Posted on 06 May 2012 by admin
आजमगढ़ में जन्मे और वही पर पढ़ लिख कर बड़े हुए चंद्रपाल सिंह ने कभी यह सोचा भी नही होगा कि एक दिन वह अपनी ही फिल्म की शूटिंग अपने ही प्रांत मंें यानी की यूपी के गोरखपुर जिले मंें करेंगे। बचपन में फिल्म देखने का शौक इंसान को इस कदर दीवाना और पागल कर देता है कि एक दिन वही इंसान फिल्म बनाने का जुनून पाल बैठता है। चंद्रपाल सिंह का यही जुनून उन्हें अपने ही यूपी के गोरखपुर जिले के बनकाटा गांव में ले गया जहां उन्होंने 49 दिन का शूटिंग शेड्यूल आयोजित किया था। इस फिल्म का नाम है- प्रलय (एक अंत की शुरुआत)।वही पढ़ाई पूरी की और पूर्वाचंल मेरी रग रग में बसा हुआ है। मैंने कभी बचपन में सोचा भी नहीं था कि मै एक दिन फिल्म निर्माता बनूंगा और उसकी शूटिंग अपने ही पूर्वाचंल में करूंगा। भगवान ने मेरा यह सपना पूरा कर दिया। मैं आजमगढ़ से मुंबई गया, मैनें वहां पर कैमरा इक्वुमेंट सप्लाई शुरु की और मुझे इस व्यवसाय में दस पंद्रह वर्ष हो चुके है। आज हर धारावाहिक, रियालिटी और अन्य कार्यक्रमों मेरे ही कैमने शूटिंग के लिए जाते है। आज मेरे पास दौ सौ कैमरे है। शूटिंग देख-देख कर एक दिन मुझे ख्याल आया कि मै खुद ही फिल्म निर्माण क्योें न करू, और एक दिन मेरा यह सपना सच भी हो गया। मेरी पहली फिल्म लकीर के फकीर बन कर तैयार है जो जल्द ही प्रदर्शित होने वाली है। यह फिल्म मेरी दूसरी फिल्म है। इस फिल्म में मैने फिल्म इंडस्ट्री के कई जाने-माने कलाकारों को लिया है और उसकी शूटिंग मैं यहां कर रहा हूॅ। मेरे फिल्म की 90 फीसदी शूटिंग यहां पूरी हो चुकी है। कुछ पैच वर्क और एक आइटम साॅग में मुंबई में पिक्चराइज करने वाला हूं। मेरी फिल्म की कहानी एक ऐसे औरत के आजू-बाजू मंें घूम रही है जो एक पचपन साल के आदमी से शादी कर चुकी है। और इस गांव मंे आकर उसके साथ रहता है।
माशा पौर ने अपने किरदार के बारे मंें जानकारी देते हुए बताया, गरीबी और मजबूरी की वजह से मेरी शादी गांव की एक पचपन साल के बुढ़े रघुवीर यादव से कर दी जाती है। उसे टीबी की बीमारी है। जब शादी होकर मैं गांव आती हूं तब मेरी खूबसूरती और जवानी मेरी दुश्मन बन जाती है। गांव के कुछ लोग मेरी जवानी के पीछे और मुझे पाने के लिए षडयंत्र रचने लगते है। गांव केा बनिया मनोज जोशी, गांव का डाक्टर शक्ती कपूर, गांव का पुजारी सीताराम पंचाल, गांव का जमीदार मोहन जोशी और ईट भट्टों पर मैं काम करती हूं उसका मालिक मुकेश तिवारी भी मेरी जवानी से खेलना चाहता है। लेकिन में शुक्रगुजार हूं गांव की एक चाची से जिसका किरदार कुनिका लाल कर रही है। वह हर पल मुझे इनसे बचाने की कोशिश करती है। पर किस्मत को पता नही क्या मंजूर है कहते है ना कि प्रकृति से और नारी से छेड़छाड़ करोगे तो एक दिन प्रलय आ ही जाएगा। यही कहानी इस फिल्म प्रलय की। कहानी में भगवान का दूत बन कर आता है आदित्य पंचोली जब आता है तब कहानी बदल जाती है।
कहते है हिदुस्तान आज भी गावों में बसता है, गांव के किसान दिन रात मजदूरी करके खेती बाड़ी करते है। दिन रात मेहनत करके उनको दो जून की सुख की रोटी भी नसीब नहीं होती । आज भी छोटे गांवों के करोड़ों हिंदुस्तानी रोटी, कपड़ा और मकान जैसी सुविधा से वंचित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 April 2012 by admin
