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Sahara India Power Corporation collaborates with Korea East-West Power Company to set up 6000 MW of Mega and Ultra Mega Power Plants in India

Posted on 18 August 2011 by admin

sahara-power-ewp-pic-1Sahara India Power Corporation Ltd. in association with Korea East-West Power Co., Ltd., a Government of Korea undertaking, will be setting up 6000 MW of power plants through mega projects in India. Mr. Ashok Bhargava, C.E.O., Sahara India Power Corporation Ltd. and Mr. Lee, Gil Gu, President & C.E.O., Korea East-West Power Co., Ltd. have signed a Memorandum of Agreement (MOA). The companies have entered into an agreement to jointly participate in tariff based bidding for Ultra mega Power Projects (UMPPs) and other opportunities in India to add upto a total capacity of 6000 MW. This is a further extension of an earlier tie-up between Sahara India Power Corporation Ltd. and Korea East-West Co. Ltd for setting up of 2X 660 MW (1320MW) Power Plant in Titlagarh based on Supercritical Technology, with investment of approx. Rs. 8000 Crores. In this context, a delegation led by Mr. Lee, Gil Gu, President & C.E.O., Korea East-West Power Co. Ltd. has come to India.
Sahara India Power Corporation and Korea East West Company are bringing to India new and innovative thermal power generation technologies. This can be achieved by optimizing the resources in terms of fuel consumption, heat recovery and waste water resources, recycling.  They will explore possibility of integrating power generation modes i.e., Thermal, Hydro, Solar at one location etc.  Environmentally the emission levels are expected to be lower than present Indian conditions. Their advisors and experts are working together to evolve innovative models by following these principles to suit Indian condition for environmentally friendly technology for thermal power generation.
Speaking on the occasion, Mr. Ashok Bhargava, C.E.O., Sahara India Power Corporation Ltd. said, “We are delighted to partner with Korea East - West Power Co., Ltd. in setting up 6,000 MW power projects in India. The association will bring in World class high end technological advancements in power generation and the establishment of 6000 MW of Power Plants through Mega and Ultra Mega Projects will help in reducing the power deficit of our nation. We hope that with this we will be able to contribute in the development of the nation.”
Mr. Lee, Gil Gu, President & C.E.O., Korea East-West Power Co. Ltd. said, “We are happy to associate with Sahara India Power Corporation Ltd. and bring in our international expertise in power generation. India is an important country for us as it is one of the emerging powers of the world and with Sahara India Power as our partner we are confident that our projects will serve the energy requirement in the all round integrated further development of India.”
Besides, as part of their visit, Mr. Lee, Gil Gu along with Mr. Ashok Bhargava had also met         Union Ministers of India Government including Hon’ble Minister of Power, Shri Sushil Kumar Shinde ji; Hon’ble Minister of Coal, Shri Sriprakash Jaiswal ji, Shri I. S. Jha Ji, Director (Projects), Power Grid Corporation of India, and Shri T.N. Thakur, Chairman & Managing Director, PTC India Ltd.

About Sahara India Power Corporation Ltd
Sahara India Power Corporation Ltd. is Sahara India Pariwar’s initial venture into power sector. The company has a vision to be an energy efficient major in generation, transmission & distribution of power and development of green energy infrastructure globally.

About Korea East-West Power Co. Ltd
Korea East-West Power Co., Ltd. is a power generation company. It is one of the five power producers spun off from Korea Electric Power Corporation (KEPCO). The company generates electrical power from 6 power plants with total installed capacity of 9,509 MW.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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क्योसेरा मीता इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने किया किल्बर्न आॅफिस आॅटोमेषन लिमिटेड की फोटो काॅपियर डिवीजन का अधिग्रहण

Posted on 18 August 2011 by admin

भारत के आॅफिस आॅटोमेषन मार्केट में क्योसेरा मीता इंडिया को राश्ट्रीय स्तर का सषक्त सहभागी बनाने के लिए अधिग्रहण

12 अरब डाॅलर के कारोबार वाले जापान के क्योसेरा समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुशंगी क्योसेरा मीता इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (केएमआईपीएल) ने आज किल्बर्न आॅफिस आॅटोमेषन लिमिटेड की फोटो काॅपियर डिवीजन के अधिग्रहण की घोशणा की। किल्बर्न आॅफिस आॅटोमेषन लिमिटेड भारत में क्योसेरा ब्रांड के नाम से फोटो काॅपियर की मार्केटिंग और सर्विसिंग, बहु-उद्देष्यीय उत्पादों और प्रिंटर्स के क्षेत्र की प्रसिद्ध कम्पनियों में से है। इस अधिग्रहण से क्योसेरा मीता इंडिया,  प्रत्यक्ष सेल्स टीम तथा चैनल पार्टनर्स के माध्यम से काॅर्पोरेट और सरकारी दोनों ही तरह के ग्राहकों को अत्याधुनिक उत्पाद और डाॅक्यूमेंट साॅल्यूषंस बहुत जल्द मुहैया कराने में सक्षम हो जाएगी।

सरकारी और काॅर्पोरेट जगत के प्रमुख ग्राहकों के साथ बरसों से किल्बर्न द्वारा निभाए जा रहे सम्बंधों से क्योसेरा मीता को फायदा मिलेगा।

क्योसेरा मीता इंडिया को किल्बर्न से देष भर में मौजूद उसके कार्यालय उपकरण बिक्री कारोबार, सर्विस सेंटर्स और उसके ग्राहक हासिल हुए हैं। इनके माध्यम से, क्योसेरा की बिक्री और सर्विस की सुविधा तकरीबन पूरे भारत में उपलब्ध कराई जा सकती है।

इस अवसर पर क्योसेरा मीता एषिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एम. हिगुची ने कहा, ‘‘क्योसेरा की चीन, भारत, कोरिया और आसियान के सदस्य देषों में मार्च 2012 (वित्त वर्श 2011) में बिक्री से मिलने वाली राषि को मार्च 2014 (वित्त वर्श 2013)तक तिगुना करने की योजना है और इसमें कामयाबी पाने के लिए भारत की भूमिका अनिवार्य है। भारत में प्रिंटर्स और बहुउद्देष्यीय प्रिंटर्स उद्योग के क्षेत्र में षीर्श समूह बनने के क्योसेरा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किल्बर्न का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अधिग्रहण हमारे अंतिम लक्ष्य को तेजी से हासिल करने के लिए क्योसेरा मीता काॅर्पोरेषन की भारतीय बाजार में निवेष और विकास की प्रतिबद्धता को भी स्पश्ट रूप से दर्षाता है।‘‘

क्योसेरा मीता इंडिया की सम्पूर्ण रणनीति पर टिप्पणी करते हुए क्योसेरा मीता इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेषक श्री के. स्वेथारायन ने कहा, ‘‘ इस अधिग्रहण के साथ  किल्बर्न के 108 कर्मचारियों

