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मुख्यमंत्री से आईटीसी के सी0ई0ओ0 श्री संजीव पुरी ने भेंट की

Posted on 10 February 2018 by admin

मुलाकात के दौरान प्रदेश में निवेश
की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श

press-23आईटीसी के सी0ई0ओ0 ने मुख्यमंत्री को उपभोक्ता खाद्य सामग्री, ग्रीन इनर्जी एवं गाजियाबाद में लाॅजिस्टिक्स हब
की स्थापना के लिए 1100 करोड़ रु0 से अधिक पूंजी निवेश किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव दिए

आईटीसी के सी0ई0ओ0 ने निवेश प्रोत्साहन एवं औद्योगिक विकास
के लिए राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की

आईटीसी कम्पनी उत्तर प्रदेश में अपनी कारोबारी
गतिविधियां बढ़ाने की इच्छुक: श्री संजीव पुरी

लखनऊ: 10 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां उनके सरकारी आवास पर आईटीसी के सी0ई0ओ0 श्री संजीव पुरी ने भेंट की। इस अवसर पर प्रदेश में निवेश की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री जी से भेंट के दौरान श्री पुरी ने उपभोक्ता खाद्य सामग्री, ग्रीन इनर्जी एवं गाजियाबाद में लाॅजिस्टिक्स हब की स्थापना के लिए 1100 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी निवेश किए जाने के सम्बन्ध मंे प्रस्ताव दिए। श्री संजीव पुरी ने निवेश प्रोत्साहन एवं औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कम्पनी उत्तर प्रदेश में अपनी कारोबारी गतिविधियां बढ़ाने की इच्छुक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘ईज़ आॅफ डूईंग बिजनेस’ के प्रोत्साहन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। उद्यमों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सेक्टरवार नीतियां लागू की गई हैं, जिनमें उद्यमों की स्थापना के लिए आकर्षक प्राविधान हैं। इन सुविधाओं और विकास कार्यों से प्रभावित होकर निवेशक उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए आदर्श राज्य स्वीकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने श्री संजीव पुरी को 21 व 22 फरवरी को लखनऊ में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित भी किया।
भेंट के दौरान अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय भी उपस्थित थे।

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राज्य सरकार संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए हर सम्भव सहयोग करेगी: मुख्यमंत्री

