Archive | कला-संस्कृति

डीटीएच बना सब की पसंद

Posted on 18 January 2013 by admin

अभी तक हमें घरेलू मनोरंजन का आनंद उठाने के लिये कोई विशेष दिमाग लगाने की जरुरत नहीं पड़ती थी। एक तरफ हमारे सामने डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा का विकल्प था, जिसमें डिजिटल पिक्चर और उत्कृष्ट साउंड क्वाॅलिटी प्राप्त होती थी, यह सुविधा हमें अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार चैनल्स को चयन करने की सहूलियत प्रदान करती थी। इसके तहत हम सिर्फ उतना ही भुगतान करते थे, जितना हम देखते थे। इसके अतिरिक्त हमें वीडियो-आॅन डिमांड, गेमिंग, अग्रणी टेम्पल दर्शन, व्यजंन बनाने की विधियां तथा ऐडूटेनमेंट जैसी अनूठी खोजपरक सेवायें भी उपलब्ध होती थीं। वहीं, दूसरी तरफ हम एनालाॅग केबल टेलीविजन का विकल्प भी स्वीकार कर सकते थे, जिसमें खराब पिक्चर और साउंड क्वाॅलिटी के साथ आपको न चाहते हुये भी ढ़ेर सारे चैनल्स का पुलिंदा परोसा जाता था, जिसे आप कभी नहीं देखते थे, लेकिन उसका भुगतान करते रहते थे।

अब डिजिटीकरण के नये फैसले के साथ आपको अगले तीन माह में डिजिटल सेट टाॅप बाॅक्स (एसटीबी) के किसी न किसी स्वरुप को अपने टेलीविजन सेट्स में कनेक्ट करना पड़ेगा, क्योंकि आपका मौजूदा एनालाॅग केबल नेटवर्क प्रतिबंंिधत हो जायेगा। अब आप के सामने दो प्रकार का विकल्प होगा-या तो आप डीटीएच आॅपरेटर के डिश एंटिना से लिंक्ड एसटीबी का इस्तेमाल करें या फिर मौजूदा केबल के तार जो आपके घरों में स्थानीय केवल आॅपरेटर द्वारा लगाये गये हैं, उसके जरिये एसटीबी को लिंक करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नया शो लाॅन्च किया है-‘मा की दाल‘

Posted on 15 January 2013 by admin

नव वर्ष के शुभ अवसर पर फूडफूड ने अपने दर्शकों के लिए एक नया शो लाॅन्च किया है-‘मा की दाल‘। इस शो की मेजबान हैं सबसे अधिक दिलचस्प शेफ हरपाल सिंह सोखी और इस शो केा प्रसारण प्रत्येक बृहस्पतिवार शाम 4.30 बजे फूडफूड पर किया जाएगा। फूडफूड इस देश का पौष्टिकता से भरपूर व्यंजनों को बनाने के तरीके बताने वाला चैनल है। इस शो में शेफ हरपाल दाल से बनाये जाने वाले व्यंजनों को पेश करेंगे।

maa-ki-dal_fb_page-copyमा की दाल एक भावनात्मक शो है और यह लगभग उसी तरह है, जैसे कि कोई मां अपने बच्चे के लिए खाना पकाती है। इस शो के मेजबान हरपाल सिंह सोखी मां की ही तरह प्यार से विभिन्न प्रकार के दाल पकायेंगे। ये दाल टाटा आइ शक्ति दाल से बनाये जाएंगे। प्रत्येक एपिसोड में वह प्रत्येक मां के लिए भी एक विशेष व्यंजन बनायेंगे।

इस नये शो पर टिप्पणी करतंे हुये इस चैनल के प्रमोटर श्री संजीव कपूर ने कहा, ‘‘प्रत्येक मां को अपने बच्चे के लिए खाना पकाना और उसे खिलाना अच्छा लगता है। एक संपूर्ण फूड एन्टरटेनमेंट उपलब्ध कराने के अपने वादे के अनुसार इस शो में भी लोगों के विचार दिखाये जाऐंगे तथा शेफ हरपाल विभिन्न फाम्र्स तथा बाजारों का भ्रमण भी करेंगे।

प्रसिद्ध शेफ हरपाल सिंह सोखी तरबन तड़का नामक एक शो की भी मेजबानी करते हैं, जिसका प्रसारण फूडफूड पर प्रत्येक सोमवार से बृहस्पतिवार तक शाम 4.30 बजे से लेकर 7.30 बजे तक किया जाता है। हाल ही में शुरू हुये तरबन तड़का के नये सत्र में शेफ हरपाल सिंह सोखी सरल और सहज व्यंजनों को पेश करते हैं, जिसे मौसम में उपलब्ध सामग्रियों से तैयार किया जाता है एवं प्रत्येक व्यंजन में विशेष रूप से क्षेत्रीयता का समावेश किया जाता है। इसके साथ-साथ शेफ असाधारण एवं पौष्टिक पदार्थों जैसे कि बार्ली, एलोवीरा, मीठे आलू (शकरकंद) इत्यादि के उपयोग पर भी बल देते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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‘‘पारम्परिक सांस्कृतिक आर्टस उत्सव‘‘ का आयोजन

