उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में नियोजित कर्मचारियों की मजदूरी की न्यूनतम दरें निर्धारित एवं पुनरीक्षित की गयी हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव श्रम, श्री शैलेश कृष्ण ने दी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि नियोजन के संबंध में मजदूरी की न्यूनतम दरें जनवरी 2009 से जून 2009 के कृषि श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत आधार पर सम्पूर्ण प्रदेश में 125 रूपये प्रतिदिन अथवा 3250 रूपये प्रतिमाह निर्धारित की गयी हैं।
शैलेश कृष्ण ने बताया कि भूमि को जोतना और बोना किसी कृषि वस्तु का उत्पादन, उसकी खेती, उसे उगाना और काटना, कृषि उपज को मण्डी के लिये तैयार करना और भण्डार या मण्डी में देना या मण्डी तक परिवहन के लिये पहुॅचाने का कार्य और सभी आकार के फार्मों में जिनमें म्यूनिसिपिल या केन्टूनमेंट की सीमाओं के छः किलोमीटर के स्थित फार्म भी सम्मिलित हैं, में मशरूम की खेती सहित कार्य के आनुषांगिक रूप में या उसके साथ-साथ की जाने वाली समस्त क्रियाओं में कार्यरत कर्मचारियों को इस दर पर मजदूरी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि वन संबंधी या काष्ठ उपकरण संबंधी क्रिया, दुग्ध उद्योग, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन और उनकी आनुषांगिक क्रियाओं में लगे कर्मचारी भी इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नगद या कर्मचारी की सहमति से, जिसमें अंशतः नगद या अंशतः जिन्स में इस प्रकार किया जा सकता है कि मजदूरी का कुल मूल्य किसी भी दशा में विहित न्यूनतम मजदूरी से कम न हो। उन्होंने बताया कि किशोरों और बालकों को देय मजदूरी की न्यूनतम कालानुपाती दरें किसी वयस्क कर्मचारी को अनुमन्य कालानुपाती दर से कम न होंगी।
शैलेश कृष्ण ने बताया कि किसी भी रूप में मजदूरी की दरें किसी कर्मचारी के हित के प्रतिकूल लागू न होंगी अर्थात् यदि इस अधिसूचना के अधीन विहित दरों से अधिक मजदूरी की दरों का भुगतान किया जा रहा है, तो उसका भुगतान किया जाता रहेगा और उन्हें इस अधिसूचना के अधीन विहित मजदूरी की न्यूनतम दर समझा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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