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उत्तर प्रदेश में उद्यमियों के लिए ‘रेड टेप’ नहीं, ‘रेड कार्पेट’ होगा- मोदी

Posted on 21 February 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊःउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट में देश भर से आये उधोग पतियों को सम्बबिधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अब परिवर्तन दिखने लगा है। ये इसलिए दिख रहा है क्योंकि यहां काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट होना इसका प्रमाण है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के इस आयोजन के लिए मैं योगी मंत्रिमंडल, अफसरों और पुलिस के साथ जनता को बधाई देता हूं। इस प्रदेश की पहले स्थिति क्या थी ये सबको पता है। जब लोगों की जान सुरक्षित नहीं, तो निवेश कहां से आता लेकिन अब उम्मीद की किरण दिखने लगी है।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जो काम किया है वो अब नजर आने लगा है। अब इस नींव पर ‘न्यू यूपी’ की भव्य दिव्य इमारत बनेगी।’
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मोदी ने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि योगी सरकार हर बात को ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है। योगी सरकार अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से नीतियां बनाकर काम कर रही है। पीएम ने उम्मीद जताई, कि यूपी में उद्यमियों के लिए ‘रेड टेप’ नहीं ‘रेड कारपेट’ होगा। एक सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ भी होगा जहां से ऑनलाइन क्लियरेंस मिलेंगे। ये इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के मुद्दे पर एक बड़ा कदम है।

पावर ऑफ़ ऑल
मोदी ने कहा की उत्तर प्रदेश में धान खरीद पहले की तुलना में चार गुना बढ़ी है। पावर ऑफ़ ऑल मुहिम से यूपी सरकार जुड़ गई है। यूपी सरकार किसानों, नौनिहालों और गरीबों से किए वादे पूरे कर रही है। उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश को मां गंगा के मैदानी इलाकों का बहुत आशीर्वाद है यहां की 60 प्रतिशत जनसंख्या वर्किंग ऐज ग्रुप में है। यूपी में बहुत क्षमता है। शक्ति का साथ मिले तो यूपी को नई ऊंचाई पर पहुंचाने से कोई नहीं रोक सकता।

थ्री ‘P’ का मंत्र
पीएम में थ्री ‘P’ का भी मंत्र दिया। उन्होंने कहा, potential, planning, manpower से ही परफॉरमेंस आती है। योगी की टीम और यूपी की जनता सुपर परफॉरमेंस के लिए तैयार है उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं , लखनऊ का चिकन है, तो मालियाबाद के आम भी। इसके अलावा दूध के उत्पादन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है अब इसमें कैसे वैल्यू एडिशन किया जाए। पूरे इंफ्रा को आधुनिक बनाने पर सोचना होगा और प्रोडक्ट के साथ पहुंच, मार्केटिंग और सर्विस तथा स्टोरेज का प्रबंध भी किया जाए।

उत्तर प्रदेश में बायो फ्यूल के क्षेत्र में भी काम हो रहा

उत्तर प्रदेश में बायो फ्यूल की संभावनाओं को लेकर नरेंद्र मोदी ने कहा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने पर काम हो रहा है। खाद्य संस्करण में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देने के पीछे खाद्य पदार्थों का सही और समुचित प्रयोग है। यूपी में बायो फ्यूल के क्षेत्र में भी काम हो रहा है और एक नई बायो फ्यूल पॉलिसी तैयार है।

दो डिफेन्स कॉरिडोर में से एक यूपी में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की देश मे दो डिफेन्स कॉरिडोर में से एक उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित है। बुन्देलखण्ड के विकास को विशेष तौर पर ध्यान रखते हुए आगरा, अलीगढ, झांसी, चित्रकूट तक डिफेन्स कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके तहत 2.5 लाख लोगों को रोजगार और 20 लाख करोड़ का निवेश होगा। कुशीनगर और जेवर में नए इंटेरनेशनल एयरपोर्ट बनेंगे। उड़ान योजना के तहत अगर कानपुर, इलाहबाद, बरेली, आजमगढ़ सहित 11 शहरों में हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है। मेरा सपना है हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई जहाज में चले, हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई जहाज़ में बैठेगा तो बदलाव दिखेगा।

नई पर्यटन नीति से यूपी नंबर-1 बन सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है इसके अलावा नेशनल हाईवे में भी उत्तर प्रदेश का बड़ा योगदान है। उत्तर प्रदेश की पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी ग्रामीण इलाकों को पूरी दुनिया के साथ जोड़ेगी। इसके साथ ही यूपी नई बुलंदियों पर जाएगा।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि देश और विदेश के पर्यटक यहां बड़ी संख्या में आते हैं। पर्यटन में यूपी टॉप के राज्यो में है और वह थोड़े से प्रयासों से नई पर्यटन नीति से उत्तर प्रदेश नंबर-1 बन सकता है।

महाकुम्भ को लेकर नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2019 जनवरी की शुरुआत में प्रयाग में महाकुम्भ होगा। यह पूरे विश्व में अपनी तरह का सबसे बड़ा आआयोजन होगा। यूपी सरकार के लिए यह एक बड़ा अवसर होगा। कल्पवासियों से लेकर विदेश से आने वाले लाखों लोगों के लिए 2019 का कुंभ अविस्मरणीय बने, इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना होगा।

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उत्तर प्रदेष अब बीमारू राज्य से बदलकर ‘ऊर्जावान प्रदेश’ बनेगा -योगी आदित्यनाथ

Posted on 21 February 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊः लखनऊ यूपी इन्वेस्टर्स समिट में देष विदेष से आये उद्योगपतियों के संबोधन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी राज्यपाल राम नाइक सहित वहां मौजूद सभी उद्योगपतियों और निवेशकों का लखनऊ आने के लिए आभार जताते हुऐ कहा कि प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी के आशीर्वाद से यूपी इन्वेस्टर्स समिट संभव हो सकी। उत्तर प्रदेष अब बीमारू राज्य से बदलकर ‘ऊर्जावान प्रदेश’ बनेगा।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी कहते हैं कि विकास का कोई विकल्प नहीं होता उसके लिए सुशासन चाहिए। अगर भारत को विश्व पटल पर स्थापित करना है तो उसका रास्ता उत्तर प्रदेष से जाता है। यूपी इन्वेस्टर्स समिट इसकी एक कड़ी है। इस आयोजन के तहत एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, एमएसएमई, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक स्टार्ट अप, सिविल एविएशन, फिल्म, टूरिज्म, अक्षय ऊर्जा पर सेशन होंगे।’photo-yogi
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी काम को शुरू करने के लिए सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, बिजली, सिंचाई, सड़क और इंफ्रा की जरूरत होती है। सरकार की नीतियों को धरातल पर लागू कराने के लिए जवाबदेही हो, हम ऐसा प्रयास कर रहे हैं। 11 महीने में हमने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चुना गया है। वाराणसी मेट्रो सहित अन्य शहरों में मेट्रो ले जाने का काम हो रहा है। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और रोजगार पर फोकस होकर सरकार अपना काम कर रही है। हम तीन साल में 40 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहे हैं। हम 40 लाख रोजगार पैदा करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाने-माने उद्योगपतियों के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड बनाया। उत्तर प्रदेश में व्यापार को सुगम बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयों से संबंधित क्लियरेंस के लिए डिजिटल क्लियेरेन्स लागू किया जाएगा। सीएम ऑफिस इसे मॉनिटर करेगा। हमने स्टार्ट अप नीति को आगे बनाने का संकल्प लिया है और उसे आगे बढ़ाएंगे।
योगी ने कहा कि हम पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे पर औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण करेंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से ‘पावर फॉर ऑल’ प्रदेश में लागू किया है। मार्च 2019 तक प्रदेश के 1.5 करोड़ नए घरों को बिजली उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा, इन्वेस्टर्स समिट में हम नई पर्यटन नीति के साथ मौजूद हैं। सीएम ने कहा कि उनका जोर टूरिस्ट सर्किट पर रहेगा। इन्वैस्टमैंट की इस कतार में शामिल 500 में से 120 कंपनियां आज के समिट में मौजूद हैं और अब तक 1045 एमओयू साइन हो चुके हैं।