Posted on 24 December 2012 by admin

उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित
ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित ‘‘पारम्परिक सांस्कृतिक आर्टस उत्सव‘‘ का आयोजन शनिवार को गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी परिसर के वाल्मीकी रंगशाला में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री नारायण दत्त तिवारी पूर्व माननीय मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड एवं विशिष्ट अतिथि डा0 दिनेश शर्मा महापौर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि  का स्वागत एवं माल्यापर्ण ग्राम्य विकास संस्थान के सचिव  भरत सिंह बिष्ट अध्यक्ष हरीश सिंह कार्की एवं कुमाऊॅ परिषद के संयोजक भवान सिंह रावत, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष आर0 पी0 तिवारी, मंगल सिंह रावत व श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट,पूरन सिंह जीना तथा पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष श्री टी. एस. मनराल एवं महासचिव गणेश जोशी, द्वारा किया गया।
ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति पर आधारित पारम्परिक सांस्कृतिक उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाॅ संस्था के कलाकारों द्वारा दी गई। उत्सव की शुरूआत गणेश बन्दना ‘श्री गणेशाय धीमहि‘ से हुई। इसका निर्देशन कु0 यवनिका पंत ने किया तथा नृत्य कलाकार कामना बिष्ट एवं आॅचल उपाध्य थी। उसके बाद सरस्वती वन्दना ‘माॅ सरस्वती शारदे…‘ निर्देशन कु0 यवनिका पंत द्वारा नृत्य कलाकार तेजस्वनी उपाध्याय, हर्षिता पाण्डेय,हर्षिता पाठक एवं अवनी केसरवानी ने बहुत ही सुन्दर ठंग से पेश किया। अगले क्रम में कुमाऊॅनी लोक गीत एवं लोक नृत्य गायक चन्दन मेहरा के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड का पारम्परिक लोक गीत लोक नृत्य ‘हाय तेरो मिजात मिजात टुकड छै..‘ उसके बाद उत्तराखण्ड का पसंदीदा झोडा नृत्य ‘मार झपेका सुरमोली कौतिक लैरो मार झमेका..‘ सामुहिक जौनसार नृत्य ‘म्यर बाजू रंगा रंग बिचारी रंगा लैदे मोला..‘ तथा थडिया चैफुला नृत्य ‘माना ग्वीराला फूल फूलीगे म्यरा मिना..‘ पेश किया गया।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध हास्य एवं गायक कलाकार श्री शिरोमणी पंत के निर्देशन में उत्तरा खण्ड का प्रसिद्ध परम्परागत गीत ‘पागर का छाला घुघती, की कर का छाला घुघती, आम की डाई मा घुघती, बाॅज की डाई में घुघती..‘ उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध झोडा नृत्य ‘धार में क मिठ काॅफला, काॅफला तू पाकल कब…‘। कुमाऊॅनी परम्परागत गीत ‘साकर जयें घास काटडा, मोना होये थाडी…‘। उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध लोक गीत प्रसिद्ध गायिका कमला द्वारा ‘बिमला भौजी,पधानी बिमला,तिल धार बौला..‘ सुनाया। कमला देवी द्वारा लोक गीत ‘चन्दना मेरा पहाड आये, डना धूरा देखले,ठंग पाणी पी जालें..‘ सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके बाद ‘गीत ओ लिला घसारी,माठो माठो हिटड तरों, खिल खिल हसण तेरों…‘ गायन कमला देवी, निर्देशन कु0 यवनिका पंत, चन्दन मेहरा एवं सिरोमणी पंत द्वारा।
गायन कलाकार सिरामणी पंत, चन्दन मेहरा, श्रीमती कमला, रावत,पूजा,विद्या सिंह,जगत सिह राणा,नरेन्द्र सिंह रावत, हेमा, नरेन्द्र रावत,,नीतू,मंगेशलता आदि। नृत्य कलाकार कामना बिष्ट, तेजस्वनी उपाध्याय, कमला, तनू, गीता, दीपा, सरिता, जीवन, आशीष, सुभाष,रोहित, तेजस्वनी उपाध्याय, हर्षिता पाण्डेय,हर्षिता पाठक एवं अवनी केसरवानी थे। वादन में प्रवीण कुमार, राजन श्रीवास्तव, जगदीश आर्या आदि।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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झिलमिल सितारों का आंगन होगा

