सुरेन्द्रअग्निहोत्री, लखनऊ : 16 अगस्त, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शाें को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा, भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।
आज यहां जारी एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। राष्ट्र के प्रति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सेवाओं के दृष्टिगत उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया था। अटल जी ने डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं0 दीनदयाल उपाध्याय के मार्गदर्शन में राष्ट्र-सेवा के संस्कार ग्रहण किए थे।
अटल जी के व्यक्तित्व को बहुआयामी और प्रेरक बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे लोकप्रिय और सर्वमान्य नेता थे, जिनका सभी सम्मान करते थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है। उनका 6 दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन हमेशा याद किया जाएगा। अटल जी ने राजनीति को मूल्यों और सिद्धान्तों से जोड़कर देश में सुशासन की आधारशिला रखी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक ओजस्वी वक्ता और प्रखर सांसद के रूप में अटल जी की विशिष्ट पहचान थी। भारतीय संसद की गौरवशाली परम्पराओं को समृद्ध करने के लिए अटल जी को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हें श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ सार्वजनिक जीवन में सहभागी होने और संसद में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
उत्तर प्रदेश से श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निकट सम्बन्ध का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अटल जी की कर्मभूमि रहा है। उनके दादा जनपद आगरा के प्राचीन स्थान बटेश्वर के निवासी थे। अटल जी ने एम0ए0 की शिक्षा डी0ए0वी0 काॅलेज कानपुर में ग्रहण की थी। वर्ष 1957 में बलरामपुर से विजयी होकर वे पहली बार लोकसभा में पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लोकसभा में लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश और अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए अविस्मरणीय कार्य किए थे। अटल जी लोकसभा के लिए लखनऊ से 05 बार सांसद निर्वाचित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राजनीति को समावेशी स्वरूप प्रदान करते हुए देश में व्याप्त राजनैतिक अस्थिरता के माहौल को स्थायित्व में परिवर्तित किया था। अटल जी ने आधारभूत ढांचे के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी कार्य किए। उनका मानना था कि देश के विकास का केन्द्र बिन्दु ग्रामीण भारत ही हो सकता है। अपने प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को मूर्तरूप दिया, जिसके कारण देश के ग्रामीण इलाकों को पक्के मार्गों से जोड़ा गया है। उनके द्वारा लागू की गई स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने भारत के विकास के बड़े द्वार खोलने का काम किया। मेट्रो रेल के संचालन में उनके कार्यकाल में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए। कनेक्टिविटी के क्षेत्र में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अटल जी को ‘भारत मार्ग विधाता’ बताया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परमाणु शक्ति का परीक्षण कर अटल जी ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया। कारगिल युद्ध के दौरान धैयपूर्वक प्रभावी कार्यवाही करते हुए अटल जी ने भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक संवेदनशील कवि भी थे। अटल जी के संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियों, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव और अनुभूतियों ने उनकी कविताओं में हमेशा अभिव्यक्ति पायी। राजनीति में आने से पहले अटल जी पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे। उन्होंने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पांचजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। भारत के विदेश मंत्री के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण देकर ऐतिहासिक पहल की थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वर्गवास से भारत माता ने अपना एक महान सपूत खो दिया है। अटल जी के निधन से राष्ट्र को जो क्षति हुई है उसकी भरपायी होना कठिन है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना की है। मुख्यमंत्री जी ने शोक संतप्त परिजनों, शुभचिन्तकों एवं समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
ज्ञातव्य है कि श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी एवं श्रीमती कृष्णा देवी के सन्तान श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बी0ए0 विक्टोरिया काॅलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई काॅलेज) ग्वालियर तथा एम0ए0 (राजनीति विज्ञान) डी0ए0वी0 काॅलेज, कानपुर से किया था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। वे सन् 1957 में दूसरी लोकसभा में सांसद निर्वाचित हुए और भारतीय जनसंघ संसदीय दल के नेता बने। अटल जी 1962 में राज्य सभा तथा 1967 में चैथी लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए। 1968-73 तक वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 1971 में पांचवीं लोकसभा तथा 1977 में छठी लोकसभा के लिए वे सांसद निर्वाचित हुए। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी 1977-79 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। वे 1977-80 तक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे। 1980 में वे सातवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए तथा 1980 से 1986 तक अटल जी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। 1991 में दसवीं लोकसभा और 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा के लिए वे निर्वाचित हुए।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी 16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री तथा 1996-97 में लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1998 में बारहवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित होने के बाद वे 1998-99 तक पुनः भारत के प्रधानमंत्री रहे। 1999 में अटल जी तेरहवीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए तथा 13 अक्टूबर, 1999 से मई, 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। अटल जी चैदहवीं लोकसभा के लिए वर्ष 2004 में सांसद निर्वाचित हुए।