और उसके 9000 से ज्यादा चैनल पार्टर्स में से अधिसंख्य, प्रत्यक्ष एमआईएफ तथा देष भर का विषाल ग्राहक आधार हमसे जुड़ जाएगा। इससे हमें 15 प्रमुख षहरों में प्रत्यक्ष उपस्थिति मिलेगी। क्योसेरा मीता अपने ग्राहकों की संतुश्टि बढ़ाने के लिए दोनों तरह के चैनल विस्तार, डीलर  विकास और तकनीकी कौषल में सुधार पर भारी निवेष करेगी। हम अपने ग्राहकों को विस्तृत कार्यक्षेत्र और तकनीकी रूप से उत्कृश्ट उत्पादों की दृश्टि से अनूठी सेवाएं प्रदान करने के लिए   सामूहिक ताकत और बेहतर पद्धतियों का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। हमारे वर्तमान और भविश्य के उत्पादों की रेंज में आधुनिक डिजिटल मल्टीफंक्षनल उत्पाद, डिजिटल कलर प्रिंटर्स, लेज़र प्रिंटर्स, वाइड फार्मेट डिजिटल डिवाइसिज, मैनेजड डाक्यूमेंट सर्विसिज षामिल हैं।‘‘

क्योसेरा के बारे में
क्योसेरा की स्थापना जापान में 1948 में की गई थी। कम्पनी ने स्टील और प्लास्टिक के विकल्प के रूप में उत्कृश्ट सेरेमिक का इस्तेमाल करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। इसने सेमीकंडक्टर्स, टेलीकम्युनिकेषंस, आॅप्टिक्स, इलेक्ट्रिाॅनिक्स, मैटल प्रोसेसिंग, आॅटोमोटिव कम्पोनंेट्स, औशधि और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बाजार में अग्रणी स्थान बनाया है। 40 विर्निर्माण संयंत्रों, 213 कम्पनी समूहों के साथ दुनिया भर के 30 देषों में क्योसेरा के 65,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं।

जनवरी 2000 में, क्योसेरा ने मीता काॅर्पोरेषन का अधिग्रहण कर लिया और इस तरह नई कम्पनी का नाम  क्योसेरा मीता काॅर्पोरेषन रखा गया। यह कम्पनी कलर एंड मोनोक्रोम प्रिंटर्स/काॅपियर/ मल्टीफंक्षनल प्राॅडक्स/ वाइड फाॅर्मेट मषींस/एमडीएस साॅल्यूषंस की पूरी रेंज की पेषकष करती है।

केएमआईपीएल गठन
क्योसेरा मीता इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गठन 4 मार्च 2008 को क्योसेरा मीता काॅर्पोरेषन, जापान, की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुशंगी के रूप में किया गया। इससे क्योसेरा मीता इंडिया भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकेगी और  भारतीय ग्राहकों को क्योसेरा मीता उत्पादों का इस्तेमाल करते हुए बेहतर साॅल्यूषंस और सेवाओं की पेषकष करने में सक्षम हो सकेगी। केएमआईपीएल का गठन दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बाजार में हमारे कारोबारी चैनल सहभागियों की सहायता के लिए किया गया है।

क्योसेरा मीता इंडिया की अपने राजस्व में पांच वर्शों में (2016 तक) पांच गुणा वृद्धि किए जाने की योजना है और यह अधिग्रहण हमारे अंतिम लक्ष्यों को हासिल करने की दिषा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदमों में से है।

क्योसेरा मीता इंडिया की वर्श 2016 तक भारत में आॅफिस आॅटोमेषन उद्योग की तीन षीर्श कम्पनियों में षुमार होने की योजना है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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establishing a Real Estate Regulatory Authority to keep the interest of the buyers who buy flat from builders

Posted on 18 August 2011 by admin

Rashtriya Lok Dal General Secretary and Member of Parliament Jayant Chaudhary today strongly pitched for freeing local development bodies from the clutches of the property dealers and mooted for a Real Estate Regulatory Authority (RERA) to be established to look after the interests of the buyers.

Ensuring that the local development bodies (like the Noida or Lucknow Development Authority or Ghaziabad Development Authority) look after the interest of those investing in their dream properties, Jayant Chaudhary backed a move to establish the RERA by raising the issue under Rule 377 of the Lok Sabha concerning a matter of public importance.

“With clear indications that Local Development Authorities are in the pockets of developers, it is essential that a Real Estate Regulatory Authority be established to look after the interests of buyers,” Jayant Chaudary, MP from Matthura, said in the Lok Sabha on Wednesday. “Such an authority needs to ensure transparency of projects and ensure that builders provide all facilities to buyers,” he said. It is pertinent to mention that the Shahberi Judgment by the Supreme Court brings to light the problems faces by property buyers all across the country but nothing has been done in this regard and the buyers who are duped are left to go the courts to seek legal recourse just in case they do not get the promised deal by the real estate developers. Alongwith the provision mentioned in the Model Real Estates Act, it is necessary that the Authority also look into property valuation, ensure that builders use funds acquired by buyer for a particular project use it only for that project and that they sell projects only after acquiring 80-85 percent of the land required.

“Urban Planners have also failed to ensure affordable housing, it is necessary for the government to take step and ensure that lands be provided for cost effective housing projects,” Shri Chaudhary said in the Parliament.

It has been noticed that property dealers often mislead the buyers and real estate developers dupe the buyers, who have very little legal recourse – often time consuming and an expensive proposition. By establishing the RERA, the problems of the buyers would be nipped in the bud.

Text of the Notice under 377 “Shahberi Judgment by the Supreme Court brings to light the problems faces by property buyers all across the country. With clear indications that Local Development Authorities are in the pockets of developers, it is essential that a Real Estate Regulatory Authority be established to look after the interests of buyers. Such an authority need to ensure transparency of projects and ensure that builders provide all facilities to buyers. Along with the provision mentioned in the Model Real Estates Act, it is necessary that the Authority also look into property valuation, ensure that builders use funds acquired by buyer for a particular project use it only for that project and that they sell projects only after acquiring 80-85% of the land required. Urban Planners have also failed to ensure affordable housing, it is necessary for the government to take step and ensure that lands be provided for cost effective housing projects.”

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Entry invited for the fourth KC Kulish International Award for Excellence in Print Journalism- 2010

Posted on 12 August 2011 by admin

kck-logoJaipur, The reputed media group of the country Rajasthan Patrika announces the fourth KC Kulish International Award for Excellence in Print Journalism for the year 2010. This annual award, in memory of Sh Karpoor Chandra Kulish, founder of the group, recognizes outstanding efforts by teams of journalists working in daily newspapers globally to promote rights and freedom for better quality of life. The news/ campaigns published between 1st January,2010 - 31st December,2010 shall be eligible to apply for the award. The winning team is awarded a cash prize of US$11,000 and a medal and certificate to each team member. Maximum of ten entries also receive special awards of merit. The third KC Kulish award -2009 was conferred to the African newspaper from Ghana on the theme of ‘Inclusive Development”. The team was awarded by Prime Minister Dr Manmohan Singh in a grand ceremony held at Delhi this year.
This award founded in the year 2007 is the biggest in the category and seeks to honour team of journalists from daily newspapers who have contributed the most compelling stories in print related to the theme. The award theme for this year is ‘Crusade against Corruption’. Reports/campaigns effectively launching crusade against corruption in any sector shall be accepted as entries from across the globe and evaluated on the parameters of thematic relevance, research element, team work, and impact by a panel of jury. Entries can be submitted by September 30, 2011.
Theme for the year 2011 award has also been announced for which the stories published between 1st January-31 December, 2011 shall be eligible. Theme for the year 2011 is ‘Changemakers’. Details of the award and entry rules can be accessed on www.patrika.com/kckaward and entries can be sent online at kckaward@epatrika.com
The first KCK award - 2007 was conferred by former President APJ Abdul Kalam to the joint winners of Dawn and HT on ‘Human Development’, the second award went to the story published in HT on ‘Terrorism and Society’ and Meira Kumar, Speaker, Loksabha graced the occasion.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी0एस0पी0 सांसदों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार द्वारा संसद में भूमि अधिग्रहण विधेयक पेश न करने पर लोकसभा में जोरदार हंगामा मचाया, लोकसभा दिन भर के लिये स्थगित करनी पड़ी