Posted on 12 December 2012 by admin

untitled-1छोटे पर्दे की बेहद प्रतिभाशाली अभिनेत्री रक्षंदा खान सहारावन के धारावाहिक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’, में अपने अभिनय का जलवा बिखेरेंगी। रक्षंदा धारावाहिक में मुख्य पुýष किरदार पंकज तिवारी उर्फ आकाश की बड़ी बहन कुसुम की भूमिका निभाती नजर आयेंगी। यह किरदार ग्रे शेड, यानि थोड़ी नकारात्मक भूमिका वाला है।
उल्लेखनीय है कि धारावाहिक ने दोहरा शतक लगाते हुए 200 एपिसोड का सफर पूरा कर लिया है। रक्षंदा के शो में पहले शाॅट के साथ ही शो की कामयाबी का जश्न भी मनाया गया। धारावाहिक के सेट पर रक्षंदा अपनी खुशी छिपा नहीं पा रही थीं। उन्होंने बताया कि राजश्री के प्रमुख सूरज बड़जात्या के आॅफिस से जब मुझे फोन किया गया, तो किरदार की स्क्रीप्ट सुने बिना ही मैंने ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ में अभिनय करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। उन्होंने आगे जोड़ा ‘….आखिरकार ऐसा हर दिन नहीं होता, जब इस तरह का आकर्षक प्रस्ताव प्राप्त होता है।’ रक्षंदा खान के बेजोड़ अभिनय को दर्शक ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ में देख सकते हैं सोम से शुक्र, रात 9 बजे सिर्फ सहारा वन पर।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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डिस्कवरी चैनल के कार्यक्रम ‘क्यूरियाॅसिटी’ में जीवन से जुड़े सबसे हैरतअंगेज़ विषयों की अंतरंग झलक

Posted on 11 December 2012 by admin

-डिस्कवरी चैनल पर क्यूरियाॅसिटी के नए सीजन की शुरूआत 17 दिसम्बर से हो रही है-
can-you-brainwash-watch-curiosity-on-discovery-channelडिस्कवरी चैनल ने टेलिविजन पर दर्शकों का परिचय एक ऐसी श्रृंखला से कराया जिसने अपने अनेक अनूठे विषयों के जरिये उनके मन में उत्सुकता का भाव जगाया। अतिविशिष्ट श्रृंखला क्यूरियाॅसिटी जीवन से जुड़े कई सबसे चुनौतीपूर्ण सवालों के पीछे मौजूद सच को उद्घाटित करती है, ये श्रृंखला फिर से रोचक खोजबीन, अनोखे प्रयोगों और कुछ बेहद जाने-माने और लम्बे समय से कायम रहस्यों के प्रति विचारोत्तेजक अंतरंग जानकारियों के साथ लौट रही है। जब कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो क्या होता है? लोग बरमुडा ट्राएंगल में गायब क्यों हो जाते हैं? किसी जानलेवा वायरस से जूझने के 48 घंटों के दौरान इंसान की त्वचा की कोई कोशिका कैसी दिखती है? सूर्य से होकर सफ़र करना कैसा लगता है? क्या मंगल ग्रह पर जीवन मुमकिन है? क्या ज्वालामुखियों के बारे में सटीक जानकारी पहले से दे पाना संभव है? सतह के नीचे यलोस्टोन कैसा दिखता है? दर्शक ऐसे अनेक सवालों के जवाब पा सकेंगे क्यूरियाॅसिटी श्रृंखला के नए सीजन में, जिसे 17 दिसम्बर से सोमवार से शुक्रवार
रात 8 बजे से दिखाया जा रहा है।

क्यूरियाॅसिटी, दर्शकों को एक कमाल की खोज यात्रा पर ले जाने के लिए कुछ भी करती है। क्यूरियाॅसिटी के नए सीजन में, टेलिविजन के इतिहास में कई बातें पहली बार हो रही है, इनकी शुरूआत एक जबर्दस्त धमाके से हो रही है, इसमें जानबूझ कर एक बोइंग 737 विमान को रिमोट कन्ट्रोल क्रैश कराया जा रहा है, इस हादसे को बहुत सारे कैमरे दर्ज करेंगे, इस विमान में क्रैश टैस्ट डमीज होंगी और इसमें विज्ञान से जुड़े कई प्रयोग भी होंगे। वैमानिकी विशेषज्ञों के तौर पर प्रत्यक्षदर्शी कई कोणों से उस प्रयोग को मुमकिन बनाने की कोशिश करते हैं जिसे करीब 30 साल पहले नासा ने करने की कोशिश की थी, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली थी, इस प्रयोग के जरिये ये जानने की कोशिश की जा रही है कि इतने बड़े किसी हादसे के दौरान क्या होता है, ऐसे कौन से रास्ते हो सकते हैं जिनसे विमान की सुरक्षा को सुधारा जा सकता है और ऐसे हादसों में लोगों के जिन्दा बचने की संभावनाओं को बेहतर बनाया जा सकता है।

nefertiti-curiosity-discovery-channel-starting-17th-decइस बेहद प्रसिद्ध श्रृंखला के नए सीजन की घोषणा करते हुए राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर - दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिफि़क ने कहा, ‘डिस्कवरी चैनल क्यूरियाॅसिटी के एक सीजन के जरिये दर्शकों को खोज से जुड़ी एक दिलकश यात्रा पर ले चल रहा है। ये अनूठी और आकर्षक श्रृंखला हमारे दर्शकों की कल्पनाओं को आन्दोलित करेगी, ये साहस के साथ सवाल पूछेगी और निडर होकर जवाब हासिल करेगी।’

