Posted on 16 February 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री संजय अग्रवाल ने समस्त जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपद के रक्तकोषों द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन की कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाए। चैरिटेबिल संस्थाओं को भी स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने की अनुमति जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा किए जाने का प्राविधान अब कर दिया गया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि ब्लड यूनिट संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्ति करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान पर जोर देते हुए कहा कि प्रतिस्थानी (रिप्लेसमेन्ट) रक्त संग्रहण तथा व्यवसायिक रक्त संग्रहण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य 90 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जिसकी प्राप्ति के लिए कार्य योजना के तहत विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, युवा वर्ग, विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएं।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आज योजना भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो ब्लड बैंक पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं या अभी तक शुरु नहीं हुए हैं, उन्हें भी जल्द शुरु कराया जाए। उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविर से लक्षित समूह को संवेदीकृत करने हेतु व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन की कार्य योजना की प्रति परियोजना निदेशक, राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी को उपलब्ध कराई जाए।
परियोजना निदेशक राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी श्री आशीष गोयल ने बताया कि राज्य रक्त संचरण परिषद द्वारा स्वैच्छिक सेंटरों को दिए गए आउट डोर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर की अनुमति दिए जाने के फलस्वरूप मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा वर्ष में दो स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों, सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा वर्ष में 3 से 4 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों तथा एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा वर्ष में 5 या अधिक स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि रक्तकोष की उपलब्धियों की समीक्षा कर योजनाबद्ध तरीके से जनपद में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ाने हेतु विभिन्न संस्थाओं का सहयोग लेते हुए आगामी डेढ़ माह में अधिक से अधिक कैम्प आयोजित कराए जाएं।
श्री गोयल ने निर्देश दिए हैं कि आजमगढ़, आगरा, इलाहाबाद, गौतमबुद्ध नगर, चित्रकूट, देवरिया, लखनऊ, कौशाम्बी, उन्नाव, वाराणसी आदि 43 जनपदों के मेडिकल काॅलेजों एवं अस्पतालों में नाको द्वारा स्वीकृत रिक्त चिकित्सक, टेक्निकल/नाॅन टेक्निकल पदों पर भर्तियां यथाशीघ्र पारदर्शिता से नियमानुसार कार्यवाही कर सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के विभिन्न घटकों के अन्तर्गत समय-समय पर संस्थाओं को आवंटित अग्रिम धनराशि के समायोजन की रिपोर्ट प्रत्येक त्रैमास के अन्त में उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित प्रस्तुत की जाए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के समय मिशन निदेशक एन0आर0एच0एम0 श्री अमित घोष, एड्स कंट्रोल के अपर परियोजना निदेशक श्री संतोष कुमार एवं वित्त अधिकारी श्री मनोज तिवारी तथा संयुक्त निदेशक रक्त सुरक्षा डाॅ. अशोक शुक्ला सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 10 February 2013 by admin