Posted on 07 February 2018 by admin

लखनऊ: 07 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की महत्ता को संस्कृत के माध्यम से ही जाना जा सकता है। इस भाषा ने जीवन मूल्यों की प्रतिष्ठा में बड़ी भूमिका निभायी है। संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम हो सकती है। संस्कृत देव भाषा है। इसका साहित्य अत्यन्त समृद्ध है। अपने साहित्य के माध्यम से संस्कृत भाषा सुरक्षित है। press-11
राज्यपाल आज यहां लोक भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के सम्मान समारोह में अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के विद्वानों को इसके उत्थान के प्रति समर्पित होना चाहिए। संस्कृत साधकों की साधना से ही इस भाषा की विशेषता सामने आएगी तथा इसका प्रचार-प्रसार होगा। ‘सत्यमेव जयते’, ‘यतो धर्मस्य ततो जयः’, ‘धर्मचक्र प्रवर्तनाय’ आदि सूक्तियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इसमें कम शब्दों में पूरी बात कहने की शक्ति है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि संस्कृत विश्व की अनेक भाषाओं की जननी है। इसकी तुलना किसी अन्य भाषा या बोली से नहीं की जा सकती। भारतीय संस्कृति का आधार संस्कृत है। इसके बगैर भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती। संस्कृत के संरक्षण के लिए सरकार के साथ संस्कृत की परम्परा को भी दायित्व लेना होगा। राज्य सरकार संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए हर सम्भव सहयोग करेगी।
योगी जी ने कहा कि वर्तमान भौतिकता के युग में संस्कृत ने अपने साधकों और श्रुति परम्परा के योगदान से ही पहचान बनाए रखी है। संस्कृत के प्रचार-प्रसार और इसे मुख्य धारा में लाने के लिए अर्वाचीन एवं प्राचीन के मिलन के साथ ही तन्मयता, शुद्ध मन और शुद्ध बुद्धि से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। विश्व में जो नये शोध हो रहे हैं, उनमें संस्कृत के महत्व को स्वीकारा जा रहा है। press-311
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत के संरक्षण की जिम्मेदारी संस्कृत के साधक और विद्वान उठाएं। इसके संवर्द्धन एवं प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन किया है। संस्कृत संस्थानम् के बजट में दो गुने से भी अधिक की वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत संस्थानम् को प्रदेश के विद्यालयों में अभियान चलाकर संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन करना चाहिए, जिससे प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थी संस्कृत बोलते हुए दिखायी दें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत बहुत ही समृद्ध भाषा है। इसमें सभी विषयों पर गहन जानकारी देने वाले ग्रन्थ रचे गए हैं। महर्षि बृहस्पति के विमानन शास्त्र तथा सुश्रुत के शल्य चिकित्सा सम्बन्धी ग्रन्थों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत की अमूल्य धरोहरों को शोध के माध्यम से मानवता की सेवा के लिए सामने लाया जाना चाहिए।
योगी जी ने कार्यक्रम में सम्मानित संस्कृत विद्वानों और साधकों को बधाई दी और भरोसा जताया कि वे सभी संस्कृत संरक्षण के लिए अपनी ऊर्जा का उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि संस्कृत संस्थानम् द्वारा प्रतिवर्ष संस्कृत भाषा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विद्वानों को सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में वर्ष 2016 एवं 2017 के लिए पुरस्कार दिए जा रहे हैं। संस्थानम् द्वारा प्रतिवर्ष संस्कृत के लब्ध प्रतिष्ठित एक विद्वान को 05 लाख, 01 हजार रुपए का विश्व भारती पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा 02 लाख, 01 हजार रुपए का महर्षि वाल्मीकि एवं 02 लाख, 01 हजार रुपए का महर्षि व्यास पुरस्कार दिया जाता है। साथ ही, 01 लाख, 01 हजार रुपए का महर्षि नारद पुरस्कार तथा 5 विद्वानों को 01 लाख, 1 हजार रुपए के 5 विशिष्ट पुरस्कार दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वेद पाठ की प्राचीन परम्परा लुप्त न हो और श्रुति परम्परा, जिसके द्वारा अनादि काल से विद्वानों द्वारा वेदों को संरक्षित किया गया है, को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिवर्ष 51 हजार रुपए के 10 वेद पण्डित पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा, 51 हजार रुपए की पुरस्कार राशि के 05 नामित पुरस्कार, 21 हजार रुपए के 06 विशेष पुरस्कार तथा 11 हजार रुपए की राशि वाले 20 विविधि पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
इस अवसर पर आचार्य जगन्नाथ पाठक को वर्ष 2016 तथा आचार्य केशवराव सदाशिवशास्त्री मुसलगाँवकर को वर्ष 2017 का विश्वभारती पुरस्कार, डाॅ0 रामशंकर अवस्थी को वर्ष 2016 तथा डाॅ0 प्रशस्यमिश्र शास्त्री को वर्ष 2017 का महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार, प्रो0 आजाद मिश्र ‘मधुकर’ को वर्ष 2016 तथा प्रो0 हरिदत्त शर्मा को वर्ष 2017 का महर्षि व्यास पुरस्कार, डाॅ0 शिवबालक द्विवेदी को वर्ष 2016 तथा विद्वान् श्री जनार्दन हेगडे को वर्ष 2017 का महर्षि नारद पुरस्कार प्रदान किया गया। आचार्य केशवराव सदाशिवशास्त्री मुसलगाँवकर ने अपनी पुरस्कार राशि में से 01 लाख रुपए तथा प्रो0 हरिदत्त शर्मा ने अपनी पुरस्कार राशि में से आधी धनराशि संस्कृत संस्थानम् को देने की घोषणा भी की।
इसके अलावा, डाॅ0 देवीसहाय पाण्डेय ‘दीप’, डाॅ0 विजेन्द्र कुमार शर्मा, डाॅ0 गिरिजाशंकर शास्त्री, डाॅ0 श्रीमती प्रमोद बाला मिश्रा, डाॅ0 रामानन्द शर्मा को वर्ष 2016 तथा डाॅ0 राकेश शास्त्री, प्रो0 फूलचन्द जैन ‘प्रेमी’, प्रो0 राजाराम शुक्ल, प्रो0 गोपबन्धु मिश्र, डाॅ0 सुरेन्द्र पाल सिंह को वर्ष 2017 के विशिष्ट पुरस्कार प्रदान किए गए। श्री धमेन्द्र शर्मा, डाॅ0 पं0 महेन्द्र पण्ड्या, श्री चक्रपाणि मिश्र, श्री अनिरुद्ध घनपाठी, श्री गजानन दिलीप ज्योतकर, श्री पवन कुमार पाण्डेय, श्री शिवशंकर पाठक, आचार्य पंकज कुमार शर्मा, श्री ओम प्रकाश द्विवेदी, श्री अंकित दीक्षित को वर्ष 2016 तथा श्री शिव मूरत तिवारी, श्री शिव नारायण शुक्ल, श्री सिद्धेश कुमार पाण्डेय, श्री अभिषेक दूबे, श्री सुनील कुमार उपाध्याय, श्री पद्मभूषण मिश्र, श्री खिमलाल न्यौपाने, श्री विकास कुमार पाण्डेय, श्री निखिल त्रिवेदी, श्री एस0 गुरुनाथ घनपाठी को वर्ष 2017 का वेदपण्डित पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस मौके पर आचार्य महावीर प्रसाद शर्मा, प्रो0 आजाद मिश्र ‘मधुकर’, श्री सांवर मल शर्मा ‘शास्त्री’, डाॅ0 शंकर दत्त ओझा को वर्ष 2016 तथा डाॅ0 बलराम शुक्ल, डाॅ0 एच0आर0 विश्वास, डाॅ0 दिनेश कुमार द्विवेदी, श्रीमती अंजना शर्मा को वर्ष 2017 के नामित पुरस्कार, डाॅ0 केशव प्रसाद गुप्त, डाॅ0 रमाकान्त शुक्ल, प्रो0 अभिराज राजेन्द्र मिश्र, श्री विमलेन्द्र कुमार, प्रो0 हरिनारायण तिवारी, श्री शिवसागर त्रिपाठी को वर्ष 2016 तथा डाॅ0 धर्मदत्त चतुर्वेदी, प्रो0 आजाद मिश्र ‘मधुकर’, प्रो0 उमेश प्रसाद सिंह, डाॅ0 गिरिजा शंकर शास्त्री, डाॅ0 प्रतिभा आर्या, डाॅ0 प्रशस्यमित्र शास्त्री, श्री सेतल संघसेनो (प्रो0 संघसेन सिंह) को वर्ष 2017 के विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए।
इसके अतिरिक्त डाॅ0 रामकिशोर मिश्र, प्रो0 आजाद मिश्र ‘मधुकर’, प्रो0 बनमाली विश्वाल, डाॅ0 वत्सला, डाॅ0 मधुलिका श्रीवास्तव, प्रो0 बनमाली विश्वाल, प्रो0 जर्नादन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’, श्री हरिहरानन्द जी, डाॅ0 राजकुमार मिश्र, प्रो0 बनमाली विश्वाल, श्री पंकज नाथ तिवारी, डाॅ0 पुष्पा मलिक, डाॅ0 जगदीश प्रसाद शर्मा, डाॅ0 उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ0 सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ0 श्यामाकान्त द्विवेदी, डाॅ0 गिरिजाशंकर शास्त्री, डाॅ0 राका जैन को वर्ष 2016 का तथा डाॅ0 मीरा द्विवेदी, डाॅ0 विनोद कुमार पाण्डेय, डाॅ0 मधुसूदन, डाॅ0 रामकिशोर झा, डाॅ0 वत्सला, डाॅ0 पवन कुमार, डाॅ0 प्रत्यूषवत्सला द्विवेदी, डाॅ0 अरविन्द कुमार तिवारी, डाॅ0 सुरेन्द्र पाल सिंह, डाॅ0 जगदीश प्रसाद शर्मा, डाॅ0 शीतला प्रसाद पाण्डेय, डाॅ0 शिवशंकर त्रिपाठी, प्रो0 वागीश दिनकर, प्रो0 उमारमण झा, डाॅ0 सुरेन्द्र कुमार शर्मा, डाॅ0 सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय, डाॅ0 ज्ञानादित्य शाक्य, डाॅ0 राहुल अमृतराज को वर्ष 2017 के विविध पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह को गुरुकुल प्रभात आश्रम, मेरठ के कुलाधिपति श्री स्वामी विवेकानन्द सरस्वती तथा विश्व भारती पुरस्कार प्राप्त डाॅ0 केशवराव सदाशिव शास्त्री मुसलगाँवकर ने भी सम्बोधित किया। प्रमुख सचिव भाषा श्री जितेन्द्र कुमार ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, संस्कृत विद्वान, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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ललितपुर के ग्राम पवा में जलापूर्ति योजना हेतु 13.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति तत्काल निर्गत करते हुये नियमानुसार कार्य प्रारंभ करा दिये जायें: राजीव कुमार

