Archive | कला-संस्कृति

दो दिवसीय पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव ‘रसरंग’ समारोह का दीपक महाराज के एकल कथक नृत्य के साथ सम्पन्न

Posted on 21 March 2013 by admin

दिनांक 20 मार्च, 2013
पंडित बिन्दादीन महाराज तथा कथक एक दूसरे के पूरक है तथा एक दूसरे के बिना इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। यह विचार प्रदेश की संस्कृति एवं महिला कल्याण मंत्री श्रीमती अरूण कुमारी कोरी ने उ0प्र0 संस्कृति विभाग के राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव ‘रसरंग’ समारोह का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कथक शब्द कथिक से बना है, पहले मन्दिरों में, फिर महलों में तथा वर्तमान समय में मंचों पर इसका प्रस्तुतीकरण किया जाता है।
संस्कृति मंत्री ने राष्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ के कलाकारों की सराहना की तथा कार्यक्रम प्रस्तुत करने हेतु उन्हें बधाई दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कथक संस्थान की सचिव सरिता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया तथा उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति ‘माण्ड’ जिसमें कथक के जयपुर घराने की भांति पारंपरिक एवं गूढ़ तकनीकी पक्ष का बड़े ही सुन्दर एवं मौलिक ढंग से समावेश किया गया।
‘कथक के रंग माटी के संग’ की अन्तिम प्रस्तुति में ‘घूमर’ लोक नृत्य को कथक में बड़ी समरसता के साथ समाहित किया गया। इसकी परिकल्पना, अवधारणा, वेशभूषा एवं नृत्य निर्देशन में सरिता श्रीवास्तव, रेखा ठाकर एवं कोलकाता के असीम बन्धु भट्टाचार्य ने विशेष भूमिका निभाई।
दो द्विवसीय पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव समारोह का समापन दीपक महाराज (दिल्ली) के एकल कथक नृत्य तथा मधुमिता राय (कलकत्ता) के नृत्य निर्देशन में ‘अर्पण’ कार्यक्रम से हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

रचनाधर्मी राज्य कर्मचारी पुरस्कृत उर्दू के भी दो कलमकार सम्मानित

Posted on 10 March 2013 by admin

संस्थान की पत्रिका सहित कई पुस्तकों का विमोचन
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान का पुरस्कार एवं सम्मान समारोह आयोजित
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित पुरस्कार एवं सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसा समझा जाता है कि सरकारी कार्य करने वाले लोग साहित्य के बारे में उतनी समझ नहीं रखते जितनी कि आम साहित्यकार रखते हैं। लेकिन इस समय यहाॅं पर कई ऐसे साहित्यकार मौजूद हैं जो राज्य कर्मचारी भी हैं और उनमें असीमित सृजन क्षमता भी है।
श्री आलोक रंजन आज यहाॅं हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रचनाधर्मी राज्य कर्मचारियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में भी साहित्य लेखन की क्षमता होती है और उन्होंने भी उत्कृष्ट रचनाऐं पेश की हैं। उन्होंने राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के महामंत्री डा0 दिनेश चन्द्र अवस्थी की प्रशंसा करते हुए कहा कि डा0 अवस्थी हर माह हिन्दी साहित्य एवं विकास के लिए रचनात्मक माहौल बनाते हैं और हर प्रकार की बाधाओं को पार कर सकारात्मक कार्य करके हिन्दी साहित्य के उत्थान का प्रयास करते है।
इस अवसर पर कृषि आयुक्त ने श्री अनन्त प्रकाश तिवारी, श्री विनय कुमार बाजपेयी, श्री सी0एल0 सोनकर, श्री पवन कुमार, श्री राम नरेश पाल, श्री हरि प्रकाश हरि, श्री सुहेल वहीद तथा श्री मनीष शुक्ल को 51,000 रूपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र एवं शाल भेंटकर उन्हें सम्मानित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

उत्तर प्रदेष सरकार और रुमी फाउण्डेशन, फिल्म निर्माता-चित्रकार मुजफ्फर अली की जहान-ए-खुसरो की लखनऊ के दिलकुशा पैलेस के खण्डहरों में गूँज

