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श्रद्धांजलि सभा— भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी

Posted on 23 August 2018 by admin

53लखनऊ 23 अगस्त 2018, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आज झूलेलाल पार्क गोमती तट पर सर्वदलीय सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न हुई। श्रद्धेय अटल जी के अस्थि कलश के साथ उनके परिवार के सदस्यों सहित केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा0 दिनेश शर्मा, केन्द्रीय राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र सहित हजारों कार्यकर्ताओं और अटल जी के हजारों समर्थक रथ के साथ-साथ श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे।50
सर्वदलीय सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा में कई दलांे के प्रमुख नेताओं, धर्म गुरूओं और समाज के अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलि सभा में समाज के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों सहित हजारों की संख्या में आम नागरिकों ने जन-जन के प्रिय भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।56
उ0प्र0 के राज्यपाल श्री रामनाईक जी ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एक छोटी सी घटना बताता हूूॅ 1957 में जनसंघ एकदम बाल्यवस्था में था। उस समय जनसंघ को उम्मीदवार नहीं मिलते थे। अटल जी ने यूपी की 3 सीटों से चुनाव लड़ा, मथुरा में 10 प्रतिशत मत पाकर जमानत जब्त, लखनऊ में 33 प्रतिशत मत पाकर दूसरे नंबर पर रहे, बलरामपुर में 51 प्रतिशत मत पाकर संसद में पहुंचे, वे देश के अकेले व्यक्ति थे जो 3 बार प्रधानमंत्री बने।08
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटल जी की स्मृतियां हमारे मन मस्तिष्क में सदैव अटल रहेंगी। अटल जी कहते थे मैं कूच से क्यों डरूँ। अटल जी को लोकप्रियता हासिल हुई वह उन्हें प्रधानमंत्री होने के नाते नहीं बल्कि वह कहीं भी होते तो उनका उतना ही नाम होता। नेहरू जी ने उनकी युवावस्था में ही कह दिया था कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे। तब से लगातार 40 बर्षों तक यह नारा लगता रहा अबकी बारी अटल बिहारी। निर्भीकता उनके रग-रग में समाई थी। चाहे वह पोखरण की बात हो या कारगिल की, हर बार उन्होंने अपने को पहले से मजबूत प्रदर्शित किया। नरसिम्हा राव जी और चंद्रशेखर जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें गुरुदेव कह कर सम्बोधित किया करते थे। नम्रता और श्रद्धा की पराकाष्ठा थे वे। वह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके जीवन से हम प्रेरणा लेते रहेंगे।41
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आजादी के बाद उनका जाना एक युगावसान है। जब हम पिछले 70 बर्षों का मूल्यांकन करते हैं तो गांधी के ग्राम स्वराज की बात आएगी तो अटलजी की ग्राम सड़क योजना की बात जरूर होगी। स्वर्णिम चुर्तभुज की कल्पना करना और उसे साकार किया। जब भी आप मोबाइल उठाते है आज का सोशल मीडिया उन्हीं की देन हैं। जब भी विकास और भारत के नवनिर्माण की बात आती है तो श्रद्धेय अटल जी की बात जरूर होगी। मैं अपने नेता पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी श्रंद्धाजलि अर्पित करता हूँ।46
बिहार के राज्यपाल लालजी टण्डन जी ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटलजी के बारे में मैं कुछ बोल नहीं पा रहा हॅू मन बहुत भावुक है। 14 वर्ष की आयु से अब तक जिस सूर्य से प्रकाशित होता रहा आज वो सूर्य अस्त हो गया। लेकिन उनके कार्यों से हम उन्हें बराबर याद किया जायेगा। नदी की लहरों से देश के चारों कोनों से आज उन्हीं का नाम गूंज रहा है। आज सारा देश उनके नाम पर खड़ा हो गया है। उनके नाम से देश में एक आदर्श व्यवस्था फिर से जागृत हुई है। मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ और उनकी प्रेरणा से अपने शेष जीवन को बिताऊँगा।58
श्रद्धांजलि सभा में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज बहुत अफसोस है कि अटल जी हमारे बीच में नहीं रहें मेरा बहुत लंबा जीवन गुजरा है उनके साथ। हमेशा भोजन पर मुलाकात होती थी, बात होती थी हम सुझाव लेते देते थे। उनके मन में किसी के लिए क्षोभ नहीं था। वो केवल भाजपा या भारत के नेता नहीं बल्कि विश्व के नेता थे। सबको साथ लेकर चलना उनकी कला और देश के लिए जीना उनका पहला लक्ष्य था। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। पूरे विश्व ने उनके जाने का शोक मनाया। हमें गर्व है कि हमारे नेता अटलजी थे। उन्होंने एक आदर्श स्थापित किया। कोई ऊंच नीच नहीं किये कभी। हम यहाँ से उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए कार्य करते रहेंगे।331
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री राजबब्बर ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि काल के कुचक्र ने हमसे अटल जी को छीन लिया है। वो एक ऐसी कसौटी खड़ी करके गए हैं कि न सिर्फ उनके दल के लोग बल्कि हम जैसे लोग भी उस पर चल रहे है। इस लखनऊ में उनके सामने मेरा नाम चुनाव लड़ने के लिए आया। मैं फ्लाइट में गया और देखा तो सामने अटल जी बैठे थे। मैं ठिठका लेकिन वे मुस्कुराते हुए दिखे मेरे हाथ अपने आप जुड़ गए। मैंने बचपन से आपको देखकर बोलना सीखा है आशीर्वाद दीजिए कि मेरे मुंह से कोई अप्रिय बात न निकले। उन्होनें मुझे आशीर्वाद दिया। वे बड़े मन के आदमी थे। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बढाया। उन्होंने राजनीति को कभी अपने जीवन पर हावी न होने दिया। नेहरू जी की मृत्यु के बाद 29 फरवरी 67 को सदन के अंदर कहा था कि बाल्मीकि ने रामायण में राम के संदर्भ में जो कहा है मैं उनको वही समर्पित कर रहा हूँ जो उन्होनें नेहरू जी के बारे में कहा था। मैं इसी को अपनी शब्दाजंलि और श्रंद्धाजलि अर्पित करता हूँ।39
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि तन समर्पित मन समर्पित चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और दूं। ऐसी भावना रखने वाले नेता के प्रति मेरी श्रद्धांजलि। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लखनऊ अपने नेता को और एक कवि को, एक पत्रकार को, श्रद्धांजति अर्पित कर रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटल जी कट्टर सिद्धांत और लोकतंत्र के पोषक पालक थे। वह मर्यादा में रह कर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे। दोहरी सदस्यता के मामले पर उन्होंने कहा कि जहाँ से हम भारत निर्माण वंदन की बात सीखते हैं उसे नहीं छोड़ते। आज उनके जाने के बाद पता लग रहा है कि अटलजी के जाने के बाद उनकी प्रेरणा से आज सभी राजनीतिक दल के लोग काम कर रहे हैं। उनके चरणों में श्रदांजलि।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा में आये सभी दलों से नेताओं व गणमान्य नागरिकों का अभार व्यक्त करते हुए कहा कि 20वीं शताब्दी के मध्य से 21वीं शताब्दी के प्रारम्भ तक भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में स्वीकार्यता रही है। श्रद्धेय अटल जी विश्वस्तरीय अमर पुरूष है। मैं ऐसे महापुरूष को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूॅ।
श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिव प्रकाश जी, केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, अनुप्रिया पटेल, कृष्णा राज, साघ्वी निरंजन ज्योति, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी व जतिन प्रसाद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रांत प्रचारक कौशल जी, ब्रह्मदेव शर्मा भाई जी, हृदयेश जी, हृदयनाथ सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामपति राम त्रिपाठी, अटल जी के अनन्य सहयोगी शिव कुमार जी। अटल जी के भांजे अनूप मिश्रा सांसद मुरैना, शिया धर्मगुरु कल्बे जब्बाद, फिरंगी महली सहित कई धर्म गुरूओं व प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, उत्तर प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों ने कलश पर पुष्पाजंलि अर्पित कर अपने श्रद्धांसुमन अर्पित किये। सभा का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने किया।

