Posted on 30 November 2012 by admin
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक हर साल करीब 54 लाख लोगों की तम्बाकू के इस्तेमाल से मौत हो जाती है. स्मोकिंग धीरे-धीरे शौक से आदत बन जाती है. हालांकि ज्यादातर लोग स्मोकिंग से होने वाले नुकसान से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं लेकिन एक बार लत लगने के बाद इससे छुटकारा पाना उनके लिए बेहद मुश्किल हो जाता है.
अगर आप भी स्मोकिंग छोड़ने की लाख कोशिशों के बावजूद इसे नहीं छोड़ पा रहे हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं.
1. सबसे पहले अपनी विल पॉवर को मजबूत करिए और हर कोशिश से पहले खुद से किसी भी कीमत पर इससे छुटकारा पाने का वादा कीजिए.
2. 100 ग्राम अजवाइन के साथ 100 ग्राम मोटी सौंफ और 60 ग्राम काला नमक बारीक करके पीस लें और दो नींबू का रस निचोड़ कर अच्छी तरह से मिक्स कर लें. रात भर के लिए इसे ऐसे ही रहने दें. सुबह होने पर धीमी आंच पर तवे पर भून लें और फिर एक डिब्बे में रख दें. दिन में 5-6 बार या सिगरेट पीने की तलब होने पर एक चम्मच ये पाउडर लें.
3. सिगरेट, लाइटर, माचिश और ऐश ट्रे को खुद से बहुत दूर रखें. इन्हें ऐसी जगह पर रखें जहां से इसे तलाशना आपके लिए आसान न हो. हो सके तो घर पर इन्हें न ही रखें.
4. अपने पसंद के काम करें. खासतौर पर जब भी आपका मन सिगरेट पीने का करें तो खुद को व्यस्त कर लें. स्मोकिंग छूट जाने के बाद भी खाली वक्त में अपनी हॉबीज को वक्त दें. इससे आप बिजी रहेंगे और आपको खुशी भी महसूस होगी.
5. आपके दोस्तों और परिवार में अगर कोई और भी स्मोकिंग करता है तो उसे इससे होने वाले नुकसानों के बारे में समझाएं. उसे भी सिगरेट छोड़ने के लिए मनाएं. वैसे भी कहते हैं न एक से भले दो.
6. सिगरेट छोड़ने पर सिरदर्द, बेचैनी, जी मचलाना और थकान जैसी शिकायतें हो सकती हैं. इससे घबराएं नहीं. दो-तीन हफ्ते में आप पूरी तरह नॉर्मल महसूस करने लगेंगे.
7. इसके अलावा जब तक सिगरेट छूट न जाए, तब तक लो-टार और निकोटीन वाली सिगरेट पिएं. सिगरेट को बिल्कुल आखिर तक न पिएं और सिगरेट के कम कश लें. सिगरेट पीते वक्त अंदर सांस न खींचें. हर दिन सिगरेट गिनकर पिएं और रोज सिगरेट की संख्या में धीरे-धीरे कमी लाएं.
Vikas Sharma
Editor
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Posted on 30 November 2012 by admin
अगर आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है तो आपको सेहत संबंधी समस्याओं का सामना कभी भी नहीं करना पड़ेगा. रोगों से लड़ने की क्षमता इस पर निर्भर करती है कि आप कितनी पौष्टिक और संतुलित डाइट लेते हैं. फलों में एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो संक्रमण और रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं. ऐसा ही एक फल है अंजीर. इसमें कैल्शियम और आयरन काफी मात्रा में पाया जाता है. ये दिमा़ग को शांत रखता है और शरीर को आराम देता है.
डायबिटीज में अंजीर बहुत उपयोगी होता है. अंजीर में आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण ये एनीमिया में भी फायदेमंद होता है. अंजीर में विटमिन ए, बी1, बी2, कैल्शियम,आयरन, फॉस्फोरस, मैगनीज, सोडियम, पोटैशियम और क्लोरीन पाया जाता है. इसका सेवन करने से डायबिटीज, सर्दी-जुकाम, अस्थमा और अपच जैसी तमाम बीमारियां दूर हो जाती हैं. जानते हैं अंजीर की कुछ और खासियत-
1. अंजीर पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है.
2. अंजीर में फाइबर होता है जो वजन को संतुलित रखता है और ओबेसिटी को कम करता है.
