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विद्युत ग्रिड फेल होने में यू0पी0 दोषी नहीं- प्रमुख सचिव ऊर्जा

Posted on 07 August 2012 by admin

नई दिल्ली स्थित इण्डिया हैबिटेट सेण्टर के जकरण्डा हाल में विद्युत समस्याओं पर विचार करने के लिए आज केन्द्रीय विद्युत मंत्री वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी समेत 8 राज्यों की बैठक बुलायी गयी थी। इस बैठक में बिजली के पारेषण एवं वितरण के मुद्दों पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश की तरफ से प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने भाग लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पक्ष को बैठक में मजबूती के साथ प्रस्तुत किया।
प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि गत सप्ताह विद्युत ग्रिड ठप्प होने के लिये उत्तर प्रदेश दोषी नहीं है, जैसाकि प्रचारित किया गया। उन्होंने बताया कि विद्युत की मांग एवं आपूर्ति में गैप के कारण ग्रिड फेल होने की घटना हुई थी।
डाॅ0 अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि उत्तर प्रदेश को इस समय 9000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है जबकि प्रदेश को केवल 7000 मेगावाट बिजली मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि प्रदेश को कोयला की आपूर्ति समुचित रूप से मिले तो यहां 11900 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है और अपनी खपत के बाद दूसरे प्रदेशों को भी बिजली निर्यात की जा सकती है।
डाॅ0 गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार की आगरा-ग्वालियर-भिण्ड विद्युत लाइन पर अपग्रेडेशन का कार्य चल रहा है जो 400 के0वी0ए0 का है। इसी अपग्रेडेशन के दौरान इस लाइन के ओवर लोड होने के कारण बहुत बड़ा फाल्ट हो गया था और हमें आगरा परिक्षेत्र की लाइट लगातार काटने का निर्देश दिया जा रहा था, जबकि मा0 उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि ताज नगरी आगरा की लाइट न काटी जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री ने आश्वासन एवं भरोसा दिलाया

Posted on 25 July 2012 by admin

स्कूटर इंडिया लिमिटेड के भविष्य पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आगामी 27जुलाई को बी.आर.सी.एस.ई. के चेयरमैन श्री नितिन सेन गुप्ता, स्कूटर इंडिया के सीएमडी और ज्वाइंट सेक्रेट्री के बीच उद्योग मंत्रालय में बैठक होनी है। इस सिलसिले में आज अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 श्री दिग्विजय सिंह तथा प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी, स्कूटर इंडिया इम्पलाई यूनियन(इण्टक) के महामंत्री श्री के0के0 पाण्डेय व स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री श्री ओ0पी0 पाण्डेय के साथ सार्वजनिक प्रतिष्ठान स्कूटर इंडिया लिमिटेड को बचाने के लिए प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह जी से मिले।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री को स्कूटर इण्डिया के वर्तमान हालात से अवगत कराया। उन्होने बताया कि कम्पनी वेतन सहित सारा भुगतान स्वयं वहन कर रही है तथा सरकार से कोई धन नहीं ले रही है। डाॅ0 जोशी ने बताया कि यह कम्पनी तिपहिया बनाने वाली देश की एक मात्र सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है। उन्होने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी जी ने इस कम्पनी की स्थापना की थी।
उन्होने यह भी बताया कि कम्पनी में तिपहिया वाहन का उत्पादन वर्ष 2009-10 में लगभग 12हजार था जो कि बढ़कर लगभग 17हजार 512 हो गया है। उन्होने बताया कि कम्पनी के पास भूसम्पत्ति काफी मात्रा में है जिससे निजी क्षेत्र के लोगों की निगाहें इस पर गड़ी हुई हैं। डाॅ0 जोशी ने पुरजोर सिफारिश की कि सरकार इस कम्पनी को बचा ले, क्योंकि कम्पनी मुनाफे में आने की क्षमता रखती है। इसके साथ ही यह भी निवेदन किया कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58वर्ष से बढ़ाकर 60वर्ष कर दिया जाय ताकि अनुभवी कर्मचारियों का लाभ कम्पनी को मिले और वह इसे पुनर्जीवित कर सकें।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मांग की, कि चूंकि यह कम्पनी आटोमोबाइल क्षेत्र की कम्पनी है और इसमें लिम्ब सेंटर एवं आयल सेक्टर के सी.एम.डी. भेजे जाते हैं इसलिए कम्पनी में आटोमोबाइल क्षेत्र के प्रबंधन को ही भेजा जाय तथा मैनेजमेंट में गंभीर फेरबदल करके आटोमोबाइल क्षेत्र के अधिकारियों को नियुक्त किया जाय।
इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री से मिलकर स्कूटर इंडिया लि0 इम्प्लाईज यूनियन(इण्टक) के महामंत्री श्री के.के. पाण्डेय ने कर्मचारियों से सम्बन्धित मुद्दे को लेकर एक ज्ञापन सौंपा, जिस पर प्रधानमंत्री ने आश्वासन एवं भरोसा दिलाते हुए कम्पनी केा सार्वजनिक क्षेत्र में ही चलाने का आश्वासन दिया तथा कर्मचारी हितों की रक्षा का भी आश्वासन दिया।
डाॅ0 जोशी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की बातों को प्रधानमंत्री जी ने गंभीरतापूर्वक सुना तथा उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तकलाओं का औद्योगिक स्तर पर विस्तार किया जाएृगा