Posted on 08 March 2013 by admin

उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री द्वारा हू-द सुफिज आॅफ अवध के पाँचवें संस्करण का विमोचन होगा।
आशा दीक्षित (दिल्ली), चाँद निजामी और साथी (दिल्ली), मर्कन डेडे (इस्तांबुल) और सफकत अली खान के साथ मालिनी अवस्थी की नजीर अकबराबाड़ी की प्रस्तुति

edited-img_3451 7 मार्च, 2013

जहान-ए-खुसरो का 12वाँ पर्व हजरत निजामुद्दीन औलिया के 709वीं उर्स के मौके पर दिल्ली में 1, 2, और 3 मार्च को मनाया गया तथा लखनऊ में 8 और 9 मार्च को मनाया जायेगा जो यहाँ की दूसरी पर्व होगी। उत्तर प्रदेश सरकार और रुमि फाउण्डेशन द्वारा प्रस्तुत, फिल्म निर्माता-चित्रकार मुजफ्फर अली के जहान-ए-खुसरो की गूँज एक बार फिर दिलकुश पैलेस के खण्डहरों में सुनाई पड़ेगी। यह पर्व रहस्यवाद की कविताओं में आत्मिक संगीत व ईश्वरीय नृत्य की शैली में प्रस्तुत किया जायेगा।
समारोह में रहस्यवादी संगीत की मधुरता और वर्तमान पीढ़ी के बीच लगातार चल रहे संवाद की भी झलक दिखायी देगी। इस वर्ष जहान-ए-खुसरो में भाग ले रहे कलाकार एक नये रूप में रहस्यवाद की प्रस्तुती करेंगे।
मालिनी अवस्थी (लखनऊ), आशा दीक्षित (दिल्ली), चाँद निजामी और साथी (दिल्ली), मर्कन डेडे (इस्तांबुल) और सफकत अली खान (लाहौर) के साथ नजीर अकबराबाड़ी पेश करेंगी।
जहान-ए-खुसरो में हर वर्ष सूफी रहस्यवाद के गीत एक नये रूप में पेश किए जाते हैं। पिछले वर्षों में जहान-ए-खुसरो दिल्ली, लन्दन, बाॅस्टन, जयपुर, श्रीनगर और लखनऊ में आयोजित किया गया जिसमें दुनिया के अलग-अलग शहरों जैसे-दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, हैदराबाद, अजमेर, लाहौर, कराची, ढाका, ताशकन्द, तेहरान, जेरूसलम, राबात, ट्यूनिश, इस्तांबुल, रोम, खारतुम, कैरो, एथेन्स, बर्लिन, टोक्यो, न्यूयाॅर्क और टोरन्टो में सूफी गायकों, नृत्यकों तथा संगीतकारों ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस पर्व में शुभा मुदगल, शफकत अली खान, ईला अरूण, सुखविन्दर सिंह, मालविका सर्रूकाई, शुजात हुसैन खान और आबिदा परवीन जैसे महान कलाकारों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं।
फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली जो उत्सव के रचनात्मक निदेशक हैं के अनुसार, ‘‘इस उत्सव के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्षों में एक पूर्व एवं पश्चिम के बीच की खाई को पाटना और उपस्थित समुदाय को इसकी सर्वव्यापकता व लोकप्रियता की अनुभूति कराना है। साथ ही उत्सव में भाग लेने वालों, पर्यटकों, निगमित संगठनों तथा स्थानीय निवासियों को सूफी संगीत के माध्यम से आकर्षित करना है।’’
जहान-ए-खुसरो के इस मौके पर रुमि फाउण्डेशन ने प्रेम और समर्पण के संदेश से ओत-प्रोत कविताओं का एक प्रकाशन ’’हू-दी सूफी वे’’ भी जारी किया। यह प्रकाशन विश्व में अपनी तरह का अकेला है और इसमें एक आत्मा और सहअस्त्वि के विश्वव्यापी संदेश की विश्व में प्रशंसा की गई है।
अब तक के संस्करण:
पहला संस्करण भारत में बहु-संस्कृति अथवा अनेकता की पहचान कराने वाले महान सूफी कवि - संत हजरत अमीर खुसरो की याद में जारी किया गया। दूसरा संस्करण मेवलाना जलालुद्दीन रुमि की 800वीं जन्मतिथि के अवसर पर जारी हुआ। जलालुद्दीन रुमि विश्व के महानतम रहस्यवाद लेखक रहे हैं। यह प्रकाशन कश्मीर के सूफियों और ऋषियों के उन सूफी कवियों को समर्पित है जिन्होंने आपसी मेलजोल वाले समाज के लिए महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि तैयार की। पंजाब के सूफियों से संबंधित प्रकाशन अपने पूर्व वैभव और विभाजन से पूर्व पाँच नदियों की पुण्यभूमि प्रस्तुत करती है। इस प्रकाशन में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों पर प्रकाश डाला गया है।
उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ’’हू-दी सुफीज आॅफ अवध’’ के पाँचवें संस्करण का विमोचन जहान-ए-खुसरो के दौरान 8 मार्च 2013 को करेंगे।
जहान-ए-खुसरोः
यह अन्तर्राष्ट्रीय वार्षिक सूफी संगीत समारोह ’’हृदय के साम्राज्य में’’ के तौर पर नई दिल्ली में 2001 में प्रारम्भ किया गया। रुमि फाउण्डेशन द्वारा प्रस्तुत और फिल्म निर्माता-चित्रकार मुजफ्फर अली द्वारा निर्देशित और डिजायन किया गया जहान-ए-खुसरो देश के सांस्कृतिक कार्यक्रमों नियमित रूप से आयोजित किया जाता है। उत्सव में विश्व भर से सूफी परंपरा के विख्यात कलाकार भाग लेते रहे हैं। यह उभरते गायकों सुफियाना संगीत सहित क्लासिकल और माॅडर्न डान्स कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता रहा है। जहान-ए-खुसरो विश्व भर के संगीतप्रेमियों को संगीत से मंत्रमुग्ध करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
निमंत्रण उपलब्ध हैं: यूनिवर्सल बुक डिपो, हजरतगंज और गोमती नगर
रुमि फाउण्डेशन ने डाॅ. मंसूर हसन के संयोजन में एक कार्यदल गठित किया है जिसे मुमताज अली खान, जयन्त कृष्णा, डाॅ. कमर रहमान, परवीन ताल्हा, मालिनी अवस्थी, ज्योति सिन्हा और तारीक खान जैसे योग्य और कर्मठ व्यक्तियों का समर्थन प्राप्त है। दो वर्ष पूर्व गठन के पश्चात इन्होंने जश्न-ए-बेदम, जश्न-ए-वारिस, बाज-ए-दिलबारान और मार्च 2012 में लखनऊ में जश्न-ए-खुसरो के प्रथम उत्सव का आयोजन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