ऽ 4 रीवर एम्बुलेंस, 4 संगम सहित 94 एम्बुलेन्स की तैनाती।
ऽ सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में चूने व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव 50 ट्रक से अधिक प्रतिदिन कूडेे़ का निस्तारण।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुंभ मेला के मौनी अमावस्या के महत्वपूर्ण स्नान को ध्यान में रखते हुए सभी 14 सेक्टर में चिकित्सालय स्थापित किये गये है और अब तक चिकित्सालय के वाह्य रोगी विभाग द्वारा 201947 मरीजों का उपचार किया जा चुका है एवं 20 प्राथमिक उपचार केन्द्रों द्वारा 52299 मरीजों का उपचार भी किया गया है। मौनी अमावस्या के दृष्टिगत 94 एम्बुलेंस को पुलों के किनारे पर एवं विभिन्न पुलिस थानों, इलाहाबाद के आने वाले समस्त हाईवे सड़कों के अलावा संगम घाट के लिए 4 एम्बुलेंस की तैनाती की गयी है। 221 चिकित्सकों को कुंभ मेले में तैनात किया गया है। 737 पैरामेडिकल एवं हेल्थ वर्कर आदि चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य व्यवस्था हेतु तैनात किये गये है। 4 रीवर एम्बुलेन्स की भी तैनाती की गयी है ताकि नदी में होने वाली दुर्घटना के समय तत्काल राहत पहुंचाई जा सके।
उक्त जानकारी अपर निदेषक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कुंभ ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र में 34000 टायलेट शीट विभिन्न प्रकार के शौचालयों के माध्यम से बनायी गयी है। जिसमें 336 जन-षौचालय बनाये गये है एवं 1500 पेषाब घरों को बनवाया गया है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को मक्खी-मच्छर विहीन बनाये रखने हेतु निरन्तर लार्वा रोधी कार्यवाही की जाती है एवं निरन्तर डी0डी0टी0 का छिड़काव मैलिथियान का छिड़काव एवं फागिंग की जा रही है। मौनी अमावस्या के दृष्टिगत रखते हुए मेला क्षेत्र के समस्त सेक्टरों में सुबह-षाम फागिंग की विषेष व्यवस्था की गयी है। समस्त मेला क्षेत्र में सफाई की बेहतर व्यवस्था हेतु 7200 सफाई कर्मी तैनात किये गये है जो लगातार मेले की सफाई में लगे है। सफाई स्थल का प्रतिदिन निरीक्षण किया जाता है तथा पूरे मेले में विषेष अभियान के रूप में चूने एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में किया जा रहा है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि मौनी अमावस्या के महास्नान में साफ-सफाई की बेहतर वयवस्था हेतु 40 से 50 ट्रक कूडे़ का निस्तारण मेला क्षेत्र से प्रतिदिन नियमानुसार किया जा रहा है। आपदा प्रबन्धन हेतु विभाग द्वारा भगदड़, आगजनी, नदी में डूब जाने एवं बम विस्फोट आदि की आकस्मिक घटना घटित होने पर विषिष्ट व्यवस्था की गयी है साथ ही शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में 30 से 50 बेड आरक्षित किये गये है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी अथवा आकस्मिक घटना होने पर मरीज का शीघ्र समुचित इलाज किया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 February 2013 by admin
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत बी0पी0एल0 कार्ड धारकों के परिवारों को मण्डल के जनपदों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बनाये जा रहे कार्डस में आ रही समस्याओं की जांच के लिए अपर निदेशक, स्वास्थ्य को व्यापक जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
मण्डल के जनपदों में बीमा योजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त प्रदीप भटनागर ने उक्त निर्देशजारी किये।
मण्डलायुक्त ने जनपद मैनपुरी की स्थिति पर विशेष रूप से अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए बीमा प्रदाता कम्पनी रायल सुन्दरम् को कार्य प्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी भी दी।