चंबल के कुख्यात डकैतों के जीवन पर आधारित यथार्थवादी फिल्मों की श्रंृखला में हाल ही चर्चित फिल्म की परम्परा में एक और मील का पत्थर साबित होने वाली फिल्म रक्तबीज षीघ्र रिलीज होने वाली है। 30 वर्शो तक चंबल में कुख्यात रहे ढाई लाख के ईनामी काडू निर्भय सिंह गुजर के जीवन की सच्चाई और वास्तविक पहलुओं को उजागर करने वाली फिल्म के निर्देषक अनिल बलानी ने अनेकों टी.वी सीरियलों तथा टी.वी. षो किये अनुभवी निर्देषक है। फिल्म रक्तबीज षोशणकारी सामाजिक व्यवस्था, भ्रश्ट सरकारी तंत्र, पुलिस, राजनीतिज्ञों और अपराधियों के गठजोड़ पर आधारित है। फिल्म में डाकुओं के जीवन के सच्चाई उनके आपराधिक हथकंडों को बड़ी बारीकी से फिल्माया गया है। रक्तबीज फिल्म की कहानी, घटनायें व आपराधिक तरीके निर्भय गुजर के तौर-तरीकों और उसके जीवन से मेल खाती है। फिल्म में चंबल की दस्यु सुंदरी रही सीमा परिहार से हुये निर्भय गुजर के अंतरंग संबन्धों को भी फिल्मांकन किया गया है।
देषकाल की परिस्थितियों के अनुसार कहानी के पात्रों के नाम काल्पनिक है। रक्तबीज समाज के विभिन्न वर्गो में उत्पन्न हुये दो पात्रों अभय और अजय की जिन्दगी की कहानी हे। जो समाज के दो अलग-अलग क्षेत्रों में षांत व सुखी जीवन जी रहे थे, किन्तु सामजिक अत्याचार, भ्रश्ट पुलिस और सरकारी अव्यवस्था के षिकार होकर दुखत अन्त की ओर बढ़ जाती है।
अभय अत्याचार का षिकार होकर दुर्दान्त डकैत बन जाता है। चुनाव में नेता माया सिंह (टीनू आन्नद) चुनाव जीतकर अभय की पीठ में छुरा भोंक देता है। दूसरी ओर अजय जो एक सफल व्यपारी और उधोगपति है वह व्ययपारिक षत्रुता का षिकार होता है। दोनों का रोमांटिक जीवन प्रेम त्रिकोंणीय से गुजरता है। फिल्म की कहानी के अनुसार राखी सावंत का एक आइटम षांग भी है। रक्तबीज की संवाद प्रभावी व कहानी में रोचकता है। सभी पात्रों के साथ ही निर्देषक अनिल बलानी ने मेहनत की। संगीतकार सतीष-अजय भी मनोरंजन कराने का प्रयास किया। हिन्दी फिल्म रक्तबीज मनोरंजन के साथ ही सामाजिक संदेष भी देगी और कुछ दृष्य दर्षकों को सोचने के लिये मजबूर करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 29 April 2012 by admin
सहारावन चैनल पर लोकप्रियता की ओर अग्रसर धारावाहिक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ सम्पूर्ण पारिवारिक मनोरंजन उपलब्ध कराने की राजश्री प्रोडक्शंस की परम्परा की अगली कड़ी है। ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आप के हैं कौन’, ‘हम साथ-साथ हैं’ और ‘विवाह’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों के नक्शेकदम पर चलते हुए ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ एक ऐसी कहानी पेश करता है जिसमें एक लड़का, एक लड़की और एक विशाल संयुक्त परिवार मिलते हैं और एक भव्य शादी का कथानक तैयार होता है।
रोमांस के उतार-चढ़ाव के उपरान्त अंगना रायचंद एवं आकाश शर्मा के लिए अब जश्न मनाने का समय है, यह दोनों शादी की दहलीज पर खड़े हैं। इससे पूर्व ही आकाश को एक ऐसी सच्चाई से रू-ब-रू होना पड़ता है, जो पूर्वस्थापित परम्परा के विýद्ध है, जिसके तहत अंगना विदाई समारोह के बाद आकाश के घर नहीं जाती है, बल्कि आकाश को अंगना के घर ‘घर जमाई’ बन कर जाना पड़ता है। अब यह सच्चाई जानने के बाद परेशान आकाश और दर्शकों के समक्ष कई प्रश्न खड़े होते हैं कि क्या, अंगना की मां कल्याणी देवी (सुधा चंद्रन) की तानाशाही भरी मांगों के विýद्ध अपने आत्मसम्मान एवं मर्यादा की रक्षा करते हुए संतुलन स्थापित कर पायेगा? क्या वह कल्याणी द्वारा पंडित से ‘कन्यादान’ के बजाय ‘वर-दान’ की रस्म अदायगी पर सहमति व्यक्त करेगा? क्या वह दुल्हन की कार में रायचंद के घर जाने के लिए राजी होगा?
