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हिन्दू संगठनों, संत-धर्माचार्यो तथा उनके उत्सव और कार्यक्रमों को प्रतिबन्धित करने का पूरा मन बना चुकी है

Posted on 18 December 2011 by admin

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिश्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा0राम विलास दास वेदान्ती ने कहा कि कांग्रेस सरकार खिसक गए मुस्लिम समाज का वोट प्राप्त करने के लिए हिन्दू संगठनों, संत-धर्माचार्यो तथा उनके उत्सव और कार्यक्रमों को प्रतिबन्धित करने का पूरा मन बना चुकी है। जिसका ताजा उदाहरण बाबा रामदेव के रामलीला मैदान प्रकरण  पर आयी रिपोर्ट से स्पश्ट हो चुका है। कांग्रेस देष को एक बार 1947 के विभाजन की स्थिति में लाकर खंडित करने का शडयंत्र कर रही है। साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 इसी शडयंत्र का एक हिस्सा है। अभी तक देष के प्रधानमंत्री ने इस पर अपनी तरफ से देष को आष्वस्त नहीं किया कि वह इस अधिनियम के बारे क्या करने वाले है। देष का हिन्दू समाज आषंकित है कि इस कानून के बनने से हिन्दू अपने ही देष में अपराधी बन जायेगा। 2012 के जनवरी-फरवरी माह के बीच इस विशय को लेकर छिड सकता है राश्ट्रव्यापी आन्दोलन। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चाहिए कि वह प्रस्तावित अधिनियम को वापस लेते हुए देष से माफी मांग लें।

श्री वेदान्ती दिल्ली में साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 के विरोध में संत-धर्माचार्यो द्वारा 11, 12 दिसम्बर को आयोजित हो चुके संत समागम में लिए गए निर्णय के उपरान्त प्रेस को जारी अपने बयान में चर्चा करते हुए कहा साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 सरकार इसी सत्र में लाना चाहती थी लेकिन भ्रश्टाचार और मंहगाई के कारण संसद के पटल पर यह नहीं आ सका लेकिन संसय के बादल अभी छटे नहीं है।  सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित राश्ट्रीय सलाहकार परिशद (एन.ए.सी.) की मंषा अभी साफ नहीं हुई है।  उन्होंने कहा इस कानून से हिन्दू समाज की धार्मिक परम्पराआंे को जहाॅं हानि पहूंचाने का शडयंत्र हो रहा है वहीं राश्ट्र विरोधी तत्वों का विरोध करने वाले संगठनों को प्रतिबन्धित करने का कुचक्र रचा जा रहा है। अल्पसंख्यकों केनाम पर हिन्दू मुस्लिम और दलित इनको तीन भागों में बाॅंट कर फिर मुस्लिमों को दलितों के साथ मिलाकर देष को तोडने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा ऐसा कानून बनाने वाली नेषनल एडवाइजरी कमेठी को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए और देष के प्रधानमंत्री को इस विशय में तत्काल माफी मांगना चाहिए। अन्यथा संत-धर्माचार्यो के नेतृत्व में देष का हिन्दू वर्श 2012 के जनवरी-फरवरी, माह के बीच राश्ट्रव्यापी आन्दोलन छेडेंगे। इससे पूर्व प्रयाग में माघ मेले के दौरान संत-धर्माचार्यो की उपस्थिति में एक बार पुनः मंथन होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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