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कुत्तों ने नोंच डाला डेढ़ साल का मासूम

Posted on 03 August 2010 by admin

आंखों के सामने ही कुत्ते उसके जिगर के टुकड़े को नोंचते रहे और वह चाह कर भी कुछ न कर सकी। हिम्मत कर दिल के टुकड़े को बचाने की कोशिश की तो नरभक्षियों ने उस पर भी हमला बोल दिया। किसी तरह से खूंख्वारों को दौड़ा लेने के बाद वह लहूलुहान हालत में मासूम को अस्पताल ले गयी, लेकिन उसने दम तोड़ दिया।
दिल दहला देने वाली यह घटना बबीना थाना क्षेत्र अन्तर्गत रेलवे कॉलोनी में सुबह लगभग 5.30 बजे घटी। रेलवे कॉलोनी में रहने वाला रामकुमार रेलवे में कार्यरत है तथा कॉलोनी में विभाग की ओर से आवण्टित क्वार्टर में परिवार सहित रहता है। सुबह लगभग 5.30 बजे लाइट न आने के कारण रामकुमार की पत्‍‌नी सुधा गर्मी से बेचैन अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र कुणाल को लेकर कमरे से बाहर निकल आयी और मेन गेट के पास खुली जगह में उसे लिटा दिया। इसके बाद वह अन्दर जा कर काम करने लगी। कुछ देर बाद उसे अपने पुत्र की जोर-जोर की रोने की आवाज सुनायी दी। इस पर वह दौड़ कर बाहर आयी।
वहाँ का नजारा देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गये। करीब आधा दर्जन कुत्तों का झुण्ड उसके मासूम को नोंच रहा था और वह नन्हीं जान तड़प रही थी। जिस समय सुधा बाहर आयी, उस समय तक कुत्ते मासूम कुणाल के शरीर के कई हिस्सों में अपने दाँत गड़ा चुके थे। यह देखकर उसने कुत्तों को भगाने की चेष्टा की, तो एक कुत्ते ने झपट कर उसे काट लिया। चीख-पुकार सुनकर अन्दर से रामकुमार के परिवार के अन्य सदस्य भी बाहर निकल आये। किसी तरह से कुत्तों को खदेड़ा गया, तब तक कुत्तों के दाँतों से मासूम कुणाल बुरी तरह से घायल होकर निढाल हो चुका था। उसे आनन-फानन में रक्तरंजित हालत में उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी।
विकास जायसवाल (संवाददाता)


Vikas Sharma
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बुंदेलखंड में भूगर्भ जलस्तर की भयंकर स्थिति….

Posted on 31 July 2010 by admin

(विकास कुमार शर्मा )
झाँसी। ‘मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की’। बुंदेलखंड में भूगर्भ जलस्तर की यही स्थिति है। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा बुंदेलखंड में भूगर्भ जलस्तर के उपलब्ध कराए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। तीन जनपदों के कुछ स्थानों पर जलस्तर 3 मीटर से अधिक नीचे खिसक गया है। 18 स्थानों पर एक मीटर से अधिक जलस्तर घटा है। जलस्तर ऊपर उठाने की बुंदेलखंड में तमाम केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाएं चल रही हैं। स्वंयसेवी संगठन भी जुटे हुए हैं। लेकिन नतीजा ‘ढाक का तीन पात’ बना हुआ है। हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ रहे हैं।

 बुंदेलखंड में  19 से अधिक स्थानों पर एक मीटर से ज्यादा भूजल नीचे जा चुका है। इनमें बांदा, बंदौला, चित्रकूट में पुखरी पुरवा, प्रसिद्धपुर और रायपुरा, हमीरपुर में कुरारा, जालौन में डकोर किशोर मौजा, क्योंझारी, महोबा, चुर्खी, झांसी में दरुआ सागर, एरच, पंद्योहा मोड़ और ललितपुर में बांसी व वनपुर शामिल हैं।