धारावाहिक के इस एपिसोड पर चर्चा में श्री सूरज बड़जात्या, राजश्री प्रोडक्शंस ने कहा कि, ‘‘राजश्री के अन्तर्गत हमने अपनी फिल्मों और धारावाहिकों में अनेक वैवाहिक समारोहों की शूटिंग की है, लेकिन, ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’, निश्चित रूप से सबसे अनूठे समारोह में से एक होगा। इसमें सारी रीत उल्टी होती है और वह भी पूरे रस्मों-रिवाज के साथ यहीं हमारा धारावाहिक एक अनोखा मोड़ लेता है।’’
यह सब जानने के लिए देखिए राजश्री प्रोडंक्शस का धारावाहिक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ 30 अप्रैल रात 9 बजे सहारा वन पर, जिसमें विवाह समारोह का आगाज होने जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 April 2012 by admin
‘नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय…..’
सारेगामा के नृत्योदय कार्यक्रम मंे 12 नृत्यांगनाओं ने दिखाया कौषल
सारेगामा भारतीय संगीत सामाजिक एवं संास्कृतिक वेलफेयर संस्थान के तत्वावधान मंे स्थानीय राय उमानाथ बली प्रेक्षाग्रह मंे सांय भरतसंध्या के अन्तर्गत नृत्योदय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मंे 12 नृत्यांगनाओं द्वारा गुरू ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेई के निर्देषन मंे भरतनाट्यम नृत्य का प्रर्दषन किया गया। कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप मंे माननीय संस्कृति मंत्री उ0प्र0षासन श्रीमती अरूणा कोरी तथा विषिण्ट अतिथि के रूप मंे माननीय विधायक बीकेटी गोमती यादव उपस्थित हुये।
इससे पूर्व नृत्योदय कार्यक्रम का षुभारंभ गणमान्य अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलन से हुआ तथा नृत्य की षुरूआत रंग देवता की आराधना व स्तुति युक्त प्रस्तुति मल्लारी को राग नाट्टई आदि ताल मंे नृत्यांगना आरती पांण्डे, श्रेया वाजपेई, बैजन्ती नाथ, रचना षर्मा, सुनयना जयसवाल, दीपिका सिंह, मीरा भारती व श्रीलंका मूल की नुवन्ती सेनालिका ने प्रस्तुत किया तो इन्ही नृत्यांगनाओं द्वारा आलारिप्पू को राग नाट्टई व मिश्र चापू ताल मंे प्रस्तुत कर भरतनाट्यम् की पारम्परिक षुरूआत कर दर्षको की तालियाॅं बटोरी।
कार्यक्रम के अगले प्रसून मंे जतिस्वरम् को राग तोड़ी व रूपक ताल मंेे और वर्णम को राग पूर्वीकल्याणी व आदि ताल मंे संजोंकर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। अगली प्रस्तुति के रूप मंे अदि षंकराचार्य कृत राग मालिका व ताल खण्डचापू मंे षिव के वर्णन को ‘नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय…..’ और षिव ताण्डव नटनम आडिनार…को राग वसंत आदि ताल मंे संजोया।
