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माननीया मुख्यमंत्री जी ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र पर राज्य सरकार का मत रखते हुए गरीबी, बेरोज़गारी तथा क्षेत्रीय विषमताओं जैसे ज्वलन्त मुद्दों को एक बड़ी चुनौती मानते हुए इसके समाधान के लिए पुख्ता उपाय किये जाने पर जोर दिया

Posted on 22 October 2011 by admin

पिछड़े क्षेत्रों के विकास एवं समाज के उपेक्षित, कमजोर एवं दलित वर्गो को विकास की मुख्य धारा में लाये बगैर लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल - माननीया मुख्यमंत्री जी
संसाधनों का आवंटन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करने पर ही समतामूलक विकास सम्भव
उत्तर प्रदेश के लिए केन्द्र सरकार उर्वरकों का अतिरिक्त आवंटन शीघ्र करें
राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र पर मा0 प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह जी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में राज्य सरकार का मत रखते हुए कहा है कि गरीबी, बेरोज़गारी तथा क्षेत्रीय विषमताओं जैसे ज्वलन्त मुद्दों को एक बड़ी चुनौती मानते हुए इसके समाधान के लिए पुख्ता उपाय किये जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था को सरल तथा पारदर्शी बनाया जाये, तभी योजनाओं का अपेक्षित लाभ लक्षित वर्ग तक पहॅुच सकेगा।
माननीया मुख्यमंत्री जी के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री श्री लाल जी वर्मा ने उनके इस वक्तव्य को राष्ट्रीय विकास परिषद के समक्ष पेश किया। सुश्री मायावती जी ने कहा है कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी इनक्लूसिव ग्रोथ (समावेशी विकास) के लक्ष्य रखे गये थे, लेकिन इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि जब तक पिछड़े क्षेत्रों के विकास एवं समाज के उपेक्षित, कमजोर एवं दलित वर्गो को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के ठोस उपाय केन्द्र द्वारा नहीं किये जायेगें, तब तक लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल होगा। उन्होंने संसाधनों का आवंटन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि तभी समतामूलक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 9 प्रतिशत विकास दर रखे जाने का सुझाव देते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस दिशा में गम्भीर प्रयास किये जाने चाहिए। इसके लिए उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विकास की दर में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विकास दर, जो दसवीं पंचवर्षीय योजना काल मंे 5.2 प्रतिशत थी, वह ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान प्र्राकृतिक आपदाओं, विश्वव्यापी मंदी इत्यादि कठिनाईयों के बावजूद बढ़कर 7.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की राजकोषीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विगत पाॅच वर्षों से उत्तर प्रदेश निरन्तर राजस्व बचत की स्थिति में है। जिसके फलस्वरूप स्वयं के कर-राजस्व में औसतन 18 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर वेतन, भत्ते एवं पेंशन के पुनरीक्षण से बढ़े व्ययभार तथा मन्दी के कारण राजस्व पर पड़े कुप्रभाव के बावजूद, राजकोषीय घाटे को कम करके वर्ष 2010-11 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 2.9 प्रतिशत पर लाया गया है।
योजना आयोग के हवाले से प्रेस में आयी रिपोर्टो में गरीबी-रेखा को नये ढंग से परिभाषित करने पर सुश्री मायावती जी ने कहा कि गरीबी-रेखा के निर्धारण की प्रक्रिया का उद्देश्य बनावटी तस्वीर पेश करना नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसका सीधा प्रभाव समाज के गरीब एवं असहाय वर्गों पर पड़ेगा और वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबी-रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों की संख्या का निर्धारण करने के लिए केन्द्र द्वारा पहले से संख्या का प्रतिबन्ध लगाया जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय पर आधारित नीति के अंतर्गत गरीब परिवारों के हितों की रक्षा को अपनी नीति का केन्द्र बिन्दु बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा भरण पोषण भत्ते, पेंशन की सुविधा से वंचित गरीब परिवारों को राहत देने के लिये उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना संचालित की गयी है। योजना में चयनित गरीब परिवार की महिला मुखिया को 400 रूपये प्रति माह की दर से नकद सहायता धनराशि दिये जाने की व्यवस्था की गई है और अभी तक 26.58 लाख परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना की चर्चा करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके माध्यम से दलित-बाहुल्य ग्रामों में सम्पर्क मार्ग, आवास, सफाई-कर्मी सहित सी0सी0 रोड एवं पक्की ड्रेन, स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक केन्द्र तथा कृषि भूमि आवंटन जैसी मूलभूत सुविधाएॅ उपलब्ध करायी जा रही है। शहरों में अनाधिकृत मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करते हुए गरीब परिवारों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के तहत सर्वसमाज की निराश्रित महिलाओं, विकलांगों एवं बी0पी0एल0 परिवारों को पिछले दो वर्षो में लगभग डेढ़ लाख आवास निर्मित कर निःशुल्क आवॅटित किये गये हैं। नगरीय क्षेत्रों में ही मलिन बस्तियों के चैमुखी विकास हेतु मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित-बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना लागू की गयी है। इसके तहत प्रथम चरण में 250 बस्तियों को आच्छादित किया गया है। उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थियों तथा बी0पी0एल0 कार्ड-धारकों को न्यायालय में अपने वादों की पैरवी करने हेतु सरकारी अधिवक्ता की निःशुल्क सेवाएॅ प्रदान की जा रही है। सभी वर्गों के असहाय वृद्धों, विकलांगों तथा निराश्रित महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के पेंशन दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बालिकाओं के घटते अनुपात तथा भ्रूण हत्या की घटनाओं के रोकथाम एवं बालिकाओं को आत्म-निर्भर बनाने की दृष्टि से महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना शुरू की गयी है। इसके तहत अभी तक लगभग 4.50 लाख बालिकायें लाभान्वित हो चुकी हैं। बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना के अन्तर्गत कक्षा 11 व 12 में प्रवेश लेने वाली तथा इसी प्रकार आई0टी0आई0, पाॅलिटेकनिकों एवं मदरसों में दाखिला लेने वाली बालिकाओं को नगद सहायता-राशि के साथ-साथ एक साईकिल दी जा रही है।
अवस्थापना सुविधाओं केे विकास में निजी क्षेत्र की सहभागिता को अपनी नीति का अंग बताते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि लगभग एक लाख इक्हत्तर हजार करोड़ रूपये की परियोजनायें पी0पी0पी0 पद्धति पर कार्यान्वित किये जाने के विभिन्न चरणों में है। प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस-वे तथा गंगा एक्सप्रेस-वे जैसी वृहद परियोजनायें पी0पी0पी0 के आधार पर ली गई हैं। इलाहाबाद में प्रयागराज पावर प्रोजेक्ट (3ग660 मेगावाट) एवं संगम पावर प्रोजेक्ट (2ग660 मेगावाट) निजी विकासकर्ता के माध्यम से क्रियान्वित किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विद्युत पारेषण के क्षेत्र में 10,000 करोड़ रूपये की दो परियोजनायें (765/400 के.