सहारा वन के ‘हंटेड नाइट्स’ में नयी कहानी ‘द रेनाॅवेशन’

Posted on 07 March 2013 by admin

edited-haunted-nights11 से 15 मार्च तक शाम 7ः30 बजे और रात 11.30 बजे, सहारा वन पर
6 मार्च 2013: सहारा वन चैनल अपने कार्यक्रमों में उस समय ‘चार चांद’ लगा देगा, जब 11 मार्च से उसके धारावाहिक ‘हंटेड नाइट्स’ के अंतर्गत ‘द रेनाॅवेशन’ का प्रदर्शन शुý हो जाएगा। ये धारावाहिक शाम 7ः30 बजे और रात 11ः30 बजे से केवल सहारा वन पर देखे जा सकेंगे।
सहारा वन के सूत्रों के अनुसार अभिनव और अवनी विगत 3 वर्षों से खुशहाल विवाहित जीवन व्यतीत कर रहे हैं और हाल में उन्होंने अपनी शानदार नौकरी छोड़कर ‘क्रिएटिंग होम्स‘ के नाम से आंतरिक साज-सज्जा की एक छोटी दुकान खोली है। किस्मत उन पर मेहरबान होती है और उन्हें एक पुराने बंगले के जीर्णोद्धार का कार्य मिल जाता है। पचास वर्ष से अधिक उम्र वाले एक शिष्ट पारसी सज्जन श्री इरानी अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर अपनी पत्नी पर्सिस को उपहार देने के लिए इस भवन का जीर्णोद्धार कराना चाहते हैं। वे घर की चाबियाँ इन दोनों को दे देते हैं, ताकि वे जगह का मुआयना करके जीर्णोद्धार में होने वाले खर्च बता सकें। अभिनव और अवनी अपने घनिष्ठ मित्र, काजल, ऋषि, वीर और प्रीति को अपने साथ चलने का निमंत्रण देते हैं। उनके लिए यह सप्ताहांत काम और मस्ती से भरा होगा। यह ग्रुप पहाड़ी की चोटी पर बने इस एकांत और बेहद टूटे-फूटे बंगले में पहुंचता है। जगह की सफाई करने के बाद अभिनव और अवनी अपना काम शुý करते हैं, वहीं बाकी सभी मस्ती में मशगूल रहते हैं। शाम ढलने पर वे रात के भोजन के लिए बाहर निकलने का फैसला करते हैं लेकिन वीर उन्हें कहीं नजर नहीं आता है। यह सोचकर कि वह जंगल में घूमने गया होगा, हर कोई आस-पास में उसे ढूँढता है। काजल को लगता है कि वह आदतन मजाक कर रहा होगा। लेकिन जब उन्हें एक कमरे में उसका मृत शरीर मिलता है तो सदमे से उनका दिमाग सन्न रह जाता है। उन्हें पता चलता है कि उनके मोबाइल का सिग्नल बंद हो गया है और लैंडलाइन फोन भी काम नहीं कर रहा है। स्थिति और भी संकटपूर्ण हो जाती है जब सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद होने के कारण वे घर में कैद हो जाते हैं। उन्हें कुछ अजीब आवाजें सुनाई देती हैं और घात लगाए कुछ छाया दिखाई देती हैं जिससे उन्हें घबराहट होने लगती है। हर कोई डरा-डरा है और उन्हें लगता है कि कोई गिरोह उन्हें निशाना बना रहा है या कोई भगोड़ा मनोरोगी है, जिसने वीर की हत्या की है। लेकिन उसी रात काजल की भी हत्या हो जाती है और सुबह होने तक बाकी चारों - ऋषि, प्रीति, अभिनव और अवनी पूरी तरह लस्त-पस्त और भयभीत हो जाते हैं। वे महसूस करते हैं कि यह कोई अदृश्य दुष्ट आत्मा है जो उनका पीछा कर रही है। लेकिन वे कौन-से सवाल थे जिनका कोई जवाब उन्हें नहीं मिल रहा था।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने आज़म खाॅ से की शिष्टाचार भेंट