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इन्वेस्टर्स समिट-2018 का उद्घाटन 21 फरवरी को मा0 प्रधानमंत्री तथा समापन 22 फरवरी, 2018 को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा किया जायेगा

Posted on 20 February 2018 by admin

केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के मंत्रिगण भी समिट को करेंगे सम्बोधित
इन्वेस्टर्स समिट में देश के ख्याति प्राप्त उद्योगपति भाग लेंगे
समिट में सात राष्ट्र कंट्री पार्टनर के रूप में करेंगे शिरकत
सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ 20 फरवरी , 2018

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री, श्री सतीश महाना ने कहा है कि उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के लिये सभी व्यवस्थायें पूर्ण की जा चुकी हैं और इन्वेस्टर्स भी आने शुरू हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट अपने में एक ऐतिहासिक समिट है, जिसकी सराहना देश और प्रदेश के ख्याति प्राप्त उद्योगपतियों ने की है। इस समिट में भाग लेने के लिये उद्योगपति खुद ही आने के लिये उत्सुक हैं।
श्री महाना ने बताया कि उत्तर प्रदेश के समग्र विकास में अपना पूर्ण सहयोग देने के लिये सहमति देने वाले सात कन्ट्री पार्टनर भी भाग लेंगे। इनके लिये भी विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि कन्ट्री पार्टनर के रूप में फिनलैण्ड, नीदरलैण्ड, जापान, चेक गणराज्य, थाईलैण्ड, स्लोवाकिया तथा माॅरीशस के प्रतिनिधि और उद्योगपति शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में निवेश को आकृष्ट करने और उद्योगपतियों द्वारा प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के लिये समझौता पत्र भी हस्ताक्षरित किये जायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने उद्यमियों के हितपरक आकर्षक एवं व्यवहारिक औद्योगिक विकास नीति जारी की है। इसके साथ ही उद्यम स्थापना पर उद्योगपतियों को आवश्यक छूट और अन्य सुविधायें भी उपलब्ध कराने की प्रभावी पहल की गयी है। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय इस समिट में कुल 30 सत्र रखे गये हैं।
इस अभूतपूर्व समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी पूर्वाहन 10 बजे करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ और अवलोकन करेंगे। इसके उपरान्त औद्योगिक विकास मंत्री स्वागत सम्बोधन करेंगे, तदोपरान्त उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018 की थीम पर प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। समिट को देश के ख्याति प्राप्त उद्योगपति श्री मुकेश अम्बानी, श्री गौतम अडानी, श्री सुभाष चन्द्रा, श्री कुमार मंगलम, बिड़ला, श्री आनन्द महेन्द्रा, श्री पंकज पटेल, श्रीमती शोभना कामिनेनी, श्री रशेष शाह तथा श्री एन0 चन्द्रशेखरन सम्बोधित करेंगे। माॅरीशस के पूर्व राष्ट्रपति, श्री अनिरूद्ध जगन्नाथ भी अपने विचार रखेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं उत्तर प्रदेश के समग्र विकास पर अपना सम्बोधन देंगे। तदोपरान्त मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया जायेगा। मुख्य सचिव, श्री राजीव कुमार धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
दो दिवसीय, 21-22 फरवरी को आयोजित इस समिट में पहले दिन औद्योगिक विकास नीति सत्र पर केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री, श्री सुरेश प्रभु एवं औद्योगिक विकास मंत्री, श्री सतीश महाना, अवस्थापना विकास सत्र पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री, श्री नितिन गडकरी और सतीश महाना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग सत्र पर केन्द्रीय लघु उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री गिरिराज सिंह एवं प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री, श्री सत्यदेव पचैरी अपने विचार व्यक्त करेंगे। यू0पी0 में इलेक्ट्रानिक सेक्टर के विकास सत्र को केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री मनोज सिन्हा और प्रदेश के आई0टी0 राज्यमंत्री, श्री मोहसिन रजा, कृषि खाद्य प्रसंस्करण एवं डेरी उद्योग सत्र को केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती हरसिमरत कौर बादल तथा प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, श्री केशव प्रसाद मौर्य व कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही, अक्षय ऊर्जा की असीमित संभावनाओं पर केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री राजकुमार सिंह तथा प्रदेश के वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री, श्री ब्रजेश पाठक सम्बोधित करेंगे। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग सत्र को केन्द्रीय वस्त्रोद्योग मंत्री, श्रीमती स्मृति इरानी तथा प्रदेश के वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी, फार्मास्यूटिकल व बायोटेक्नोलाॅजी सत्र को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रदेश के पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत सत्र को केन्द्रीय पर्यटन सचिव, सुश्री रश्मि वर्मा एवं प्रदेश की पर्यटन मंत्री, श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, पर्यावरण एवं उद्योग सत्र को केन्द्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री, डाॅ महेश शर्मा तथा प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री दारा सिंह और औद्योगिक व आधारभूत ढांचा सुरक्षा सत्र को केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सम्बोधित करेंगे।
22 फरवरी, 2018 को आई0टी0 सेक्टर के सत्र को केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद तथा उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, सभी के लिये बैंक सत्र को केन्द्रीय वित्त मंत्री, श्री अरूण जेटली और प्रदेश के वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, चर्म व जूता उद्योग सत्र को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री, श्री सी0आर0 चैधरी तथा प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी सम्बोधित करेंगे। डिफेंस मैनुफैक्चरिंग सत्र को केन्द्रीय रक्षा मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, कौशल विकास सत्र को केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री, श्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा मंत्री, श्री चेतन चैहान, कौशल विकास स्टार्टअप सत्र को विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री, डाॅ0 हर्षवर्धन एवं उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, नागरिक उड्डयन सत्र को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री पुष्पपति अशोक गजपति राजू एवं प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री नन्द गोपाल ‘नंदी’, एन0आर0आई0 सत्र को केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री, जनरल वी0के0 सिंह (से0नि0) तथा प्रदेश के एन0आर0आई0 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रीमती स्वाति सिंह और मीडिया तथा मनोरंजन सत्र को सांसद, श्री सुभाष चन्द्रा तथा प्रदेश के सूचना राज्यमंत्री डाॅ0 नीलकंठ तिवारी सम्बोधित करेंगे।
उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का समापन अपराह्न 4ः30 बजे महामहिम राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविंद जी द्वारा किया जायेगा। समापन सत्र में केन्द्रीय वित्त मंत्री, श्री अरूण जेटली भी भाग लेंगे। इनके अतिरिक्त प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, भी समापन सत्र को सम्बोधित करेंगे। मुख्य सचिव, श्री राजीव कुमार धन्यवाद देंगे।