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मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 सरकार की ओर से केरल राज्य के बाढ़ प्रभावितों के सहायतार्थ राहत सामग्री से भरे 25 वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना किया

Posted on 22 August 2018 by admin

राहत सामग्री भारतीय वायु सेना के
वायुयान से लखनऊ से त्रिवेन्द्रम भेजी जाएगी

केरल के बाढ़ प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए
मुख्यमंत्री राहत कोष से 15 करोड़ रु0 पूर्व में प्रेषित किए जा चुके हैं

press-43लखनऊ: 22 अगस्त, 2018

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से केरल राज्य के बाढ़ प्रभावितों के सहायतार्थ प्रथम चरण में राहत सामग्री से भरे 25 वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। इस आपदा के प्रभावितों को राहत पहुंचाने में विभिन्न संगठनों के सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर केरल के बाढ़ पीड़ितों को प्रेषित करने के लिए लगभग 60 मीट्रिक टन राहत/खाद्य सामग्री काॅरपोरेट संस्थानों, व्यापार मण्डल, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा निजी उपक्रमों के साथ समन्वय कर एकत्र की गई है। इसमें मुख्य रूप से बिस्कुट, ड्राई फ्रूट, रस्क, फ्रूट जूस, ओ0आर0एस0 पैकेट, पानी की बोतलें, मोमबत्ती, नमकीन, मिल्क पाउडर तथा चिप्स आदि सामान हैं। इसके साथ ही, दवाइयां, चटाई एवं साड़ी भी इसमें शामिल हैं।
यह राहत सामग्री लखनऊ से भारतीय वायु सेना के वायुयान आई0एल0-76 से त्रिवेन्द्रम भेजी जा रही है। इस राहत सामग्री को भेजने में प्रमुख रूप से किनले ग्रुप, लखनऊ व्यापार मण्डल, एमरून फूड्स लि0 बाराबंकी, वृंदावन बाॅटलर्स बाराबंकी, बिरला सीमेंट रायबरेली, इंडीग्रो फूड्स, फेयर एक्सपोर्ट (लुलु ग्रुप), अमौसी इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, इण्डिया पेस्टिसाइड, सिविल डिफेंस तथा आई0आई0ए0 का योगदान रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केरल राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 15 करोड़ रुपए की धनराशि पूर्व में प्रेषित की जा चुकी है।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व सुश्री रेणुका कुमार सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग के कार्मिकों और ठेकेदारों की मिलीभगत से विद्युतीकरण के लिए दी गयी सामग्री व उपकरणों के अनाधिकृृत रूप से बाजार में बेचे जाने के प्रकरण के सम्बन्ध में उच्चस्तरीय बैठक में कृत कार्रवाई की समीक्षा की

Posted on 18 August 2018 by admin

सभी दोषी व्यक्तियों तथा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के
विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला पाते ही
उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई अमल में लाने के निर्देशpress-18

स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जांच की कार्यवाही एक माह में पूर्ण कर ली जाय

उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा एक माह के भीतर अपने सभी
भण्डार गृृहों का विशेष आडिट सुनिश्चित कराया जाय

भण्डार गृहों से जारी की गयी सामग्री के प्रयोग की भी
जांच-पड़ताल एक माह में सुनिश्चित की जाय

खम्भे, ट्रांसफाॅर्मर तथा कंडक्टर आदि की गुणवत्ता जांचने
की वर्तमान प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाय

