जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से
जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की सकती है
ए0ई0एस0, जे0ई0 सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी समन्वय स्थापित करके कार्य करें
वैक्सीनेशन का कार्य मार्च-अप्रैल-2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए
मुख्यमंत्री ने यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होने वाले ‘दस्तक’ जे0ई/ए0ई0एस0 संचार अभियान का शुभारम्भ किया
संचार सामग्री, स्वच्छता किट व डाॅक्यूमेन्ट्री फिल्म की सी0डी0 का विमोचन भी किया
लखनऊ: 05 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि लोगांे को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है। जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की सकती है। उन्हांेने कहा दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है। इन्हें बेहतर स्वास्थ्य देना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है, जिससे ये बच्चे आने वाले कल के लिए देश व प्रदेश के विकास में सहभागी बन सकंे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां यूनीसेफ और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होने वाले ‘दस्तक’ जे0ई/ए0ई0एस0 संचार अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने संचार सामग्री, स्वच्छता किट व डाॅक्यूमेन्ट्री फिल्म की सी0डी0 का विमोचन भी किया।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के 38 जनपद एक्यूट इंसेफेलाइटिस (ए0ई0एस0) व जापानी इंसेफेलाइटिस (जे0ई0) से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ए0ई0एस0, जे0ई0 सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर नगर विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, पशुधन एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके ही इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिमागी बुखार से बचने के लिए पूरी तैयारी समयबद्ध ढंग से कर ली जाए। वैक्सीनेशन का कार्य मार्च-अप्रैल-2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए। जे0ई0 और ए0ई0एस0 वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जनपदों में टीकाकरण के साथ-साथ गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के अतिरिक्त इसके विरुद्ध लोगों को जागरूक कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार की भी आवश्यकता है। इस कार्य के लिए शिक्षण संस्थान व स्वयंसेवी संस्थाओं को भी इससे जोड़े जाने की जरूरत है।
योगी जी ने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है। इसलिए गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों को पुष्टाहार व जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। इस कार्य में बाल विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए तथा उनके पोषण की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्कूली बच्चों को रोग से बचाव व नियंत्रण के विषय में बताया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में वेंटीलेटर्स तथा वाॅर्मर्स की सुविधा बढ़ाई जाए। साथ ही, जल जनित रोगों के उपचार और नियंत्रण के सम्बन्ध में टेªनिंग का विशेष प्रोग्राम चलाया जाए। साथ ही, पैरामेडिकल स्टाफ को भी इस दिमागी बुखार के सम्बन्ध में प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से ही प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सका है। इसके दृष्टिगत 617 गांवांे में सघन टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि इंसेफेलाइटिस के उपचार में बचाव का सबसे अधिक महत्व है। यदि हम स्वच्छता को अपना लें तो यह बीमारी स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त त्रिवेदी, यूनीसेफ की प्रदेश प्रमुख सुश्री रूथ एल0 लियानो सहित चिकित्सा विभाग अधिकारी के मौजूद थे।