Archive | कृषि

पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैपिंग तथा जल गुणवत्ता परीक्षण पर कार्यशाला कल

Posted on 06 February 2013 by admin

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रलाय भारत सरकार द्वारा निर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की मार्ग-निर्देशिका के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित समस्त पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैंपिग, सैनिटरी सर्वे तथा जल गुणवत्ता परीक्षण का कार्य कराया जाना है। इस निर्मित पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैपिंग तथा जल गुणवत्ता परीक्षण पर कार्यशाला का शुभारम्भ कल 07 फरवरी को उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह ‘गोप’ द्वारा सचिवालय स्थित तिलक हाल में किया जायेगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार भी उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त लखनऊ जोन में यह कार्य सम्पादित करने हेतु मेसर्स ए0डी0सी0सी0 इ-फोकैड, नागपुर तथा गोरखपुर जोन में सम्पादित करने हेतु रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर उ0प्र0 लखनऊ के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षर किया जायेगा। इस कार्यक्रम से संबंधित जनपदों के लिये विकास अधिकारियों तथा जल निगम के अभियन्ता एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों/विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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गन्ना किसानो को इस साल पहले से ज्यादा लाभ

Posted on 06 February 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि गन्ना किसानो को इस साल पहले से ज्यादा लाभ हुआ है और चीनी उत्पादन भी ज्यादा हुआ है। चीनी मिलों ने 37 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है जो 40 लाख टन तक हो जाने का अनुमान है। राज्य में गन्ने से चीनी प्राप्ति की दर 8Û86 प्रतिशत है।

7 दिसम्बर,2012 को मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 2012-13 लिए गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) घोषणा की थी। इसके तहत सामान्य किस्म के लिए एसएपी 280 रूपए प्रति कुंतल है जबकि बसपा राज में यह 240 रूपए प्रति कुंतल थी। यह मूल्य 2011-12 की तुलना से 17 प्रतिशत अधिक था। इसके अतिरिक्त शुरूआती और अस्वीकृत किस्मों की कीमतें 250 रूपए प्रति कुंतल और 235 रू0 प्रति कुंतल से बढ़ाकर क्रमशः 290 और 275 रूपए प्रति कुंतल कर दी गई।

समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों की अपनी सरकार है। इसलिए प्रति कुंतल दाम बढ़ोत्तरी से किसानों को इस पेराई सत्र में 21,500 करोड़ रूपए की प्राप्ति होगी जो 2011-12 में 18,200 करोड़ रूपए थी। प्रदेश में अब 24 जिलों में नई शुगर मिलों की स्थापना, उनके साथ सह उत्पादन प्लांट और डिस्टलरी प्लांट लगाने की सुविधाएं होगी। उम्मीद है कि इससे प्रदेश चीनी उत्पादन में फिर देश में अव्वल नम्बर पर आ जाएगा। इससे पूर्व जब श्री मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तब सकल चीनी उत्पादन का 40 प्रतिशत अंश उत्पादित कर देश में कुल चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा। कुल उत्पादन तब 50,32 लाख टन रहा था।

सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण 6 महीने के अंदर किसानों को 17812,37 करोड़ रूपए का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। पिछली सरकार के समय के बकायों के भुगतान पर कार्यवाही करते हुए इसी अवधि में गन्ना किसानों को सहकारी, निगम क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों पर पेराई सत्र 2006-07 व 2007-08 का देय बकाया अंतर गन्ना मूल्य भुगतान क्रमशः 123,68 करोड़ रूपए और 759,76 करोड़ रूपए, कुल 883,64 करोड़ रूपए का भुगतान भी कराया गया।

समाजवादी पार्टी ने किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने और उनको खाद, बीज की किल्लत न होने देने का पूरा प्रबंध कर रखा है। इस सरकार ने खाद संकट का पहले से अंदाजा लगाते हुए पहली बार बफर गोदाम के साथ-साथ सहकारी समिति स्तर पर उर्वरक का अग्रिम भंडारण (प्रिपोजिशनिंग) करने का निर्णय लिया और इस हेतु वर्ष 2012-13 के बजट में 100,00 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आम की फसल को खर्रा रोग एवं भुनगा कीट से बचायें