नृत्योदय के अन्तिम प्रसून मंे पारंपरिक समापन के तहत तिल्लाना को मुख्य कलाकारों के साथ प्रथम नृत्योदय के कलाकारों आरती उप्रेती,स्वाती सोनवानी,मोनिका सिंह व हर्षिका वर्मा ने प्रस्तुत कर नृत्य प्रेमियों का अभिनन्दन स्वीकार किया। कार्यक्रम मंे संगतकर्ता के रूप मंे नटुवांगम पर गुरू ज्ञानेन्द्र दत्त बाजपेई,गायन पर ललिता गणेष,मृदंगम पर जी0सुधीर कुमार तथा वायलिन पर संजरी साहू मौजूद थें।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री अनीता सहगल ने किया व समापन पर संस्था के अध्यक्ष विवेक वर्मा ने प्रतिभागियों को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी तो निदेषक रामू सान्याल पूर्व पार्षद ने अतिथियांे का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान कला जगत की विषिष्ट हस्तियों भी मौजूद थी।ं
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 19 April 2012 by admin
ऽ अवधी,भोजपुरी,लोकगीतों एवं नृत्य के प्रदर्शन मे मशहूर कलाकारों ने की शिरकत
ऽ लगभग 300 स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया
सात करोड़ लोगों के दिलों में बसने वाली, उत्तर प्रदेष की प्रमुख भाषा अवधी है। संस्था द्वारा इस सरल और जन भाषा को बढ़ावा देने तथा उत्तर प्रदेष की संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संस्था प्रकृति ‘द नेचर’ के तत्वावधान में अवधी उत्सव एवं प्रदर्षन का आयोजन आज दिनांक 19.04.2012 को अपराह्न 12ः00 बजे बाल्मीकि रंगषाला, उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर, लखनऊ मे किया गया, जिसमें अवधी, भोजपुरी, लोकगीत एवं नृत्य का प्रदर्शन किया गया । साथ ही नये दौर के बच्चों के बीच अवधी भाषा को लोकप्रिय बनाने हेतु स्लोगन, चित्रकला, एवं निबन्ध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिसमें होली एन्जिल स्कूल, पुलिस माडर्न स्कूल, सेन्ट मेरी स्कूल, फ्लोरेन्स नाइटेंगल स्कूल सहित कई अन्य स्कूलों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम की षुरूआत दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। उत्तर प्रदेष की संस्कृति एवं अवधी भाषा को बढ़ावा देने हेतु लगभग 300 स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें
चित्रकला प्रतियोगिता में ग्रुप ए मे पुलिस माॅडल स्कूल के छात्रो मे प्रथम अंकित.सिंह , द्वितीय अभिषेक मेहरोत्रा एवं तृतीय स्थान पर कोमल सरोज व ग्रुप बी मे प्रथम मो0 वसीम, द्वितीय अमन सिन्हा एवं तृतीय स्थान पर मोनू सिंह रहे।
निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम विनीत कुमार, द्वितीय दिषा रानी और तृतीय स्थान पर पंकज सिंह रहे और
स्लोगन लेखन में प्रथम कंचन यादव , द्वितीय मोहिनी रावत एवं तृतीय स्थान पर अनम रहे ।
कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने अवधी, भोजपुरी एवं लोकगीत प्रस्तुत किये। उ0प्र0 के मुख्य कजरी गीत, भोजपुरी एवं अवधी गीतों पर मोहक नृत्य कर कलाकारों ने समां बांध दिया। अवधी उत्सव के मुख्य अतिथि पूर्व जस्टिस श्री एस0सी0 वर्मा जी ने विजेताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया और संस्था की प्रषंसा करते हुए कहा कि उ0प्र0 की संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की यह पहल बहुत सराहनीय है।
इस अवसर पर श्री एच0एस0 सिंह, वरिष्ठ मण्डल प्रबन्धक, नेषनल इंष्योरेंस, श्री हरि ओम षर्मा, प्रख्यात कवि एवं लेखक, श्री सी0एल0 दीक्षित समाजसेवी एवं पूर्व अध्यक्ष, लखनऊ बार एसोसिएषन, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम प्रकृति ‘द नेचर’ संस्था जो कि पिछले एक दशक से नेत्रदान, प्रकृति संरक्षण एवं सांस्कृतिक कार्यों में संलग्न है के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 19 April 2012 by admin
