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खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिये प्रति इकाई 50 लाख रूपये की धनराशि 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम 5 वर्ष के लिये देगी

Posted on 29 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2012 के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिये प्रति इकाई 50 लाख रूपये की धनराशि 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम 5 वर्ष के लिये देगी।
यह जानकारी सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा0 रजनीश दुबे ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थापित होने वाली नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्लाण्ट, मशीनरी एवं स्पेयर पार्ट्स पर हुये व्यय हेतु बैंकों/वित्तीय संस्थानों से लिये गये ऋण पर यह सुविधा देगी। उन्होंने बताया कि उक्त सुविधाएं शासनादेश के निर्गत होने की तिथि से दिनांक 31 मार्च, 2017 तक अनुमन्य होगी तथा इस योजना का संचालन विभाग के अधीन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय द्वारा किया जायेगा।
डा0 दुबे ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाली इकाइयों में फल एवं सब्जी, पुष्प, मसाले, शहद, औषधीय एवं संगन्ध फसलें, मशरूम प्रसंस्करण, खाद्यान्न मिलिंग प्रसंस्करण, कृषि उत्पाद (मिल्क पाउडर, शिशु दुग्ध आहार, माल्टेड मिल्क फूड, कन्डेन्स्ड मिल्क, घी), डेयरी उत्पाद, पोल्ट्री और अण्डा, माॅंस तथा मांॅस उत्पाद एवं मछली प्रसंस्करण, डबलरोटी, तिलहन, भोजन (खाद्य) नाश्ता आहार, मिष्ठान (कोको एवं चाकलेट), माल्टेड एक्सट्रैक्ट, प्रोटीन आइसोलेट, अधिक प्रोटीन वाले खाद्य, वीनिंग फूड और एक्सट्रैक्टेड खाद्य उत्पाद, बीयर, गैर शीरा आधारित अल्कोहल पेय, वातित जल/शीतल पेय, आदि उद्योगों के लिये विशेष पैकेजिंग व्यवस्था की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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Global cooperation & Collaboration key to economic recovery – Hamid Ansari

Posted on 28 January 2013 by admin

Partnership is not an option, but imperative: Mr. Anand Sharma*
Regional and global partnerships key for a sustainable future: Anand Sharma

cii-partnership-summit-in-agra-2013“It is imperative that the world economies work in tandem to prepare a
roadmap for economic recovery, wherein they leverage each other’s strengths
and comparative advantages to create a new economic world order”,
emphasized *HE* *Mr Hamid Ansari*, Hon’ble Vice President of India while
inaugurating the 19th CII Partnership Summit organized by Confederation of
Indian Industry (CII) in association with the Ministry of Commerce and
Industry, Government of India and Uttar Pradesh as the Partner State.

“Innovation and creativity will play an important role in reviving growth
in the emerging economies for better utilization of the limited resources”,
Mr Ansari further added.

vice-president-hamid-ansari-cii-partnership-summit-in-agra-2013To address the challenges of poverty alleviation and socio-economic
development, Mr Ansari emphasized that “the challenge before us now is to
put back the Indian economy on high growth trajectory.  This is critical to
generate additional employment opportunities essential for achievement of
broader agenda of sustainable and inclusive growth”.

minister-anand-sharma-cii-partnership-summit-in-agra-2013*Mr Anand Sharma*, Minister of Commerce, Industry & Textiles, GoI & Summit
Chairman stressed that “Forging regional and global partnerships between
the developed, developing and emerging economies is the key to a
sustainable growth, secure the present and leave a legacy for a better
future”.

He however, expressed concern over the slow pace of economic recovery and
suggested to adapt the path of high growth. According to Mr. Sharma, “Youth
unemployment and unemployability is the biggest worry and within a decade,
there would be requirement for creating 600 million jobs globally.
Thankfully, National Manufacturing Policy ( NMP) would help to create 100
million skilled jobs within a decade, thereby helping to address the issue
of unemployment. We are really focused towards development of the
Manufacturing sector. Thrust towards manufacturing sector would not only
help raise share of manufacturing in India’s GDP, but would also make India
one of the manufacturing hub in the 21st century and help in employment
creation”. He added.

Elaborating upon the economic prospects of Uttar Pradesh, *Mr.  Akhilesh
Yadav,* Chief Minister of Uttar Pradesh, he assured to create enabling
policy regime to attract investment and a facilitating bureaucracy to help
industry. He reinforced that a thriving manufacturing sector can provide
alternative employment and would help to address the issue of regional
imbalance. In this context, he proposed to invest in product specific
industrial infrastructure and setting up national manufacturing investment
zones.
Referring to the theme of the Summit, *Mr. Adi Godrej,* President CII, and
Chairman, Godrej Group, in his opening remarks said that the theme rightly
recognizes the aspiration of attaining global growth through seeking global
partnerships. He added that, we are at a critical juncture when importance
of outward orientation and strategic reforms can not be underestimated.  In
anticipation of successful outcome of this Summit, he said that new ideas
and meaningful discussions would help to draw upon strategy to realize
objective of a more enduring and inclusive development.
Earlier, while giving welcome remarks, *Mr. Ajay S Shriram*, Vice
President,  CII, and Chairman & Senior Managing Director, DCM Shriram
Consolidated Limited, outlined the overall objective of the Partnership
Summit and stressed that that this platform present with the unique
opportunity to build new bridges of strategic partnerships.