लखनऊ: 18 अगस्त, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विगत जून माह में विद्युत विभाग के कार्मिकों और ठेकेदारों की मिलीभगत से विद्युतीकरण के लिए दी गयी सामग्री व उपकरणों के अनाधिकृृत रूप से बाजार में बेचे जाने के प्रकरण के सम्बन्ध में आज शास्त्री भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कृत कार्रवाई की समीक्षा की। इस मामले में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के विद्युत विभाग के भण्डार गृहों से निर्गत की गयी सामग्री निजी व्यक्तियों के गोदामों से बरामद की गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने इस प्रकरण पर चिन्ता व्यक्त की और ऊर्जा तथा गृृह विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि प्रकरण में सर्वोच्च प्राथमिकता पर तत्काल प्रभावी और कठोर कार्रवाई की जाय। सभी दोषी व्यक्तियों तथा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला पाते ही उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई अमल में लायी जाय ताकि ऐसा सशक्त संदेश जाय कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधि करने की हिम्मत न कर सके।
बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि स्पेशल टास्क फोर्स से सूचना मिलते ही मध्यान्चल विद्युत वितरण निगम, लखनऊ एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम, आगरा द्वारा विशेष जांच दल गठित कर दिये गये थे, जिनकी आख्या के आधार पर तीन अवर अभियन्ताओं तथा दो सहायक भण्डार कीपरों को निलम्बित किया जा चुका है।
प्रकरण में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निदेशक (वित्त), उ0प्र0 पावर कारपोरेशन की अध्यक्षता में विशेष कार्यदल गठित कर दिया गया है, जिसमें सतर्कता विंग के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के साथ-साथ वित्त एवं तकनीकी क्षमता रखने वाले अन्य अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा यह नीति भी कार्यान्वित की गयी है कि कार्यशाला/भंडार इकाईयों में एक निश्चित अवधि से अधिक समय तक तैनात/कार्यरत रहे अधिकारियों/कर्मचारियों को पुनः कार्यशाला तथा भंडार इकाई में तैनात नहीं किया जायेगा। सम्पूर्ण स्टोर प्रणाली को कम्प्यूट्रीकृृत करने के लिए उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा ई0आर0पी0 प्रणाली भी लागू किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा यह निर्देश दिये गये कि स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जांच की कार्यवाही एक माह में पूर्ण कर ली जाय और इसके लिए पुलिस महानिदेशक आवश्यतानुसार एस0आई0टी0 गठित करें। उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा एक माह के भीतर अपने सभी भण्डार गृृहों का विशेष आडिट सुनिश्चित कराया जाय। इसके साथ ही भण्डार गृहों से जारी की गयी सामग्री के प्रयोग की भी जांच-पड़ताल एक माह में सुनिश्चित की जाय।
मुख्यमंत्री जी द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि विद्युतीकरण के लिए क्रय की जा रही सामग्री विशेषकर खम्भे, ट्रांसफाॅर्मर तथा कंडक्टर आदि की गुणवत्ता जांचने की वर्तमान प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाय। एक माह की अवधि में पावर कारपोरेशन (मुख्यालय) स्तर से छापे मारकर सामग्री के नमूने एकत्रित किये जाएं और उनकी जांच प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं से कराकर, गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर अनुबन्ध (काॅन्ट्रैक्ट) के अन्तर्गत कार्रवाई के साथ-साथ गम्भीर मामलों में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गृृह श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, स्पेशल टास्क फोर्स तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय अटल बिहारी वाजपेयी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है: मुख्यमंत्री

Posted on 16 August 2018 by admin

सुरेन्द्रअग्निहोत्री, लखनऊ : 16 अगस्त, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शाें को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा, भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।
आज यहां जारी एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। राष्ट्र के प्रति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सेवाओं के दृष्टिगत उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया था। अटल जी ने डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं0 दीनदयाल उपाध्याय के मार्गदर्शन में राष्ट्र-सेवा के संस्कार ग्रहण किए थे।atal-bihari-bajpai
अटल जी के व्यक्तित्व को बहुआयामी और प्रेरक बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे लोकप्रिय और सर्वमान्य नेता थे, जिनका सभी सम्मान करते थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है। उनका 6 दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन हमेशा याद किया जाएगा। अटल जी ने राजनीति को मूल्यों और सिद्धान्तों से जोड़कर देश में सुशासन की आधारशिला रखी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक ओजस्वी वक्ता और प्रखर सांसद के रूप में अटल जी की विशिष्ट पहचान थी। भारतीय संसद की गौरवशाली परम्पराओं को समृद्ध करने के लिए अटल जी को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हें श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ सार्वजनिक जीवन में सहभागी होने और संसद में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
उत्तर प्रदेश से श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निकट सम्बन्ध का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अटल जी की कर्मभूमि रहा है। उनके दादा जनपद आगरा के प्राचीन स्थान बटेश्वर के निवासी थे। अटल जी ने एम0ए0 की शिक्षा डी0ए0वी0 काॅलेज कानपुर में ग्रहण की थी। वर्ष 1957 में बलरामपुर से विजयी होकर वे पहली बार लोकसभा में पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लोकसभा में लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश और अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए अविस्मरणीय कार्य किए थे। अटल जी लोकसभा के लिए लखनऊ से 05 बार सांसद निर्वाचित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राजनीति को समावेशी स्वरूप प्रदान करते हुए देश में व्याप्त राजनैतिक अस्थिरता के माहौल को स्थायित्व में परिवर्तित किया था। अटल जी ने आधारभूत ढांचे के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी कार्य किए। उनका मानना था कि देश के विकास का केन्द्र बिन्दु ग्रामीण भारत ही हो सकता है। अपने प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को मूर्तरूप दिया, जिसके कारण देश के ग्रामीण इलाकों को पक्के मार्गों से जोड़ा गया है। उनके द्वारा लागू की गई स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने भारत के विकास के बड़े द्वार खोलने का काम किया। मेट्रो रेल के संचालन में उनके कार्यकाल में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए। कनेक्टिविटी के क्षेत्र में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अटल जी को ‘भारत मार्ग विधाता’ बताया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परमाणु शक्ति का परीक्षण कर अटल जी ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया। कारगिल युद्ध के दौरान धैयपूर्वक प्रभावी कार्यवाही करते हुए अटल जी ने भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक संवेदनशील कवि भी थे। अटल जी के संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियों, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव और अनुभूतियों ने उनकी कविताओं में हमेशा अभिव्यक्ति पायी। राजनीति में आने से पहले अटल जी पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे। उन्होंने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पांचजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। भारत के विदेश मंत्री के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण देकर ऐतिहासिक पहल की थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वर्गवास से भारत माता ने अपना एक महान सपूत खो दिया है। अटल जी के निधन से राष्ट्र को जो क्षति हुई है उसकी भरपायी होना कठिन है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना की है। मुख्यमंत्री जी ने शोक संतप्त परिजनों, शुभचिन्तकों एवं समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
ज्ञातव्य है कि श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी एवं श्रीमती कृष्णा देवी के सन्तान श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बी0ए0 विक्टोरिया काॅलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई काॅलेज) ग्वालियर तथा एम0ए0 (राजनीति विज्ञान) डी0ए0वी0 काॅलेज, कानपुर से किया था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। वे सन् 1957 में दूसरी लोकसभा में सांसद निर्वाचित हुए और भारतीय जनसंघ संसदीय दल के नेता बने। अटल जी 1962 में राज्य सभा तथा 1967 में चैथी लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए। 1968-73 तक वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 1971 में पांचवीं लोकसभा तथा 1977 में छठी लोकसभा के लिए वे सांसद निर्वाचित हुए। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी 1977-79 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। वे 1977-80 तक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे। 1980 में वे सातवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए तथा 1980 से 1986 तक अटल जी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 1991 में दसवीं लोकसभा और 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा के लिए वे निर्वाचित हुए।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी 16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री तथा 1996-97 में लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1998 में बारहवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित होने के बाद वे 1998-99 तक पुनः भारत के प्रधानमंत्री रहे। 1999 में अटल जी तेरहवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए तथा 13 अक्टूबर, 1999 से मई, 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। अटल जी चैदहवीं लोकसभा के लिए वर्ष 2004 में सांसद निर्वाचित हुए।