Posted on 24 July 2012 by admin

photo1उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तकलाओं का औद्योगिक स्तर पर विस्तार किया जाएृगा। उन्होंने मुरादाबाद के पीतल उद्योग, फिरोजाबाद के कांच उद्योग, लखनऊ के चिकन उद्योग, भदोही के कालीन उद्योग तथा वाराणसी एवं मऊ के बुनकरों की चर्चा करते हुए कहा कि हस्त शिल्पकारों एवं कामगारों को प्रोत्साहित किया जायेगा। स्वास्थ्य सेवाओं पर बल देते हुए श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में नये मेडिकल कालेजों की स्थापना तथा वर्तमान में चल रहे मेडिकल कालेजों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने तथा उनके सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज दिल्ली के एक होटल के सभागार में फिक्की (फेडरेशन आॅफ इण्डियन चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज) के लेडीज आॅर्गेनाइजेशन ‘फ्लो’ में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं। समारोह की शुरूआत मुख्यमंत्री एवं उनकी पत्नी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी तथा सांसद डिम्पल यादव का अभिनन्दन कर उन्हें ग्रीन सार्टिफिकेट भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पी0पी0पी0 माॅडल पर प्रदेश में सड़कों का निर्माण, विद्युत परियोजनाओं के विस्तार तथा विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य शुरू किया जा रहा है। सोनभद्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उसे 4-लेन हाई-वे से जोड़ने का कार्य शुरू किया जाएगा। उद्योग धन्धों की चर्चा करते हुए श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए ‘उद्योग बन्धु’ को और मजबूती प्रदान की जायेगी। सिंगिल विण्डो की व्यवस्था के तहत उद्यमियों को आॅन लाइन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष बल दिया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, कृषि, उद्योग, विद्युत उत्पादन एवं वितरण, सौर ऊर्जा आदि के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कन्याओं को बेहतर शिक्षा के लिए हमारी सरकार 12वीं पास लड़कियों के लिए ‘कन्या विद्या धन योजना’ शुरू करने जा रही है, जिस पर 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दसवीं पास लड़कियों के लिए भी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए योजना बनाई जा रही है, जिस पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के युग की शुरुआत करते हुए कक्षा 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को टैबलेट कम्प्यूटर तथा कक्षा 12 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटाप उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे प्रदेश की शहरी और ग्रामीण जनता को पर्याप्त बिजली उपलब्ध करायी जा सके।
photo-2श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान देश है। इसलिये कृषि विकास एवं कृषकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कृषकों को खाद, बीज, कृषि रक्षा, कृषि यंत्र एवं सिंचाई की समय से उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दुग्ध विकास और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमारी सरकार गम्भीर पहल कर रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच लाख लीटर दुग्ध भण्डारण क्षमता वाली डेयरी की स्थापना की जा रही है। यह उत्तर भारत की सबसे बड़ी डेयरी परियोजना है। हम दुग्ध उत्पादन को बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में बढ़ावा देने के हक में हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की जो जमीन अधिग्रहीत की जायेगी उसकी अच्छी कीमत भी दी जाएगी और उन्हें क्षेत्र में परियोजना स्थापित होने पर उसके लाभों की जानकारी दी जाएगी तो वे अपनी जमीन सहर्ष देने को तैयार हो जायेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि गंगा एवं यमुना का प्रदूषण कम करने तथा उनकी सफाई के लिए कदम उठाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और बिहार को मिलकर कार्य करना होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी सबसे अधिक होगी। इसमें आम जनता की भागीदारी एवं जागरूकता भी जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए जी0डी0पी0 का लक्ष्य 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया है। गन्ना किसानों के समाधान के लिए नई शुगर पालिसी बनायी जा रही है। उत्तर प्रदेश में 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन गन्ने के बगास से हो रहा है। उत्तर प्रदेश में विकास की बहुत सी संभावनाएं हैं। जिसके लिए समुचित नीति का निर्धारण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में युवा वर्ग की नई सोच, नए जोश एवं वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव का समन्वय कर प्रदेश को विकास की नयी धारा से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी तथा सांसद श्रीमती डिम्पल यादव ने फिक्की की महिला सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर दिए तथा उनकी शंकाओं का भी समाधान किया। फिक्की की महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती दिव्या सूरी सिंह एवं सदस्य श्रीमती मनप्रीत वालिया, नमिता गौतम, नीना मल्होत्रा, कविता वरदराज, गरिमा जैन, अवन्तिका डालमिया, वस्वी भरतराम आदि ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं सांसद श्रीमती डिम्पल यादव का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अक्षय कुमार को पीने की लत क्यों लगी है?