Posted on 02 March 2013 by admin

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅ से आज यहाॅ विधान भवन स्थित उनके कार्यालय में प्रसिद्ध हास्य-व्यंग कलाकार श्री राजू श्रीवास्तव ने शिष्टाचार भेंट कर विचारों का आदान-प्रदान किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

पाश्र्व गायिका रिचा शर्मा के गीतों ने समां बांधा, अनीता सहगल के संचालन को सराहा गया।

Posted on 01 March 2013 by admin

edited-taj_mahotsava_photo1
ताज महोत्सव की नवीं सांस्कृतिक संध्या में अनीता सहगल के संचालन में मुम्बई से पधारी पाश्र्व गायिका रिचा शर्मा ने शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर झिलमिलाती रोशनी के बीच अपनी गायिकी की शुरूआत सूफी गीत ‘मेरे मौला, मेरे मौला’ से की। उन्होंने जब दमादम मस्त कलन्दर गीत सुनाया तो युवा झूम उठे।  रिचा ने पुराने गीतों को गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। रिचा शर्मा का कहना है कि द्धिअर्थी गीतों से श्रोताओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।गायकों को ऐसे गीतों से बचना चाहिये। रिचा शर्मा के पूर्व वन्दना मिश्रा ने अवधी लोकगीत, चेतन  जोशी ने बांसुरी वादन, पं0 रवीन्द्र नाथ पाण्डेय ने संतूर वादन, अशद अली बादशाह खांन ने अपनी गजल गायिकी से सबको मोह लिया। मुक्ताकाशीय मंच पर लखनऊ से पधारी अनीता सहगल ने अपनी शेरो शायरी के साथ खूबसूरत अंदाज में कलाकरों का परिचय देते हुए मंच पर आमंत्रित करने का कार्य बखूबी निभाया। उनकी हर एक शायरी  पर दर्शक ताली बजाये बगैर नहीं रह सके। इस अवसर पर ताज के नजरिये से मोहब्बत का संदेश देते हुए अनीता ने कहा कि ‘‘ पलक झुका कर सलाम करते हैं, इस दिल की दुआ आपके नाम करते हैं। कुबूल हो तो मुस्करा देना, आज की यह शाम उसी मुस्कराहट के नाम करते हैं। उनकी कही हुयी इन पंक्तियों पर पूरा पण्डाल तालियों से गूंज उठा।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त, आगरा प्रदीप भटनागर, जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर, अपर जिलाधिकारी, सिटी अरूण प्रकाश सहित तमाम गण्मान्य अतिथिगण मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