 बुंदेलखंड में गहरा रहे भूगर्भ जल संकट को लेकर प्रदेश सरकार शायद गंभीर नहीं है। यही वजह है कि भूगर्भ जल विभाग द्वारा यहां के लिए बनाई गई कई योजनाएं धूल खा रही हैं। करीब पांच वर्ष पूर्व भूगर्भ निदेशालय ने कहा था कि बुंदेलखंड में जल संरक्षण और संग्रहण की प्रबल संभावनाएं हैं। वर्षा जल संचयन और संवर्धन से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए भूगर्भ जल विभाग ने एक योजना शासन को भेजी थी। इस पर आज तक कार्यवाही नहीं हुई। इसके अलावा बांदा में एक रेन सेंटर की स्थापना का भी प्रस्ताव किया था। इस सेंटर में यह सिखाने का प्रस्ताव है कि वर्षा जल को तकनीकी रूप से कैसे जमीन के अंदर भेजा जा सकता है। इच्छुक लोगों को प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी और तकनीकी कर्मचारी प्रशिक्षण देंगें । सेंटर में एक छोटा पुस्तकालय भी होगा। जिसमें पानी से संबंधित किताबें और एटलस आदि भी होंगे। मगर ऐसी कई योजना आज भी अनुमति की प्रतिक्चा में धुल खा रही है बुंदेलखंड का मुख्या  जिला झाँसी में तो रेन बाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कई सरकारी बिल्डिंगो में की गई मगर आज सब बेकार पड़ी है प्रशासन को कोई चिंता नही है रेन बाटर हार्वेस्टिंग को जरुरी बनाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है आज जहा नगर के सुन्दरीकरण के लिए नै सड़के सी सी रोड एपेक्स का जाल बिछाया जान जरुरी हो गया है वो  तो वही रेन बाटर हार्वेस्टिंग भी जरुरी हो गया कियोकी बारिस का सारा पानी बहकर नालो में चल जाता है जमीन उसे सोख ही नही पाती है  मगर इस और प्रशासन का ध्यान  नही है
बुंदेलखंड में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। यहां पानी बहुमूल्य हो गया है और पानी की रखवाली खजाने की तरह की जा रही है। कुओं से लेकर हैंडपंप तक की रखवाली हथियारों के साये में हो रही है।

बुंदेलखंड का बुरा हाल है। यहां लोगों को कई-कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रह है। आलम यह है कि पानी ढोने के काम में ट्रैक्टर, बैलगाड़ी, जीप से लेकर मारुति कार तक का उपयोग हो रहा है।

प्रदेश सरकार में कई रसूखदार मत्रियों के  जनपद का  झाँसी मंडल मुख्यालय शहर भी भूगर्भ जलस्तर संकट की चपेट में। यहाँ तेजी से खिसक रहा  हैं  चिंताजनक है।


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कालसर्प दोष निवारण

Posted on 29 July 2010 by admin

जयोतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह का नाम दिया गया है। राहु शंकाओं का कारक है और केतु उस शंका को पैदा करने वाला स्थान। जब शंका को पैदा करने वाले स्थान,और शंका के एक तरफ़ ही सब बोलने वाले हों और समाधान करने वाले हों तो फ़ैसला एक तरफ़ा ही माना जायेगा,अगर शंका के समाधान के लिये दूसरी तरफ़ से कोई अपना बचाव या फ़ैसले के प्रति टीका टिप्पणी करे,तो अगर एक तरफ़ा फ़ैसला किसी अहित के लिये किया जा रहा है,तो उसके अन्दर समाधान का कारक मिल जाता है,और किसी भी प्रकार का अहित होने से बच जाता है। जीवन शंकाओं के निवारण के प्रति समर्पित है,किसी को शरीर के प्रति शंका है,किसी को धन और कुटुम्ब के प्रति शंका है,किसी को अपना बल और प्रदर्शन दिखाने के प्रति शंका है,किसी को अपने निवास स्थान और लगातार मन ही शंकाओं से हमेशा घिरा है,किसी को अपनी शिक्षा और संतान के प्रति शंका है,किसी को अपने कर्जा दुश्मनी और बीमारी के प्रति शंका है,किसी को अपने जीवन साथी और जीवन के अन्दर की जाने वाली जीवन के प्रति लडाइयों के प्रति शंका है,किसी को अपने शरीर की समाप्ति और अपमान के साथ जानजोखिम के प्रति ही शंका है,किसी को अपने जाति कुल धर्म और भाग्य के प्रति ही शंकायें है,किसी को अपने कार्य और जीवन यापन के लिये क्या करना चाहिये उसके प्रति ही शंकायें हैं,किसी को अपने मित्रों अपने बडे भाइयों और लगातार लाभ के प्रति ही शंकाये हैं,किसी को अपने द्वारा आने जाने खर्चा करने और अंत समय के प्रति शंकायें हुआ करती हैं। अक्सर कोई शंका जब की जाती है तो उस शंका के समाधान के लिये कोई न कोई हल अपने आप अपने ही दिमाग से निकल आता है,अपने दिमाग से नही तो कोई न कोई आकर उस शंका का समाधान बता जाता है,लेकिन राहु जो शंका का नाम है और केतु जो शंका को पैदा करने का कारक है,के एक तरफ़ बहुत सभी ग्रह हों और दूसरी तरफ़ कोई भी ग्रह नही हो तो शंका का समाधान एक तरफ़ा ही हो जाता है,और अगर वह समाधान किसी कारण से अहित देने वाला है तो उसे कोई बदल नहीं पाता है,जातक का स्वभाव एक तरफ़ा होकर वह जो भी अच्छा या बुरा करने जा रहा है करता ही चला जाता है,जातक के मन के अन्दर जो भी शंका पैदा होती है वह एक तरफ़ा समाधान की बजह से केवल एक ही भावना को पैदा करने का आदी हो जाता है,जब कोई शंका का समाधान और उस पर टिप्पणी करने का कारक नहीं होता है तो जातक का स्वभाव निरंकुश हो जाता है,इस कारण से जातक के जीवन में जो भी दुख का कारण है वह चिरस्थाई हो जाता है,इस चिरस्थाई होने का कारण राहु और केतु के बाद कोई ग्रह नही होने से कुंडली देख कर पता किया जाता है,यही कालसर्प दोष माना जाता है,यह बारह प्रकार का होता है।

