आंखों के सामने ही कुत्ते उसके जिगर के टुकड़े को नोंचते रहे और वह चाह कर भी कुछ न कर सकी। हिम्मत कर दिल के टुकड़े को बचाने की कोशिश की तो नरभक्षियों ने उस पर भी हमला बोल दिया। किसी तरह से खूंख्वारों को दौड़ा लेने के बाद वह लहूलुहान हालत में मासूम को अस्पताल ले गयी, लेकिन उसने दम तोड़ दिया।
दिल दहला देने वाली यह घटना बबीना थाना क्षेत्र अन्तर्गत रेलवे कॉलोनी में सुबह लगभग 5.30 बजे घटी। रेलवे कॉलोनी में रहने वाला रामकुमार रेलवे में कार्यरत है तथा कॉलोनी में विभाग की ओर से आवण्टित क्वार्टर में परिवार सहित रहता है। सुबह लगभग 5.30 बजे लाइट न आने के कारण रामकुमार की पत्नी सुधा गर्मी से बेचैन अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र कुणाल को लेकर कमरे से बाहर निकल आयी और मेन गेट के पास खुली जगह में उसे लिटा दिया। इसके बाद वह अन्दर जा कर काम करने लगी। कुछ देर बाद उसे अपने पुत्र की जोर-जोर की रोने की आवाज सुनायी दी। इस पर वह दौड़ कर बाहर आयी।
वहाँ का नजारा देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गये। करीब आधा दर्जन कुत्तों का झुण्ड उसके मासूम को नोंच रहा था और वह नन्हीं जान तड़प रही थी। जिस समय सुधा बाहर आयी, उस समय तक कुत्ते मासूम कुणाल के शरीर के कई हिस्सों में अपने दाँत गड़ा चुके थे। यह देखकर उसने कुत्तों को भगाने की चेष्टा की, तो एक कुत्ते ने झपट कर उसे काट लिया। चीख-पुकार सुनकर अन्दर से रामकुमार के परिवार के अन्य सदस्य भी बाहर निकल आये। किसी तरह से कुत्तों को खदेड़ा गया, तब तक कुत्तों के दाँतों से मासूम कुणाल बुरी तरह से घायल होकर निढाल हो चुका था। उसे आनन-फानन में रक्तरंजित हालत में उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी।
विकास जायसवाल (संवाददाता)
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Vikas Sharma
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