कई दुराग्रही प्रयोगों और दुनिया के जाने-माने विशेषज्ञों द्वारा की जा रही उन्नत शोध के जरिये क्यूरियाॅसिटी का यह नया सीजन पुरातत्व विज्ञान, वास्तुशिल्प, भूगोल, इतिहास, विज्ञान, समाज, टैक्नाॅलाॅजी, सौर प्रणालियों तथा ऐसे अन्य अनेक क्षेत्रों से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाना जारी रखता है। चाहे बरमुडा ट्राएंगल में जलपोतों, विमानों और लोगों का रहस्यमय ढंग से गायब होना हो, या फिर ऐसे मस्तिष्क को बदल देने वाले प्रयोग जो आम लोगों को हत्यारों में परिवर्तित कर देते हों, अथवा ये पता लगाना कि क्या मंगल ग्रह पर कभी जीवन का निर्माण करने वाले तत्व मौजूद थे, या फिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक के हैरतअंगेज निर्माण की गुत्थी सुलझाना, स्टोनहैंज को बनाने के लिए टनो वज़नी पत्थरों को किस तरह वेल्स की एक खदान से जमीन और समुद्र के जरिये 250 मील से भी ज्यादा दूर उसके अंतिम गंतव्य तक कैसे पहुंचाया गया? क्या हमारे दौर के इन चकरा देने वाले रहस्यों को कभी सुलझाया जा सकेगा?

plane-crash-episode-discovery-channel-series-curiosityक्यूरियाॅसिटी के नए सीजन में दिखाए जाने वाले कुछ विषय हैंः
ऽ    प्लेन क्रैश ;विमान दुर्घटनाद्ध: इस अनोखे प्रयोग में, वैज्ञानिक एक गंभीर (लेकिन जिंदा बचने योग्य) यात्री जैट क्रैश लैंडिंग की पुर्नरचना करते हैं ताकि विशेषज्ञ विमान की, हादसे को झेलने की योग्यता के अध्ययन के साथ-साथ, मानव शरीर पर ऐसे हादसों के प्रभावों का अध्ययन कर सकें।
ऽ    बरमुडा ट्राएंगलः वैज्ञानिक इस मशहूर ट्राएंगल में जाकर, यहां के मलबों की जांच करते हैं, और असली नावों और विमानों पर अलग-अलग थ्योरियों का विश्लेषण करते हैं ताकि इस दास्तान के पीछे मौजूद सच का खुलासा किया जा सके।
ऽ    ब्रेनवाॅश्ड ;ज़बर्दस्ती मत परिवर्तन करनाद्धः डाॅक्टर विज्ञान से जुड़े एक दुराग्रही और अभूतपूर्व प्रयोग को ये देखने के लिए करते हैं कि क्या साधारण लोगों के मस्तिष्क पर नियंत्रण करके उन्हें हत्यारों में बदला जा सकता है।
ऽ    यलोस्टोनः वैज्ञानिक ताजातरीन इमेजिंग टैक्नाॅलाॅजी का इस्तेमाल करके हमारे सबसे मशहूर नैशनल पार्क की सतह के नीचे का राज जानने और इसके पर्यावास और पर्यावरण प्रणाली को गहराई से जानने का प्रयास करते हैं।
ऽ    नेफरतितीः जाने-माने पुरातत्ववेत्ता डाॅक्टर ज़ाही हवास, नेफरतिती की गुमशुदा ममी को ढूंढने के लिए एक नई खोज पर निकलते हैं।
ऽ    मार्स लैंडिंग ;मंगल ग्रहद्ध: जीवन की ये नई खोज नासा के हैरतअंगेज रोवर, क्यूरियाॅसिटी की विस्तृत कवरेज और मंगल की सतह पर, हाल ही में हुई इसकी लैंडिंग को दिखाती है।
रुरुरु
डिस्कवरी चैनल के बारे में