विष्णु अथवा अनन्त

इस योग का दुष्प्रभाव स्वास्थ्य आकृति रंग त्वचा सुख स्वभाव धन बालों पर पडता है,इसके साथ छोटे भाई बहिनों छोटी यात्रा में दाहिने कान पर कालरबोन पर कंधे पर स्नायु मंडल पर, पडौसी के साथ सम्बन्धों पर अपने को प्रदर्शित करने पर सन्तान भाव पर बुद्धि और शिक्षा पर परामर्श करने पर पेट के रोगों पर हाथों पर किसी प्रकार की योजना बनाने पर विवेक पर शादी सम्बन्ध पर वस्तुओं के अचानक गुम होजाने,रज और वीर्य वाले कारणों पर याददास्त पर किसी प्रकार की साझेदारी और अनुबन्ध वाले कामों पर पिता और पिता के नाम पर विदेश यात्रा पर उच्च शिक्षा पर धर्म और उपासना पर तीर्थ यात्रा पर पौत्र आदि पर पडता है.

अजैकपाद अथवा कुलिक

इसका प्रभाव धन,परिवार दाहिनी आंख नाखूनों खरीदने बेचने के कामों में आभूषणों में वाणी में भोजन के रूपों में कपडों के पहिनने में आय के साधनों में जीभ की बीमारियों में नाक दांत गाल की बीमारियों में धन के जमा करने में मित्रता करने में नया काम करने में भय होने शत्रुता करवाने कर्जा करवाने बैंक आदि की नौकरी करने कानूनी शिक्षा को प्राप्त करवाने नौकरी करने नौकर रखने अक्समात चोट लगने कमर की चोटों या बीमारियों में चाचा या मामा परिवार के प्रति पेशाब की बीमारियों में व्यवसाय की जानकारी में राज्य के द्वारा मिलने वाली सहायताओं में सांस की बीमारियों में पीठ की हड्डी में पुरस्कार मिलने में अधिकार को प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की सफ़लता को प्राप्त करने में अपना असर देता है.

अहिर्बुन्ध अथवा वासुकि

राहु तीसरे भाव में और केतु नवें भाव में होता है तो इस कालसर्प योग की उत्पत्ति होती है। ग्रहों का स्थान राहु केतु के एक तरफ़ कुंडली में होता है। यह योग किसी भी प्रकार के बल को या तो नष्ट करता है अथवा उत्तेजित दिमाग की वजह से कितने ही अनर्थ कर देता है।

कपाली या शंखपाल

इस दोष में राहु चौथे भाव में और केतु दसवें भाव में होता है,यह माता मन और मकान के लिये दुखदायी होता है,जातक को मानसिक रूप से भटकाव देता है।

हर या पद्म

इस योग मे राहु पंचम में और केतु ग्यारहवें भाव में होता है,बाकी के ग्रह राहु केतु की रेखा से एक तरफ़ होते हैं इस योग के कारण जातक को संतान या तो होती नही अगर होती है तो अल्प समय में नष्ट होजाती है।

बहुरूप या महापद्म

इस योग में राहु छठे भाव मे और केतु बारहवें भाव में होता है जातक अपने नाम और अपनी बात के लिये कोई भी योग्य अथवा अयोग्य कार्य कर सकता है,जातक की पत्नी या पति बेकार की चिन्ताओं से ग्रस्त होता है,साथ जातक के परिवार में अचानक मुसीबतें या तो आजाती है या खत्म हो जाती है,धन की बचत को झूठे लोग चोर या बीमारी या कर्जा अचानक खत्म करने के लिये इस दोष को मुख्य माना जाता है।