Delivering the closing remarks, Mr. S Gopalakrishnan, President Designate,
CII, and Executive Co-Chairman, Infosys Limited, suggested to re-examine
the role of advanced and emerging countries, in the current scenario when
trade, investment and businesses are the main driving forces for growth.

The 19th CII Partnership Summit started today at the Historic city of Agra,
which is on till 29 January. The Summit would witness participation of 22
International Ministers, around 300 international delegates from USA,
Italy, Australia, Canada, Japan, Korea, Singapore, Slovenia, Russia, Saudi
Arabia, Netherlands, China, Pakistan etc. It would also have around 20
international speakers addressing from Australia, France, Singapore etc.
There would be 63 International Diplomats like Economic Counselors,
Ambassadors, High Commissioners & Commercial Counsellors.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश असीमित क्षमताओं वाला प्रदेश: मुख्यमंत्री

Posted on 28 January 2013 by admin

  • कृषि, गन्ना तथा दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी
  • वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भौगोलिक सीमाएं सिमट रही हैं: अखिलेश यादव
  • प्रदेश में नीतियों तथा कार्यक्रमों की ऐसी व्यवस्था होगी, जो निवेश को आकर्षित करेगी: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने आगरा में पार्टनरशिप समिट-2013 को सम्बोधित किया

up-cm-akhilesh-yadav-cii-partnership-summit-in-agra-2013ग्लोबल पार्टनरशिप फार इन्ड्योरिंग ग्रोथ की थीम पर आधारित दो दिवसीय पार्टनरशिप समिट-2013 का शुभारम्भ आज आगरा के जेपी पैलेस होटल में हुआ। औद्योगिक नीति और प्रोत्साहन विभाग भारत सरकार, कन्फीडरेशन आॅफ इण्डियन इन्डस्ट्री
(सी.आई.आई.) और उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समिट में उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी, केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं टेक्सटाइल मंत्री श्री आनंद शर्मा तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव सहित मशहूर औद्योगिक हस्तियों ने भाग लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने समिट को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस सम्मेलन की थीम ग्लोबल पार्टनरशिप फार इन्ड्योरिंग ग्रोथ वर्तमान समय के हिसाब से तर्कसंगत है और पूरे विश्व में निर्बाध व्यापार एवं वाणिज्यिक गतिविधियां होना आज की सच्चाई और आवश्यकता है। उन्होंने इस अवसर पर ताज नगरी में पधारे सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए केन्द्र सरकार को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उसने इस तरह के महत्वपूर्ण समिट के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश को चुना। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में इस तरह का यह पहला सम्मेलन है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों का ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि अब इस राज्य में बदलाव की हवा चल रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 20 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यह असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश है। यह प्रदेश न केवल वाणिज्यिक एवं औद्योगिक मौके उपलब्ध कराता है, बल्कि यहां पर एक बड़ी बाजार भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि, गन्ना तथा दुग्ध उत्पादन में पूरे देश में अग्रणी है। साथ ही, यहां बड़ी संख्या में औद्योगिक केन्द्र, बड़ी औद्योगिक टाउनशिप्स जैसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा हैं, जहां सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के रूप में फल-फूल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के वैश्वीकरण के युग में सरहदें सिमट रही हैं और हम एक एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में एकीकरण के फायदे-नुकसान भी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में हमारा अंशदान दो प्रतिशत है, जो कि कम है। परन्तु पिछले दशक के अंशदान 0.7 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि भारतीय मल्टीनेशनल्स के काॅर्पोरेट प्राफिट्स का 10 प्रतिशत उनकी विदेशी गतिविधियों से मिलता है, परन्तु अभी अर्थव्यवस्था में और सुधार की आवश्यकता है।
up-cm-akhilesh-yadav-cii-partnership-summit-in-agraमुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्वीकरण से जहां एक ओर देश को मदद मिली, वहीं पिछले पांच वर्षों से चल रही मंदी के दुष्प्रभाव भी देश को झेलने पड़े। इसका यह मतलब है कि हम दूसरों की प्रगति के साथ ही प्रगति कर सकते हैं। इसके लिए हमें साझेदारियों की आवश्यकता होगी। इस दृष्टिकोण से इस समिट का विशेष महत्व है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के आर्थिक ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि हम नीतियों और योजनाओं की ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जिससे आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। राज्य की नौकरशाही को उद्योगों तथा निवेशकों का मददगार बनाया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं के क्षेत्र में निवेश करने की योजना पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 16,000 मेगावाॅट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली-मुम्बई इन्डस्ट्रियल काॅरीडोर तथा ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर जैसे प्रोजेक्ट्स को भारत सरकार की सहायता से तेजी से आगे बढ़ाएगी। साथ ही, प्रदेश के कृषकों को खुशहाल बनाने के लिए राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर, जिसमें चीनी सम्मिलित है, को बढ़ावा देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्विसेज सेक्टर, विशेष कर आई0टी0 तथा आई0टी0ई0एस0 में राज्य अपनी क्षमताओं को भुनाएगा। साथ ही, बड़ी जनसंख्या का लाभ उठाने के उद्देश्य से हमें अधिकाधिक लोगों के कौशल विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा। इस दृष्टि से ‘स्किल डेवलपमेंट मिशन’ हमारी प्राथमिकता होगी।
अंत में मुख्यमंत्री ने देश एवं विदेश से आए प्रतिनिधियों का पुनः धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें निवेश कर प्रदेश के विकास में सहभागी बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्र सरकार भी इस दिशा में अपना हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
इससे पूर्व अपने उद्घाटन उद्बोधन में उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता का माहौल है, ऐसे में इससे निपटने के समाधान खोजने हेतु यह सम्मेलन स्वागत योग्य प्रयास है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री श्री आनंद शर्मा ने भी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। उन्होंने इस भव्य आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में हो रहे ‘टेक्नोलाॅजी एक्सप्लोजन’ से पता चलता है कि भारत मानव संसाधन में निवेश कर विश्व को उत्कृष्ट कोटि की मानव शक्ति उपलब्ध करा सकता है। समिट को सी0आई0आई0 के अध्यक्ष श्री आदि गोदरेज तथा उपाध्यक्ष श्री अजय एस श्रीराम ने भी सम्बोधित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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श्री एस. एस. मूद्ड़ा नें बैंक ऑफ बड़ौदा के सी. एम. डी. (अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक) का पदभार संभाला