वी.) निजी क्षेत्र की सहभागिता से कराने के लिये अनुबन्ध किये गये है। साथ ही दो राजमार्गो के सुधार की 2072 करोड़ रूपये की परियोजनाओं के लिये प्राईवेट पार्टनर से अनुबन्ध निष्पादित हो चुका है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने गम्भीर प्रयास किये हैं, जिसके फलस्वरूप विगत चार वर्षों में 2,050 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होने लगा है तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में 25,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने हेतु पूरी तैयारी कर ली गई है। इसमें से 14,960 मेगावाट के विकास हेतु विद्युत क्रय अनुबन्ध कम्पनियों के साथ हस्ताक्षरित किये जा चुके है। केस-1 बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से 2,756 मेगावाट विद्युत क्रय करने हेतु बिडर का चयन करके आशय-पत्र जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि केस-2 बिडिंग प्रणाली के अंतर्गत 3,300 मेगावाट क्षमता की दो परियोजनाओं के लिये बिडिंग प्रक्रिया चल रही है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि नई विद्युत परियोजनाओं के लिये ईंधन की व्यवस्था केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा की जानी है, लेकिन कोयला मंत्रालय का रूख सकारात्मक नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश को अभी तक मात्र एक ही कोल ब्लाॅक आंशिक रूप से आवंटित हुआ है, जबकि कई छोटे राज्यों को अधिक संख्या में कोल ब्लाॅक आवंटित है। इस प्रकार राज्य के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6 नये कोल ब्लाॅकों के आवंटन हेतु कोयला मंत्रालय को प्रार्थना-पत्र दिये गये है, लेकिन अभी तक आवंटन नही किया गया है।
उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव किये जाने का बिन्दु उठाते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1000 अथवा अधिक जनसंख्या वाली सभी बस्तियों को सम्पर्क मार्गो से जोड़ने की उपलब्धि का परिणाम यह हो रहा है कि 1000 से कम जनसंख्या वाली बस्तियों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने तथा पूर्व निर्मित मार्गों के सुदृढ़ीकरण की परियोजनाएं केन्द्र द्वारा स्वीकृत नही की जा रही हैं। इस सम्बन्ध में यह तर्क दिया गया है कि अन्य राज्यों में अभी 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम/मजरें नहीं जोड़े जा सके है, जबकि कुछ अन्य राज्यों में ऐसी परियोजनायें ले ली गयी हैं। दूसरी तरफ, राजीव गाॅधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत राज्य द्वारा एक लाख से अधिक गैर-विद्युतीकृत मजरो के विद्युतीकरण की परियोजनायें प्रस्तुत की गई, लेकिन अभी तक इनकी स्वीकृति नहीं दी गयी है। जबकि अन्य राज्यों में मजरों के विद्युतीकरण करने की स्वीकृति दे दी गयी है। ं
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नक्सल प्रभावित जनपदों में विकास कार्यो हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 60 ज़िलों को चयनित किया गया है। इन जिलों में उत्तर प्रदेश का मात्र एक जनपद सोनभद्र लिया गया है, जबकि जनपद चन्दौली एवं मिर्जापुर भी नक्सलवाद से प्रभावित है तथा भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं से आच्छादित भी हैं। उन्होंने इन दोनों जनपदों को भी सोनभद्र की भांति आच्छादित करने की मांग की।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिसम्बर, 2009 में उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3506 करोड़ रूपये का पैकेज घोषित किया और इसमें अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में केवल 1596 करोड़ रूपये की ही व्यवस्था की गई है। शेष धनराशि पूर्व संचालित केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं से प्राप्त किये जाने की व्यवस्था की गई है। सम्बन्धित मंत्रालयों द्वारा अपनी योजनाओं में अतिरिक्तता के रूप में धनराशि नहीं दी जा नहीं है। इस प्रकार पैकेज सिमट कर 1596 करोड़ तक सीमित हो गया है। उन्होंने पुनः दोहराया कि बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल जैसे अति पिछड़े क्षेत्रों के त्वरित विकास के लिए अस्सी हजार करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की कोई धनराशि केन्द्र ने अभी तक नहीं दी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च विकास दर के बावजूद किसान की स्थिति बदहाल है। कृषि उपज में तेजी से वृद्धि नहीं हो रही है और न ही किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को नई तकनीक उपलब्ध करवाने, अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार, विपणन समर्थन तथा रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करते हुए कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए बारहवीं पंचवर्षीय योजना काल के दौरान कृषक परिवारों की शुद्ध आय में कम से कम दो-गुना वृद्धि किये जाने का संकल्प लिया जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र से किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि किसानों को डी0ए0पी0 तथा यूरिया जैसे उर्वरक सुलभ कराने का मुख्य दायित्व केन्द्र सरकार का है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश को प्रतिवर्ष उर्वरकों की मांग के अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित नही होती। वर्तमान वर्ष में भी मांग के सापेक्ष उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जा रही है। उन्होंने केेन्द्र से किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने डीजल के दामों में कमी करने का आग्रह किया, क्योंकि किसानों के पास डीजल आधारित पम्प सेट से सिंचाई करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने विद्युत आपूर्ति में सुधार तथा नलकूपो के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु स्वतंत्र फीडर लाइन बनाने की योजना के वित्त पोषण में केन्द्र द्वारा राज्यों को अपेक्षित सहयोग प्रदान करने पर बल दिया।
सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश के अनुुदानित विद्यालयों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत आच्छादित न किये जाने का बिन्दु रेखांकित करते हुए अपेक्षा की कि इन विद्यालयों को तत्काल आच्छादित करने की व्यवस्था की जाये तथा हाई-स्कूलों के साथ-साथ इण्टरमीडिएट कक्षाओं को भी यथाशीघ्र अभियान से आच्छादित किया जाये। सामान्य शिक्षा को भी रोज़गारपरक बनाने तथा व्यावसायिक शिक्षा को विभिन्न पाठ्यक्रमों का अभिन्न अंग बनाते हुए विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त करने के अवसर सुलभ कराया जायें।
प्रदेश के पूर्वी तथा तराई क्षेत्र के जिलों में ए0ई0एस0/जापानी इन्सेफ्लाइटिस बीमारी की रोकथाम हेतु समय से टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ए0ई0एस0 की रोकथाम के लिए टीके की खोज की जाये। इस गम्भीर समस्या के समाधान हेतु केन्द्र सरकार को मुख्य भूमिका निभानी चाहिए। इन बीमारियों से जो बच्चे स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं, उनके जीविकोपार्जन के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने महानगरों में पब्लिक परिवहन को सुलभ बनाने के लिये मैट्रो रेल परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में भारत सरकार द्वारा कम से कम 20 प्रतिशत इक्विटी दिये जाने का बिन्दु रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की इक्विटी भारत सरकार द्वारा दिल्ली व कुछ अन्य शहरों को दी गई है। उन्होंने निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा अनुमन्य 20 प्रतिशत वाॅयबिलिटी गैप फण्ंिडग को बढ़ाकर एक तिहाई किये जाने की माॅंग की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं की संख्या तथा उन्हें आवंटित परिव्यय में कमी करते हुए प्रदेश सरकारों को मिलने वाली सामान्य केन्द्रीय सहायता में वृद्धि करने का अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के मामले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अंतर्गत अपनायी गयी पद्धति को अपनाये जाने पर बल दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Rashtriya Lok Dal demands CBI probe Noida Land Acquisition scam Mayawati, minister, officials, builders involved