Posted on 09 July 2012 by admin

brook-bond-pic-akshay-kumarसबके चहेते एक्शन स्टार अक्षय कुमार और उनकी वर्तेवमान सिने नायिका सोनाक्षी सिन्हा के बीच आजकल कुछ छोटी छोटी लडाईयां हो रही हैं। हाल ही में, इन दो सितारों ने राउडी राठौड में अपने धमाकेदार काम से दर्शकों को खुश किया था। कुछ दिन पहले, सोनाक्षी के जन्मदिन पर अक्षय ने एक बडा आयोजन भी ेकया था। लेकिन अब अक्षय को सोनाक्षी की नाराजगी झेलनी पड रही है।  इन दोनों के बीच ..  इस विषय में कुछ आंतरिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोनाक्षी और अक्षय दोनों ही अपने फिटनेस का बहुत ध्यान रखते हैं और आधुनिक तकनीकों की मदद से अपने आप को तंदुरूस्त रखते हैं। लेिकन कुछ दिनों से अक्षय एक नयी आदत के शिकार हुए हैं, जिसकी वजह से इन दोनों सहकलाकारों में झगडे हो रहे हैं।  बालीवुड के इस खिलाडी नं.१ को पीने की लत लगी है! और यही वो आदत है, जो उनके आगामी चित्रों में उनके साथ काम कर रही सोनाक्षी नाराज है।  लेिकन आप इस बात का गलत मतलब मत लीेजए, अक्षय अभी भी मदिरा पान से दूर हैं! दरअसल बात यह है कि, हमारे इस एक्शन स्टार की शूटिंग के समय, शूटिंग के बीच में और बाद में भी एक के बाद एक चाय के पीने की आदत  पडी है। हाल ही में चाय के शौेकीन बने अक्षय अपने निजी सहायक को हर दिन पाइपिंग हॉट टी का एक बडा फ्लास्क लेकर आने के  लिए कहते हैं।  हर दिन मार्शल आर्ट्स, जाॅगिंग, स्वीेमिंग जैसी कसरत करके अपनी सेहत का ध्यान रखनेवाले अक्षय अब अपनी  नियमित दिनचर्या में दो कप से  ज्यादा चाय पीने लगे हैं। इतना ही नहीं, अक्षय अब जोर देकर कह रहे हैं कि वो सोनाक्षी को भी पूरी तरह चायबाज बना देंगें। लेकिन, छम्मक छल्लो, छैल छबीली अवतार में रुपहले परदे पर  धूम मचाने वाली मादक अदाकारा सोनाक्षी, अक्षय की इस कल्पना को हंसी में उडाकर कहती है कि यह सब पागलपन है।  वो कहती हैं, मैं और अक्षय हमेशा स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती से जुडी जानकारी एक दूसरे को देते रहते हैं, लेकिन यह नयी आदत, एक पागलपन है। अक्षय तो पानी की तरह चाय पीते रहते हैं और इससे स्वास्थ्य को मिलनेवाले फायदे भी बताते रहते हैं.. लेकिन मुझे इन बातों में बिल्कुल विश्वास नहीं है।  एक बार हम एक गाने की शूटिंग कर रहे थे और उन्होने एक स्टेप के बीच में ही मुझे छोड दिया, क्योकि उन्हें हर घंटे के तय समय पर चाय पीनी थी। क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं?  लेकिन अक्षय अपने बचाव में कहते हैं, .. अरे भाई,  आप बस रूको और देखते रहो! यह खिलाडी कभी भी ेकसी चुनौती से हार नहीं मानता है।  बहुत जल्द, मैं उसे कुल्हड में मसाला चाय पिलाउंगा।  ठीक है अक्षय, हम भी इस बात का इंतजार करना चाहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लघु समाचार पत्रों की कठिनाइयों से राष्ट्रपति को अवगत कराया आइसना प्रतिनिधि मंडल ने

