Posted on 13 March 2012 by admin
कारसेवकपुरम् में चल रहे विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक का विधिवत समापन वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ हुआ। धर्म प्रसार विभाग ने अवध प्रान्त में पदाधिकारियों के दायित्वों में फेर-बदल किया।
विगत रविवार से प्रारम्भ हुई धर्म प्रसार विभाग की बैठक में देष भर से जिला स्तरीय 400 पदाधिकारी सम्मिलित हुए। तीन दिन तक चले इस बैठक के विभिन्न सत्रों में हिन्दू समाज की घर वापसी तथा जन जागरण के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गयी। समापन सत्र. को सम्बोधित करते हुए युग पुरूश स्वामी परमानन्द महाराज के षिश्य व साध्वी ऋतम्भरा के गुरूभाई स्वामी परमात्मानन्द गिरि ने कहा हम गौरवषाली हिन्दू हैं। जो विष्व का कल्याण चाहते हैं। लेकिन अधर्म और पाप को समाप्त करने के लिए हम राम और कृश्ण के पदचिन्हों पर चलने को भी पीछे नहीं हटने वाले। जिस प्रकार रािम ने रावण, कृश्ण ने कंस रूपी पाप का अन्त किया ठीक उसी प्रकार वर्तमान युग में चल रहे अनाचार, दुराचार और धर्मान्तरण जैसे पापाचारों का समन करने के लिए आगे बढना होगा। उन्होनंे कहा धर्मान्तरण जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। राश्ट्रीय स्वाभिमान जगाने के लिए गांव-गांव निकलना होगा।
दिल्ली से पधारे महंत हरी दास ने कहा लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमको आगे बढना होगा। बाधाएॅं मार्ग में आ सकती है लेकिन हमारे दृढ निष्चय को कोई ढिगा नहीं सकती। स्वामी किरण गिरि महाराज ने कहा जिस प्रकार हम ईष्वर में आस्था रखते हैं ठीक उसी प्रकार अपने कार्यो के प्रति भी हमें आस्थावान रहना चाहिए। ईष्वर ने सदैव हमारा मार्गदर्षन किया है। धर्म प्रसार का कार्य राश्ट्र के स्वाभिमान व सम्मान से जुडा है। हमारे तीर्थ त्यौहार, हमारी राश्ट्रीयता के प्रतीक है। इनकेो जीवन रखने के लिए हिन्दू समाज को संगठित होना होगा।
केन्द्रीय मंत्री और धर्म प्रसार विभाग के सह प्रमुख धर्म नारायण षर्मा ने कहा धर्मान्तरित हुए हिन्दुओं की पुनर्वापसी के लिए घर वापसी कार्यक्रम चलता रहेगा। हिन्दू धर्म प्रेम, षान्ति का सन्देष देता है जबकि अनेक पंथ समाज में विभेद उत्पन्न कर अपनी विचारधारा को थोपने में लगे हुए है। इस प्रकार की संकीर्णता को समाप्त कर इस देष को सनातन बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को कमर कसनी होगी। देष के पूर्वोत्तर और दक्षिण के राज्येां में चल रहे धर्मान्तरण के खेल को अब हम सफल नहीं होने देंगें। इन राज्यों में धर्म प्रसार विभाग अपने कार्यो के माध्यम से समाज को जोडने का काम करेगा। उन्होंने समाज से भी अपील की कि वह किन्ही कारणों से अपने से दूर हुए बन्घुओं को पुनः गले लगायें और हिन्दूत्व के जीवन मूल्यों के रक्षा में अपना योगदान दें।
समापन से पूर्व विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग अवध प्रान्त में पदाधिकारियों के दायित्वों में परिवर्तन किया गया। जिसमें प्रमुख सर्व श्री डा.वी.के.श्रीवास्तव को कार्याध्यक्ष, फूल चन्द्र षास्त्री को प्रान्त प्रमुख, ष्यामता प्रसाद को प्रान्त उपाध्यक्ष, देवेन्द्र मिश्र को प्रान्त कोशाध्यक्ष बनाया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 12 March 2012 by admin
विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने आज यहाॅं कहा धर्मान्तरण आतंकवाद को जन्म देता है। और उससे राश्ट्र द्रोही उत्पन्न होते हैं। सम्पूर्ण देष में 1947 की पुनरावर्ती बन रही है अगर चिन्तनषील नहीं हुए तो 40-50 वर्शो में भारत का एक और भूखण्ड अलग हो जायेगा