जैक एंड जाइंट स्लेयर (3डी और 2डी) 1 मार्च को रिलीज

Posted on 28 February 2013 by admin

वाॅर्नर ब्रास. पिक्चर्स की फिल्म ’’जैक एंड जाइंट स्लेयर’’ (3डी और 2डी) 1 मार्च को भारत और पूरे विश्व में रिलीज होगी।  grab-poster
एक पौराणिक यु़़द्ध फिर से क्षिण जाता है जब एक नौजवान किसान गलती से हमारी दुनिया और खतरनाक रक्षकों की दुनिया के बीच का दरवाजा खोल देता है। राक्षस पृथ्वी पर अपना वर्चश्व जमाने को उतावले है जहां से उन्हे एक समय में बाहर निकाल दिया गया था। इस युद्ध में दानवों का सामना करता है जैक (निकोलस हाॅल्ट), जिसकी जिन्दगी की ये सबसे बडी लडाई बन जाती है और वो उन विशालकाय दैत्यों से लडता है जिनके बारे में उसने सिर्फ कहानियों में पढा है। ये कहानी है ’’जैक द जाइंट स्लेयर’’ की जो वाॅर्नर ब्रास. पिक्चर्स पूरे विश्व में 1 मार्च को रिलीज करने जा रहे हैं।
डायरेक्टर/प्रोड्यूसर ब्रयान सिंगर अलग प्रकार की फिल्में बनाना पसंद करते है। उनकी पहली फिल्म थी ’’द यूजुअल सस्पेक्ट’’ इसके बाद उन्होनें बहुचर्चित फिल्म ’’एक्स मेन’’ बनायी। फिर आयी ’’ टंसालतपमण् ’’ और अब वो एक नयी चुनौती का सामना करने जा रहे है अपनी नयी फिल्म ’’जैक द जाइंट’’ (3डी और 2डी) से जो कि एक पुरानी कहानी का नया रूपान्तरण है। ये फिल्म अंग्रजी, हिन्दी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी।
सिंगर के मुताबिक ’’मुझे इस कहानी के बारे में जो पसंद आया वो ये था कि ये कितनी साधारण सी दिखती थी लेकिन फिर भी इसमें एक जादू था और अब भी है।’’ इस कहानी को पीढी दर पीढी पसंद किया गया है। ये कहानी बारवीं सताब्दी से भी ज्यादा पुरानी है और अलग अलग नामों से भी जानी जाती है। बहादुरी के इस किस में वो आकर्षण है जो कि सुनने वालों या देखने वालों को अपनी तरफ खींच लेता है और उन्हें एक अलग दुनिया में ले जाता है।
’’मेरा लक्ष्य था इस महान गाथा को एक बार फिर से जीवित करना। बचपन की इस कहानी को लेकर मैं पूरी असलियत डाल कर बडे दर्जे की फिल्म में तबदील करना चाहता था जिसमें 5 मील ऊँचा वो पेड भी हो जिसके सहारे जैक दानवों की दुनिया में प्रवेश करता है।’’ सिंगर का कहना है, उन्होंने सबसे आधुनिक और नवीनतम तकनीकी का इस्तेमाल करके फिल्म में जान डाल दी है। ’’हमारी कहानी ’जैक और द बीनस्टाॅक’ और उसे पुरानी ’जैक द जाइंट किलर’ से प्रभावित है।’’
फिल्म के नायक निकोलस हाॅल्ट का कहना है कि ’’इस पिक्चर में सब कुछ है। विशाल दानव प्रमुख है और प्रेम भी पर ये पिक्चर थोडी डरावनी भी होगी और इसमें हंसी की भी भरपूर गुंजाइश है और 3डी तो ये है ही।’’
ये फिल्म 3डी में शूट की गई है। 3डी कैमरे काफी बडे और भारी होते है और शूटिंग की अनोखी लोकेशन पर जाने का मतलब था की शूट करने का समय कम होता जाता था पर विजुअल इफेक्ट्स की कला में निपुड, सिंगर ने जरूरत पडने पर तकनीकी का इस्तेमाल कम कर दिया। ’’फिल्म के उन दृश्यों में जहां हमें कैमरे को ज्यादा हिलाना डुलाना था मैंने 3डी कैमरे का प्रयोग नहीं किया है, पर अन्य दृश्यों में हमनें वाइड शाॅट लिए हैं जहां दर्शकों को खुद पूरे फ्रेम का नुमायना करने का मौका मिलता है, क्योंकि 3डी में ज्यादा कुछ देखने के लिए होता है।’’
सिंगर कहते है कि ’’ये एक मजेदार, रोमांचक और साधारण हीरो वाली फिल्म है जिसमें एक बहादुर राजकुमारी और उसके राज्य के कई अदभुत पात्र भी हैं। फिल्म में कुछ संगीन और भयानक दृश्य भी है लेकिन हमने हंसी मजाक को ज्यादा बढावा दिया है। मेरा लन्दन में होना और एक बार फिर से निर्देशन करना वो भी एक मजेदार 3डी फिल्म का, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास के लिऐ सरकार के साथ समाज को भी सहयोग करना होगा

