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परम्पीरागत चिकित्सा। पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए भारत और हंगरी ने सहमति पत्र पर हस्तारक्षर किये

Posted on 21 October 2013 by admin

भारत और हंगरी ने एक महत्वयपूर्ण पहल करते हुए परम्पेरागत चिकित्साे पद्धतियों के विकास और प्रोत्सा हन के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताएक्षर किये हैं। बृहस्पऔतिवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह और हंगरी के प्रधानमंत्री श्री विक्टैर ओर्बन की मौजूदगी में भारत की ओर से केन्द्री य स्वामस्य्ो   एवं परिवार कल्या ण राज्यद मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी और हंगरी के राष्ट्री य संसाधन मंत्री श्री जोर्टन बनोंग ने सहमति पत्र पर हस्तातक्षर किये। हंगरी ने भारत की परम्पहरागत चिकित्सा् पद्धतियों विशेषकर आयुर्वेद में काफी दिलचस्पी  दिखाई है।

इस सहमति पत्र का मुख्यध उद्देश्यय समानता और परस्पदर लाभ के आधार पर दोनों देशों की परम्प रागत चिकित्साउ पद्धतियों के सशक्तिकरणए प्रोत्सााहन और विकास में सहयोग देना है। सहमति पत्र चिकित्साे की परम्प रागत पद्धतियों के इस्ते‍माल को बढ़ावा देनेए इन्हेंत इस्ते माल करने के लाइसेंस तथा एक.दूसरे के बाजारों में उनके विपणन के अधिकार के बारे में कानूनी सूचना के आदान.प्रदानए विशेषज्ञोंए अर्द्ध चिकित्सा  कर्मियोंए वैज्ञानिकोंए शिक्षकों और छात्रों की अदला.बदली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। इस सहमति पत्र पर हस्तााक्षर होने से दोनों देशों के बीच परम्प़रागत चिकित्सास पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगाए जिससे नई आर्थिक और व्यापवसायिक संभावनाओं का पता चलेगा और पर्यटन का विकास होगा।

श्रीमती संतोष चौधरी ने आशा व्य क्ते की कि इस प्रकार के आपसी समझौतों पर हस्तातक्षर होने से भारत आयुर्वेदए यूनानीए योगए सिद्धए होम्योषपेथी जैसी चिकित्सा  पद्धतियों को दुनियाभर में स्थातपित कर सकेगा।

उल्लेिखनीय है कि भारतए मलेशिया और त्रिनिडाड टोबेगो के साथ ऐसे ही समझौते कर चुका है और निकट भविष्यक में रूसए नेपालए श्रीलंकाए सर्बिया और मैक्सिको के साथ ऐसे ही समझौते करने वाला है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रोफेसर थॉमस अंतर्राष्ट्रीरय इलेक्ट्रोइ.टेक्नीरकल आयोग की महासभा का उद्घाटन करेंगे

Posted on 21 October 2013 by admin

सम्मेेलन में करीब 100 देशों के प्रति‍नि‍धि‍भाग लेंगे
अंतर्राष्ट्री य इलेक्ट्रोथ.टेक्नी्कल आयोग की महासभा का 77वां सम्मेनलन नई दि‍ल्ली; के वि‍ज्ञान भवन में सोमवारए 21 अक्तूीबरए 2013 से शुरू हो रहा है। यह आयोग आईईसी के नाम से लोकप्रि‍य है। उपभोक्ताश मामलेए खाद्य और सार्वजनि‍क वि‍तरण मंत्री प्रोफेसर केण्वीण्थॉमस सम्मेालन का उद्घाटन करेंगे। इसमें करीब 100 देशों के 900 से अधि‍क प्रति‍नि‍धि‍भाग ले रहे है।

आईईसी एक वि‍श्वे संस्था‍ है जो वि‍कसि‍त और वि‍कासशील देशों में घरोंए कार्यालयोंए स्वाीस्य्कप  देखरेख सुवि‍धाओंए फैक्ट्रहरि‍यों और सार्वजनि‍क स्थ0लों में वि‍द्युतीय और इलेक्ट्रॉ नि‍क उपकरणों तथा यंत्रों के लि‍ए अंतर्राष्ट्रीहय मानक प्रकाशि‍त करता है। आईईसी वि‍द्युत उत्पाोदनए प्रेषण और वि‍तरण सहि‍त ऊर्जा के सभी नि‍र्माताओं के लि‍ए अधि‍कांश अंतर्राष्ट्रीयय मानक उपलब्ध  कराने में भी मुख्यक भूमि‍का नि‍भाता है। आईईसी में 164 देशों का प्रति‍नि‍धि‍त्व  हैं। आईईसी में भारतीय मानक कार्यालय;ब्यू रो ऑफ इंडि‍यन स्टैतण्ड र्डसद्ध भारत का प्रति‍नि‍धि‍त्वं करता है और यह आईईसी की 66 तकनीकी समि‍ति‍यों का भागीदारी सदस्यि भी है। साथ ही भारत 85 तकनीकी समि‍ति‍यों का पर्यवेक्षक सदस्य  भी है। महासभा के दौरान आईईसी की मानक प्रबंधन जैसे वि‍भि‍न्नप नीति‍नि‍र्माता नि‍काय अंतर्राष्ट्री य मानकों से संबंधि‍त मामलों पर वि‍चार करेंगे और इलेक्ट्रोस टेक्नोवलॉजी के क्षेत्र में मानक वि‍कास के लि‍ए भावी रणनीति‍तथा नि‍र्देशों के बारे में नि‍र्णय लेगी।

वि‍द्युत गुणवत्ताे के लि‍ए चुनौति‍यां. वि‍षय पर एक खुला अधि‍वेशन भी होगा जि‍समें भारत के दो वि‍शेषज्ञों सहि‍त वि‍श्वि के पाँच प्रसि‍द्ध वक्ता  भारत में बि‍जली की गुणवत्ताद तथा चुनौति‍यों के मामले पर अपने वि‍चार रखेंगे। इसके अलावाए वि‍भि‍न्न  देशों से चयनित मानकीकरण के क्षेत्र में 70 युवा पेशेवर लोगों के लि‍ए एक तीन दि‍वसीय कार्यशाला भी आयोजि‍त की जाएगी।

आईईसी महासभा के आयोजन से भारत को इलेक्ट्रोम टेक्नोेलॉजी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीकय मानकों के बारे में जानकारी पैदा करने में सहायता मि‍लेगी और आईईसी की मानक वि‍कास प्रक्रि‍या में हमारी भागीदारी बढ़ेगी। आमसभा भारतीय मानक कार्यालयए इंडि‍यन इलेक्ट्रि ‍कल एंड इलेक्ट्रॉ नि‍क मैन्यूयफेक्चकरर्स एसोसि‍एशन;आईईईएमएद्ध केन्द्री य वि‍द्युत अनुसंधान संस्थाा;सीपीआरआईद्ध और आईईईई मानक संघए एलकोमा तथा अन्यो उद्योगों द्वारा संयुक्तए रूप से आयोजि‍त की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित रात्रि भोज के अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

Posted on 21 October 2013 by admin

हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित रात्रि भोज के अवसर पर दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण का पाठ इस प्रकार हैरू.