Posted on 06 February 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 06 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि किसानों की फसल को आवारा जानवरों से बचाने हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में फिलहाल कम से कम एक तहसील में स्टैण्डर्ड डिजाइन का एक-एक चारागाह का निर्माण यथाशीघ्र कराकर आगामी दो माह में क्रियाशील कराया जाये। उन्होंने कहा कि निर्मित होने वाले चारागाहों में भूंसा रखने हेतु एक टिन सेट रूम, आवश्यक जलापूर्ति हेतु सोलर बेस एक पम्प तथा बायोगैस की व्यवस्था सहित आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत भारत सरकार को भेजे गये लम्बित प्रस्ताव 4714.64 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त करने हेतु निरन्तर नीति आयोग से अनुरोध किया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत स्वीकृत धनराशि में कराये जा रहे कार्यों तथा भारत सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये ग्रामीण जलापूर्ति योजनान्तर्गत जनपद झांसी में उजियाॅन ग्राम समूह जलापूर्ति योजना हेतु 27.60 करोड़ रुपये तथा जनपद ललितपुर के ब्लाॅक तालबेहट के ग्राम पवा में जलापूर्ति योजना हेतु 13.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति तत्काल निर्गत करते हुये नियमानुसार कार्य प्रारंभ करा दिये जायें ताकि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये बुन्देलखण्डवासियों को पेयजल के संकट से जूझना न पड़े। dsc_9655_r2_c1
श्री राजीव कुमार ने बुन्देलखण्ड पैकेज योजनान्तर्गत वन, लघु सिंचाई, सिंचाई, ग्राम्य विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास, कृषि विपणन आदि विभागों को निर्गत धनराशि के अनुसार कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि निर्गत धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग पारदर्शिता के साथ यथाशीघ्र कराते हुये उपयोगिता प्रमाण-पत्र सम्बन्धित विभाग यथाशीघ्र भेजना सुनिश्चित कराएं।
बैठक में बताया गया कि नीति आयोग भारत सरकार को 4717.64 करोड़ रुपये के प्रस्तावित कार्यों में से सिंचाई एवं जल संसाधन के 2727.08 करोड़ रुपये, कृषि विभाग 139.05 करोड़ रुपये, लघु सिंचाई विभाग के 665.36 करोड़ रुपये, दुग्ध विकास के 452.47 करोड़ रुपये, उद्यान विभाग के 304.36 करोड़ रुपये तथा पशुपालन विभाग 426.32 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होते ही प्रस्तावित कार्यों को यथाशीघ्र प्रारंभ कराया जाये।
बैठक में सचिव, सिंचाई, सी.पी. त्रिपाठी, सचिव, वित्त श्री एम.पी. अग्रवाल सहित सम्बन्धित विभागों के सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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लोगांे को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है: मुख्यमंत्री

