Archive | विचार

पूर्व सैनिकों को स्वत: रोजगार हेतु 10 प्रतिषत अनुदान पर ऋण जिला सैनिक बन्धु की बैठक में समस्याओं का समाधान

Posted on 20 July 2010 by admin

जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने पूर्व सैनिकों की समस्याओं के तत्परता से निस्तारण हेतु निर्देष दिये है। उन्होंने कहा हैं कि Þ जिला सैनिक बन्धु Þ की बैठकों को प्रभावी बनाया जाये और नियमित रूप से बैठकों के आयोजन हो। उन्होंने तहसील/ब्लाक स्तर पर नियुक्त जिला सैनिक बन्धु के सदस्य पूर्व सैनिक अधिकारियों से भी अपेक्षा की है कि स्थानीय स्तर पर समस्याएं निदान का प्रयास करें और कोई समस्या है, तो जिला सैनिक बन्धु की बैठक में प्रस्तुत करें।

अपर जिलाधिकारी (प्रो0) कै0 आलोक षेखर तिवारी ने बताया कि सैनिक बन्धु की बैठक में पूर्व हव0 अनिल कुमार षर्मा, दयाराम षर्मा, आर0आर0 चक्रवर्ती, सूबेदार एस0एस0 चौहान, ले0 कर्नल अनुपम सक्सैना, सूबेदार मेजर एम0एमल0 उपाध्याय, कै0 ललक सिंह आदि सैनिकों से प्राप्त षिकायतों पर विचार किया गया और सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को तत्परता से कार्यवाही के निर्देष दिये।

जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी कर्नल यू0सी0 दुबे ने दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वत: रोजगार के अन्तर्गत सैम्फैक्स-2, 3 एवं वित्त पोशण योजना में 10 प्रतिषत सबसिडी पर ऋण दिया जाता है। इसमें 6 आवेदन बैंकों को भेजे गये हेै। उन्होंने बताया कि पूर्व सेनिकों के आश्रितों को प्रमाण पत्र जारी किये जाने का सुझाव मान लिया गया है। बैठक में उचित दर की दुकानों का आवंटन पूर्व सैनिकों को किए जाने पर चर्चा हुई। वर्तमान में आगरा जनपद में कुल 25 दुकानें पूर्व सैनिकों को आवंटित हैं।

कर्नल दुबे ने बताया कि सषस्त्र सेना झण्डा दिवस हेतु गत 3 लाख रू0 प्राप्त हुए थे। इस वर्श अभी तक 1 लाख 32 हजार रू0 की धनराषि प्राप्त हो चुकी हैं और विभागों को अनुस्मारक भेजे जा रहे हैं।

जिला सैनिक बन्धु के उपाध्यक्ष मेजर पूरन सिंह ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। विकास खण्ड स्तर पर नामित पूर्व सैनिकों ने भी समस्याअों को रखा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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धरती का मौसम है 2010

Posted on 20 July 2010 by admin

धरती का वर्ष 2010 अपने साथ कई पर्यावरणीय समस्याओं को लेकर आया है। यह वर्ष सबसे अधिक गर्म वर्ष बनने का रिकॉर्ड बनाने की दहलीज पर तो है, इसके साथ ही इस साल सबसे अधिक 17 तूफानों के आने की आशंका भी जताई जा रही है।
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फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी(एफएसयू) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यूनिक कम्प्यूटर मॉडल ने 2010 के तूफानों वाले वर्ष होने की भविष्यवाणी की है। एफएसयू के एसोसिएट स्कॉलर साइंटिस्ट टिम ला रॉ और उनके सहयोगियों के मुताबिक इस साल सबसे अधिक 17 तूफानों के आने की आशंका है। इनमें से अटलांटिक से उठने वाले कम से कम 10 तूफान भयंकर रूप धारण कर सकते हैं। इन सभी तूफानों के एक जून से 30 नवंबर के बीच आने की आशंका है। वैज्ञानिकों के अनुसार तूफानों के कारण पूर्वी अमरीका और खाड़ी देशों के तटीय क्षेत्रों में भू-स्खलन भी हो सकता है।

Vikas Sharma
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Ph-09415060119

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धरती का मौसम है 2010

Posted on 16 July 2010 by admin

धरती का वर्ष 2010 अपने साथ कई पर्यावरणीय समस्याओं को लेकर आया है। यह वर्ष सबसे अधिक गर्म वर्ष बनने का रिकॉर्ड बनाने की दहलीज पर तो है, इसके साथ ही इस साल सबसे अधिक 17 तूफानों के आने की आशंका भी जताई जा रही है।

फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी(एफएसयू) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यूनिक कम्प्यूटर मॉडल ने 2010 के तूफानों वाले वर्ष होने की भविष्यवाणी की है। एफएसयू के एसोसिएट स्कॉलर साइंटिस्ट टिम ला रॉ और उनके सहयोगियों के मुताबिक इस साल सबसे अधिक 17 तूफानों के आने की आशंका है। इनमें से अटलांटिक से उठने वाले कम से कम 10 तूफान भयंकर रूप धारण कर सकते हैं। इन सभी तूफानों के एक जून से 30 नवंबर के बीच आने की आशंका है। वैज्ञानिकों के अनुसार तूफानों के कारण पूर्वी अमरीका और खाड़ी देशों के तटीय क्षेत्रों में भू-स्खलन भी हो सकता है।


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सिगरेट छोड़ दो आईक्यू बढ़ाना है तो

Posted on 02 July 2010 by admin

अमेरिकी अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता होती है कम

न्यूयॉर्क - अगर आप अपना आईक्यू बढ़ाना चाहते हैंए तो सिगरेट से नाता तोड़ लेने में ही भलाई होगी। एक नए अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता धीरे.धीरे कम होती जाती है। अमेरिकी शोधकर्ता इस्त्राइली सेना के 20,000 से ज्यादा जवानों पर किए गए रिसर्च के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि हम जितना ज्यादा धूम्रपान करते हैंए हमारा आईक्यू उतना ही कमजोर होता जाता है।

101 अंक रहा नॉन स्मोकर्स का आईक्यू
प्रमुख शोधकर्ता डा. मार्क वीजर के अनुसार रिसर्च में शामिल 28 फीसदी प्रतिभागी रोजाना कम से कम एक सिगरेट जरूर सुलगाते थे। बाकी चार फीसदी लोग स्मोकिंग से तौबा कर चुके थे, जबकि 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कभी सिगरेट को हाथ ही नहीं लगाया था। उन्होंने बताया कि आईक्यू टेस्ट में नॉन स्मोकर्स ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनकी झोली में सर्वाधिक 101 अंक गिरे। वहींए कुछ माह पहले सिगरेट से दोस्ती करने वालों का आईक्यू लेवल 94 अंक पर रहा। वीजर की मानें तो जैसे-जैसे सिगरेट की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता कम हो जाती है। रोजाना एक या उससे ज्यादा पैकेट सिगरेट पीने वाले युवाओं का आईक्यूए धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में 7ण्5 अंक कम था। औरों के मुकाबले ऐसे लोगों में तनाव की आशंका भी ज्यादा थी। उन्होंने ‘जरनल एडिक्शनश् में कम आईक्यू वाले प्रतिभागियों को धूम्रपान रोकथाम कार्यक्रम में शामिल किए जाने की हिदायत दी। ताकि वे धीरे-धीरे स्मोकिंग की लत से छुटकारा पा सकें।

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भूगर्भ विधेयक के प्रारूप पर सुझाव हेतु अपील

Posted on 30 June 2010 by admin

लखनऊ - प्रदेश में भूगर्भ जल संरक्षण हेतु विधेयक के प्रारूप को प्रकाशित कर प्रबुद्ध नागरिकों समाजसेवियों एवं जन सामान्य से 5 जुलाई 2010 तक सुझाव मांगे गये थे। इस सम्बंध में अब तक 30 सुझाव प्राप्त हुए हैं जिन्हें वैज्ञानिकों, प्रेस प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, स्वैच्छिक संगठनों तथा जनसामान्य ने भेजा है। यह जानकारी विशेष सचिव एवं निदेशक डॉ0 एस0के0पाण्डेय ने दी है। उन्होंने बताया कि सुझाव भेजने की अवधि को दो सप्ताह और आगे बढ़ाया जा रहा है।

डॉ0 पाण्डेय ने बताया कि ई-मेल के अलावा लोगों ने लिफाफे एवं पोस्टकार्ड पर भी अपने सुझाव दिये हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय वेबसाइट http://gwd.up.nic.in पर विधेयक का प्रारूप अंग्रेजी तथा हिन्दी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। उन्होंने जनसामान्य से अपील की है कि वह अपने सुझाव ई-मेल up.gwd@ rediffmail.com
या डाक द्वारा निदेशक भूगर्भजल नवम्तल इिन्दरा भवन, लखनऊ के पते पर भेंजे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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गांधीजी की सेक्स लाइफ

Posted on 14 June 2010 by admin

gsexक्या राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गांधी असामान्य सेक्स बीहैवियर वाले अर्द्ध-दमित सेक्स मैनियॉक थे? जी हां, महात्मा गांधी के सेक्स-जीवन को केंद्र बनाकर लिखी गई किताब “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” में एक ब्रिटिश प्रधानमंत्री के हवाले से ऐसा ही कहा गया है। महात्मा गांधी पर लिखी किताब आते ही विवाद के केंद्र में आ गई है जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उसकी मांग बढ़ गई है। मशहूर ब्रिटिश इतिहासकार जैड ऐडम्स ने पंद्रह साल के अध्ययन और शोध के बाद “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” को किताब का रूप दिया है।