ष्ष्प्रधानमंत्री ओर्बन और उनके शिष्टमंडल की हमारे देश की यात्रा के अवसर पर उनका स्वागत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है।

महामहिमए आप त्यौहारों के मौसम में भारत पधारे हैं। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि त्यौहारों के इस मौसम में आपकी हमारे बीच उपस्थिति हमारी खुशी को और भी बढ़ा रही है। हम भारत में आपका प्रवास अधिक सुखदए लाभकारी और आनंददायक रहने की कामना करते हैं।

महामहिमए कठिनाइयों के दौर में देश के शासन की बागडोर संभालने के बावजूदए आपने हंगरी को संकट से बाहर लाने और फिर से विकास के पथ पर अग्रसर करने में महान कौशल और संकल्पबद्धता का परिचय दिया है। ऐसा करते समय आपने वह आदर्श प्रस्तुत किया है जिसके लिए हंगरी जाना जाता है।

पिछली करीब आधी सदी से भी अधिक समय से भारत के लोगों ने हंगरी के लोगों की संकल्पशक्ति को देखा है। इनमें सबसे नवीनतम अवसर 1988.89 के ऐतिहासिक वर्षों में उस समय दिखाई दिया जब हंगरी में लोग लोकतंत्र बहाल करने और यूरोप में विभाजन का युग समाप्त करने में कामयाब हुए। हमने उसके बाद से हंगरी के तेजी से रूपांतरण की प्रसन्नतापूर्वक सराहना की है।

भारत की अपनी पहली यात्रा और ष्ष्पूर्वी देशों के साथ वार्तालापष्ष् की आपकी व्यापक नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारे एकीकृत विश्व में अवसर आकार या दूरी से निर्धारित नहीं होते बल्कि रचनात्मकता और नई सोच से निर्धारित होते हैं।

आपकी यात्रा सांस्कृतिक संबंधों और हमारे लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की विशिष्ट परंपरा पर आधारित है। भारतविद्या से सम्बद्ध हंगरी के विद्वानों ने भारतीय परंपराओंए संस्कृति और विरासत के बारे में यूरोप की समृद्ध विद्वत्ता में बहुमूल्य योगदान किया है। हंगरी के एक विश्वविद्यालय में 1873 में संस्कृत शुरू की गई थी। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने हंगरी के अनेक विद्वानों को शांति निकेतन में आमंत्रित किया था। गुरुदेव स्वयं बाल्टन झील के जल के सौंदर्य से मंत्रमुग्ध हो गए थे और इस वर्ष हम संयुक्त रूप से जानीमानी चित्रकार अमृता शेरगिल की जन्मशती मना रहे हैंए जो भारत और हंगरी की बेटी थीं।

हमारे लोगों के बीच स्नेह और सद्भावना की ये परंपराएंए हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हमारे बीच आर्थिक साझेदारी की व्यापक संभावनाएंए ये सब बातें हमारी भागीदारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। यूरोप और विश्व में कोलाहल और परिवर्तन के दौर में भी हमारे संबंध स्थिरता के साथ आगे बढ़ते रहे। हंगरी में भारतीय कंपनियों की उपस्थिति बढ़ रही है जो हमारे संबंधों की संकल्पबद्धता का संकेत है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हंगरी से जो समर्थन भारत को मिला है हम उसे महत्वपूर्ण मानते हैं। इन सब बातों के आधार पर मेरा यह विश्वास है कि हंगरी और भारत एक दूसरे के यहां महान अवसर प्राप्त कर सकते हैं और यूरोप और एशिया में एक दूसरे के लिए सेतु बन सकते हैं।

इन शब्दों के साथए महामहिमए देवियो और सज्जनोए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इन शुभकामनाओं के साथ भोजन ग्रहण करें किरू.

• महामहिम प्रधानमंत्री ओर्बन के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धिय

• मैत्रीपूर्ण स्वभाव वाले हंगरी के लोगों की प्रगति और खुशहालीय और

• भारत और हंगरी के बीच कभी समाप्त न होने वाली मित्रता।ष्ष्

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री का मीडिया वक्तव्य

Posted on 21 October 2013 by admin

हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री डाण् मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए मीडिया बयान का पाठ नीचे दिया गया हैरू.
ष्ष्प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन की पहली भारत यात्रा के अवसर पर उनका स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को घनिष्ठ बनाने के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए सराहना करता हूं। भारत और हंगरी के संबंध परंपरागत दृष्टि से घनिष्ठ और मित्रतापूर्ण रहे हैंए क्यांेकि लोगों के बीच सांस्कृतिक लगाव और परस्पर संबंधों का हमारा विशेष इतिहास रहा है।

आज बहुत सारी बातें हैं जो हमारे देशों को एक साथ खड़ा करती हैं। भारत की तरह हंगरी भी एक बढ़ता हुआ लोकतंत्र है। बदलते हुए मध्य यूरोप के केंद्र और यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में हंगरी एक गतिशील अर्थव्यवस्था है। भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी हंगरी में निरंतर बढ़ रही है। अपने अपने तरीके से हमारे दोनों देशए अफगानिस्तान में सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। हंगरी आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट वैश्विक कार्रवाई का समर्थक रहा है। ये सब बातें हमारे संबंधों की मजबूती को आधार प्रदान करती हैं।

प्रधानमंत्री ओर्बन और मैंने आज अत्यंत लाभदायक विचार विमर्श किया है। बातचीत में हमने अपने संबंधों के समूचे परिदृश्य की समीक्षा की है। हम इस बात से सहमत हैं कि परस्पर पूरक शक्तियों के विस्तारए भारत के विशाल और उभरते हुए बाजार तथा हंगरी की यूरोपीय संघ की सदस्यता से हम अपने आर्थिक संबंधों का व्यापक विस्तार कर सकते हैं।

संयुक्त आर्थिक समिति द्वारा किए गए कार्य का हम स्वागत करते हैंए जिसकी बैठक इसी सप्ताह के शुरू में हुई थीए जिसमें सूचना प्रौद्योगिकीए फार्मास्युटिकल्सए आटो कम्पोनेंट्सए स्वास्थ्य देखभालए पर्यटनए ऊर्जाए इंजीनियरी सामान और खाद्य प्रसंस्करण सहित कई अन्य क्षेत्रों की पहचान प्राथमिकता क्षेत्रों के रूप में की गई थी। मैं प्रधानमंत्री ओर्बन से इस बात के लिए भी सहायता चाहता हूं कि वे भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित व्यापक आधार वाले व्यापार एवं निवेश समझौते को शीघ्र अंतिम मुकाम पर पहुंचाने में योगदान करें। इस समझौते से भारत और हंगरी के बीच व्यापार एवं निवेश का प्रभाव बढ़ेगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा सहयोग अत्यंत लाभदायक रहा है। दोनों देश संयुक्त कार्यनीतिक अनुसंधान कोष में 10.10 लाख यूरो का वार्षिक अंशदान करते हैं जिससे दोनों देशों को फायदा हुआ है। आज हमारे बीच यह सहमति हुई है कि इस कोष में अब दोनों देश 20.20 लाख यूरो का योगदान करेंगे। इससे उच्च प्रौद्योगिकी लक्ष्यों वाली नई परियोजनाएं शुरू की जा सकेंगी।

हमने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है। हंगरी के पास रक्षा उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है और वह हमारे रक्षा आधुनिकीकरण के प्रयासों में भरोसेमंद भागीदार बन सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के अंतर्गत भारत की स्थाई सदस्यता के मुद्दे सहित अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में हंगरी के समर्थन की भारत सराहना करता है। 2008 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के भारत के साथ सिविल परमाणु सहयोग के फैसले में भी हंगरी ने भारत का समर्थन किया था। मैं प्रधानमंत्री ओर्बन से अपील करता हूं कि वे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और अन्य बहुराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं की पूर्ण सदस्यता भारत को दिलाने में सहयोग करेें।