Posted on 05 February 2018 by admin

जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से
जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की सकती है

ए0ई0एस0, जे0ई0 सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी समन्वय स्थापित करके कार्य करें

वैक्सीनेशन का कार्य मार्च-अप्रैल-2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाएpress-31

मुख्यमंत्री ने यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होने वाले ‘दस्तक’ जे0ई/ए0ई0एस0 संचार अभियान का शुभारम्भ किया

संचार सामग्री, स्वच्छता किट व डाॅक्यूमेन्ट्री फिल्म की सी0डी0 का विमोचन भी किया

लखनऊ: 05 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि लोगांे को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है। जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की सकती है। उन्हांेने कहा दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है। इन्हें बेहतर स्वास्थ्य देना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है, जिससे ये बच्चे आने वाले कल के लिए देश व प्रदेश के विकास में सहभागी बन सकंे।3
मुख्यमंत्री जी आज यहां यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होने वाले ‘दस्तक’ जे0ई/ए0ई0एस0 संचार अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने संचार सामग्री, स्वच्छता किट व डाॅक्यूमेन्ट्री फिल्म की सी0डी0 का विमोचन भी किया।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के 38 जनपद एक्यूट इंसेफेलाइटिस (ए0ई0एस0) व जापानी इंसेफेलाइटिस (जे0ई0) से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ए0ई0एस0, जे0ई0 सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर नगर विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, पशुधन एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके ही इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिमागी बुखार से बचने के लिए पूरी तैयारी समयबद्ध ढंग से कर ली जाए। वैक्सीनेशन का कार्य मार्च-अप्रैल-2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए। जे0ई0 और ए0ई0एस0 वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जनपदों में टीकाकरण के साथ-साथ गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के अतिरिक्त इसके विरुद्ध लोगों को जागरूक कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है। इस कार्य के लिए शिक्षण संस्थान व स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इससे जोड़े जाने की जरूरत है।press-22
योगी जी ने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है। इसलिए गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों को पुष्टाहार व जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। इस कार्य में बाल विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए तथा उनके पोषण की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्कूली बच्चों को रोग से बचाव व नियंत्रण के विषय में बताया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में वेंटीलेटर्स तथा वाॅर्मर्स की सुविधा बढ़ाई जाए। साथ ही, जल जनित रोगों के उपचार और नियंत्रण के सम्बन्ध में टेªनिंग का विशेष प्रोग्राम चलाया जाए। साथ ही, पैरामेडिकल स्टाफ को भी इस दिमागी बुखार के सम्बन्ध में प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से ही प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सका है। इसके दृष्टिगत 617 गांवांे में सघन टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि इंसेफेलाइटिस के उपचार में बचाव का सबसे अधिक महत्व है। यदि हम स्वच्छता को अपना लें तो यह बीमारी स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त त्रिवेदी, यूनीसेफ की प्रदेश प्रमुख सुश्री रूथ एल0 लियानो सहित चिकित्सा विभाग अधिकारी के मौजूद थे।

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इलेक्ट्रिक वाहन देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं: मुख्यमंत्री

Posted on 05 February 2018 by admin

पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अच्छे होने
के कारण इनका भविष्य सम्भावनाओं से भरा हैpress-3-1

फेम इण्डिया योजना के तहत वर्ष 2020 तक देश की सड़कों पर
60 से 70 लाख इलेक्ट्रिक/हाईब्रिड वाहन संचालन का लक्ष्य

लखनऊ में शीघ्र ही 40 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा

राज्य सरकार शहरी इलाकों में निजी क्षेत्र
द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करेगी

मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

लखनऊ: 05 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अच्छे होने के कारण इनका भविष्य सम्भावनाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता के लिए इन्हें तकनीकी रूप से और सक्षम होना पड़ेगा। समाज में स्वीकार्यता के लिए इन्हें सरल, सस्ता और सुगम बनाए जाने की भी आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां होटल ताज विवान्ता में महेन्द्रा इलेक्ट्रिक द्वारा आयोजित इलेक्ट्रिक वाहनों के शुभारम्भ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उपयोगिता को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए 01 अप्रैल, 2015 से फेम इण्डिया ;थ्ंेजमत ।कवचजपवद ।दक डंदनंिबजनतपदह व िभ्लइतपक - म्समबजतपब टमीपबसमेद्ध का शुभारम्भ किया है। इस योजना के तहत वर्ष 2020 तक देश की सड़कों पर 60 से 70 लाख इलेक्ट्रिक/हाईब्रिड वाहनों के संचालन का लक्ष्य है।़
योगी जी ने कहा कि 21 व 22 फरवरी को प्रदेश में आयोजित हो रही इन्वेस्टर्स समिट का एक फोकस सेक्टर इलेक्ट्रिक वाहन भी हैं। इस सेक्टर में उद्यमियों ने अपनी रूचि दिखायी है। राज्य सरकार आगरा-दिल्ली के बीच में इन वाहनों को प्रमोट करने के साथ ही, प्रदेश के अन्य स्थानों में भी इन्हें बढ़ावा देना चाहती है। लखनऊ शहर में शीघ्र ही 40 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। राज्य सरकार शहरी इलाकों में निजी क्षेत्र द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शीत ऋतु के दौरान प्रमुख शहरों में पर्यावरण प्रदूषण की अधिकता के कारण स्माॅग की समस्या सामने आयी है। इस समस्या के समाधान में इलेक्ट्रिक वाहन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पर्यावरण हितैषी इन वाहनों के संचालन से डीजल, पेट्रोल आदि के आयात पर बड़ी मात्रा में व्यय होने वाली धनराशि बचेगी, जिसका उपयोग विकास कार्याें में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन की सीमा है। समय के साथ यह समाप्त हो जाएगा। ऐसे में, इलेक्ट्रिक वाहन काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा महेन्द्रा इलेक्ट्रिक के 05 वाहनों को लाॅन्च किया गया। इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रिगण श्री आशुतोष टंण्डन, श्री जय प्रताप सिंह, श्री उपेन्द्र तिवारी, डाॅ0 महेन्द्र सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, महेन्द्रा इलेक्ट्रिक के सी0ई0ओ0 श्री महेश बाबू एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 3 फरवरी, 2018 को नई दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर का भ्रमण करते हुए तथा परम पूजनीय स्वामी महाराज जी से मिलते हुए।

Posted on 03 February 2018 by admin

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम एवं जापानीज इंसेफ्लाइटिस के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु बनाई गयी राज्य कार्य योजना-2018 का क्रियान्वयन समय से सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित विभाग द्वारा आगामी 10 फरवरी तक विभागवार कार्य योजना बनाई जाये: मुख्य सचिव

Posted on 01 February 2018 by admin

एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम एवं जापानीज इंसेफ्लाइटिस के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु बनाई गयी विभागवार कार्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु आगामी 15 दिन में पुनः मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा की जायेगी: राजीव कुमार

जेई एवं एई के रोग से बचाव हेतु आवश्यक कदम समय से उठाने के लिये ग्राम स्तर पर विशेष अभियान चलाकर आम नागरिकों को जागरूक किया जाये: मुख्य सचिव

जेई एवं एई रोग से प्रभावित बच्चों का इलाज समय से नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाये ताकि कोई भी बच्चा इलाज के अभाव में जेई/एई रोग से ग्रसित न होने पाये: राजीव कुमार

नगरीय क्षेत्रों में विशेषकर मलिन बस्तियों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये शौचालय एवं सोप-किट का निर्माण भी आवश्यकतानुसार कराया जाये: मुख्य सचिव

जेई/एई रोगियों हेतु निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था के लिये
रोगी वाहन सेवा आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया जाये: राजीव कुमार

सभी संवेदनशील ग्रामों में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत ग्रामों में प्रत्येक मकान में शौचालय का निर्माण कराकर ग्रामवासियों को खुले में शौच से मुक्त कराया जाये: मुख्य सचिव

ग्राम स्तर पर गठित विलेज हेल्थ सेनीटेशन न्यूट्रिशन कमेटी के माध्यम से एईएस
एवं जेई के रोकथाम हेतु ‘‘क्या करें-क्या न करें’’ का सघन प्रचार-प्रसार
सुनिश्चित कराकर ग्रामवासियों को जागरूक किया जाये: राजीव कुमार

