पाश्र्व गायिका रिचा शर्मा के गीतों ने समां बांधा, अनीता सहगल के संचालन को सराहा गया।

Posted on 01 March 2013 by admin

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ताज महोत्सव की नवीं सांस्कृतिक संध्या में अनीता सहगल के संचालन में मुम्बई से पधारी पाश्र्व गायिका रिचा शर्मा ने शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर झिलमिलाती रोशनी के बीच अपनी गायिकी की शुरूआत सूफी गीत ‘मेरे मौला, मेरे मौला’ से की। उन्होंने जब दमादम मस्त कलन्दर गीत सुनाया तो युवा झूम उठे।  रिचा ने पुराने गीतों को गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। रिचा शर्मा का कहना है कि द्धिअर्थी गीतों से श्रोताओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।गायकों को ऐसे गीतों से बचना चाहिये। रिचा शर्मा के पूर्व वन्दना मिश्रा ने अवधी लोकगीत, चेतन  जोशी ने बांसुरी वादन, पं0 रवीन्द्र नाथ पाण्डेय ने संतूर वादन, अशद अली बादशाह खांन ने अपनी गजल गायिकी से सबको मोह लिया। मुक्ताकाशीय मंच पर लखनऊ से पधारी अनीता सहगल ने अपनी शेरो शायरी के साथ खूबसूरत अंदाज में कलाकरों का परिचय देते हुए मंच पर आमंत्रित करने का कार्य बखूबी निभाया। उनकी हर एक शायरी  पर दर्शक ताली बजाये बगैर नहीं रह सके। इस अवसर पर ताज के नजरिये से मोहब्बत का संदेश देते हुए अनीता ने कहा कि ‘‘ पलक झुका कर सलाम करते हैं, इस दिल की दुआ आपके नाम करते हैं। कुबूल हो तो मुस्करा देना, आज की यह शाम उसी मुस्कराहट के नाम करते हैं। उनकी कही हुयी इन पंक्तियों पर पूरा पण्डाल तालियों से गूंज उठा।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त, आगरा प्रदीप भटनागर, जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर, अपर जिलाधिकारी, सिटी अरूण प्रकाश सहित तमाम गण्मान्य अतिथिगण मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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