उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा रबी 2012 से पूर्व दिनांक 03 नवम्बर, 2012 को ”अपनी मिटटी पहचानें अभियान का तृतीय चरण मनाया गया। दिनांक 03 नवम्बर, 2012 में ”अपनी मिटटी पहचानें अभियान के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 402000 के सापेक्ष 287278 71.46 प्रतिशत मृदा नमूनें एकत्रित किये गये है। कृषि विभाग के अधिकारियोंकर्मचारियों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेकर मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में किसानों को जानकारी दी गयी। अभियान दिवस में कृषकों को मिटटी की जांच के आधार पर दी गयी संस्तुति के अनुसार उर्वरक प्रयोग कर, रबी फसलों की बुआर्इ समय से करने हेतु प्रेरित किया गया।
कृषि निदेशक श्री डी0एम0 सिंह ने कहा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से कृषकों को यह सलाह भी दी गयी कि अब समय आ गया है कि वे अपने खेत की मिटटी के मुख्य पोषक तत्वों नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथ द्वितीयक एवं सूक्ष्य पोषक तत्वों की भी जांच करायें, क्योंकि जमीन में द्वितीयक एवं सूक्ष्य पोषक तत्वों की भी कमी परिलक्षित हो रही है। यधपि इनकी कम मात्रा प्रयोग करनी होती है किन्तु बिना इनके प्रयोग के अच्छी पैदावार सम्भव नहीं है।
कृषि निदेशक ने बताया कि जो कृषक इस अभियान दिवस में कतिपय कारणों से अपने खेतों की मिटटी के नमूनें प्रयोगशाला में जमा करने से वंचित रह गय है वे अपने खेतों की मिटटी के नमूनें रबी फसलों की बुआर्इ के पूर्व अपने जनदीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में जमा करें और मिटटी की जांच के परिणाम के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गयी संस्तुति के अनुसार ही आवश्यक उर्वरकों एवं खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें, जिससे कि प्रदेश में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शकित में वृद्धि हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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