त्र्यम्बक या तक्षक

यह योग जीवन के लिये सबसे घातक कालसर्प योग होता है,त्र्यम्बक का मतलब त्रय+अम्ब+क=तीन देवियों (सरस्वती,काली,लक्ष्मी) का रूप कालरूप हो जाना। इस योग के कारण जीवन को समाप्त करने के लिये और जीवन में किसी भी क्षेत्र की उन्नति शादी के बाद अचानक खत्म होती चली जाती है,जातक सिर धुनने लगता है,उसके अन्दर चरित्रहीनता से बुद्धि का विनाश,अधर्म कार्यों से और धार्मिक स्थानों से अरुचि के कारण लक्ष्मी का विनाश,तथा हमेशा दूसरों के प्रति बुरा सोचने के कारण संकट में सहायता नही मिलना आदि पाया जाता है।

अपाराजित या करकट

यह योग भी शादी के बाद ही अचानक धन की हानि जीवन साथी को तामसी कारणों में ले जाने और अचानक मौत देने के लिये जाना जाता है,इस योग के कारण जातक जो भी काम करता है वह शमशान की राख की तरह से फ़ल देते है,जातक का ध्यान शमशान सेवा और म्रुत्यु के बाद के धन को प्राप्त करने में लगता है,अचानक जातक कोई भी फ़ैसला जीवन के प्रति ले लेता है,यहां तक इस प्रकार के ही जातक अचानक छत से छलांग लगाते या अचानक गोली मारने से मरने से मृत्यु को प्राप्त होते है,इसके अलावा जातक को योन सम्बन्धी बीमारियां होने के कारण तथा उन रोगों के कारण जातक का स्वभाव चिढ चिढा हो जाता है,और जातक को हमेशा उत्तेजना का कोपभाजन बनना पडता है,संतान के मामले में और जीवन साथी की रुग्णता के कारण जातक को जिन्दगी में दुख ही मिलते रहते हैं।

वृषाकपि या शंखचूड

इस योग में राहु नवें भाव में और केतु तीसरे भाव में तथा सभी अन्य ग्रह राहु केतु के एक तरफ़ होते है,इस योग के अन्दर जातक धर्म में झाडू लगाने वाला होता है,सामाजिक मर्यादा उसके लिये बेकार होती है,जातक का स्वभाव मानसिक आधार पर लम्बा सोचने में होता है,लोगों की सहायता करने और बडे भाई बहिनों के लिये हानिकारक माना जाता है,जातक की पत्नी को या पति को उसके शरीर सहित भौतिक जिन्दगी को सम्भालना पडता है,जातक को ज्योतिष और पराशक्तियों के कारकों पर बहस करने की आदत होती है,जातक के घर में या तो लडाइयां हुआ करती है अथवा जातक को अचानक जन्म स्थान छोड कर विदेश में जाकर निवास करना पडता है।

शम्भु या घातक

इस योग में राहु दसवें भाव मे और केतु चौथे भाव में होते है अन्य ग्रह राहु केतु के एक तरफ़ होते है,इस योग के कारण जातक को या तो दूसरों के लिये जीना पडता है अथवा वह दूसरों को कुछ भी जीवन में दे नही पाता है,जातक का ध्यान उन्ही कारकों की तरफ़ होता है जो विदेश से धन प्रदान करवाते हों अथवा धन से सम्बन्ध रखते हों जातक को किसी भी आत्मीय सम्बन्ध से कोई मतलब नही होता है। या तो वह शिव की तरह से शमशान में निवास करता है,या उसे घर परिवार या समाज से कोई लेना देना नही रहता है,जातक को शमशानी शक्तियों पर विश्वास होता है और वह इन शक्तियों को दूसरों पर प्रयोग भी करता है।

कपर्दी या विषधर

इस योग में ग्यारहवें भाव में राहु और पंचम स्थान में केतु होता है,इसकी यह पहिचान भी होती है कि जातक के कोई बडा भाई या बहिन होकर खत्म हो गयी होती है,जातक के पिता को तामसी कारकों को प्रयोग करने की आदत होती है जातक की माँ अचानक किसी हादसे में खत्म होती है,जातक की पत्नी या पति परिवार से कोई लगाव नही रखते है,अधिकतर मामलों में जातक के संतान अस्पताल और आपरेशन के बाद ही होती है,जातक की संतान उसकी शादी के बाद सम्बन्ध खत्म कर देती है,जातक का पालन पोषण और पारिवारिक प्रभाव दूसरों के अधीन रहता है।