बैठक में अवगत कराया गया कि मैनपुरी में मात्र 33 प्रतिशत पात्र लोगों को लाभान्वित किया गया है जबकि आगरा और मथुरा में यह प्रतिशत 45.11 तथा 51.37 तक रहा है।
अपर निदेशक स्वास्थ्य ने जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराये जाने के निर्देश दिये ताकि योजना के पात्र लोग लाभान्वित हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 February 2013 by admin
जनपद में खसरा(मिजिल्स) प्रतिरक्षण अभियान 1 फरवरी से चल रहा है । इस अभियान के अन्र्तगत जनपद के शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन सप्ताह तक 9 माह से 10 वर्ष तक के सभी बच्चों को खसरा (मिजिल्स) का टीका लगाया जायेगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 निर्मला यादव ने छोटे बच्चों के माता पिता को सलाह दी है कि जिन बच्चों को (0 से 10 वर्ष तक) खसरा का टीका लग चुका है और ऐसे बच्चें जिनको पहले खसरे की बीमारी हो चुकी है ऐसे सभी बच्चों को इस अभियान के दौरान टीका लगाया जाना अति आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि खसरा (छोटी माता/मिजिल्स) एक प्रकार की बीमारी है जोकि वायरस/एक दूसरे में खंासी एवं छीक द्वारा फैलती है, जिससे बच्चों में दस्त एवं निमोनिया होने की प्रबल सम्भावना होती है जोकि घातक बीमारी का रूप धारण कर लेती हैं। इस बीमारी को मीजल्स की वैक्सीन देकर रोका जा सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अनुपन भाष्कर ने बताया कि इस अभियान में बच्चों का टीकाकरण स्कूल और कम्युनिटी (समुदाय) जैसे निश्चित स्थान पर एक ही जगह किया जायेगा। अभियान के प्रथम सप्ताह में बच्चों का टीका करण स्कूलों में कराया जा रहा है,, जो छोटे बच्चें स्कूल नही जाते है उनका टीकाकरण अभियान द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में ग्राम/मोहल्लों /कम्युनिटी में निर्धारित स्थान पर कराया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 February 2013 by admin
प्रशिक्षित नर्सांे की कमी तथा उनकी बढ़ती मांग को देखते हुए नर्सिंग कालेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों को अपगे्रड कर बेहतर सुविधाएं प्रदान किये जाने की आवश्यकता: जावेद उस्मानी
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पी0जी0आई0) में नर्सिंग कालेज का छठा स्थापना दिवस समारोह
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि नर्सिंग हमारे स्वास्थ्य रक्षा तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है और प्रशिक्षित नर्सांे की कमी तथा उनकी बढ़ती मांग को देखते हुए नर्सिंग कालेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों को अपगे्रड कर बेहतर सुविधाएं प्रदान किये जाने की आवश्यकता है, ताकि आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे तकनीकी सुधारों का लाभ उठाया जा सके।
प्रदेश के मुख्य सचिव आज संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पी0जी0आई0) में नर्सिंग कालेज के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर दीप प्रज्जवलित करने के उपरान्त अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में स्वास्थ्य रक्षा तंत्र के लिए संसाधनों में पर्याप्त वृद्धि के अपने संकल्प को दोहराते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में आवश्यक योगदान करने से पीछे नही हटेगी। उन्होंने कहा कि देश में आंकड़ों के अनुसार प्रति तीन डाक्टर केवल दो नर्सांे की उपलब्धता है, जबकि विकसित देशों में एक डाक्टर के विपरीत तीन नर्सों की सेवाएं सुलभ होती हंै। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2008 में स्थापित किये गये नर्सिंग कालेज की स्थापना के पीछे यही भावना रही है कि प्रदेश को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित नर्सो की उपलब्धता हो सके।