Posted on 13 June 2012 by admin

aisna-1आॅल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन (आइसना) के प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति डा. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मुलाकात कर लघु समाचार पत्रों की कठिनाइयों से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। महामहिम राष्ट्रपति से हुई मुलाकात में आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री आरती त्रिपाठी, विधि सलाहकार श्री दिलबाग सिंह आदि ने राष्ट्रपति महोदया को छोटे व बड़े अखबारों के बीच की विसंगतियों समेत कई अन्य समस्याओं से अवगत कराया, जिन्हें राष्ट्रपति डा. पाटिल से बड़ी गंभीरता सुना व शीघ्र निस्तारण हेतु सूचना व प्रसारण मंत्रालय को ज्ञापन अग्रसारित करने का आश्वासन दिया।
इस ज्ञापन में लघु व मंझोले समाचार पत्रों हेतु विज्ञापन नीति व विज्ञापन हेतु मान्यता मिलने में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का जिक्र किया गया है, साथ ही साथ रेलवे व बस में यात्रा के छोटे व मझोले अखबारों के पत्रकारों हेतु कूपन, सरकारी गेस्ट हाउस में रियायती दर पर ठहरने की सुविधा, सामूहिक बीमा, आवास सुविधा, सुरक्षा आदि जैसी बुनियादी जरूरतों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया गया है।
आइसना यूपी प्रदेश अध्यक्ष पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने राष्ट्रपति से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रपति महोदया ने प्रतिनिधि मंडल से बड़ी ही आत्मीयता से मुलाकात की और लघु समाचार पत्रों की समस्याओं को बड़े ध्यान से सुना। श्री शर्मा ने आगे कहा कि समाज को सही दिशा में देने में लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन उनमें भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की है क्योंकि उनके तार सीधे ग्रामीण अंचलों से जुड़े होते हैं, सीधे जनता से जुड़े होते हैं और इसीलिए जनता को अपने जिले, अपनी तहसील व अपने ग्राम-अंचलों से निकलने वाले समाचार पत्र-पत्रिकाओं से बड़ी उम्मीदें हैं और इस उम्मीद को सही मायने में लघु व मध्यम समाचार पत्र ही पूरा कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति महोदया से हुई मुलाकात लघु समाचार पत्रों को तमाम कठिनाइयों से उबारने में मददगार साबित होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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चै. अजित सिंह ने गृहमंत्री से मुलाकात की

Posted on 07 June 2012 by admin

pc-with-ajit-singhनागरिक उड्डयन मंत्री एवं राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चै. अजित सिंह ने केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर केन्द्रीेय गृहमंत्री श्री पी. चिदम्बरम से आज नाॅर्थ ब्लाॅक, नई दिल्ली में मुलाकात की।

चै. अजित सिंह ने गृहमंत्री से मांग की कि जाट आरक्षण के मुद्दे को जल्द सुलझाया जाए जिससे कि सभी वर्गों में समानता लाई जा सके तथा जाटों को उनके अधिकार दिलाए जा सकें। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री दिग्विजय सिंह तथा चै. अजित सिंह ने श्री चिम्बरम से पहले भी कई बार मुलाकात कर यह मुद्दा उठाया है। गौरतलब है कि रालोद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह मुद्दा केबिनेट में भी उठाया है।

कांग्रेस और रालोद जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर मुखर हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण की समीक्षा की मांग को खारिज कर दिया था लेकिन कांग्रेस और रालोद की कोशिशों के कारण केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष नियमों में बदलाव किया। इन्हीं कोशिशों की वजह से पिछड़ा वर्ग आयोग दोबारा इस मुद्दे की सामीक्षा कर रहा है। श्री चिदम्बरम ने आश्वासन दिया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग इस पर विधिपूर्वक समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट जल्द ही सौपेंगा।

इस मौके पर चै. अजित सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जाट आरक्षण को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री से मुलाकात सकारात्मक रही। गृहमंत्री ने इस मसले को जल्द ही सुलझाने का आश्वासन दिया है।

चै. अजित सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में जाटों को पिछड़ी जाति में शामिल किया जाता है। हरियाणा राज्य में इस मुद्दे को लेकर अलग आयोग भी बनाया गया है। जब जाटों को राज्यों में पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाता है तो केन्द्र में क्यों नहीं?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Unveiling of Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap

Posted on 20 May 2012 by admin

The Approach Paper, “Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap” prepared by scholar, Dr Javed Jamil, will be unveiled for nationwide public debate on 21st May, 2012 at India Islamic Cultural Centre, New Delhi.
What shall be the role of Muslims in their dear country India that is progressing leaps and bounds on daily basis, what shall be their destiny and the approach map to reach it, what shall be the basis of their progress in the light of Muslim and Islamic viewpoint and analysis, and what shall be the parameters of growth and progress in the light of Islamic rules and within the framework of Indian constitution, these are some of the salient features of Dr. Javed Jamil’s paper titled “Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap”.
Talking to R.N.I., Dr. Jamil said that the approach paper is important because it is the first comprehensive approach paper for trying to analyze the Muslim Perspective of India’s goals of development and developing a national level multi-faceted, holistic strategy for the socio-economic empowerment of Muslims within the parameters of Islam, Indian culture and national interests. The paper not only makes a critical analysis of national policies and presents a Muslim perspective of the direction in which the growth is taking place in the country, it also critically analyses the problems of the country especially related to economic disparity, erosion of human values, spread of social evils and overriding negative impact of economic forces; and critically analyses the problems Muslims are facing and discusses the various issues involved. It covers almost all range of issues from religious education to modern education, employment, absence of Muslims in corporate sector, problems in medium and small scale industries, issues related to Islamic Finance sector, urban developmental issues, rural issues, health issues, importance of NGO sector, empowerment of women within Islamic framework, social and security issues, issues related to media and many more.
The paper suggests more than 170 measures in different fields. Some of these measures are to be taken by the government, some by the community and some by the combined effort of both. The paper has 20 chapters covering all the aspects of the system.
It emphasizes coordination between the governmental and community institutions as most of these measures require efforts at both the levels. The paper also devotes a special chapter on Interfaith, stresses an all-religion alliance against social evils and calls for an end to communal hatred.
Dr. Javed Jamil’s paper is being seen with great optimism in certain sections of the society and it remains to be seen up to what extent the Government of India make use of this report. A blueprint or rather a roadmap to the progress of Muslims in the country has already been prepared and it is upon the decision-makers to see that adequate measures are taken for its implementation.
Mr K. Rahman Khan, Former Deputy Chairman, Rajya Sabha will release the document. Law & Minority Affairs Minister, Mr Salman Khurshid will be the Chief Guest. Eminent Journalist, Mr Azeez Burney will be the Guest of Honour. Renowned Philanthropist & President IICC, Mr Sirajuddin Qureshi will deliver the welcome address. A large number of dignitaries including politicians, academicians, social activists, religious scholars, media personalities and academicians are expected to gather for the event.