Posted on 25 January 2013 by admin

श्री एस. एस. मूद्ड़ा नें भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुरुप दिनांक 22/01/2013 को अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक का पदभार संभाल लिया. वह अब तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कार्यकारी निदेशक के रुप में कार्यरत थे. यूनियन बैंक में कार्यकारी निदेशक बनने से पूर्व वह बैंक ऑफ बड़ौदा में महाप्रबन्धक के पद पर कार्यरत थे.
श्री मूद्ड़ा नें 1977 में बैंक ऑफ बड़ौदा में परिबीक्षा अधिकारी के रुप में सेवा ग्रहण की थी. उनका तीन दशकों का शानदार कैरियर रहा है. उन्होंनें बैंक में घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय परिचालन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया तथा महाप्रबन्धक के पद तक पहुंचे.
श्री मूद्ड़ा का ट्रेजरी, अंतर्राष्ट्रीय परिचालन, ऋण जैसे क्षेत्रों में कार्य करने का वृहद अनुभव है. उन्होंनें महाराष्ट्र एवं गोवा अंचल में अंचल प्रमुख के पद पर कार्य किया. उन्होंनें बैंक के यू.के. परिचालन का -3- वर्षों तक कार्यभार संचालित किया. बोर्ड प्रबन्धन, निवेशक प्रबन्धन, पूंजी पर्याप्तता प्रबन्धन के क्षेत्र में उन्हें महारत प्राप्त है.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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नोकिया लाए हैं ज्यादा तेज, ज्यादा किफायती इंटरनेट अनुभव के लिए नोकिया 114 ड्युअल सिम