डिस्कवरी चैनल, डिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स का प्रमुख नैटवर्क है, यह दुनिया में गैर-कथात्मक कार्यक्रमों की उच्चतम गुणवत्ता कायम रखने के लिए समर्पित है और टेलीविजन पर सबसे क्रियाशील नैटवर्कों में से एक बना हुआ है। डिस्कवरी चैनल का शुभारंभ 1985 में हुआ था और अब यह एशिया-पैसिफि़क में 18 करोड़ 60 लाख सबस्क्राइबरों तक पहुंचता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डिस्कवरी चैनल दुनिया के सबसे अधिक वितरित होने वाले टेलीविजन ब्रैंडों में से एक है, यह 209 देशों में 45 भाषाओं में कुल मिलाकर 40 करोड़ 90 लाख सबस्क्राइबरों तक पहुंचता है। यह दर्शकों को अनेक विषयों पर उच्च गुणवत्ता वाले गैर-कथात्मक कार्यक्रम दिखाता है, इनमें प्रकृति, विज्ञान और टैक्नोलाॅजी, प्राचीन और समकालीन इतिहास, एडवैंचर, सांस्कृतिक और विषय आधारित वृत्तचित्र शामिल हैं। और अधिक जानकारी के लिए देखें -www.discoverychannelasia.com

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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मिस्ट्री हंटर्स इंडिया

Posted on 08 December 2012 by admin

himanshu-apoorva-1डिस्कवरी किड्स बच्चों के लिए अपनी पहली नई और रोमांचक प्रस्तुति पेश करने जा रहा है, इस रोमांचक अनुभव का नाम है मिस्ट्री हंटर्स इंडिया। मिस्ट्री हंटर्स इंडिया पेचीदा मिथकों के रहस्य का अनावरण करते हुए अन्य राज्यों के अलावा महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान और दिल्ली के छिपे हुए और अस्पष्ट रहस्यों के जवाब भी तलाशेगा।
मिस्ट्री हंटर्स इंडिया कार्यक्रम में प्रतिभावान किशोर और किशोरी हिमांशु और अपूर्वा पूरे देश की यात्रा करेंगे और उन दास्तानों का लेखा-जोखा लेंगे जो सदियों से लोगों को हैरत में डालते आए हैं। ये दोनों उत्सुक किशोर मध्यप्रदेश की विचित्र पेंटिंगों से जुड़े सच का खुलासा करेंगे, केरल के उन पिग्मी हाथियों के अस्तित्व की जड़ तक जाएंगे जिन्हें 200 साल से भी पहले विलुप्त मान लिया गया था, वे ऐसे ही अनेक दिलकश रहस्यों के साक्षी बनेंगे।
इस मिस्ट्री हंटर्स टीम की मदद करेंगे मंत्रा या डाउटिंग देव, वे मिस्ट्री हंटर्स लैब के एक ऐसे किरदार में हैं, जो वैज्ञानिक हैं और हमेशा संशय में रहते हैं। वे मजेदार प्रयोगों को अपने ही मजेदार तरीके से अंजाम देते हैं और रहस्यों को सुलझाने में मदद करते हैं। तीन लोगों का ये समूह दर्शकों को भारत के अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर उनके दर्शन करेगा और पुरातत्व से जुड़े चमत्कारों, श्रापग्रस्त शहरों, घने वनों तथा और भी अनेक ऐसी ही चीजों से जुड़ी वास्तविकताओं का खुलासा करेगा।
राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर - दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिफिक ने कहा, ‘बाल कार्यक्रम श्रेणी में डिस्कवरी किड्स एक बिल्कुल नई तरह की प्रस्तुति है जिसकी प्रशंसा इसके मजेदार, ज्ञानवान बनाने वाले और परिवर्तन लाने वाले इसके कार्यक्रमों के लिए की गई है। हमें भारत पर आधारित इसकी पहली श्रृंखला मिस्ट्री हंटर्स इंडिया, प्रस्तुत करते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है। इस श्रृंखला को प्रतिभावान किशोरों - अपूर्वा और हिमांशु ने पेश किया है, और यह ऐसी दिलचस्प कहानियों को प्रस्तुत करती है जो आम मिथकों और ऐसी घटनाओं की रोमांचक व्याख्याएं सामने लाती है जिनके बारे में पहले से जानकारी नहीं है।
अपूर्वा और हिमांशु वीडियो कैमरा और अपनी सहजवृत्ति के बल पर तथ्यों को इकट्ठा करते हैं, विशेषज्ञों से मिलते हैं और व्याख्याएं प्रस्तुत करते हैं।
himanshu-apoorva-2इस श्रृंखला को प्रमोट करने के लिए डिस्कवरी किड्स ने दर्शकों के लिए मिस्ट्री हंटर्स इंडिया में फिल्म पर कैद किए गए रहस्यों पर आधारित एक रोमांचक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया है। बच्चे 56161 पर DISCOVERYKIDS<space>A/B/C टाइप करके
एस एम एस के जरिये अपने जवाब भेज सकते हैं, या वे www.dkids.co.in/contest पर लाॅग आॅन करके डिस्कवरी किड्स से रोमांचक पुरस्कार भी जीत सकते हैं।
मिस्ट्री हंटर्स इंडिया, अपार्टमैंट 11 फाॅर्मेट पर आधारित है और इसका निर्माण बी बी सी वल्र्डवाइड प्राॅडक्शन्स ने किया है।
मिस्ट्री हंटर्स इंडिया में जिन मिथकों की जांच पड़ताल की गई है, उनमें से कुछ हैंः
मिस्ट्री हंटर्स अहमदाबाद पहुंच कर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त स्तंभ जाते हैं ताकि पता लगा सकें कि झूलता मीनार हिलती क्यों है।
मिस्ट्री हंटर्स एक सपेरे से सांप पकड़ने और सांपों को अपने वश में करने की तरकीबें सीखते हैं।
अंजीर के अंदर छोटे-छोटे कीट होते हैं। तो क्या इसका ये मतलब हुआ कि जब हम अंजीर खाते हैं तो कीटों को भी खाते हैं?
चतुर्भुजनाथ नाला में अजीब सी पेंटिंगें और शिला आश्रय स्थल है, स्थानीय लोगों का मानना है कि इन्हें जंगल में रहने वाले महाकाय जीवों और राक्षसों ने बनाया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने लखनऊ महोत्सव-2012 का शुभारम्भ किया