Posted on 03 August 2011 by admin

कांग्रेस के नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिये भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर किसानों और  खेतिहर मजदूरों के साथ वादा खिलाफी कर रहे हैं
यू0पी0ए0 सरकार अपने प्रस्तावित बिल में यदि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा  लागू नई भूमि अधिग्रहण नीति का समावेश करती तो किसानों और  खेतिहर मजदूरों को ज्यादा लाभ होगा

बी0एस0पी0 सांसदों ने आज लोकसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक संसद में न पेश किये जाने पर जोरदार हंगामा करते हुए संसद की कार्यवाही नही चलने दी। जिसके वजह से लोकसभा की कार्यवाही एक बार पूर्वान्ह  11.00 तथा दोपहर 12.00 बजे दो बार बाधित हुई और फिर दिनभर के लिये लोकसभा को स्थगित करना पड़ा। बी0एस0पी0 सांसदों का कहना था कि यू0पी0ए0 सरकार ने मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने का वादा किया था, लेकिन अब वह बिल लाने से कतरा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने चालू सत्र में बिल न लाकर देश के करोड़ों किसानों व खेतिहर मजदूरों को निराश किया है।
बी0एस0पी0 सांसदों ने कहा कि उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने किसानों की भूमि अधिग्रहण से जुड़े विभिन्न विवादों का स्थायी समाधान के लिये प्रदेशभर के किसानों को 02 जून, 2011 को लखनऊ में आमंत्रित कर किसान पंचायत किया और उनसे सीधे बातचीत करके उनके सुझावों के अनुरूप एक व्यापक, उदार तथा  किसान हितैषी भू-अधिग्रहण नीति की घोषणा करके उसे तुरन्त लागू किया। उत्तर प्रदेश की नई भूमि अधिग्रहण नीति पूरे देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर है, जिसकी प्रदेश के किसानों ने खुले मन से सराहना की है। सांसदों का यह भी कहना था कि यदि यू0पी0ए0 सरकार को सर्वमान्य नीति बनाने में कोई परेशानी हो रही हो तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी नीति को अपनी नयी नीति में समावेश करते हुए नये बिल का मसौदा तैयार करके कानून का रूप देना चाहिए।
मानसून सत्र के दूसरे दिन संसद की कार्यवाही शुरू होते ही बी0एस0पी0 सांसदों ने भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने की मांग की। सांसदों ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसौदे पर आम लोगों की राय जानने के लिये 31 अगस्त, 2011 तक का समय निर्धारित है। इसका सीधा अर्थ है कि यह विधेयक इस माह के अंत तक जब संसद का सत्र समाप्त होने लगेगा, तब सदन में पेश किया जायेगा। सांसदों ने कहा इससे साफ जाहिर है कि यह विधेयक मानसून सत्र में कानून का रूप नहीं ले सकेगा और भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के लिये किसानों और खेतिहर मजदूरों को अगले सत्र की प्रतीक्षा करनी होगी। कांग्रेस के नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिये भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर किसानों और खेतिहर मजदूरों के साथ वादा खिलाफी कर रहे हैं।
बी0एस0पी0 सांसदों ने हंगामें के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार बिल नहीं लाना चाहती और सिर्फ इस मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। सांसदों ने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार का शुरू से रवैया किसान विरोधी रहा है, जिसके कारण आजादी के 63 वर्ष बाद भी पूरे देश के किसानों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सांसदों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मसले पर किसानों के साथ वादा खिलाफी की है। कांग्रेस के नेता उत्तर प्रदेश में घूम-घूमकर किसानों को झूठा आश्वासन देकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहे और अब संसद में बिल पेश करने का समय आया है तो हीलाहवाली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन लाने के बजाय राजनीति कर रही है।
सांसदों का यह भी कहना था कि भूमि अधिग्रहण के लिये यू0पी0ए0 सरकार द्वारा नया कानून न बनाने से देश के विभिन्न हिस्सों में विवाद उत्पन्न हो रहे हैं, और  राज्य सरकारों के समक्ष आये दिन कानून-व्यवस्था सम्बन्धी समस्यायें उत्पन्न हो रही है। इसके लिये कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। सांसदों ने यह भी कहा कि भूमि सम्बन्धी विवादों के चलते औद्योगिकरण के साथ-साथ विकास सम्बन्धी विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित कराने में बाधा उत्पन्न हो रही है। एक ओर तो कांग्रेस के नेता भूमि अधिग्रहण अधिनियम में बदलाव लाने के लिये गम्भीर नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर राज्यों में किसानों को भड़काने का भी काम कर रहे हैं।
सांसदों का यह भी कहना था कि बी0एस0पी0 की माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने यू0पी0ए0 सरकार को पहले ही सजग कर दिया था कि यदि केन्द्र सरकार भूमि अधिग्रहण पर एक समान राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए वर्तमान सत्र में विधेयक पेश नहीं करती है तो बी0एस0पी0 संसद नहीं चलने देगी और यदि यू0पी0ए0 सरकार मानसून सत्र में नया विधेयक लाने की पहल करती है तो बी0एस0पी0 उसको पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा था कि यदि केन्द्र सरकार को नई राष्ट्रीय नीति बनाने में कोई कठिनाई आ रही है तो उसे उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार द्वारा लागू की गई नई भूमि अधिग्रहण नीति को समावेश करते हुए इसकी तर्ज पर अपनी नया बिल लाना चाहिए। प्रस्तावित नये बिल में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई भूमि अधिग्रहण नीति के प्राविधानों को पूरी तरह समावेश नहीं किया गया है, जिससे उत्तर प्रदेश के किसानों को काफी निराशा हुई है। इस प्रकार यू0पी0ए0 सरकार के प्रस्तावित विधेयक के प्राविधानों से स्पष्ट है कि इस अधिनियम से किसानों का भला होने वाला नहीं है।
सांसदों ने लोकसभा में यह भी मुद्दा उठाया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई नीति में भू-स्वामियों एवं अर्जन निकायों के मध्य आपसी समझौते के आधार पर सीधे भूमि क्रय करने की व्यवस्था की गई है। जबकि यू0पी0ए0 सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल में इस तरह की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं की गई है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश द्वारा जारी नीति में अधिग्रहीत भूमि के प्रतिकर का निर्धारण आपसी सहमति से किये जाने का प्राविधान किया गया है, जबकि केन्द्र द्वारा तैयार किये गये बिल के मसौदे में शहरी क्षेत्र में बाजार मूल्य के दोगुना तथा ग्रामीण क्षेत्र में बाजार मूल्य का छः गुना दिये जाने की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सांसदों ने उत्तर प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार की भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी नीतियों की तुलना करते हुए आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की नीति में यदि कोई भू-स्वामी वार्षिकी नहीं लेना चाहता है तो उसे 2.76 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से पुनर्वास अनुदान दिया जायेगा, जबकि केन्द्र की प्रस्तावित बिल में इस प्रकार का कोई प्राविधान नहीं है। इसी प्रकार प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार जिसकी प्रभावित क्षेत्र में कृषि भूमि हो, और ऐसे परिवार की यदि पूरी भूमि अर्जित की गई हो तो उसको आजीविका की क्षतिपूर्ति के लिए 05 वर्षों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराधि वित्तीय सहायता के रूप में देने की व्यवस्था की गई है। इस तरह केन्द्र सरकार की नई भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित बिल किसान हितैषी नहीं है और किसानों के साथ छल करने का पूरा प्रयास किया गया है।
सांसदों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा केन्द्र सरकार की योजनाओं से ज्यादा दिया जा रहा है। इसके अलावा बी0एस0पी0 सरकार की पुनर्वास व पुनसर््थापन नीति कांग्रेस शासित हरियाणा व अन्य प्रदेशों से कहीं बेहतर है। इस तरह बी0एस0पी0 सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर बनायी गई नीति देश की सबसे प्रगतिशील व किसान हितैषी नीति है।
इसके अलावा सांसदों ने यह भी मुद्दा उठाया कि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा जारी नीति में अंतरित की गयी भूमि के कुल क्षेत्रफल का 16 प्रतिशत विकसित करके दी जाने वाली भूमि में से प्रभावित भूस्वामी अपनी स्वेच्छानुसार पारस्परिक समझौते के अनुसार कुछ प्रतिशत विकसित भूमि प्राप्त कर सकेगा। इस प्रकर राज्य सरकार ने विकास में किसानों की पूरी भागीदारी सुनिश्चित की है, जबकि केन्द्र सरकार प्रस्तावित विधेयक में कोई स्पष्ट प्राविधान नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त मुआवजे के रूप में भू-स्वामियों को दी जाने वाली विकसित भूमि के रजिस्ट्रेशन पर देय स्टैम्प ड्यूटी तथा रजिस्ट्रेशन शुल्क से उन्हें छूट प्रदान करने की भी व्यवस्था की गयी है, जबकि यू0पी0ए0 के प्रस्तावित मसौदे में कोई स्पष्ट प्राविधान नहीं है।