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आई0ए0एस0 अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी : मुख्यमंत्री

Posted on 14 August 2018 by admin

विकास कार्यों के क्रियान्वयन में प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका

प्रशासनिक अधिकारी सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करें

press-172कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में भी
प्रशासनिक अधिकारियों की प्रभावी भूमिका होती है

मुख्यमंत्री से भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की

लखनऊ : 14 अगस्त, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां शास्त्री भवन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आई0ए0एस0 अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। विकास कार्यों के क्रियान्वयन में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करें। उनके लिए यह सकारात्मक दृष्टिकोण न केवल सेवाकाल में, बल्कि जीवन में भी उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी संवाद के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। press-422
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि अधिकारी तमाम विषयों और मुद्दों से भली-भांति परिचित हों। उन्हें अपने दायित्वों का भली प्रकार निर्वहन करने के लिए परिश्रमी और तेजी से फैसले लेने में भी सक्षम होना चाहिए। साथ ही, मामलों का निस्तारण पारदर्शी तथा समयबद्ध ढंग से किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में भी प्रशासनिक अधिकारियों की प्रभावी भूमिका होती है। कभी-कभी एक छोटी सी घटना भी बड़े विवाद का रूप ले लेती है, जिसे प्रारम्भिक चरण में ही संवाद के माध्यम से निस्तारित कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राज्य में अधिकारियों को अपनी क्षमता व दक्षता दिखाने का अवसर मिला है। बगैर किसी भेदभाव, दबाव व पक्षपात के जनसंवाद के आधार पर कार्य करके, वे एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने नव नियुक्त अधिकारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री मुकुल सिंघल, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी के महानिदेशक श्री कुमार अरविन्द सिंह देव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री ने तपसी धाम, बस्ती में पर्यटन विभाग के 4.38 करोड़ रु0 के कार्यों का शिलान्यास किया

Posted on 14 August 2018 by admin

पेयजल एवं सौर ऊर्जा आधारित कार्यों का लोकार्पण

तपसी धाम क्षेत्र हमेशा से आध्यात्मिक और
सामाजिक क्षेत्र का जागृत केन्द्र रहा है : मुख्यमंत्रीpress-131

स्वतंत्रता दिवस पर 09 करोड़ पौध रोपण अभियान के तहत
लोगों को कम से कम एक पौधा लगाकर सहभागी बनना चाहिए

मुख्यमंत्री ने तपसी धाम परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया
लखनऊ : 14 अगस्त, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद बस्ती के ग्राम कसैला स्थित तपसी धाम में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के 4.38 करोड़ रुपए के कार्यों का शिलान्यास किया। इसके तहत तपसी धाम आश्रम के सौन्दर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार सम्बन्धी कार्य कराए जाएंगे। इस धाम में श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु आवास, मनोरमा नदी पर 100 मीटर लम्बे घाट का निर्माण तथा आश्रम की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने तपसी धाम में पेयजल एवं सौर ऊर्जा आधारित कार्यों का भी लोकार्पण किया।press-82
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि तपसी धाम क्षेत्र हमेशा से आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्र का जागृत केन्द्र रहा है। यह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी गतिविधियों और कार्यों का भी केन्द्र रहा है। यह स्थान आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक एकता का सन्देश देता है। ज्ञातव्य है कि तपसी धाम आश्रम में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 03 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत में तपसी धाम एक ऐसा केन्द्र है, जहां पर आध्यात्मिकता के साथ-साथ सामाजिक बिन्दुओं पर भी चर्चा होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का हर बच्चा स्कूल जाए तथा उसे यूनिफार्म, पाठ्य-पुस्तकें, जूता-मोजा आदि मिले, इसके लिए कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा तीर्थ स्थानों को परस्पर जोड़ेने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर देश के विकास और प्रगति के लिए सभी से अपना सार्थक योगदान देने तथा नदियों के प्रदूषण को दूर करने का संकल्प लेने की बात कही। उन्होंने मनोरमा नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि नदियों में शहरों और गांवों के गन्दे नालों व प्रदूषित जल को जाने से रोकना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर राज्य सरकार ने 09 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। सभी लोगों को कम से कम एक पौधा लगाकर इस अभियान में सहभागी बनना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने तपसी धाम परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर 1000 से ज्यादा पौधे रोपित किए गए, जिनमें मुख्य रूप से रूद्राक्ष, कदम्ब, जामुन, बेल, अमरूद आदि के पौधे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के आन्दोलन में अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उनके योगदान से देश को आजादी मिली। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए इस पर्व को शान्ति एवं उल्लास के वातावरण में मनाने की अपील की।
अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने पर्यटन विभाग की योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज जिन कार्यों का शिलान्यास सम्पन्न हुआ, उन्हें शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, सन्तगण एवं अन्य नागरिक उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने कानपुर और बिठूर के 20 घाटों का लोकार्पण किया