रैवत या शेषनाग

इस योग में लगन से बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु होता है,जातक उपरत्व वाली बाधाओं से पीडित रहता है,जातक को बचपन में नजर दोष से भी शारीरिक और बौद्धिक हानि होती है,जातक का पिता झगडालू और माता दूसरे धर्मों पर विश्वास करने वाली होती है,जातक को अकेले रहने और अकेले में सोचने की आदत होती है,जातक कभी कभी महसूस करता है कि उसके सिर पर कोई भारी बजन है और जातक इस कारण से कभी कभी इस प्रकार की हरकतें करने लगता है मानों उसके ऊपर किसी आत्मा का साया हो,जातक के अन्दर सोचने के अलावा काम करने की आदत कम होती है,कभी जातक भूत की तरह से काम करता है और कभी आलसी होकर लम्बे समय तक लेटने का आदी होता है,जातक का स्वभाव शादी के बाद दूसरों से झगडा करने और घर के परिवार के सदस्यों से विपरीत चलने का होता है,जातक की होने वाली सन्तान अपने बचपन में दूसरों के भरोसे पलती है।

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झाँसी मैं धसान नदी का जल स्तर आचानक

Posted on 27 July 2010 by admin

झाँसी मैं धसान नदी का जल स्तर आचानक बरने के कारन  दो मछुआरे  लहरों के बीच फँस गए  मऊरानीपुर के ये मछुआरे  नदी मैं मछली का शिकार करने गए थे !आचानक नदी का जल स्तर अधिक हो जाने के पांच मछुआरे किसी तरह निकल आये और दो मछुआरे नदी पर बनी टापू पर फँस गए !इसके बाद जिले के आला आधिकारी मौके पर रहत और बचओ कार्य मैं देर रात तक लगे रहे ! रहत और बचओ कार्य के लिए सेना को भी मौके पर बुलाया गया ! रहत और बचओ कार्य   में सेना ने दोनों मछुआरे को सकुसल निकल लिया गया हैं !
आज  सुभह सेना के जबानो ने अपने अभियान के तहत दोनों मछुआरे खेमचंद और गुन्मन को सुरक्चित बहार निकल लिया गया जिले के आला अधिकारीयोने ने सेना की मदद से ही दोनों मचुअरो को सुरक्चित निकला जा सका है

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मुहोब्बत से हतास युवक ने फाँसी लगाई

Posted on 23 July 2010 by admin

कभी-कभी  मुहब्बत भी इन्सान को इतना  डिप्रेशन में लेजाता है कि उस के दबाब में  इंसान अपने भविष्य के बारे में  सोच-समझ को खो देता है और अनजाने में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या के सिवाय कोई रास्ता नहीं सूझता। कुछ ऐसा ही किया एमबीए के होनहार छात्र अनूप ने ।

सीपरी बाजार में मसीहागंज स्थित सेण्ट मैरी स्कूल के पास रहने वाले देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव डाक विभाग में कार्यरत है। उनका चौबीस वर्षीय पुत्र अनूप पूना के एक शिक्षण संस्थान में एमबीए का छात्र था। पिछले दिनों वह झाँसी आया और एक निजी कम्पनी में दो माह की  इण्टर्नशिप कर रहा था।  इण्टर्नशिप के व्यस्त अनूप अपनी गर्लफ्रेंड  को समय     न   देपाने के कारण आये दिन  फ़ोन  पर  नोक  झोक  होने  लगे निजी कम्पनी के कर्मचारियों  के अनुसार  उस दिन  भी अनूप ऑफिस  में रोया  और अपनी प्रेमिका  का  अफ्यर  किशी  अन्य  लड़के  की बात  बता  कर  ऑफिस  में रोनेलगा मगर  ऑफिस  के  लोगो  ने  अनूप  को  समझाया  मगर  वो डिप्रेशन के कारण के  कारण  परेशान  अनूप देर रात घर आया और बिना खाना खाए ही ऊपरी मंजिल पर बने कमरे में सोने चला गया। आज सुबह जब वह देर तक सोकर नहीं उठा तो अनूप की माँ उसके कमरे के बाहर पहुँची और किसी प्रकार दरवाजा खोलकर अन्दर देखा तो घबरा गई। कमरे में साड़ी के सहारे छत के कुण्डे से अनूप ने फाँसी लगा ली थी। उसकी मौत हो चुकी थी। माँ के चीखने की आवाज सुनकर अन्य परिजन भी पहुँच गए और शव को फन्दे से नीचे उतारा। घटना की सूचना सीपरी बाजार पुलिस को दी गई। पुलिस ने पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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मायाबती के राज में झाँसी में एक और नवलिग़ की इज्त हुई तार तार……..