बी0एस0पी0 के राज्य सभा सांसदों ने सदन में यह भी आवाज उठायी कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में गरीबी, बेरोजगारी एवं महंगाई लगातार बढ़ रही है। लम्बे समय तक केन्द एवं राज्यों की सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ने हमेशा धन्नासेठों तथा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के हिसाब से अपनी आर्थिक नीतियां तैयार की। कांग्रेस पार्टी आज भी इसी रास्ते पर चल रही है जिससे आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही कांग्रेस शासित राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एक पीढ़ी का नाम है मादव राव मुले

Posted on 03 August 2011 by admin

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नए भूमि अधिग्रहण बिल को संसद में न पेश किये जाने पर बी0एस0पी0 सांसदों ने राज्य सभा में जोरदार हंगामा करते हुए प्रश्नकाल स्थगित कराया

Posted on 02 August 2011 by admin

  • कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार ने मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल पेश न करके देश के करोड़ों किसानों व खेतिहर मजदूरों के साथ धोखा किया
  • बी0एस0पी0 की माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने यू0पी0ए0 सरकार को पहले ही बता दिया था कि राष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण नीति पर मानसून सत्र में केन्द्र सरकार यदि विधेयक पेश नहीं करती है तो बी0एस0पी0 संसद नहीं चलने देगी
  • उत्तर प्रदेश में भ्रमण के दौरान कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं ने नया बिल लाने का झूठा प्रचार कर किसानों को गुमराह करके अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास किया
  • यू0पी0ए0 सरकार ने प्रस्तावित भू-अधिग्रहण बिल में बी0एस0पी0 सरकार की नीति का समावेश किया होता, तो किसानों का भला होता