3. सूखे अंजीर में फेनोल, ओमगा 3, ओमेगा 6 होता है. ये फैटी एसिड कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है.
4. इसमें पाए जाने वाले फाइबर से पोस्ट मेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर होने का भय नहीं रहता.
5. अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है.
6. कम पोटैशियम और अधिक सोडियम लेवल के कारण हाइपरटेंशन की समस्या पैदा हो जाती है लेकिन अंजीर में पोटैशियम अधिक होता है और सोडियम कम होता है इसलिए ये हाइपरटेंशन की समस्या होने से बचाता है.
7. दो अंजीर को बीच से आधा काटकर एक ग्लास पानी में रात भर के लिए भिगो दें. सुबह उसका पानी पीने और अंजीर खाने से रक्त संचार बढ़ता है
Vikas Sharma
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Posted on 04 November 2012 by admin
प्रदेश की जनता को इससे निजात दिलायी जाये, इसे समूल नष्ट किया जाय। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने यह विचार अवन्तीबाई चिकित्सालय में नवजात शिशुओं को जिन्दगी के दो बून्द पिलाकर पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर मंत्री जी ने रवाना किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम प्रदेश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है तथा प्रदेश ने पोलियो उन्मूलन में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश में पोलियो उन्मूलन के लिए पिछले एक दशक से अनवरत प्रयास किये जा रहे हैं और अब प्रदेश पोलियो उन्मूलन की लक्ष्य प्राप्ति के बहुत करीब है। श्री हसन ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार पिछले 2 वर्ष 6 महीनों में से एक भी पोलियो का मामला प्रकाश में नहीं आया है तथा खतरनाक पी-1 प्रकार का कोई भी पोलियो केस पिछले 2 वर्ष 11 महीनों में नहीं पाया गया है, जो कि पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की वृहत सफलता का संकेत है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देश में पोलियो का कोई भी मामला न होने पर भी बाहर के देशों से पुनः पोलियो संक्रमण का खतरा बना हुआ है। अतः उत्तर प्रदेश सरकार इस अभूतपूर्व उपलब्धि को बनाये रखने के लिए पोलियो अभियानों में अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं आने देगी। राज्य एवं जनपद स्तर पर कार्यक्रम का सतत अनुश्रवण एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे कार्यक्रम की प्रगति का आकलन तथा कमियों को चिन्हित कर उन्हें दूर किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में सघन पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 3 करोड़ 82 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलायी जायेगी। इस कार्य के लिए 4 नवम्बर, 2012 को 1,09,434 बूथों पर 0-5 वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलायी जायेगी तथा 5 से 9 नवम्बर तक 62,445 टीमें घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को दवा पिलायेगीं। श्री अहमद हसन ने प्रदेश की समस्त जनता से अपील की है कि वह अपने सभी नवजात शिशुओं एवं 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को बूथ पर ले जाकर पोलियो की खुराक की 2 बूंद अवश्य पिलवायें, जिससे कि पोलियो की बीमारी को प्रदेश/देश में फैलने से रोका जा सके।
इस अवसर पर विशेष सचिव डा0 चिरंजी लाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डा0 रमा सिंह, महानिदेशक परिवार कल्याण डा0 एस.टी हुसैन तथा मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एस0एन0एस0यादव सहित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 October 2012 by admin