Posted on 22 October 2011 by admin

The Rashtriya Lok Dal has demanded that the Central Bureau of Investigation probe the Noida allotment scam even as the Allahabad High Court has cancelled the allotment of land in three villages of Greater Noida.

The Hon’ble court has cancelled the land acquisition of Asadallapur, Devla and Shahberi villages and said that the farmers who have taken compensation can return the amount and claim back their land. The court has said a secretary-level officer should probe the land scam. However, the Rashtriya Lok Dal president Chaudhary Ajit Singh demanded
that since Uttar Pradesh chief minister Mayawati, various ministers and top officials and builders are involved in the scam, it is imperative that a central agency like the CBI probe the scam and put the culprit behind bars. The RLD said any secretary-level officer would not be able to complete any probe and would be pressurized by the corrupt Mayawati regime and only a central agency would be able to book the guilty.

“The court has cancelled the allotment of three villages. However, those who are involved in the scam are getting off scotfree.  I demand that the Centre intervene, and the CBI probe the scam to book the guilty,” Chaudhary Ajit Singh said in New Delhi. Mayawati’s Government has favoured the builders promoting residential apartments,
commercials complexes and even golf courses displacing farmers who where deprived of their livelihood. All due processes were done away with in the name of urgency, and the actual use of the land is not for industrialization as promised to the landowners at the time of acquisition. The judgement has satisfied the builders, may provide relief to the investors, but it is not in favour of the farmers. “The bankers, builders are happy, while the investors are watching. Why hasnt even one officer, and their political masters, including the CM been held culpable, Chaudhary Ajit Singh said.

Earlier, the Rashtriya Lok Dal General Secretary and Member of Parliament Jayant Chaudhary has strongly pitched for freeing local development bodies from the clutches of the property dealers mooted for a Real Estate Regulatory Authority (RERA) to be  established to check malpractices by builders and authorities. Ensuring that the local development bodies (like the Noida, Lucknow or the Ghaziabad Development Authority) look after the interest of those investing in their dream houses, and also do not misuse their powers to the detriment of the landowners, Jayant Chaudhary, backed a move to
establish the RERA by raising the issue under Rule 377 in the last session of the Lok Sabha.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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MP Jayant Chaudhary seeks review of MPLAD scheme in Uttar Pradesh