Posted on 12 July 2010 by admin

घर से काम पर निकली एक 17 वर्षीय किशोरी कामांधों के हाथों चढ़ने के बाद 16 दिनों तक लगातार बलात्कार की शिकार होती रही।जब वह  जैसे-तैसे
चंगुल से छूट कर पुलिस के पास पहुंची, तो बजाये मदद करने के, पुलिस ने अब तक रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की।

कोतवाली थाना क्षेत्र अन्तर्गत मुहल्ला दतिया गेट बाहर पठौरिया में रहने वाली 17 वर्षीय कल्पना के दुर्भाग्य की शुरूआत कुछ समय पूर्व उसके पिता के निधन के बाद ही हो गयी थी। पिता का साया उठने के बाद घर चलना मुश्किल हो गया तो वह घर-घर जाकर चौका-बर्तन का काम करने लगी। 20 जून को
पूर्वाह्न वह सी.पी. मिशन कम्पाउण्ड में एक घर में काम करने जा रही थी। जब वह मिशन कम्पाउण्ड के गेट पर पहुंची, तभी एक सफेद रंग की मारुति वैन
उसके बगल में आकर रुकी। इससे पहले कि कल्पना कुछ समझ पाती, वैन में बैठे चार युवकों में से दो युवकों ने उसे पकड़ कर वैन में खींच लिया और
ग्वालियर ले गये।

कल्पना के अनुसार ग्वालियर में उसे एक मकान में ले जाकर बंधक बना लिया गया और 8 दिनों तक चारों युवक उससे बलात्कार करते रहे। इसके बाद उसे
झाँसी में लाल कुर्ती स्थित एक मकान में लाया गया। युवकों की आपसी बातचीत से साफ हो गया कि वह मकान उनमें से एक युवक के नाना-नानी का है। वहां से तीन युवक चले गये, जबकि वह युवक रुका रहा, जिसके नाना-नानी का वह मकान था। फिर 8 दिनों तक वह युवक उससे जबरन बलात्कार करता रहा। गत दिवस जब युवक कहीं गया था, तो वह मौका पा कर भाग निकली और घटना की जानकारी आकर अपने परिजनों को दी। इधर, परिजन उसके लापता होने के बाद उसकी खोजबीन करते रहे और पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया।

परिवारवालों को पूरी आपबीती सुनाने के बाद कल्पना परिजनों को लेकर सीपरी बाजार थाने पहुंची, जहां उसे बदनामी होने का भय दिखा कर रिपोर्ट नहीं
लिखी गयी। इसके बाद वह कोतवाली थाने पहुंची, जहां से उसे घटनास्थल सीपरी बाजार थाना क्षेत्र का होने के कारण सीपरी बाजार थाने में रिपोर्ट लिखाने
को कह दिया गया। अब स्थिति यह है कि कल्पना दर-दर भटक रही है और पुलिस है कि उसकी पीड़ा सुनने को तैयार ही नहीं ।

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बुंदेलखंड की किस्मत प्लेटिनम से चमकेगी

Posted on 08 July 2010 by admin

 आने वाले समय में बुंदेलखंड दुनिया की बेशकीमती धातु ‘प्लैटिनम’ के लिए भी जाना जाएगा। झाँसी मंडल  के ललितपुर जिले में प्लैटिनम के भंडार का पता चला है। यह खोज भविष्य में  बुंदेलखंड की किस्मत बदल सकती है।  झाँसी मंडल  के ललितपुर जिले से 85 किलोमीटर दूर इकोना गांव में इन धातुओं का पता चला है। उत्तर प्रदेश के खनन विभाग को  इकोना गांव में प्लैटिनम समूह की कीमती धातुओं- पैलेडियम, इरीडियम तथा ओसमियम को होने का पता चला  है। यहां से मिले प्लैटिनम की तासीर 10.4 ग्राम एक टन मिट्टी से प्राप्त होने वाले प्लैटिनम की मात्रा  है। जबकि इसकी गुणवत्ता औसतन 5.5 ग्राम प्रति टन है। देश में इस गुणवत्ता वाला प्लैटिनम अभी कहीं नहीं मिला है। खास बात यह है कि राज्य के खनन विभाग को बेशकीमती धातु का खजाना जमीन की सतह पर ही उपलब्ध हो गया। वैसे उड़ीसा में प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं का लगभग 15 टन का भंडार मौजूद है। इसमें से 54 फीसदी भंडार को निकालने का आकलन होना बाकी है। बेशकीमती प्लैटिनम का उपयोग जहां आभूषणों में होता है, वहीं पैलेडियम का उपयोग कीमोथैरेपी में किया जाता है। उत्तर प्रदेश के जियोलॉजी व माइनिंग विभाग  ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि बुंदेलखंड में प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं की खोज हुई है। राज्य सरकार को इकोना गांव में 1.5 किलोमीटर लंबे तथा 400-500 मीटर चौड़े दायरे में प्लैटिनम का भंडार मिला है। खनन विभाग को जमीन से 250 मीटर नीचे तक प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं का पता चला है। ललितपुर के अलाबा  बुंदेलखंड के छह अन्य जिले  हमीरपुर, बांदा, महोबा, झांसी, चित्रकूट तथा जालौन में भी उत्तर प्रदेश का खनन विभाग सोना, चांदी, निकेल, क्रोमियम, यूरेनियम, एसबेस्टस, चाइना क्ले आदि के भंडार का पता लगा रहा है।
प्लैटिनम का मेल्टिंग प्वाइंट काफी ऊंचा 1768.3 डिग्री सेल्सियस  होता है। लिहाजा इसे कंप्यूटर सहित महंगे इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने में प्रयोग किया जाता है। किसी धातु का मेल्टिंग प्वाइंट वह तापमान है जिस पर वह गलना शुरू हो जाती है। प्लैटिनम के आभूषण भी बनते हैं। अपने देश में उपलब्धता कम होने की वजह से इसकी कीमत अधिक है। सोने से भी ज्यादा कीमती  प्लैटिनम एक बहुमूल्य धातु है। बाजार में इसकी कीमत सोने से भी अधिक आंकी जाती है। इस समय इसकी कीमत 23 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से अधिक है। जबकि सोना इस समय 19 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास है। देश में प्लैटिनम सर्वाधिक उड़ीसा और कर्नाटक में पाया जाता है। विश्व स्तर पर कनाडा एवं दक्षिण अफ्रीका इसके चल क्षेत्र समझे जाते हैं।
 

