श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपाल दास महाराज जी ने आज यहाॅं कहा हिन्दू हिन्दुत्व के प्रति निश्ठावान हो तभी धर्म की रक्षा हो सकेगी। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में मुस्लिम और न्यायालय के द्वारा बाधा नहीं बल्कि तथाकथित सेक्यूलरवादी हिन्दू ही बाधा बने खडे हैं। 85 प्रतिषत हिन्दू होते हुए भी यह समस्या हिन्दू समाज के लिए षर्म की बात है। जिस दिन हिन्दू समाज गर्व से कहेगा हम हिन्दू हैं उसी दिन जो कार्य कल होने वाला है वह आज ही सम्पन्न हो जायेगा।
श्रीदास कारसेवकपुरम् में विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक के उद्घाटन अवसर पर आये पदाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। श्री दास ने कहा धर्मो रक्षति रक्षितः हम धर्म की रक्षा करेंगे। तभी धर्म हमारी रक्षा करेगा। एक तरफ हमारी रक्षा ईष्वर कर रहा है तो दूसरी तरफ धर्म कर रहा है। जिस प्रकार ईष्वर सनातन है उसी प्रकार धर्म भी सनातन है। यह किसी महापुरूश या व्यक्ति द्वारा चलाया गया नहीं है जो मिट जाये हम आदि से हैं और अन्त तक रहेंगे। राम साक्षात् धर्म हैं और धर्म को धारण कर मर्यादा पुरूशोत्तम बने। राक्षसों का बध ही मूल कारण नहीं रहा बल्कि धर्म की रक्षा के लिए वह इस धरा पर आये और उन्होंने विभिन्न सूक्तियांे को अपने विचारों और कृतित्व से स्थापित कर धर्म का संवर्धन किया। धर्म लोक बनाता है कला सिखाता है इसलिए हम लोक तक सीमित न रह जायें इसलिए धर्म का संरक्षण करें। उन्होंने कहा ईष्वर सर्वकालिक है उसे सीमाओं में बाॅंधा नहीं जा सकता वह सर्वत्र व्याप्त है।
विष्व हिन्दू परिशद धर्म प्रसार विभाग धर्म की सुरक्षा में तत्पर है वह अपने कार्य को ईष्वर का कार्य समझकर करें, ईष्वर उनकी मदद करेगा ही। उन्होंने कहा धर्म पर चतुर्दिक प्रहार हो रहे हैं। एक तरफ ईसाई और इस्लाम तो दूसरी तरफ राजनीतिक संकीर्णता। आसुरी षक्तियों पर विजय प्राप्त कर लक्ष्य की प्राप्ति करनी ही होगी।
इससे पूर्व विष्व हिन्दू परिशद के केन्द्रीय मत्री धर्म नारायण षर्मा ने कहा हम सनातनी है धर्म हमारा सनातन है अनेक राश्ट्र मिट गए परन्तु भारत का प्रवाह निरन्तर बना हुआ है। गंगा-यमुना-सरस्वती और तीर्थ नगरियाॅं ज्यों की त्यों हमारी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्य बनाये हुए हैं। आक्रमणकारियों ने हमे परास्त करने का निरन्तर प्रयास किया लेकिन हम चट्टान की भाॅंति आज भी अपनी गौरव गाथा गा रहे हैं। इस धरती पर धर्म का दीप जलाने का कार्य सनातन काल से हिन्दू समाज करता आ रहा है। आज विष्व हिन्दू परिशद सर्वे भवन्तु सुखिनः, कृण्वन्तो विष्व मार्यम् की सुक्ति को आत्मसात करते हुए आगे बढ रही है। व्यक्ति छोटे-बडे स्वार्थ के कारण इधर उधर भटक रहा है हमे धर्म के प्रति कट्टरता लानी होगी हमारी धर्म के प्रति निश्ठा होनी चाहिए। सनातन जीवन मूल्यों की रक्षा हर हाल में करनी होगी। ‘‘जागो जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाये’’ शडयंत्रकारी षक्तियों को पराभूत कर धर्म की स्थापना करो।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख पुरूशोत्तम नारायण सिंह, जुगुल किषोर, साध्वी ऋतम्भरा के गुरूभाई स्वामी परमात्मानन्द गिरि अमरकंटक, महन्त हरी दास दिल्ली, अखिल भारतीय जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष हरि ओम तायल, किरण जी, नारी षक्ति मंच की महामंत्री अरूणा, कोशाध्यक्ष मनोहर लाल, भुजंगराव, अच्युदानन्द, राम कृश्ण गौर, स्वामी राम स्वरूप, गुलाब सिंह, धर्मेन्द्र भाई, लक्ष्मी लाल, सुरन्द्र सिंह, प्रमोद साहू तथा कारसेवकपुरम् प्रभारी प्रकाष अवस्थी आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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