Posted on 13 August 2018 by admin

*प्रदेश सरकार द्वारा अगले वर्ष गंगा जी एवं यमुना जी *
*के तटवर्ती क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण कराया जाएगा: मुख्यमंत्री*

press-10*वर्तमान पीढ़ी को सकारात्मक सोच के साथ गंगा जी *
*की निर्मलता बनाए रखने के लिए आगे आना होगा*

*‘नमामि गंगे’ परियोजना सहित कुम्भ के आयोजन हेतु धन *
*की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी: केन्द्रीय गंगा संरक्षण मंत्री*

*‘गंगा टास्क फोर्स’ का शुभारम्भ*

*मुख्यमंत्री ने सीसामऊ नाले का निरीक्षण किया*

*कानपुर में ‘नमामि गंगे’ परियोजनाओं *
*का शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न*

*लखनऊ: 13 अगस्त, 2018*

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एवं केन्द्रीय जल संसाधन,
नदी विकास तथा गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राज मार्ग, जहाजरानी मंत्री श्री
नितिन गडकरी ने आज कानपुर और बिठूर के 20 घाटों का लोकार्पण किया। इन घाटों का
निर्माण 18 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।press-421
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में ‘नमामि गंगे’ परियोजनाओं के शिलान्यास
एवं लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंगा जी मात्र नदी नहीं
है, बल्कि यह हमारी अस्मिता एवं संस्कृति का प्रतीक है। गंगा जी को स्वच्छ एवं
अविरल बनाए रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को सकारात्मक
सोच के साथ गंगा जी की निर्मलता बनाए रखने के लिए आगे आना होगा। इस
चुनौतीपूर्ण कार्य में प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रयाग कुम्भ-2019 के
दृष्टिगत 15 दिसम्बर, 2018 के पश्चात किसी भी नाले का गंदा पानी गंगा जी में
प्रवाहित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कानपुर से इलाहाबाद के
बीच गंगा जी को निर्मल बनाना है।
गंगा जी की अविरलता को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री जी ने केन्द्रीय मंत्री
को गंगा जी एवं यमुना जी के किनारे एक किलोमीटर के अन्तराल पर बड़े जलाशय बनाए
जाने का सुझाव दिया। नदी में पानी कम होने पर इन जलाशयों से पानी छोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अगले वर्ष गंगा जी एवं यमुना जी के
तटवर्ती क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण कराया जाएगा। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री
को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के
अनुरूप प्रदेश सरकार ‘नमामि गंगे’ परियोजना में सहयोग के लिए संकल्पित है।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राज मार्ग,
जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि
‘नमामि गंगे’ में कुल 20,000 करोड़ रुपए के बजट में उत्तर प्रदेश हेतु 8900
करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत/संचालित हैं। इनमें से कानपुर में 2200 करोड़
रुपए की परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।press-121
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को आश्वस्त करते कहा कि
‘नमामि गंगे’ परियोजना सहित कुम्भ के आयोजन हेतु धन की कोई कमी नहीं होने दी
जाएगी। उन्होंने कहा कि गंगा जी को प्रदूषित करने वाले 10 शहरों में कानपुर
प्रथम है। कानपुर अपने कचरे का उपयोग करते हुए बायो सी0एन0जी0 बनाकर प्रदेश
में 5000 बसें संचालित कर सकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता
करेगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कानपुर की टेनरी का पानी सीधे गंगा जी में न जाए,
इसके लिए इसी माह के अन्त तक एस0टी0पी0 का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। साथ
ही, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 5000 करोड़ रुपए की लागत का कार्य भी शीघ्र
प्रारम्भ हो जाएगा। इससे सम्बन्धित सर्वे आदि का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस
एक्सप्रेस-वे के बन जाने से कानपुर से लखनऊ पहुंचने में मात्र 40 मिनट लगेंगे।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण राज्यमंत्री श्री सत्यपाल के
अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में गंगा
जी को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर
कानपुर में आज ‘गंगा टास्क फोर्स’ का शुभारम्भ किया गया। शीघ्र ही, कानपुर एवं
वाराणसी में गंगा जी को निर्मल बनाने के लिए ‘गंगा टास्क फोर्स’ द्वारा कार्य
किया जाएगा।
कार्यक्रम को प्रदेश के शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना
तथा सांसद डाॅ0 मुरली मनोहर जोशी ने भी सम्बोधित किया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने सीसामऊ नाले का निरीक्षण किया। इसके अलावा,
मुख्यमंत्री जी ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर
में स्थापित अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम
उद्यम मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ
अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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अलीगढ में डिफेंस कारीडोर कार्यशाला का शुभारम्भ

Posted on 11 August 2018 by admin

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अलीगढ में डिफेंस कारीडोर कार्यशाला का शुभारम्भ करते मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केन्द्रीय रक्षा मंत्री

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जनपदों के कई ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लायक बनाया जा सकता है: राष्ट्रपति

Posted on 10 August 2018 by admin

*‘एक जनपद, एक उत्पाद’ समिट प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए *
*राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किए जा रहे प्रयासों की अभिनव कड़ी है:
मुख्यमंत्री*press-24