उत्तर प्रदेष के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने कहा है कि डा0 राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरणा लेकर हम सभी उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं। श्री हसन आज प्रात 9 बजे गोमती नगर स्थित डा0 राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में श्री लोहिया के निर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के पष्चात उपस्थित चिकित्सकों व कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गरीब जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना ही डा0 लोहिया के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या 3000 से बढ़कर 10,000 होने पर मंत्री जी ने संतोष व्यक्त किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस अस्पताल को एक आदर्ष अस्पताल बनाना होगा। सरकार की तरफ से बजट की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 01 करोड़ 25 लाख की लागत से डिजिटल एक्सरे मषीन लगायी जायेगी, जो अब तक किसी अस्पताल में नहीं लगी है। मंत्री जी ने नर्सिंग स्टाफ से अपेक्षा की कि वे निर्धारित से अधिक समय देकर तथा मृदुभाषी बनकर गरीब मरीजों की सेवा करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 October 2012 by admin
प्रदेष के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅं ने स्वाइन फ्लू की आषंका को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों को निर्देंष दिये हैं कि समस्त नगरीय क्षेत्रों में सघन सफाई अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा है कि समय-समय पर जिलाधिकारियों एवं उप जिला मजिस्ट्रेट औचक निरीक्षण कर इस अभियान को सफल बनायंे। नगर आयुक्त अपने क्षेत्र में नियमित निरीक्षण कर उत्कृष्ट सफाई व्यवस्था सुनिष्चित करायें। उन्होंने कहा कि इस काम में किसी प्रकार की कोताही बर्दाष्त नहीं की जायेगी।
नगर विकास मंत्री ने जिलाधिकारियों को इस बीमारी के रोकथाम हेतु नियमित रूप से नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अधिषासी अधिकारियों के द्वारा चलाये जा रहे अभियान की समीक्षा करने के निर्देंष भी दिये है। उन्होंने कहा है स्वाइन फ्लू के कैरियर पषुओं तथा सुअरों को क्वारनटाइन करने की कार्यवाही भी आवष्यकतानुसार सुनिष्चित की जाय एवं बीमारी की रोकथाम हेतु सभी आवष्यक उपाय सुनिष्चित किये जायंे।
इस संबंध में शासन की ओर से समस्त जिलाधिकारियों तथा समस्त नगर आयुक्तों को परिपत्र द्वारा भी निर्देंष दे दिये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 02 October 2012 by admin
1 अक्टूबर 2012 को किंग जार्ज चिकित्सा विष्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान के अवसर पर एक संगोष्ठी एवम् वृहद रक्तदान षिविर का आयोजन किया गया।
उक्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रोफेसर डी0के0 गुप्ता कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विष्वविद्यालय, श्री आषीष कुमार गोयल परियोजना निदेषक उ0प्र0 एड्स नियंत्रण सोसायटी लखनऊ, श्री अमित घोष मिषन निदेषक एन0आर0एच0एम0 उ0प्र0 शासन, डा0 एस0टी0हुसैन महानिदेषक परिवार कल्याण, उ0प्र0 शासन, डा0 रमा सिंह महानिदेषक चिकित्सा स्वास्थ्य उ0प्र0 शासन, उपस्थित थे।
डा0 आषोक शुक्ला संयुक्त सचिव, उ0प्र0 एड्स नियंत्रण सोसायटी, डा0 नरसिंह वर्मा एवम् डा0 तुलिका चन्द्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इस अवसर पर स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में कार्यरत राज्य की अग्रणी संस्थाओ को सम्मानित किया गया एवम् उनके कार्याे को सराहा गया।
जिन संस्थाओ को संम्मानित किया गया उनके नाम है,
राम स्वरूप मेमोरियल, इंजीनियरिंग कॅंालेज, लारसेन एण्ड टूब्रो, संत निरंकारी मण्डल, उदय वेलफेयर फाउण्डेषन, उ0प्र0 डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसियेषन, हरिओम सेवा केन्द्र, लायन्स क्लब, इण्टरनेषनल मण्डल, जार्जियन्स होप, सत्य साई सेवा समिति, रेड क्रास सोसायटी, इण्डियन आॅंयल कारपोरेषन, ईष्वर चाइल्ड वेलफेयर फाउण्डेषन, टाटा कन्सल्टेन्सी सर्विस,रिलायंन्स कम्युनिकेषन, एवम् भारत इन्फ्राटेल लिमिटेड।