लखनऊ: 01 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम एवं जापानीज इंसेफ्लाइटिस के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु बनाई गयी राज्य कार्य योजना-2018 का क्रियान्वयन समय से सुनिश्चित कराने हेतु सम्बन्धित विभाग आगामी 10 फरवरी तक विभागवार कार्य योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम एवं जापानीज इंसेफ्लाइटिस के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु बनाई गयी विभागवार कार्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु आगामी 15 दिन में पुनः मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि जेई एवं एई के रोग से बचाव हेतु आवश्यक कदम समय से उठाने के लिये ग्राम स्तर पर विशेष अभियान चलाकर आम नागरिकों को जागरूक किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रस्तावित राज्य कार्य येाजना के अनुसार आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित नर्सों की नियुक्तियां नियमानुसार कराने के साथ-साथ चिकित्सकीय स्टाफ को आवश्यकतानुसार समय से प्रशिक्षण दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि जेई एवं एई रोग से प्रभावित बच्चों को इलाज समय से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाये ताकि कोई भी बच्चा इलाज के अभाव में जेई/एई रोग से ग्रसित न होने पाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में जापानी इन्सेफ्लाइटिस (जे.ई) एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम (ए.ई.एस) रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने नगर विकास विभाग को निर्देश दिये कि नगरीय क्षेत्रों में विशेषकर मलिन बस्तियों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये शौचालय एवं सोप-किट का निर्माण भी आवश्यकतानुसार करायें। उन्होंने कहा कि किसी भी नगरीय क्षेत्र में कतई नालियां खुली न रहने पाने के लिये खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में समय-समय पर फाॅगिंग कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जेई/एई रोगियों हेतु निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था के लिये रोगी वाहन सेवा आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने एई/जेई रोगियों के प्रबन्धन हेतु स्वास्थ्य कर्मियों का दक्षता संवर्द्धन कराये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एईएस एवं जेई रोकथाम एवं निंयत्रण गतिविधियों हेतु राज्य, जनपद, ब्लाॅक तथा पंचायत तथा ग्राम स्थलों पर विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय हेतु नोडल विभाग का कार्य करेगा।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि संवेदनशील ग्रामों में सभी बच्चों को जेई एवं एई के टीके से आच्छादन सुनिश्चित कराने हेतु विशेष अभियान चलाया जाये। उन्होंने सभी संवेदनशील ग्रामों में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत ग्रामों में प्रत्येक मकान में शौचालय का निर्माण कराकर ग्रामवासियों को खुले में शौच से मुक्त कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जलाश्य एवं नालियों की नियमित सफाई कराते हुये निकटतम उद्योग इकाई से प्रदूषण मुक्त कराने के उपाय सुनिश्चित कराये जायें। उन्होंने कहा कि जल निकासी एवं साफ-सफाई, वाटर सील शौचालयों की आवश्यकता ग्राम स्तर पर कचरा निस्तारण एवं प्रबन्धन की व्यवस्था विकसित कराई जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई, घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण अभियान चलाकर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि ग्राम स्तर पर गठित विलेज हेल्थ सेनीटेशन न्यूट्रिशन कमेटी का दायित्व होगा कि ग्राम स्तर पर आवश्यक व्यवस्थाओं एवं उपायों हेतु निरन्तर निगरानी रखकर आवश्यक कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि गठित यह समितियां एईएस एवं जेई की रोकथाम के लिये ब्लाॅक स्तर पर बीडीसी की त्रैमासिक बैठकों में भाग लेकर आवश्यक कार्यवाहियों हेतु विशेष प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर गठित विलेज हेल्थ सेनीटेशन न्यूट्रिशन कमेटी के माध्यम से एईएस एवं जेई के रोकथाम हेतु ‘‘क्या करें-क्या न करें’’ का सघन प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराकर ग्रामवासियों को जागरूक किया जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव, सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, पशुपालन श्री सुधीर एम0बोबड़े सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों सहित मिर्जापुर, सोनभद्र एवं आगरा तथा मथुरा जनपदों में संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये जनपदवार सूखा राहत कार्य योजना आगामी 10 फरवरी तक राहत आयुक्त को प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य: मुख्य सचिव

Posted on 31 January 2018 by admin

संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये सम्बन्धित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार
पर्याप्त पेयजल, सिंचाई एवं विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु तहसील
एवं ब्लाॅक स्तर पर खोले जाये कन्ट्रोल रूम: राजीव कुमारup-sec

स्थापित कन्ट्रोल रूमों के माध्यम से क्षेत्रों में मोबाइल ट्रान्सफाॅर्मर के माध्यम
से ट्रान्सफार्मर बदलने तथा रोस्टर के अनुसार टैंकरों के माध्यम से जल
की आपूर्ति निर्धारित अवधि में कराई जाये सुनिश्चित: मुख्य सचिव

पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु आगामी 15 मार्च से पशु
टीकाकरण लगाये जाने का अभियान चलाया जाये: राजीव कुमार

राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत अनुमोदित 7.2 करोड़ रुपये की धनराशि
में से निःशुल्क चारा बीज वितरण हेतु प्रथम किस्त 3.6 करोड़ रुपये
यथाशीघ्र निर्गत कराकर कराये जायें कार्य प्रारंभ: मुख्य सचिव

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 96 नलकूपों को जीर्णोद्धार एवं आवश्यक उपकरण प्रतिस्थापित कराकर सिंचाई क्षमता को पुर्नस्थापित कराकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही
पूर्ण कराकर कराया जाये किसानों को लाभान्वित: राजीव कुमार

बुन्देलखण्ड के सातों जनपदों में 48 नवीन 33/11 केवी उप केन्द्रों
का निर्माण कार्य भी मार्च, 2018 तक पूर्ण कराने के मुख्य सचिव के निर्देश

