वेबसाइट www.rd.up.nic.in में उपलब्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 20012-13 में मनरेगा योजना के तहत जनपद हरदोई के ब्लाक कछौना, लखीमपुर-खीरी के ब्लाक कुम्भी (गोला) एवं उन्नाव के ब्लाक सिकन्दरपुर कर्ण में कराये गये सभी कार्यों को फोटो-चित्रित कर विभाग की वेबसाइट www.rd.up.nic.in पर प्रस्तुत किया गया है।
ग्राम विकास आयुक्त श्री अनिल गर्ग ने इस मौके पर कृषि उत्पादन आयुक्त को सूचित किया कि मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ाने वाली माॅनीटरिंग प्रणाली द्वारा ग्रामीण सम्पर्क, बाढ नियंत्रण, जल संरक्षण और जल संचय, पारंपरिक जल निकायों के नवीनीकरण, सूखारोधन, सिंचाई नहरें, सिंचाई
सुविधाएं अ.जा./अ.ज./इन्दिरा आवास योजना, भूमि विकास, राजीव गांधी सेवा केन्द्र, तटयीय क्षेत्र, ग्रामीण पेय जल, मत्स्य पालन एवं ग्रामीण स्वच्छता से संबंधित सभी जानकारियां गुगल अर्थ एवं ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के लागू होने से पूर्व में किये गये सभी कार्यों को दुबारा करके दिखाने की प्रवृत्ति (डुप्लीकेशन) का पता चल सकेगा एवं कार्य का निर्धारण ज्यादा तार्किक होगा तथा एक क्षेत्र विशेष में विकास कार्यों का विश्लेषण भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ फर्जी फिकेशन को रोका जा सकेगा तथा विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
तकनीकी निदेशक श्री जी0पी0सिंह ने बताया कि इस प्रणाली के अन्तर्गत ग्राम विकास विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध शीर्षक स्टेट रिलेटेड लिंक के तहत मनरेगा वर्क मैपिंग (पायलेट प्रोजेक्ट) नाम से एक नवीन विकल्प प्रदान किया गया है जिसके अन्तर्गत 14 प्रकार के कार्यों की स्थिति जैसे पूर्ण कार्य, प्रगतिशील/निलम्बित कार्य/स्वीकृत कार्य, प्रस्तावित कार्य का विवरण दिखाई देगा, एवं इसके पश्चात् continue विकल्प को क्लिक करने पर जनपद चुना जा सकेगा तथा चिन्हित विकास खण्ड की ग्राम पंचायतों के कार्य विवरण को देखा जा सकेगा। उन्होंने जानकारी दी कि कार्य के विवरण के अन्तर्गत जिला, विकास खण्ड, ग्राम पंचायत के नाम के साथ-साथ कार्य का नाम एवं कोड, कार्य का प्रकार तथा कार्य का फोटो उपलब्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली द्वारा देश के किसी भी कोने से उत्तर प्रदेश में कराये गये मनरेगा के कार्यों को देखा जा सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 November 2012 by admin
उवर्रक मे मिलावट की जाॅच जागरूक किसान स्वयं खाद असली है या नकली, कर सकते है। कृषि अधिकारी अमर सिंह के मुताबिक जो किसान निजी खाद की दुकानों से खाद खरीद रहे है, डीएपी असली है या नकली तो डीएपी के दाने जमीन पर बिखरा दे फिर उन्हें जूते से मसल दे यदि डीएपी शुद्व है तो दाने नही फूटेगें, फूट जाये ंतो समझो मिलावट है। तथा दानो को गर्म करने पर दाने फूलकर साबूदाना की तरह हो जाये तो समझे शुद्व है। डीएपी मे नाइट्रोजन की उपलब्धता जानने के लिये एक ग्राम पिसी डीएपी मे चूना मिलाकर सूघेे, अमोनिया की गन्ध लगेगी तो डीएपी मे नाइट्रोजन है नही तो मिलावट। इसी प्रकार डीएपी की कई तरह से जाॅच की जा सकती है। इसी तरह यूरिया चमकदार होती है। समान आकार के दाने मे घुलनशील होती है आॅच लगने पर कतई घुल जाती है, हथेली पर पानी लेकर 10-15 दाने डाले शुद्व यूरिया ठण्डक देती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने का समर्थन व लाभकारी मूल्य की घोषणा न करने से किसानों में भारी अंसंतोष व्याप्त है। डीजल, खाद, बिजली व श्रमिकांें की मजदूरी बढ़ने से गन्ने का लागत मूल्य लगभग 25 प्रतिशत बढ गया है। रालोद सरकार से माँग करता है कि सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य का निर्धारण करते समय किसानों के लागत मूल्य को ध्यान मंें रखते हुये जल्द से जल्द गन्ने की खरीद का समर्थन मूल्य की घोषणा करे। अक्टूबर माह बीत जाने के बाद भी प्रदेश की गन्ना मिलों ने पेराई शुरू नहीं की, इससे रबी की बुआई प्रभावित हो रही है तथा जिसके कारण गेहँू के उत्पादन मंें भारी गिरावट आयेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों पर प्रदेश के गन्ना किसानों का करोड़ों रूपया बकाया है लेकिन सरकार किसानांें को मिलों से भुगतान कराने में हीलाहवाली कर रही है। उल्लेखनीय है कि देश के मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के गन्ना किसानों को उनके बकाया मूल्य को तत्काल भुगतान कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित कर चुकी है। लेकिन सरकार अभी तक गन्ना किसानों का बकाया धनराशि का भुगतान कराने में असफल है वहीं राज्य सरकार किसानों पर ऋण वसूली के लिए आर0सी0 काटकर दिन प्रतिदिन दबाव बढ़ा रही है जिससे किसानों में असंतोष व्याप्त हैं।