Posted on 21 October 2011 by admin

Administration not implementing the scheme

Member of Parliament Shri Jayant Chaudhary has drawn the attention of the Minister of Statistics and Programme Implementation (MOSPI) Shri Srikant Kumar Jena to the “lackadaisical approach” of the Uttar Pradesh administration in implementing the MPLAD scheme in the state.
Supporting the call for social audit of the MPLAD scheme made by the Rural Development Minister, Shri Jairam Ramesh recently, Shri Chaudhary called for institutionalizing a third party / social review process. Drawing the attention of the MOSPI minister, Shri Chaudhary said the implementation of the scheme in U.P. and his constituency has been negatively affected by the poor approach of the implementing agencies and the district administration. “In several cases, there are delays in preparing the estimates of the proposals made by me, in other cases, delays in the tendering process and the work completion,” Shri Chaudhary said in the letter on Oct 19, 2011.
Despite Shri Chaudhary having raised the issue through letters to various authorities, the Mathura administration, highlighting the bottlenecks regularly in the District Vigilance and Monitoring Committee meetings and periodical review meetings for the MPLAD, the authorities are unmoved. “The district authorities and implementing agencies are impervious to all such reprimands, or do not have the resource capabilities to ensure the smooth and efficient implementation of the scheme at the ground level,” Shri Chaudhary said.
The Ministry of Statistics and Programme Implementation has worked with Nabard Consultancy Services (NABCONS) and has done audits of a few districts in three phases. Shri Chaudhary urged the minister to include Mathura in the next phase of the NABCONS survey, as the district was not included in the last three audits. While the NABCONS survey reports have been scrutinized by the Parliamentary Committees on the MPLAD scheme, Shri Chaudhary also demanded that the ministry put up detailed reports of the NABCONS survey on its website to enable access for all the stakeholders.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी.एस.पी. की केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं अखिल भारतीय पार्टी पदाधिकारियों की महŸवपूर्ण बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न

Posted on 15 October 2011 by admin

पार्टी संगठन को मज़बूत व जनाधार को बढ़ाकर नई चुनौतियों का सामना करने हेतु कार्यकर्ताओं को तैयार रहने का बी.एस.पी. राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीया सुश्री मायावती जी का आह्वान

बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं अखिल भारतीय पार्टी पदाधिकारियों की बैठक आज यहाँ पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय 4, गुरूद्वारा, रकाबगंज रोड, नई दिल्ली में सम्पन्न हुयी, जिसमें पूरे देश भर से विभिन्न राज्यों के ज़िम्मेदार पदाधिकारियों व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समस्त सदस्यों ने भाग लिया। इस महŸवपूर्ण बैठक को, पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उŸार प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ पार्टी संगठन की तैयारी व पार्टी के जनाधार को तेज़ी से आगे बढ़ाने के संदर्भ में सम्बोधित किया एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
पार्टी की इस महŸवपूर्ण बैठक में अपने सम्बोधन से पहले बहन मायावती जी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों से उन्हें सौंपी गयी पार्टी सम्बंधी ज़िम्मेदारियों के सम्बंध में विस्तार से लेखा-जोखा लिया। साथ ही, विभिन्न राज्यों से आये पार्टी की स्टेट यूनिट के अध्यक्षों व अन्य वरिष्ठ ज़िम्मेदार पदाधिकारियों से भी पार्टी संगठन की तैयारी एवं पार्टी के जनाधार को बढ़ाने सम्बंधी उनके राज्यों में चल रही गतिविधियों की सीधी रिपोर्ट लेकर उन्हें अपनी कमियों को सुधारने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
माननीया बहन कुमारी मायावती जी ने आज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सबसे पहले जिन-जिन राज्यों में आगामी एक वर्ष के भीतर आम चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी संगठन को मज़बूत बनाने के साथ-साथ पार्टी के जनाधार को बढ़ाने व व्यापक बनाने के लिये जी-जान से काम करने की हिदायत दी। साथ ही, “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” के हित को ध्यान में रखकर तथा उसे आगे बढ़ाने के लिये, उसकी “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के हिसाब से उन्हें अपने-अपने राज्यों में सर्वसमाज के लोगों को भाईचारा के आधार पर जोड़ने हेतु पूरी लगन व समर्पण भाव से काम करने का निर्देश दिया।
इसके साथ-साथ, उन्होंने पार्टी में उसकी विशिष्ट पहचान के मुताबिक़ अनुशासित होकर काम करते रहने तथा समय-समय पर जो दिशा-निर्देश उन्हें पार्टी द्वारा दिये जाते हैं, उन पर पूरा-पूरा अमल करने की अपील की। पार्टी की सदस्यता अभियान को निर्धारित समय पर पूरा करने का भी निर्देश उन्होंने दिया। इसके अलावा, चुनावों के दौरान पार्टी को चुनाव में मज़बूती के साथ लड़ा कर सŸाा की मास्टर चाभी हासिल करने हेतु पार्टी पदाधिकारियों से तन, मन, धन से सहयोग करने की अपील की।
इसके साथ ही, माननीया बहन कुमारी मायावती जी ने, विरोधी पार्टियों द्वारा “बी.एस.पी. मूवमेन्ट” को कमज़ोर करने के लिये लगातार साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का जो इस्तेमाल किया जाता है, उससे सजग व सावधान रहने की अपील करते हुये कहाकि विरोधी पार्टियाँ ख़ासकर कांग्रेस पार्टी केन्द्र में अपनी सरकार की विफलताओं पर से लोगों का ध्यान हटाने के लिये लगातार हाथ-पांव मार रही है, परन्तु ऐसा लगता है कि जनता उसे माफ़ करने को तैयार नहीं है।
इतना ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार ख़ासतौर से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपने ही लोगों के बीच बुरी तरह से उलझी हुयी है और परेशान है। साथ ही, केन्द्र सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियों के कारण देश भर में बढ़ती ग़रीबी, महँगाई व बेरोज़गारी ने लोगों का जीवन त्रस्त कर दिया है। जनता में काफी बेचैनी व आक्रोश है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी और देश में मध्यावधि चुनाव हो जाये। ऐसी परिस्थिति को भी ध्यान में रखकर पार्टी की गतिविधियों को देश भर में तेज़ी से आगे बढ़ाना होगा।
अन्त में, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने देश भर से आये राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों एवं पार्टी के अखिल भारतीय पदाधिकारियों के प्रति इस महŸवपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिये आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सहारा इंडिया परिवार का फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम में