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‘यू0पी0-100’ सदैव जनसेवा के लिए तत्पर रहे, ताकि संकट पड़ने पर लोगों की प्रभावी मदद की जा सके: मुख्यमंत्री

Posted on 20 February 2018 by admin

इस सेवा के रिस्पाॅन्स समय 10 मिनट किये जाने की आवश्यकता

‘यू0पी0-100’ के दोपहिया वाहन पुलिस इमरजेंसी
प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करने में सहायक होंगे

पिछले 11 महीनों में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हुई है

मुख्यमंत्री ने ‘यू0पी0-100’ के दोपहिया पी0आर0वी0
वाहनों के प्रथम चरण का शुभारम्भ कियाpress-12

लखनऊ: 20 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ‘यू0पी0-100’ सदैव जनसेवा के लिए तत्पर रहे, ताकि संकट पड़ने पर लोगों की मदद प्रभावी ढंग से की जा सके। किसी घटना की सूचना मिलने पर ‘यू0पी0-100’ की टीम घटनास्थल पर तेजी से पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में लेकर लोगों की मदद करे। उन्होंने आवश्यकता जताई कि इसका रिस्पाॅन्स समय 10 मिनट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सेवा में कार्यरत पुलिस कर्मियों को अपने व्यवहार को मित्रवत बनाना चाहिए, ताकि लोग उनसे घबराएं नहीं।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘यू0पी0-100’ के 1600 दोपहिया पी0आर0वी0 वाहनों के प्रथम चरण के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पिछले 11 महीनों में कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। वर्तमान सरकार प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुलिस को परम्परागत चेहरे को बदलना होगा व आमजन से दोस्ताना सम्बन्ध स्थापित करना होगा, क्योंकि जनता पुलिस की सबसे अच्छी इंटेलीजेंस साबित हो सकती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने ‘यू0पी0-100’ के वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों में स्थापित मोबाइल डाटा टर्मिनल (एम0डी0टी0) पर मुख्यालय से निर्देश प्राप्त होंगें, जिससे कॅालर की लोकेशन पर सीधे पहुुंचा जा सकेगा। इसके अलावा ये वाहन में एल0ई0डी0 लाइट, सायरन, पी0ए0 सिस्टम, क्राइम सीन किट, यूटीलिटी बाक्स, हेलमेट, टार्च मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, बोतल होल्डर आदि सुविधाओं से भी लैस होंगे। उन्होंनेे कहा कि इन वाहनों के शामिल होने से पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री जी ने एडीजी लाॅ एण्ड आर्डर श्री आनन्द कुमार को प्रतीक स्वरूप चाभी सौंपी। इस मौके पर पुलिस विभाग की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।press-10
योगी जी ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिए गम्भीरता से काम किया जा रहा है। पी0ए0सी0 की बंद पड़ी 54 कम्पनियों को फिर से पुनर्गठित करने का काम शुरू किया गया है। इसी प्रकार एस0डी0आर0एफ0 के गठन को भी चरण बद्ध ढंग से शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली और उसके जनता के प्रति व्यवहार में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए जघन्य घटनाओं में तुरन्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए, ताकि वे अपराध कारित करने से पहले सोचें और अपराधों से विरत रहें।press-321
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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राज्य में पर्यटन की असीमित सम्भावनाओं के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 जारी की

Posted on 19 February 2018 by admin

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन नीति के लागू होने की घोषणा की

प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया

10 लाख रु0 के निवेश से पर्यटन क्षेत्र में 90 रोजगार के अवसर सृजित होंगे

राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र की सभी गतिविधियों को ‘उद्योग’ का दर्जा दिया

पर्यटन नीति 5 सालों के लिए प्रभावी रहेगी

पर्यटन विभाग का घरेलू पर्यटकों के आगमन में 15 प्रतिशत
और विदेशी पर्यटकों में 10 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य

इसके माध्यम से प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा, जिससे प्रतिवर्ष 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होगा

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग लैण्ड बैंक का भी सृजन करेगा

ईको टूरिज़्म को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास होंगे

लखनऊ: 19 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीमित सम्भावनाओं के दृष्टिगत राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 जारी कर दी है। आज यहां शास्त्री भवन में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने पर्यटन नीति के लागू होने की घोषणा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं के सम्बन्ध में निवेशकों को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अवनीश कुमार अवस्थी भी उपस्थित थे।
श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने पर्यटन में निवेश के गुणात्मक प्रभाव को रेखांकित करते हुए बताया कि 10 लाख रुपये के निवेश से पर्यटन क्षेत्र में 90 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन नीति, राज्य में देश के सबसे अधिक पर्यटकों के आगमन और उनसे प्राप्त राजस्व के रूप में, पर्यटन सर्किट सृजित करने, पर्यटन अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने, रोजगार सृजित करने और पर्यटकों को एक सुखद अनुभव प्रदान करने के माध्यम से उत्तर प्रदेश को सबसे आकर्षक पर्यटन गन्तव्य के रूप में स्थापित करने का कार्य करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र की सभी गतिविधियों को ‘उद्योग’ का दर्जा दिया है। यह पर्यटन नीति 5 सालों के लिए प्रभावी रहेगी। इस नीति के माध्यम से पर्यटन विभाग का घरेलू पर्यटकों के आगमन में 15 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों में 10 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य है। इसके माध्यम से प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा, जिससे प्रतिवर्ष 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होगा। यह नीति एक लाख पर्यटकों को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पार्क तथा वन्य जीव विहारों की तरफ आकर्षित करेगी। साथ ही, 10 हेरिटेज भवनों को हेरिटेज होटल में प्रतिवर्ष परिवर्तित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, पर्यटन को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग लैण्ड बैंक का भी सृजन करेगा। ईको टूरिज़्म को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास होंगे और स्थानीय उद्यमिता को मेलों और पर्वाें के माध्यम से आकर्षित किया जाएगा।
श्री अवस्थी ने यह भी बताया कि 10 पर्यटक सर्किटों: रामायण सर्किट, कृष्ण/ब्रज सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, वाइल्ड लाइफ एवं ईको टूरिज़्म सर्किट, बुन्देलखण्ड सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्ति पीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी/कबीर सर्किट और जैन सर्किट में पर्यटन स्थलों के 20 कि0मी0 के भीतर विभिन्न निवेश के अवसर, आर्थिक प्रोत्साहन और लाभ दिये जाएंगे। पर्यटन नीति में प्रत्येक सर्किट के स्थलों के बारे में बताया गया है।
श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के उस विचार, जिसमें सम्भावना है कि देश के 6.5 लाख गांवों में से प्रत्येक से कम से कम 4-5 लोग प्रयाग कुम्भ में आएंगे, को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इस विचार के दृष्टिगत पर्यटन नीति में ‘बेड एण्ड ब्रेकफास्ट’ योजना लागू की गयी है। इस योजना से प्रदेश में पर्यटकों के लिए रिहाइश की उत्कृष्ट और उन्नत सुविधाएं विकसित होंगी। यह योजना आश्रमों के लिए भी लागू होगी।
श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने इस अवसर पर समापन वक्तव्य देते हुए आश्वस्त किया कि इस पर्यटन नीति के माध्यम से राज्य में अधिकाधिक पर्यटन निवेश आकर्षित होगा। साथ ही, पर्यटन उत्पादों और सेवाओं के विकास, रोजगार सृजन, स्थानीय लोगों की कौशल वृद्धि और उत्तर प्रदेश में पर्यटन की सम्भावनाओं को विस्तार दिया जा सकेगा।

उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के अन्तर्गत वित्तीय प्रोत्साहन
कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी
क्र0सं0 कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट की पात्रता (भूमि का मूल्य रहित) न्यूनतम परियोजना व्यय (कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट करोड़ रु0 में) फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट के सापेक्ष सब्सिडी का प्रतिशत ;ःद्ध सब्सिडी की अधिकतम सीमा (करोड़ रु0 में) अन्य शर्तें
1. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये होटल की स्थापना हेतु 10.50 15 7.5 .
50 से अधिक 15 10
2. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये बजट होटल की स्थापना हेतु 2.10 15 1.5 स्थान जहां केवल 10 यूनिट्स ही पात्र हैं।
2.10 20 1.75 स्थान जहां केवल 05 यूनिट्स ही पात्र हैं।
3. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये रिजाॅर्ट की स्थापना हेतु 10.50 15 7.5 .
50 से अधिक 15 10
4. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये स्पोर्ट्स रिजाॅर्ट की स्थापना हेतु 1 10 1 केवल उपकरणों की लागत पर
5. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये टेण्टेड एकोमोडेशन की स्थापना हेतु 0.20 20 0.50 केवल सफल स्थायी स्थापना पर (उदाहरण: स्विस काॅटेज)
6. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी नये वेलनेस सेन्टर की स्थापना हेतु 2.50

50 से अधिक 15

15 7.5

10 .
7. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी कन्वेन्शन सेन्टर की स्थापना हेतु 50 तक 15 7.5 .
50 से अधिक 15 10
8. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी एडवेंचर टूरिज्म प्रोजेक्ट, क्रूज़ टूरिज्म यूनिट, हाउस बोट की स्थापना हेतु 1 10 1 अवस्थापना का सृजन तथा स्थायी सुविधा की स्थापना/
उपकरणों की प्राप्ति
9. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी साउंड एण्ड लाइट शो/लेजर शो हेतु (कलाकृति, आगरा के समान) 1 25 2.50 केवल उपकरणों की लागत के निवेश पर
10. कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट सब्सिडी थीम पार्क की स्थापना हेतु 2 10 1 अवस्थापना का सृजन तथा उपकरणों की स्थापना

ब्याज सब्सिडी
ऽ ऋण राशि का पांच प्रतिशत, अधिकतम धनराशि 25 लाख रुपए वार्षिक पांच वर्ष के लिए, पात्र पर्यटन यूनिट्स को।
स्टाम्प ड्यूटी
ऽ नीति के आॅपरेटिव कार्यकाल में, पहले ट्रांसेक्शन पर भूमि की बिक्री/लीज/ट्रांसफर पर 100 प्रतिशत छूट।
कनवर्जन तथा डेवलपमेन्ट चार्जेज
ऽ सभी नयी पर्यटन इकाइयों के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन एवं विकास शुल्क पर 100 प्रतिशत वेवर।
कौशल विकास
ऽ एक पखवारे की अवधि वाले कोर्स में हाॅस्पिटैलिटी सम्बन्धित कोर्स फीस की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, 10 हजार रुपए तक एक व्यक्ति प्रति कोर्स।
ऽ उत्तर प्रदेश के मूल और अनूठी कला, संगीत, कारीगरी, लोक नृत्य तथा पाक शैलियों को पुनर्जीवित करने के लिए काम करने वाले व्यक्तियों/समूहों को सब्सिडी के रूप पाँच लाख रुपए की सहायता।
विरासत संपत्तियों के लिए प्रोत्साहन
ऽ परियोजना की लागत का 25 प्रतिशत अथवा 1.5 करोड़ रु0, जो भी कम हो, की सहायता पूँजी निवेश सब्सिडी के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
ऽ पाँच वर्षों तक 5 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी, जो अधिकतम 25 लाख रु0 होगी।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटल स्थापित करने पर स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट तथा एक्साइज लाइसेन्स फीस में भी 100 प्रतिशत छूट।
लैण्ड बैंक
ऽ सिंचाई, राजस्व तथा अन्य विभागों की खाली भूमि की पूलिंग कर लैण्ड बैंक की स्थापना।
बेड एण्ड बे्रकफास्ट स्कीम
ऽ बेड एण्ड ब्रेकफास्ट स्कीम लागू की जाएगी, जो आश्रमों में भी लागू होगी।
ऽ जिन स्थानों पर यह योजना लागू की जाएगी, वे आवासीय श्रेणी में रखे जाएंगे और उनपर घरेलू बिजली की दरें तथा जलकर की दरें लागू होंगी।

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मुख्यमंत्री ने ‘उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट-2018’ की तैयारियों की समीक्षा की

Posted on 18 February 2018 by admin

प्रत्येक विभाग समिट की सफलता के लिए जिम्मेदारी से काम करे

इन्वेस्टर्स समिट से बड़े पैमाने पर प्रदेश में निवेश आएगा, जिससे रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे और प्रदेश के नौजवानों को रोजगार मिलेगा

press-3-11इन्वेस्टर्स समिट-2018 में आने वाले केन्द्रीय मंत्रिगण,
उद्योगपतियों, निवेशकों इत्यादि को कोई असुविधा न हो: मुख्यमंत्री

केन्द्रीय मंत्रियों को रिसीव करने तथा सीआॅफ करने
का दायित्व सम्बन्धित प्रमुख सचिवों का होगा: मुख्यमंत्री

प्रत्येक सेक्टर से सम्बन्धित मंत्रिगण, प्रमुख सचिव तथा उनके
अधीनस्थ अधिकारी राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों का अध्ययन करें,
ताकि निवेशकों को इनके विषय में सही जानकारी उपलब्ध करायी जा सके

सभी विभाग इस आयोजन में टीमवर्क की भावना से काम करें

इन्वेस्टर्स समिट-2018 के दौरान आयोजित सभी सत्रों की रिपोर्ट सम्बन्धित
मंत्री तथा प्रमुख सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करने के निर्देश

पुलिस महानिदेशक को समिट के दौरान
यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश

समिट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को समिट
के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिएpress-4-1