ऽ अवधी, भोजपुरी, लोकगीतों एवं नृत्य का प्रदर्शन मशहूर कलाकारों द्वारा
सात करोड़ लोगों के दिलों में बसने वाली, उत्तर प्रदेष की प्रमुख भाषा अवधी है। संस्था द्वारा इस सरल और जन भाषा को बढ़ावा देने तथा उत्तर प्रदेष की संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अवधी उत्सव एवं प्रदर्षन का आयोजन दिनांक 19.04.2012 को अपराह्न 12ः00 बजे बाल्मीकि रंगषाला, उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर, लखनऊ मे किया जायेगा।, जिसमें अवधी, भोजपुरी, लोकगीत एवं नृत्य का प्रदर्शन किया जायेगा। साथ ही नये दौर के बच्चों के बीच अवधी भाषा को लोकप्रिय बनाने हेतु स्लोगन, चित्रकला, एवं निबन्ध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें होली एन्जिल स्कूल, पुलिस माडर्न स्कूल, सेन्ट मेरी स्कूल, फ्लोरेन्स नाइटेंगल स्कूल सहित कई अन्य स्कूल भी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर षहर के अति विषिष्ट एवं गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित होंगे।
यह कार्यक्रम प्रकृति ‘द नेचर’ संस्था जो कि पिछले एक दशक से नेत्रदान, प्रकृति संरक्षण एवं सांस्कृतिक कार्यों में संलग्न है के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
वरिष्ठ पत्रकार के.विक्रम राव रचित पुस्तक ‘जो जन-गण के मन बसे’ का भव्य लोकार्पण यूपी प्रेस क्लब के प्रांगण में हुआ। पुस्तक का लोकार्पण लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा एवं विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया। लोकार्पण समारोह में लेखक के विक्रम राव के साथ ही नगर के तमाम वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखकों की उपस्थिती रही। के.विक्रम राव द्वारा लिखित इस पुस्तक में आधुनिक परिवेश में शिव, कृष्ण, गणेश, राम और हनुमान पर विश्लेषणात्मक लेख है। कांची पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरू जयेन्द्र सरस्वती ने इस पुस्तक की भूमिका में लिखा हैं कि ‘‘इन अवतारों पर विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करना अपने आप में ही विशिष्टता है। राज्यपाल बनवारीलाल जोशी ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि सभी महापुरूषों का जीवन प्रसंग प्रेरणास्पद है। पुस्तक की समीक्षा महेश चन्द्र द्विवेदी, डा. उषा सिन्हा, डा. योगेश मिश्र, श्री देवकीनन्दन शान्त आदि ने की है। साहित्यकार देवकी नन्दन शांत ने पुस्तक की काव्यात्मक समीक्षा करते हुये जो गन गण के मन बसे है वे हैं, भोलेनाथ, पांच देव रक्षा करे, रहते सबके साथ जैसी पंक्तियों को लोकार्पण समारोह में प्रस्तुत कर पुस्तक की महत्वता से पाठकों को परिचित कराने का सफल प्रयास किया।
पुस्तक के लेखों के विषय में पुस्तक का सम्पादन करने वाले आनन्द मिश्र ने कहा कि इन ललित लेखों की मनोहरता और हृदयग्राहिता के कारण किसी भी पाठक का मन इन्हें पढ़ते-पढ़ते ही प्रमुदिम उठे बिना न रहेगा। लेखक ऐसी रसमयी, विलक्षण तथा चुटीली शैली है कि पढ़ने में चाव आता है। इसकी रोचकता दर्शकों को सम्मोहित करने में समर्थ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2012 by admin