Posted on 28 November 2012 by admin

lucknow-mahotsava-2लखनऊ अपनी गंगा-जमुनी तहजीब और  संस्कृति के लिए विश्व विख्यात: मुख्यमंत्री
लखनऊ अमन-चैन और भाईचारे का  सन्देश हम सभी को देता है: अखिलेश यादव

lucknow-mahotsavaउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां लखनऊ महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि लखनऊ की पहचान यहां की गंगा-जमुनी तहजीब है। उन्होंने कहा कि यह शहर आपसी भाईचारे और अमन-चैन के लिए मशहूर है। इसी तहजीब और यहां की विरासत से लोगों को परिचित कराए जाने के उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन कराया जाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लखनऊ महोत्सव इस वर्ष की अपनी थीम ‘गंगा-जमुनी तहजीब, एकता की विरासत’ पर खरा उतरेगा और लोगों को इसके जरिये भाईचारे का सन्देश मिलेगा।
श्री यादव ने कहा कि लखनऊ की तहजीब, कला, संस्कृति तथा यहां की भाषा विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि अवध की गंगा-जमुनी तहजीब का केन्द्र लखनऊ हम सभी को शान्ति व अमन-चैन से एक साथ रहने का सन्देश देता है। हम सभी को यहां की संस्कृति और भाईचारे को बरकरार रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महोत्सव में बड़ी संख्या में उद्यमी एवं हस्तशिल्पी भाग ले रहे हैं तथा अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 11 दिन चलने वाले लखनऊ महोत्सव के माध्यम से लोगों का स्वस्थ मनोरंजन होने के साथ ही शिल्पकारों के उत्पादों को देखने एवं खरीदने का अवसर मिलेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह एक यादगार महोत्सव होगा। लखनऊ महोत्सव लोगों को अवध की नायाब तहजीब से परिचित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए सरकार हर सम्भव सहयोग देगी।
इससे पूर्व, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने फीता काटकर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर लखनऊ महोत्सव का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह् भी भेंट किया गया। इस अवसर पर स्थानीय सिटी माॅण्टेसरी स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री के समक्ष लेजर शो का भी प्रदर्शन किया गया। महोत्सव को पर्यटन राज्य मंत्री श्री मूलचन्द चैहान तथा मण्डलायुक्त लखनऊ श्री संजीव मित्तल ने भी सम्बोधित किया।
महोत्सव में किसान मेले का भी आयोजन किया गया है। साथ ही, देश के विभिन्न प्रान्तों से हस्तशिल्पियों को भी आमंत्रित किया गया है। शिल्प मेले में शिल्पियों के लिए 450 स्टाॅल लगाए गए हैं तथा काॅर्पोरेट संस्थाओं के लिए 60 पवेलियन की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा 45 स्टाॅल खान-पान सामग्री के तथा बच्चों के मनोरंजन हेतु कई तरह के झूले भी स्थापित किए गए हैं। लखनऊ महोत्सव के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के इरादे से कई अन्य प्रकार के आयोजन भी किए जा रहे हैं।
महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र, मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी, जिलाधिकारी लखनऊ श्री अनुराग यादव तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लव कुश एवं शिकारी शभंू 2 नवंबर को बच्चों से मिलेंगे थिएटर्स में