किताब में वैसे तो नया कुछ नहीं है। राष्ट्रपिता के जीवन में आने वाली महिलाओं और लड़कियों के साथ गांधी के आत्मीय और मधुर रिश्तों पर ख़ास प्रकाश डाला गया है। रिश्ते को सनसनीख़ेज़ बनाने की कोशिश की गई है। मसलन, जैड ऐडम्स ने लिखा है कि गांधी नग्न होकर लड़कियों और महिलाओं के साथ सोते ही नहीं थे बल्कि उनके साथ बाथरूम में “नग्न स्नान” भी करते थे।

महात्मा गांधी हत्या के साठ साल गुज़र जाने के बाद भी हमारे मानस-पटल पर किसी संत की तरह उभरते हैं। अब तक बापू की छवि गोल फ्रेम का चश्मा पहने लंगोटधारी बुजुर्ग की रही है जो दो युवा-स्त्रियों को लाठी के रूप में सहारे के लिए इस्तेमाल करता हुआ चलता-फिरता है। आख़िरी क्षण तक गांधी ऐसे ही राजसी माहौल में रहे। मगर किसी ने उन पर उंगली नहीं उठाई। ऐसे में इस किताब में लिखी बाते लोगों ख़ासकर, गांधीभक्तों को शायद ही हजम हों। दुनिया के लिए गांधी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के आध्यात्मिक नेता हैं। वह अहिंसा के प्रणेता और भारत के राष्ट्रपिता भी हैं। जो दुनिया को सविनय अवज्ञा और अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।  कहना न होगा कि दुबली काया वाले उस पुतले ने दुनिया के कोने-कोने में मानव अधिकार आंदोलनों को ऊर्जा दी, उन्हें प्रेरित किया।

नई किताब यह खुलासा करती है कि गांधी उन युवा महिलाओं के साथ ख़ुद को संतप्त किया जो उनकी पूजा करती थीं और अकसर उनके साथ बिस्तर शेयर करती थीं। बहरहाल, ऐडम्स का दावा है कि लंदन से क़ानून की पढ़ाई करने के बाद वकील से गुरु बने गांधी की इमैज कठोर नेता की बनी जो अपने अनोखी सेक्सुअल डिमांड से अनुयायियों को वशीभूत कर लेता है।

पर लोग के लिए यह आचरण असहज हो सकता है पर गांधी के लिए सामान्य था। ऐडम्स ने किताब में लिखा है कि गांधी ने अपने आश्रमों में इतना कठोर अनुशासन बनाया था कि उनकी छवि 20वीं सदी के धर्मवादी नेताओं जैम्स वॉरेन जोन्स और डेविड कोरेश की तरह बन गई जो अपनी सम्मोहक सेक्स अपील से अनुयायियों को क़रीब-क़रीब ज्यों का त्यों वश में कर लेते थे। ब्रिटिश हिस्टोरियन के मुताबिक महात्मा गांधी सेक्स के बारे लिखना या बातें करना बेहद पसंद करते थे। किताब के मुताबिक हालांकि अन्य उच्चाकाक्षी पुरुषों की तरह गांधी कामुक भी थे और सेक्स से जुड़े तत्थों के बारे में आमतौर पर खुल कर लिखते थे। अपनी इच्छा को दमित करने के लिए ही उन्होंने कठोर परिश्रम का अनोखा स्वाभाव अपनाया जो कई लोगों को स्वीकार नहीं हो सकता।

किताब की शुरुआत ही गांधी की उस स्वीकारोक्ति से हुई है जिसमें गांधी ख़ुद लिखा या कहा करते थे कि उनके अंदर सेक्स-ऑब्सेशन का बीजारोपण किशोरावस्था में हुआ और वह बहुत कामुक हो गए थे। 13 साल की उम्र में 12 साल की कस्तूरबा से विवाह होने के बाद गांधी अकसर बेडरूम में होते थे। यहां तक कि उनके पिता कर्मचंद उर्फ कबा गांधी जब मृत्यु-शैया पर पड़े मौत से जूझ रहे थे उस समय किशोर मोहनदास पत्नी कस्तूरबा के साथ अपने बेडरूम में सेक्स का आनंद ले रहे थे।