Posted on 24 February 2013 by admin

100_4924मृगनयनी म0प्र0 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम ग्रामोदय विभाग म0प्र0 शासन के सानिध्य में आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ श्री राम गोविन्द चैधरी मंत्री बेसिक शिक्षा,बाल विकास एंव पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के कर कमलो से संपन्न हुआ। इस उदघाटन अवसर पर ललित कला अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव उपस्थित थे। उक्त अबसर पर राम गोविन्द चैधरी मंत्री बेसिक शिक्षा,बाल विकास एंव पुष्टाहार ने कहा कि हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास के लिऐ सरकार के साथ समाज को भी सहयोग करना होगा तभी विकास हो सकेगा। बाघ प्रिंट के लिए राष्टीय पुरुस्कार से सम्मानित हाजी नूर मुहम्मद ने मध्य प्रदेश की विशिष्ट कला का परिचय कराते हुऐ बताया कि बाघ प्रिंट की प्रक्रिया बहुत पेचीदा और थका देने वाली होती है। पूरी तरह तैयार होने के पहले प्रत्येक कपड़ा 25-30 तीनों तक कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है। इसमें केवल प्राकृतिक सामग्री का ही उपयोग किया जाता है । खरा पद्धति से कपड़ा को सनचोरा (एक प्रकार का समुद्री नमक), अरन्डी के तेल और बकरी की मेंगनी (GOAT DUNG) में डुबोकर रखा जाता है और फिर सुखाने के बाद कपड़े को बहेड़ा (हरेड़ा) पावडर के विलयन के साथ डुबा कर रखा जाता है। छपाई का लाल रंग फिटकारी और इमली के बीज (चीया) से बनाया जाता है जबकि काले रंग को तैयार करने के लिए लोहे के महीन पावडर के साथ गुड को 15-20 दिनों के लिए मिलाकर रखा जाता है। कपडे पर छपाई के लिए कई प्रकार के लकडी के छापों (ब्लाक्स) जैसे कोर, साज, बोद, कलम, बुर्रा इत्यादि का प्रयोग किया जाता है फिर कपडे को 15 दिनों तक सूखने के लिए छोड दिया जाता है इसे बहते हुए नदी के पानी में धोकर अंत में धावली फूलों ओ अलीजरीन (ROOTS OF AAL TREE) के पानी में ताम्बे के बर्तन (कढाई ) में उबाला जाता है।

1930 के दशक की डिजाइनों में चंदेरी महेश्वरी की साडियों पर डिजाइन प्रदर्शित होंगे। मध्यप्रदेश के करीब 40 कलाकार स्वयं उपस्थित रहकर डाबू तथा वटिक पिं्रट एवं नैसर्गिक रंगों में रंगी ठपी सामग्री लावेंगे। हाथकरघा की चादरें तथा पंच घातु पीतल की मूर्तियां एवं हस्तशिल्प। मृगनयनी मध्य प्रदेश प्रदर्शनी ललितकला अकादमी अलीगंज लखनऊ में दिनांक 23 फरवरी से 5 मार्च 2013 तक चलेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

डिस्कवरी चैनल के साथ चलिए एक रोमांचक यात्रा पर

Posted on 22 February 2013 by admin

अल्टीमेट डिस्कवरी इस साल टेलीविजन देखने के एक भव्य अनुभव का वादा करता है

discoveryभारत के जाने-माने तथ्य आधारित मनोरंजन नैटवर्क डिस्कवरी चैनल ने रात 9 बजे के अपने प्राइम टाइम बैंड की विषय-वस्तु को और सशक्त बनाते हुए अपने टाइम बैंड - अल्टीमेट डिस्कवरी में बेहतरीन नए कार्यक्रमों की शुरूआत की है।
हर रात 9 बजे अल्टीमेट डिस्कवरी का प्रसारण इस साल के दौरान और ज्यादा हैरतअंगेज कार्यक्रमों के जरिये अपने दर्शकों को प्रबुद्ध बनाने और अपनी ओर आकर्षित करने का वादा करता है।
अल्टीमेट डिस्कवरी की शुरूआत 2008 में हुई थी और ये सफलतापूर्वक अपने दर्शकों के लिए विज्ञान, खोज, इतिहास, एडवैंचर और वन्य जीवन की अकल्पनीय दुनिया को प्रस्तुत करता रहा है।
ताजादम बनाने वाले कार्यक्रमों के शुभारंभ की घोषणा करते हुए राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर - दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया पैसिफिक ने कहा, ‘अल्टीमेट डिस्कवरी के जरिये हम अपने दर्शकों के लिए उनके पसंदीदा समय और सप्ताह के हर दिन डिस्कवरी चैनल के बेहतरीन कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने का पक्का वादा करते हैं।’
इस टाइम बैंड में द मैजिक आॅफ साइंस नामक श्रृंखला प्रस्तुत की जा रही है जिसमें जादू की दुनिया के उभरते सितारों को पेश किया जा रहा है, वन्य जीव श्रृंखला, वाइल्ड एशिया दर्शकों को दुनिया के सबसे खूबसूरत और विविध क्षेत्रों में से एक को देखने का मौका देती है, हिस्ट्री आॅफ द वल्र्ड के जरिये दर्शक हमारी विकास प्रक्रिया से जुड़े रहस्य को सुलझाने की यात्रा पर निकलेंगे, ग्रैंड डिजाइनः स्टीफन हाॅकिंग में दर्शकों का परिचय हमारे ब्रह्मांड के पेचीदा पहलुओं और रहस्यों से कराया जाएगा, और तीन विशेष एपिसोडों में बियर ग्रिल्स दिखाएंगे कि रहने के अयोग्य कुछ नए और अप्रिय इलाकों में कैसे जिंदा बचा जाए।
दर्शक इन रोमांचक कार्यक्रमों को अवश्य देखें जिनमें नाटकीयता, तेज रफ्तार एक्शन और अतिउन्नत स्टाइल मौजूद है। यहां हर दास्तान महत्वपूर्ण है और हर दृश्य दिलकश और याद रखने योग्य। तो तैयार हो जाइए इस चरम खोज के लिए। इससे शानदार आप और कुछ नहीं पाएंगे।
अल्टीमेट डिस्कवरी में दिखाए जाने वाले कार्यक्रमः
द मैजिक आॅफ साइंस                            सोमवार रात 9.00 बजे
भला कोई जादूगर तेल के किसी टैंकर को किसी ड्रिंक्स कैन की तरह कैसे कुचल देता है? या वह बिना डूबे किसी स्विमिंग पूल के आरपार कैसे ड्राइव कर लेता है।  मैजिक आॅफ साइंस कार्यक्रम जादू की दुनिया को पेश करता है जो अपने कई हैरतअंगेज कारनामों के जरिये आमलोगों को विस्मय में डाल देती है। और फिर इसका समापन एक कमाल के स्टंट के जरिये एक भव्य प्रदर्शन के रूप में होता है। अपने इस कमाल के प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने के बाद ये चतुर जादूगर इस कमाल के मतिभ्रम के पीछे मौजूद गजब के विज्ञान का खुलासा करते हैं।