श्रीराय विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग के कारसेवकपुरम् मे चल रहे तीन दिवसीय अलिख भारतीय बैठक में आये हुए पदाधिकारियों के बीच में अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा विष्व हिन्दू परिशद के गठन के बाद संगठन का प्रथम कार्य करने का निर्णय परावर्तन था क्योंकि इस्लाम और ईसाई आक्रमणकारियों ने हिन्दू समाज को धर्मान्तरित कर संस्कृति और इतिहास से अलग कर रखा था। इसलिए इसे अक्षुण्य रखना विहिप के मार्गदर्षकों ने इसे अपना प्रथम कर्तव्य समझा। गधे को घोडा बनना ही होगा। दूध फट गया है यह सोच बदलनी ही होगी। कहने का तात्पर्य जहाॅं से हिन्दू समाज गया था वहाॅं उसकी वापसी पुनः हो यही परावर्तन है। यही घर वापसी है जो कार्य धर्म प्रसार विभाग करता आ रहा है। धर्मान्तरण हिन्दू आस्था से काटता है जबकि हिन्दू धर्म प्रेम और षान्ति का अग्रदूत है।
उन्होंने विगत दिनों केन्द्र सरकार द्वारा मुस्लिम आरक्षण की घोशणा पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कोई भी व्यक्ति किसी भी सम्प्रदाय एवं धर्म का अपनी विद्वता से आगे बढता है तो वह गलत नहीं है लेकिन धर्म आधारित आरक्षण देने की घोशणा विभाजन की पुनरावर्ती को बल प्रदान करने वाली है। मजहब के आधार पर आरक्षण दिया जाता रहा तो विधानसभा और लोकसभा में भी आबादी के आधार पर सीटें आरक्षित करने की मांग उठेगा जो इस देष के लिए बहुत घातक होगा। मालूम होना चाहिए कि दस लाख लोगों की गर्दनें पूर्व में काटी जा चुकी हैं यह अनायास ही नहीं कटी यह विधिवत काटी गयी हैं। उन्होनंे कहा केन्द्र सरकार समय समय पर हिन्दू विरोधी क्रिया कलापों को प्रोत्साहन दे रही है। गाय की हत्या करने के लिए कत्लखानों को स्थापित करने की मांग की जा रही है जिसका प्रस्ताव योजना आयोग को भेजा गया है यानी हिन्दूओं की माॅं का वध, आस्था पर कुठाराघात करने का कुचक्र रचा जा रहा है। आज की हमारी उदासीनता हमारी सन्तानों के लिए कश्टकारी न बन जाये इसलिए हमें सचेत रहने की आवष्यकता है।
बैठक का संचालन क्षेत्र प्रमुख स्वामी सुदर्षनाचार्य ने किया। इस अवसर पर विहिप के केन्द्रीय मंत्री धर्म नारायण षर्मा, जुगुल किषोर, हरी ओम तायल, सुरेन्द्र सिंह, संत राम सिंह, फूल चन्द्र षास्त्री, देवेन्द्र मिश्र, डा.वी.के.श्रीवास्तव सहित देष के विभिन्न प्रान्तों से आये हुए 400 पदाधिकारी उपस्थित हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 12 March 2012 by admin
श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपाल दास महाराज जी ने आज यहाॅं कहा हिन्दू हिन्दुत्व के प्रति निश्ठावान हो तभी धर्म की रक्षा हो सकेगी। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में मुस्लिम और न्यायालय के द्वारा बाधा नहीं बल्कि तथाकथित सेक्यूलरवादी हिन्दू ही बाधा बने खडे हैं। 85 प्रतिषत हिन्दू होते हुए भी यह समस्या हिन्दू समाज के लिए षर्म की बात है। जिस दिन हिन्दू समाज गर्व से कहेगा हम हिन्दू हैं उसी दिन जो कार्य कल होने वाला है वह आज ही सम्पन्न हो जायेगा।
श्रीदास कारसेवकपुरम् में विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक के उद्घाटन अवसर पर आये पदाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। श्री दास ने कहा धर्मो रक्षति रक्षितः हम धर्म की रक्षा करेंगे। तभी धर्म हमारी रक्षा करेगा। एक तरफ हमारी रक्षा ईष्वर कर रहा है तो दूसरी तरफ धर्म कर रहा है। जिस प्रकार ईष्वर सनातन है उसी प्रकार धर्म भी सनातन है। यह किसी महापुरूश या व्यक्ति द्वारा चलाया गया नहीं है जो मिट जाये हम आदि से हैं और अन्त तक रहेंगे। राम साक्षात् धर्म हैं और धर्म को धारण कर मर्यादा पुरूशोत्तम बने। राक्षसों का बध ही मूल कारण नहीं रहा बल्कि धर्म की रक्षा के लिए वह इस धरा पर आये और उन्होंने विभिन्न सूक्तियांे को अपने विचारों और कृतित्व से स्थापित कर धर्म का संवर्धन किया। धर्म लोक बनाता है कला सिखाता है इसलिए हम लोक तक सीमित न रह जायें इसलिए धर्म का संरक्षण करें। उन्होंने कहा ईष्वर सर्वकालिक है उसे सीमाओं में बाॅंधा नहीं जा सकता वह सर्वत्र व्याप्त है।
विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग धर्म की सुरक्षा में तत्पर है वह अपने कार्य को ईष्वर का कार्य समझकर करें, ईष्वर उनकी मदद करेगा ही। उन्होंने कहा धर्म पर चतुर्दिक प्रहार हो रहे हैं। एक तरफ ईसाई और इस्लाम तो दूसरी तरफ राजनीतिक संकीर्णता। आसुरी षक्तियों पर विजय प्राप्त कर लक्ष्य की प्राप्ति करनी ही होगी।
इससे पूर्व विष्व हिन्दू परिशद के केन्द्रीय मत्री धर्म नारायण षर्मा ने कहा हम सनातनी है धर्म हमारा सनातन है अनेक राश्ट्र मिट गए परन्तु भारत का प्रवाह निरन्तर बना हुआ है। गंगा-यमुना-सरस्वती और तीर्थ नगरियाॅं ज्यों की त्यों हमारी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्य बनाये हुए हैं। आक्रमणकारियों ने हमे परास्त करने का निरन्तर प्रयास किया लेकिन हम चट्टान की भाॅंति आज भी अपनी गौरव गाथा गा रहे हैं। इस धरती पर धर्म का दीप जलाने का कार्य सनातन काल से हिन्दू समाज करता आ रहा है। आज विष्व हिन्दू परिशद सर्वे भवन्तु सुखिनः, कृण्वन्तो विष्व मार्यम् की सुक्ति को आत्मसात करते हुए आगे बढ रही है। व्यक्ति छोटे-बडे स्वार्थ के कारण इधर उधर भटक रहा है हमे धर्म के प्रति कट्टरता लानी होगी हमारी धर्म के प्रति निश्ठा होनी चाहिए। सनातन जीवन मूल्यों की रक्षा हर हाल में करनी होगी। ‘‘जागो जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाये’’ शडयंत्रकारी षक्तियों को पराभूत कर धर्म की स्थापना करो।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख पुरूशोत्तम नारायण सिंह, जुगुल किषोर, साध्वी ऋतम्भरा के गुरूभाई स्वामी परमात्मानन्द गिरि अमरकंटक, महन्त हरी दास दिल्ली, अखिल भारतीय जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष हरि ओम तायल, किरण जी, नारी षक्ति मंच की महामंत्री अरूणा, कोशाध्यक्ष मनोहर लाल, भुजंगराव, अच्युदानन्द, राम कृश्ण गौर, स्वामी राम स्वरूप, गुलाब सिंह, धर्मेन्द्र भाई, लक्ष्मी लाल, सुरन्द्र सिंह, प्रमोद साहू तथा कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 10 March 2012 by admin
विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक कारसेवकपुरम् में आज से (11.3.12) प्रारम्भ हो रही है। बैठक का उद्घाटन प्रातः 10 बजे श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज करेंगे। देष के विभिन्न प्रान्तों से लगभग 400 पदाधिकारी व कार्यकर्ता देर रात्रि अयोध्या पहुंच गए हैं।
धर्म प्रसार विभाग के क्षेत्रीय परियोजना प्रमुख सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 11, 12 व 13 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में गुजरात, महराश्ट्र, आन्ध्र, केरल, उडीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेष, बिहार, छत्तीसगढ, झारखण्ड, बंगााल, पंबाज, हरियाणा, जम्मू कष्मीर, आसाम, पांडिचेरी, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड सहित देष के सभी प्रान्तों से कार्यकर्ता सम्मिलित हो रहे हैं। देष के प्रमुख पदाधिकारियेां में धर्म प्रसार विभाग के राश्ट्रीय अध्यक्ष स्वदेष पाल सिंह, भारतीय जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष हरि ओम तायल, विहिप के केन्द्रीय मंत्री धर्म नारायण षर्मा, एवं जुगुल किषोर जी प्रान्त अध्यक्ष सन्तराम सिंह आदि पहंुच चुके है।
उन्होंने बताया धर्मान्तरण से राश्ट्रान्तरण का खतरा बना हुआ है। देष के अनेक प्रान्तों में छल कपट के बल पर हिन्दू विरोधी षक्तियाॅं भोले-भाले हिन्दुओं का बलात धर्मान्तरण कराने में सक्रिय हैं। इनके कुकृत्यों का विरोध करने वालों की हत्यायें तक कर दी जाती हैं।
उन्होंने कहा जिस प्रकार से विदेषी मिषनरियाॅं भारत को अपने चंगुल में कसती जा रही हैं उससे संस्कृति और सभ्यता के साथ-साथ आर्थिक रीढ भी टूट सकती है। उन्होंने कहा छल-कपट के बल पर अपनी जनसंख्या को निरन्तर बढाकर धर्मान्तरण का कुचक्र चलाने वाले राश्ट्रान्तण का खतरा बन चुके हैं। यही नहीं भारत को जनसंख्या के आधार पर खंडित करने का भी दुरगामी प्रयास चल रहा है। जिसका उदाहरण पूर्वाेत्तर राज्य है। 5 प्रान्त एवं 48 जिले इसाई एवं मुस्लिम बाहुल्य हो चुके है।