Posted on 13 October 2011 by admin

डा0 विजय माल्या के साथ सह-स्वामित्व की घोषणा

भारत में खेलों के लीडिंग प्रमोटर और संरक्षक सहारा इंडिया परिवार ने आज भारत की एकमात्र एफ वन टीम फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन में अपने इक्यूटी निवेश करने की घोषणा की। नये शेयरों में अंशदान के बाद सहारा इंडिया परिवार फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम में यू.बी. ग्रुप के चेयरमैन डा0 विजय माल्या के साथ बराबर का शेयरहोल्डर बन गया है।
pic-1एक विशेष समारोह में ‘सहाराश्री’ सुब्रत राॅय सहारा और डा0 विजय माल्या ने संयुक्त रूप से ‘सहारा फोर्स इंडिया एफ वन’ टीम के नये लोगो का अनावरण किया। टीम अब ‘सहारा फोर्स इंडिया एफ वन’ नाम से जानी जाएगी।
सहारा की संयुक्त साझेदारी फोर्स इंडिया एफ वन टीम को बेहतर प्रदर्शन व नयी ऊँचाई हासिल करने के लिए कटिंग एज टैक्नोलाॅजी में अधिक निवेश करने का मौका देगी।
इस अवसर पर ‘सहाराश्री’ सुब्रत राॅय सहारा, मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहारा इंडिया परिवार ने कहा, ‘‘भारत खेलों के साथ सभी क्षेत्रों में नयी ऊँचाइयां हासिल कर रहा है। फाॅर्मूला वन कार रेसिंग सदैव से पश्चिमी जगत का गढ़ रहा है। भारत में इस आकर्षक खेल का आगमन हमारे सभी देशवासियों के लिए गौरव का विषय है। मुझे अत्यन्त गर्व है कि सहारा के पास अब भारत की एकमात्र एफ वन टीम का सह-स्वामित्व है और मुझे विश्वास है कि सहारा फोर्स इंडिया एफ वन टीम के माध्यम से हम साथ मिलकर अपने प्रिय राष्ट्र के लिए गौरव और सफलता हासिल कर सकेंगे।’’
यह निवेश इससे बेहतर अवसर पर नहीं आ सकता था, जबकि इंडियन ग्रैण्ड प्रिक्स का बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, गे्रटर नोएडा में उद्घाटन के लिए तैयार है और जब करोड़ों प्रशंसक फाॅर्मूला वन के सपनों को भारत में साकार होते देखना चाहते हैं।
श्री सुब्रत राॅय सहारा ने प्रतिष्ठित फाॅर्मूला वन में भारतीय टीम शामिल करने और खासतौर पर टीम के विश्व में छठे (6वें) स्थान में लाने पर डा0 माल्या के प्रति अत्यधिक प्रशंसा व्यक्त की और हृदय से अपना आभार व्यक्त किया।
सहारा ग्रुप के साथ साझेदारी के विषय पर फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम के प्रबंध निदेशक व टीम प्रिंसीपल डा0 विजय माल्या ने कहा कि मुझे सुब्रत राॅय सहारा ‘सहाराश्री’ का सहारा फोर्स इंडिया के अध्यक्ष के रूप में स्वागत करते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है। मेरे लिए यह गर्व की बात रही है कि भारत को फोर्स इंडिया के साथ एफ वन के नक्शे पर रखा तथा टीम को इसके वर्तमान स्तर के प्रदर्शन से बेहतर बना सका। सहारा गु्रप ने देश में खेलों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और फाॅर्मूला वन वल्र्ड चैम्पियनशिप में फोर्स इंडिया एफ वन टीम को बेहतर सफलता हासिल करने के लिए आदर्श साझेदार है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Hon’ble Chief Minister ji strongly criticises Delhi bomb blast incident

Posted on 07 September 2011 by admin

The Uttar Pradesh Chief Minister Hon’ble Ms. Mayawati ji has strongly criticised bomb blast that took place in front of the gate of Hon’ble High Court, Delhi.
The Hon’ble Chief Minister ji expressed the hope that the central government would provide proper financial aid to the dependents of the deceased and also to the people suffering from injuries. She said that the central government should also ensure other necessary arrangements. Besides, she has conveyed deep sympathies and heartfelt condolences to the family members of the deceased and wished speedy recovery for those suffering from injuries.
Ms. Mayawati ji suggested that the central government should investigate the incident thoroughly and take necessary steps to ensure that such incidents were not repeated again.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए नव-परिवर्तन