R.N.I. News Network,New Delhi:
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यूपी के सभी जिलों में होंगे 11 मई को विषाल धरना-प्रदर्षन

Posted on 11 May 2012 by admin

अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. उदित राज ने कहा कि 11 मई को उत्तर प्रदेष के सभी जिलांे पर कर्मचारियों, अधिकारियों एवं दलित समाज के लोग धरना-प्रदर्षन करके मुख्यमंत्री एंव प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्हांेने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार, सामाजिक न्याय के बुनियाद पर बनी है, को पदोन्नति में आरक्षण एवं परिणामिक लाभ को समाप्त करने का आदेष नहीं जारी करना चाहिए था। दलित, आदिवासी समाज को सदियों के बाद जब शासन-प्रषासन में थोड़ी सी भागीदारी लेने का अवसर आया तो न्यायपालिका से लेकर विभिन्न सरकारों ने तमाम अड़चनें खड़ी कर दी। डाॅ. उदित राज ने कहा कि क्या 25 प्रतिषत दलित आदिवासी को शासन-प्रषासन से वंचित रखरकर देष की तरक्की संभव है? प्राप्त खबरों के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेष, पूर्वी-मध्य एवं पष्चिम उत्तर प्रदेष, बुंदेलखण्ड के सभी जिलों में 11 मई को विषाल धरना-प्रदर्षन किए जाएंगे।
डाॅ. उदित राज ने प्रदर्षन के मुख्य मांगों के बारे में कहा कि हमारी मांग इस प्रकार है-प्रोन्नति में आरक्षण तथा परिणामी ज्येष्ठता लागू करने हेतु संविधान में संषोधन हो, आरक्षण हेतु आरक्षण कानून बने, आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 27 अप्रैल 2012 को देखते हुए राज्य सरकार एम. नागराज केस के निदेर्षों के तहत आवष्यक आंकड़े लेकर आरक्षण का नया आदेष जारी करें, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू हो, न्यायपालिका एवं सेना में दलितों, की भागीदारी हो।
उदित राज ने आगे कहा कि संविधान के 77वें संषोधन के द्वारा दलितोें को प्रोन्नतियों में आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी तथा 85वें संषोधन के द्वारा परिणामी ज्येष्ठता का लाभ दिया गया था। संविधान संषोधन द्वारा दी गयी उक्त व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले द्वारा समाप्त कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि राज्य सरकार ने एम. नागराज के मुकदमें में दिये गये निर्देषों के अनुसार दलितों की प्रतिनिधित्व की स्थिति उनके पिछड़ेपन तथा दक्षता आदि का मूल्यांकन नहीं किया गया इसलिए उत्तरप्रदेष आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 3 (7) तथा तृतीय संषोधन ज्येष्ठता नियमावली 2007 (जिसमें परिणामी ज्येष्ठता का लाभ दिया गया था) को निरस्त कर दिया गया है।
उक्त के आलोक में यह मांग की जाती है कि संविधान के 77वें संषोधन के अनुरूप एम. नागराज के केस में दिए गए मानकों के अनुसार तत्काल एक सर्च कमिटी द्वारा मूल्यांकन कराते हुए पदोन्नति में आरक्षण तथा परिणामी ज्येष्ठता का नया आदेष जारी किया जाए तथा तब तक यथास्थिति बनाए रखी जाए। सर्च कमिटी में एक दलित भी रखा जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आतंकवाद निरोधक व्यवस्था को मूर्तरूप देने से पूर्व इसके स्वरूप, शक्तियों एवं संचालन पर विचार किया जाए - मुख्यमंत्री

