दो दिवसीय पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव ‘रसरंग’ समारोह का दीपक महाराज के एकल कथक नृत्य के साथ सम्पन्न

Posted on 21 March 2013 by admin

दिनांक 20 मार्च, 2013
पंडित बिन्दादीन महाराज तथा कथक एक दूसरे के पूरक है तथा एक दूसरे के बिना इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। यह विचार प्रदेश की संस्कृति एवं महिला कल्याण मंत्री श्रीमती अरूण कुमारी कोरी ने उ0प्र0 संस्कृति विभाग के राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव ‘रसरंग’ समारोह का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कथक शब्द कथिक से बना है, पहले मन्दिरों में, फिर महलों में तथा वर्तमान समय में मंचों पर इसका प्रस्तुतीकरण किया जाता है।
संस्कृति मंत्री ने राष्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ के कलाकारों की सराहना की तथा कार्यक्रम प्रस्तुत करने हेतु उन्हें बधाई दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कथक संस्थान की सचिव सरिता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया तथा उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति ‘माण्ड’ जिसमें कथक के जयपुर घराने की भांति पारंपरिक एवं गूढ़ तकनीकी पक्ष का बड़े ही सुन्दर एवं मौलिक ढंग से समावेश किया गया।
‘कथक के रंग माटी के संग’ की अन्तिम प्रस्तुति में ‘घूमर’ लोक नृत्य को कथक में बड़ी समरसता के साथ समाहित किया गया। इसकी परिकल्पना, अवधारणा, वेशभूषा एवं नृत्य निर्देशन में सरिता श्रीवास्तव, रेखा ठाकर एवं कोलकाता के असीम बन्धु भट्टाचार्य ने विशेष भूमिका निभाई।
दो द्विवसीय पं0 बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव समारोह का समापन दीपक महाराज (दिल्ली) के एकल कथक नृत्य तथा मधुमिता राय (कलकत्ता) के नृत्य निर्देशन में ‘अर्पण’ कार्यक्रम से हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in