Posted on 07 September 2011 by admin

असाधारण नव परिवर्तनों को मान्यता, बढ़ावा और सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य के साथ, जो भारत भर में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को गति दे रहे है। इडिलगिव फाउण्डेशन, एडिलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड(पहले एडिलवाइस कैपिटल लिमिटेड के नाम से प्रसिद्ध) की परोपकारी संस्था ने आज यहाँ ‘‘इडिलगिव सामाजिक अभिनव सम्मान 2012-महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए नव-परिवर्तन’’ के प्रारंभ की घोषणा की। इस पुरस्कार की यह चैथी सफल वर्श है। पिछले तीन वर्षों से, इडिलगिव ने सामाजिक अभिनव पुरस्कार के रूप 1.81 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा समाज के लिए किए गए अद्वितीय कार्यों को मान्यता प्रदान कर प्रकाश में लाया है।
इडिलगिव सामाजिक अभिनव सम्मान का उद्देश्य, ऐसे संगठन जो अपने विष्टि दृष्टिकोण से भारत में महिलाओं को असंख्य चुनौतियों से निपटने में मदद और लगातार अपने नवीनतम कार्यों से महिलाओं को सशक्त बनाने में प्रयासरत हैं उन संगठनों को पहचान और उन्हें वित्तीय पुरस्कार प्रदान करना है। इस वर्ष के विजेताओं का चयन चार श्रेणियों के अन्र्तगत किया जायेगा जिसमें स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, आर्थिक सुरक्षा व आजीविका और महिलाओं के अधिकार व प्रतिनिधित्व शामिल होगा।
फाउण्डेशन के कार्यकारी निदेशक और प्रमुख, सुश्री विद्या शाह ने बताया, ‘‘हमारे देश में बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, अभी भी 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियाँ स्कूल नहीं जा पाती और ग्रामीण भारत में 7 लड़कियों में 1 लड़की की शादी 13 वर्ष की आयु से पहले कर दी जाती है। आज भी, मातृक स्वास्थ्य देखभाल की कमी से 70 में से 1 महिला को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है और अभी भी महिला श्रमिकों को पुरूष श्रमिकों की तुलना में कुल मजदूरी का 40 से 60 प्रतिशत ही दिया जाता है। इन खौफनाक तथ्यों को दूर करने तथा प्रगति के लिए नये प्रयासों की आवश्यकता है। पिछले तीन वर्षों में, हमने इडिलगिव सामाजिक अभिनव सम्मान के माध्यम से ऐसे संगठनों को पहचान कर बढ़ावा और सहयोग दिया जिन्होंने इन ज्वलनशील मुद्दों से निपटने के लिए नये प्रयास किए हैं और ऐसे प्रभावशाली संगठनों को भी जो भारतीय सामाजिक क्षेत्र में प्रणालीगत और स्थायी बदलाव ला रहे हैं। हमें गर्व है कि हमने कई ऐसे संगठनों को सहयोग किए हैं जो महिला सशक्तिकरण अभियान को आगे बढ़ाकर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को गति प्रदान कर रहे हैं।’’
पुरस्कार के लिए नामांकन पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 23 सितंबर, 2011 है। पुरस्कार के लिए संगठनों को 4 मूल्यांकन प्रक्रियाओं जिसमें आवेदनों को शामिल करने, आन्तरिक जूरी द्वारा आवेदनों का संक्षिप्त चयन, टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोषल साइंसेज (टीआईएसएस) से क्षेत्र मूल्यांकनकत्तओं द्वारा संबंधित क्षेत्र का दौरा और अंतिम चयन कार्पोरेट, मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के प्रमुख सदस्यों की एक बाहरी जूरी द्वारा की जायेगी। इडिलगिव सामाजिक अभिनव सम्मान 2012: महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए नव-परिवर्तन के विजेताओं की घोषणा 19 जनवरी, 2012 को किया जायेगा।  पुरस्कार के लिए आवेदन हेतुhttp://www.edilgive.org/honours/htm देखें या इडिलगिव फाउण्डेशन के फोन नं. 022-65240579 पर सम्पर्क करें।  पूर्ण और हस्ताक्षरित आवेदन फार्म 23 सितम्बर, 2011 के षाम 5ः00 तक इडिलगिव फाउण्डेशन, एडिलवाइस हाऊस, आॅफ-सीएसटी रोड, कलिना, मुम्बई-400 098 पर भेंजे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Regulating illegal content

Posted on 06 September 2011 by admin

After vehemently supporting Anna Hazare’s Jan Lokpal Bill in Parliament, Jayant Choudhary, MP (Lok Sabha) and General Secretary, Rashtriya Lok Dal today stood up for the freedom of speech and expression on the internet. Raising the issue under Rule 377 in the Lok Sabha, Jayant questioned the Government’s intent in the recent notification of Information Technology Rules.  “The Google’s transparency report for Jul – Dec 2010 reports a 123% increase in demands for content removal by Indian Government and law enforcement. Google removed internet content on 22% of the Indian Government requests as opposed to 87% in USA, 100% in Turkey and so on. This indicates that a number of requests made by the Indian authorities were frivolous and aimed at propagating the ‘Government view’ rather than regulating illegal content” he stated.

The 2011 IT Rules discriminate against the medium of dispersion of information. The Intermediary Guidelines Rules prohibit sharing blasphemous, libelous, and disparaging information. These conditions are purely subjective in nature and they differ from the Press Council’s norms of journalistic conduct. A newspaper article considered ‘blasphemous’ is legal, but the same cannot be reproduced online. The Reasonable Security Practices Rules allow government agencies access to personal information from service providers through written complaints, whereas other crimes require warrants signed by magistrates.

Another draconian aspect of the rules on curbing freedom of speech is its very violation of the spirit of the IT Act, which had removed intermediary liability for content. Jayant Chaudhary stated that such expansive changes should have come through amendments in the main Act rather than being slipped through a subordinate legislation.

Though Internet users are less than 10% of India’s population, but the numbers are increasing significantly. The number of such users in the Media industry is perhaps the largest after the Infotech industry. It is important that the right of ordinary citizens to express themselves is not trampled upon by an over zealous regulatory environment. The new Indian regulations restrict Web content that, among other things, can be considered “disparaging,” “harassing,” “blasphemous” or “hateful.”

The new rules, quietly issued by the country’s Department of Information Technology in May, 2011, allow officials and private citizens to demand that Internet sites and service providers remove content they consider objectionable on the basis of a long list of criteria. The list of objectionable content is sweeping and includes anything that “threatens the unity, integrity, defense, security or sovereignty of India, friendly relations with foreign states or public order.” The rules highlight the ambivalence with which Indian officials have long treated freedom of expression.