रा.वन भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ये एक बेहद महत्वाकांक्षी और महंगी विज्ञान कथा पिफल्मों में से है जिसमें विश्वस्तरीय विजुअल इपफैक्ट और एनिमेशन विजर्ड का प्रयोग किया गया है। इसने उच्च गुणवत्ता वाली वी एपफ एक्स पिफल्मों के निर्माण में भारत की महारत साबित कर दी है। डिस्कवरी चैनल अपने एक घंटे के कार्यक्रम रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन में अब तक बनी सबसे शानदार पिफल्मों में से इस एक के निर्माण के बारे में बताने जा रहा है, एक घंटे के इस विशेष कार्यक्रम को शुक्रवार, 30 मार्च को रात 8 बजे दिखाया जाएगा। इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर - दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिपिफक ने कहा, ‘डिस्कवरी चैनल उच्च गुणवत्ता वाले ऐसे विविध् और विशेष कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है जो हर क्षेत्रा से ताल्लुक रखते हैं, इनमें विज्ञान और टैक्नाॅलाॅजी, खोज, एडवैंचर तथा अपने दर्शकों के मनोरंजन और ज्ञानवधर््न के लिए ऐसे कार्यक्रम होते हैं जिनमें गहराई से किया गया विश्लेषण नजर आता है और साथ ही अंतरंग दृश्य भी होते हैं। रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन नामक यह कार्यक्रम दर्शकों को सिनेमा से जुड़ी एक यात्रा पर ले जाएगा और पिफल्मांकन की अनोखी तकनीकों के बारे में उन्हें बताएगा।’ शाहरूख खान का कहना था, ‘रा.वन एक अतिविशेष पिफल्म है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाली पिफल्में बनाने के प्रति भारतीय प्रतिभा के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमताओं को दर्शाती है। मैं खुश हूं कि डिस्कवरी चैनल उस एकदम अनोखी टैक्नाॅलाॅजी और पहले कभी न देखी गई अवधरणाओं को पेश करने जा रहा है जिनका इस्तेमाल रा.वन को बनाने के दौरान किया गया। दर्शक बहुत ही करीब से इस पूरी सृजन प्रक्रिया को देख पाएंगे और उसका आनंद ले पाएंगे। भारतीय पिफल्मों के हर प्रशंसक को यह कार्यक्रम अवश्य देखना चाहिए।’ रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन कार्यक्रम भारत की एक बेहद जानी-मानी विज्ञान कथा पिफल्म के निर्माण के पीछे मौजूद विज्ञान पर से पर्दा उठाएगा, और दर्शक जान पाएंगे कि इस शानदार पिफल्म ने किस प्रकार अनेकों बाधओं को पार करके इस सपने को एक हकीकत में तब्दील किया है। इस कार्यक्रम में दिखाया जाएगा कि किस प्रकार बेहद शानदार एक्शन सीक्वैंस और स्पैशल इपफैक्ट्स को डिजाइन किया गया, किस प्रकार किरदारों के चेहरों-मोहरों और सैट के बारे में निर्णय लिया गया। पिफल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कहा, ‘जब मैंने इस पिफल्म के स्पैशल इपफैक्ट्स पर काम करना शुरू किया तो मुझे पूरा भरोसा था कि हमारे पास इन्हें विजुअलाइज करने और अमली जामा पहनाने के लिए प्रतिभा मौजूद थी। डिस्कवरी चैनल का ये कार्यक्रम उस प्रतिभा और कड़ी मेहनत को दिखाता है जो भारत में बनी, तकनीकी तौर पर सबसे उन्नत पिफल्मों में से एक के निर्माण में लगी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 25 January 2012 by admin
