Categorized | अयोध्या

गो-सुरक्षा एवं संवर्धन विशय पर एक गोश्ठी

Posted on 14 December 2011 by admin

राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिश्ठ प्रचारक व अखिल भारतीय गो-सेवा प्रमुख षंकर लाल जी  ने आज यहाॅं कहा प्रत्येक वर्श 2.50 करोड़ गोवंष की निर्मम हत्या की जा रही है जिसके कारण जीव, जंगल, जमीन और पर्यावरण को हानि पहुंच रही है। इसको बचाने के लिए अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गए तो हमारे अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो जायेगा।
श्री लाल कारसेवकपुरम् में गो-सुरक्षा एवं संवर्धन विशय पर एक गोश्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।  गोश्ठी का संचालन राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रान्त प्रचारक मुकेष जी ने किया। इस अवसर पर श्री षंकर लाल ने कहा 60 वर्श पूर्व इस देष में किसान आत्म हत्या नहीं करते थे क्योंकि जल, जमीन और जंगल उनके आय के साधन हुआ करते थे। कृशि, पषु एवं मनुश्य एक दूसरे के पूरक थे। दुर्भाग्य है कि यहाॅं कि सरकारी नीतियों के कारण यह चक्र टूट गया जिसके कारण आज किसान आत्म करने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा देष को संबृद्धषाली बनाने के लिए गौआधारित कृशि की पुनः आवष्यकता है। अच्छी देषी नस्ल की गोवंष तैयार करना उसके द्वारा गौ-चिकित्सा केन्द्र, गौ-आधारित कृशि, गौ-आधारित ऊर्जा का निर्माण, गोचर भूमि का संरक्षण एवं गो-संवर्धन के द्वारा हम यह कार्य कर सकते है।
उन्होंने बताया देष में विष्व मंगल गो-ग्राम यात्रा गत वर्श निकाली गयी यात्रा के बाद 500 नई गोषालाओं का निर्माण हुआ एवं लाखों लोग गोपालक बनकर गाय का पालन कर रहे है।  उन्होंने कहा प्रत्येक प्रान्त में प्रषिक्षण केन्द्र तथा गो-अनुसंधान की स्थापना की जा रही है। आज गोपालक परिवार एक गोवंष से 100/-प्रतिदिन घर बैठे आमदनी कर रहा है।  उन्होंने कहा जर्सी नस्ल के दूधारू पषु से प्राप्त दूध को पीने वाले मनुश्य अप्रत्यक्ष रूप से जहर का सेवन कर रहे है। उनका परिवार संस्कारवान कभी नहीं हो सकता है। रसायनिक खादों से पौधे जहरीले होते जा रहे हैं जिसके कारण इन पौधों का सेवन करने वाले जीव और उन जीवों के मांस को खाने वाले तक इस जहर के षिकार हो रहे है। गिद्धों की विलुप्तता का कारण भी यही है। पर्यावरण की सुरक्षा भी गौ-वंष से जुडा विशय है। उन्होंने बताया कि देषी गाय के 720 लीटर दूध से एक तोला स्वर्ण भस्म प्राप्त होता है। उन्होंने बताया ऊर्जा के क्षेत्र में भी गोवंष आधारित जनरेटर, ट्रैक्टर, टयूबबेल आदि के संचालन को विकसित किया जा चुका है जो देष के राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेष, महाराश्ट्र जैसे राज्यों में सफलता पूर्वक काम रहे है।
उन्होंने कहा गाय को मांॅ मानकर हम इसकी सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए अबिलम्ब अगर संकल्पित नहीं हुए तो गाय चित्रों पर ही रह जायेगी आने वाली पीढियाॅं हमको कोसेंगी।
क्षेत्रीय गौरक्षा प्रमुख-विहिप श्री वसुदेव पटेल ने गोअनुसंधान केन्द्रों की स्थापना पर बल देते हुए बताया कि प्रदेष में अनेक स्थानों गोवंष से प्राप्त गोमूत्र एवं गोबर के द्वारा पंचगव्य औशधियाॅं तथा दैनिक उपयोगी एवं कीटनियंत्रक आदि बनाये जा रहे है।
इस अवसर पर डा.अनिल मिश्र प्रान्त कार्यवाह, कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी, डा.लाल बहादुर सिंह, विभाग प्रचारक राम चन्द्र, सर्वेष जी, श्री राम गोषाला के हरी राम गुप्त, अषोक पाठक, सेवा प्रमुख वीरेन्द्र कुमार, रवि कुमार, कमल बाबा, सुभाश पांडेय आदि अनेक गोसेवक एवं गोपालक उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in