सुरेंद्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 10 अगस्त, 2018
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी
प्रतिष्ठान में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि उत्तर
प्रदेश में देश का सबसे बड़ा ‘वर्कफोर्स’ मौजूद है। यहां पर अनेक उत्कृष्ट
शिक्षण संस्थान भी उपलब्ध हैं। कृषि उत्पादन मंे इस प्रदेश का प्रभावशाली
रिकॉर्ड है। यहां हस्त कौशल की प्रसिद्ध परंपरा है। इस प्रदेश में ताज महल और
सारनाथ जैसे पर्यटन के विश्व प्रसिद्ध केंद्र मौजूद हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश
में गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, गोमती, राप्ती और सोन नदियों की मौजूदगी किसी
आशीर्वाद की तरह है। देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी उत्तर प्रदेश में ही है।
उन्होंने कहा कि ऐसी अन्य कई विशेषताएँ हैं, जिनके बल पर यह राज्य एक
‘ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को निकट
भविष्य में प्राप्त कर सकता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि विश्व की जनसंख्या में भारत का जो अनुपात है, लगभग
वही भारत की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश का है। भारत समेत विश्व में केवल पांच
देशों की आबादी, उत्तर प्रदेश से अधिक है। राज्य की 60 प्रतिशत जनसंख्या
‘वर्किंग ऐज ग्रुप’ में है। भारत के विकास में, उत्तर प्रदेश के विकास की
अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।press-71
राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत में एम0एस0एम0ई0 उद्यमों को अर्थ-व्यवस्था का
मेरुदंड माना जाता है। ये उद्यम समावेशी विकास के इंजन हैं। कृषि क्षेत्र के
बाद सबसे अधिक लोग इन्ही उद्यमों में रोजगार पाते हैं। इन उद्यमों में
अपेक्षाकृत कम पूंजी की लागत पर रोजगार के अधिक अवसर पैदा होते हैं। सबसे
महत्वपूर्ण बात यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों
में रोजगार पैदा होते हैं। देश के सर्वाधिक एम0एस0एम0ई0 उद्यम उत्तर प्रदेश
में हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में, हमारे डेमोग्राफिक
डिविडेंड का सबसे अधिक उपयोग इन्ही उद्यमों में हो सकेगा।press-63
राष्ट्रपति जी ने कहा कि देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का
योगदान लगभग 44 प्रतिशत है। हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, इंजिनियरिंग गुड्स,
कालीन, रेडीमेड कपड़े, लेदर गुड्स में लगे उद्योगों से विदेशी मुद्रा और रोजगार
दोनों ही दृष्टियों से लाभ होता है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के विकास में
एम0एस0एम0ई0 उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूरे देश में एम0एस0एम0ई0
क्षेत्र के लिए प्रभावी ईको-सिस्टम विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण
प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओ.डी.ओ.पी.)
योजना भी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक एम0एस0एम0ई0 उद्यमों के लिए सहायक
परिस्थितियाँ उत्पन्न करेगी।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि राज्य के शिल्पकारों का हुनर बहुत ही प्रभावशाली है।
ओ.डी.ओ.पी. योजना से स्थानीय कौशल और कलाओं का संवर्धन होगा, तथा उत्पादों की
पहुँच बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश के हर जनपद में शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति
होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना द्वारा पाँच
वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए 25 लाख लोगों को
रोजगार दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस
योजना से युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ-ही-साथ,
राज्य के समग्र और संतुलित विकास को बल मिलेगा।press-52
राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस समिट में ‘ई-मार्केटिंग’, ‘जीरो डिफेक्ट-जीरो
इफेक्ट’ और पूंजी निवेश में सहायता के लिए यहाँ उपस्थित संस्थानों के
प्रतिनिधियों के साथ, जो समझौता ज्ञापन किए गए हैं, उनसे जिला स्तर पर
उत्पादकों के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि ‘थिंक-ग्लोबल, एक्ट-लोकल’ की सोच के अनुसार, स्थानीय
कौशल को प्रोत्साहन देकर, जनपदों के कई ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार
के लायक बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय
और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है। लेकिन ऐसे बहुत से जिले और उत्पाद हैं,
जिन्हंे इस योजना द्वारा समुचित प्रोत्साहन देकर उनकी क्षमता का व्यावसायिक
उपयोग किया जा सकता है। कई नए ब्रांड विकसित किए जा सकते हैं। जब अंबेडकर नगर
के वस्त्र-उत्पाद के कारीगर और श्रावस्ती में ट्राइबल क्राफ्ट में लगे शिल्पी
राज्य सरकार से प्रभावी सहायता प्राप्त करेंगे तो निश्चय ही उनका उत्साह बढ़ेगा
और उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उनके उत्पाद अधिक ‘मार्केटेबल’ हो
सकेंगे।press-11
राष्ट्रपति जी ने कहा कि ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देकर उत्पादों की विभिन्न
बाजारों में पहुँच बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता स्वयं उत्पादों
तक नहीं आता। उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की रुचि जगाने के लिए उसके पास जाना
पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रांडिंग के लिए देश के प्रमुख सात-आठ नगरों
में उत्तर प्रदेश के जनपदों के उत्पादों की लगभग 10 से 15 दिनों की प्रदर्शनी
का आयोजन किया जा सकता है।
फरवरी, 2018 में आयोजित ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट’ का जिक्र करते हुए
राष्ट्रपति जी ने कहा कि ऐसे उत्पादों के विषय में उन्होंने अपने विचार समिट
में भी साझा किए थे। उन्होंने कहा कि हमें विकसित देशों से यह सीखना होगा कि
कैसे हाथ से बनी हुई चीजों को आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग के जरिये विदेशी
मुद्रा कमाने, रोजगार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया
जा सकता है।press-13
राष्ट्रपति जी ने कहा कि कोई भी हुनर या कौशल समाज के किसी वर्ग-विशेष से जुड़ा
नहीं होता है। सचमुच में परिश्रम, परिश्रम होता है, उसका कोई उच्च या निम्न
स्तर नहीं होता है। कम परिश्रम के व्यवसाय या नौकरी की ओर आकर्षित होने की
अपनी मानसिकता को हमें बदलना होगा। ‘डिग्निटी ऑफ लेबर एंड रिस्पेक्ट फॉर
स्किल’ में विश्वास करने वाला समाज विकास की दौड़ में सदैव आगे रहता है।
उन्होंने कहा कि इस योजना में सभी उत्पादों से जुड़ी पूरी ‘प्रोसेस-चेन’ और
‘वैल्यू-चेन’ पर ध्यान दिया गया है, जिसका फायदा भविष्य में मिलेगा। इन
प्रयासों के द्वारा उत्पादकों और ग्राहकों के बीच सीधा संपर्क और भी सुगम हो
सकेगा।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस योजना में वह क्षमता है, जिसके द्वारा अंतिम
पंक्ति के लोगों को कौशल-विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करके, जमीनी स्तर पर
व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। विकास और कल्याण के मानदंडों पर पीछे रह गए देश
के 117 आकांक्षी जिलों में उत्तर प्रदेश के 8 जिले शामिल हैं। इनमे से उत्तर
प्रदेश के दो जिलों बलरामपुर में फूड प्रोसेसिंग और फतेहपुर में बेडशीट बनाने
का काम होता है। इनमें यह योजना ‘चेंज-एजेंट’ का काम कर सकती है। इस योजना
द्वारा होने वाला बदलाव इन आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा,
कौशल विकास तथा वित्तीय समावेश के मापदण्डों पर सुधार लाने में भी सहायक होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने
कहा कि राष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन से उत्तर प्रदेश में लागू की जा रही
ओ0डी0ओ0पी0 योजना को प्रभावी बनाने की प्रेरणा मिलेगी। यद्यपि उत्तर प्रदेश