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने इन्वेस्टर्स समिट के
आयोजन के विषय मंे मुख्यमंत्री जी को विस्तार से अवगत कराया
लखनऊ: 18 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचकर 21-22 फरवरी, 2018 को आयोजित की जा रही ‘उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट-2018’ की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनता की बेहतरी के लिए किया जा रहा है। ऐसे में, प्रत्येक विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह इसकी सफलता के लिए सारे प्रयास करे और अपने उत्तरदायित्वांे का भली-भांति निर्वाह करे। इस आयोजन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पास अपनी छवि बदलने का मौका है। इससे बड़े पैमाने पर प्रदेश में निवेश आएगा, जिससे रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे और प्रदेश के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्वेस्टर्स समिट-2018 में आने वाले गणमान्य अतिथियों जैसे केन्द्रीय मंत्रिगण, केन्द्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारीगण, उद्योगपतियों, निवेशकों इत्यादि को कोई असुविधा न हो। उनकी अगवानी की जाए, उन्हें एस्कोर्ट करते हुए उनके गंतव्य तक आना-जाना सुनिश्चित किया जाए। इन सभी के ‘पास’ समय से पहले उपलब्ध करा दिए जाएं, ताकि उन्हें कार्यक्रम स्थल में प्रवेश इत्यादि में कोई दिक्कत न हो। उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए तथा उनकी सुविधा के लिए उनके साथ सक्षम अधिकारी लगाए जाएं।
योगी जी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रियों को रिसीव करने तथा सीआॅफ करने का दायित्व सम्बन्धित प्रमुख सचिवों का होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब तक विभिन्न सेक्टर्स से सम्बन्धित कई पाॅलिसीज लागू की जा चुकी हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रत्येक सेक्टर से सम्बन्धित मंत्रिगण, प्रमुख सचिव तथा उनके अधीनस्थ अधिकारी इन नीतियों का भलीभांति अध्ययन कर लें, ताकि निवेशकों को नीतियों के विषय में ठीक से जानकारी उपलब्ध करायी जा सके। निवेशकों को सही तथ्यों की जानकारी उपलब्ध करायी जाए, ताकि उन्हें निवेश से सम्बन्धित निर्णय लेने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि सभी विभाग इस आयोजन में टीमवर्क की भावना से काम करें, ताकि यह पूरी तरह से सफल हो सके।press-32
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश असीमित सम्भावनाओं, क्षमताओं और अवसरों वाला प्रदेश है। राज्य सरकार अब इनका भरपूर उपयोग करने के प्रयास कर रही है। उन्हांेने कहा कि उत्तर प्रदेश को निवेशोन्मुखी राज्य बनाने के लिए हम सबको मिलजुलकर जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। उन्होंने दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट-2018 के दौरान होने वाले सभी सत्रों की रिपोर्ट सम्बन्धित मंत्री तथा प्रमुख सचिव के माध्यम से उन्हें प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि एम0ओ0यू0 साइन करने वाले निवेशकों को सभी जानकारियां समय रहते उपलब्ध करायी जाएं और उनकी सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
योगी जी ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि समिट के दौरान यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी जाए। इसके अलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रिगणों, जनप्रतिनिधियों, प्रमुख उद्योगपतियों, विदेशी निवेशकों, अन्य निवेशकों, प्रमुख सी0ई0ओ0, वरिष्ठ अधिकारियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वी0आई0पी0 को वाहन पार्किंग को लेकर कोई समस्या न आने पाए, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। इन्वेस्टर्स समिट में बड़ी संख्या में निवेशकों के आने की सम्भावना है। ऐसे में, होटलांे, गेस्ट हाउस इत्यादि में उनके ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होटल मालिक इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले निवेशकों से अनाप-शनाप चार्जेज की वसूली न करें।
मुख्यमंत्री जी ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को समिट के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में किसी भी समस्या से निपटने के लिए बैकअप की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल तथा प्रयोग किए जाने वाले रास्तांे से अवैध होर्डिंग भी हटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा सड़कों पर पूरी साफ-सफाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
योगी जी ने जिलाधिकारी लखनऊ को निर्देशित किया कि वे जिला प्रशासन की ओर से कार्यकुशल और अच्छे व्यवहार वाले अधिकारियों को कार्यक्रम स्थल पर तैनात करना सुनिश्चित करें, ताकि समिट में कोई समस्या न आए। उन्होंने सभी प्रमुख सचिवों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को समिट में मौजूद रहकर उनसे सम्बन्धित बिन्दुओं को हल करने के भी निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने तैयारियों का स्वयं अवलोकन भी किया।
इससे पूर्व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने 21-22 फरवरी, 2018 को आयोजित की जा रही इन्वेस्टर्स समिट के विषय मंे मुख्यमंत्री जी को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को 21 तथा 22 फरवरी, 2018 को होने वाले विभिन्न सत्रों के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समिट में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में देश के बड़े औद्योगिक घराने तथा अन्य निवेशकों के आने की सम्भावना है।

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वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के मुख्य बिन्दु

Posted on 16 February 2018 by admin

वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के मुख्य बिन्दु
ऽ प्रस्तुत बजट का आकार 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये (4,28,384.52 करोड़ रुपये) है, जो वर्ष 2017-2018 के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत अधिक।
ऽ बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपये (14,341.89 करोड़ रुपये) की नई योजनायें सम्मिलित।
कृषि एवं संबद्ध सेवाएं -
ऽ वर्ष 2018-19 में खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
ऽ बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेत-तालाब योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 05 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है। सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना के लिये 131 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ऽ ’’स्प्रिंकलर सिंचाई योजना’’ के अन्तर्गत किसानों को सब्सिडी हेतु 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ऽ शरदकालीन गन्ना बुवाई हेतु 01 लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। 80 लाख कुंटल उन्नतिशील गन्ना बीज गन्ना कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण -
ऽ प्रदेश में मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू की गई है। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन के क्रियान्वयन हेतु 42 करोड़ 49 लाख रुपये की व्यवस्था।
सहकारिता -
ऽ उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना हेतु 100 करोड़
रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पशुपालन -
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिये 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ विकास खण्डों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले के आयोजन हेतु 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में 770 सचल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहें हैं, जिससे पशु आरोग्य व नस्ल में सुधार अपेक्षित है। इसके लिये 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दुग्ध विकास -
ऽ डेयरी विकास फण्ड की स्थापना के लिये 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ दुग्ध मूल्य भुगतान डी0बी0टी0 प्रक्रिया के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया आरम्भ।
ऽ देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने हेतु नई ’’नन्द बाबा पुरस्कार योजना’’ हेतु 52 लाख का प्राविधान साथ ही ’’गोकुल पुरस्कार’’ हेतु 54 लाख रुपये की व्यवस्था।
मत्स्य -
ऽ मछुआरों के कल्याण के लिये मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ब्लू रिवोल्यूशन इन्टीग्रेटेड डेवलपमेन्ट एण्ड मैनेजमेंट फार फिशरीज योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास -
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लगभग 01 हजार 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ श्यामा प्रसाद रुर्बन मिशन हेतु 214 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 01 हजार 500 करोड़ रुपये और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिये 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री आवास योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पंचायती राज -
ऽ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के लिये वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना में उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान एवं अन्य सभी मत, पंथ एवं मजहब के स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
लघु सिंचाई -
ऽ निः शुल्क बोरिंग योजना के लिये 36 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
औद्योगिक विकास -
ऽ औद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिये 600 करोड़ रुपये तथा नई औद्योगिक नीति हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 01 हजार करोड़ रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम -
ऽ एक जनपद एक उत्पाद योजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग -
ऽ उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमंेटिंग नीति-2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली देने के लिये 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग -
ऽ खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के क्रियान्वयन के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वन के लिये 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