जैसा कि मैंने शुरू में कहा कि भारत और हंगरी के बीच सुदृढ़ सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। हंगरी में भारतविद्या के क्षेत्र में विद्वत्ता की सराहनीय परंपरा रही है। हम फेलोशिप और आदान.प्रदान के जरिए अपने संबंधों के इस महत्वपूर्ण आयाम को निरंतर मजबूत बनाने के प्रयास करते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि 2013.15 की अवधि के लिए सांस्कृतिक आदान.प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत जिन गतिविधियों की योजना बनाई गई है उनसे हमारे सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ओर्बन और मैंने व्यापक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में बातचीत की है। हम दोनों यह भलीभांति समझते हैं कि आतंकवाद और उग्रवाद भारत और हंगरी जैसे आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्रों के प्रति एक साझा खतरा है। हमने महसूस किया है कि आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक नियामक फ्रेमवर्क तैयार करने की आवश्यकता है और हम इस बारे में परस्पर सहयोग बढ़ाने के बारे में सहमत हैं।

मैंए आपसी संबंधों के विस्तार और उन्हें गहरा करने के लिए प्रधानमंत्री ओर्बन के साथ मिल कर काम करने का इच्छुक हूं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह ने आज यहां प्रोफेसर बीण्एनण्गोस्वाकमी के सम्मा न में निबंधों की एक पुस्त क का विमोचन किया।

Posted on 21 October 2013 by admin

प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह ने आज यहां प्रोफेसर बीण्एनण्गोस्वाकमी के सम्मा न में निबंधों की एक पुस्त क का विमोचन किया। इस पुस्तफक का नाम है. इंडि‍यन पेंटिंगरू थीम्सोए हि‍स्ट्रीि एंड इंटरप्रि‍टेशन्सस । इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक वक्तंव्य‍ दि‍या जि‍सका अनुदि‍त मूल पाठ नि‍म्नीलि‍खि‍त हैरू

श्श्यह मेरे लि‍ए बड़ा सम्मािन का अवसर है कि‍ मुझे प्रोफेसर ब्रि‍जेन्द्रत गोस्वांमी के सम्माोन में नि‍बंधों की इस पुस्ताक के वि‍मोचन का अवसर प्राप्तरू हुआ है। हालांकि‍ कला के क्षेत्र में कुछ करने का मैं दावा नहीं करता लेकि‍न मैं इस बात का दावा करता हूँ कि‍ मैं ब्रि‍जेन्द्रत को कॉलेज के दि‍नों से जानता हूँ जब हम दोनों अमृतसर के हि‍न्दू‍ कॉलेज के छात्र थे और बाद में पंजाब वि‍श्वतवि‍द्यालय के कॉलेज में थे। उसके बाद भी हम दोनों ने पंजाब वि‍श्व्वि‍द्यालय में अध्या‍पन का कार्य कि‍या। जैसा कि‍ मैंने कहा है कि‍ मैं ब्रि‍जेन्द्र  को करीब साढ़े 6 दशकों से जानता हूँ और मैं यह भी कह सकता हूँ कि‍ उनकी वि‍द्वता उस समय भी आज के समान प्रभावशाली थी। प्रोफेसर गोस्वाूमी ने भारतीय प्रशासनि‍क सेवाए आईएएस जि‍समें उन्होंगने सफलता प्राप्तै की थीए को छोड़कर पंजाब वि‍श्ववि‍द्यालय में अध्याहपन का कार्य अपना‍या था।

उन दि‍नों में प्रति‍ष्ठि‍‍त सेवाए आईएएस को छोड़ना अनसुनी बात थीए लेकि‍न प्रोफेसर गोस्वाूमी सदा दृढ़ वि‍श्वा‍स के व्यसक्ति ‍ थे। उन्हों ने जीवन के शुरू में अपने दि‍ल की आवाज को स्पोष्ट़ रूप से सुना था। और यह कला के जगत के लि‍ए एक अच्छी् बात थी।

आज हम उनका 80वां जन्मटदि‍वस मनाने के लि‍ए यहां एकत्र हुए हैं जो दोहरा लाभ है। इस दौरान प्रोफेसर गोस्वाजमी ने एक प्रति‍ष्ठिल‍त स्थाुन प्राप्ता कर लि‍या है। उनकी रचनाएंए वि‍शेष रूप से भारतीय चि‍त्रकला के क्षेत्र में अत्यसधि‍क प्रभावशाली रही हैं। उन्हों ने कुल मि‍लाकर वि‍श्वि कोए अमरीका और यूरोप के वि‍श्व्वि‍द्यालयों में शि‍क्षण सहि‍त वि‍भि‍न्न  तरीकों से भारतीय कला की बारीकि‍यों से अत्य धि‍क अवगत कराया है।

यह प्रोफेसर गोस्वाकमी के लि‍ए उचि‍त श्रेय की बात है कि‍ समूचे वि‍श्व् से ख्यातति‍ प्राप्तफ वि‍द्वान उनके सम्माएन में प्रकाशि‍त की जा रही इस वि‍शेष पुस्तक इंडि‍यन पेंटिंगरू थीम्साए हि‍स्ट्रीर एंड इंटरप्रि‍टेशन्स में योगदान करने के लि‍ए यहां एकत्र हुए हैं।

मैं समझता हूँ कि‍ भारतीय चि‍त्रकला के वि‍भि‍न्नट पहलुओं पर नए दृष्टिम‍कोण उजागर करने के अलावा इस पुस्तमक में अनेक नए अनुसंधानों के बारे में जानकारी भी है। मुझे इस पुस्त क का वि‍हंगम दृष्टिं‍पात करने का अवसर प्राप्तन हुआ है और इस वि‍षय के बारे में मुझे बहुत कम ज्ञान होने के बावजूद यह पुस्तकक यथार्थ रूप में प्रमाणिक और प्रभावशील है। मुझे वि‍श्वाास है कि‍ यह पुस्तंक उन सभी के लि‍ए अत्यंधि‍क उपयोगी होगी जो भारतीय कला और खासकर भारतीय चि‍त्रकला के वि‍षय में रूचि‍ रखते हैं।

इन शब्दोंग के साथ मैं अंत में इस शानदार पुस्तरक के संपादकों और प्रकाशकों को बधाई देता हूँ। मैं प्रोफेसर ब्रि‍जेन्द्रस गोस्वासमी के लि‍ए वि‍द्वताए अच्छेन स्वागस्य््र  और प्रसन्नतता के अनेक वर्षों की कामना करता हूँ और मैं उनकी धर्मपत्नीम करूणा जी को भी बधाई देता हूँ जि‍न्होंंने मुझे इस नि‍मंत्रण को स्वीेकार करने के लि‍ए प्रेरि‍त कि‍या और मैं सम्मा न के लिए गौरवान्वि ‍त महसूस करता हूँ।श्श्

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पेंशन से सुरक्षित हुआ भविष्य