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 26 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा है कि प्रदेश की जनता को अच्छी चिकित्सा सुविधा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के समस्त चिकित्सकों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये गरीब जनता की सेवा में जुटना होगा। इसके लिये सरकार चिकित्सकों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। दवाओं को क्रय करने के लिये हमारे पास बजट की कमी नहीं है। श्री हसन आज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय स्थित सभाकक्ष में मुख्य चिकित्साधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्य चिकित्साधिकारियों को सचेत करते हुये कहा कि अपने अधीनस्थ चिकित्सकों के ऊपर कड़ी निगरानी रखें। चिकित्सक साफ सुथरा गाउन पहनें। समाजवादी एम्बुलेंस सेवा को प्रभावी बनाया जाये। किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान वाराणसी में कबीर चैरा स्थित चिकित्सालय की अव्यवस्था की जमकर आलोचना की, वहीं दूसरी ओर चन्दौली के चिकित्सक तथा मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ की प्रशंसा की। श्री हसन ने बताया कि एन0आर0एच0एम0 घोटाला एक बदनुमा दाग है। 22 डाक्टरों को निलम्बित किया जा चुका है। 100 चिकित्सकों को हम जेल भेजने वाले हैं।
इससे पूर्व विभाग के राज्यमंत्री श्री शंखलाल माझी ने बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव रखे। श्री माझी ने स्थानान्तरण नीति के पालन तथा नर्सिंग होम के नवीनीकरण पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नियंत्रण की जोरदार पैरवी की। राज्यमंत्री ने बताया कि आशा बहुओं को प्रशिक्षण देकर प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चिकित्सकीय भार कम किया जा सकता है।
बैठक में मिशन निदेशक श्री अमित घोष, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य डा0 विभा लाल, महानिदेशक परिवार कल्याण डा0 चिरंजीलाल भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 25 September 2012 by admin
आज मानसिक तनाव से कोई भी अछूता नही है। बच्चों से लेकर अभिभावक तक सभी तनाव में रहते है। रोगों का एकमात्र कारण मानसिक तनाव ही है। मधुमेह, रक्तचाप, जैसी बीमारियां मानसिक तनाव के कारण ही पनपती है। रोगों से मुक्त दिलाने में क्रिस्टल थेरापी कारगर साबित हो रही है। क्रिस्टल थेरापी को क्रिस्टल हीलिंग भी कहते है। इसमें प्राकृतिक क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है।हर क्रिस्टल की अलग-अलग विशेषता होती है। मनुष्य के शरीर में ऊर्जा क्षेत्र होता है। क्रिस्टल उस ऊर्जा को दूर करने में सक्षम है और मानसिक तनाव से राहत दिलाता है। क्रिस्टल और जेम्स स्टोन पर कई पुस्तकें भी लिखी गयी है। क्रिस्टल थेरापी को लेकर लोगों के नजरिए में दिनोंदिन बदलाव आ रहा है। शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने की जरूरत होती है और इसके लिए क्रिस्टल थेरापी सबसे मुफीद साबित हो रही है। क्रिस्टल थेरापी से कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता और यह पूरी तरह प्राकृतिक है। क्रिस्टल थेरापी से हर सूरत में लाभ ही मिलता है।
क्रिस्टल विशेषज्ञ डा़0 अनूप अग्रवाल का कहना है कि स्टोन यानी पत्थरों से करीब पाँच दर्जन रोगों को ठीक किया जा सकता है। इन पत्थरों का इतिहास बहुत पुराना है। यह पत्थर आपके दिल और दिमाग को मजबूती प्रदान करते है। हमारा शरीर सात चक्रो में बटा हुआ है । प्रत्येक चक्र कोई न कोई भावना लिए होता है। चक्र में गड़बड़ी के कारण ही हम बीमार होते है। क्रिस्टल समग्र चिकित्सा उपचार पर काम करता है। जैसेकि शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक।