लखनऊ: 31 जनवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों सहित मिर्जापुर, सोनभद्र एवं आगरा तथा मथुरा जनपदों में संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये जनपदवार सूखा राहत कार्य योजना आगामी 10 फरवरी तक राहत आयुक्त को प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये सम्बन्धित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त पेयजल, सिंचाई एवं विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु तहसील एवं ब्लाॅक स्तर पर कन्ट्रोल रूम खोले जायें। उन्होंने कहा कि स्थापित कन्ट्रोल रूमों के माध्यम से सम्बन्धित क्षेत्रों में ट्रान्सफाॅर्मर खराब होने की स्थिति में मोबाइल ट्रान्सफाॅर्मर के माध्यम से तथा पेयजल का संकट उत्पन्न होने की स्थिति में रोस्टर के अनुसार टैंकरों के माध्यम से जल की आपूर्ति निर्धारित अवधि में सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु आगामी 15 मार्च से पशु टीकाकरण लगाये जाने का अभियान चलाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड में निर्माणाधीन 14 पेयजल परियोजनाओं को आगामी मार्च, 2018 तक निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराने हेतु निर्देश दे रहे थे। उन्होंने खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही 15 हजार रुपये की धनराशि का उपयोग पारदर्शिता के साथ कर खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत कराने हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा फसल बीमा योजना की प्रगति गत वर्ष की अपेक्षा 50 प्रतिशत से कम होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिये कि निर्धारित लक्ष्य को यथाशीघ्र पूर्ण कराते हुये खरीफ फसल-2017 में किसानों को हुई क्षति की शीघ्र भरपाई सम्बन्धित बीमा एजेन्सियों से नियमानुसार कराई जाये।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि मनरेगा योजनान्तर्गत वनीकरण, वन संरक्षण, भूमि विकास, वृक्षारोपण, नर्सरी स्थापना इत्यादि कार्य अधिक से अधिक कराकर अधिकतम रोजगार सृजित कराये जायें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत अनुमोदित 7.2 करोड़ रुपये की धनराशि में से निःशुल्क चारा बीज वितरण हेतु प्रथम किस्त 3.6 करोड़ रुपये यथाशीघ्र निर्गत कराकर कार्य प्रारंभ करा दिया जाये। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड के 234246 अन्त्योदय कार्ड धारकों को नियमानुसार खाद्यान्न समय से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि भूख से किसी की मौत होने की स्थिति पर ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, लेखपाल एवं कोटेदार की जवाबदेही तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि अन्त्योदय परिवार के सदस्यों को नियमानुसार सूखा राहत के तहत किटों का वितरण समय से कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करा ली जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में ऐसे असहाय, असशक्त, वृद्ध, दिव्यांगजन लाभार्थी के परिवार का सदस्य उचित दुकान की दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने में सक्षम न होने की स्थिति पर सम्बन्धित लाभार्थी को विक्रेता द्वारा उसके निवास स्थान पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड के सातों जनपदों में चलित 2070 राजकीय नलकूपों तथा 38 चलित लघु डाल नहरों के नलकूपों का संचालन निरन्तर कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारी अपने स्तर से माॅनिटरिंग अवश्य सुनिश्चित करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा में 4, हमीरपुर एवं झांसी में 3-3 तथा जालौन में 23 अर्थात् कुल 33 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण आगामी मार्च, 2018 तक पूर्ण कराकर सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद झांसी के 9, जनपद जालौन के 36, जनपद हमीरपुर के 21 तथा जनपद बांदा के 30 अर्थात् कुल 96 नलकूपों को जीर्णोद्धार एवं आवश्यक उपकरण प्रतिस्थापित कराकर सिंचाई क्षमता को पुर्नस्थापित कराकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण कराकर किसानों को लाभान्वित कराया जाये। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समस्त जनपदों में बुन्देलखण्ड राहत योजना के अन्तर्गत 36.59 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराकर मार्च, 2018 तक पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि नये निजी नलकूपों के विद्युत कनेक्शन हेतु प्राप्त 2999 मांग पत्रों में से अवशेष 413 मांग पत्रों की सामग्री भी माह फरवरी, 2018 तक निर्गत कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने बुन्देलखण्ड के सातों जनपदों में 48 नवीन 33/11 केवी उप केन्द्रों का निर्माण कार्य भी मार्च, 2018 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये। 48 नवीन 33/11 विद्युत केवी उप केन्द्रों में से बांदा में 9, चित्रकूट में 6, महोबा में 6, हमीरपुर में 7, जालौन में 6, ललितपुर में 1 एवं झांसी में 13 विद्युत उप केन्द्रों का निर्माण मार्च, 2018 तक कराया जायेगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज श्री चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव, राजस्व, श्री सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव, सिंचाई श्री टी.वेंकटेश्वर, सचिव, बाल विकास, श्रीमती अनीता मेश्राम, सचिव, राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री संजय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री से ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने भेंट की

Posted on 31 January 2018 by admin

मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के लिए ब्रिटेन के निवेशकों को आमंत्रित किया