Posted on 05 May 2012 by admin

  • प्रस्तावित व्यवस्था से किसी संस्था की स्वायत्तता क्षीण न हो
  • आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए केन्द्र तथा राज्यों की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण
  • नेशनल काउन्टर टेरेेरिज़्म सेन्टर पर दिल्ली में बैठक सम्पन्न

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आतंकवाद निरोधक व्यवस्था कायम करने के लिए केन्द्र और राज्यों के स्तर पर एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि नेशनल काउन्टर टेरेरिज़्म सेन्टर (एन.सी.टी.सी.) जैसी व्यवस्था को  मूर्तरूप देने से पूर्व इसके स्वरूप, शक्तियों एवं संचालन पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे कि किसी संस्था की स्वायत्तता क्षीण न हो और प्रस्तावित व्यवस्था समय की कसौटी पर भी खरा उतरे।
यह विचार आज नई दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा आहूत एन.सी.टी.सी. के सम्मेलन में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री बलराम यादव ने मुख्यमंत्री का वक्तव्य पढ़ते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री श्री पी0 चिदम्बरम एवं अन्य सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री/प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के विचारों से सम्मेलन को अवगत कराते हुए पंचायती राज मंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था मूलतः राज्य का विषय है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन, लोगों की संवेदनाओं तथा स्थानीय परिदृश्यों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। यह भी अविवादित है कि आतंकवाद निरोधक कार्यवाहियां अक्सर कानून-व्यवस्था के संवेदनशील पहलुओं से भी जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह दायित्व है कि इन सभी पहलुओं के दृष्टिगत वरीयतायें निर्धारित करें तथा राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी सुसंगत कदम उठाए। इसीलिए किसी भी आॅपरेशनल कार्यवाही की जानकारी राज्य सरकार को रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोई भी आॅपरेशन स्थानीय पुलिस के परामर्श एवं सहभागिता से ही संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र द्वारा वर्तमान में प्रस्तावित एन.सी.टी.सी. की व्यवस्था इन सिद्धान्तों के अनुरूप नहीं है। उन्होने प्रस्तावित व्यवस्था पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसके अन्तर्गत एन.सी.टी.सी. किसी राज्य में प्रदेश सरकार की जानकारी के बिना, एन.एस.जी. अथवा केन्द्र सरकार के किसी विशेष बल के सहयोग से आपरेशन कर सकती है। उन्हांेने कहा कि इस प्रावधान से कानून-व्यवस्था से जुड़ी असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके दुरूपयोग की सम्भावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से किसी भी राज्य में केन्द्र सरकार का कोई बल राज्य सरकार की सहमति के बिना व्यवस्थापित नहीं किया जा सकता। सहमति की दशा में भी आपरेशनल कण्ट्रोल राज्य सरकार के पास ही रहता है। उन्होंने कहा कि इस सिद्धान्त का पालन एन.सी.टी.सी. के परिप्रेक्ष्य में भी किया जाना चाहिए।
श्री यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक राज्यों ने ए.टी.एस. आदि की स्थापना करके अपने स्तर से आतंकवाद के विरूद्ध प्रतिरोध क्षमता विकसित की है। राज्य एवं केन्द्र की सभी इकाईयों के बीच समन्वय कायम है। अभी तक सभी कार्यवाहियां बिना किसी अवरोध के समन्वित रूप से की जाती रही हैं। इन्टेलीजेन्स ब्यूरो द्वारा इंगित विभिन्न आपरेशनल लीड्स के आधार पर समन्वित रूप से आतंकवादियों के विरूद्ध कई आपरेशन्स सफलतापूर्वक चलाए गए हैं। इन परिस्थितियों में एन.सी.टी.सी. के माध्यम से आपरेशनल शक्तियों की दोहरी व्यवस्था कायम किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. के सृजन विषयक आदेश की प्रस्तावना में इस बात पर जोर दिया गया है कि वर्तमान व्यवस्थाओं को ही मजबूत किया जाय तथा किसी प्रकार की दोहरी व्यवस्था कायम न की जाय। इसलिए एन.सी.टी.सी. को स्वतंत्र रूप से आपरेशनल शक्तियां दिए जाने का कोई सुसंगत आधार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था में एन.सी.टी.सी. को इन्टेलीजेन्स ब्यूरो के अधीन करते हुए राज्य की विभिन्न इकाईयों की आपरेशनल प्राथमिकतायें निर्धारित करने के अधिकार दिए गए हैं, जो राज्य के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण है। उन्होंने कहा कि राज्य को अधिकार है कि वह स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप अपनी अधीनस्थ इकाईयों के लिए विभिन्न वरीयतायें निर्धारित करे। दोहरे नियंत्रण से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी तथा अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में संदेह रहेगा। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. को राज्य की किसी भी इकाई से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार है, परन्तु राज्य सरकार की इकाईयों को एन.सी.टी.सी. से उसी प्रकार सूचना प्राप्त किए जाने का कोई ठोस प्राविधान नहीं किया गया है। इसलिए ऐसा प्राविधान करने की आवश्यकता है कि यदि राज्य सरकार कोई सूचना चाहे तो एन.सी.टी.सी. प्रदान करने के लिए बाध्य हो। इसी प्रकार यदि कानून-व्यवस्था की दृष्टि से कोई तथ्य जनहित में गोपनीय रखा जाना आवश्यक हो तो राज्य को उसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार का स्पष्ट मत है कि एन.सी.टी.सी. को मूलतः अभिसूचना संकलन, विश्लेषण तथा आंकलन आदि से सम्बंधित दायित्वों के लिए सशक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि यह एजेन्सी अपना पूरा सामथ्र्य अभिसूचना की गुणवत्ता पर लगाए तो वह ज्यादा कारगर होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्था सामान्य प्रकृति की इन्टेलीजेन्स के बजाये एक्शनेबल इन्टेलीजेन्स विकसित करे। एक्शनेबल इन्टेलीजेन्स के आधार पर आपरेशनल कार्यवाहियां राज्य की इकाईयों द्वारा की जाए। इसके अलावा जहां राज्य द्वारा आवश्यक समझा जाय वहां एन.सी.टी.सी. का सहयोग प्राप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि मल्टी एजेंसी सेन्टर की जो व्यवस्था एन.सी.टी.सी. में समाहित की गई है उसमें भी सक्रियता लाये जाने की आवश्यकता है। एन.