किताब में कहा गया है कि विभाजन के दौरान नेहरू गांधी को अप्राकृतिक और असामान्य आदत वाला इंसान मानने लगे थे। सीनियर लीडर जेबी कृपलानी और वल्लभभाई पटेल ने गांधी के कामुक व्यवहार के चलते ही उनसे दूरी बना ली। यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य और अन्य राजनीतिक साथी भी इससे ख़फ़ा थे। कई लोगों ने गांधी के प्रयोगों के चलते आश्रम छोड़ दिया। ऐडम ने गांधी और उनके क़रीबी लोगों के कथनों का हवाला देकर बापू को अत्यधिक कामुक साबित करने का पूरा प्रयास किया है। किताब में पंचगनी में ब्रह्मचर्य का प्रयोग का भी वर्णन किया है, जहां गांधी की सहयोगी सुशीला नायर गांधी के साथ निर्वस्त्र होकर सोती थीं और उनके साथ निर्वस्त्र होकर नहाती भी थीं। किताब में गांधी के ही वक्तव्य को उद्धरित किया गया है। मसलन इस बारे में गांधी ने ख़ुद लिखा है, “नहाते समय जब सुशीला निर्वस्त्र मेरे सामने होती है तो मेरी आंखें कसकर बंद हो जाती हैं। मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता। मुझे बस केवल साबुन लगाने की आहट सुनाई देती है। मुझे कतई पता नहीं चलता कि कब वह पूरी तरह से नग्न हो गई है और कब वह सिर्फ अंतःवस्त्र पहनी होती है।”

किताब के ही मुताबिक जब बंगाल में दंगे हो रहे थे गांधी ने 18 साल की मनु को बुलाया और कहा “अगर तुम साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते। आओ आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे के साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें।” ऐडम का दावा है कि गांधी के साथ सोने वाली सुशीला, मनु और आभा ने गांधी के साथ शारीरिक संबंधों के बारे हमेशा अस्पष्ट बात कही। जब भी पूछा गया तब केवल यही कहा कि वह ब्रह्मचर्य के प्रयोग के सिद्धांतों का अभिन्न अंग है।

ऐडम्स के मुताबिक गांधी अपने लिए महात्मा संबोधन पसंद नहीं करते थे और वह अपने आध्यात्मिक कार्य में मशगूल रहे। गांधी की मृत्यु के बाद लंबे समय तक सेक्स को लेकर उनके प्रयोगों पर लीपापोती की जाती रही। हत्या के बाद गांधी को महिमामंडित करने और राष्ट्रपिता बनाने के लिए उन दस्तावेजों, तथ्यों और सबूतों को नष्ट कर दिया, जिनसे साबित किया जा सकता था कि संत गांधी दरअसल सेक्स मैनियैक थे। कांग्रेस भी स्वार्थों के लिए अब तक गांधी और उनके सेक्स-एक्सपेरिमेंट से जुड़े सच को छुपाती रही है। गांधीजी की हत्या के बाद मनु को मुंह बंद रखने की सलाह दी गई। सुशीला भी इस मसले पर हमेशा चुप ही रहीं।

किताब में ऐडम्स दावा करते हैं कि सेक्स के जरिए गांधी अपने को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध और परिष्कृत करने की कोशिशों में लगे रहे। नवविवाहित जोड़ों को अलग-अलग सोकर ब्रह्मचर्य का उपदेश देते थे। ऐडम्स के अनुसार सुशीला नायर, मनु और आभा के अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं गांधी के क़रीब आईं। कुछ उनकी बेहद ख़ास बन गईं। बंगाली परिवार की विद्वान और ख़ूबसूरत महिला सरलादेवी चौधरी से गांधी का संबंध जगज़ाहिर है। हालांकि गांधी केवल यही कहते रहे कि सरलादेवी उनकी “आध्यात्मिक पत्नी” हैं। गांधी जी डेनमार्क मिशनरी की महिला इस्टर फाइरिंग को प्रेमपत्र लिखते थे। इस्टर जब आश्रम में आती तो बाकी लोगों को जलन होती क्योंकि गांधी उनसे एकांत में बातचीत करते थे। किताब में ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मैडलीन स्लैड से गांधी के मधुर रिश्ते का जिक्र किया गया है जो हिंदुस्तान में आकर रहने लगीं और गांधी ने उन्हें मीराबेन का नाम दिया।

ऐडम्स ने कहा है कि नब्बे के दशक में उसे अपनी किताब “द डाइनैस्टी” लिखते समय गांधी और नेहरू के रिश्ते के बारे में काफी कुछ जानने को मिला। इसके बाद लेखक की तमन्ना थी कि वह गांधी के जीवन को अन्य लोगों के नजरिए से किताब के जरिए उकेरे। यह किताब उसी कोशिश का नतीजा है। जैड दावा करते हैं कि उन्होंने ख़ुद गांधी और उन्हें बेहद क़रीब से जानने वालों की महात्मा के बारे में लिखे गए किताबों और अन्य दस्तावेजों का गहन अध्ययन और शोध किया है। उनके विचारों का जानने के लिए कई साल तक शोध किया। उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे।