Posted on 19 January 2013 by admin

ऽ    अगले एक अरब ग्राहकों को सूचना और इंटरनेट से जोड़ने की रणनीति को हकीकत में बदलने के लिए नोकिया 114 पेश
ऽ    नोकिया की अनोखी ईजी स्वैप टेकनोलाॅजी के कारण उपभोक्ता फोन को बिना बंद किए एक सिम से दूसरे सिम में जाने में समर्थ
नोकिया इंडिया ने आज नोकिया 114 बाजार में उतारा क्योंकि यह अगले एक अरब ग्राहकों को इंटरनेट से जोड़ने की रणनीति पर अमल करने में जी-जान से जुटा है। यह युवा वर्ग और हाइपर सोशल उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए  डिजाइन किया गया है जो फास्ट और किफायती आॅनलाइन अनुभव का आनंद लेना चाहते हैं। यह फोन नए, क्लाउड-एक्सेलरेटिड नोकिया एक्सप्रेस ब्राउजर के साथ उपलब्ध है इसलिए आप 85 प्रतिशत ज्यादा असरदार मोबाइल ब्राउजिंग का आनंद ले सकते हैं।
नोकिया 114 होम स्क्रीन से सीधे फेसबुक और ट्विटर एक्सेस करने की सुविधा के साथ समूचे सोशल नेटवर्क से संवाद करने के लिए बेहतरीन फोन है। यह डिवाइस स्टाइलिश, मेटालिक की मैट के साथ आता है जिसमें आसानी से टाइपिंग के लिए काफी जगह है। नोकिया 114 की कीमत 2,549/- रुपये है।
नोकिया 114 को बाजार में उतारने के अवसर पर नोकिया इंडिया के सेल्स निदेशक वी. रामनाथ ने कहा, ” नया नोकिया 114 ऐसो हाइपर-सोशल ग्राहकों को शानदार और किफायती ब्राउजिंग अनुभव देता है जो चुटकी बजाते ही फेसबुक और ट्विटर एक्सेस करना चाहते हैं तथा इसके साथ ही चलते-फिरते भी इंटरनेट से कनेक्ट रहना चाहते हैं। यह अनोखा डिवाइस नोकिया एक्सप्रेस ब्राउजर के कारण ज्यादा तेज इंटरनेट एक्सेस के जरिए 24-7 कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है। इसलिए इस कीमत पर भी आप बेहतरीन इंटरनेट अनुभव का लुत्फ उठा सकते हैं।  ”
दिन-रात मनोरंजन के लिए उत्तम
ऽ    नोकिया 114 की बैटरी ज्यादा लंबे समय तक चलती है। यह 10 घंटे तक काम करती है और लगभग एक महीने का स्टैंडबाई समय है। इसका मतलब है कि उपभोक्ता दिन पर कनेक्ट रहकर मनोरंजन का लुत्फ ले सकते हैं।
ऽ    इस डिवाइस में अपलोडिंग कंटेंट के दौरान बहुत कम डाटा खपत के साथ सोशल नेटवर्किंग के लिए श्रेष्ठ कैमरा भी उपलब्ध है। यह शार्प और क्लीयर पिक्चर लेने में सक्षम है और 32 जीबी बाहरी मेमॅरी तक सपोर्ट करता है जो 90,000 से अधिक पिक्चर या 6000 गाने स्टोर करने के लिए काफी है। इसका उन्नत कैमरा यूजर्स को दोस्तों के फोटो खींचने और इन्हें पर्सनलाइज्ड कंटैक्ट लिस्ट के लिए इस्तेमाल करने या सोशल नेटवर्क और ब्लूटूथ के जरिए शेयर करने की सुविधा देता है।
ऽ    उपभोक्ता अपने पसंदीदा रेडियो स्टेशन का भी आनंद ले सकते हैं और ब्लूटूथ के जरिए अपने पसंदीदा कंटेंट को दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं।
ऽ    नोकिया 114 में शब्दकोश, डिजिटल क्लाॅक, आॅडियो रिकार्डर और कैलकुलेटर जैसी निजी जानकारी की व्यवस्था के साथ प्री-लोडेड खूबियां भी हैं। यही नहीं इसमें नोकिया स्टोर के जरिए कई दिलचस्प गेम्स और एप्लिकेशन्स का आनंद भी लिया जा सकता है।
ड्युअल सिम क्षमता
नोकिया 114 ड्युअल सिम फोन है जिसमें नोकिया की अनोखी और उद्योग की अग्रणी ईजी स्वैप टेकनोलाॅजी की खूबी मौजूद है। इसलिए उपभोक्ता बैटरी निकाले बिना या फोन को बंद किए बिना चुटकियों में एक सिम से दूसरे सिम में जा सकते हैं। ईजी स्वैप टेकनोलाॅजी पांच अलग-अलग सिम कार्ड तक पर्सनलाइज और याद रख सकती है और उपभोक्ता का अपने मोबाइल बिल पर पूरा नियंत्रण रहता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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डीटीएच बना सब की पसंद

Posted on 18 January 2013 by admin

अभी तक हमें घरेलू मनोरंजन का आनंद उठाने के लिये कोई विशेष दिमाग लगाने की जरुरत नहीं पड़ती थी। एक तरफ हमारे सामने डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा का विकल्प था, जिसमें डिजिटल पिक्चर और उत्कृष्ट साउंड क्वाॅलिटी प्राप्त होती थी, यह सुविधा हमें अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार चैनल्स को चयन करने की सहूलियत प्रदान करती थी। इसके तहत हम सिर्फ उतना ही भुगतान करते थे, जितना हम देखते थे। इसके अतिरिक्त हमें वीडियो-आॅन डिमांड, गेमिंग, अग्रणी टेम्पल दर्शन, व्यजंन बनाने की विधियां तथा ऐडूटेनमेंट जैसी अनूठी खोजपरक सेवायें भी उपलब्ध होती थीं। वहीं, दूसरी तरफ हम एनालाॅग केबल टेलीविजन का विकल्प भी स्वीकार कर सकते थे, जिसमें खराब पिक्चर और साउंड क्वाॅलिटी के साथ आपको न चाहते हुये भी ढ़ेर सारे चैनल्स का पुलिंदा परोसा जाता था, जिसे आप कभी नहीं देखते थे, लेकिन उसका भुगतान करते रहते थे।

