11 से 15 मार्च तक शाम 7ः30 बजे और रात 11.30 बजे, सहारा वन पर
6 मार्च 2013: सहारा वन चैनल अपने कार्यक्रमों में उस समय ‘चार चांद’ लगा देगा, जब 11 मार्च से उसके धारावाहिक ‘हंटेड नाइट्स’ के अंतर्गत ‘द रेनाॅवेशन’ का प्रदर्शन शुý हो जाएगा। ये धारावाहिक शाम 7ः30 बजे और रात 11ः30 बजे से केवल सहारा वन पर देखे जा सकेंगे।
सहारा वन के सूत्रों के अनुसार अभिनव और अवनी विगत 3 वर्षों से खुशहाल विवाहित जीवन व्यतीत कर रहे हैं और हाल में उन्होंने अपनी शानदार नौकरी छोड़कर ‘क्रिएटिंग होम्स‘ के नाम से आंतरिक साज-सज्जा की एक छोटी दुकान खोली है। किस्मत उन पर मेहरबान होती है और उन्हें एक पुराने बंगले के जीर्णोद्धार का कार्य मिल जाता है। पचास वर्ष से अधिक उम्र वाले एक शिष्ट पारसी सज्जन श्री इरानी अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर अपनी पत्नी पर्सिस को उपहार देने के लिए इस भवन का जीर्णोद्धार कराना चाहते हैं। वे घर की चाबियाँ इन दोनों को दे देते हैं, ताकि वे जगह का मुआयना करके जीर्णोद्धार में होने वाले खर्च बता सकें। अभिनव और अवनी अपने घनिष्ठ मित्र, काजल, ऋषि, वीर और प्रीति को अपने साथ चलने का निमंत्रण देते हैं। उनके लिए यह सप्ताहांत काम और मस्ती से भरा होगा। यह ग्रुप पहाड़ी की चोटी पर बने इस एकांत और बेहद टूटे-फूटे बंगले में पहुंचता है। जगह की सफाई करने के बाद अभिनव और अवनी अपना काम शुý करते हैं, वहीं बाकी सभी मस्ती में मशगूल रहते हैं। शाम ढलने पर वे रात के भोजन के लिए बाहर निकलने का फैसला करते हैं लेकिन वीर उन्हें कहीं नजर नहीं आता है। यह सोचकर कि वह जंगल में घूमने गया होगा, हर कोई आस-पास में उसे ढूँढता है। काजल को लगता है कि वह आदतन मजाक कर रहा होगा। लेकिन जब उन्हें एक कमरे में उसका मृत शरीर मिलता है तो सदमे से उनका दिमाग सन्न रह जाता है। उन्हें पता चलता है कि उनके मोबाइल का सिग्नल बंद हो गया है और लैंडलाइन फोन भी काम नहीं कर रहा है। स्थिति और भी संकटपूर्ण हो जाती है जब सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद होने के कारण वे घर में कैद हो जाते हैं। उन्हें कुछ अजीब आवाजें सुनाई देती हैं और घात लगाए कुछ छाया दिखाई देती हैं जिससे उन्हें घबराहट होने लगती है। हर कोई डरा-डरा है और उन्हें लगता है कि कोई गिरोह उन्हें निशाना बना रहा है या कोई भगोड़ा मनोरोगी है, जिसने वीर की हत्या की है। लेकिन उसी रात काजल की भी हत्या हो जाती है और सुबह होने तक बाकी चारों - ऋषि, प्रीति, अभिनव और अवनी पूरी तरह लस्त-पस्त और भयभीत हो जाते हैं। वे महसूस करते हैं कि यह कोई अदृश्य दुष्ट आत्मा है जो उनका पीछा कर रही है। लेकिन वे कौन-से सवाल थे जिनका कोई जवाब उन्हें नहीं मिल रहा था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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