इस बारे में ऐडम्स ने स्वीकार किया है कि यह किताब विवाद से घिरेगी। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं इस एक किताब को पढ़कर भारत के लोग मुझसे नाराज़ हो सकते हैं लेकिन जब मेरी किताब का लंदन विश्वविद्यालय में विमोचन हुआ तो तमाम भारतीय छात्रों ने मेरे प्रयास की सराहना की, मुझे बधाई दी।” 288 पेज की करीब आठ सौ रुपए मूल्य की यह किताब जल्द ही भारतीय बाज़ार में उपलब्ध होगी। ‘गांधीः नैक्ड ऐंबिशन’ का लंदन यूनिवर्सिटी में विमोचन हो चुका है। किताब में गांधी की जीवन की तक़रीबन हर अहम घटना को समाहित करने की कोशिश की गई है। जैड ऐडम्स ने गांधी के महाव्यक्तित्व को महिमामंडित करने की पूरी कोशिश की है। हालांकि उनके सेक्स-जीवन की इस तरह व्याख्या की है कि गांधीवादियों और कांग्रेसियों को इस पर सख़्त ऐतराज़ हो सकता है।

लेखक हरिगोविंद विश्वकर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं. इस लेख का स्रोत ब्रिटिश अख़बारों में “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” के छपे रिव्यू और रिपोर्ताज हैं.


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बुधवार की शाम जनपद वासियों के लिए कहर बन कर आया तूफान

Posted on 19 May 2010 by admin

तेज आंधी व ओलों की चपेट में आकर चार हुए घायल ,टीनें गिरने से तीन गायों की मौके पर हुई मौत

तेज आंधी के साथ गिरे ओलों से आम की फसल हुई चौपट,ओलों के से सब्जी की बारियों को हुआ नुकसान

भीषण गर्मी झेल रहे लोगों को अचानक बदले मौसम ने थोड़ी सी राहत तो दी लेकिन तूफान के रूप में आई तेज आंधी ने कहर भी खूब बरपाया। तूफान के साथ अचानक गिरे बड़े-बड़े ओलों से लोग चुटहिल भी हुए। लगभग दस मिनट तक चले आंधी और पानी के इस कहर से जहां एक ओर जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा वहीं जगह-जगह पेड़ गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग समेत मुख्यालय के कस्बाई रास्ते भी बन्द हो गए। वहीं कच्चे घरों में रहने वालों के लिए तो आंधी बरबादी का आलम ले कर आई। जिसके चलते लोगों के टीन टप्पर व खपरैल तक उड़ गए। इसके अलावा बिजली की तारें टूट जाने से विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई। विभागीय लोगों की माने तो विद्युत व्यवस्था सुचारू करने में काफी समय लग सकता है। पिछले एक सप्ताह से जनपदवासी भीषण गर्मी कीमार झेल रहे थे। दो दिन से तो पारा उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था। बुधवार को भी लोग सबेरे से गर्मी के मारे परेशान हाल हो रहे थे। लेकिन अपराहन बाद लगभग तीन बजे से आसमान में बदली छा जाने से और ठण्डी हवाओं के झोकों से लोगों को राहत मिली और उम्मीद बंधी की जल्द ही बारिश होगी। वहीं शाम चार बजते-बजते हल्की ठण्डी हवाओं के झोकों ने उग्रता से तूफान का रूप धारण कर लिया। इसी के साथ ही अचानक  बड़े-बड़े ओले गिरते देख लोग भौचक्के रह गए। ओले गिरने के कुछ ही देर बाद तेज बारिश शुरू हुई जिसने आमजन को गर्मी से थोड़ी देर के लिए निजात दिलाई। लगभग दस मिनट तक चलने वाले तेज आंधी और पानी के दौरान जिले में जगह-जगह पेड़ों के गिरने से नेशनल हाइवे 76 के साथ-साथ जिले के अन्य मार्ग भी जाम हो गए। जिसके चलते सैकड़ों वाहन जहां के तहां रुक गए। इसके अलावा कच्चे माकान में रहने वालों के लिए तो आंधी और पानी कहर बन कर टूट पड़ा । तेज आंधी में खपरैलों के साथ-साथ लोगों के टीन-टप्पर भी उड़ गए। वहीं दूसरी ओर ओलों की मार व पेड़ों के गिरने से जिले में लगभग आधा दर्जन से लोग चुटहिल हो गए। हालांकि तूफान का मुख्य केन्द्र जिला मुख्यालय कर्वी ही रहा लेकिन इससे आस-पास के लगभग 20 किमी तक का इलाका प्रभावित हुआ।ckt1

चक्रवाती तूफान के साथ गिरे ओलों ने भयंकर तबाही मचा डाली। इस दौरान जहां बिजली गिरने से एक व्यक्ति बुरी तरह झुलस गया वहीं पेड़ गिरने व माकान का छज्जा टूट जाने से चार लोगों के गम्भीर रूप से घायल होने की खबर मिली है। इसके अलावा चित्रकूट में हनुमान धारा के पास निर्मोही अखाड़ा द्वारा संचालित गोशाला की टीनें गिरने से तीन गायों की मौके पर मौत हो गई जबकि सैकड़ों गायें बुरी तरह घायल हो गई।

