माननीया मुख्यमंत्री जी ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र पर राज्य सरकार का मत रखते हुए गरीबी, बेरोज़गारी तथा क्षेत्रीय विषमताओं जैसे ज्वलन्त मुद्दों को एक बड़ी चुनौती मानते हुए इसके समाधान के लिए पुख्ता उपाय किये जाने पर जोर दिया

Posted on 22 October 2011 by admin

पिछड़े क्षेत्रों के विकास एवं समाज के उपेक्षित, कमजोर एवं दलित वर्गो को विकास की मुख्य धारा में लाये बगैर लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल - माननीया मुख्यमंत्री जी
संसाधनों का आवंटन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करने पर ही समतामूलक विकास सम्भव
उत्तर प्रदेश के लिए केन्द्र सरकार उर्वरकों का अतिरिक्त आवंटन शीघ्र करें
राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र पर मा0 प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह जी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में राज्य सरकार का मत रखते हुए कहा है कि गरीबी, बेरोज़गारी तथा क्षेत्रीय विषमताओं जैसे ज्वलन्त मुद्दों को एक बड़ी चुनौती मानते हुए इसके समाधान के लिए पुख्ता उपाय किये जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था को सरल तथा पारदर्शी बनाया जाये, तभी योजनाओं का अपेक्षित लाभ लक्षित वर्ग तक पहॅुच सकेगा।
माननीया मुख्यमंत्री जी के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री श्री लाल जी वर्मा ने उनके इस वक्तव्य को राष्ट्रीय विकास परिषद के समक्ष पेश किया। सुश्री मायावती जी ने कहा है कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी इनक्लूसिव ग्रोथ (समावेशी विकास) के लक्ष्य रखे गये थे, लेकिन इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि जब तक पिछड़े क्षेत्रों के विकास एवं समाज के उपेक्षित, कमजोर एवं दलित वर्गो को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के ठोस उपाय केन्द्र द्वारा नहीं किये जायेगें, तब तक लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल होगा। उन्होंने संसाधनों का आवंटन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि तभी समतामूलक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 9 प्रतिशत विकास दर रखे जाने का सुझाव देते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस दिशा में गम्भीर प्रयास किये जाने चाहिए। इसके लिए उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विकास की दर में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विकास दर, जो दसवीं पंचवर्षीय योजना काल मंे 5.2 प्रतिशत थी, वह ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान प्र्राकृतिक आपदाओं, विश्वव्यापी मंदी इत्यादि कठिनाईयों के बावजूद बढ़कर 7.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की राजकोषीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विगत पाॅच वर्षों से उत्तर प्रदेश निरन्तर राजस्व बचत की स्थिति में है। जिसके फलस्वरूप स्वयं के कर-राजस्व में औसतन 18 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर वेतन, भत्ते एवं पेंशन के पुनरीक्षण से बढ़े व्ययभार तथा मन्दी के कारण राजस्व पर पड़े कुप्रभाव के बावजूद, राजकोषीय घाटे को कम करके वर्ष 2010-11 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 2.9 प्रतिशत पर लाया गया है।
योजना आयोग के हवाले से प्रेस में आयी रिपोर्टो में गरीबी-रेखा को नये ढंग से परिभाषित करने पर सुश्री मायावती जी ने कहा कि गरीबी-रेखा के निर्धारण की प्रक्रिया का उद्देश्य बनावटी तस्वीर पेश करना नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि इसका सीधा प्रभाव समाज के गरीब एवं असहाय वर्गों पर पड़ेगा और वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबी-रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों की संख्या का निर्धारण करने के लिए केन्द्र द्वारा पहले से संख्या का प्रतिबन्ध लगाया जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय पर आधारित नीति के अंतर्गत गरीब परिवारों के हितों की रक्षा को अपनी नीति का केन्द्र बिन्दु बनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा भरण पोषण भत्ते, पेंशन की सुविधा से वंचित गरीब परिवारों को राहत देने के लिये उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना संचालित की गयी है। योजना में चयनित गरीब परिवार की महिला मुखिया को 400 रूपये प्रति माह की दर से नकद सहायता धनराशि दिये जाने की व्यवस्था की गई है और अभी तक 26.58 लाख परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना की चर्चा करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके माध्यम से दलित-बाहुल्य ग्रामों में सम्पर्क मार्ग, आवास, सफाई-कर्मी सहित सी0सी0 रोड एवं पक्की ड्रेन, स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक केन्द्र तथा कृषि भूमि आवंटन जैसी मूलभूत सुविधाएॅ उपलब्ध करायी जा रही है। शहरों में अनाधिकृत मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करते हुए गरीब परिवारों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के तहत सर्वसमाज की निराश्रित महिलाओं, विकलांगों एवं