बसपा सरकार के कार्यकाल में 21 चीनी मिलों को निजी हाथों में बेचने से लगभग 1200 करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया है। सरकार के मंत्री व सचिवों ने मिलकर प्रदेश की चीनी मिलों को औने पौने दामों में बेच दिया। इस घोटालें के सम्बन्ध में देश की सर्वाेच्च संस्था कैग ने भी घोटाले की जाँच के लिए सरकार को निर्देशित कर चुकी हैं लेकिन सरकार जाँच के नाम पर लीपापोती कर रही है। रालोद प्रदेश सरकार से मांँग करता है कि चीनी मिलों को निजी हाथों में बेचने से हुये घोटाले की जाँच मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायालय की अध्यक्षता में गठित आयोग के द्वारा करायी जाये जिससे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो तथा दोषियों को दण्ड मिल सके।
उन्होंने आगे बताया कि धान की फसल पूरे सूबे में तैयार है लेकिन सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण सरकार व सहकारी केन्द्रों पर धान की खरीददारी नहीं हो रही है जिससे किसान धान को औने पौने दामों पर बिचैलिये व व्यापारियों के हाथों पर बेचने पर मजबूर है।
राष्ट्रीय लोकदल सरकार से मांग करता है कि सरकार तत्काल धान केन्द्रों से धान खरीद शुरू करने की घोषणा करें अन्यथा राष्ट्रीय लोकदल किसानों को लामबद्व करके सड़कों पर संघर्ष करने के लिए बाध्य होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 08 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में नियोजित कर्मचारियों की मजदूरी की न्यूनतम दरें निर्धारित एवं पुनरीक्षित की गयी हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव श्रम, श्री शैलेश कृष्ण ने दी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि नियोजन के संबंध में मजदूरी की न्यूनतम दरें जनवरी 2009 से जून 2009 के कृषि श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत आधार पर सम्पूर्ण प्रदेश में 125 रूपये प्रतिदिन अथवा 3250 रूपये प्रतिमाह निर्धारित की गयी हैं।
शैलेश कृष्ण ने बताया कि भूमि को जोतना और बोना किसी कृषि वस्तु का उत्पादन, उसकी खेती, उसे उगाना और काटना, कृषि उपज को मण्डी के लिये तैयार करना और भण्डार या मण्डी में देना या मण्डी तक परिवहन के लिये पहुॅचाने का कार्य और सभी आकार के फार्मों में जिनमें म्यूनिसिपिल या केन्टूनमेंट की सीमाओं के छः किलोमीटर के स्थित फार्म भी सम्मिलित हैं, में मशरूम की खेती सहित कार्य के आनुषांगिक रूप में या उसके साथ-साथ की जाने वाली समस्त क्रियाओं में कार्यरत कर्मचारियों को इस दर पर मजदूरी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि वन संबंधी या काष्ठ उपकरण संबंधी क्रिया, दुग्ध उद्योग, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन और उनकी आनुषांगिक क्रियाओं में लगे कर्मचारी भी इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नगद या कर्मचारी की सहमति से, जिसमें अंशतः नगद या अंशतः जिन्स में इस प्रकार किया जा सकता है कि मजदूरी का कुल मूल्य किसी भी दशा में विहित न्यूनतम मजदूरी से कम न हो। उन्होंने बताया कि किशोरों और बालकों को देय मजदूरी की न्यूनतम कालानुपाती दरें किसी वयस्क कर्मचारी को अनुमन्य कालानुपाती दर से कम न होंगी।
शैलेश कृष्ण ने बताया कि किसी भी रूप में मजदूरी की दरें किसी कर्मचारी के हित के प्रतिकूल लागू न होंगी अर्थात् यदि इस अधिसूचना के अधीन विहित दरों से अधिक मजदूरी की दरों का भुगतान किया जा रहा है, तो उसका भुगतान किया जाता रहेगा और उन्हें इस अधिसूचना के अधीन विहित मजदूरी की न्यूनतम दर समझा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेष में रबी की प्रमुख फसलों में शत-प्रतिषत बीजषोधन कराने हेतु 210.80 लाख कुन्तल बीजषोधन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 17.54 लाख कुन्तल बीज कृषि विभाग के माध्यम से तथा 53.56 लाख कुन्तल बीज अन्य संस्थाओं द्वारा शोधित कराने का लक्ष्य है। शेष 139.71 लाख कुन्तल बीजषोधन हेतु गत 16 अक्टूबर से अभियान संचालित किया जा रहा है, जो आगामी 15 नवम्बर तक जारी रहेगा।