उन्होंने कहा विष्व हिन्दू परिशद के अनुसांगिक संगठन धर्म प्रसार विभाग विभिन्न कार्यो के माध्यम से देष के अनेक प्रान्तों में परावर्तन का कार्यक्रम चला रहा है। आज लाखों लोगों की घर वापसी हो चुकी है। जो हिन्दू समाज में अपना योगदान तो दे ही रहे हैं साथ ही शडयंत्रकारियों के मंसूबों का खुलासा भी कर रहे है। उन्होनंे कहा सरकारी नीतियों के कारण इस प्रकार की समस्या बन चुकी है कि हिन्दू समाज अपने ही देष में षरणार्थी बनता जा रहा है।
विष्व हिन्दू परिशद राश्ट्र को इस गंभीर समस्या से बचाने के लिए निरन्तर संघर्शरत है संतो ंके आषीर्वाद और कार्यकर्ताओं के आत्मीय योगदान के कारण वह लगातार अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। तीन दिन चलने वाली बैठक में विभिन्न सत्र होंगें जिसमें देष की आन्तरिक एवं वाह्य समस्याओं से निजात पाने के लिए चर्चा होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 06 January 2012 by admin
श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने श्रीराम जन्मभूमि पर दर्षन को लेकर स्थानीय सुरक्षा कर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ किए जा रहे दुव्र्यवहार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राम भक्तों के दर्षन हेतु अनुकूल वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए। सुरक्षा के नाम पर आतंकियों जैसा व्यवहार आचरण के विपरीत है।
श्री दास श्रीराम जन्मभूमि पर राम लला का दर्षन करने वृन्दावन के श्री काठिया बाबा आश्रम, रमणरेती से पहुंचे आधा दर्जन काठिया संतों को रोके जाने पर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बताया संतों की अपनी परम्परा है उसी परम्परा के अन्तर्गत कोई कमर में मूंझ का आंडबन्द लगाता है कोई डोरी पहनता है और कोई काठ का आंडबन्द लगाता है। काठिया संतों द्वारा आंडबन्द काठ का पहना जाता है। रामलला के दर्षन के समय सुरक्षा कर्मियों ने उनके आंडबन्द पहनने मात्र पर दर्षन करवाने से मना कर दिया। उन्होनंे कहा श्रीराम लला का दर्षन करना प्रत्येक संत-धर्माचार्य और राम भक्तों का मौलिक अधिकार है। संत परम्परा पर किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। आये दिन श्रद्धालुओं द्वारा यह षिकायत मिलती आ रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि पर तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनसे दुव्र्यवहार किया जाता है।
उन्होंने कहा सुरक्षा के नाम पर आतंकियों जैसा व्यवहार उचित नहीं है। षासन प्रषासन सुरक्षा मानकों में सुधार लाये और ऐसे सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाये जिन्हें व्यवहारिक ज्ञान हो, क्योंकि अयोध्या एक धार्मिक और पौराणिक नगरी है देष के कोने कोने से विभिन्न पंथ और सम्प्रदायों के आचार्य, महामण्डलेष्वर, श्रीमहंत, महंत तथा विभिन्न भाशा-भाशी क्षेत्रों के राम भक्त अपने आराध्य का दर्षन पूजन करने आते हैं यहाॅं से वह ऐसा संदेष न लेकर जाये जो अयोध्या की गरिमा के विपरीत हो।
काठिया संत केषव दास ने बताया कि हमारे साथ गोपाल दास, ललिता षरण, प्राण वल्लभ, मदनदास, गोपाल दास त्यागी आदि संत थे। वृन्दावन स ेचल कर मकरसंक्रान्ति का स्नान करने गंगासागर जा रहे थे। अयोध्या प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली है इस कारण दर्षनार्थ यहाॅं आये लेकिन सुरक्षा के नाम पर हम सबके साथ किया गया व्यवहार दुखद रहा। आत्म पीडा पहुची है भगवान राम लला सुरक्षा अधिकारियों को सद्बुद्धि दे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 03 January 2012 by admin
विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने आज यहाॅं कहा कि मजहब के आधार पर आरक्षण की घोशणा संविधान प्रदत्त नहीं हैं। यह एक और विभाजन का रूप ले सकता है। मुस्लिम समाज को यह समझना होगा कि वह बिकाऊ न बने।