Posted on 18 October 2013 by admin

भारत में आज तक यह आम धारणा रही है कि पेंशन केवल सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्तु ;रिटायरद्ध होने वाले कर्मचारियों को ही मिलती है। कुछ प्रतिशत लोगा यह जानते हैं कि बड़े उद्योग धन्धों  में काम करने वाले लोगों की भी पेंशन लगती है। यहां यह जानना आवश्य़क है कि पेंशन योजनाओं से हमारा अभिप्राय है क्याी। पेंशन योजनाएं ऐसी व्यशक्तिगत योजनाएं हैं जो आपके भविष्य  की प्रतिभूति तथा बुढ़ापे के दौरान वित्तीयय स्थिरता की पूर्व तैयारी रखती है। ये पालिसियां वरिष्ठी नागरिकों और जो सुरक्षित भविष्यत की योजनाएं बना रहे उनके लिए अत्यं।त आवश्यवक हैं इसीलिए आप जीवन में सर्वोत्तभम चीजों को कभी नहीं खोते। स्वेतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज तक आम जनता के लिए सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कोई बहुत ठोस उपाय नहीं किये गये हैं। इसका एक मुख्य  कारण यह भी रहा है कि आम भारतीय अपना रिटायर होने के समय से संबंधित योजनाओं पर गंभीरता से विचारष्.विमर्श नहीं करते हैं। जबकि यह उतना ही आवश्य क है जितना कि कर बचत करने के विषय में सोचना।
सरकार का उद्देश्यब है कि पेंशन का लाभ केवल सरकारी केन्द्री य कर्मचारियों और संगठित श्रमिकों तक ही सीमित न रह कर आम आदमी तक भी पहुंचे। इस उद्देश्यक की पूर्ति के लिए संसद ने पेंशन कोष नियामक तथा विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 कर को पारित किया इसके माध्यशम से नई पेंशन प्रणाली ;एनपीएसद्ध के नियमन का अधिकार पेंशन कोष नियामक तथा विकास प्राधिकरण ;पीएफआरडीएद्ध को मिल गया है।
हमारे देश में एक जनवरी 2004 से पूर्व भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू पुरानी पेंशन व्य वस्थाद एक निश्चित लाभ प्रणाली पर आधारित थी। इसके अंतर्गत किसी भी कर्मचारी के रिटायर होने पर एक निश्चित राशि प्रति माह उसे पेंशन के रूप में मिलती थी। यह राशि उस कर्मचारी द्वारा नौकरी में व्ती प त किये गये वर्षों तथा उसके वेतनमान पर निर्भर करती थी। जबकि नई व्यववस्थाव में उसे मिलने वाली पेंशन उसके द्वारा किये गये योगदान तथा शेयर बाजार में उस पर मिलने वाले लाभांश पर आधारित होगी नई पेंशन प्रणाली धन अर्जित करने के साथ.साथ धन की बचत करने पर आधारित की गई है। इसके माध्य म से सरकारी कर्मचारियों को वृद्धावस्थाब आय सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। इससे पेंशनधारी को अपना बुढ़ापा सुविधपूर्वक व्यवतीत करने में सुगमता होगी।
प्रारंभ से ही पेंशन को परिवार के सुरक्षित भविष्या की गारंटी माना जाता रहा है। आम आदमी इस प्रकार की सुरक्षा गारंटी से सदैव वंचित रहा है। पेंशन फंड नियमन व विकास प्रधिकरण विधेयक के पारित होने से देश के लाखों असंगठित मजदूरों के परिवारों में खुशहाली छायेगी ऐसी आशा की जा रही है। देश के आम लोगों को पेंशन स्कीतम का लाभ उपलब्धे हो सके इसके लिए सरकार ने स्वाैवलंबन योजना को लागू किया है। इसमें असंगठित क्षेत्र के श्रमिक और 18 वर्ष से 55 वर्ष तक की आयु का कोई भी भारतीय न्यूे पेंशन स्की म में निवेश कर सकता है इस प्रकार नियमित रूप से नौकरी न करने वाले ओर छोटे.मोटे धन्धोंष में कार्यरत कामगर  भी स्वै च्छिक आधार पर इस योजना में सम्मिलित हो सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत सदस्य  बनने वाले सदस्यों् के योगदान के साथ.साथ नियोक्ता  भी अपना अंश जमा करवायेंगे। नियोक्तार द्वारा इस योजना में कर्मचारियों के वेतन का दस प्रतिशत तक के अंशदान को व्ययवसाय के खर्च के तौर पर सम्मिलित किया गया है जबकि वर्तमान में नियोक्ताद द्वारा न्यू् पेंशन स्कीखम में किये जा रहे अंशदान को व्य वसाय के खर्च के रूप में सम्मिलित करने की पात्रता नहीं है। इस योजना के अंतर्गत नियोक्ताह को अंशदान पर आयकर में छूट प्राप्त  होगी। स्वायवलंबन योजना के अंतर्गत अब फंड से पैसा निकाले की आयु 50 वर्ष अथवा 20 वर्ष की अवधि जो भी अधिक हो कर दी गई है। इससे पूर्व इस फंड से धन 60 वर्ष की आयु के बाद ही निकाला जा सकता था।
स्मिरणीय है कि इस क्षेत्र में कई वर्षों से पेंशन फंड नियमन ओर विकास प्राधिकरण कार्यरत था परंतु प्राधिकरण के पास किसी प्रकार के संवैधानिक अधिकार न होने के कारण वांछित परिणाम सामने नहीं आ रहे थे। इस विधेयक के पारित होने से प्राधिकरण ;पीएफआरडीएद्ध को संवैधानिक अधिकार प्राप्ति हो गये हैं। इस अधिकार के कारण अब प्राधिकरण कहीं अधिक कारगर ढंग से कार्य कर पायेगा। अब तक लोगों का भरोसा भी इस योजना के प्रति कम था जिसमें अब बढ़ोतरी हो सकेगी क्योंतकि यदि कोई व्ययक्ति अथवा संस्थाक इसमें किसी प्रकार का गलत काम करेगी तो प्राधिकरण को उसे दंडित करने का अधिकार प्राप्त् हो गया है। अब जब पेंशन कंपनियां अपना काम अधिक जिम्मेोदारी से करेंगी तो निश्चित तौर पर ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्धअ होगी।
इस अधिनियम के माध्यधम से सरकार ने अपना दृष्टिकोण स्पतष्टत कर दिया कि देश के सभी नागरिक इस प्रकार की योजनाओं से जुड़ें। इस समय देश के कामगारों का महज 17 प्रतिशत हिस्साप ही पेंशन का लाभ उठा रहा है जबकि 87 प्रतिशत लोग इससे बाहर है। इस अधिनियम के बाद प्रतिवर्ष पेंशन फंड का आकार दोगुना होने की संभावना व्यमक्तल की जा रही है। इस समय यह फंड 34 हजार 965 करोड़ रुपये है। आगामी पांच सालों में यह कितना विस्तृ त हो जाएगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार 13वीं पंचवर्षीय योजना तक पेंशन कोष का 35 हजार करोड़ रुपया बढ़ कर आठ.दस लाख करोड़ के आस पास हो जाएगा। इस राशि का एक बड़ा भाग देश में सड़क ओर बिजली उत्पा दन जैसी ढांचागत परियोजनाओं के माध्यभम से विकास कार्यों पर लगाया जाएगा। इससे हमारे देश के ढांचागत आधार का विस्ताजर होगा।
सरकार द्वारा इस तथ्य् का बहुत गंभीरता से अध्यायन करवाने पर ज्ञात हुआ कि असंगठित क्षेत्र में पेंशन उत्पायदों की सबसे अधिक आवश्य कता है। इसकी लोकप्रिय होने की संभावनाएं भी अपार हैं। इसके लिए पीएफआरडीए ने सरकार से मांग की है कि स्वा वलंबन योजना में जो वित्तीैय सहायता दो.तीन वर्षों के लिए दी जा रही है उसे एकमुश्तन 25 वर्षों तक देने की घोषणा की जाये ताकि लोगों का अधिक भरोसा प्राप्त  किया जा सके। इससे लगभग 35 करोड़ ऐसे असंगठित लोगों को भी लाभ मिलेगा जिन्हों ने कभी कहीं जम कर कोई नौकरी नहीं की। ऐेस लोग जिनका जीवनयापन रेहड़ी खेमचे और छोटे.मोटे काम धन्धोंह के बल पर होता रहा है। इस योजना को कार्य रूप में लाने के लिए राज्यट सरकारों की महत्व पूर्ण भूमिका रहेगी। ;सरकार ने गलियों में फेरी लगाने वालों के लिए भी पेंशन की घोषणा की है। इस प्रकार इस योजना के दायरे में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कम आय के लोग आएंगे। इसके तहत दस्त कारए छोटे मजदूरए घरेलू काम में लगे लोगए चमड़े का काम करने वले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताए ऑटो टैक्सीट चालक ओर कुली इत्या दि भी राष्ट्री य सुरक्षा बीमा योजना का लाभ लेने वाले लोगों को पेंशन मिलेगी।द्ध इस योजना में उन सभी व्याक्तियों को शामिल किया गया है जिन्हेंग केन्रीले य सरकारए राज्य् सरकारए सार्वजनिक क्षेत्र आदि के अंतर्गत रिटायरमेंट का लाभ नहीं मिल रहा।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि जीवन बीमा कंपनियों ने कुछ वर्ष पूर्व पर्याप्तश में पेंशन पालिसियां बाजार में प्रस्तु त की थी परंतु धीरे.धीरे उनका आकर्षण कम होने लगा था क्यों कि उनके साथ काफी जोखिम भी जुड़ा हुआ था। ऐसी कंपनियों के साथ धन निवेश करके कइ्र लोग स्वेयं को ठगा महसूस करते थे। ऐसी स्थिति में उन पालिसियों को संपूर्ण पेंशन उत्पा द नहीं कहा जा सकता था। इस अधिनियम के कारण लोग पुनरू इस ओर आकर्षित होने लगे हैं क्योंाकि यह पूरी तरह से पेंशन प्लारून है। इतना ही नहीं अब लोगों को यह जानकारी भी उपलब्ध  होगी कि उनके धन का निवेश कहां पर किया जा रहा है। विधेयक में उपभोक्तागओं को अपने धन का निवेश करने के व्या पक विकल्पक उपलब्धि होंगे। इनमें सरकारी बॉण्ड  में निवेश का विकल्पा तथा उनकी जोखिम क्षमता के अनुरूप अन्यल किसी कोष में निवेश्‍ का विकल्प  भी होगा। इसके माध्यपम से ग्राहक हो एक सीमा के भीतर शेयर बाजार में निवेश करने की अनुमति मिलेगी। अधिनियम में प्रतिभूति की सुरक्षा का भी प्रावधान है।
इसके माध्य म से प्रत्येुक ग्राहक को व्यनक्तिगत पेंशन खाता मिलेगा जिसे चालू खाते में भी बदलने की अनुमति होगी। सरकार ने न्यू् पेंशन योजना खातों में अपने अंशदान की अवधि 3 वर्ष से बढ़ा कर पांच वर्ष कर दी है। ग्राहक स्वोयं अपने लिए फंड मैनेजर और योजना चुन सकेंगे। उन्हेंे अपना फंड मैनेजर बदलने की भी छूट होगी। पेंशन फंड मैंनेजरों में से कम से कम एक सार्वजनिक क्षेत्र से होगा। पेंशन क्षेत्र में विदेशी निवेश्‍ की सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इस प्रकार यह विधेयक विश्व  के सामने भारतीय अर्थव्यगवस्था  का एक नया चित्र प्रस्तुइत करेगी।
कुछ अर्थशास्त्री इस प्रकार की आशंका व्यीक्त‍ कर रहे हैं कि सामाजिक सुरक्षा वाली धनराशि को अस्थिर स्टााक बाजार में लगाने तथा लोगों की गाढ़ी कमाई के प्रबंधन के लिए एफडी आई की अनुमति देने के प्रावधान उचित नहीं हैं। समाज का एक बुद्धिजीवी वर्ग यह मानता है कि पेंशन के पैसे को शेयर बाजार में निवेश करने की अनुमति एक सही निर्णय नहीं है। फिर भी सरकार ने यह कदम बहुत सोच समझ कर जन हित में ही उठाया है और उसे संसद में विपक्षी दलों का पूरा समर्थन मिलना भी यह दर्शाता है कि इस सुधारवादी कदम से आम आदमी का हित होगा