हाऊ डू दे डू इट?                                  सोमवार रात 9.30 बजे
कभी आपने सोचा है कि आपने अपने दोस्तों से जो जीपीएस सिस्टम लिया है, वह कैसे काम करता है? या जीपीएस वाली जिस फरारी कार को आप लेना चाहते हैं, उसमें इंजीनियर इतनी सारी हाॅर्सपावर कैसे समा पाते हैं? हाऊ डू दे डू इट कार्यक्रम इन सवालों के जवाब देने के साथ-साथ फरारी कारों, जीपीएस प्रणालियों, विशालकाय फ्रीवे, शैम्पेन, जम्बो जैट, ग्रैविटी सूट, एलईडी टेलीविजन, बिजली और रोजमर्रा की अन्य लोकप्रिय या शानदार चीजों के बारे में भी और अधिक बताता है।
वाइल्ड एशिया                                     बुधवार रात 9.00 बजे
एशिया दुनिया के सबसे खूबसूरत और विविध क्षेत्रों में से एक है और इसके वनों में ऐसे कई दिलकश जीव मौजूद हैं जो विपरीत परिस्थितियों के हिसाब से ढल गए हैं। डिस्कवरी चैनल एशिया के उन्मुक्त बियाबान को आपके घर ला रहा है, ताकि आप उन हैरतअंगेज जीवों पर एक करीबी निगाह डाल सकें जो एशिया के इस बियाबान को अपना आशियाना बनाए हुए हैं। चाहे भारत हो, इंडोनेशिया या फिर जापान, दर्शक एशिया के साफ-सुथरे समुद्रतटों, बंजर रेगिस्तानों और हरे-भरे वर्षावनों का जायजा लेंगे और इस महाद्वीप के विरोधाभासों में छिपे मनोहारी रहस्यों को उद्घाटित करेंगे।
हिस्ट्री आॅफ द वल्र्ड                                  शुक्रवार रात 9.00 बजे
डिस्कवरी चैनल मानव इतिहास के 70 हजार बरसों को एक विस्मयकारी श्रृंखला में सजीव बना रहा है जो इस समय काल में यात्रा करते हुए इतिहास की महागाथाओं को दिखाती है, इसमें उन स्थानों को भी दिखाया गया है जहां ये घटनाएं घटी थीं और उन किरदारों को भी जो उस समय मौजूद थे। इस महाश्रृंखला में गुम हो चुकी दुनियाओं के सृजन के लिए नाटकीय पुर्नरचना और दिलकश ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है और यह दिखाती है कि किस प्रकार सैन्य अभियानों, प्रेम कथाओं, हत्याओं, मैडिकल के क्षेत्र में हुई नई खोजों और विनाशकारी प्राकृतिक घटनाओं ने दुनिया के साझे इतिहास पर निर्णायक और स्थितियों को पूरी तरह बदल देने वाले प्रभाव डाले।
श्रृंखला में इतिहास को नाटकीय, उद्घाटक और रोमांचक अंदाज में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसमें उस मानव सभ्यता के दौर का पुख्ता विवरण पेश किया जा रहा है जिसने हमें वह बनाया जो हम आज हैं।
ग्रैंड डिजाइनः स्टीफन हाॅकिंग                               शनिवार रात 9.00 बजे
जीवन के मायने क्या हैं? ब्रह्मांड की कुंजी किसके पास है? क्या ईश्वर ने ब्रह्मांड बनाया? दर्शक ग्रैंड डिजाइनः स्टीफन हाॅकिंग जरूर देखें जहां हमारी दुनिया के सबसे जाने-माने भौतिकीविद् वैज्ञानिक समझ से जुड़े तीन सबसे विवादास्पद मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। हाॅकिंग ब्रह्मांड के बारे में अपनी निजी राय बताते हैं और कई पेचीदा विचारों का मूल्यांकन करते हैं।
अल्टीमेट सरवाइवरः बियर ग्रिल्स                                रविवार रात 9.00 बजे
बियर ग्रिल्स ब्रिटिश स्पैशल फोर्सेज में काम कर चुके हैं, एवरैस्ट की चोटी पर चढ़ चुके हैं और आर्कटिक के जमे हुए महासागरों को पार कर चुके हैं। अतिजीविता से जुड़े एक रोमांचक नए अभियान के पहले भाग में बियर यूरोप की बेहतरीन पर्वतश्रृंखला - आल्प्स का सफर करते हैं। ये एक ऐसा स्थान है जहां हर साल सैकड़ों लोग हमें ये दिखाने की केाशिश में अपनी जान गंवा देते हैं कि संभावित घातक अवस्थाओं में किस तरह जिंदा बचें। बियर ग्रिल्स एक बिल्कुल नई तकनीक का प्रदर्शन करते हैं जो बर्फीली खाइयों वाले इलाके में लोगों की जान बचाने में मदद कर सकती हैं, वे पहाड़ी तूफानों में जिंदा बचने के लिए एक हिम आश्रय बनाते हैं, वे हमें दिखाते हैं कि एक जमी हुई झील में गिरने से खुद को कैसे बचाया जाए। इन कोशिशों के दौरान बियर ग्रिल्स अपनी अतिविशिष्ट महारतों का भी इम्तिहान लेते हैं। ये जिंदा रहने से जुड़ी एक चरम चुनौती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