अब डिजिटीकरण के नये फैसले के साथ आपको अगले तीन माह में डिजिटल सेट टाॅप बाॅक्स (एसटीबी) के किसी न किसी स्वरुप को अपने टेलीविजन सेट्स में कनेक्ट करना पड़ेगा, क्योंकि आपका मौजूदा एनालाॅग केबल नेटवर्क प्रतिबंंिधत हो जायेगा। अब आप के सामने दो प्रकार का विकल्प होगा-या तो आप डीटीएच आॅपरेटर के डिश एंटिना से लिंक्ड एसटीबी का इस्तेमाल करें या फिर मौजूदा केबल के तार जो आपके घरों में स्थानीय केवल आॅपरेटर द्वारा लगाये गये हैं, उसके जरिये एसटीबी को लिंक करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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तनिष्क ने की डायमंड ज्यूलरी भारी छूट की पेषकष

Posted on 08 January 2013 by admin

तनिष्क की सभी डायमंड ज्यूलरी पर पाएं 20 फीसदी तक की छूट और 2 लाख रु या उससे ज्यादा मूल्य की सिंगल डायमंड ज्यूलरी पर पूरे 20 फीसदी छूट
यह आॅफर 6 जनवरी से 28 फरवरी, 2013 तक उपलब्ध

pendantभारत की सबसे पसंदीदा ज्यूलरी ब्रांड तनिष्क ने आज अपनी डायमंड ज्वैलरी की व्यापक श्रृंखला पर आकर्षक छूट की घोषणा की है। 6 जनवरी से 28 फरवरी के बीच ग्राहक देश भर में तनिष्क के किसी भी स्टोर से डायमंड ज्यूलरी खरीदने पर पा सकते हैं 20 फीसदी तक की छूट। इसके अलावा 2 लाख या उससे ज्यादा मूल्य की सिंगल डायमंड ज्यूलरी पर फ्लैट 20 फीसदी छूट भी दी जा रही है।

इस आॅफर के बारे में तनिष्क के उपाध्यक्ष (रिटेल एवं मार्केटिंग ) श्री संदीप कुलहाली ने कहा, ’’हमारी डायमंड एक्टिवेशन आॅफर ग्राहकों को ज्यूलरी खरीदने का बेहतरीन कारण देगी। इस आॅफर अवधि के दौरान कई अवसर आएंगे। चाहे वह शादी-ब्याह का मौसम हो, संक्रांति और वैलेंटाइन डे हो, हमारे पास हर अवसर व कारण के लिए डायमंड उपलब्ध हैं। हमें पूरा भरोसा है कि यह आॅफर ग्राहकों की किफायती, अच्छी गुणवत्ता और तनिष्क के प्रमाणन वाली डायमंड ज्वैलरी खरीदने की इच्छा को पूरी करने में मदद करेगा।‘‘

विभिन्न अवसरों के लिए विभिन्न ज्यूलरी रखने की ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तनिष्क ने पेश की है पारंपरिक और आधुनिक डिजाइन के संयोजन वाली ज्वैलरी। डायमंड कलेक्शन श्रृंखला में रोजाना और कार्यालय में पहनने वाले गहनों से लेकर विभिन्न पैटर्न और आधुनिक डिजाइन वाली जोरदार आभूशण भी उपलब्ध हैं। चुनिंदा कलेक्शन में शामिल है डायमंड आॅफ क्लास- अलग अपील और स्टाइल के लिए ज्यादा कीमत वाली डायमंड ज्वैलरी में विषिश्ट तरीके से तराषे गए डिजाइन; आरिया- फूल के डिजाइन पर 18 कैरट सोने में बना सात स्टोन डायमंड का कलेक्षन; मिया - कामकाजी महिलाओं के लिए विषिश्ट ज्यूलरी और अफोर्डेबल डायमंड्स- इसके तहत 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक कीमत की डायमंड ज्यूलरी की व्यापक श्रृंखला।

तनिश्क के बारे में
टाटा समूह की तनिश्क ज्यूलरी श्रेश्ठ कलाकारी, विषिश्ट डिजाइनों और षुद्धता की गारंटी का दूसरा नाम है। उसने अपने लिए गर्वीला स्थान बनाया है और यह देष की ऐसी एकमात्र ब्रांड है जो भारतीय महिलाओं के मन को समझने की कोषिष करती है तथा उन्हें ऐसे आभूशण उपलब्ध कराती है जो आधुनिक भी हों और परम्परागत भी।