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय बास्के ट में कच्चे0 तेल की कीमत 16ण्10ण्2013 को घटकर 108ण्14 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल हो गई

Posted on 18 October 2013 by admin

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम नियोजन और विश्ले षण प्रकोष्ठय ;पीपीएसीद्ध ने अंतर्राष्ट्री य बाजार में अक्तूोबर 2013 के पहले पखवाड़े के लि‍ए कच्चे2 तेल और पेट्रोलि‍यम उत्पाएदों के मूल्यों  की समीक्षा की है। इसके अनुसार अक्तूरबर 2013 के दूसरे पखवाड़े यानी‍16ण्10ण्2013‍के लि‍ए हाई स्पीकड डीजल ;एचएसडीद्ध का मूल्य  में प्रति‍लीटर 10ण्24 रुपए का घाटा रहा। अक्तू0बर 2013 के पहले पखवाड़े यानी 01ण्10ण्2013 से लागू अवधि‍के लि‍ए के लि‍ए यह दर प्रति‍लीटर 10ण्51 रुपए का था। पीडीएस कैरोसि‍न और रसोई गैस के मामले में यह दर प्रति‍लीटर 38ण्32 रही यानी प्रति‍सि‍लेंडर 532ण्86 प्रति‍सि‍लेंडर।
सार्वजनि‍क क्षेत्र की तेल बाजार कंपनि‍यों के ;ओएमसीएसद्ध उत्पाेदों के मूल्यऔ में घाटारू
उत्पााद    इकाई    अक्तू्बर 16ए  2013 से हो रहा घाटा
; पि‍छला  पखवाड़ा अक्तू बर 01ए 2013 से हो रहा घाटाद्ध
डीजल     रुपए प्रति‍लीटर    10ण्24       ;10ण्51द्ध
पीडीएस कैरोसि‍न     रुपए प्रति‍लीटर    38ण्32       ;38ण्32द्ध
रसोई गैस     रुपए प्रति‍सि‍लेंडर    532ण्86     ;532ण्86द्ध

अति‍रि‍क्त3 तौर परए पीडीएस कैरोसि‍न पर प्रति‍लीटर 0ण्82 रुपए की रि‍यायत और रसोई गैस पर प्रति‍सि‍लेंडर 22ण्58 रुपए की रि‍यायत महीने के हि‍साब से सरकार द्वारा दी जाती है।
ओएमसीएसए 16ण्10ण्2013 से डीजलए पीडीएस कैरोसि‍न और रसोई गैस की बि‍क्री पर रोजाना 442 करोड़ का घाटा वहन कर रही है। यह पि‍छले पखवाड़े 01ण्10ण्2013 के घाटे 432 से कहीं अधि‍क है।
2013.14 के पहली ति‍माही के दौरान डीजलए पीडीएस कैरोसि‍न और रसोई गैस की बि‍क्री पर ओएमसीएस ने कुल 25ए579 करोड़ रुपए का घाटा वहन कि‍या।
उत्पापदों के मूल्य  में घाटे का वि‍वरण इस प्रकार हैरू
उत्पा द    घाटा ;रुपएध्करोड़द्ध

2013.14
;पहली ति‍माहीद्ध    2012.13    2011.12    2010.11
डीजल    10ए554    92ए061    81ए192    34ए706
पीडीएस कैरोसि‍न      6ए507    29ए410    27ए352    19ए484
रसोई गैस     8ए518    39ए558    29ए997    21ए772
पेट्रोल    ..    ..    ..    2ए227
कुल    25ए579    1ए61ए029    1ए38ए541    78ए190