Posted on 06 February 2013 by admin

बचाव हेतु दवा का समय से करे छिड़काव-ओम नारायण सिंह

प्रदेश में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित समय से प्रबंधन नितान्त आवश्यक है। इस समय  आम के पौधों को खर्रा रोग एवं भुनगा कीट से क्षति पहंुचने की ज्यादा सम्भावना है। अतः बागवान आम के पौधों को कीटों व रोगों से अवश्य बचायें।

यह जानकारी निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री ओम नारायण सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि भुनगा कीट के रोकथाम के लिए मोनोक्रोटोफास की एक मिली0 दवा प्रति लीटर या फास्फेमिडान 0.6 मिली0 दवा प्रतिलीटर पानी में घोल कर पौधों पर छिड़काव करें। खर्रा रोग से बचाव हेतु इस माह के प्रथम सप्ताह में घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत तथा द्वितीय सप्ताह में (12-14 दिन बाद) डाइनोकैप अथवा ट्राइडेमार्क 0.1 प्रतिशत की एक मिली0 दवा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।

श्री सिंह ने बताया कि आम की नई फसल को एन्थ्रेकनोज रोग से बचाव के लिए कापर आक्सीक्लोराइड 0.3 प्रतिशत की एक मिली0 दवा प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि सिंचित क्षेत्रों में नया बाग लगाने हेतु कृषक पौधों की रोपाई करें तथा पौधशाला में पौधों की निराई-गुड़ाई भी करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आभार व्यक्त किया

Posted on 02 February 2013 by admin

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गन्ने का मूल्य 40रूपया प्रति कुन्तल बढ़ाये जाने एवं लखनऊ स्थित भारत सरकार के उपक्रम स्कूटर्स इंडिया के पुनरूद्धार के लिए 200 करोड़ रूपये आर्थिक पैकेज दिये जाने पर यूपीए चेयरपरसन श्रीमती सोनिया गांधी जी, प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह जी एवं कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी का आभार व्यक्त किया है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि केन्द्र सरकार ने गन्ने का मूल्य बढ़ाकर एक ओर जहां कंाग्रेस पार्टी की सच्ची किसान हितैषी होने की एक बार पुनः पुष्टि हुई है वहीं दूसरी ओर स्कूटर्स इण्डिया को 200 करोड़ का पैकेज देने से यह बात भी स्पष्ट हो गयी है कि कंाग्रेस पार्टी उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के साथ ही नौजवानों को रोजगार देने के लिए भी कटिबद्ध है।
श्री सिंह ने कहा कि गन्ने का मूल्य बढ़ाने के लिए उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री जी ने बार-बार प्रदेश की सपा सरकार से अनुरोध किया था किन्तु राज्य सरकार अपने किसान विरोधी रवैये पर अड़ी रही। अब केन्द्र सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य 40 रूपये प्रति कुंतल बढ़ाये जाने से किसानों को काफी राहत मिलेगी। स्कूटर्स इण्डिया को आर्थिक पैकेज देने से इस कम्पनी में कार्यरत हजारों कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को लाभ मिलेगा, साथ ही हजारों की संख्या में बेरोजगार नौजवानों को नौकरी भी मिल सकेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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केन्द्र सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य 40 रूपया प्रति कुन्टल बढ़ाने का हार्दिक स्वागत

Posted on 01 February 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान व प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने केन्द्र सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य 40 रूपया प्रति कुन्टल बढ़ाने का हार्दिक स्वागत किया है।
श्री चैहान  ने बताया कि गन्ने का मूल्य बढाने में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह व राष्ट्रीय महासचिव जयन्त चैधरी ने यू0पी0ए0 सरकार पर दबाव बनाकर किसानों के हित में भारत सरकार से गन्ने का लाभकारी मूल्य (एफ0आर0पी0) 170 से बढ़ाकर 210 रूपया प्रति कुन्टल कराने में अहम भूमिका अदा की।
प्रदेश प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने बताया कि इस निर्णय से यह साबित होता है कि राष्ट्रीय लोकदल ही किसान हितैषी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जी0एम0 बीज(जेनिरिकली माडीथाईड बीज) के उपयोग और प्रसार पर छूट देने का निर्णय लिया