बी0एस0पी0 के सांसदों ने आज राज्य सभा में नई भूमि अधिग्रहण बिल को संसद में न पेश किये जाने पर जोरदार हंगामा करते हुए प्रश्नकाल स्थगित करा दिया। सांसदों ने राज्य सभा में कहा कि यू0पी0ए0 सरकार ने मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण बिल पेश न करके देश के करोड़ों किसानों व खेतिहर मजदूरों के साथ धोखा किया है। सांसदों ने कहा कि यदि यू0पी0ए0 सरकार के प्रस्तावित बिल में बी0एस0पी0 सरकार द्वारा लागू की गयी नीति का यदि समावेश किया गया होता, तो पूरे देशभर के किसानों का भला होता।
सांसदों का यह भी कहना था कि बी0एस0पी0 की माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने यू0पी0ए0 सरकार को पहले ही आगाह कर दिया था कि यदि केन्द्र सरकार भूमि अधिग्रहण पर एक समान राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए वर्तमान सत्र में विधेयक पेश नहीं करती है तो बी0एस0पी0 संसद नहीं चलने देगी और यदि यू0पी0ए0 सरकार मानसून सत्र में नया विधेयक लाने की पहल करती है तो बी0एस0पी0 पूरा सहयोग प्रदान करेगी। माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा था कि यदि केन्द्र सरकार को नई राष्ट्रीय नीति बनाने में कोई कठिनाई आ रही है तो उसे उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार द्वारा लागू की गई भूमि अधिग्रहण नीति की समावेश करते हुए इसकी तर्ज पर अपनी नया बिल लाना चाहिए।
बी0एस0पी0 के सांसदों ने बिल पेश करने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने आम जनता से संसद के इसी सत्र में नया भूमि अधिग्रहण विधेयक पेश करने का वायदा किया था, और कांग्रेस के नेता नया बिल लाने के नाम पर पूरे देश में घूम-घूम कर किसानों को आश्वासन भी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होने पर अपनी बात से पलटते हुए केन्द्र सरकार द्वारा नये बिल का मसौदा वेबसाइट पर डालकर 31 अगस्त, 2011 तक सुझाव आमंत्रित किये गये हैं, जबकि संसद का मौजूदा सत्र सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक ही चलने की सम्भावना है। सांसदों ने कहा कि इससे पूरी तरह से स्पष्ट है कि यू0पी0ए0 सरकार की मंशा नया बिल लाने की नहीं है, बल्कि इस मुद्दे को गर्म करके अपनी राजनीतिक रोटी संेकना चाहती हैं।
बी0एस0पी0 सांसदों ने राज्य सभा में यह भी कहा कि यू0पी0ए0 सरकार द्वारा जिस नये भूमि अधिग्रहण बिल लाने को लेकर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करके वाह-वाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है, अभी वह सिर्फ कागजी कार्यवाही मात्र ही है। यू0पी0ए0 सरकार सिर्फ किसानों की सहानुभूति अर्जित करने के लिए उन्हें सब्जबाग दिखा रही है। अगर उसकी मंशा साफ होती और किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील होती तो वह संसद के इसी सत्र में यह बिल पेश करती।
सांसदों ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नये बिल में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई भूमि अधिग्रहण नीति के प्राविधानों को पूरी तरह समावेश नहीं किया गया है, जिससे उत्तर प्रदेश के किसानों को काफी निराशा हुई है। इस प्रकार यू0पी0ए0 सरकार के प्रस्तावित विधेयक के प्राविधानों से स्पष्ट है कि इस अधिनियम से किसानों का भला होने वाला नहीं है। इस प्रकार यू0पी0ए0 सरकार नई भूमि अधिग्रहण बिल लाने के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही है।
सांसदों ने सदन में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई नीति में भू-स्वामियों एवं अर्जन निकायों के मध्य आपसी समझौते के आधार पर सीधे भूमि क्रय करने की व्यवस्था की गई है। जबकि यू0पी0ए0 सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल में इस तरह की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं की गई है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश द्वारा जारी नीति में अधिग्रहीत भूमि के प्रतिकर का निर्धारण आपसी सहमति से किये जाने का प्राविधान किया गया है, जबकि केन्द्र द्वारा तैयार किये गये बिल के मसौदे में शहरी क्षेत्र में बाजार मूल्य के दोगुना तथा ग्रामीण क्षेत्र में बाजार मूल्य का छः गुना दिये जाने की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सांसदों ने उत्तर प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार की भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी नीतियों की तुलना करते हुए आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की नीति में यदि कोई भू-स्वामी वार्षिकी नहीं लेना चाहता है तो उसे 2.76 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से पुनर्वास अनुदान दिया जायेगा, जबकि केन्द्र की प्रस्तावित बिल में इस प्रकार का कोई प्राविधान नहीं है। इसी प्रकार प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार जिसकी प्रभावित क्षेत्र में कृषि भूमि हो, और ऐसे परिवार की यदि पूरी भूमि अर्जित की गई हो तो उसको आजीविका की क्षतिपूर्ति के लिए 05 वर्षों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराधि वित्तीय सहायता के रूप में देने की व्यवस्था की गई है। इस तरह केन्द्र सरकार की नई भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित बिल किसान हितैषी नहीं है और किसानों के साथ छल करने का पूरा प्रयास किया गया है।
सांसदों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा केन्द्र सरकार की योजनाओं से ज्यादा दिया जा रहा है। इसके अलावा बी0एस0पी0 सरकार की पुनर्वास व पुनसर््थापन नीति कांग्रेस शासित हरियाणा व अन्य प्रदेशों से कहीं बेहतर है। इस तरह बी0एस0पी0 सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर बनायी गई नीति देश की सबसे प्रगतिशील व किसान हितैषी नीति है।
इसके अलावा सांसदों ने यह भी मुद्दा उठाया कि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा जारी नीति में अंतरित की गयी भूमि के कुल क्षेत्रफल का 16 प्रतिशत विकसित करके दी जाने वाली भूमि में से प्रभावित भूस्वामी अपनी स्वेच्छानुसार पारस्परिक समझौते के अनुसार कुछ प्रतिशत विकसित भूमि प्राप्त कर सकेगा। इस प्रकर राज्य सरकार ने विकास में किसानों की पूरी भागीदारी सुनिश्चित की है, जबकि केन्द्र सरकार प्रस्तावित विधेयक में कोई स्पष्ट प्राविधान नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त मुआवजे के रूप में भू-स्वामियों को दी जाने वाली विकसित भूमि के रजिस्ट्रेशन पर देय स्टैम्प ड्यूटी तथा रजिस्ट्रेशन शुल्क से उन्हें छूट प्रदान करने की भी व्यवस्था की गयी है, जबकि यू0पी0ए0 के प्रस्तावित मसौदे में कोई स्पष्ट प्राविधान नहीं है।
बी0एस0पी0 के राज्य सभा सांसदों ने सदन में यह भी आवाज उठायी कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में गरीबी, बेरोजगारी एवं महंगाई लगातार बढ़ रही है। लम्बे समय तक केन्द एवं राज्यों की सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ने हमेशा धन्नासेठों तथा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के हिसाब से अपनी आर्थिक नीतियां तैयार की। कांग्रेस पार्टी आज भी इसी रास्ते पर चल रही है जिससे आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही कांग्रेस शासित राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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‘अमूल फुडफुड महाचैलेंज‘ का इस सितंबर से होगा प्रसारण

Posted on 29 July 2011 by admin

मुंबई में तैयार हो रही है माधुरी दीक्षित नेने और शेफ संजीव कपूर की टीम -ः

mahachallenge-pic-6मास्टर शेफ संजीव कपूर और बाॅलीवुड सुंदरी माधुरी दीक्षित नेने भारत के सबसे बड़े रसोई रियलिटी शो, अमूल फुडफुड महाचैलेंज में अपनी टीम के साथ आपको लुभाने के लिए तैयार हो रहे हैं। आज मुंबई में आयोजि एक प्रेस सम्मेलन में इस जोड़ी ने प्रसारण की विस्तृत जानकारी दी और अपनी टीम के सदस्यों की झलक दिखाई।
प्राचीन काल से जारी ‘स्त्री और पुरुष के जंग’ के लिए एक मंच मिला है। अमूल फुडफुड महाचैलेंज एक ऐसा प्रसारण है जिसमें रसोई स्त्री और पुरुष के जंग को मैदान बन गया है जहां अपने-अपने पाक-कला के आधार पर दोनों एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पद्र्धा करेंगे। कंटेस्ट के प्रारंभिक चरण में प्रस्तुत किए गए पकवानों के आधार पर पूरे भारत से 16 प्रतिभागियों का चयन किया गया है जिनमें 8 पुरुष और 8 महिलाएं हैं।

मेहनत-भरे 13 सप्ताहों तक ये सभी प्रतिभागी कुकिंग, ग्रिलिंग, बेकिंग, स्टिरिंग, चाॅपिंग, इत्यादि में मशगूल दिखाई देंगे। हर एपिसोड में प्रतिभागियों के समय प्रबंधन, पाक-कला की कुशलता, सृजनशीलता, परोसने की कला और रसोई में नवीनता का आकलन किया जाएगा। श्रीमति दीक्षित नेने एक पेशेवर मार्गदर्शक शेफ की देख-रेख में लड़कियों की टीम को उत्साहित करेंगी, जबकि शेफ संजीव कपूर बतौर मार्गदर्शक लड़कों की टीम को प्रेरित करेंगे।
‘मैं सचमुच अगले कुछ सप्ताहों के लिए काफी उत्साहित हूँ‘, यह कहना है फुडफुड के लाइफस्टाइल एम्बेसेडर, माधुरी दीक्षित नेने का। उन्होंने आगे कहा कि, ‘‘मैं अपने लड़कियों को हर जरूरी प्रोत्साहन मुहैया करने वाली हूँ और यह पक्का करूंगी कि हमारी टीम इस चैलेंज में जीत हासिल करें। जहां तक खाना पकाने की बात है तो महिलाओं का यह स्वाभाविक गुण है। थोड़ा इधर और थोड़ा उधर करने भरे से बात बन जाती है। नारी शक्ति इस प्रतियोगिता में भारी पड़ेगी।‘‘

शेफ संजीव कपूर का कहना है कि, ‘‘अमूल फुडफुड महाचैलेंज असल कुशलता और प्रतिभा का इम्तहान है। हमें उस खास आदमी की तलाश है जो रचनात्मकता, ज्ञान, प्रतिभा और अच्छा खाना पकाने की स्वाभाविक क्षमता रखता हो, वह चाहे पुरुष हो या महिला।‘‘