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विवि के छात्र ने फांसी लगाई

Posted on 26 June 2010 by admin

विश्वविद्यालय वीए प्रथम वर्ष के छात्र ने गत रात्रि अपने मकान के अन्दर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को विच्छेदन के लिए भेज दिया। कोतवाली मोंठ क्षेत्र के ग्राम अमरा निवासी रमाकान्त भारद्वाज का 24 वर्षीय पुत्र सन्दीप बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में वीए प्रथम वर्ष का छात्र था। मृतक के परिजनों के अनुसार बीती रात उसने अपने कमरे में लगे पंखे के कुन्दे में रस्सी का फन्दा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

चलती ट्रेन से गिरकर घायल हो गया था और डेढ़ घंटे तक रेलवे लाइन पर जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा लेकिन रेलवे द्वारा उसे उठवाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गत दिवस प्रातज् झांसी करारी सेक्शन के मध्य एक रेल यात्री ट्रेन से गिर गया। एफ केबिन में कंट्रोल रुम को जानकारी दी कि ट्रेन से गिरकर घायल युवक रेलवे लाइन में तड़फ रहा है। कंट्रोल रुम ने तत्काल आरपीएफ थाने को अवगत कराते हुए उक्त युवक को वहां से उठवाने के लिए कहा। इसके साथ ही डिप्टी एसएस राकेश भार्गव ने रेलवे चिकित्सालय को सूचना भेजी। लेकिन घायल युवक को कोई भी उठवाने के लिए नहीं आया। उक्त युवक डेढ़ घंटे तक रेलवे लाइन किनारे पड़ा रहा। आरपीएफ के तमाम पुलिस कर्मी होने के बाबजूद भी उसे किसी ने उठाने की जहमत तक नहीं उठाई। जब थोड़ी सी व्यवस्था करने में रेल प्रशासन को इतना समय लग सकता है तो बड़ा हादसा होता होगा तो उसका क्या परिणाम होगा।

Vikas Sharma
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कुएं में डूबने से युवक की मौत

Posted on 26 June 2010 by admin

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत मोहल्ला पठौरिया के समीप बने एक कुएं में युवक की डूबने से मौत हो गई। वहीं मृतक के परिजनों ने उसकी हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को अपने अधिकार में लेकर विच्छेदन हेतु मेडिकल कालेज भेज दिया। मोहल्ला पठौरिया निवासी महेश कुमार श्रीवास ने बताया कि वह आयुवेüदिक भवन लिमिटेड में चपरासी के पद पर कार्यरत है। उसका 21 वर्षीय पुत्र कुशाल उर्फ गोलू विगत 1भ् दिनों से प्रतिदिन ईदगाह मैदान में बने एक कुएं में अपने दोस्तों के साथ स्नान करने के लिए जाता था। प्रतिदिन की तरह वह शनिवार को अपने पड़ोस में रहने वाले साथियों के साथ कुएं में स्नान करने के लिए गया हुआ था। आज प्रातज् लगभग 8.30 बजे नहाते वक्त वह अचानक कुएं में डूब गया जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद से उसके साथी फरार हो गए। उसके साथियों ने काफी समय बाद उसके परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी। उसके बाद परिजनों कुएं पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि खुशाल के कपड़े कुएं के बाहर रखे हुए हैं। उसका शव कुएं में औंधे मुंह पड़ा हुआ था। कुशाल के दोनों पैरों में चप्पलें भी पड़ी हुई थी। यह देखकर परिजनों ने उसकी मौत पर सन्देह होते हुए कोतवाली पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद शहर कोतवाल व दमकल कर्मियों को मौके पर बुलाया गया। शव को कुएं से बाहर निकाला गया। इधर मृतक के परिजनों का आरोप है कि कुशाल के साथियों ने उसको कुएं में धक्का देकर मार डाला। उनका कहना था कि कुशाल यदि स्नान के लिए कुएं में कून्दा होता तो वह चप्पल नहीं पहने होता। जबकि पुलिस ने इसे पानी में डूबने से मौत का कारण बताया है।