Along with the new content regulations, the government also issued rules governing data security, Internet cafes and the electronic provision of government services. RLD’s National General Secretary and MP, Jayant’s stand brings out the lacunae in the subordinate legislation and points to the need for the government through its policy and legislative framework to enable an important medium like the internet to realize its potential and be accessible to the masses.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एसबीआई लाइफ ने हास्पिटल कैश नामक स्वास्थ्य बीमा योजना लाॅन्च की

Posted on 05 September 2011 by admin

- अत्यधिक सुविधाजनक एवं आसान दर -
- आॅनलाइन प्लैटफाॅर्म पर भी उपलबध -

भारत में नई पीढ़ी की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने हास्पिटल कैश नामक स्वास्थ्य बीमा योजना लाॅन्च की है। स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में बीमाधारक के अस्पताल में भर्ती के दौरान हर दिन के लिए निश्चित दैनिक भत्ता प्रदान करके, चाहे अस्पताल का बिल जो भी हो, यह योजना बीमाधारक की संचित बचत के क्षरण को रोकती है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले, दौरान और बाद के खर्चे इस भत्ते में शामिल किये गये हैं। कंपनी के व्यापक बहुआयामी वितरण नेटवर्क के साथ-साथ, हास्पिटल कैश इसकी आॅनलाइन प्लैटफाॅर्म पर भी उपलब्ध है।

एसबीआई लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एम.एन.राव ने कहा कि, ‘‘सभी ग्राहक वर्गों के लियेे स्वास्थ एवं धन का समग्र समाधान प्रदान करते हुए, स्वास्थ बीमा के क्षेत्र में हमारा प्रवेश स्वास्थ्य सेवा के बढ़ते खर्च और भारत में स्वाथ्य बीमा के बहुत कम प्रसार के मुद्दे को हल करना है। हाल के वर्षों में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के फलस्वरूप, आॅनलाइन प्लैटफाॅर्म पर स्वास्थ्य बीमा उत्पाद की उपलब्धता हमारी वर्तमान मजबूत बहुआयामी वितरण नेटवर्क के साथ-साथ ग्राहकों को और अधिक सुविधा और विकल्प देगी।

हास्पिटल कैश का डेली हाॅस्पिटेलाइजेशन कैश बेनीफिट (दैनिक अस्पताल-भर्ती नगद लाभ) (डीएचसीबी) बीमाधारक को अस्पताल में भर्ती होने के पहले ही दिन से बिना झंझट एवं बिना किसी कटौती के शत-प्रतिशत निर्धारित भुगतान देता है। इसके अतिरिक्त, यदि बीमित व्यक्ति आइसीयू में भर्ती होता है तो बीमाधारक को मिलने वाली राशि डीएचसीबी की दोगुनी हो जाएगी। इस योजना के अंतर्गत, परिवार के दो या अधिक सदस्यों का कवर होने पर बीमाधारक को 10,000 रूपये की अतिरिक्त निर्धारित एकमुस्त राशि मिलती है। प्रीमियम में कोई बढ़ोतरी किए बिना 40 प्रतिशत वर्धित बीमाधन तक का बोनस, पाॅलिसी के नवीनीकरण पर प्रीमियम में 2.5 प्रतिशत की छूट, 10 प्रतिशत तक पारिवारिक छूट तथा तीन वर्षों के लिए प्रीमियम गारंटी इस योजना की अतिरिक्त विशेषताएं हैं।

पांच आसान चरणों से इंटरनेट बैंकिंग खाता या क्रेडिट कार्ड से भुगतान के द्वारा ग्राहक ूूूण्ेइपसपमिण्बवण्पद पर हास्पिटल कैश खरीदने का विकल्प चुन सकता है। यह योजना पूर्णतः आॅन-लाइन माध्यम से ली जा सकती है क्योंकि इसमें किसी वास्तविक कागजी लिखा-पढ़ी की जरूरत नहीं होती। आॅन-लाइन प्लैटफाॅर्म के अलावा, यह योजना एसबीआई लाइफ के 80,000 बीमा सलाहकारों, 18,000 से अधिक स्टेट बैंक की शाखाओं तथा काॅरपोरेट अभिकर्ताओं के माध्यम से भी उपलब्ध होगी।

यह योजना तीन साल की निर्धारित पाॅलिसी अवधि के लिए उपलब्ध है तथा इसमें वार्षिक, अर्द्ध-वार्षिक एवं त्रैमासिक अंतराल पर प्रीमियम भुगतान की लचीली सुविधा है। 75 वर्ष की परिपक्वता उम्र तक जोखिम सुरक्षा का नवीनीकरण किया जा सकता है।

जून 2011 में जारी आइआरडीए की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, निजी बीमा कंपनियों में एसबीआई लाइफ नंबर वन है। सभी निजी जीवन बीमाकर्ताओं के बीच बीमा बाजार में इस कंपनी की 21.6 प्रतिशत तथा सकल बीमा बाजार में 6.0 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विषय मेंः

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस भारतीय स्टेट बैंक और बीएनपी परिबास कार्डिफ का संयुक्त उपक्रम है। इसमें 74 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआई की और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बीएनपी परिबास कार्डिफ की है। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ रुपये है और चुकता पूंजी 1,000 करोड़ रुपये है।

पांच सहयोगी बैंकों को मिलाकार इसकी 16,000 से अधिक शाखाओं की अभूतपूर्व शक्ति  हैं, जो कि, विश्व में सबसे अधिक है।

बीएनपी परिबास कार्डिफ, बीएनपी परिबास की जीवन और संपदा बीमा इकाई है जो कि विश्व के सर्वाधिक सुदृढ़ बैंकों में से एक है। बीएनपी परिबास समूह, जिसने 80 से  अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है, रीटेल बैंकिंग, निवेश समाधान तथा काॅरपोरेट एवं निवेश बैंकिंग के क्षेत्र में अग्रणी बैंक है। बीएनपी परिबास कार्डिफ क्रेडिटर बीमा क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनियों में से एक है और इसकी जीवन और गैर जीवन बीमा एकाईयों को स्टैंडर्ड एण्ड पुअर्स द्वारा ‘एए’ की रेटिंग मिली है।