श्रीराय कारसेवकपुरम् में प्रमुख पदाधिकारियों के बीच अपने विचारों को व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा जिन महापुरूशों ने संविधान की रचना की यहाॅं तक कि प्रथम प्रधानमंत्री ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कभी समर्थन नहीं किया लेकिन दुर्भाग्य है कि वर्तमान सरकार ने धर्म आधारित आरक्षण की घोशणा कर देष एवं संविधान को तार-तार कर दिया। उन्होनंे कहा इससे समाज में घृणा का भाव पैदा होगा। अल्पसंख्यक में जैन, बौद्ध, पारसी, सिक्ख भी आते हैं परन्तु उनमें वर्गीकरण नहीं हैं कहने का तात्पर्य यह है कि यह आरक्षण केवल मुस्लिम समाज के तुश्टिकरण के लिए है।
उन्होंने कहा मुस्लिम समाज को समझना चाहिए कि उसका राजनीतिक तुश्टिकरण के चलते बाजारूकरण कर दिया गया है वह बाजारू न बने इसपर मुस्लिम समाज को आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कानून साम्पदायिकता को रोकने वाला नहीं बल्कि उन तत्वों को बढावा देने वाला होगा जो राश्ट्र में हिंसात्मक गतिविधियों में लिप्त रहते है। उन्होंने अयोध्या में विगत दिनों श्रीराम जन्मभूमि परिसर में तुलसी पौधे उखाडे जाने के प्रकरण पर भी ़ क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि उसे झाड-झंखाड नहीं समझना चाहिए प्रभु श्रीराम और हिन्दू समाज के अन्य देवी देवताओं के भोग में प्रसाद में प्रयुक्त होने वाली तुलसी हमारे लिए देवतुल्य है। श्री राय ने कहा झाड-झंखाड कह कर उखडवाने की सलाह देने किसी सिरफिरे के दिमाग की ही उपज हो सकती है। षासन-प्रषासन को सावधानी बरतनी चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए। इस अवसर पर विहिप के केन्द्रीय मंत्री पुरूशोत्तम नारायण सिंह, कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी, सुरेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
इससे पूर्व विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय महामंत्री का अयोध्या रेलवे स्टेषन पर वसिश्ठ पीठ के महंथ डा.राघवेष दास वेदान्ती के नेतृत्व में महामंत्री बनने के उपरान्त पहली बार अयोध्या आने पर स्वागत किया। इस अवसर पर प्रकाष अवस्थी, राम लाल के सखा त्रिलोकी नाथ पांडेय, षरद षर्मा, अषोक पाठक, आचार्य इन्द्रदेव, दुर्गा प्रसाद, राम षंकर, राधे ष्याम गुप्त, पवन तिवारी आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 18 December 2011 by admin
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिश्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा0राम विलास दास वेदान्ती ने कहा कि कांग्रेस सरकार खिसक गए मुस्लिम समाज का वोट प्राप्त करने के लिए हिन्दू संगठनों, संत-धर्माचार्यो तथा उनके उत्सव और कार्यक्रमों को प्रतिबन्धित करने का पूरा मन बना चुकी है। जिसका ताजा उदाहरण बाबा रामदेव के रामलीला मैदान प्रकरण पर आयी रिपोर्ट से स्पश्ट हो चुका है। कांग्रेस देष को एक बार 1947 के विभाजन की स्थिति में लाकर खंडित करने का शडयंत्र कर रही है। साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 इसी शडयंत्र का एक हिस्सा है। अभी तक देष के प्रधानमंत्री ने इस पर अपनी तरफ से देष को आष्वस्त नहीं किया कि वह इस अधिनियम के बारे क्या करने वाले है। देष का हिन्दू समाज आषंकित है कि इस कानून के बनने से हिन्दू अपने ही देष में अपराधी बन जायेगा। 2012 के जनवरी-फरवरी माह के बीच इस विशय को लेकर छिड सकता है राश्ट्रव्यापी आन्दोलन। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चाहिए कि वह प्रस्तावित अधिनियम को वापस लेते हुए देष से माफी मांग लें।