बुधवार की शाम लगभग चार बजे आए भयंकर तूफान के साथ ही बड़े-बड़े ओले गिरने लगे। तेज आंधी के दौरान जगह-जगह पेड़ गिर गए वहीं कईयों के माकान भी धराशायी हो गए। आंधी में अपने घर के सामने लगे पेड़ के नीचे खड़े इटरौर भीषमपुर निवासी रामबाबू 30 पुत्र स्व. मोतीलाल अचानक बिजली गिरने से बुरी तरह झुलस गया। परिजनों ने उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र इटवा डुडैला में तैनात फार्मासिस्ट लक्ष्मी सागर सिंह 40 पुत्र जवाहर निवासी छिपनी बाहर खेरा ड्यूटी से वापस लौट रहा था रास्ते में आंधी आने से बचाव करने के लिए सीतापुर रामायण मेला परिसर के पास लगे पेड़ के नीचे खड़ा हो गया और आंधी में पेड़ गिरने से उसके नीचे दबकर वह गम्भीर रूप से घायल हो गया। जिसे आस-पास के लोगों ने किसी तरह निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल भेजा। इसके अलावा पथरौड़ी गांव में आधी के कारण मकान का छज्जा गिर जाने से सखिया 50 पत्नी रघुनन्दन गम्भीर रूप से घायल हो गया। वहीं पथरामानी में बिजली कड़कने की आवाज से 15वर्षीय सब्बू पुत्र बच्छराज बेहोश हो गया। सभी घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। वहीं बालक की स्थिति गम्भीर बनी हुई है। इसी तरह चित्रकूट में हनुमान धारा के समीप निर्मोही अखाड़ा द्वारा संचालित गोशाला की टीने आंधी में उड़ कर नीचे आ गिरीं जिनकी चपेट में आने से तीन गायों तो मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक सैकड़ा से अधिक गायें चुटहिल हो गईं। इधर मुख्यालय कर्वी के आस-पास क्षेत्रो में केन्द्र बिन्दु बने तूफान व ओले की चपेट में आने से तरौहां कस्बे में भी दर्जनों लोग चुटहिल हुए हैं व कई जानवरों की मौत की खबर मिली है। ckt3

आंधी किसानों के लिए भी खतरनाक साबित हुई। इसके कारण कई वर्षो बाद पेड़ों पर आई आम की अच्छी फसल को भी नुकसान पहुंचा। आंधी में कई कुन्तल छोटे कच्चे आम नीचे आ गिरे। वहीं कुछ लोगों के कटहल के पेड़ों को भी नुकसान हुआ। इसी तरह बड़े-बड़े ओले गिरने से लोगों के द्वारा अपनी रोजी-रोटी के लिए लगाई गई सब्जियों की बारियां भी चौपट हो गईं। इन सबके साथ आंधी ने बिजली विभाग को भी काफी चोट पहुंचाई। तेज आंधी और पानी में सैकड़ों बिजली के खंभे गिर गए व जगह-जगह पर बिजली  के तार टूट गए। जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। जिसके चलते विभागीय लोगों ने आपूर्ति चालू करने में हाथ खड़े कर दिए। उधर अचानक आए इस तूफान ने कुछ देर के लिए संचार व्यवस्था भी बाधित कर दी। हालांकि दस मिनट तक चले आंधी पानी से लोगों को गर्मी से लोगों को राहत मिली लेकिन उसके बाद उमस भरी गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया। दूसरी ओर समाचार लिखे जाने तक नेशनल हाईवे में कपसेठी व नगर के एलआईसी तिराहा और पटेल तिराहा में गिरे भारी भरकम पेड़ों के चलते रास्ता अवरुद्ध रहा। प्रशासनिक अमले के लोग मार्ग चालू कराने के लिए युद्ध स्तर पर पेड़ हटवाने का कार्य जारी किए हुए थे।

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पानी के लिए बेहाल देश………

Posted on 06 April 2010 by admin

बूंद-बूंद पानी को तरसता देश कोई लेकिन पानी की राजनीति ने प्रक्रति के इस स्वभाव को भुलाने की अक्षम्य गलती की है। इसलिए लोग बूंद-बूंद पानी के लिए बेहाल है। एक बड़ी गलती हमसे यह हुई कि हमने पानी रोकने के समय सिद्ध और स्वयं सिद्ध तरीकों को पुराना या परम्परागत कहकर छोड़ दिया।

भारत के पास विश्व की 2.45 प्रतिशत् धरती है और लगभग 17 प्रतिशत् आबादी। 1947 में देश के 223 गाव में पानी कम था। अब उनकी संख्या लगभग 90 हजार हो गई है। 90 प्रतिशत् ग्रामीण आबादी गहरे या उथले भूमिगत जल पर निर्भर है। देश की 80 प्रतिशत् आबादी भू-जल का अनियन्त्रण दोहन कर रही है। भारत वर्ष की आबादी दिन भर दिन बढ़ती ही जा रही है। परन्तु पानी के लिए आज तक सटीक कदम नहीं उठाया गया। जिससे आने वाले संकट से बचा जा सके।