Posted on 31 January 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने आज भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उ0प्र0 के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों की बैठक में उ0प्र0 में जी0एम0 बीज(जेनिरिकली माडीथाईड बीज) के उपयोग और प्रसार पर छूट देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इस प्रकार के निर्णय से कई प्रश्न अनुउत्तरित रह गए है। उ0प्र0 में आज कृषि और कृषि आधारित किसानों की जिन्दगी दूभर हो गई है। खाद, बीज, पानी और अपने उत्पादनों को सही और लाभकारी मूल्य किसानों के लिए सपना हो गया है। प्रत्येक फसल के बाद किसानों को सिर्फ कर्जा ही हाथ लगता है। कृषि उत्पादों के भण्डारन का घोर आभाव भी किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में बाधक है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार को जी0एम0 बीजों के प्रयोग से पहले किसानों को यह बताना चाहिए कि इन बीजों की कीमत और उपलब्धता क्या होगी? क्या ये बीज टर्मिनल बीज अर्थात एक ही बार उपयोग के लिए होंगे। इनके लिए खाद व पानी की क्या आवश्यकता होगी और क्या उसके उत्पाद को सही मूल्य और ठीक समय पर किसानों से क्रय किए जाने की सरकार गारंटी देगी? जी0एम0 बीजों के प्रयोग से पहले इन सभी शंकाओं का निराकरण और इसके उत्पादन का क्रय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। प्रदेश में भूजल स्तर, खाद की कमी और इसकी  व्यापक कालाबाजारी, किसानों के जिन्सों की उचित मूल्य पर खरीद, बिजली पानी के संकट के कारण प्रतिवर्ष कृषि जमीन गैर कृषि कार्यो में परिवर्तित होती जा रही है। परिणाम स्वरूप वह दिन दूर नही होगा कि अनाज की कमी से प्रदेश को दो चार होना पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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विकास और खुशहाली के लिए कार्य करने के निर्देश दिए