मुख्य सचिव जो आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष भी हंै, ने नर्सिंग कालेज की स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान को उसकी शैक्षिणिक, प्रशिक्षण तथा शोधपरक गतिविधियों के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि उससे नर्सिंग, तकनीकी एवं पैरामेडिकल स्टाफ की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि नर्सिग के बी0एस0सी0 छात्र-छा़त्राओं का यह बैच अपने क्षेत्र में बेहतर योगदान कर नाम कमायेगा।
उन्होंने संस्थान के निदेशक प्रो0 आर0के0 शर्मा, डीन प्रो0 आर0एन0 मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 पी0के0 सिंह, श्रीमती देवी देव प्रधानाचार्य, नर्सिंग कालेज तथा संकाय सदस्यों को उनके द्वारा किये जा रहे बेहतर कार्यों के लिए बधाई दी।
उल्लेखनीय हैं कि संस्थान द्वारा आरम्भिक रूप से एक वर्षीय नर्सिंग डिप्लोमा के रूप में कार्यरत कालेज को सन् 2010 में चार वर्षीय बी0एस0सी0 डिग्री प्रदान करने वाले नर्सिग कालेज के रूप में उच्चीकृत किया गया है। वर्तमान में इसमें 3 बैच में 88 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं।
कालेज के तृतीय बैच के विद्यार्थियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर विश्व प्रसिद्ध फलोरेंस नाइटेंगल को याद कर शपथ ली गयी कि हम आजीवन मरीजों की निःस्वार्थ सेवा करेंगे और उनके दुःख एवं तकलीफों को अपनी सेवा से कम करने का अथक प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में निदेशक पी0जी0आई0, प्रो0 आर0के0 शर्मा, डीन प्रो0 आर0एन0 मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 पी0के0 सिंह, श्रीमती देवी देव प्रधानाचार्य, नर्सिग कालेज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 January 2013 by admin
राष्ट्रीय पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान के अन्तर्गत सहारा इंडिया परिवार की सामाजिक विकास इकाई सहारा वेलफेयर फाउण्डेशन के तत्वावधान में आज राजधानी में 15 पोलियो केन्द्रों, जिसमें से चार पर केवल टेन्टेज व्यवस्था थी, पर बच्चों को पिलायी गयी ‘दो बूंद जिन्दगी की’। कपूरथला स्थित सहारा इंडिया टाॅवर केन्द्र पर प्रातः 9 से सायं 4 बजे तक बच्चों को पोलियो ड्राॅप पिलाने में सहारा मुस्कान की सदस्याओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
सभी 15 पोलियो केन्द्रों पर 1087 बच्चों को सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और कर्मचारियों ने पोलियो ड्राॅप पिलाने में मदद की। इन केन्द्रों पर प्रातः 9 बजे से सायं 3 बजे तक बच्चों को पोलियो ड्राॅप पिलाने का कार्यक्रम चला। उल्लेखनीय है कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सहारा इंडिया परिवार वर्ष 1997 से लखनऊ महानगर में चलाये जा रहे राष्ट्रीय पोलियो प्रतिरक्षण अभियान में सक्रिय रूप से हिस्सेदारी निभाता आ रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 December 2012 by admin
निजी क्षेत्र के शेखर हाट्र्र लंग सेन्टर में से दिल की बिमारी परेशान बनारस के लालता प्रसाद यादव का ओपन हाट्र्र सर्जरी द्वारा नया जीवन दिया गया। निजी क्षेत्र के शेखर हाट्र्र लंग सेन्टर में धडकते दिल की सर्जरी की गयी
अखिल भारतीय स्तर पर धडकते दिल की सर्जरी काफी अच्छी मानी जाती है लेकिन निजी क्षेत्र मे ओपन हाट्र्र सर्जरी की सुविधा न होने से दिल की बिमारी से परेशान मरीजो को परेशान होना पडता था
डाॅ0 अम्बरीश कुमार के नेत्रत्व मे डाॅ0 अक्षय प्रधान डाॅ0 पी पी सिह की टीम ने भूरि-भूरि प्रशंसा के लायक धडकते दिल की सर्जरी की साथ में डाॅ0 रिचा मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 December 2012 by admin