प्रत्येक एपिसोड में दो टास्क हैं। पहले दौर में जो टास्क है उसके माध्यम से टीम के कैप्टन्स का चुनाव होगा जिसके बाद उस दिन होने वाले दूसरे टास्क दिए जाएंगे। प्रतिभागियों को टास्क की जानकारी दी जाएगी और उन्हें जरूरी सामान दिए जाएंगे। उनके ज्ञान और पाक कौशल की जांच होगी। इसमें जो विजेता होगा उसे टीम का कप्तान घोषित किया जाएगा (कप्तान की जवाबदेही उसकी टीम से काम कराने के होगी लेकिन वह बाहर किए जाने से सुरक्षित नहीं है)।

बाद के टास्क में ग्रुप चैलेंज पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें अपने-अपने कप्तानों के नेतृत्व में चुनौती के अनुसार विभिन्न टीम पकवान तैयार करेगी। अंतिम रूप से चयनित पकवान को गेस्ट ज्यूरी को परोसा जाएगा जिसमें नामी-गिरामी हस्तियाँ होंगी जो विजेता टीम का चुनाव करेगी। प्रत्येक सप्ताह हारने वाली टीम से एक प्रतिभागी को निष्कासित कर दिया जाएगा। निष्कासन का फैसला मुख्य निर्णायक संजीव कपूर की अगुआई में निर्णायकों के पैनल के द्वारा होगा।

सीओओ, कार्तिक लक्ष्मीनारायण ने कहा कि, ‘‘इस शो को विज्ञापनकर्ताओं ने काफी पसंद किया है। इसे 10 से अधिक प्रसिद्ध एवं लक्षिम ग्राहक वर्ग से जुड़े ब्रांडों का गठबंधन हासिल है जो इसे प्रयोजित कर रहे हैं तथा पकवान की सामग्री, रसोई के उपकरण, टाइमर, पुरस्कार और अन्य जरूरतों की आपूर्ति कर रहे हैं। इस प्रसारण के टाइटल प्रयोजन के लिए अमूल ने गठबंधन किया है और सैमसंग इन्सपिरा एवं पारले इसके सह-प्रायोजक हैं। साथ ही, स्लीक इसका रसोई पार्टनर है, ओस्टर एवं विनोद उपकरण और बर्तन पार्टनर, नटराज एवं कोहिनूर बासमती चावल सहयोगी प्रयोजक, टिस्साॅट घड़ियां अधिकृत टाइम पार्टनर एवं क्रोमा इस प्रसारण का गिफ्टिंग पार्टनर है।‘‘

पूरे दौर में अनेक छोटे-मोटे उपहारों के साथ-साथ अंतिम विजेता को मिलेगा 10 लाख रूपये से अधिक मूल्य के उपहारों का संग्रह (उपहारों में हैं स्लीक की ओर से किचेन मेकआॅवर और दो व्यक्तियों के लिए रूचिकर पकवानों के देश, इटली में भ्रमण का पूरा खर्च)।

यह एक साप्ताहिक प्रसारण होगा जो सितंबर की शुरुआत में आरंभ होगा।

फुडफुड के विषय मेंःः
फुडफुड एशिया के अग्रणी क्राॅस मीडिया ग्रुप ऐस्ट्रो ओवरसीज लिमिटेड (ऐस्ट्रो) और टर्मेरिक विजन प्राइवेट लिमिटेड (टीवीपीएल) तथा मोगे कंसंल्टेंट्स का संयुक्त उपक्रम है।
ऐस्ट्रो ओवरसीज लिमिटेड, मलेशिया स्थितऐस्ट्रो होल्डिंग्स एसबी की अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक इकाई है। यह एक समेकित बहुआयामी मीडिया ग्रुप है जो पूरे एशिया, आॅस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व के देशों में  पे-टीवी, रेडिया और पारंपरिक डिजिटल प्रोडक्सन, संकलन और वितरण के क्षेत्र में कार्यरत है।

टर्मेरिक विजन प्राइवेट लिमिटेड शेफ संजीव कपूर की संकल्पना है। संजीव कपूर भारतीय पाक शैली में प्रसिद्ध हैं जिनकी टीवी प्रसारणों के होस्ट, अत्यधिक बिकने वाली पाक-कला की पुस्तकों के लेखक, रेस्त्रां सलाहकार, खाद्य उत्पादों की विशिष्ट रेंज के रचनाकार और अनेक पुरस्कारों के विजेता के रूप में अच्छी पहचान है। टर्मेरिक विजन का इरादा भारत की पहली फुड कंटेंट कंपनी बनने की हो जो फुड कंटेंट और फुड एंटरटेनमेंट ब्रांडों को तैयार कर टेलीविजन, वेब, मोबाइल इत्यादि माध्यमों से वितरण के कारोबार में संलग्न है।

मोगे कंसंल्टेंट्स एक बहुआयामी ग्रुप है जो विज्ञापन, मीडिया और आॅन-लाइन कारोबार में संलग्न है। मध्य पूर्व के देशों में दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञापन एजेन्सी देंत्सु इंक. के साथ मोगे का गठबंधन है। देंत्सु के भारतीय कारोबार में मोगी की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मोगे, लास्ट मिनट मीडिया का स्वामी है जिसका अवशिष्ट मीडिया बिक्रय के कारोबार में बतौर संयुक्त उपक्रम स्टार टीवी, जी टीवी और टाइम्स आॅफ इंडिया ग्रुप के साथ गठबंधन है। इंडियन फैंटेसी लीग, जो कि आॅनलाइन गेमिंग का प्रवर्तक है, मोगे का टाइम्स आॅफ इंडिया ग्रुप के साथ एक और संयुक्त उपक्रम है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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यूटीवी बिन्दास की पेशकश ‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’

Posted on 28 July 2011 by admin

कलाकारों के चटपटे साक्षात्कार से लेकर गुरिल्ला प्रमोशन तक सभी प्रोत्साहनपूर्ण गतिविधियों के लिये एक विशिष्ट मंच
अपने तरह का अनूठा शो जिसे सचमुच ऐसा विश्वास है कि…. ‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’

arakshan-star-cast-with-the-host-aliayah-at-the-launch-of-utv-bindasss-publicity-ke-liye-kuch-bhi-karegaयूटीवी बिन्दास, भारत का मनोरंजक, बेबाक एवं बेधड़क युवा ब्रांड, एक और मनोरंजक परिकल्पना के साथ वापस आ रहा है तथा अपने खोजपरक प्रोग्रामिंग को अपने दर्शकों के सम्मुख निरंतर रूप से पेश करने का वादा करता है।

यूटीवी बिन्दास फिल्म निर्माताओं को एक ऐसा विशिष्ट प्लेटफाॅर्म प्रदान करता है, जहां पर वे अपनी फिल्मों को पूरी शिद्दत से प्रोत्साहित तथा प्रचारित कर सकते हैं, क्योंकि यह शो सभी प्रमोशनल फीचर्स को एक पावर पैक्ट पंच में शामिल करता है।

जैसा कि शीर्षक ‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’ से जाहिर होता है कि यह अपने तरह का पहला मूवी प्रमोशनल प्लेटफाॅर्म है। यह शो रिलीज के लिये तैयार नवीनतम फिल्मों से संबंधित 30 मिनट का विशुद्ध मसाला उपलब्ध करायेगा।