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेपषण प्रकोष्ठय ;पीपीएसीद्ध द्वारा आज संगणितध्प्रकाशित भारत के लिए कच्चेक तेल की अंतर्राष्ट्रीकय कीमतए 16 अक्तूसबरए 2013 को घटकर 108ण्14 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल हो गई जो 14 अक्तूषबरए 2013 के 108ण्71 अमरीकी डॉलर के मुकाबले प्रति बैरल कम है।
रुपये के संदर्भ में भी कच्चे2 तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है और यह 16 अक्तू बरए 2013 को 6671ण्16 रुपये प्रति बैरल हो  गईए  जबकि 14 अक्तू्बरए 2013 को यह 6663ण्92 रुपये प्रति बैरल थी। डॉलर की तुलना में रूपये के मूल्यै में गिरावट के कारण ऐसा हुआ। 16 अक्तूुबरए 2013 को रुपएध्डॉलर की विनिमय दर 61ण्69 रूपएध्डॉलर थीए जबकि पिछले कारोबारी दिवस 14 अक्तूैबरए 2013 को यह 61ण्30 रुपयेध्डॉलर थी। इस संबंध में विस्तृ‍त ब्यौ रा नीचे तालिका में दिया गया हैरू
विवरण
इकाई    16 अक्तूिबरए 2013 को मूल्यत ;पिछला कारोबारी दिवस अर्थात 14 अक्तूअबरए 2013द्ध    पिछला पखवाड़ा  1.15 अक्तू बरए 2013
;इससे पहले का पखवाड़ा 16.30 सितम्बसरए 2013द्ध
कच्चा तेल;भारतीय  बॉस्केटद्ध    ;डॉलरध्बैरलद्ध    108ण्14       ;108ण्71द्ध       107ण्38    ;107ण्80द्ध
;रुपयेध्बैरलद्ध    6671ण्16      ;6663ण्92द्ध       6629ण्64   ;6739ण्66द्ध
विनिमय दर
;रुपयेध्डॉलरद्ध       61ण्69        ;61ण्30द्ध               61ण्74      ;62ण्52द्ध

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राजस्थाेनए मध्य‍प्रदेशए छत्तीनसगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीतय राजधानी क्षेत्र दिल्ली. के विधानसभा आम चुनाव हेतु राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रसारणध्टेलीकास्ट़

Posted on 18 October 2013 by admin

राजस्थाेनए मध्य‍प्रदेशए छत्तीनसगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीतय राजधानी क्षेत्र दिल्ली. के विधानसभा आम चुनाव हेतु राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रसारणध्टेलीकास्ट़ समय के आवंटन के बारे में  निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश संख्यार 437ध्टीवीध्2013ध्मीडिया ;वॉल्यूकम.3द्ध दिनांक 17 अक्तूआबरए 2013 की प्रति आम जनता की जानकारी के लिए संलग्न् है।
भारत का निर्वाचन आयोग

सन् 1998 में लोकसभा के आम चुनाव के समयए राज्यी सरकार के स्वा मित्व् वाले टेलीविजन और रेडियो के निशुल्को इस्तेनमाल के जरिए मान्य्ता प्राप्तस राजनीतिकपार्टियों को सरकार की  सहायता  से संबंधित एक नई पहल की गई थी। यह कदम निर्वाचन आयोग की ओर से 16 जनवरीए 1998 को जारी आदेश में दिए गए निर्देशों के तहत उठाया गया था। उक्ति योजना 1998 के बाद हुए सभी राज्यक विधानसभा चुनावों तथा 1999ए 2004 और 2009 में हुए लोकसभा के आम चुनावों में लागू की गई थी।
जन प्रतिनिधित्वन अधिनियम 1951 में संशोधन के साथ देखें श्निर्वाचन और अन्यऔ संबंधित कानून ;संशोधनद्ध अधिनियम 2003 और उसके तहत अधिसूचित नियमों के अनुसार मान्यिता प्राप्तं राजनीतिक पार्टियों को इलेक्ट्रॉ निक मीडिया पर प्रचार के लिए उचित समय दिए जाने का अब कानूनी आधार है। जनप्रतिनिधित्वक कानून 1951 के खंड 39 ए के अधीन दी गई व्या ख्याआ की धारा ए के तहत प्रदत्ता अधिकारों का इस्ते माल करते हुए केंद्र सरकार के स्वातमित्व् वाले या नियंत्रित या पूरी तरह या पर्याप्तह वित्ती‍य सहायता से संचालित प्रसारण मीडिया को उस खंड के लिए इलेक्ट्रॉरनिक मीडिया के रूप में अधिसूचित किया है। इसलिए आयोग ने राजस्थाटनए मध्येप्रदेशए छत्ती सगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीमय राजधानी क्षेत्र दिल्लीे में वर्ष 2013 के विधानसभा आम चुनाव हेतु राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रसार भारती निगम के माध्यसम से इलेक्ट्रॉ निक मीडिया पर समान समय देने उक्तल योजना लागू करने का फैसला किया है।
प्रसारण समय और टेलीकास्टय समय की सुविधाएं सिर्फ राजस्थाननए मध्यैप्रदेशए छत्तीरसगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीसय राजधानी क्षेत्र दिल्लीए की श्राष्ट्री य पार्टियोंश् और राज्यों  की मान्यरता प्राप्तट पार्टियों के लिए उपलब्ध् होंगी।
इस योजना की मुख्य् विशेषताएं निम्नेलिखित है .1ण् यह सुविधाएं आकाशवाणी और दूरदर्शन के क्षेत्रीय केंद्र तथा राजस्थाननए मध्य.प्रदेशए छत्तीासगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीतय राजधानी क्षेत्र दिल्लीष के मुख्या लयों से उपलब्धए होंगी और इन्हेंे राजस्था नए मध्यरप्रदेशए छत्ती सगढ़ए मिजोरम और राष्ट्री य राजधानी क्षेत्र दिल्लीए के अन्य  स्टे शनों द्वारा रिले किया जाएगा।
2ण् प्रत्ये्क राष्ट्री य पार्टी और राज्य  के मान्यहता प्राप्तन पार्टियों ;राजस्थायनए मध्ययप्रदेशए छत्ती सगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीटय राजधानी क्षेत्र दिल्लीय के संदर्भ में मान्यंता प्राप्ताद्ध को राज्योंऔध्संघशासित प्रदेश राजस्था नए मध्यलप्रदेशए छत्तीयसगढ़ए मिजोरम और राष्ट्री य राजधानी क्षेत्र दिल्लीं में दूरदर्शन नेटवर्क और आकाशवाणी नेटवर्क के क्षेत्रीय केंद्रों पर समान रूप से 45 मिनट का आधार समय दिया जाएगा।
3ण् राजनीतिक दलों को अतिरिक्तर समय देने के बारे में फैसला राज्यनध्संघशासित प्रदेश राजस्थाोनए मध्य प्रदेशए छत्तीजसगढ़ए मिजोरम और राष्ट्रीजय राजधानी क्षेत्र दिल्ली‍ में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर लिया गया है।
4ण् प्रसारण के प्रत्येेक सत्र में किसी भी पार्टी को 15 मिनट से ज्याध्दा समय नहीं दिया जाएगा।5ण् प्रसारण और टेलीकास्ट  की अवधि राजस्थासनए मध्य‍प्रदेशए छत्ती्सगढ़ए मिजोरम और राष्ट्री य राजधानी क्षेत्र दिल्लीा में चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि और मतदान से दो दिन पहले के बीच होगी।
6ण् प्रसार भारती निगम आयोग के साथ परामर्श करके प्रसारण और टेलीकास्ट  के लिए वास्त विक तिथि और समय तय करेगा। दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारण के वास्त विक समय के संबंध में यह मोटे तौर पर तकनीकी बाध्य्ताओं पर निर्भर करेगा।
7ण् प्रसारण और टेलीकास्टत के लिए आयोग द्वारा निर्धारित दिशा.निर्देशों का सख्तीि से पालन किया जाएगा। पार्टियों को प्रतिलिपियां और रिकॉर्डिंग अग्रिम रूप से दाखिल करने की जरूरत होगी। पार्टियां प्रसार भारती निगम या दूरदर्शनध्आकाशवाणी केंद्रों द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले स्टूसडियो में स्वडयं भी यह रिकॉर्डिंग अपने खर्च पर करवा सकती हैं। वे अग्रिम अनुरोध करके दूरदर्शन और आकाशवाणी के स्टू डियो में भी यह रिकॉर्डिंग करवा सकती हैं। ऐसे मामलों में रिकॉर्डिंग राज्यश की राजधानी में दूरदर्शनध्आकाशवाणी द्वारा अग्रिम तौर पर बताए गए समय पर  की जा सकती है।
8ण् पार्टियों के प्रसारण के अलावा प्रसार भारती निगम दूरदर्शनध्आकाशवाणी के केंद्रध्स्टेअशन पर अधिकतम दो पैनल परिचर्चाएं और अथवा डिबेट आयोजित करेगा। प्रत्येूक पात्र पार्टी ऐसे कार्यक्रम के लिए अपने प्रतिनिधि नामजद कर सकती है।
9ण् भारत का निर्वाचन आयोग प्रसार भारती निगम के साथ परामर्श करके ऐसी पैनल परिचर्चाओं और डिबेट के लिए समन्वगयकों के नाम मंजूर करेगा।
10ण् टाइम वाउचर पांच.पांच मिनट उपलब्धू होंगे। प्रत्येपक वाउचर में एक से चार मिनट का समय होगा और पार्टियां उन्हें  उपर्युक्तम रूप से संयोजित कर सकेंगी। विभिन्न  राजनीतिक पार्टियों को आवंटित समय निम्नंलिखित संलग्न  वक्तंव्यस के साथ दिया गया है।