आई0टी0 एवं इलेक्ट्राॅनिक्स -
ऽ समस्त शासकीय कार्यालयों में ई-आॅफिस व्यवस्था लागू करने हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य -
ऽ पी0पी0पी0 मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय।
ऽ ग्रामीण ़क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य।
ऽ प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा -
ऽ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेज-3 के अन्तर्गत 04 मेडिकल कालेजों यथा-झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जा रहे हैं तथा 02 मेडिकल काॅलेजों कानपुर एवं आगरा में सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जाने हेतु कुल 126 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
ऽ एस0जी0पी0जी0आई0 में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित।
ऽ के0जी0एम0यू0 में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य।
ऽ डा0 राम मनोहर लोहिया इन्स्टीयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज के नवीन कैम्पस में 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कालेज का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ प्रदेश के पाॅच जनपदों के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज के रूप में पूर्ण करने के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एम0बी0बी0एस0 की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा।
ऽ राजकीय मेडिकल कालेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना के लिये 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राजकीय मेडिकल कालेजों एवं संस्थानों में फायर फाइटिंग और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण -
ऽ जन एवं वनवासी केन्द्रित राज्य वन नीति-2017 का प्रख्यापन।
ऽ सब मिशन आॅन एग्रोफाॅरेस्ट्री योजना हेतु 20 करोड़ रुपये तथा कुकरैल वन क्षेत्र में पर्यटन एवं जैव विविधता केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित।
राजस्व -
ऽ प्रदेश में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, ’’प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के वित्त पोषण हेतु आपदा मोचन निधि में 777 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खाद्य तथा रसद -
ऽ रबी खरीद वर्ष 2018-19 में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूॅ खरीद का कार्यकारी लक्ष्य।
ऽ गेहूॅ क्रय करने हेतु कुल 05 हजार 500 क्रय केन्द्र खोले जायेंगे।
सड़क एवं सेतु -
ऽ प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ पुलों के निर्माण के लिये 1 हजार 817 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ मार्गों के नवीनीकरण, अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिए 3 हजार 324 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ ‘‘आर0आई0डी0एफ0’’ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नव निर्माण, चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा सेतुओं के निर्माण हेतु 920 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ सड़कों के अनुरक्षण हेतु राज्य सड़क निधि में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ‘‘केन्द्रीय मार्ग निधि योजना’’ के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़े जाने हेतु 1 हजार 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ शहरों के बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्रामीण अंचलों में नदियों एवं बड़े नालों पर पुलों के निर्माण हेतु
1 हजार 467 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्राम्य विकास विभाग के बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2018-2019 में 2 हजार 873 करोड़ की व्यवस्था।
सिंचाई -
ऽ सरयू नहर परियोजना हेतु 1 हजार 614 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 741 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु 1 हजार 701 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ कनहर सिंचाई परियोजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बाण सागर परियोजना हेतु 127 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बाढ़ एवं जल प्लावन से बचाव हेतु तटबंध निर्माण, कटाव निरोधक कार्य एवं जल निकासी की विभिन्न परियोजनाओं हेतु 1004 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
बिजली -
ऽ भारत सरकार की सौभाग्य योजना प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग डेढ़ करोड़ परिवारों को मार्च, 2019 तक विद्युत संयोजन दिये जाने का लक्ष्य।
ऽ ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं हेतु वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
अतिरिक्त ऊर्जा -
ऽ ‘‘सौर ऊर्जा नीति-2017’’ में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य।
ऽ निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटाॅप सोलर पाॅवर प्लाण्ट स्थापना हेतु अनुदान योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग -
ऽ दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ कारिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के नए कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन -
ऽ कुम्भ मेला 2019 हेतु बजट में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं हेतु राज्यांश के रूप में बजट में 240 करोड़ रुपये की बजट प्रस्तावित।
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना- सबके लिए आवास (शहरी) मिशन योजना हेतु वर्ष 2018-2019 में 2 हजार 217 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झाँसी, मुरादाबाद, बरेली तथा सहारनपुर हेतु स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अन्तर्गत 1 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ स्वच्छ भारत मिशन हेतु 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अमृत योजना के लिए 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रत्येक जनपद में एक नगर पंचायत को विकसित किये जाने के उद्देश्य से पं0 दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु बजट में
98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में ‘‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित एवं मलिन बस्ती विकास योजना’’ के अन्तर्गत मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु 426 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
नियोजन -
ऽ बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के लिए लगभग 57 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ विकास कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
बेसिक शिक्षा -
ऽ सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 18 हजार 167 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कक्षा-1 से 8 तक के सभी बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं यूनीफाॅर्म हेतु बजट में क्रमशः 76 करोड़ रुपये एवं 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ मध्याह्न भोजना योजना हेतु 2 हजार 48 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था। इसके अतिरिक्त छात्र तथा छात्राओं को फल वितरित किये जाने हेतु 167 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर, पेयजल, बिजली, चहारदीवारी का निर्माण किये जाने हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा -
ऽ प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने हेतु माध्यमिक शिक्षा अभियान हेतु 480 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माॅडल विद्यालयों के संचालन हेतु 26 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित।
उच्च शिक्षा -
ऽ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान हेतु 167 करोड़ रुपये एवं माॅडल महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 37 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना हेतु 21 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा पूर्व से निर्माणाधीन महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों को पूर्ण किए जाने हेतु 106 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
प्राविधिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा -
ऽ रूसा योजना के अन्तर्गत जनपद गोण्डा एवं बस्ती में
2 इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थापना की जा रही है, जिसके लिये 14 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ जनपद कन्नौज, सोनभद्र तथा मैनपुरी में इंजीनियरिंग काॅलेजों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में लगभग 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राज्य के संसाधनों से मिर्जापुर तथा प्रतापगढ़ में नये इंजीनियरिंग काॅलेज निर्माणाधीन हैं, जिसके लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
महिला एवं बाल कल्याण -
ऽ महिला एवं बाल कल्याण के विभिन्न कार्यक्रमों हेतु लगभग 8 हजार 815 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ किशोरी बालिका सशक्तीकरण योजना सबला हेतु लगभग
351 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ पुष्टाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत समन्वित बाल विकास परियोजनाओं में पोषाहार हेतु 3 हजार 780 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ शबरी संकल्प योजना हेतु 524 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान हेतु 1 हजार 263 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
समाज कल्याण -
ऽ सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिए लगभग 7 हजार 858 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों के परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु क्रमशः 121 करोड़ रुपये व 82 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से संचालित स्वरोजगार योजनाओं हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वर्गों के पात्र वृद्धजनों को वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना के अन्तर्गत 2 हजार 560 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ अनुसूचित जाति के युवाओं हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के संचालन के लिये 66 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पिछड़ा वर्ग कल्याण -
ऽ पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाओं हेतु 1 हजार 705 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पिछड़े वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पिछड़े वर्ग के छात्र एवं छात्राओं के लिये शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत 551 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
अल्पसंख्यक कल्याण -
ऽ प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए 2 हजार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना हेतु
404 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
ऽ अरबिया पाठशालाओं को अनुदान हेतु लगभग 486 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ स्थायी मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान हेतु 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दिव्यांगजन कल्याण -
ऽ दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत 575 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण योजना के अन्तर्गत 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ कुष्ठावस्था भरण-पोषण (पेंशन) योजना के अंतर्गत 18 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ दिव्यांगजन को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा के लिए 32 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
खेल -
ऽ एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ विभिन्न स्पोर्ट्स कालेजों तथा स्टेडियमों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 74 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रेरित करने हेतु राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार हेतु 3 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
कारागार -
ऽ प्रदेश के कारागारों में सोलर एनर्जी आधारित पावर प्लाण्ट तथा समुचित प्रकाश व्यवस्था हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
न्याय -
ऽ युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 3 वर्षों के लिए पुस्तक एवं पत्रिकाएं खरीदने हेतु आर्थिक सहायता दिये जाने के लिए
10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
धर्मार्थ कार्य -
ऽ कैलाश मानसरोवर भवन, गाजियाबाद के निर्माण के लिये 94 करोड़ 26 लाख रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।