चाहे वह विपणन का मामला हो, मर्चेन्डाइजिंग का मामला हो अथवा वह इनसाइड कहानियों का मामला हो… ‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’ में सभी के लिये जगह है। इस प्लेटफाॅर्म का लक्ष्य दर्शकों को फिल्मों के निर्माताओं द्वारा पेश की जाने वाली संपूर्ण जानकारी देना है। एक अनूठे फाॅर्मेट तथा प्रोत्साहनपूर्ण गतिविधियों के एक अद्भुत प्रवाह के साथ यह शो जोश और मस्ती से भरपूर होगा।

‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’ के लाॅन्च पर टिप्पणी करते हुये श्री कीथ अल्फांसो, बिजनेस हेड, यूटीवी बिन्दास, ने कहा कि, ‘‘फिल्मों का प्रोत्साहन इन दिनो काफी व्यापक पैमाने पर किया जाने लगा है, फिल्म के कलाकार एवं क््रयू सदस्य अपनी रिलीज होने वाली नवीनतम फिल्म के प्रोत्साहन के लिये सभी प्रकार के प्रयास करते हैं। यूटीवी बिन्दास के अन्तर्गत हमने इस क्षमता को महसूस किया है तथा एक ऐसा प्लेटफाॅर्म तैयार किया है जो फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्म को हर संभव प्रचारित करने में सक्षम बनाता है, तथा साथ ही साथ यह फिल्म के समस्त कलाकारों एवं क््रयू सदस्यों की विविधतापूर्ण अन्तर्दृष्टि के साथ दर्शकों का भरपूर मनोरंजन भी करेगा।’’

यह फाॅर्मेट किसी अनर्गल बातों की अनुमति नहीं देता, लेकिन जिससे बाॅलीवुड सही मायनों में प्यार करता है उसमें पूरी शिद्दत से उतरने का परिवेश प्रदान करता है - यानि ‘पब्लिसिटी’। यह शो साक्षात्कारों एक्सलूसिव परफाॅर्मेंस, मूवी मर्चेन्डाइज, नीलामी तथा स्पेशल अनसीन प्रिव्यूज का एक बेहतरीन सम्मिश्रण करता है। इसके अतिरिक्त इस शो में फिल्म के समस्त कलाकारों व क््रयू सदस्यों तथा दर्शकों के बीच एक संवादपरकता स्थापित की गयी है, जहां पर प्रशंसक फेसबुक के बिन्दास पेज www.facebook.com/bindass पर अपने पंसदीदा कलाकारों से प्रश्न पूछने का अवसर प्राप्त करेंगे तथा ‘पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा’ सितारों के प्रतिसाद को शूट कर इस पेज पर पोस्ट करेगा।

शो का प्रत्येक एपिसोड इस फिल्म के लिये थीम के समान होगा, खास कर फाॅर्मेट के संदर्भ में। प्रत्येक एपिसोड हमारे द्वारा प्रोत्साहित की जाने वाली फिल्म के लिये कस्टमाइज्ड होगा।

पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा… का निर्माण फेस एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है, जिसके सह-स्वामी क्रमशः मिलिन्द सोमण तथा मोनिया पिंटो हैं। इस शो की मेजबानी चुलबुली आलिया खान करेंगी।

इसलिये अपने पसंदीदा फिल्म रिलीज का कंपलीट डाउनलोड प्राप्त करने के लिये तैयार हो जायें, केवल यूटीवी बिन्दास पब्लिसिटी के लिये कुछ भी करेगा में…
इस शो का प्रीमियर बृहस्पतिवार, 11 अगस्त 2011 को रात्रि 8.30 बजे होगा, केवल यूटीवी बिंदास पर

बिंदास के विषय में:
बिंदास देश के युवाओं का अग्रणी चैनल है। इसका आरंभ सितंबर 2007 में किया गया था। बिंदास भारत के युवाओं के लिए सबसे पहला चतुर्मुखी मनोरंजन ब्रांड है। बिंदास ब्रांड मजेदार, स्पष्ट और निडर होने की कद्र करता है और भारत में इसने एक समुदाय-निर्माण का मंच निर्मित किया है ताकि भारतीय युवाओं को एक साथ टीवी, मूवीज, वेब, मोबाइल, ग्राउंड और कैंपस गतिविधियों की शक्ति हासिल हो।यह युवाओं को आकर्षित करने वाली विधाओं के बेहतर अनुसंधान से तैयार किए कार्यक्रम का अनूठा मेल प्रस्तुत करता है - गति और रोमांच, हास्य, तिलिस्म, हकीकत, खेल प्रसारण। आज तक बिंदास 64 प्रतिशत भारतीय युवाओं तक पहुंच चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Report on visit of Delegation of Human Rights Cell, BJP to Bhatta-Parsaul Villages on 28th May,2011

Posted on 27 July 2011 by admin

A delegation led by Sudhir Aggarwal, National convener, Human Rights Cell, BJP comprising Shailender Singh, UP State Co-Convener, Archana Singhal, Mona Singh, Ram Kumar Singh, Devender Tyagi, Yogender Tyagi, Sunder Singh Rana, Vikas Gupta visited Bhatta-Parsaul villages on 28th May,2011.They personally met hundreds of residents of two villages who have suffered during the protests.

Facts :
UP Government is acquiring land at Greater Noida. Farmers have launched protests since January of this year, demanding higher compensation for the land acquired by Mayawati Government for Yamuna Expressway Project.

Findings of the Visit and Inquiry:
On their visit, discussions and inquiry with villagers, delegation could collect following information:

(i)              22 persons are detained in state jails, surprising fact is that some of them are even Land-less people.
(ii)              2420 villagers are missing out of total population of 10-12 thousand.
(iii)    90% of animal feed stocks were put on fire. Villagers are forced to sell their dying animals cheaply.
(iv)    Residents of two villages are suffering of starvations due to village-boundary blockades by State Police.
(v)             Youth aged 15 to 35 are fearing of arrests on returning Homes.
(vi)    Village women were abused and molested.
(vii)    Police is not allowing bails to the villagers arrested during the protests.
(viii)    Police without support of Lady staff, manhandling women members of families of two villages in the name of conducting search.

First Reaction of the Situation :
It was a case of repetition of brutal act of Jaliawalan Bagh even after 63 years of independence of India. It was a clear case of administrative and Governmental atrocities upon honest general public of free India, who were demanding their right to adequate compensation for the lands inherited for generations and acquired by State Government. The Delegation condemned the Mayawati Government of UP for barbaric action of  Murders, repression and molestations at Bhatta-Parsaul villages on 7th & 8th May, 2011.

More Reactions  :
Sudhir Aggarwal criticized Central Govt. not taking adequate steps to amend Land Acquisition Act and adding sufferings to honest farmers and land owners.

He also criticized Congress Gen. Secretary Rahul Gandhi for his dramatic presentations and photo shows among honest victims. On one hand this congress is taking all hand support from Mayawati to remain in power at centre and on their hand making double talk among sufferers of two villages. If Rahul Gandhi is genuinely interested, he should have demanded the Hon’ble Governer of UP to recommended immediate dismissal of Mayawati Government on total collapse of administration and deterioting Law & order situation.

The U.P. govt. is working as a property dealer for private companies and grabbing agricultural land for them, taking away the right to live from farmers whose only source of income is agriculture.

Land, that too agricultural land, cannot be acquired for works other than very important public/military use. Allotting the land to private developers for residential/commercial/industrial uses does not fall in this category.