कृषि निदेषक डी0 एम0 सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेष में फसलों को प्रति वर्ष कुल क्षति की 26 प्रतिषत क्षति रोगों द्वारा होती है। रोगों से होने वाली क्षति कभी-कभी महामारी का रूप भी ले लेती है और इनके प्रकोप से शत-प्रतिषत तक फसल नष्ट होने की संभावना बनी रहती हैं। अतः बुवाई से पूर्व सभी फसलों में बीजषोधन का कार्य शत-प्रतिषत कराया जाना नितान्त आवष्यक है। बीजषोधन का मुख्य उद्देष्य बीज जनित तथा भूमि जनित रोगों को रसायनों एवं बायोपेस्टीसाइड्स के माध्यम से नष्ट करना होता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में किसानों के हितों की रक्षा के लिये उन्हें कृषि यंत्रों की खरीद खुले बाजार से करने पर भी निर्धारित अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने आज यहाॅ इस संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सरकार द्वारा किसानों के हित के लिये यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में यह आवश्यक है कि किसानों द्वारा खरीदे जाने वाले कृषि यंत्र आई0एस0आई0 मार्क, सी0आई0ए0ई0 (सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट आॅफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग) या एस0ए0यू0 (स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होना चाहिये। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पुरोनिधानित समस्त योजनाओं में यही व्यवस्था प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि लाभार्थी द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद के लिये निर्धारित आवेदन पत्र संबंधित खण्ड विकास अधिकारी अथवा उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी के माध्यम से कृषि निदेशक के कार्यालय को प्रेषित किया जाये।
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि यंत्रों की क्रय प्रक्रिया में कृषकों को प्रथम आवत- प्रथम पावत के सिद्धान्त के आधार पर उनका प्रार्थना पत्र रजिस्टर्ड किया जायेगा। लाभार्थी कृषकों के प्राप्त आवेदन पत्रों को कार्यालय में सूचीबद्ध किया जायेगा, जिसकी पावती लाभार्थी को भी दी जायेगी। उप कृषि निदेशक द्वारा पात्र लाभार्थियों को अनुमति पत्र निर्गत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार लाभार्थी अपनी सुविधानुसार स्वेच्छा से मानक के अनुरूप कृषि यंत्र खुले बाजार अथवा यू0पी0 एग्रो से खरीद कर सकेगा। क्रय किये गये कृषि यंत्रों की रसीद उप कृषि निदेशक कार्यालय में लाभार्थी द्वारा जमा की जायेगी। इस संबंध में यह व्यवस्था की गयी है कि क्रय किये गये यंत्रों के सत्यापन के उपरांत ही भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पात्र लाभार्थी का अनुबंधित राशि का भुगतान सीधे बैंक एकाउन्ट में हस्तान्तरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पम्पसेट, ट्रैक्टर अथवा उसके द्वारा चालित यंत्रों की खरीद के लिये भी इस प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा रबी 2012 से पूर्व दिनांक 03 नवम्बर, 2012 को ”अपनी मिटटी पहचानें अभियान का तृतीय चरण मनाया गया। दिनांक 03 नवम्बर, 2012 में ”अपनी मिटटी पहचानें अभियान के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 402000 के सापेक्ष 287278 71.46 प्रतिशत मृदा नमूनें एकत्रित किये गये है। कृषि विभाग के अधिकारियोंकर्मचारियों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेकर मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में किसानों को जानकारी दी गयी। अभियान दिवस में कृषकों को मिटटी की जांच के आधार पर दी गयी संस्तुति के अनुसार उर्वरक प्रयोग कर, रबी फसलों की बुआर्इ समय से करने हेतु प्रेरित किया गया।
कृषि निदेशक श्री डी0एम0 सिंह ने कहा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से कृषकों को यह सलाह भी दी गयी कि अब समय आ गया है कि वे अपने खेत की मिटटी के मुख्य पोषक तत्वों नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथ द्वितीयक एवं सूक्ष्य पोषक तत्वों की भी जांच करायें, क्योंकि जमीन में द्वितीयक एवं सूक्ष्य पोषक तत्वों की भी कमी परिलक्षित हो रही है। यधपि इनकी कम मात्रा प्रयोग करनी होती है किन्तु बिना इनके प्रयोग के अच्छी पैदावार सम्भव नहीं है।
कृषि निदेशक ने बताया कि जो कृषक इस अभियान दिवस में कतिपय कारणों से अपने खेतों की मिटटी के नमूनें प्रयोगशाला में जमा करने से वंचित रह गय है वे अपने खेतों की मिटटी के नमूनें रबी फसलों की बुआर्इ के पूर्व अपने जनदीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में जमा करें और मिटटी की जांच के परिणाम के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गयी संस्तुति के अनुसार ही आवश्यक उर्वरकों एवं खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें, जिससे कि प्रदेश में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शकित में वृद्धि हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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