महोत्सव 2012 में स्टाल संख्या सी-160-162 में चल रहे निःशुल्क आयुर्वेदीय निदान एवं चिकित्सा शिविर में आज भी रोगियों की भीड़ उमड़ी। यह शिविर आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित किया गया है। जिसमें रोगियों को निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है तथा आयुर्वेदिक औषधियाॅ भी निःशुल्क वितरित की जा रही है। प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा के प्रचार-प्रसार हेतु इस शिविर में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी लखनऊ एवं राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय लखनऊ के योग्य चिकित्सकों की एक टीम लगायी गयी है जिसमें राजभवन चिकित्सालय के राजवैद्य डा0 शिव शंकर त्रिपाठी, नटकुर के डा0 एस0के0 गुप्ता, गोसाईगंज के डा0 बृजेश कुमार, शाहमऊ की डा0 अनुभूति तथा आयुर्वेदिक कालेज के डा0 पी0के0 श्रीवास्तव एवं डा0 कमल सचदेवा आदि प्रमुख है।
नाड़ी विशेषज्ञ राजवैद्य डा0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि खानपान की गड़बड़ी, अनियमित जीवन शैली तथा चिन्ता एवं क्रोध के अधिक करने के कारण हृदय रोगियों की संख्या में दिनों-दिन वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि अर्जुन की छाल का काढ़ा दूध के साथ बनाकर यदि प्रतिदिन खाली पेट पिया जाये तो हृदय रोगों से बचे रह सकते हैं तथा इसके नियमित सेवन से धमनी अवरोध दूर होकर बाईपास सर्जरी तक टल जाती है। उन्होंने कहा कि कोलेस्ट्राल को कम करने के लिये जरूरी है कि वसायुक्त भोजन कम करें, नियमित व्यायाम करें तथा रात्रि को जल्दी सोयें और सूर्योदय के पूर्व जगकर कम से कम तीन कि0मी0 भ्रमण करें। किन्तु ध्यान रहे कि अधिक ठंड के समय हृदय रोगियों को प्रातः भ्रमण से बचना चाहिये। पंचकर्म विशेषज्ञ डा0 एस0के0 गुप्ता ने बताया कि कटिशूल (कमर के दर्द) में दशमूल क्वाथ से कटिस्वेद कराने एवं सिंहनांद गुगुल के सेवन से शीघ्र आराम मिलता है। उन्होंने बताया कि साइनोसाइटिस के रोगियों को षड्बिन्दु तेल का नस्य कराने से स्थाई लाभ मिलता है। डा0 श्रीमती अनुभूति ने बताया कि शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिये मौसमी फल तथा एक मुठ्ठी अंकुरित चने का सेवन तथा खाने के बाद गुड़ का लेना लाभकारी है। डा0 बृजेश कुमार ने बताया कि यकृत के रोगों में पुनर्नवा की जड़ का सेवन एवं मकोय के पत्ते का साग लेना अत्यन्त मुफीद है। आयुर्वेद महाविद्यालय के चिकित्साधिकारी डा0 पी0के0 श्रीवास्तव ने बताया कि अर्श (पाइल्स) के रोगियों को कब्ज को दूर रखना चाहिए उसके लिये पंचसकार चूर्ण का सेवन रात में गुनगुने पानी से करना चाहिए तथा अर्शोघ्नी वटी एक गोली का प्रातः सांय सेवन करना लाभकारी होता है। डा0 कमल सचदेवा ने बताया कि अम्लपित के रोगियों को उपवास से बचना चाहिए तथा अम्लता को कम करने के लिये अविपत्तिकर चूर्ण एक चम्मच रोज लेना हितकर रहता है।
जनसामान्य की स्वास्थ्य रक्षा हेतु तथा आयुर्वेद मंे वर्णित सद्ाचरण एवं आहार-विहार के बारे में जानकारी हेतु ‘‘आयुर्वेद और स्वास्थ्य’’ तथा ‘‘आयुर्वेदोऽमृतानाम्’’ नामक दो पत्रकों का निःशुल्क वितरण भी इस स्टाल द्वारा किया जा रहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक/यूनानी अधिकारी, लखनऊ, डा0 अरूणेश चन्द्र त्रिपाठी ने आह्वान किया कि आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन समाचार-पत्र, पत्रिकाओं, टी0वी0 एवं इण्टरनेट में दिये गये विज्ञापनों के माध्यम से करना स्वास्थ्य के लिये हानिकर है। अतएव किसी भी स्थिति में साध्य व असाध्य रोगों की चिकित्सा भ्रामक विज्ञापनों को पढ़कर न करें और किसी योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह पर ही आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 08 December 2012 by admin
एचडीएफसी बैंक ने शुक्रवार 7 दिसंबर 2012 को देश भर में रक्तदान का अभियान चलाया। बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने 572 स्थानों में 974 केंद्रों पर रक्तदान कर इसे भारत का सबसे बड़ा एकदिवसीय रक्तदान अभियान बना दिया। बैंक ने इस अभियान में तकनीकी सहायता के लिए रेड क्रॉस, देश भर के बड़े अस्पताओं और ब्लड बैंकों का सहयोग लिया।