डा0 अग्रवाल बताते है कि शोध से यह बात सामने आयी है कि हर तरह की समस्या के पीछे कोई न कोई मानसिक कारण जरूर होता है। क्रिस्टल थेरापी के माध्यम से उसी कारण का उपचार पत्थरों से किया जाता है। आज हम सब अपनी वस्तुओं के खोने से डरते है जबकि सभी जानते है कि अपना कुछ भी नही है। उस डर को दूर करने के लिए सभी कोई न कोई साधन खोजते फिरते है, फिर वो कोई ज्योतिष हो या कोई डाक्टर। हम सभी फिर उनके हिसाब से चलने लगते है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा तरीका चाहिए कि सब प्रसन्न हो और सब कुछ अच्छा हो। पर ऐसा नही होता क्योंकि अच्छा और बुरा कुछ नही होता। जो हमारे लिए अच्छा है वो दूसरे के लिए बुरा भी हो सकता है। अगर कोई अच्छे और बुरे की परिभाषा पूछे तो कोई जवाब नही दे सकता क्योकि अच्छा बुरा कुुछ नही होता वो तो सिर्फ हमारी पसंद होती है। अब अगर बुरे को अच्छे में बदलना है तो अपनी सोच बदल दो और देखे कि सब अच्छा हो गया है। पर ऐसा नही होता क्योकि हमारा दिमाग और दिल इन बातों को नही समझता।
हम जब इन पत्थरों का प्रयोग करते है। उससे हमारी सोच में परिवर्तन आ सकता है । आईए देखे कैसे? अगर आपने विक्रमादित्य की कहानी सुनी हो तो याद आ जायेगा कि किस तरह एक लड़का पत्थर पर बैठ कर सारे निर्णय कर लेता था। आज भी लोग पुखराज, नीलम, पन्ना आदि पहनते है जिससे हम किस्मत बनने की बात करते है। वो सब क्या है वो भी तो पत्थर है। एक अध्ययन में 288 किस्म के पत्थरों को खोजा गया और उनमे जो केमिकल थे उनका परीक्षण किया गया। उसके बाद उन सभी का प्रयोग किया गया और जो परिणाम आए उन सभी को जांचा-परखा गया।
अब प्रश्न ये उठता है कि इन पत्थरों से फायदा कैसे होगा? इन पत्थरों के अन्दर रसायन-खनिज होता है। हमारी खाल इन रसायन-खनिज को सोखती है और इन पत्थरों के अन्दर जो रसायन-खनिज होता है वो हमारे शरीर में पहुँच जाता है। सबसे ज्यादा खास बात यह है कि हमारा शरीर उतना ही रसायन-खनिज लेता है जितना उसे चाहिए होता है।
अगर कोई भी दवाई हम मुख से अन्दर लेते है तो उसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है पर इन पत्थरों से कोई भी नकारात्मक प्रभाव नही होता। कुछ पत्थर हमारे शरीर के साथ असर करते है तो कुछ वायु तथा वातावरण के अनुसार। अब जो पत्थर वायु के साथ असर करते है उन्हें हम घर में प्रयोग करते है जैसे पति पत्नी के बीच में सबंध सुधारने हो, बच्चो को याद नही रहता, बच्चें पढने नही बैठते, व्यापार नही चलता, काम होते होते रुक जाता है, नजर लग गई आदि ।
डा0 अग्रवाल का कहना है कि औरा (आभा) के बारे में सबने सुना है पर उसे कोई दिखा नही सकता। हम आधुनिक तकनीक के माध्यम से हर किसी का औरा दिखाते है और विस्तारपूर्वक विश्लेषण करके प्रत्येक चक्र की जानकारी देते है ।
हमारा शरीर सात चक्रो में बटा हुआ है। प्रत्येक चक्र कोई न कोई भावना लिए होता है। चक्र में गड़बड़ी के कारण ही हम बीमार होते है। जैसे-
1, आदत बुरी हो तो जीने का मजा खराब हो जाता है कारण
आप अपने डर से दूर भागते है और अपने डर का सामना नही कर सकते और आप अपने आप से प्यार नही करते ।
2 कही पर भी दर्द होना कारण
आप बहुत दिन से प्यार की कमी को महसूस करते है तथा किसी के प्यार की तलाश में है ।
3 रोगों का अतिक्रमण जो शरीर को हिला देता है कारण
आप अपनी शक्ति को नही पहचानते और आप किसी से बहुत नफरत करते है। आप को उस आदमी से बहुत ज्यादा चिढ़ होती है।
4 बेचेनी घबराहट और किसी भी काम में उत्सुकता के साथ साथ घबराहट होना कारण
आप को अपनी जिन्दगी पर विश्वास नही है ।जो हो रहा है उस पर आपका विश्वास नही है। जिस तरह से जिन्दगी चल रही है उस से आप संतुष्ट नही है ।
5 जोर्डो का दर्द घुटनों का दर्द, घुटनों की हड्डी घिस जाना कारण
आप को ऐसा लगता है की आप को कोई प्यार नही करता और सब आप से दूर भागते है। आप की उपेक्षा होती है और आप को नजर अंदाज करते है ।
6 कमर के ऊपर, नीचे तथा बीच में दर्द होना
आप अपने आर्थिक स्थिति से बहुत परेशान है। आप धन के बारे में बहुत सोचते है। आप अपनी पुरानी सोच पे अटकते है और आप उन सभी पुरानी बातों को भूल नही सकते जो आप को तंग करती रहेती है ।
यह तो कुछ है। इन पत्थरों से आप काफी फायदे ले सकते है। बस जरूरत है तो इन्हे अपनाने कि ।यह अपने आप में सम्पूर्ण नही है। इसको किसी भी थेरपी के साथ अपना सकते है ताकि परिणाम जल्दी आए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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