राजस्थाेन की विधानसभा के लिए आम चुनाव .2013
राष्ट्री य दलों को दूरदर्शनध्आकाशवाणी के क्षेत्रीय केंद्रोंध्राज्य  राजधानी केंद्रों पर उपलब्धर समय

राज्योंे के नाम    राष्ट्री यध्राज्ये पार्टी का नाम    कुल आवंटित समय मिनटों में    जारी किए गए टाइम वाउचर्स की संख्यार
प्रसारण    टेलीकास्टग    प्रसारण    टेलीकास्टग
राजस्था्न    बीएसपी    70    70    14 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध    14 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध
बीजेपी    160    160    32 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध    32 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध
सीपीआई    46    46    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
सीपीआई ;एमद्ध    50    50    10 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    10 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
आईएनसी    168    168    33 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़ 1 ;3मिनटद्ध    33 ;प्रत्ये3क 5 मिनटद्ध ़ 1 ;3मिनटद्ध
एनसीपी    46    46    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
कुल    540    540    540    540

राष्ट्री य राजधानी क्षेत्र दिल्लीय की विधानसभा के लिए आम चुनाव .2013
राष्ट्री य दलों को दूरदर्शनध्आकाशवाणी के क्षेत्रीय केंद्रोंध्राज्य  राजधानी केंद्रों पर उपलब्धर समय

राज्यी का नाम    राष्ट्री यध्राज्ये पार्टी का नाम    कुल आवंटित समय मिनटों में    जारी किए गए टाइम वाउचर्स की संख्यार
प्रसारण    टेलीकास्टग    प्रसारण    टेलीकास्टग
राष्ट्री य राजधानी क्षेत्र दिल्लीी    बीएसपी    86    86    17 ;प्रत्ये क 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    17 ;प्रत्ये क 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
बीजेपी    152    152    30 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;2मिनटद्ध    30 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;2 मिनटद्ध
सीपीआई    45    45    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
सीपीआई ;एमद्ध    45    45    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
आईएनसी    163    163    32 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़ 1 ;3मिनट    32 ;प्रत्ये3क 5 मिनटद्ध ़ 1 ;3मिनटद्ध
एनसीपी    49    49    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;4मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;4 मिनटद्ध
कुल    540    540    540    540

छत्तीीसगढ़ की विधानसभा के लिए आम चुनाव .2013
राष्ट्री य दलों को दूरदर्शनध्आकाशवाणी के क्षेत्रीय केंद्रोंध्राज्य  राजधानी केंद्रों पर उपलब्धउ समय

राज्यी का नाम    राष्ट्री यध्राज्या पार्टी का नाम    कुल आवंटित समय मिनटों में    जारी किए गए टाइम वाउचर्स की संख्यार
प्रसारण    टेलीकास्टग    प्रसारण    टेलीकास्टग
छत्तीासगढ़    बीएसपी    64    64    12 ;प्रत्येगक 5 मिनटद्ध़1 ;4मिनटद्ध    12 ;प्रत्ये;क 5 मिनटद्ध ़1 ;4 मिनटद्ध
बीजेपी    170    170    34 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    34 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
सीपीआई    48    48    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;3मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;3 मिनटद्ध
सीपीआई ;एमद्ध    46    46    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
आईएनसी    165    165    33 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    33 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
एनसीपी    47    47    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;2मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;2 मिनटद्ध
कुल    540    540    540    540

मध्य  प्रदेश की विधानसभा के लिए आम चुनाव .2013
राष्ट्री य दलों को दूरदर्शनध्आकाशवाणी के क्षेत्रीय केंद्रोंध्राज्य  राजधानी केंद्रों पर उपलब्धउ समय

राज्यी का नाम    राष्ट्री यध्राज्यस पार्टी का नाम    कुल आवंटित समय मिनटों में    जारी किए गए टाइम वाउचर्स की संख्यार
प्रसारण    टेलीकास्टग    प्रसारण    टेलीकास्टग
मध्यक प्रदेश    बीएसपी    75    75    15 ;प्रत्ये्क 5 मिनटद्ध    15 ;प्रत्ये्क 5 मिनटद्ध
बीजेपी    173    173    34 ;प्रत्ये्क 5 मिनटद्ध ़1 ;3मिनटद्ध    34 ;प्रत्ये्क 5 मिनटद्ध ़1 ;3 मिनटद्ध
सीपीआई    46    46    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
सीपीआई ;एमद्ध    45    45    9 ;प्रत्येशक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येतक 5 मिनटद्ध
आईएनसी    155    155    31 ;प्रत्येतक 5 मिनटद्ध    31 ;प्रत्येतक 5 मिनटद्ध
एनसीपी    46    46    9 ;प्रत्येतक 5 मिनटद्ध ़1 ;1मिनटद्ध    9 ;प्रत्येतक 5 मिनटद्ध ़1 ;1 मिनटद्ध
कुल    540    540    540    540

मिजोरम की विधानसभा के लिए आम चुनाव .2013
राष्ट्री य दलों को दूरदर्शनध्आकाशवाणी के क्षेत्रीय केंद्रोंध्राज्य  राजधानी केंद्रों पर उपलब्ध‍ समय

राज्या का नाम    राष्ट्री यध्राज्यच पार्टी का नाम    कुल आवंटित समय मिनटों में    जारी किए गए टाइम वाउचर्स की संख्या
प्रसारण    टेलीकास्टग    प्रसारण    टेलीकास्टग
मिजोरम    बीएसपी    45    45    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध
बीजेपी    47    47    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध ़1 ;2मिनटद्ध    9 ;प्रत्येमक 5 मिनटद्ध ़1 ;2 मिनटद्ध
सीपीआई    45    45    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
सीपीआई ;एमद्ध    45    45    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
आईएनसी    219    219    43 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्ये क 4 मिनटद्ध    43 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्येटक 4 मिनटद्ध
एनसीपी    45    45    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध    9 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध
एमएनएफ    182    182    36 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्ये क 2 मिनटद्ध    36 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्येटक 2 मिनटद्ध
एमपीसी    91    91    18 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्ये क 1 मिनटद्ध    18 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्येटक 1 मिनटद्ध
जेडएनपी    91    91    18 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्ये क 1 मिनटद्ध    18 ;प्रत्येटक 5 मिनटद्ध ़1 ;प्रत्येटक 1 मिनटद्ध
कुल    810    810    810    810