कृषि प्रधान राज्य है, तथापि यहां के प्रत्येक जनपद में असीमित सम्भावनाएं
मौजूद हैं। इनका दोहन करने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य
सरकार द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 योजना लागू कर एक नया प्रयास किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प उच्च कोटि के हैं। इसके
अलावा राज्य में बड़े पैमाने पर पढ़े-लिखे नौजवान मौजूद हैं, जो राज्य की कुशल
मानव शक्ति हैं। इनको काम मिलने से, इनका पलायन रुकेगा और यह अपने घर में ही
काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्पों, उत्पादों की
ब्राण्डिंग बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश द्वारा लागू की गई ओ0डी0ओ0पी0 योजना
वास्तव में ग्राम विकास का नया क्रान्तिकारी माॅडल है, जिसे पूरे देश के
राज्यों को अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की
दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में 18 मण्डल और 75 जनपद हैं।
सत्ता में आने के बाद से राज्य सरकार प्रदेश से युवाओं के पलायन को रोकने की
दिशा में कार्य कर रही है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ समिट प्रदेश के औद्योगिक
विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किए जा रहे प्रयासों की अभिनव कड़ी
है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद का कोई न कोई विशिष्ट उत्पाद है। यह पारम्परिक
उत्पाद उस जिले की पहचान भी हैं और स्थानीय जनता के लिए रोजगार का एक
महत्वपूर्ण माध्यम है। इन उत्पादांे को बढ़ावा देकर प्रत्येक जनपद के अर्थिक
विकास को गति दी जा सकती है और नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के बड़े
अवसर भी। इसे ध्यान में रखकर ही प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना
के क्रियान्वयन का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के जनपदों के पारम्परिक
शिल्प, उत्पादों एवं लघु उद्यमों का संरक्षण तथा विकास करना तथा इसके माध्यम
से प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेशवासियों की आय
में वृद्धि करना है। इसके अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के विशिष्ट और प्रतिष्ठित
उत्पादों की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्राण्डिंग तथा उत्पादों की
गुणवत्ता में सुधार की व्यवस्था भी की गई है। तकनीकी उन्नयन के माध्यम से
कारीगरों और हस्तशिल्पियों का विकास तथा लघु एवं स्थानीय उद्यमों के लिए काॅमन
फैसिलिटी सेण्टर, टेस्टिंग लैब, डिजाइन स्टूडियो, एक्जीबिशन कम व्यापार
केन्द्र जैसी महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी इस योजना के
उद्देश्यों में शामिल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम
उद्योगों (एम0एस0एम0ई0) का बहुत बड़ा योगदान है। कृषि के बाद एम0एस0एम0ई0
सेक्टर में ही रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर पैदा होते हैं। प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी जी का भी मानना है कि राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई ‘एक
जनपद, एक उत्पाद’ योजना (ओ0डी0ओ0पी0) को केन्द्र सरकार की स्किल इण्डिया,
स्टैण्ड-अप इण्डिया, स्टार्ट-अप इण्डिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि से
जोड़कर प्रदेश के एम0एस0एम0ई0 सेक्टर का कायाकल्प किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने 16 माह के कार्यकाल में राज्य
की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। औद्योगिक
निवेश के लिए कानून व्यवस्था की अच्छी स्थिति आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा
कानून व्यवस्था में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। इसके परिणामस्वरूप
राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति चुस्त-दुरुस्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत फरवरी में आयोजित ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स
समिट-2018’ में विभिन्न संस्थाओं के साथ प्रदेश में 4.28 लाख करोड़ रुपए के
निवेश से सम्बन्धित 1045 समझौतों पर हस्ताक्षर सम्पन्न हुए थे। 05 महीने के
अल्प समय में ही इनमें से 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर
उतारने के लिए विगत 29 जुलाई को ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी सम्पन्न हो चुकी
है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री जी द्वारा 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सभी 75 जनपदों के
‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जुड़े उद्यमियों को व्यवसाय प्रारम्भ करने के
लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न रोजगारपरक तथा स्टार्टअप को
प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के समन्वय से, वित्त पोषण के लिए 1006 करोड़
रुपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने ऋण प्राप्त करने वाले
सभी लाभार्थी उद्यमियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए समिट के अवसर पर 500 करोड़ रुपये के ऋण
वितरण का प्रारम्भिक लक्ष्य रखा गया था। परन्तु जनपदांे की सक्रियता और बैंकों
की सहभागिता के परिणामस्वरूप यह धनराशि बढ़कर 1006 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि यह अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है, जब किसी भी प्रदेश में
एक ही दिन लघु उद्योगों के लिए 1006 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण एक साथ किया
गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ कार्यक्रम
को वर्ष 2018-19 में लागू किए जाने के लिए 250 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया
है। इसके क्रियान्वयन में बजट की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी तथा आवश्यकतानुसार
अतिरिक्त बजट का भी प्राविधान कराया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू की जाएगी। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से
प्रतिवर्ष 05 लाख नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रकार अगले पांच
वर्षों में 25 लाख नौजवान रोजगार पाएंगे, जिससे उनका प्रदेश से पलायन रुकेगा।
कार्यक्रम को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री
श्री सत्यदेव पचैरी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति जी ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के हेल्पलाइन
नम्बर तथा वेबसाइट का शुभारम्भ किया। उन्होंने बटन दबाकर ओ0डी0ओ0पी0 योजना के
4095 लाभार्थियों के मध्य 1006.94 करोड़ रुपए का ऋण भी वितरित किया। इस अवसर पर
मुख्य सचिव तथा नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एन0एस0ई0) तथा बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज
(बी0एस0ई0) के प्रतिनिधियों के बीच एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान भी हुआ। कार्यक्रम
में राज्य सरकार तथा अमेजन, क्यू0सी0आई0 तथा जी0ई0 हेल्थ केयर के बीच एम0ओ0यू0
हस्ताक्षरित कर उनका आदान-प्रदान भी किया गया।
राष्ट्रपति जी ने लाभार्थियों को टूल किट तथा ओ0डी0ओ0पी0 ऋण चेक भी वितरित
किए। राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने ओ0डी0ओ0पी0 काॅफी टेबल बुक का विमोचन किया
और इसकी एक प्रति राष्ट्रपति जी को भेंट की। इससे पूर्व, राष्ट्रपति जी ने
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने ओ0डी0ओ0पी0 समिट में
विभिन्न जनपदों के विशिष्ट उत्पादों को दर्शाने के लिए आयोजित एक प्रदर्शनी का
भी अवलोकन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रपति जी को शाॅल तथा
स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने
कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि
राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर सृजित हों और
युवाओं को काम मिल सके।