‘‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा‘‘ में उदित नारायण - साधना सरगम ने गाया गाना

Posted on 20 February 2013 by admin

सहारा वन पर प्रसारित हो रहा राजश्री प्रोडक्शन्स का धारावाहिक सज गया मखमली आवाज से
लखनऊ, 20 फरवरी, 2013: सहारा वन पर प्रसारित हो रहा राजश्री प्रोडक्शन्स का धारावाहिक ’झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ सोमवार 25 फरवरी 2013 की रात 9 बजे से नये कलेवर में प्रस्तुत होगा, जिस दौरान इस धारावाहिक में कुछ नये किरदारों का प्रवेश होने वाला है। इसके साथ ही अब इस धारावाहिक की कहानी पूरी तरह से ‘राजश्री’ शैली में ढल जाएगी, जिसमें कोई अवास्तविक स्थिति तथा नकारात्मक किरदार नहीं होंगे। इसके साथ ही ‘झिलमिल…‘ में कई विशेष गानों को शामिल किया जा रहा है, जो अंगना (श्रेया झा) एवं नये सौम्य (आमिर अली) की नवीन रोमांटिक कहानी को और अधिक रोचक बनायेंगे।
सहारा वन के सूत्रों के अनुसार धारावाहिक के नये कथानक को निखारने तथा विशिष्टता प्रदान करने वाले प्रमुख रोमांटिक गाने को बाॅलीवुड की रोमांटिक पाश्र्वगायक जोड़ी उदित नारायण और साधना सरगम की सुमधुर आवाज में रिकाॅर्ड किया गया है। यह गाना धारावाहिक का नया ‘थीम सांग’ होगा।
धारावाहिक की कहानी के अनुसार सौम्य (आमिर अली) अपनी पहली पत्नी को खो चुका है और उसके परिवार ने उसकी दूसरी शादी कराने का फैसला किया है। अंगना की हालत भी बिल्कुल ऐसी ही है, जिसके पति आकाश (पंकज तिवारी) की मौत हो चुकी है।
इस थीम सांग का मूल उद्देश्य इन दोनों के दिलों में मौजूद ’पीड़ा एवं वेदना’ को दर्शाना है। जिंदगी उस समय एक खूबसूरत मोड़ लेती है, जब अंगना और सौम्य एक दूसरे से मिलते हंै और शादी के बंधन में बंध कर अपनी जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं। नये थीम सांग का आइडिया सूरज बड़जात्या ने दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in