राजनीतिक पार्टियों की सूची

क्रण् संण्    संक्षिप्त  रूप    स्थिति    पार्टी का नाम
1    बीएसपी    राष्ट्री य पार्टी    बहुजन समाज पार्टी
2    बीजेपी    राष्ट्री य पार्टी    भारतीय जनता पार्टी
3    सीपीआई    राष्ट्री य पार्टी    भारतीय कम्युटनिस्ट  पार्टी
4    सीपीआई ;एमद्ध    राष्ट्री य पार्टी    भारतीय कम्युटनिस्ट  पार्टी ;मार्क्स वादीद्ध
5    आईएनसी    राष्ट्री य पार्टी    इंडियन नेशनल कांग्रेस
6    एनसीपी    राष्ट्री य पार्टी    नेशनलिस्टश कांग्रेस पार्टी
7    एमएनएफ    राज्यफ पार्टी    मिजो नेशनल फ्रंट
8    एमपीसी    राज्यी पार्टी    मिजोरम पीपुल्सप कॉन्फ्रेंटस
9    जेडएनपी    राज्यप पार्टी    जोराम नेशनलिस्टा पार्टी

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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कृषि और खाद्य प्रंसस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार ने कहा

Posted on 18 October 2013 by admin

कृषि और खाद्य प्रंसस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार ने कहा है कि  खाद्य और पौष्टिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र दीर्घकालिक समाधान अनाज की उपज बढ़ाना है।
विश्व खाद्य दिवस पर अपने संदेश में श्री शरद पवार ने टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को प्रोत्साहित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चूंकि फार्म क्षेत्र का टिकाऊपन बहुत हद तक छोटे और मझौले किसानों के निष्पादन पर निर्भर करता हैए इसलिए सरकार ने इन किसानों और अन्य लाभार्थियों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं।
विश्व खाद्य दिवस पर मंत्री महोदय के संदेश का अनुदित पाठ निम्नलिखित हैरू.
ष्संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ;एफएओद्ध की स्थापना के उपलक्ष्य समूचे विश्व में 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मूल उद्देश्य विश्व के भूखे और कुपोषित लोगों की दशा के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और भूख के अभिशाप से मुक्ति पाना तथा इस समस्या के समाधान के ठोस उपाय करने के लिए सभी संबद्ध व्यक्तियोंध्संस्थाओं को प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष के विश्व खाद्य दिवस के लिए चुना गया विषय है . खाद्य सुरक्षा और पौष्टिकता के लिए टिकाऊ खाद्य प्रणालियां।ष्
ष्देश में खाद्य और पौष्टिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र दीर्घकालिक समाधान कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना हैए ताकि प्रत्येक नागरिक को पौष्टिक खुराक उपलब्ध की जा सके। देश में तेजी से हुए औद्योगिकीकरण और शहरीकरण ने अनाज की पैदावार के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधन जैसे जमीन और पानी की उपलब्धता कम कर दी है। इस कारण यह जरूरी हो गया है कि देश में लगातार बढ़ती हुई आबादी के लिए अनाज की सतत् उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कुशल और कारगर नीतियां अपनाई जाएं। खाद्य प्रणालियों का टिकाऊपन सुनिश्चित करते समय हमें न केवल अपनी मौजूदा आबादी के लिए पौष्टिक अनाज पैदा करना हैए बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए क्षमता भी बनाए रखनी है। टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए खाद्य उत्पादकों के साथ.साथ खाद्य उपभोक्ताओं से प्रतिबद्धता की आवश्यकता हैए ताकि प्रत्येक स्तर पर पानी की प्रत्येक बूंदए जमीन के प्रत्येक इंचए उर्वरक के प्रत्येक दाने और मजदूरों के समय का सर्वाधिक लाभ उठाने के लिए संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सके। टिकाऊपन व्यर्थ के पदार्थों को बहुमूल्य उर्वरक अथवा ऊर्जा के रूप में बदलकर और अनाज के नुकसान तथा बर्बादी को कम से कम रखकर सुधारा जा सकता है। भारत में टिकाऊ कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा का भविष्य बहुत हद तक छोटे और मझौले किसानों के निष्पादन पर निर्भर करता है। भारत सरकार ने इन किसानों और अऩ्य लाभार्थियों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं।ष्
ष्आओ हम सब इस दिन हमारे पास उपलब्ध सीमित संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग करने का संकल्प लेंए ताकि देश में कुपोषण और भूख का पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित किया जा सके। इस अवसर पर मैं सभी हितधारकों से फिर से संकल्प लेने का आग्रह करता हूंए ताकि इस देश के लोगों की खाद्य और पौष्टिक सुरक्षा टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए जोरदार उपायों के जरिए सुनिश्चित की जा सके।ष्

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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इस्पाित मंत्री ने एमएसटीसी लिमिटेड से लाभांश का चेक प्राप्त किया

Posted on 18 October 2013 by admin

केंद्रीय इस्पा त मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एमएसटीसी लिमिटेड के मुख्य  प्रबंध निदेशक श्री एसण्केण्त्रिपाठी से आज यहां वित्त  वर्ष 2012.13 के लिए 23ण्72 करोड़ रूपये के लाभांश का चेक प्राप्ते किया।

मंत्री महोदय ने कंपनी के बढ़ते हुए लाभ और कारोबार पर प्रसन्न2ता व्यूक्तश की। श्री वर्मा ने एमएसटीसी लिमिटेड से कहा कि वह अन्यप विभिन्नए वस्तुाओं में ई.नीलामी द्वारा विविधता लाये ताकि बाजार में उसकी मौजूदगी सुदृढ़ हो सके।

27 सितंबरए 2013 को हुई वार्षिक आम बैठक में एमएसटीसी लिमिटेड का वित्तय वर्ष 2012.13 के लिए लाभांश चुकता इक्विटी पूंजी का तीन सौ प्रतिशत घोषित किया गया।

एमएसटीसी लिमिटेड ने वित्तट वर्ष 2012.13 के दौरान कर अदायगी से पहले पीबीटी  का 193 करोड़ रूपये का रिकार्ड लाभ घोषित किया जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। आलोच्य  वर्ष के दौरान कुल 25ए 506 करोड़ रूपये का करोबार हुआ। कंपनी ने अपनी आरक्षित निधि में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

इस्पाित मंत्रालय के सचिव श्री जीण्मोहन कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

एमएसटीसी लिमिटेड का पिछले चार वर्षों का वित्तीेय निष्पा दन निम्नपलिखित हैरू.

विवरण    इकाई    2009.10    2010.11    2011.12    2012.13
प्रति शेयर बुक वेल्यू     रूपये    1857    2296    2709    791
प्रति शेयर आमदनी    रूपये    391    450    538    148
नेटवर्थ पर रिटर्न    प्रतिशत    21ण्08    19ण्63    19ण्86    18ण्75
लाभ प्रति कर्मचारी    रूपये ;लाखों मेंद्ध    43ण्70    47ण्28    57ण्28    60ण्59
पीबीटी    रूपये ;करोड़ों मेंद्ध    136    149    176    193
पीएटी    रूपये ;करोड़ों मेंद्ध    86    99    118    130
व्याेपार का आकार    रूपये ;करोड़ों मेंद्ध    12738    14101    21751    25506
आरक्षित निधि    रूपये ;करोड़ों मेंद्ध    406    503    594    687

वर्ष 2012.13 के दौरान बोनस शेयरों के जारी होने पर शेयरों की संख्याथ में 3रू1 के अनुपात से चार गुना वृद्धि हुई।

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