ये रक्तदान केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहे। इन केंद्रों पर एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों और ग्राहकों समेत बड़ी संख्या में लोग रक्त दान करने के लिए आगे आये। एचडीएफसी बैंक के उच्च प्रबंधन में से कई अधिकारियों ने दिन की शुरुआत में ही सबसे पहले रक्तदान किया। इस वर्ष पहली बार छात्रों ने भी रक्तदान शिविर में बड़ी भूमिका निभायी। देश भर के अग्रणी कॉलेजों में इन रक्तदान शिविरों को लगाया गया, ताकि नौजवानों को इस तरह की बेहद जरूरी पहल में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। अपने छठे वर्ष में यह अभियान बैंक के असरदार सामाजिक एजेंडा का एक हिस्सा है, जिससे सार्थक योगदान के साथ लोगों की जिंदगी में एक अंतर लाया जा सके।
बैंक ने शिविर लगाने की यह पहल 2007 में शुरु की थी, जब 4000 से ज्यादा स्वयंसेवी राष्ट्र हित के लिए आगे आये। तब से यह शिविर अपने आकार और क्षमता में बढ़ा है। शिविर लगने के पहले वर्ष में ही 4000 यूनिट से ज्यादा रक्त एकत्रित किया गया था। पिछले वर्ष इस रक्त संग्रहण की मात्रा दस गुना बढ़ कर 40,000 यूनिट से ज्यादा हो गयी है।
श्री भावेश ज़वेरी, कंट्री हेड, ऑपरेशन ऐंड कैश मैनेजमेंट प्रोडक्ट, एचडीएफसी बैंक ने कहा, “रक्त बहुमूल्य है, खास कर हमारे देश में, क्योंकि यहाँ इसकी माँग-आपूर्ति में काफी अंतर रहता है। लोगों की जिंदगी बदलने के प्रयासों के तहत हमने अपने रक्तदान अभियान का विस्तार किया है। इसमें बैंक से जुड़े लोग और अन्य लोग भी रक्तदान करने के लिए आगे आते हैं। हम उन सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं जो इस बार के अभियान में आगे आये। हमें आशा है कि अगले वर्ष इस अभियान का और भी विस्तार होगा, जिसमें रक्तदान करने वालों की संख्या और रक्तदान की मात्रा भी बढ़ेगी।”
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 December 2012 by admin
रूद्रक्ष सभी लोगों के मन और मस्तिष्क में एक विशिष्ट स्थान रखता है क्योंकि इसका संबन्ध पीढि़यों से शक्तिशाली शिव के साथ है। यह निर्भयता, आत्मविश्वास, अच्छे स्वास्थ्य, रक्तचाप नियन्त्रण, तनाव और चिंता नियंत्रण की पेशकश करने के लिए माना जाता है। किस्मत, सफलता, विकास, आध्यात्मिकता, वैवाहिक/पारिवारिक आनंद, भौतिक लाभ और सुरक्षा, कम लोगों को पता है कि इन मोतियां में विद्युतचुम्बकीय, पैसमैग्नेटिक और आगमनात्मक गुण है जो वैज्ञानिकता से मापे गये और अपने आप पर एक सकारात्मक प्रभाव अनुभव होता है जब इन मोतियों को त्वचा से छूता हुआ पहना जाता है। सच्चे ज्ञान और अद्भुत मोती के आसपास के रहस्यों के द्वारा लोकप्रिय होने के बाद रूद्रालाइफ, तनय सीता द्वारा 2001 में अपने शानदार पिता कमल नारायण सीता के मार्गदर्शन के तहत सेमिनारों और प्रदर्शनियों के माध्यम से जनता को शिक्षित करने के लिए एक मिशन की शुरूआत की। रूद्रालाइफ 500 के बारे मंें आज तक भारत में और विदेशों में प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है। कई टीवी शो, साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में विभिन्न लेख और प्रस्तुतियों के रुप अच्छी तरह से पता चलता है कि रूद्राक्ष पर बनाया गया जागरूकता के विशेषज्ञों ने दुनिया भर के लोगों से मुलाकात की है और उनके अनुभवों का अध्ययन, अंकज्योतिष/ज्योतिष पर आधारित संयोजन की सिफारिश की एक अनूठी रणनीति विकसित कर रहे है। इस रूद्रालाइफ से सिफारिशों का लाभ हुआ है कि दुयिा भर में लोगों को और रूद्रालाइफ के बहुत सारे असंख्य प्रशंसापत्र प्राप्त हुए है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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