Posted on 30 October 2012 by admin

sons-of-ram-pic-2अमर चित्र कथा की प्रथम 3डी एनिमेशन फिल्म ’’संस आॅफ राम-हीरोज विल राइज’’ 2 नवंबर से देश भर के सिनेमाघरों में हो रही है रिलीज

sons-of-ram-pic-3भारत में पहली बार, एक दाम पर दो फिल्मों का मजा देने के लिए अमर चित्र कथा ने पूरी तैयार कर ली है। करीब 45 वर्षांे से भारत की कई पीढियों को अपनी रोमांचक चित्रकथाओं से रोमांचित करते हुए और उन्हें अपनी जडों से जोडते हुए महान अमर चित्र कथा ने कार्टून नेटवर्क के साथ सहभागिता में अपनी पहली फीचर फिल्म ’’संस आॅफ राम-हीरोज विल राइज’’ को एक अन्य विशेष लघु फिल्म शिकारी शंभू के साथ 2 नवंबर को रिलीज करने का ऐलान किया है। ये दोनों फिल्में देश भर के 400 से अधिक सिनेमाघरों में 3डी और 2डी वर्जन में रिलीज होंगी और सभी एसीके और टिंकल प्रशंसकों के लिए एक दोहरी खुशी का अवसर होगा। इतिहास में पहली बार शिकारी शंभू एक लघु फिल्म शिकारी शंभू एंड द मैन ईटर के साथ बडे पर्दे पर शुरूआत कर रहा है। शिकारी शंभू फिल्म को मुख्य फिल्म संस आॅफ राम से ठीक पहले दिखाया जाएगा। ठस अवसर पर श्री विजय संपत, सीईओ, अमर चित्र कथा और एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर, संस आॅफ राम ने कहा कि संस आॅफ राम और शिकारी शंभू की दोहरी ट्रीट का अनुभव इससे पहले भारतीय बच्चों और उनके परिवारों को कभी नहीं मिला होगा। यह दिवाली के उत्सवों की भी शानदार शुरूआत करने का अवसर है! हमें गर्व है कि एसीके इन शानदार चरित्रों को सिल्वर स्क्रीन पर हीरोज के तौर पर प्रस्तुत कर रहा है। sons-of-ram-pic-1स्ंस आॅफ राम का लेखन और निर्देशन कुशल रूइया ने किया है जो कि एसीके एनिमेशन स्टूडियोज की अवाॅर्ड प्राप्त टीम से आते हैं और प्रसिद्ध गायिका सुनिधि चैहान सीता की आवाज के साथ शुरूआत कर रही हैं। यह बहुप्रतिक्षित फिल्म पूरे परिवार को अपनी शानदार कहानी और बेहतरीन संगीत के साथ भरपूर मनोरंजन देगी। इसके साथ ही इंटरनेशनल स्तर के एनिमेशन भी रोमांचित करते हैं। ये फिल्में तीन भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू में एक साथ भारत और विदेशों में 400 स्क्रींस पर रिलीज हो रही हैं। 2 नवंबर से दिवाली स्कूल हाॅलिडे का पहला दिन है और इस अवसर पर कुछ स्क्रीन्स पर फिल्म को नवीनतम स्टीरियोस्कोपिक 3डी में प्रस्तुत किया जा रहा है। एसीके की बेस्टसेलिंग काॅमिक बुक, संस आॅफ राम में लव और कुश की जीवन यात्रा को प्रस्तुत किया गया है जोकि जंगलों से शुरू होकर उनके मूल शहर अयोद्धया तक लेकर आती है। एक पूरी तरह से नए चरित्रों के साथ यह फिल्म एक महान गाथा को रोमांच के साथ इस तरह से प्रस्तुत करती है कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं किया गया। यह कहानी दो भाईयों की बहादुरी, हौसले, त्याग और रोमांच को दिखाती है जो कि सीधे तौर पर महान गाथा रामायण से जुडी है। बच्चे और बालिग इस नाॅन स्टाॅप मनोरंजन का आनन्द लेंगे और एक मजबूत कहानी, जिसमें कई सारे बदलाव और मोड आते हैं, सभी को रोमाचिंत करेगी। अमर चित्र कथा की कला के क्षेत्र में महान विरासत को इस फिल्में में प्रदर्शित किया गया है। यह फिल्म विश्वस्तरीय एनिमेशन के साथ मलेशिया स्थित इनसीडिया स्टूडियो की सहभागिता में तैयार की गई है। फिल्म को स्टीरियोस्कोपिक 3डी में माया डिजिटल स्टूडियो द्वारा कनवर्ट किया गया है और विश्व भर में डारफिल्म डिस्ट्रीब्यूशन द्वारा वितरित किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि समाज को बांटने का माध्यम