भारत के एकमात्र राश्ट्रीय ज्यूलर तनिश्क 5000 से अधिक पारंपरिक, पष्चिमी तथा फ्यूज़न लुक के सोने एवं नगों के जड़ाऊ आभूशणों (22 एवं 18 कैरेट सोने से निर्मित) की पेषकष करता है। इन आभूशणों का निर्माण अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से पूर्ण रूप से एकीकृत निर्माण इकाइयों में किया जाता है। तनिश्क की खुदरा श्रंखला में वर्तमान में 83 षहरों में 143 एक्सक्लूसिव बुटिक षामिल हैं और इस तरह यह भारत की पहली और सबसे बड़ी रिटेल श्रंखला है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बैंकिंग सेवाओं को लगभग 50 लाख लोगों तक पहुंचाया है

Posted on 28 December 2012 by admin

भारत की सबसे बड़ी बिजनेस करेेसपोंडेंट (बीसी) सेवा प्रदाता कंपनी फीनो पेटैक लिमिटेड ने उत्तर प्रदेष में बैंकिंग सेवाओं को लगभग 50 लाख लोगों तक पहुंचाया है। इस अग्रणी बीसी कंपनी ने बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया है। 2007 में इस परियोजना के षुरू होने के बाद से अब तक 50 जिलों की 20000 से अधिक ग्राम पंचायतों के 50 लाख से अधिक लोग फीनो पेटैक द्वारा मुहैया करायी जा रही षाखाहीन बैंकिंग सेवाओं से लाभान्वित हो चुके हैं। इस सेवा ने उत्तर प्रदेष के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलकर रख दी है। लोग अब उस दौर को पीछे छोड़ आए हैं जब उन्होंने बैंक नाम की चीज सुनी भी नहीं थी।

फीनो पेटैक बैंक आॅफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, पूर्वांचल ग्रामीण बैंक, ओरिएंटल बैंक आॅफ काॅमर्स, पंजाब नेषनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के साथ मिलकर इन जिलों मंे अपनी सेवाएं दे रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2006 में भारतीय रिजर्व बैंक के दिषानिर्देषों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मंे व्यापक स्तर पर लोगों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने के लिए कई नियमों मंे ढील दी गयी थी। आरबीआई ने बैंकों को ग्रामीण उपभोक्ताओं को कम से कम चार सेवाएं-बचत, ऋण, रेमिटेंस और बीमा अनिवार्य रूप से देने का आदेष दिया था। अब उत्तर प्रदेष के निवासी फिंगर प्रिंट बायोमीट्रिक पहचान पर आधारित स्मार्ट कार्ड के माध्यम से बचत और लेनदेन करने में सक्षम बन गए हैं।

2400 फीनो पेटैक बंधुओं की मदद से हर महीने औसतन आठ लाख रुपए की बचत हो रही है और दो करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हो रहा है। इस तरह पैसा अब औपचारिक बैंकिंग माध्यम से एक हाथ से दूसरे हाथ में जा रहा है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों मंे भारी बदलाव आ रहा है।

आषीश आहूजा, उपाध्यक्ष, फीनो पेटैक लिमिटेड ने कहा ‘‘किसी भी देष या परिवार के सर्वांगीण विकास के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बहुत अहम है। अपने टैक्नोलाॅजी प्लेटफाॅर्म और एजेंट नेटवर्क के माध्यम से फीनो पेटैक ने उत्तर प्रदेष के 50 जिलों में दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को भरोसेमंद बैंकिग सेवा मुहैया कराई है। इस क्रांति में समय लगा है और हमारे बंधुओं ने लोगों में भरोसा जगाने और बैंक खातों मंे बचत का आदत डालने में अहम भूमिका निभाई है। अभी तक जो 50 लाख खाते खोले गए हैं उनमें से 80 प्रतिषत बचत खाते हैं जबकि बाकी मंे नरेगा मजदूरी और पेंषन से जुडे़ खाते हैं। लघु बचतों सेे परिवार की वित्तीय सेहत को बदलने के लिए काफी मदद मिलती है।‘‘

उन्होंने कहा ‘‘वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता और लाभों के बारे में जागरुकता पैदा करना बहुत जरूरी है और फीनो पेटैक का एजेंट नेटवर्क उपभोक्ताओं के साथ लगातार संपर्क स्थापित करके अपनी तरफ से उन्हें जागरूक बनाने मंे पूरा प्रयास कर रहा है। यहां तक कि हमने कुछ गांवों मंे अपने बंधुओं के मकानों पर विज्ञापन चस्पा किए हैं। हालांकि अभी लंबा रास्ता तय किया जाना है लेकिन यह उत्साहजनक बात है कि उत्तर प्रदेष के 50 लाख लोगों ने बैंक में बचत की अहमियत और फायदों को समझा है।‘‘

ग्रामीणों के लिए जल्द ही रिकरिंग डिपाॅजिट (आरडी) और ओवरडाफ्ट सेवाएं भी जल्द ही षुरू होने की उम्मीद है। फीनो पेटैक द्वारा मुहैया कराए गए बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड खाताधारकों के लिए पासबुक और एटीएम का काम करते हैं।  2400 फीनो पेटैक बंधुओं की सषक्त टीम उत्तर प्रदेष में 50 लाख लोगों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग और वित्तीय सुविधा मुहैया करा रही है और इस तरह उन्हें बैंकिंग क्षेत्र के दायरे में ला रही है।‘‘