उच्चायुक्त को प्रयाग कुम्भ-2019 का ‘लोगो’ भी भेंट किया

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 31 जनवरी, 2018press1
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां उनके सरकारी आवास पर ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्किथ ने भेंट की। मुलाकात के दौरान ब्रिटेन और उत्तर प्रदेश के बीच सम्पर्क बढ़ाने, अवस्थापना व औद्योगिक विकास, चिकित्सा, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सहयोग की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उद्यमों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सेक्टरवार नीतियां लागू की गई हैं, जिनमें उद्यमों की स्थापना के लिए आकर्षक प्राविधान हैं। प्रदेश में अगले माह आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में प्रतिभाग करने के लिए ब्रिटेन के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने उच्चायुक्त को प्रयाग कुम्भ-2019 का ‘लोगो’ भी भेंट किया।
ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार यह चाहती है कि दोनों देशों के गहरे रिश्तों को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से और सुदृढ़ किया जाए। ब्रिटेन व भारत के नागरिकों के बीच सम्पर्क बढ़ाते हुए वैचारिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह व ब्रिटिश उच्चायुक्त के साथ आए प्रतिनिधिमण्डल के लोग मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर के भटहट में 9781.52 लाख रु0 की लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

Posted on 30 January 2018 by admin

मुख्यमंत्री ने आई0टी0आई0 संस्थान का शिलान्यास भी किया

प्रदेश के विकास के लिए सभी का समन्वित प्रयास आवश्यक: मुख्यमंत्री

राज्य सरकार विकास कार्याें को प्राथमिकता दे रही है

युवाओं को प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेन्ट योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा02

रोजगार के माध्यम से क्षेत्र का विकास सम्भव

विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग लगाकर रोजगार सृजन किया जा रहा है

राज्य सरकार द्वारा गरीबों, वंचितों, किसानों, नौजवानों,
महिलाओं आदि को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी जा रही हैं

राज्य सरकार हर गरीब के घर बिजली पहुंचाने का कार्य कर रही है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 30 जनवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर के भटहट में 9781.52 लाख रुपये की लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें शिलान्यास की गई 05 परियोजनाओं की लागत 8113.17 लाख रुपये तथा लोकार्पित 10 परियोजनाओं की लागत 1668.35 लाख रुपये है। इस अवसर पर अपने सम्बोधन मंे मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सभी का समन्वित प्रयास आवश्यक है। इससे ही प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर होगा। राज्य सरकार विकास कार्याें को प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश के विकास से ही देश भी तेजी से आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने आज यहां आई0टी0आई0 संस्थान का शिलान्यास भी किया। उन्हांेने कहा कि इस संस्थान के बन जाने से स्थानीय नौजवान बिना कहीं बाहर गये, यहीं पर दक्ष हो सकेंगे। उन्हें प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेन्ट योजना के तहत भी प्रशिक्षित किया जाएगा। युवाओं में कौशल विकास से उनके लिए रोजगार की तलाश आसान हो जाती है। प्रशिक्षित युवा नौकरी के साथ-साथ स्वरोजगार हेतु भी सक्षम होते हैं। रोजगार के माध्यम से क्षेत्र का विकास सम्भव है। यह हर तबके के चहरे पर खुशहाली लाने का माध्यम है।
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गरीबों, वंचितों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं आदि को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी जा रही हैं। सरकार की योजनाओं से लाखों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। फसल ऋण मोचन योजना से 86 लाख किसानों को लाभ मिला है। इसी प्रकार उज्ज्वला योजना से बड़ी संख्या में महिलाएं लाभान्वित हुईं हैं। राज्य सरकार हर गरीब के घर बिजली पहुंचाने का कार्य कर रही है। press-11
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बिना भेदभाव के विकास कार्य करा रही है। मण्डी समितियों को पुनरुद्धार किया गया है, जिससे किसानों को सुविधा और लाभ मिल रहा है। एक समय पूर्वान्चल को चीनी का कटोरा कहा जाता था, लेकिन धीरे-धीरे यहां की चीनी मिलें बन्द होती चली गयीं, जिन्हें पुनः आरम्भ कराया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग लगाकर रोजगार सृजन किया जा रहा है। प्रदेश के नौजवानों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पडे़गा। उन्हें राज्य में ही रोजगार मिलेगा।
योगी जी ने कहा कि 1.40 लाख युवाओं को कौशल विकास में पारंगत कर नौकरियां दी जा रही हैं। जल्द ही 1.62 लाख पुलिस की भर्तियां भी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि युवा भर्ती की तैयारी करें, पूरी ईमानदारी के साथ भर्ती प्रक्रिया होगी। इसके अलावा, 1.37 लाख सहायक अध्यापकों की भी भर्ती की जाएंगी। साथ ही, 20 हजार माध्यमिक शिक्षक भी भर्ती होंगे। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 60 हजार भर्तियां की जाएंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांव में महिलाओं के स्वयं सेवी सहायता समूह बनाये जाएं और उन्हें अनुदान एवं ऋण दिलाया जाए, जिससे वह अपना कुटीर उद्योग लगा सकें। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित है, यहां सफाई के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। अप्रैल में 15 दिनों का स्वच्छता अभियान चलाकर सभी को इसमें सम्मिलित किया जाएगा, जिससे गांव, क्षेत्र और प्रदेश स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को अभियान चलाकर शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाये कोई पात्र व्यक्ति इनसे वंचित न रहे।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में क्षेत्र की जनता उपस्थित रही।

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