Posted on 30 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने गांव को इकाई मानकर इसके विकास और खुशहाली के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली एवं तरक्की से ही प्रदेश समृद्ध बनेगा। नवयुवकों को प्रेरित कर कृषि की तरफ उन्मुख करने पर बल देते हुए उन्होंने ऐसी योजनाएं बनाने एवं लागू करने के निर्देश दिए हैं, जो कृषि को लाभकारी बना सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को महसूस होना चाहिए कि राज्य सरकार उनकी बेहतरी के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां मण्डी परिषद मुख्यालय में कृषि से सम्बन्धित समस्याओं को सुलझाने एवं कृषि समस्याओं/कठिनाईयों को दूर करने हेतु गठित कृषि विशेषज्ञों की परामर्शदात्री समिति की बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने समिति की अधिक से अधिक बैठकें आयोजित करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि अनुभवी कृषि विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त कर मण्डी परिषद एवं सरकार के अन्य विभाग कृषि के विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों को किसानों के मददगार के रूप में काम करना चाहिए।
up-cm-meetingश्री यादव ने कहा कि पंजाब, हरियाणा सहित कई अन्य राज्य कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश को भी अन्य राज्यों की तरह अपनी मण्डियों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने तथा क्षेत्रवार व फसलवार अलग-अलग योजना बनानी होगी। उन्होंने बुन्देलखण्ड तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए विशेष योजना बनाने की अपेक्षा करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में वैल्यू एडीशन का प्रयास किया जाना चाहिए, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके। भण्डारण की क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस दिशा में विभाग को तेजी से काम करना होगा। उन्होंने गेहूं खरीद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों से इस प्रकार का संवाद नियमित रूप से बनाए रखने का सुझाव देते हुए कहा कि पिछले दिनों देश एवं विदेश की कई कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने उनसे मिलकर राज्य में कृषि के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने भरोसा जताया कि इसका लाभ राज्य के कृषि विकास को निश्चित रूप से मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों तथा गांवों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सभी जरूरी फैसले लेने में कतई नहीं हिचकेगी। उन्होंने भारी मात्रा में प्रयोग किए जा रहे रासायनिक उर्वरकों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इसका प्रतिकूल असर कृषि तथा स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक आॅर्गेनिक एवं अन्य प्रकार के उर्वरक प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए।
श्री यादव ने कहा कि कृषि क्षेत्र में कई राज्य अच्छी नीतियां बनाकर कृषि तथा किसानों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि यदि राज्य में भी अच्छी नीतियां बनाकर लागू की जाएं तो किसानों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कृषि के सभी पहलुओं पर समग्र रूप से विचार कर रणनीति तैयार करने और इसे लागू कराने के निर्देश दिए।
इस मौके पर कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने बताया कि इस प्रकार की बैठकें प्रत्येक 03 माह में आयोजित कर कृषि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जाएगा। ताकि राज्य के किसानों के हित में आवश्यकतानुसार समय-समय पर कार्यक्रम बनाकर इन्हें लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की समस्याओं को समझते हुए इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकार के कार्यकाल में किसानों की काफी उपेक्षा हुई। वर्तमान सरकार द्वारा विगत खरीफ और वर्तमान रबी के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज एवं पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बैठक के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कृषि नीति में सम्मिलित किया जाएगा।
इस मौके पर प्रमुख सचिव कृषि श्री देवाशीष पाण्डा, कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 पंजाब सिंह, प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार, श्री जे.एन.एल. श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में निदेशक कृषि विपणन एवं निर्यात श्री राजीव अग्रवाल, डाॅ0 सी.पी. यादव, डाॅ0 सीताराम सिंह सहित कई कृषि विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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ग्रीष्मकालीन मूॅगफली के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिये प्रोत्साहन

Posted on 30 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में किसानों को कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 के लिये ग्रीष्मकालीन मूॅगफली के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिये प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन जनपदों में फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, काशीराम नगर, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरेय्या, कानपुर नगर, लखनऊ एवं हरदोई शामिल हैं।
कृषि मंत्री श्री आनंद सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना के अंतर्गत किसानों को नवीनतम् फसल उत्पादन प्रौद्योगिकी का व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध कराने के लिये खण्ड प्रदर्शनों के प्रत्येक 10 हे0 के क्षेत्र के आयोजन पर प्रति हे0 10 हजार रूपये मात्र प्रति हे0 अनुदान की सुविधा किसानों को अनुमन्य करायी जायेगी। बीज पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम् 6 हजार रूपये, तृणनाशी/ पेस्टीसाइड पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत, अधिकतम् 2 हजार रूपये एवं जिप्सम/ रसायनिक खाद/सूक्ष्म तत्व पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 20 हजार रूपये उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त किसानों को तकनीकी हस्तान्तरण एवं जागरूकता के लिये कृषकों का प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक 25 कृषकों के समूह को दो दिवसीय प्रशिक्षण के लिये 25 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है। इस योजना में प्रशासनिक व्यय के लिये लेखन सामग्री एवं कार्यालय के लिये 120 हजार रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
श्री सिंह ने बताया कि मूॅगफली के उत्पादन में वृद्धि होने से, खाद्य तेलों के प्रति आत्मनिर्भरता बढ़ेगी तथा लाभार्थी कृषकों को आर्थिक लाभ भी होगा। फसली ऋण लेने वाले कृषकों को बीमा कराना अनिवार्य है। यद्यपि फसली ऋण न लेने वाले कृषक भी बीमा योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिये पात्र हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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ग्रामीण पेयजल योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न

Posted on 30 January 2013 by admin

जल निगम को अधूरी योजनायें 31 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश
सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता हेतु पेयजल स्रोतों की  जांच हेतु किट वितरण के निर्देश