बचत बैंक खातों के अलावा फीनो पेटैक लघु बीमा पाॅलिसी भी मुहैया कराती है। इस स्कीम के तहत किसी भी ग्रामीण गरीब का मामूली वार्शिक प्रीमियम पर एक लाख रुपए का दुर्घटना मृत्यु बीमा कराया जाता है। लघु बीमा से परिवार को काफी वित्तीय राहत मिलती है और वे कर्ज के जाल में फंसने से बच जाएंगे। पाॅलिसी के लिए कोई झंझट नहीं है और न ही किसी तरह की स्वास्थ्य जांच की जरूरत है। बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर दावों का तत्काल और बिना किसी झंझट के टैक्नोलाॅजी की मदद से निपटारा किया जाता है। फीनो ने 2009 में इस योजना को षुरू किया था और अब तक उत्तर प्रदेष में ऐसे 38 दावों का निपटारा किया है जबकि देषभर में 124 मामले निपटाए गए हैं।

फीनो पेटैक ने यूटिलिटी बिल भुगतान, मोबाइल और डीटीएच रीचार्ज, रेल टिकटों की बुकिंग जैसी कई महत्वपूर्ण मूल्य वर्धित सेवाओं के माध्यम से वित्तीय सषक्तिकरण को मजबूत बनाया है।

फीनो पेटैक की बचत बैंक खाता, लघु बीमा और अन्य सेवाएं प्रदेष के अधिकांष जिलों में उपलब्ध हैं। अलबत्ता, जौनपुर, आज़मगढ़ और बलिया जि़लों मंे कंपनी के सर्वाधिक उपभोक्ता हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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ऋण वितरण शिविर में 151 करोड़ रूपये विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वितरित किया

Posted on 27 December 2012 by admin

यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया ने यहां निरालानगर स्थित एक लाॅन में आयोजित ऋण वितरण शिविर में 151 करोड़ रूपये विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वितरित किया। इस मौके पर बैंक के कार्यपालक निदेशक एस0एस0 मूंदड़ा ने वित्तीय समावेशन के अन्तर्गत भारतीय माइक्रो क्रेडिट और अमेरिकन इण्डिया फाउण्डेशन के सहयोग से 351 रिक्शा चालकों को बैंक द्वारा वित्त पोषित रिक्शे भी प्रदान किये। इसके अलावा बैंक ने लघु उद्योगों, कृषि एवं खुदरा क्षेत्र को भी ऋण वितरित किये। इस कार्यक्रम में बैंक के जीएम बी0पी0 डिमरी, सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ हुये ऋण वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुये बैंक के कार्यपालक निदेशक एस0एस0 मूंदड़ा ने मौजूद रिक्शा चालकों से कहा कि बैंक छोटे-छोटे से लोगों को ऋण देता रहा है और भविष्य में भी देता रहेगा, लेकिन इसके लिये आपको भी जिम्मेदारी के साथ यह सुनिश्चित करना होगा, लिया गया ऋण समय पर चुकता करें, ताकि बैंक हमेशा आपके उत्थान में आगे खड़ा रहे। लगभग डेढ़ हजार ग्राहकों की मौजूदगी में श्री मूंदड़ा ने कहा कि काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के निर्वहन के अनुपालन में बैंक द्वारा समाज के कमजोर एवं निर्धन वर्गो के उत्थान के लिये सक्रिय प्रयास कर किये जा रहे है। यह ऋण शिविर भी उसी से संबधित प्रयासों की एक कड़ी है। बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त उत्तरदायित्व वाले समूहों, व्हाईट कार्डों, किसान क्रेडिट कार्डों, कृषि ऋणों के माध्यम से आर्थिक कमजोर वर्गों को सक्षम बनाने के प्रयास किये जा रहे है। शिविर में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये श्री मूंदड़ा ने बताया कि यूनियन बैंक न केवल कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है बल्कि प्रदेश में आर सेटी के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। व्यवसायिक प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित युवाओं को अपना रोजगार स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता का प्रावधान भी बैंक में है। वर्ष 2006 से रिक्शा संघ का कार्य कर रही अमेरिकन इण्डिया फाउण्डेशन के निदेशक हनुमंत रावत, भारतीय माइक्रो क्रेडिट के प्रबन्ध निदेशक विजय कुमार पाण्डेय सहित कई लोग मौजूद थे। इस शिविर का मुख्य आकर्षक का केन्द्र सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रहा जिसे शिविर में ऋण लेने आये रिक्शा चालकों एवं अन्य ग्राहकों को मोह रहा था। इस कार्यक्रम को इलाहाबाद के कंचन सिंह के दल द्वारा प्रस्तुत किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नई दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर एवं मुम्बई में भी खुलेंगे प्रदर्ष-सह विपणन केन्द्र