हिन्दी फिल्मों और विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले भारत के सबसे लोकप्रिय चैनल मैक्स ने सप्ताहांत के दौरान दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों को प्रचारित करने के लिए अपने नए अभियान ‘‘सारे हफ्ते लगे रहो…वीकेंड पर पड़े रहो‘‘ को आॅन-ग्राउंड प्रसारित करने की योजना बनाई है। मैक्स ने इस संचार अभियान को हाल ही में अपने चैनल पर शुरू किया था। इस अभियान के माध्यम से मैक्स सप्ताहांत पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों की दर्शक संख्या अधिक-से-अधिक बढ़ाना चाहता है।
‘‘सारे हफ्ते लगे रहो…. वीकेंड पर पड़े रहो‘‘ अभियान की शुरूआत मैक्स पर वीकेंड के दौरान प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के प्रति दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। मैक्स पर सप्ताहांत के दौरान सदाबहार सुपरहिट फिल्मों का प्रसारण किया जाता है। वीकेंड प्रोग्राम्स को प्रोमोट करने के लिए टेलीविजन, सोशल मीडिया और आॅनलाइन मंच पर 3 श्रृंखलाओं को पेश किया गया था। ये तीनों हास्य विज्ञापन फिल्में केन्द्रीय संचार थीम पर आधारित थी और इसमें दिखाया गया था कि पूरे सप्ताह काम में व्यस्त रहने के बाद सप्ताहांत पर मैक्स पर दिखाई जाने वाली ब्लाॅकबस्टर फिल्मों को देखना, खुद को तरोताजा करने कर सबसे बेहतर उपाय है।
अब इस अभियान को आॅनग्राउंड (पर्दे से बाहर) शुरू करने के लिए मैक्स ने वीकेंड पर विभिन्न माॅल्स में विशिष्ट कार्यक्रमों को पेश करने की योजना बनाई है। इसके तहत 11 शहरों - मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, नागपुर, जयपुर, वाराणसी, मेरठ और आगरा में स्थित माॅल में इस अभियान को शुरू किया जाएगा। इन सभी स्थानों पर मैक्स माॅल में एक बेडरूम/हाॅल सेटअप स्थापित करने जा रहा है। यहां पर एक टीवी स्क्रीन लगाई जाएगा, जिस पर दर्शक पूरे दिन आराम से बैठकर मैक्स पर प्रसारित होने वाली फिल्मों को देख सकेंगे। इसका उद्देश्य मैक्स पर वीकेंड के मनोरंजक कार्यक्रमों को प्रोमोट करना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 22 December 2011 by admin
भारत के हिमेश रेशमिया और पाकिस्तान के आतिफ असलम होंगे टीम के कप्तान
लखनउळ में शनिवार 24 दिसंबर, 2011 को होगा आॅडिशन
इस महीने सहारावन टेलीविज़न दो पड़ोसी देशों, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिद्वंद्विता का अगाज कर रहा है, पर युद्ध से अलग हटकर एक अलग मैदान में। सर्वश्रेष्ठ और अपने पसंदीदा गायक हस्तियों को एक शो में प्रतिभाशाली गायकों का नेतृत्व करते और उन्हें ‘जज‘ करते हुए इस सनसनीखेज रियलिटी शो सुर-क्षेत्र, जिसमें भारत और पाकिस्तान के प्रतिभाशाली गायकों (सिंगिंग टैलेंट्स) को अपनी गायन प्रतिभा दिखाने और अपने प्रतिद्वंद्वी से बेहतर गाने का एक मौका मिलेगा। भारत के छह शहरों और पाकिस्तान के 3 शहरों में आॅडिशन के साथ सुर-क्षेत्र की शुरळआत 24 दिसंबर, 2011 से होने जा रही है। लखनउळ में यह आॅडिश्न 24 दिसंबर, 2011 को होगा।
भारत और पाकिस्तान में आॅडिशन्स के बाद चुने गए गायक योद्धा ग्राउंड जीरो में जमा होंगे। उसके बाद दोनों देशों की टीम में जगह बनाने (चुने जाने) के लिए इन योद्धाओं को सख्त चयन प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों से गुजरना होगा। जानेमाने गायक-संगीत निर्देशक और अब अभिनेता बने हिमेश रेशमिया भारत के गायकों के कप्तान होंगे, जबकि गायक से अभिनेता बने पाकिस्तान के आतिफ असलम, पाकिस्तानी गायकों का नेतृत्व करेंगे।