एसबीआई लाईफ का मिशन ग्राहक सेवा के उच्च मानंदडांे व विश्व स्तरीय परिचालन कार्य कुशलता को सुनिश्चित करते हुए जीवन बीमा व पेंशन उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक दरो पर उपलब्ध करने वाली अग्रणी कंपनी बनकर उभरना है।

एसबीआई लाइफ के पास, सक्रिय बैंकाएश्योरेंस रिटेल एजेंसी, इंस्टिट्यूशनल अलांयस और काॅरपोरेट सोल्यूशंस वितरण चैनल से मिलकर बना अद्वितिय बहुआयामी वितरण माॅडल हैं।

अनेकानेक बैकिंग उत्पादों जैसे गृह ऋण व व्यक्तिगत ऋणों के साथ, बीमा उत्पादों के वितरण हेतु, स्टेट बैंक ग्रुप के साथ अपनी सहभागिता का एक आधार स्वरूप एसबीआई लाईफ, व्यापक रुप से उपयोग करती है। एसबीआई के दस करोड़ से अधिक खाताधारक, देशव्यापी पहंुच, देश के प्रत्येक क्षेत्र व आर्थिक समूहों में बीमा पहंुचाने हेतु एक सक्रिय आधार, सही मायनों में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करती है।

एजेन्सी चैनल, जो कि 80000 से अधिक, सर्वाधिक उत्पादकता वाले बीमा सलाहकरो से बना है, ग्राहकों को उनके द्वार पर जाकर बीमा समाधान प्रदान करता हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सरकार से तत्काल जनलोकपाल पारित करने की मांग

Posted on 25 August 2011 by admin

भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान (नेशनल कम्पेन अगेंस्ट करप्शन) के राष्ट्रीय समन्वयक श्री राम शास्त्री और अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने केन्द्र सरकार पर जानबूझकर जन लोकपाल बिल को पारित करने में आनाकानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को अन्ना हजारे से बातचीत करके तुरन्त जनलोकपाल बिल को पारित करना चाहिए। ये दोनों आज यहां काॅफी हाउस में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मलेन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
श्री शास्त्री ने बताया कि जन लोकपाल बिल पर राष्ट्रीय सहमति 1962 में ही बन गई थी जब देश के प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू की मौजूदगी में सभी राज्यों के विधि मंत्रियों, केन्द्रीय विधि मंत्री, राज्यों के एडवोकेट जनरल, केन्द्रीय विधि सचिव  समेत 1500 से अधिक विधि वेत्ताओं ने 12 अगस्त 1962 को आयोजित दिल्ली के एक सम्मेलन में एक सशक्त लोकपाल बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। उसके कुछ दिनों के बाद ही भारत चीन का युद्ध प्रारंभ हो गया जिससे लोकपाल का मामला ठण्डे बस्ते में चला गया और सरकार अब किसी कीमत पर इसे जीवित नहीं होने देना चाहती है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री जीवीजी कृष्णमूर्ति के संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान का मानना है कि अगर सरकार ने स्वयं ही उक्त प्रस्ताव के आलोक में सशक्त जन लोकपाल बिल पारित कर दिया होता तो आज अन्ना हजारे को आंदोलन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
श्री राम शास्त्री ने बताया कि 1962 में पारित लोकपाल के प्रस्ताव में कहा गया था कि लोकपाल को समाचार अथवा स्वयं भ्रष्टाचार पर कार्यवाई करने का अधिकार होगा। वह कार्यपालिका एवं विधायिका के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकेगा। वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समकक्ष होगा। उसे विधायिका एवं कार्यपालिका से सूचनाएं प्राप्त करने का अधिकार होगा। राज्य के लोकायुक्तों के निर्णयों पर उसका निर्णय अंतिम होगा। वह अपनी रपट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करेगा और उसके क्रियाकलापों पर संसद में चर्चा नहीं हो सकेगी। वह नागरिक अधिकारों के प्रभावित होने की दशा में सरकार से जानकारी एवं सहयोग प्राप्त कर सकता है।
श्री राम शास्त्री एवं विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि जब कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारें चुनाव के पहले भ्रष्टाचार को समाप्त करने का नारा देती हैं तो अब उन्हें जनलोकपाल पर आपत्ति क्यों है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है। जैसे युद्ध के दौरान तुरत निर्णय लेकर कार्यवाई की जाती है उसी तरह से जनलोकपाल को पारित करने के लिए भी तुरत निर्णय लेकर कार्यवाही की जाए।
दोनों  वक्ताओं ने कहा कि तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त श्री जीवीजी कृष्णमूर्ति ने 1996 में एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें पता चला था कि 543 संसद सदस्यों में से 62 आपराधिक पृष्ठभूमि के  थे वर्ष 2009 में यह संख्या घटने के बजाए बढ़ गई और 543 में से 156 आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग संसद पहुंच गए। राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को मंत्री पद से नवाजने में भी शर्म नहीं महसूस करते हैं। आज विधानसभाओं में एक तिहाई आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग पहंुच गए हैं, जोकि लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। आज भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं की देशभर में हत्याएं हो रहीं हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत कदम उठाने के लिए जन लोकपाल ही एकमात्र रास्ता है। आज से 2300 वर्ष पहले कौटिल्य के काल में राजा से ऊपर जब दण्डाधिकारी की नियुक्ति की जा सकती है तो आज लोकतांत्रिक व्यवस्था में जन लोकपाल क्यों नहीं बनाया जा सकता। सरकार को चाहिए कि हठधर्मिता छोड़कर तत्काल जनलोकपाल बिल पारित करे और अन्ना हजारे की मांग को मानकर जनभावनाओं को सम्मान करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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