सी.टी.सी. द्वारा लीड आपरेशनल इनपुट्स को विकसित करके राज्य की इकाईयों को यथाशीघ्र प्रभावी कार्यवाही हेतु सुलभ कराया जाना लाभप्रद होगा। विभिन्न प्रकार के डेटाबेस उदाहरणार्थ पासपोर्ट, इमीग्रेशन आदि भी राज्य की आपरेशनल एजेन्सीज को सुलभ कराया जाय। इंटरनेट टैªफिक पर सीधे सर्विलांस करने के लिए वाॅयस ओवर इन्टरनेट प्रोटोकाॅल की टैपिंग हेतु आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं वित्त पोषण केन्द्र सरकार द्वारा सुलभ कराया जाय। इससे राज्य की आपरेशनल यूनिट्स और अधिक सशक्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने एन.सी.टी.सी. की स्टैण्डिंग काउन्सिल की भूमिका एवं कार्यप्रणाली के बारे में राज्यों को सुलभ कराये गये एस.ओ.पी. के ड्राफ्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसपर भी प्रदेश सरकार की कुछ आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद निरोधक प्रयासों में सुधार लाए जाने की दृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों एवं विशिष्ट पहलुओं पर विचार हेतु प्रस्तावित फोकस ग्रुप में सम्बंधित राज्यों का प्रभावी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाई वैल्यू टारगेट अथवा विशिष्ट इन्टेलीजेन्स इन्पुट पर कार्यवाही हेतु जो विशेष टीमें गठित की जाए, उनके कार्य की समीक्षा का अधिकार पूर्णरूपेण काउन्सिल को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अधिकार किसी भी परिस्थिति में मात्र डायरेक्टर को नहीं दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार एन.सी.टी.सी. के आपरेशनल डिवीजन के लिए बनाई गई एस.ओ.पी. भी स्वीकार योग्य नहीं है। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कमियों की तरफ केन्द्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि निदेशक, एन.सी.टी.सी. को यह विकल्प दिया गया है कि विशेष परिस्थितियों में, वह राज्य के पुलिस महानिदेशक अथवा ए.टी.एस. प्रमुख केे परामर्श एवं सहयोग के बिना भी राज्य में तलाशी, बरामदगी एवं गिरफ्तारी आदि की कार्यवाही कर सकता है, यहां तक कि उन्हें सूचित करने की भी आवश्यकता नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक एवं ए.टी.एस. प्रमुख अनुभवी एवं जवाबदेह अधिकारी होते हैं। अतएव किसी भी प्रकार की कार्यवाही के पूर्व उनसे परामर्श एवं समन्वित सहयोग आवश्यक होना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था में एन.सी.टी.सी. की जो टीम आपरेशनल कार्यवाहियां करेगी, उसको यह विकल्प दिया गया है कि निकटतम थाने में उसके लिखित अभिकथन को प्रथम सूचना रिपोर्ट के पंजीकरण का आधार बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उचित नहीं कही जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपरेशनल टीम के प्रमुख द्वारा विधिवत प्राथमिकी दर्ज करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एस.ओ.पी. के सम्बन्ध में जो बिन्दु उठाये गये हैं, उनसे साफ है कि प्रस्तावित एस.ओ.पी. के प्राविधान भी राज्य के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण स्वरूप ही हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार की एस.ओ.पी. का पृथक-पृथक सृजन किया जाना आवश्यक है। परस्पर इन्टेलीजेन्स शेयरिंग के लिए विस्तृत एस.ओ.पी. की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न अभियानों के संचालन में भी परस्पर समन्वय एवं उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए एस.ओ.पी. बनाई जानी चाहिए। इसी प्रकार एन.सी.टी.सी. द्वारा सुचारू रूप से डेटा शेयरिंग किए जाने के लिए भी स्पष्ट
एस.ओ.पी. का निर्धारण लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. द्वारा की गई कार्यवाहियों से सम्बंधित अभियोगों के ट्रायल हेतु फास्ट ट्रैक कोर्ट्स की तर्ज पर स्पेशल कोर्ट्स का सृजन जरूरी है, जिनका वित्तीय भार केन्द्र सरकार द्वारा ही वहन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी बनाई जा चुकी है, जिसे सम्पूर्ण भारत हेतु थाने के प्रभारी अधिकारी की शक्तियां प्रदान की गई हैं। एन.सी.टी.सी. के माध्यम से आपरेशनल कार्यवाहियों की शक्तियां भी प्राप्त की जा रही हैं। ऐसा सम्भव है कि एन.सी.टी.सी. आपरेशन करे और उसका अन्वेषण एन.आई.ए. द्वारा किया जाय। इस प्रकार पुलिस व्यवस्था कायम रखने में राज्य की कोई भूमिका ही शेष न रह जाए, जबकि यह राज्य का ही मूल संवैधानिक दायित्व है। केन्द्र सरकार द्वारा
एन.सी.टी.सी. के माध्यम से जिस प्रकार एकतरफा शक्तियां ग्रहण की जा रही हैं, उनमें राज्य की परस्पर सहमति एवं साझेदारी का कोई प्राविधान नहीं रखा गया है। इससे राज्य की व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न हो सकती हंै। इस प्रकार केन्द्र का यह कदम सीधा संघीय प्रणाली पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद तथा उग्रवाद से जनित बड़े-बड़े संघर्ष स्थानीय क्षमताओं के विकास के उपरान्त ही निष्क्रिय किए जा सके हैं। अतः राज्यों की स्थानीय क्षमताओं में विकास किया जाय। पुलिस बलों के त्वरित एवं सुरक्षित आवागमन हेतु उपयुक्त वाहनों की व्यवस्था, संचार माध्यमों का उच्चीकरण, आतंकवादी तत्वों को निष्क्रिय करने के लिए प्रभावी शस्त्रों की सुलभता, इलेक्ट्रानिक सर्विलान्स हेतु आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था, आधुनिक उपकरणों की सुलभता, अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आतंकवाद निरोधक प्रशिक्षण तथा विशिष्ट परिस्थितियों हेतु अपेक्षित निपुणताओं का विकास इत्यादि इसके महत्वपूर्ण अंश हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह सुविचारित मत है कि आंतरिक सुरक्षा से जुड़े तमाम मुद्दों से निपटने के लिए केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण है। किसी भी आपरेशनल फंक्शन के लिए राज्य सरकार की जानकारी, सहयोग एवं समन्वय आवश्यक शर्त होनी चाहिए। उन्होने अपेक्षा की कि एक सबल, स्थायी एवं प्रभावी व्यवस्था प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश की ओर से प्रस्तुत बिन्दुओं को अन्य राज्य भी अपनी सहमति प्रदान करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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शोक संवदेना व्यक्त की