सहारा वन मीडिया एण्ड एनटरटेनमेंट लिमिटेड के निदेशक श्री बोनी कपूर ने सहारा वन पर शुरू हो रहे इस नये शो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘‘मेरे द्वारा चैनल की कमान संभालने के बाद ‘सुर-क्षेत्र’, सहारा वन का एक मेगा वेंचर (बड़ा कार्यक्रम) है। सहारा वन लगातार आगे बढ़ रहा है और इसे शीर्ष पांच चैनलों में शामिल करने के लिए काफी मेहनत की जा रही है, जो योजना तैयार की गई हैं, वह अब तक की योजनाओं की तुलना में अधिक विशिष्ट और उच्च है।‘‘
सहारा वन मीडिया एण्ड एनटरटेनमेंट लिमिटेड के सहायक निदेशक, श्री सुरेश मिश्रा ने नए रियलिटी शो पर अपने उत्साह को जाहिर करते हुए कहा कि, ‘‘राजनीतिक सीमाओं ने हालांकि, हमारे दो देशों को बांट रखा है, लेकिन संगीत एक ऐसी विधा है, जिसने दोनों देशों के बीच के साधारण और सामंजस्यपूर्ण बंधन को हमेशा ही मजबूत किया है। हमारे नए रियलिटी शो सुर-क्षेत्र के जरिए हम सुनहरे युग को दोबारा जीवंत करने और भारत और पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ गायक प्रतिभाओं को अपने दर्शकों के सामने पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हमारे नए शो के जरिए दोनों देशों और दुनिया भर के दर्शक नयी पीढ़ी के सिंगिंग टैलेंट का लुत्फ उठा पाएंगे।‘‘
साईंबाबा टेलीफि़ल्म के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि, ‘‘संगीत ने मुझे हमेशा नए रास्ते तलाशने की प्रेरणा दी है। सुर-क्षेत्र के द्वारा हमारा उद्देश्य नई ऊंचाई को छूना और संगीत के एक नए संसार का निर्माण करना है। मैं सहारावन और खासकर बोनी जी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे यह चुनौतिपूर्ण अवसर प्रदान किया और मैं वाकई इस शो को लेकर काफी उत्साहित हूं।‘‘
शो में एंट्री के लिए सुर-क्षेत्र का पहला दौर भारत में 17 दिसंबर से लखनऊ में और पाकिस्तान में 18 दिसंबर से लाहौर में शुरू हो रहा है। भारत में शो में भाग लेने के इच्छुक गायकों को रजिस्ट्रेशन के लिए ।न्क्प्ज्प्व्छ लिखकर 59090 पर एसएमएस करना होगा, जिसके बाद सभी इच्छुक गायक प्रतिभागियों को एक एमएमएस प्राप्त होगा, जिसमें उनके शहरों में होने वाले आॅडिशन्स में भाग लेने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। दोनों देशों के इच्छुक गायक रिप्लाई एसएमएस दिखाकर पंजीकृत प्रतिभागी के रूप में शहर स्तर के आॅडिशन में भाग ले सकते हैं। जिन इच्छुक गायकों ने शो के लिए पंजीकरण नहीं कराया होगा, वो भी इस आॅडिशन में भाग ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि सहारा वन टेलीविज़न अपने सिंगिंग रियलिटी शो सुर-क्षेत्र के जरिए भारत और पाकिस्तान के प्रतिभाशाली गायकों को एक मंच प्रदान करेगा। सुर-क्षेत्र का निर्माण और निर्देशन साईंबाबा टेलीफि़ल्म्स के गजेन्द्र सिंह द्वारा किया गया है। गजेन्द्र सिंह सारेगामा, वाॅइस आॅफ़ इंडिया, म्यूजि़क का महा मुक़ाबला और छोटे उस्ताद जैसे कई अग्रणी और सुपरहिट रियलिटी शो का निर्माण और निर्देशन कर चुके हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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