Summaries  :
The people of the two villages were frustrated because of their livelihood being snatched at throw away prices and being given to private builders/developers so that they can earn huge profits. They have been protesting for the last 4 months but nothing serious was done by the government. Instead of taking care of their legitimate demands, they were subjected to such humilities which cannot be tolerated in a democratic country like ours. First they were fired upon at the agitation, and then police entered the houses and beat whoever came in sight and destroyed house hold goods, spilled over stored food grains. People had nothing to eat for days, even not allowed to go outside the villages & purchase food. Firing was done even inside the villages. Broken glass panels of the houses and Vehicles prove the said incident. Innocent men were pulled out of the house and beaten black and blue. They are still hospitalized in various hospitals in Noida and Buland Shahar.

The situation inside the villages is bleak. Most of men folk are still missing. Women are feeling vulnerable. The atrocities and rights violations by State Govt. and administration are shameful, people have been beaten up, killed and burnt, we must have independent probe of the matter.

List of Victims visited by the Delegation:
Members of Delegation visited victims of agitation, severally injured and hurt during police Lathi-charge and Firing-
(i)    Ch. Daryav Singh (95) S/o Late Harpal Singh
(ii)    Ch. Pitam Singh (75) ex army man
(iii)    Manoj s/o Shyaraaj Singh
(iv)    Handicapped Child of Brother in Law of Shaukat Ali
(v)    Tej Singh (81) s/o Sushi Ram Sharma
(vi)    Nanak Chand Sharma (70)
(vii)    Ram Wati (65) w/o Chandi Sharma
(viii)    Veeru s/o Pt. Shyam Lal
(ix)    Beermati
(x)    Urmila w/o Haridev Sharma
(xi)    Seema w/o Rakesh Sharma
(xii)    Daya Wati
(xiii)    Subhash Sharma s/o Shiv Charan Sharma
(xiv)    Narender Singh s/o Prahlad Singh
(xv)    Kapil Kumar s/o Narender Singh
(xvi)    Rahul s/o Tek Chand Sharma
(xvii)    Richhpal Verma
(xviii)    Ch. Sabir Singh
(xix)    Ch. MamChand Singh
(xx)    Pt. Nanak Chand Sharma
(xxi)    Om prakash Sharma
(xxii)    Dhanand s/o Om Prakash Sharma
(xxiii)    Lakshmi Narayan Lalu
(xxiv)    Hemant Bhole s/o Om Prakash Sharma
(xxv)    Son Prakash s/o Rewati Prasad sharma
(xxvi)    Sachin s/o Naurattan
(xxvii)    Head master jugal Kishor Sharma
(xxviii)    Mohit s/o Tek Chand Sharma
(xxix)     Mukut s/o Ratan Lal
(xxx)    Inder s/o Mukut
(xxxi)    Asha Ram Sharma s/o Bal Shish Sharma
(xxxii)    Raj kumar Sharma s/o Jugal Kishor
(xxxiii)    Ankit s/o Haridev
(xxxiv)    Kanti (50) W/o Shiv Kumar Sharma
(xxxv)    Neha (17) d/o Shiv Kumar Sharma
(xxxvi)    Cheenu(18) d/o Kailash Singh
(xxxvii)    Rubi (19) d/o Satveer
(xxxviii)    Puja (19) d/o Dharam Veer Singh
(xxxix)    Babli (15) d/o Ravender Singh
(xl)    Guru Prasad Fauji s/o Chandipujari
(xli)    Sukhviri w/o GuruPrasad
(xlii)    Hukum Singh (83) s/o Ajit Singh (Brother In-law of DIG op Malik)
(xliii)    Kanta Devi w/o Narender Singh
(xliv)    Ch. Kiran Pal Singh s/o Antar Singh
(xlv)    Vijay veer
(xlvi)    Chander Singh s/o Lila Singh
(xlvii)    Ch. Raj pal Singh (40) s/o shodaan singh
(xlviii)    Deepak s/o Raaj Pal Singh
(xlix)    Satpal s/o Bhim Singh
(l)    Sohan Prakash Sharma s/o Rewati Prasad Sharma
(li)    Gyan Wati (52) w/o Ranveer singh
(lii)    Rohit s/o Ranbeer Singh
(liii)    Gaurav s/o Ranbeer
(liv)    Ramesh Sharma (72) s/o Lal Mal
(lv)    Ch. Rajeev (27) s/o Master Chand pal
(lvi)    Raja Ram Sharma s/o Sh. Raghuveer
(lvii)    Yashpal s/o Raja Ram Sharma
(lviii)    Kehar Singh(65) s/o Bhima Singh
(lix)    Shiv charan s/o Raghubir
(lx)    Lala Ram Saran (85) s/o Payare Lal
(lxi)    Ch. Satveer (70) s/o Harvansh
(lxii)    Brijpal
(lxiii)    Ch. Jitender s/o Khem singh
(lxiv)    Babita (35) w/o Kailash
(lxv)    Mehendi(65)
(lxvi)    Rakesh s/o Richhpal Sharma
(lxvii)    Ranveer sharnma s/o Sariya Sharma
(lxviii)    Raju
(lxix)    Devicharan
(lxx)    Neeraj singh (42) s/o Jagata Singh
(lxxi)    Prem (40) s/o Santa Singh
(lxxii)    Rakesh (321) Surender
(lxxiii)    Bijender s/o Dharamveer
(lxxiv)    Gajender s/o Dharamveer
(lxxv)         Birender
(lxxvi)    Rajveer(45)
(lxxvii)    Sarita d/o Surender Malik ,BA student
(lxxviii)    Babita d/o DurgPal Singh
(lxxix)    Maksud (55) s/o Hamid Khan
(lxxx)         Nasru s/o Mundi Khan
(lxxxi)    Harun s/o Ahsas ali, BSF staff (on Duty)
(lxxxii)    Rihana d/o Shamsuddin
(lxxxiii)    Bhura s/o Shaukin
(lxxxiv)    Shakin(48) s/o Bare Khan
(lxxxv)    Nargis w/o Saifi Mohammad
(lxxxvi)    Atte Khan s/o Momman
(lxxxvii)    Kamru ddin w/o Batto
(lxxxviii)    Sajila w/o Shamsuddin
(lxxxix)    Yakub s/o Ishaan
(xc)         Bhura s/o Muddin
(xci)       Shakin s/o Ahasas ali
(xcii)    Naushad s/o Kaale Khan
(xciii)    Akhtar s/o Bundu Khan
(xciv)    Shaukat s/o Bundu khan
(xcv)    Fiji s/o Dharam veer
(xcvi)    Kapil s/o Omveer
(xcvii)    Ram Chander s/o Fool singh

Demands by the Human Rights Cell of BJP against Human Rights been grossly Violated in Bhatta-Parsaul Villages :

(i)    An immediate action be taken against people from State Govt., Administration and police involved in atrocities and gross violation of Human Rights during the protests.

(ii)    Immediate suspension/dismissal of Mayawati Government on total collapse of Administration and law & order situation.

(iii)    A high level inquiry be initiated to find the truth behind the story.

(iv)    An adequate compensation be given to the injured and killed during the protests and atrocities by State Govt. and Other administrative authorities.

(v)    All illegal and unnecessary searches,      verification, blockages of village boundaries be terminated to normalize the situation.

(vi)    A suitable policy for compensation based on market value of land to be adopted.

(vii)    A probe by National human Rights commission should also be initiated.

Human Rights Cell, BJP

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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