एचडीएफसी बैंक ने शुक्रवार 7 दिसंबर 2012 को देश भर में रक्तदान का अभियान चलाया। बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने 572 स्थानों में 974 केंद्रों पर रक्तदान कर इसे भारत का सबसे बड़ा एकदिवसीय रक्तदान अभियान बना दिया। बैंक ने इस अभियान में तकनीकी सहायता के लिए रेड क्रॉस, देश भर के बड़े अस्पताओं और ब्लड बैंकों का सहयोग लिया।
ये रक्तदान केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहे। इन केंद्रों पर एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों और ग्राहकों समेत बड़ी संख्या में लोग रक्त दान करने के लिए आगे आये। एचडीएफसी बैंक के उच्च प्रबंधन में से कई अधिकारियों ने दिन की शुरुआत में ही सबसे पहले रक्तदान किया। इस वर्ष पहली बार छात्रों ने भी रक्तदान शिविर में बड़ी भूमिका निभायी। देश भर के अग्रणी कॉलेजों में इन रक्तदान शिविरों को लगाया गया, ताकि नौजवानों को इस तरह की बेहद जरूरी पहल में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। अपने छठे वर्ष में यह अभियान बैंक के असरदार सामाजिक एजेंडा का एक हिस्सा है, जिससे सार्थक योगदान के साथ लोगों की जिंदगी में एक अंतर लाया जा सके।
बैंक ने शिविर लगाने की यह पहल 2007 में शुरु की थी, जब 4000 से ज्यादा स्वयंसेवी राष्ट्र हित के लिए आगे आये। तब से यह शिविर अपने आकार और क्षमता में बढ़ा है। शिविर लगने के पहले वर्ष में ही 4000 यूनिट से ज्यादा रक्त एकत्रित किया गया था। पिछले वर्ष इस रक्त संग्रहण की मात्रा दस गुना बढ़ कर 40,000 यूनिट से ज्यादा हो गयी है।
श्री भावेश ज़वेरी, कंट्री हेड, ऑपरेशन ऐंड कैश मैनेजमेंट प्रोडक्ट, एचडीएफसी बैंक ने कहा, “रक्त बहुमूल्य है, खास कर हमारे देश में, क्योंकि यहाँ इसकी माँग-आपूर्ति में काफी अंतर रहता है। लोगों की जिंदगी बदलने के प्रयासों के तहत हमने अपने रक्तदान अभियान का विस्तार किया है। इसमें बैंक से जुड़े लोग और अन्य लोग भी रक्तदान करने के लिए आगे आते हैं। हम उन सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं जो इस बार के अभियान में आगे आये। हमें आशा है कि अगले वर्ष इस अभियान का और भी विस्तार होगा, जिसमें रक्तदान करने वालों की संख्या और रक्तदान की मात्रा भी बढ़ेगी।”
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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