बी0पी0एल0 परिवारों को पिछले दो वर्षो में लगभग डेढ़ लाख आवास निर्मित कर निःशुल्क आवॅटित किये गये हैं। नगरीय क्षेत्रों में ही मलिन बस्तियों के चैमुखी विकास हेतु मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित-बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना लागू की गयी है। इसके तहत प्रथम चरण में 250 बस्तियों को आच्छादित किया गया है। उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थियों तथा बी0पी0एल0 कार्ड-धारकों को न्यायालय में अपने वादों की पैरवी करने हेतु सरकारी अधिवक्ता की निःशुल्क सेवाएॅ प्रदान की जा रही है। सभी वर्गों के असहाय वृद्धों, विकलांगों तथा निराश्रित महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के पेंशन दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बालिकाओं के घटते अनुपात तथा भ्रूण हत्या की घटनाओं के रोकथाम एवं बालिकाओं को आत्म-निर्भर बनाने की दृष्टि से महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना शुरू की गयी है। इसके तहत अभी तक लगभग 4.50 लाख बालिकायें लाभान्वित हो चुकी हैं। बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना के अन्तर्गत कक्षा 11 व 12 में प्रवेश लेने वाली तथा इसी प्रकार आई0टी0आई0, पाॅलिटेकनिकों एवं मदरसों में दाखिला लेने वाली बालिकाओं को नगद सहायता-राशि के साथ-साथ एक साईकिल दी जा रही है।
अवस्थापना सुविधाओं केे विकास में निजी क्षेत्र की सहभागिता को अपनी नीति का अंग बताते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि लगभग एक लाख इक्हत्तर हजार करोड़ रूपये की परियोजनायें पी0पी0पी0 पद्धति पर कार्यान्वित किये जाने के विभिन्न चरणों में है। प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस-वे तथा गंगा एक्सप्रेस-वे जैसी वृहद परियोजनायें पी0पी0पी0 के आधार पर ली गई हैं। इलाहाबाद में प्रयागराज पावर प्रोजेक्ट (3ग660 मेगावाट) एवं संगम पावर प्रोजेक्ट (2ग660 मेगावाट) निजी विकासकर्ता के माध्यम से क्रियान्वित किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विद्युत पारेषण के क्षेत्र में 10,000 करोड़ रूपये की दो परियोजनायें (765/400 के.वी.) निजी क्षेत्र की सहभागिता से कराने के लिये अनुबन्ध किये गये है। साथ ही दो राजमार्गो के सुधार की 2072 करोड़ रूपये की परियोजनाओं के लिये प्राईवेट पार्टनर से अनुबन्ध निष्पादित हो चुका है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने गम्भीर प्रयास किये हैं, जिसके फलस्वरूप विगत चार वर्षों में 2,050 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होने लगा है तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में 25,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने हेतु पूरी तैयारी कर ली गई है। इसमें से 14,960 मेगावाट के विकास हेतु विद्युत क्रय अनुबन्ध कम्पनियों के साथ हस्ताक्षरित किये जा चुके है। केस-1 बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से 2,756 मेगावाट विद्युत क्रय करने हेतु बिडर का चयन करके आशय-पत्र जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि केस-2 बिडिंग प्रणाली के अंतर्गत 3,300 मेगावाट क्षमता की दो परियोजनाओं के लिये बिडिंग प्रक्रिया चल रही है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि नई विद्युत परियोजनाओं के लिये ईंधन की व्यवस्था केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा की जानी है, लेकिन कोयला मंत्रालय का रूख सकारात्मक नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश को अभी तक मात्र एक ही कोल ब्लाॅक आंशिक रूप से आवंटित हुआ है, जबकि कई छोटे राज्यों को अधिक संख्या में कोल ब्लाॅक आवंटित है। इस प्रकार राज्य के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6 नये कोल ब्लाॅकों के आवंटन हेतु कोयला मंत्रालय को प्रार्थना-पत्र दिये गये है, लेकिन अभी तक आवंटन नही किया गया है।
उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव किये जाने का बिन्दु उठाते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1000 अथवा अधिक जनसंख्या वाली सभी बस्तियों को सम्पर्क मार्गो से जोड़ने की उपलब्धि का परिणाम यह हो रहा है कि 1000 से कम जनसंख्या वाली बस्तियों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने तथा पूर्व निर्मित मार्गों के सुदृढ़ीकरण की परियोजनाएं केन्द्र द्वारा स्वीकृत नही की जा रही हैं। इस सम्बन्ध में यह तर्क दिया गया है कि अन्य राज्यों में अभी 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम/मजरें नहीं जोड़े जा सके है, जबकि कुछ अन्य राज्यों में ऐसी परियोजनायें ले ली गयी हैं। दूसरी तरफ, राजीव गाॅधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत राज्य द्वारा एक लाख से अधिक गैर-विद्युतीकृत मजरो के विद्युतीकरण की परियोजनायें प्रस्तुत की गई, लेकिन अभी तक इनकी स्वीकृति नहीं दी गयी है। जबकि अन्य राज्यों में मजरों के विद्युतीकरण करने की स्वीकृति दे दी गयी है। ं
