सभी दोषी व्यक्तियों तथा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के
विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला पाते ही
उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जांच की कार्यवाही एक माह में पूर्ण कर ली जाय
उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा एक माह के भीतर अपने सभी
भण्डार गृृहों का विशेष आडिट सुनिश्चित कराया जाय
भण्डार गृहों से जारी की गयी सामग्री के प्रयोग की भी
जांच-पड़ताल एक माह में सुनिश्चित की जाय
खम्भे, ट्रांसफाॅर्मर तथा कंडक्टर आदि की गुणवत्ता जांचने
की वर्तमान प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाय
लखनऊ: 18 अगस्त, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विगत जून माह में विद्युत विभाग के कार्मिकों और ठेकेदारों की मिलीभगत से विद्युतीकरण के लिए दी गयी सामग्री व उपकरणों के अनाधिकृृत रूप से बाजार में बेचे जाने के प्रकरण के सम्बन्ध में आज शास्त्री भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कृत कार्रवाई की समीक्षा की। इस मामले में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के विद्युत विभाग के भण्डार गृहों से निर्गत की गयी सामग्री निजी व्यक्तियों के गोदामों से बरामद की गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने इस प्रकरण पर चिन्ता व्यक्त की और ऊर्जा तथा गृृह विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि प्रकरण में सर्वोच्च प्राथमिकता पर तत्काल प्रभावी और कठोर कार्रवाई की जाय। सभी दोषी व्यक्तियों तथा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला पाते ही उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई अमल में लायी जाय ताकि ऐसा सशक्त संदेश जाय कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधि करने की हिम्मत न कर सके।
बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि स्पेशल टास्क फोर्स से सूचना मिलते ही मध्यान्चल विद्युत वितरण निगम, लखनऊ एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम, आगरा द्वारा विशेष जांच दल गठित कर दिये गये थे, जिनकी आख्या के आधार पर तीन अवर अभियन्ताओं तथा दो सहायक भण्डार कीपरों को निलम्बित किया जा चुका है।
प्रकरण में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निदेशक (वित्त), उ0प्र0 पावर कारपोरेशन की अध्यक्षता में विशेष कार्यदल गठित कर दिया गया है, जिसमें सतर्कता विंग के पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के साथ-साथ वित्त एवं तकनीकी क्षमता रखने वाले अन्य अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा यह नीति भी कार्यान्वित की गयी है कि कार्यशाला/भंडार इकाईयों में एक निश्चित अवधि से अधिक समय तक तैनात/कार्यरत रहे अधिकारियों/कर्मचारियों को पुनः कार्यशाला तथा भंडार इकाई में तैनात नहीं किया जायेगा। सम्पूर्ण स्टोर प्रणाली को कम्प्यूट्रीकृृत करने के लिए उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा ई0आर0पी0 प्रणाली भी लागू किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा यह निर्देश दिये गये कि स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जांच की कार्यवाही एक माह में पूर्ण कर ली जाय और इसके लिए पुलिस महानिदेशक आवश्यतानुसार एस0आई0टी0 गठित करें। उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा एक माह के भीतर अपने सभी भण्डार गृृहों का विशेष आडिट सुनिश्चित कराया जाय। इसके साथ ही भण्डार गृहों से जारी की गयी सामग्री के प्रयोग की भी जांच-पड़ताल एक माह में सुनिश्चित की जाय।
मुख्यमंत्री जी द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि विद्युतीकरण के लिए क्रय की जा रही सामग्री विशेषकर खम्भे, ट्रांसफाॅर्मर तथा कंडक्टर आदि की गुणवत्ता जांचने की वर्तमान प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाय। एक माह की अवधि में पावर कारपोरेशन (मुख्यालय) स्तर से छापे मारकर सामग्री के नमूने एकत्रित किये जाएं और उनकी जांच प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं से कराकर, गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर अनुबन्ध (काॅन्ट्रैक्ट) के अन्तर्गत कार्रवाई के साथ-साथ गम्भीर मामलों में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गृृह श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, स्पेशल टास्क फोर्स तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।