श्री वेदान्ती दिल्ली में साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 के विरोध में संत-धर्माचार्यो द्वारा 11, 12 दिसम्बर को आयोजित हो चुके संत समागम में लिए गए निर्णय के उपरान्त प्रेस को जारी अपने बयान में चर्चा करते हुए कहा साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 सरकार इसी सत्र में लाना चाहती थी लेकिन भ्रश्टाचार और मंहगाई के कारण संसद के पटल पर यह नहीं आ सका लेकिन संसय के बादल अभी छटे नहीं है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित राश्ट्रीय सलाहकार परिशद (एन.ए.सी.) की मंषा अभी साफ नहीं हुई है। उन्होंने कहा इस कानून से हिन्दू समाज की धार्मिक परम्पराआंे को जहाॅं हानि पहूंचाने का शडयंत्र हो रहा है वहीं राश्ट्र विरोधी तत्वों का विरोध करने वाले संगठनों को प्रतिबन्धित करने का कुचक्र रचा जा रहा है। अल्पसंख्यकों केनाम पर हिन्दू मुस्लिम और दलित इनको तीन भागों में बाॅंट कर फिर मुस्लिमों को दलितों के साथ मिलाकर देष को तोडने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा ऐसा कानून बनाने वाली नेषनल एडवाइजरी कमेठी को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए और देष के प्रधानमंत्री को इस विशय में तत्काल माफी मांगना चाहिए। अन्यथा संत-धर्माचार्यो के नेतृत्व में देष का हिन्दू वर्श 2012 के जनवरी-फरवरी, माह के बीच राश्ट्रव्यापी आन्दोलन छेडेंगे। इससे पूर्व प्रयाग में माघ मेले के दौरान संत-धर्माचार्यो की उपस्थिति में एक बार पुनः मंथन होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 14 December 2011 by admin
राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिश्ठ प्रचारक व अखिल भारतीय गो-सेवा प्रमुख षंकर लाल जी ने आज यहाॅं कहा प्रत्येक वर्श 2.50 करोड़ गोवंष की निर्मम हत्या की जा रही है जिसके कारण जीव, जंगल, जमीन और पर्यावरण को हानि पहुंच रही है। इसको बचाने के लिए अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गए तो हमारे अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो जायेगा।
श्री लाल कारसेवकपुरम् में गो-सुरक्षा एवं संवर्धन विशय पर एक गोश्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। गोश्ठी का संचालन राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रान्त प्रचारक मुकेष जी ने किया। इस अवसर पर श्री षंकर लाल ने कहा 60 वर्श पूर्व इस देष में किसान आत्म हत्या नहीं करते थे क्योंकि जल, जमीन और जंगल उनके आय के साधन हुआ करते थे। कृशि, पषु एवं मनुश्य एक दूसरे के पूरक थे। दुर्भाग्य है कि यहाॅं कि सरकारी नीतियों के कारण यह चक्र टूट गया जिसके कारण आज किसान आत्म करने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा देष को संबृद्धषाली बनाने के लिए गौआधारित कृशि की पुनः आवष्यकता है। अच्छी देषी नस्ल की गोवंष तैयार करना उसके द्वारा गौ-चिकित्सा केन्द्र, गौ-आधारित कृशि, गौ-आधारित ऊर्जा का निर्माण, गोचर भूमि का संरक्षण एवं गो-संवर्धन के द्वारा हम यह कार्य कर सकते है।
उन्होंने बताया देष में विष्व मंगल गो-ग्राम यात्रा गत वर्श निकाली गयी यात्रा के बाद 500 नई गोषालाओं का निर्माण हुआ एवं लाखों लोग गोपालक बनकर गाय का पालन कर रहे है। उन्होंने कहा प्रत्येक प्रान्त में प्रषिक्षण केन्द्र तथा गो-अनुसंधान की स्थापना की जा रही है। आज गोपालक परिवार एक गोवंष से 100/-प्रतिदिन घर बैठे आमदनी कर रहा है। उन्होंने कहा जर्सी नस्ल के दूधारू पषु से प्राप्त दूध को पीने वाले मनुश्य अप्रत्यक्ष रूप से जहर का सेवन कर रहे है। उनका परिवार संस्कारवान कभी नहीं हो सकता है। रसायनिक खादों से पौधे जहरीले होते जा रहे हैं जिसके कारण इन पौधों का सेवन करने वाले जीव और उन जीवों के मांस को खाने वाले तक इस जहर के षिकार हो रहे है। गिद्धों की विलुप्तता का कारण भी यही है। पर्यावरण की सुरक्षा भी गौ-वंष से जुडा विशय है। उन्होंने बताया कि देषी गाय के 720 लीटर दूध से एक तोला स्वर्ण भस्म प्राप्त होता है। उन्होंने बताया ऊर्जा के क्षेत्र में भी गोवंष आधारित जनरेटर, ट्रैक्टर, टयूबबेल आदि के संचालन को विकसित किया जा चुका है जो देष के राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेष, महाराश्ट्र जैसे राज्यों में सफलता पूर्वक काम रहे है।