प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, श्री राजीव कुमार द्वारा आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में ग्रामीण पेयजल योजनाओं की समीक्षा की गयी। उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबन्ध निदेशक तथा मुख्य अभियन्ता को अधूरी योजनाओं को विशेष प्रयास करके आगामी 31 मार्च तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। जल निगम द्वारा आगामी मार्च तक 699 सामान्य योजनायें पूरी करने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा 343 जल की खराब गुणवत्ता वाली योजनाओं को भी प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। साथ ही 4000 तक की आबादी वाले डा0 लोहिया समग्र ग्रामों में भी प्राथमिकता पर पेयजल योजनाएं क्रियान्वित करने पर बल दिया गया।
समीक्षा बैठक में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता हेतु ग्रामीण समुदाय द्वारा अपने पेयजल स्रोतों की जांच फील्ड टेस्ट किट से स्वयं किये जाने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत से प्रधान, ए0एन0एम0, आॅगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति, विज्ञान स्नातक अथवा स्थानीय स्कूल के विज्ञान अध्यापक आदि में से किन्हीं तीन व्यक्तियों को प्रशिक्षण हेतु चिन्हित करने का कार्य आगामी फरवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में समुदाय हेतु प्रशिक्षण का कार्य प्रत्येक दशा में आगामी 01 मार्च से प्रारम्भ कराने तथा प्रशिक्षणोपरान्त फील्ड टेस्ट किट वितरण किये जाने के भी निर्देश प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 जल निगम को दिये गये।
बैठक में प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 जल निगम, निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, समस्त क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम तथा शासन के अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आम का उत्पादन बढ़ाने के लिए पौधों को कीट व रोगों से बचायें

Posted on 30 January 2013 by admin

जैविक/बायोडायनमिक खादों का प्रयोग होगा लाभदायक  -ओम नारायण सिंह
प्रदेश में गुणवत्तायुक्त आम का व्यावसायिक उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी है कि किसान इनके पौधों को कीटों व रोगों से बचायें तथा ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करें। आम के स्वस्थ उत्पादन हेतु बागवानी में जैविक/बायोडायनमिक खादों का प्रयोग लाभदायक होगा इससे बीमारियों की रोकथाम तथा फलों के विकास व गुणवत्ता में वृद्धि लायी जा सकती है।
यह सलाह निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री ओम नारायण सिंह ने आम बागवानों को दी है। उन्होंने बताया कि आम के बागों को मिज, गुजिया, भुनगा व तना छेदक कीटों तथा खर्रा व गुम्मा रोगों से नियंत्रण के लिए किसान विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि आम के भुनगा कीट से बचाव हेतु मोनोक्रोटोफास की एक मिली दवा प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। तना छेदक कीड़े का प्रकोप होने पर उनके छेदों में पेट्रोल या क्लोरोफार्म या डाइक्लोरोवास में रूई भिगों कर उनमें भरें तथा छेदों को गीली मिट्टी से बन्द कर दें। उन्होंने बताया कि आम के छोटे पेड़ों को पाले से बचाने के लिए धुआॅं करें तथा समयानुसार इनकी सिंचाई करें, इसके साथ ही बाग की जुताई एवं सफाई करना अति आवश्यक है।
श्री सिंह ने बताया कि आम के पुराने अनुत्पादक बागों का जीर्णोद्धार करने से इसकी गुणवत्तायुक्त उत्पादकता में बढ़ोत्तरी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे पेड़ों की शाखाओं को भूमि से चार मीटर की ऊॅचाई पर छतरीनुमा आकार में काट दें तथा इसके कटे भाग पर फफूंॅदनाशक दवा (काॅपर आॅक्सीक्लोराइड) का घोल लगा दें। उन्होंने कहा कि आम के बाग में पहले 10 वर्षों तक अन्तः फसलें भी ली जा सकती हैं। जिसमें लोबिया, आलू, मिर्च, टमाटर, मूंग, चना व उर्द की फसलें प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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