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पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन किया जाए: मुख्यमंत्री

Posted on 15 February 2018 by admin

कार्य में रुचि न लेने वाली निर्माण एजेन्सियांे के विरूद्ध कार्यवाही की जाए

प्रदेश में प्राकृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक दृष्टि से पर्यटन विकास के पर्याप्त अवसर

कुम्भ-2019 के लिए नीति आयोग से अतिरिक्त
धनराशि प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं

दुधवा नेशनल पार्क के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा तथा
पर्यटकों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाए

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हैलीकाॅफ्टर द्वारा
जाॅय राइड हेतु कुल 11 प्रस्ताव प्राप्त: पर्यटन मंत्री

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय पर्यटन सचिव के साथ बैठक सम्पन्न

लखनऊ: 15 फरवरी, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। निर्माण कार्य को शीघ्रता से समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग पूरा किया जाए। कार्य में रुचि न लेने वाली निर्माण एजेन्सियांे के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय पर्यटन सचिव सुश्री रश्मि वर्मा के साथ बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से देश का सर्वाधिक सम्भावनाओं वाला राज्य है। काशी, अयोध्या, मथुरा, नैमिषारण्य, विंध्याचल, शुक्रताल, दुधवा आदि का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर प्राकृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक दृष्टि से पर्यटन विकास के पर्याप्त अवसर हैं। उन्होंने केन्द्रीय पर्यटन सचिव से गोरखपुर, नैमिषारण्य एवं गोवर्धन तीर्थ (मथुरा) आदि के लिए भारत सरकार को पूर्व में प्रेषित प्रस्तावों के सापेक्ष धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ-2019 एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट आयोजन है। इसका पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। प्रयागराज के कुम्भ मंे सर्वाधिक संख्या में श्रद्धालु आतेे हैं। अभी से कार्य योजना बनाकर कार्य करने पर बड़ी संख्या में पर्यटकों को इस आयोजन के लिए आकर्षित किया जा सकता है। राज्य सरकार इसे दिव्य और भव्य ढंग से आयोजित करना चाहती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कुम्भ-2019 के लिए अतिरिक्त धनराशि नीति आयोग से प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। समस्त देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों को कुम्भ-2019 में आमंत्रित किया जाए और उन्हें कुम्भ के महत्व से परिचित कराने वाली फिल्म दिखाई जाए।
योगी जी ने कहा कि कुम्भ में देश के सभी राज्यों से सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया जाए। कुम्भ के पौराणिक, धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व को दर्शाने वाले लेजर शो कार्यक्रम तैयार कर दिखाए जाएं। पुलों की रेलिंग पर समुद्र मंथन आदि पौराणिक प्रसंगों से सम्बन्धित चित्रांकन कराया जाए। उन्हांेने कहा कि प्रयागराज संगम तट स्थित किले को खाली कराने हेतु केन्द्रीय रक्षा मंत्री को पत्र पे्रषित किया जाए। भारत सरकार की बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना में आश्रमों को भी सम्मिलित किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दुधवा नेशनल पार्क के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा सुनिश्चित तथा वहां पर पर्यटकों के लिए बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाए।
केन्द्रीय पर्यटन सचिव ने प्रयाग कुम्भ की इन्टरनेशनल ब्राण्डिंग हेतु कुम्भ के ‘लोगो’ को अंग्रेजी भाषा में भी तैयार किये जाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री जी ने इसे स्वीकार करते हुए ‘लोगो’ अंग्रेजी भाषा में तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कुम्भ-2019 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके।
पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हैलीकाॅफ्टर द्वारा जाॅय राइड की व्यवस्था की जा रही है। वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, मथुरा, लखनऊ, नैमिषारण्य, इलाहाबाद, कुशीनगर आदि स्थलों के लिए कुल 11 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, पंचायतीराज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय तथा प्रदेश के पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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भारत के माननीय राष्ट्र पति की पावन उपस्थिति में राष्ट्रापति भवन में एलपीजी की पंचायत का आयोजन

Posted on 13 February 2018 by admin

13 फरवरी 2018, नई दिल्लीस : आज भारत के माननीय राष्ट्रीपति, श्री राम नाथ कोविंद की पावन उपस्थिति में राष्ट्र पति भवन में एक एलपीजी पंचायत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री धर्मेंद्र प्रधान,माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस,कौशल विकास तथा उद्यमशीलता केंद्रीय मंत्री के साथ विभिन्ना निर्वाचन क्षेत्रों की महिला सांसद, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं तेल विपणन कंपनियों के के वरिष्ठ् अधिकारी भी उपस्थित थे ।

sm8_2481गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले परिवारों की 104 महिलाओं, जिन्हेंत प्रधान मंत्री उज्जरवला योजना से लाभ मिला है, को देश के 27 राज्योंन से अपने जीवन में आने वाले बदलाव के अनुभवों को साझा करने के लिए इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया ।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए भारत के राष्ट्र पति ने प्रधान मंत्री उज्जकवला योजना के आरंभ होने के 21 माह के अंदर ही 3.4 करोड़ से अधिक ग्राहकों के नामांकन पर अपनी प्रसन्न ता व्य क्तज की। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है |

उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक न्याय अग्रिम करने के प्रयासों के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को बधाई दी। उन्हें विश्वास जताया कि उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी पंचायतों का आयोजन बहुत उपयोगी साबित होगी।
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माननीय राष्ट्रपति ने कहा कि प्रदूषणकारी ईंधन के उपयोग से ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाएं खराब स्वास्थ्य की शिकार हो रही हैं | इस योजना ने महिलाओं को इस खतरे से बाहर आने तथा स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में में मदद की है | माननीय राष्ट्रपति आगे कहा कि एक स्वच्छ और स्वस्थ रसोई, महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक समावेश में शामिल होना, समय की अधिक उपलब्धता प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभ में से कुछ हैं ।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य सिर्फ एलपीजी कनेक्शन वितरित करना ही नहीं है, बल्कि उन महिलाओं द्वारा सामना किए जा रहे स्वास्थ्य संबन्धित खतरों को कम करना है जो अभी भी खाना पकाने के लिए पारंपरिक ईंधन का उपयोग कर रही हैं। पीएमयूवाई के तहत 3.4 करोड़ कनेक्शन जारी करने के साथ ही, हम समय सीमा के भीतर 8.0 करोड़ कनेक्शन के संशोधित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं।