हमारा देश कभी तो पानी की मार झेलता है तो कभी पानी की किल्लत को। अगर सही योजनाबद्ध तरीके से नदियों को एक-दूसरे से जोड़ा जाए तो ना पानी की मार और न ही किल्लत का सामना करना पड़ेगा परन्तु हमारे देश के कई राजनीतिज्ञ ही विकास में सबसे बड़ी बाधा डालने वाले है जो काम 2 वर्ष मे पूरा होना चाहिए उसे 4 वर्ष से पहले पूरा होने ही नहीं देते। हमारे देश की विकास दर बहुत धीमी गति से चल रही है। अगर राजनीतिज्ञ विकास में रोड़ा न बने तो यह देश बहुत तेज गति से विकास करे। जिस तरह अन्य देश बहुत तेज गति से विकास कर रहे है। उदाहरणार्थ चीन की विकास दर भारत देश के मुकाबले में बहुत ज्यादा है परन्तु चीन का बहुत सारा भू-भाग लगभग 2/3 भाग जो कि निर्जन है कहने का तात्पर्य है कि वह भाग जहां पर लगभग सारा वर्ष बर्फ पड़ी रहती है जहां पर जीवन व्यतीत करना काफी कठिन है। लेकिन फिर भी चीन अपने विकास का झण्डा फहराये हुए है। पता नहीं कि हमारा देश भ्रष्ट राजनीतिज्ञों की मार कब तक झेलेगा।

Vikas Sharma
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कैलास मानसरोवर यात्रा

Posted on 05 April 2010 by admin

विश्व प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रा केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं बल्कि अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी आस्था व श्रद्धा का पावन केन्द्र है। दिल्ली से 865 किलोमीटर की यह यात्रा सदियों से चल रही है। आलौकिक अनुभूति कराने वाली इस यात्रा में प्रतिवर्ष पूरे भारत वर्ष से लोग शामिल होते हैं।

05_2009_9-kailashman-1_1243011005जून से शुरू होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा की तैयारी छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा इसका संचालन किया जाता है। 30 दिन की इस यात्रा की व्यवस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा की जाती है। कठिन मार्ग और लंबी दूरी के बाद भी तीर्थयात्री हिमालय की श्रृंखलाबद्ध चोटियों और नैसर्गिक सौन्दर्य का लुत्फ उठाते हुए आगे बढ़ते रहते हैं।

आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मारी जाने वाली यह यात्रा अत्यंत रमणीक है। इस वर्ष एक जून से कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू हो रही है। इसमें प्रतिवर्ष की तरह 16 दल जायेंगे। प्रत्येक दल में अधिकतम 44 यात्री होते हैं। भारत सरकार की ओर एक उच्च अधिकारी को प्रत्येक दल में लाइजन आफिसर के रूप में भेजा जाता है। 18 वर्ष से अधिक उम्र का भारत का नागरिक ही इस यात्रा में शामिल हो सकता है। 30 दिन की इस यात्रा में तीन दिन दिल्ली में रुकना होता है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा में जाने की अनुमति मिलती है। दिल्ली से यात्रा शुरू करने के बाद कुमाऊं में यात्री केएमवीएन के पर्यटक आवासगृहों में ठहरते हैं। रास्ते में मंदिरों के दर्शन करते हुए बम-भोले के जयकारों के साथ आगे बढ़ते रहते हैं। काठगोदाम, अल्मोड़ा, चौकोड़ी, धारचूला, बूंदी, गुंजी, कालापानी, नावीढांग, लिपुलेख, ताकलाकोट से दारचिन, डेराफू व कुगूमठ, जुटुलपुक, दारचिन व छ्युगोम्पा, कुगुमठ से कैलाश की परिक्रमा की तैयारी शुरू हो जाती है। 22 वें दिन दारचिन से छयुगोम्पा होकर ताकलाकोट में दोनों दल एक होकर यज्ञ, स्नान के बाद दोपहर में राकसताल और पीछे कैलाश के दर्शन करते हैं। कैलाश की परिक्रमा में 55 किलोमीटर चलना पड़ता है। 23 वें दिन ताकलकोट से खोजरनाथ और 25 किलोमीटर दूर करनाली घाटी में स्थित खोजरनाथ मठ के दर्शन कराये जाते हैं। यहां पर बुद्ध मंदिर है। इसमें राम-लक्ष्मण व सीता की मूर्तियां विद्यमान हैं। 24 वें दिन ताकलकोट से लीपुपास व नावीढांग से कालापानी को वापस लौटते हैं। फिर गुंजी, बूंदी, धारचूला होते हुए वापस आ जाते हैं।