Posted on 14 October 2012 by admin

शूद्र जैसी फि़ल्में मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि समाज को बांटने का माध्यम सिद्ध होंगी क्योंकि अब इस आधुनिक सभ्य समाज में वह सबकुछ संभव नहीं जैसा कि उक्त फि़ल्म में दिखाया जा रहा है। दलितों के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित है। ठाकुरों को मारकर शूद्र पेशाब करते हैं। ब्राह्मण शूद्र के बेटे की जुबान कटवा देते हैं क्योंकि वो ¬ नमः शिवाय महामंत्र बोलता है। सेंसर बोर्ड को भी हम कहना चाहते हैं कि उक्त विघटनकारी फि़ल्म का प्रसारण तत्काल रोक लगायें। उक्त बात बजरंग दल के प्रान्त संयोजक राकेश वर्मा ने प्रेसवार्ता में कही। क्योंकि इस पिक्चर का उद्देश्य हिन्दू समाज में जातीय संघर्ष को बढ़ावा देना और सामाजिक विघटन पैदा करके जातीय हिसा को भड़काना है।
वर्तमान  भारत में अपवाद स्वरूप भी उक्त पिक्चर में दिखाई गई घटनाएं नहीं हो रही हैं क्योंकि इस तीव्रता वाले समाज में उक्त घटनाएं संभव हो नहीं दिखती। 1947 में प्राप्त हुई स्वतंत्रता के पश्चात् भी किसी दलित का मंदिर में प्रवेश नहीं हो रहा है। पूजा करने से रोका जा रहा है।
प्रान्त संयोजक वर्मा ने कहा कि जैसा फि़ल्म के ट्रेलर को देखने से पता चलता है जिस प्रकार के अत्याचार, अनाचार, जातीय विद्वेष का चित्रण इसमें है। अब कहीं देखने में नहीं आता। हो सकता है पूर्व के समय में ऐसा कुछ हुआ हो परन्तु अब इस हाइटेक युग में उक्त फि़ल्माई गई बातें संभव नहीं हैं।
अब तो मदिरों में दलित, पिछड़े वर्ग के पुजारी भी होने लगे हैं। सभी को पूजा का समान
अधिकार प्राप्त है। साथ में ही उठ-बैठकर भोजन-पानी होता है। घरों में एक-दूसरे के आना-जाना भी होता है। ऐसे में यह फि़ल्म पूर्ण रूप से हिन्दू समाज को बांटने का षडयंत्र है।
बजरंग दल इसे सहन नहीं करेगा और प्रदेश सरकार से यह मांग भी करता है कि इस फि़ल्म के उत्तर प्रदेश मं रिलीजिंग पर रोक लगाये अन्यथा इसे रोकने हेतु सिनेमा हाॅलों पर धरना-प्रदर्शन के साथ ही पूरे प्रदेश में प्रचंड आंदोलन किया जायेगा और मा. न्यायालय में भी उक्त प्रकरण को पहुंचाया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अभिनेत्री प्रीती जिन्टा गीतांजली ज्वैलर्स पहुंची

Posted on 12 October 2012 by admin

preeti-zintaनवाबों के शहर लखनऊ की गति कुछ थम सी गयी जब बाॅलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री प्रीती जिन्टा गीतांजली ज्वैलर्स लखनऊ पहुंची। इस खूबसूरत अभिनेत्री ने ’अनन्या’ नाम के कलेक्शन को जोकि आने वाले त्योहारों के लिए खास बनाया गया है उसको सबके सामने पेश किया। प्रीती जिन्टा अपनी जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ’इश्क इन पेरिस‘ का प्रमोशन भी कर रहीं हैं। अभिनेत्री प्रीती जिन्टा ने बताया कि जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘इश्क इन पेरिस‘‘हिन्दी सिनेमा की पहली फिल्म है जिसकी पूरी शूटिग पेरिस में हुई है। इस मौके पर गीतांजली ज्वैलर्स उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचालन प्रबन्धक श्री सौरभ श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
गीतांजली ज्वैलर्स का ‘अनन्या‘ कलेक्शन में 18 कैरेट हीरे और मंहगे रत्नों को लेकर हाथ से बनाये गये आभूषण हैं, आभूषणों में पत्थरों की खास तरह से की गयी सेटिंग इन्हे डिजाइनर ज्वैलरी का रूप देती है। इस कलेक्शन के प्रोडक्ट अलग डिजाइन कान्सेप्ट है जोकि उसे आम आभूषणों से अलग बनाती है। इस कलेक्शन में त्योहार के मौके को और खूबसूरत बनाने के लिए विभिन्न तरह की श्रेणियांे और शैलियों उपलब्ध है।
इस मौके पर सौरभ श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचालन प्रबन्धक ने कहा,’’ हमारा नया अन्नया कलेक्शन बहुत खास है और सुन्दरता, पवित्रता और ताकत को दर्शाता है जोकि आज की नारी के गुण है। हमें बहुत खुशी है कि प्रीती जिन्टा जी ने इस नये कलेक्शन को आप सबके सामने पेश किया क्योंकि वे इस कलेक्शन के लिए बिलकुल उपयुक्त है हम उनकी जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘इश्क इन पेरिस‘‘ के लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएं देते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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