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उत्तर प्रदेश को नाॅलेज आधारित प्रदेश के रूप में स्थापित करने के लिये उलहवअ (माई गवर्मेन्ट) प्लेटफार्म का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाएं: मुख्य सचिव

Posted on 07 August 2018 by admin

नागरिकों की शासन में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु
एक सुदृढ़ डिजिटल प्लेटफार्म माई गवर्मेन्ट: डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय

डिजिटल प्लेटफार्म केे माध्यम से नागरिकों को शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं
के क्रियान्वयन में अपना सहयोग प्रदान करने की सुविधा: मुख्य सचिव

लखनऊ: 07 अगस्त, 2018dsc_4111
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश को नाॅलेज आधारित प्रदेश के रूप में स्थापित करने के लिये उलहवअ (माई गवर्मेन्ट) प्लेटफार्म का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिये उपयोगी आधारभूत आई.टी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से आम जन-मानस को उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाएं।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उलहवअ (माई गवर्मेन्ट) प्लेटफार्म के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण के उद्देश्य की पूर्ति हेतु यह अत्यन्त आवश्यक है कि नागरिकों की शासन में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु एक सुदृढ़ डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से शासन की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के सम्बन्ध में नागरिक अपने बहुमूल्य सुझाव देने के साथ-साथ जनहित के विषयों पर सार्थक चर्चा कर शासन के निर्णयों के सम्बन्ध में इच्छुक नागरिक अपना विचार व्यक्त कर सकें। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म केे माध्यम से नागरिक रचनात्मकता के माध्यम से शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में आपसी सम्पर्क एवं संवाद के लिये सोशल मीडिया का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता के साथ सरकार के सुझाव के लिये यह अत्यन्त आवश्यक है कि प्रदेश में उलहवअ प्लेटफार्म के प्रभावी क्रियान्वयन में प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासन में जन-सहभागिता को बढ़ाने की दृष्टि से ऐसी संस्थागत संरचना का निर्माण उत्तर प्रदेश में भी प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने उलहवअ प्लेटफार्म का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु सूचना विभाग को नोडल विभाग नामित करते हुये कहा कि बेहतर क्रियान्वयन कराने हेतु सूचना विभाग को आवश्यक संसाधन नियमानुसार उपलब्ध कराये जाएं।
अपर मुख्य सचिव, आई.टी. श्री आलोक सिन्हा ने बताया कि उलहवअण्पद पोर्टल के सुव्यवस्थित संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत एक स्वतंत्र उलहवअ कार्यालय स्थापित किया गया है जिसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है तथा शेष कर्मचारियों की सेवाएं संविदा आधार पर प्राप्त की गयी हैं। उलहवअ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करते हैं। उलहवअ टीम में लगभग 150 युवा एवं ऊर्जावान सदस्य हैं, जिनमें से मुख्य कार्यपालक अधिकारी को छोड़कर शेष सभी निजी क्षेत्र से संविदा आधार पर कार्यरत हैं। उलहवअ पोर्टल के लिए भारत सरकार द्वारा सब-डोमेन विकसित कर माइक्रो साइट्स बनाई जा रही हैं जिससे इसका विस्तार ेवजिूंतम ंे ं ेमतअपबम ;ैंेद्ध माॅडल पर राज्यों तक भी हो सके। पोर्टल के सभी तकनीकी विषयों पर एनआईसी सहयोगकर्ता एजेन्सी के रूप में कार्य करेगा।
श्री आलोक सिन्हा ने बताया कि माई यूपी योजना के सुचारू क्रियान्वयन हेतु 06 सदस्यों की प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट में-प्रोजेक्ट मैनेजर, कंसल्टेन्ट, कैपेसिटी बिल्डिंग एवं मार्केटिंग कन्सल्टेन्ट, कन्टेन्ट एक्सपर्ट, कन्सल्टेन्ट सह एम.आई.एस. एक्सपर्ट, कन्सल्टेन्ट सह बिड एक्सपर्ट होंगे। उन्होंने बताया कि योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट यूनिट के चयन के उपरान्त प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट यूनिट द्वारा 16 सदस्यों की कन्टेन्ट टीम/सपोर्ट टीम का चयन पारदर्शी रूप से आउटसोर्सिंग आधार पर कराया जाना प्रस्तावित है। कन्टेन्ट टीम/सपोर्ट टीम का कार्यकाल 02 वर्षों हेतु होगा इसका कार्यकाल एवं सदस्यों की संख्या आवश्यकतानुरूप बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि कन्टेन्ट टीम/सपोर्ट टीम में सहायक एडिटर ब्लाग, कन्टेन्ट अपडेटिंग, रिर्सचर, ऐनालिसिस एवं समरी, कन्टेन्ट राईटर, ग्राफिक्स डिजाईनर, ट्रान्सलेटर, वीडियो रिकार्डिंग/वीडियो एडिटर, फोटोग्राफर, कम्प्यूटर आॅपरेटर, आॅफिस असिस्टेन्ट, हेल्पर होंगे।

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