उन्होंने कहा गाय को मांॅ मानकर हम इसकी सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए अबिलम्ब अगर संकल्पित नहीं हुए तो गाय चित्रों पर ही रह जायेगी आने वाली पीढियाॅं हमको कोसेंगी।
क्षेत्रीय गौरक्षा प्रमुख-विहिप श्री वसुदेव पटेल ने गोअनुसंधान केन्द्रों की स्थापना पर बल देते हुए बताया कि प्रदेष में अनेक स्थानों गोवंष से प्राप्त गोमूत्र एवं गोबर के द्वारा पंचगव्य औशधियाॅं तथा दैनिक उपयोगी एवं कीटनियंत्रक आदि बनाये जा रहे है।
इस अवसर पर डा.अनिल मिश्र प्रान्त कार्यवाह, कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी, डा.लाल बहादुर सिंह, विभाग प्रचारक राम चन्द्र, सर्वेष जी, श्री राम गोषाला के हरी राम गुप्त, अषोक पाठक, सेवा प्रमुख वीरेन्द्र कुमार, रवि कुमार, कमल बाबा, सुभाश पांडेय आदि अनेक गोसेवक एवं गोपालक उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 October 2011 by admin
विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय अध्यक्ष अषोक सिंहल ने कहा श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन में सम्पूर्ण राजनीति को हिला कर रख दिया। मंदिर निर्माण में एक मात्र बाधक सेक्यूलरवादी हैं। संसद में राम जन्मभूमि निर्माण के निमित्त अगर प्रस्ताव लाया जाता है तो तमाम राजनीतिक दलों में ऐसे सांसद हैं जो इसका समर्थन करेंगे। लेकिन सोनिया गांधी से ऐसा सम्भव नहीं है, क्योंकि वह रोम भक्त हैं राम भक्त नहीं।
श्री सिंहल अयोध्या के रामघाट स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्यषाला का निरीक्षण करने के उपरान्त समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा विगत 4 वर्शो से मंदिर निर्माण का कार्य रूका हुआ था। धन की समस्या सामने थी। अनेक लोग मंदिर निर्माण के लिए व्यक्तिगत रूप से सहयोग के लिए तत्पर थे लेकिन मंदिर निर्माण सम्पूर्ण हिन्दू समाज के सहयोग से होना है। उन्होंने कहा देष के प्रमुख संत-धर्माचार्यो से मिलकर यह निवेदन अवष्य किया जायेगा कि वह इस पुनीत कार्य में भी अपना सहयोग प्रदान करें।
उन्होंने एक प्रष्न के उत्तर में कहा कि मंदिर निर्माण के लिए विदेषो से दान तथा निर्माण के लिए सोने-चाॅंदी के ईंट प्राप्त किए यह ऐसे लोगों के दिमाग की उपज है जो आध्यात्मिकता एवं राश्ट्रीयता के विरोधी है। उन्होंने एक अन्य प्रष्न के उत्तर में कहा 30 सितम्बर को न्यायिक फैसला आने के बाद हिन्दू समाज का विष्वास और भी दृढ़ हुआ है। उन्होंने कहा राम ने सदैव जोडने का काम किया लेकिन वर्तमान के तथाकथित सेक्यूलरवादी समाज को तोडने का काम कर रहे है। श्रीराम जन्मभूमि के आन्दोलन ने भारत की राजनीति को हिला कर रख दिया। संसद में अगर प्रस्ताव आता है तो मुस्लिम सांसद भी मंदिर निर्माण का समर्थन करेंगे ऐसा मुझे विष्वास है लडाई तो सेक्यूलरवादियों के द्वारा खडी की जा रही है। भारत का प्रधानमंत्री इस देष पर मुस्लिमों का प्रथम अधिकार बता रहे हैं। यह सब वोट बैंक की कुत्सित राजनीतिक का हिस्सा है इससे किसी का भला तो नहीं होगा इस देष का नुकसान अवष्य हो जायेगा। श्री सिंहल ने एक अन्य प्रष्न के उत्तर में कहा सोनिया गांधी रोम की भक्त हैं वह राम की भक्त नहीं इसलिए मंदिर निर्माण के कार्यो में वह रोडा डाल रही है।
उन्होंने कहा अब तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के वर्तमान कार्यो पर लगभग 20 करोड रूपये का व्यय हो चुका है। षीघ्र ही श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्यों के साथ बैठक बुलाई जायेगी और आगे की कार्ययोजना को मूर्त रूप प्रदान किया जायेगा। श्री सिंहल ने राम सेवकपुरम् में स्थित दूसरी कार्यषाला का भी अवलोकन कर उसे षीघ्र चालू करने का निर्देष दिया। इस अवसर पर उनके साथ श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिश्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा.राम बिलास दास वेदान्ती, दिगम्बर अखाडा के महंत और मंदिर आन्दोलन के षिखर पुरूश महंत रामचन्द्र दास परमहंस के षिश्य सुरेष दास, विहिप के संयुक्त महामंत्री चम्पत राय उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 19 October 2011 by admin