Posted on 26 April 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद बृजभूषण तिवारी के निधन की सूचना प्राप्त होते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज नई दिल्ली स्थित बाबू जगजीवन राम हाॅस्पिटल पहंुचकर दुःख की इस घड़ी में स्वर्गीय श्री तिवारी के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि स्वर्गीय श्री तिवारी किसानों, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वंचित तबकों के अधिकारों के प्रति समर्पित रहे। स्वर्गीय तिवारी ने राजनीति में सुुचिता, ईमानदारी और सादगी का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी इस अवसर पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि छात्रों को राजनीति में लाना स्वर्गीय बृजभूषण तिवारी ने ही सिखाया। उनकी सक्रियता और कर्मठता से डा0 राम मनोहर लोहिया भी प्रभावित थे। चार दशक तक राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे स्वर्गीय श्री तिवारी ने विवादों से दूर रहकर एक स्वच्छ छवि बनायी तथा राजनीति में अच्छे लोगों को आने के लिए प्रेरित किया।
स्वर्गीय श्री बृजभूषण तिवारी के पार्थिव शरीर को दिल्ली स्थित समाजवादी पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय पर भी लाया गया, जहां अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल, केन्द्रीय राज्यमंत्री राजीव शुक्ल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, सांसद श्रीमती जयाबच्चन, श्रीमती जया जेटली, सांसद धमेन्द्र यादव, दर्शन सिंह, पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह आदि ने भी श्री तिवारी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर शोक संवदेना व्यक्त की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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