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नक्सल प्रभावित जनपदों में विकास कार्यो हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 60 ज़िलों को चयनित किया गया है। इन जिलों में उत्तर प्रदेश का मात्र एक जनपद सोनभद्र लिया गया है, जबकि जनपद चन्दौली एवं मिर्जापुर भी नक्सलवाद से प्रभावित है तथा भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं से आच्छादित भी हैं। उन्होंने इन दोनों जनपदों को भी सोनभद्र की भांति आच्छादित करने की मांग की।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिसम्बर, 2009 में उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3506 करोड़ रूपये का पैकेज घोषित किया और इसमें अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में केवल 1596 करोड़ रूपये की ही व्यवस्था की गई है। शेष धनराशि पूर्व संचालित केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं से प्राप्त किये जाने की व्यवस्था की गई है। सम्बन्धित मंत्रालयों द्वारा अपनी योजनाओं में अतिरिक्तता के रूप में धनराशि नहीं दी जा नहीं है। इस प्रकार पैकेज सिमट कर 1596 करोड़ तक सीमित हो गया है। उन्होंने पुनः दोहराया कि बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल जैसे अति पिछड़े क्षेत्रों के त्वरित विकास के लिए अस्सी हजार करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की कोई धनराशि केन्द्र ने अभी तक नहीं दी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च विकास दर के बावजूद किसान की स्थिति बदहाल है। कृषि उपज में तेजी से वृद्धि नहीं हो रही है और न ही किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को नई तकनीक उपलब्ध करवाने, अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार, विपणन समर्थन तथा रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करते हुए कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए बारहवीं पंचवर्षीय योजना काल के दौरान कृषक परिवारों की शुद्ध आय में कम से कम दो-गुना वृद्धि किये जाने का संकल्प लिया जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र से किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि किसानों को डी0ए0पी0 तथा यूरिया जैसे उर्वरक सुलभ कराने का मुख्य दायित्व केन्द्र सरकार का है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश को प्रतिवर्ष उर्वरकों की मांग के अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित नही होती। वर्तमान वर्ष में भी मांग के सापेक्ष उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जा रही है। उन्होंने केेन्द्र से किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने डीजल के दामों में कमी करने का आग्रह किया, क्योंकि किसानों के पास डीजल आधारित पम्प सेट से सिंचाई करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने विद्युत आपूर्ति में सुधार तथा नलकूपो के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु स्वतंत्र फीडर लाइन बनाने की योजना के वित्त पोषण में केन्द्र द्वारा राज्यों को अपेक्षित सहयोग प्रदान करने पर बल दिया।
सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश के अनुुदानित विद्यालयों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत आच्छादित न किये जाने का बिन्दु रेखांकित करते हुए अपेक्षा की कि इन विद्यालयों को तत्काल आच्छादित करने की व्यवस्था की जाये तथा हाई-स्कूलों के साथ-साथ इण्टरमीडिएट कक्षाओं को भी यथाशीघ्र अभियान से आच्छादित किया जाये। सामान्य शिक्षा को भी रोज़गारपरक बनाने तथा व्यावसायिक शिक्षा को विभिन्न पाठ्यक्रमों का अभिन्न अंग बनाते हुए विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त करने के अवसर सुलभ कराया जायें।
प्रदेश के पूर्वी तथा तराई क्षेत्र के जिलों में ए0ई0एस0/जापानी इन्सेफ्लाइटिस बीमारी की रोकथाम हेतु समय से टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ए0ई0एस0 की रोकथाम के लिए टीके की खोज की जाये। इस गम्भीर समस्या के समाधान हेतु केन्द्र सरकार को मुख्य भूमिका निभानी चाहिए। इन बीमारियों से जो बच्चे स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं, उनके जीविकोपार्जन के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने महानगरों में पब्लिक परिवहन को सुलभ बनाने के लिये मैट्रो रेल परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में भारत सरकार द्वारा कम से कम 20 प्रतिशत इक्विटी दिये जाने का बिन्दु रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की इक्विटी भारत सरकार द्वारा दिल्ली व कुछ अन्य शहरों को दी गई है। उन्होंने निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा अनुमन्य 20 प्रतिशत वाॅयबिलिटी गैप फण्ंिडग को बढ़ाकर एक तिहाई किये जाने की माॅंग की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं की संख्या तथा उन्हें आवंटित परिव्यय में कमी करते हुए प्रदेश सरकारों को मिलने वाली सामान्य केन्द्रीय सहायता में वृद्धि करने का अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के मामले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अंतर्गत अपनायी गयी पद्धति को अपनाये जाने पर बल दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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