आगे बोलते हुए उन्हों ने कहा कि एलपीजी पंचायत , लाभार्थियों के साथ बातचीत करने तथा उनके अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए उज्ज्वला के आसपास एक स्थायी और व्यवहार्य आंदोलन की शुरूआत करने के लिए एक ज्ञान आधार बनाने के लिए एक मंच के रूप मंध कार्य रही है । इन बैठकों से एलपीजी के सुरक्षित और नियमित उपयोग की जरूरत की पुन: पुष्टि होगी।

कार्यक्रम के दौरान, 5 पीएमयूवाय लाभार्थियों ने अपने व्य क्तिगत अनुभव साझा करते हुए अपने परिवार में एलपीजी का उपयोग शुरू होने के बाद अपने जीवन पर आए गहरे असर के बारे में बताया। ऐसा ही एक अनुभव साझा करते हुए पीएमयूवाय छतीसगढ़ की एक लाभार्थी, सुश्री नारायणी बाई साहू ने बताया कि “…आप समय को नहीं खरीद सकते परन्तु उज्ज्वला खरीद कर समय बचा सकते है …” | उन्होंाने बताया कि भोजन पकाने से बचने वाले खाली समय में उन्होने कपड़े सिलने का काम सीखा और इससे होने वाली आमदनी का एलपीजी रिफिल के वित्तपोषण और बच्चों की शिक्षा में उपयोग हो रहा है।
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एलपीजी पंचायत एक सामुदायिक बैठक है जो आपस में एलपीजी उपभोक्ताीओं के मेलजोल के एक प्लेसटफॉर्म के तौर पर कार्य करता है, यहां आपस में एक दूसरे की जानकारी से सीखा जाता है, वे अपने अनुभव साझा करते हैं, साथ ही एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के प्रति लोगों को संवेदनशील करता है । लगभग 100 एलपीजी उपभोक्तााओं को एक साथ लाकर उन्हें एक अंत: क्रियात्मरक प्लेाटफॉर्म पर विचारों के आदान प्रदान की सुविधा देकर उन्हें एलपीजी के सुरक्षित तथा स्थाकयी उपयोग के बारे में चर्चा करने का मौका मिलता है, वे इसके लाभों तथा भोजन पकाने और महिला सशक्ती करण के लिए स्विच्छ‍ ईंधन के उपयोग के बीच संबंध के बारे में जानते हैं। साथ ही इससे उपभोक्तााओं को एलपीजी पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्नए हिस्से‍दारों के साथ उपभोक्तासओं को मिलने का अवसर भी प्रदान किया जाता है, जैसे ओएमसी अधिकारी, वितरक, मैकेनिक और डिलिवरी मैन, जो उनके प्रश्नों और शंकाओं का समाधान करते हैं।

एलपीजी पंचायतें नए एलपीजी प्रयोक्तााओं को कुछ जारी योजनाओं के बारे में भी दोबारा जानकारी देने के फोरम के रूप में उपयोग की जाएंगी, जैसे मुद्रा, स्टैंुड अप इंडिया, सुकन्याा समृद्धि योजना, राष्ट्री य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ताकि इन कार्यक्रमों के लाभ पाने के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जा सके।

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पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का महत्व समझाया: मुख्यमंत्री

Posted on 10 February 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ , 10 फरवरी, 2018

press-5उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी की अध्यक्षता में आज यहां बख्शी का तालाब स्थित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को गृह प्रवेश की कुंजी तथा विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों को चेक एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने मनुष्य को केन्द्र में रखकर लोकमंगल और लोककल्याण की अवधारणा दी तथा इस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आज का भारत गतिशील भारत है। केन्द्र एवं राज्य की वर्तमान सरकारें पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने के लिए कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कर्मठता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे जनकल्याण और प्रदेशवासियों के जीवन को मधुमय बनाने हेतु सतत प्रयासरत है। press-4
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 11 फरवरी, 2018 को पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि है। वर्ष 1991 में इस संस्थान का नाम पण्डित जी के नाम पर रखा गया था। विगत 27 वर्षों में यहां पर उनकी मूर्ति अथवा किसी अन्य स्मारक की स्थापना नहीं हो सकी। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर इस संस्थान में उनकी मूर्ति की स्थापना सराहनीय है।
योगी जी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी भारत माता के महान सपूत थे। प्रदेशवासियों का सौभाग्य है कि उनकी जन्मभूमि और परिनिर्वाण भूमि दोनों ही उत्तर प्रदेश में हैं। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी एकात्म मानववाद के प्रणेता थे। उन्होंने अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करने वाली विचारधारा दी। राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का महत्व समझाने के साथ ही उन्होंने इसे मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने का काम किया। पण्डित जी की विचारधारा पर चलकर प्रधानमंत्री जी ने दुनिया में भारतवर्ष की धमक कायम की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि वर्ष 2022 में जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा हो, तब देश गन्दगी और भ्रष्टाचार से मुक्त हो, सबके पास आवास हो, व्यक्तिगत शौचालय हो। समाज में परिवारवाद, जातिवाद, अलगाववाद, आतंकवाद के लिए स्थान न हो और एक ऐसे भारत का निर्माण हो, जो स्वस्थ, सशक्त, समर्थ, एक और श्रेष्ठ हो। उन्हांेंने कहा कि ऐसे भारत का निर्माण वस्तुतः पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के भारत की संकल्पना को साकार करना होगा। press-7
योगी जी ने कहा कि राजनीति पर लोकनीति का नियंत्रण होना चाहिए। राजनीति लोक लुभावन नहीं, बल्कि लोककल्याणकारी होनी चाहिए। वर्तमान केन्द्र और प्रदेश सरकार इसी मंशा से गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री जी ने 30 करोड़ जन-धन खाते खुलवाकर गरीबांे को मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित की है। साथ ही, डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और पारदर्शिता लाकर गरीबों के हितों का संरक्षण किया गया है।
कार्यक्रम में महिला स्वयंसेवी समूहों को चेक प्रदान किए जाने को महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का सशक्तिकरण नहीं हो सकता। यदि प्रदेश के सभी 60 हजार गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ दिया जाए, तो यह देश और दुनिया के सामने महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण होगा। राज्य सरकार ने एक वर्ष से भी कम समय में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 8.85 लाख आवास गरीब परिवारों को मुहैया कराए हैं। देश और दुनिया में किसी योजना के तहत एक वर्ष के अन्दर सर्वाधिक आवास बनाए गए हैं।
योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश संसाधनों के मामले में सौभाग्यशाली राज्य है। यहां ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र होने के साथ ही, यह राज्य पशुपालन, डेयरी, गन्ना आदि क्षेत्रों में अग्रणी है। प्रदेशवासी पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सिद्धान्तों से प्रेरणा प्राप्त कर अपने संसाधनों का समुचित सदुपयोग करें, तो प्रदेश में विकास की क्रान्ति हो सकती है।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम को ग्रामीण विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, सांसद श्री महेन्द्रनाथ पाण्डेय, श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी सम्बोधित किया। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव ग्राम्य विकास श्री सुधेश ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सांसद श्री कौशल किशोर सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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