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अब ट्रेनों में लिखी जाएगी रिपोर्ट ज् जैन

Posted on 26 June 2010 by admin

अपर महानिदेशक ने उपलçब्धयां गिनाईं
अपर पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार जैन ने कहा कि ट्रेन में अपराधियों का शिकार होने वाले यात्रियों को ट्रेन अब नहीं छोड़नी पड़ेगी। उनके चलती ट्रेन में ब्यान होंगे और पीçड़त की रिपोर्ट लिखी जाएगी। झांसी मण्डल के दो ट्रेनों में यह व्यवस्था शुरु कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अभी तक यदि किसी यात्री के साथ ट्रेन में कोई हादसा हो जाता है तो उसे रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए ट्रेन छोड़नी पड़ती थी इसके लिए अब ट्रेनों में चलित पुलिस चौकी खोली जाएगी। जिसमें एक हैड कांस्टेबिल, तीन सिपाही की तैनाती की जाएगी। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस में यह व्यवस्था लागू कर दी है। एडीजी ने बताया कि ट्रेनों में अपराध करने वाले बदमाश आदतन अपराधी होते हैं। उनके पकड़े जाने पर कई मामलों के खुलासे होते हैं। इसलिए इन अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए गैंगस्टर की कार्रवाई की जा रही है। ट्रेनों में पैसा बसूलने की शिकायतों के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट सिपाहियों को जीआरपी से हटाया जाएगा। थाने में तैनात स्टाफ को मूलभूत सुविधाएं न मिलने पर एडीजी जैन ने डीआरएम से चर्चा करने की बात कही। ट्रेनों में घायल होने वाले यात्री के सम्बंध में आरपीएफ व जीआरपी के मध्य विवाद हो जाता था। इसलिए उन्होंने जीआरपी के निदेüश दिए कि वह घायलों को तत्काल इलाज दिलाएं। अपर पुलिस महानिदेशक जीआरपी एके जैन आज विभागीय दौरे पर झांसी आए। उन्होंने सबसे पहले पुलिस लाइन व थाना जीआरपी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हल्की-फुल्की खामियों को देखते हुए उन्हें ठीक करने के निदेüश जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक शरद प्रताप सिंह को दिए। पुलिस लाइन जीआरपी में उन्होंने निरीक्षण के दौरान अधीनस्थ अधिकारियों को रख रखाव सम्बंधी सुझाव दिए। इसके पश्चात उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने पुलिस द्वारा जनवरी माह से अब तक की गई पुलिस कार्रवाई की उपलçब्धयां का ब्यौरा बताते हुए कहा कि जीआरपी उरई ने ट्रेन लूटकाण्ड गिरोह के अभियुक्त रतन यादव निवासी छिरौना थाना चिरगांव सहित पांच लोगों को 13 जनवरी को गिर तार किया था। उक्त सभी के विरुद्ध धारा 411, 120बी के साथ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। जीआरपी झांसी ने स्टेशन पर चोरी की योजना बनाते संजू  राउट पुत्र विजय राउट निवासी नारघाटी थाना चिरगांव सहित तीन व जीआरपी मानिकपुर में रवि पुत्र समरथ गुजराती निवासी पटेल नगर थाना मानिकपुर सहित तीन, जीआरपी झांसी ने आजाद कुमार जाटव निवासी बनकट थाना नगला सिंधी फिरोजाबाद समेत तीन बदमाशों को गिर तार कर जेल भेजा था। उक्त बदमाशों पर ग्वालियर जीआरपी ने भी कार्रवाई की थी। जीआरपी कर्बी रमाशंकर निवासी धौर्रा थाना रैपुरा जिला चित्रकूट जीआरपी बान्दा ने चार जहर खुरान व मानिकपुर ने जहरखुरानी की योजना बनाते मनोज सिंह निवासी एचवाड़ा थाना बहिलपुरवा चित्रकूट व विश्वनाथ कौल निवासी डबौरा जिला रीबा व लल्लू उर्फ ललुआ नि. गजरिया थाना बरगढ़ जिला चित्रकूट के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ गिर तारी भी की थी। पुलिस उप महानिरीक्षक इलाहाबाद ने बदमाशों पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

Vikas Sharma
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