मानसरोवर के उत्तर में कैलास पर्वत माला और कैलाश शिखर है। दक्षिण में गुरला पर्वत माला और गुरला शिखर है। इस क्षेत्र से उत्तर की चार बड़ी नदियां करनाली, सतलज, ब्रह्मापुत्र, सिन्ध निकलती है। पश्चिम तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर भारतीय मन से कभी अलग नहीं हुये। इस मानसरोवर के कारण ही कुमाऊं को मानस खंड कहा जाना प्रारंभ हुआ। मान्यता के अनुसार मानसरोवर को ब्रह्मा के मस्तिष्क से रचा हुआ माना जाता है। इसकी खोज राज गुरला मान्धाता ने की। जिनके नाम से सर्वाधिक ऊंचा पर्वत गुरला है। तीर्थयात्रा के सफल संचालन के लिए तैयारी जोरशोर से चल रही हैं।


Vikas Sharma
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रिक्शा ड्राइबर व मजदूरों ने हिन्दू मुस्लिम एकता समिति के बैनर के साथ निकाली रैली

Posted on 10 March 2010 by admin

सुलतानपुर  - जिले के पंण्डित रामनरेश त्रिपाठी सभागार में हिन्दू मुस्लिम एकता सेवा समिति के तत्वाधान में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का विशाल सम्मेलन (रिक्शा चालक, भवन निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार, पल्लेदार,, ईट भट्ठा मजदूर, मनरेगा, खेतिहर) सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के जिला प्रभारी जगदीश कसौधन ने किया। प्रदेश अध्यक्ष अफजल अंसारी द्वारा महात्मा गॉंधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। संचालन समिति के संयोजक राकेश तिवारी द्वारा किया गया।

नई दिल्ली से आये निर्माण मजदूरों राश्ट्रीय अभियान समिति के नेता ईश्वर शर्मा ने कहा कि भवन निर्माण मजदूरों के हितों में बना केन्द्रीय कानून 1996 का पालन राज्य सरकार द्वारा कड़ाई ने नही किया जा रहा है। भवन निर्माण कर्मकार मजदूर यूनियन के प्रान्तीय महामन्त्री प्रमोद पटेल ने कहा कि भवन निर्माण अधिनियम 1996 की धारा-12 के अन्तर्गत मजदूरों का पंजीकरण श्रम विभाग द्वारा नही किया जा रहा है जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। शहरी गरीब संघर्ष मोर्चा के साथी सन्दीप खरे एवं संजय सिंह ने कहा कि शहरी गरीबों के लिए शहरी गरीब रोजगार गारंटी कानून राज्य एवं केन्द्र सरकार बनाये, सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अनवर ने कहा कि रिक्शा चालकों के लिए नगर में रिक्शा स्टैन्ड तथा नगर पालिका से रेट लिस्ट एवं रैन बसेरा बनाने की जिला प्रशासन से मांग किया। रायबरेली से आये ईट भट्ठा तकनीकी कारीगर समिति के साथी छत्रपाल ने कहा कि ईट भट्ठा मजदूरों से भवन निर्माण अधिनियम में पंजीकरण करना चाहिये जिससे उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके। इलाहाबाद क्षेत्र से आये असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के नेता शयाम सूरत पाण्डेय ने कहा कि रिक्शा चालकों को जिला प्रशासन द्वारा पहचान पत्र लाल राशन कार्ड आवास पेशन मुआवजा आदि हित लाभों को दिलाया जाना चाहिये। कांग्रेस पार्टी के वरिश्ठ नेता सुभाश त्रिपाठी ने कहा कि महगांई को देखते हुए मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 300 रूपये प्रतिदिन राज्य सरकार को घोशित करना चाहिए शहर के वरिश्ठ नेता एवं समाज सेवी हाजी मोहम्मद हारून ने कहा कि शहरी गरीबों को मान्यवर कांशीराम आवासीय योजना के तहत आवास उपलब्ध कराये जाय। किसान नेता एवं अपना दल के नेता राम अवध पटेल ने कहा कि मनरेगा की योजनाओं में मजदूरों को पूरे वशZ काम नही मिल पा रहा है। उ0प्र0 क्षेत्र मजदूर संगठन के प्रान्तीय महामन्त्री जमुना सिंह ने कहा कि खेतिहर मजदूरों के हितों में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कानून का निर्माण किया जाना चाहिए सम्मेलन को आनन्द अग्रहरि, पुश्कर बरनवाल इसरार हुसैन, रामआसरे, गुडलक गॉंधी, आगाशाही, मोहम्मद हमीद राइन, गजराज यादव, मोहम्मद नसीम, गया सोनकर, मेवालाल साई, रामऔतार, छेदीलाल गौतम, राधेश्याम गौतम, रईश अहमद सहित हजारों मजदूर मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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