6 दिसम्बर,1992 को श्रीराम जन्मभूमि पर खडा कलंकित ढांचा 5 घंटे में मंत्र सिद्धी के कारण ही समाप्त हुआ। कलंक से मुक्ति और मंदिर के मार्ग का प्रषस्त होने का कार्य अनुश्ठान से ही संभव होगा। यह विचार विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री अषोक सिंहल ने आन्ध्र प्रदेष से आकर अयोध्या के कारसेवकपुरम में अखण्ड विश्णुसहस्रनामजप के साधको के बीच व्यक्त किया।
17 अक्टूबर से श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के निमित्त आन्ध्र प्रदेष से आये अनुश्ठान कर्ताओं ने प्रातः 4 बजे से विश्णुसहस्रनाम का अखण्ड पाठ प्रारम्भ कर दिया है। यह पाठ 24 दिसम्बर प्रातः पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न होगा। पाठ के दूसरे दिन आयोजित साधक सम्मेलन में श्री सिंहल ने कहा सर्वदेव अनुश्ठान से लोक मंगल कारी वातावरण का निर्माण हुआ है। देष के विभिन्न भागो से आये अनुश्ठानकर्ताओं की तपस्या का परिणाम रहा कि श्री हनुमान जी का 6 दिसम्बर को प्रकटीकरण हुआ और कलंकित ढांचा अप्रत्याक्षित रूप से समाप्त हो गया। उन्होंने कहा ईसाई और इस्लाम ईष्वर को सातवें आसमान पर मानते हैं जबकि हिन्दू समाज ईष्वर का कण-कण में सर्वत्र विद्यमान मानकर पूजा करता है। हिन्दू समाज में धारणा है कि हाथ की छोटी ऊँगली को भी पकड कर हम ब्रह्म को पकड लेतेे हैं अर्थात् वह भगवान को प्राप्त कर लेता है। जबकि अन्य धर्मावलम्बी इसके विपरीत सोचते हैं। उन्होनंे कहा हिन्दू समाज में सम्प्रदाय अनेक हैं लेकिन उसमें किसी भी प्रकार अन्य धर्मा की तरह विवाद नहीं है।
श्री सिंहल ने कहा श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर निर्माण करने के लिए एक धर्मयोद्धा की तरह समाज को खडा होना होगा। न्यायालय में यह विशय चल रहा है जो एक लम्बी प्रक्रिया है भारत के समस्त राजनीति दल हिन्दू भावनाओं का आदर करते हुए इसके समाधान के लिए बडी सोच अपनायें। उन्होंने कहा श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण से राश्ट्रीय स्वाभिमान का पुनर्जागरण होगा। स्वतंत्रता प्राप्ति के पष्चात् गुलामी के प्रतीक चिन्हों का समाप्त करने का कार्य नया नहीं है। गुलामी का चिन्ह हटा कर सोमनाथ के मंदिर की पुनप्र्रतिश्ठा की गयी। जिसमें प्रथम राश्ट्रपति बाबू राजन्दे प्रसाद स्वयं उपस्थित रहे थे। इसी प्रकार अंग्रेजों के द्वारा खडे किए गए गुलामी के चिन्हों को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद समाप्त किया गया। तो श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए ऐसी सोच क्यों नहीं अपनायी जा रही। उन्हांेने कहा जिस ईष्वरीय कार्य को लेकर विष्व हिन्दू परिशद चला है उसको पूर्णता अवष्य प्राप्त होगी।
इस दौरान आन्ध्र प्रदेष से आये स्वामी सच्चिदानन्द तीर्थ ने कहा प्रभू श्रीराम जन-जन के हृदय में विराजमान है। भगवान विश्णु महामानव के रूप में अवतरित होकर अयोध्या जैसी पूण्य भूमि को अपनी लीला एवं कर्मभूमि बनाया उनके मंदिर निर्माण के लिए राजनैतिक दुराग्रह से ऊपर उठकर विचार करना चाहिए। स्वामी षंकरानन्द सरस्वती ने कहा अनुश्ठान एक ऐसा मार्ग है जो परमात्मा को भी दुर्गम कार्यो को पूर्ण करने के लिए विवष करा देता है। मंदिर का निर्माण अवष्य होगा और संकल्प पूर्ति का मार्ग प्रभु ही प्रषस्त करेंगे।
इस अवसर पर अन्तर्राश्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेष चन्द्र, संयुक्त महामंत्री चम्पत राय, केन्द्रीय मंत्री पुरूशोत्तम सिंह, राजेन्द्र सिंह पंकज, कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी, त्रिलोकीनाथ पांडेय, देवेन्द्र सिंह, प्रो.कृश्णमूर्ति सहित लंगभग सवा सौ साधक उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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