Posted on 24 December 2012 by admin

उत्तर प्रदेष के लघु एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने कहा कि देष के कुल हस्तषिल्प उत्पादन में उ0प्र0 का योगदान लगभग 60 प्रतिषत है। हस्तषिल्प क्षेत्र असंगठित होने के कारण उत्पादों के डिजाइन, विकास व विपणन आदि में हस्तषिल्पियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, अधिकांष हस्तषिल्पी पूॅजी के अभाव के कारण जाब वर्क तक ही सीमित रह जाते हैं। कला का वास्तविक लाभ जो हस्तषिल्पियों को मिलना चाहिए उसका कुछ भाग बिचैलियों को चला जाता है। हस्तषिल्पियों को उनके कौषल का उचित मूल्य दिलाने एवं हस्तषिल्प क्षेत्र के उत्पादों की डिजाइन आधुनिक बाजार मांग के अनुसार विकसित किये जाने की दृष्टि से प्रदर्ष-सह विपणन योजना उ0प्र0 हस्तषिल्प विकास एवं विपणन निगम लि0 द्वारा लागू की गई है।
श्री गंगवार ने यह बात आज यहाॅं गंगोत्री यू0 पी0 गवर्नमेन्ट इम्पोरियम हल्वासिया मार्केट लखनऊ में उत्तर प्रदेष हैण्डी क्राफ्ट्स डेवलपमेन्ट एण्ड मार्केटिंग कारपोरेषन लि0 के तत्वावधान मे आयोजित ‘‘प्रदर्ष सह-विपणन योजना’’ का शुभारम्भ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि असंगठित हस्तषिल्प क्षेत्र हेतु राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की मांग की अद्यतन स्थिति की जानकारी करना, बाजार मांग के अनुसार हस्तषिल्प की नयी डिजाइनों को विकसित करना, उपभोक्ताओं/ग्राहकों की अभिरूचि के अनुसार षिल्पियों से उत्पादन कराना, हस्तषिल्पियों को नये-नये डिजाइन एवं उत्पादों की जानकारी एवं प्रषिक्षण उपलब्ध कराना, बाजार की प्रतिस्पर्धात्मक परिस्थितियों के दृष्टिगत लागत मूल्य में कमी लाना एवं हस्तषिल्पियों को बाजार की गतिविधियों से अवगत कराने हेतु अन्य संबंधित हस्तषिल्प क्षेत्रों के कुषल कारीगरों से जानकारी उपलब्ध कराना इस योजना के मुख्य उद्देष्य है।
श्री गंगवार ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत हस्तषिल्प क्षेत्र में नवीन डिजाइनों का समावेष करने के उद्देष्य से विभिन्न क्षेत्र के हस्तषिल्पियों को निगम में पंजीकृत किया जाता है। इसमें पुरस्कृत हस्तषिल्पियों/कारीगरों को वरीयता दी जाती है। योजना के तहत 80 प्रतिषत हस्तषिल्पी उत्तर प्रदेष से पंजीकृत किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हस्तषिल्प के उत्कृष्ट डिजाइनों के निरन्तर विकास हेतु भारत सरकार से अनुमोदित सूची में डिजाइनरों का एक पैनल गठित किया जा रहा है, जो आधुनिक/प्रचलित बाजार मांग के अनुसार नये डिजाइन विकसित करके निगम को उपलब्ध करायेगा जिसके अनुसार हस्तषिल्पियों द्वारा नये सामानों का उत्पादन कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि निगम के प्रबन्ध निदेषक की अध्यक्षता में देष के लब्ध प्रतिष्ठ फैषन डिजाइनर, मार्केटिंग विषेषज्ञों का एक एडवाइजरी पैनल भी गठित किया जायेगा, जो समय-समय पर अपनी सेवायें उपलब्ध करायेगा। निगम के सभी प्रदर्षनकक्षों को कम्प्युटरीकृत किया जा रहा है, जिसका शुभारम्भ आज गंगोत्री हजरतगंज, लखनऊ प्रदर्षनकक्ष से किया गया है, जिसके अन्तर्गत उत्पादों पर बारकोड लगाकर विक्रय किया जाना, कम्प्यूटर द्वारा आनलाइन कैष मैमो जारी किया जाना एवं समस्त स्टाक आदि का लेखा-जोखा कम्प्यूटर पर रखा जाना सम्मिलित है, जिसके फलस्वरूप लखनऊ स्थित मुख्यालय स्तर से ही प्रदर्षनकक्ष की सम्पूर्ण गतिविधियों पर कुषल नियंत्रण रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा समय-समय पर आयोजित प्रदर्षनियों के माध्यम से भी इन उत्पादों का विक्रय किया जायेगा। प्रदर्ष सह विपणन योजना में 1000 हस्तषिल्पियों को पंजीकृत करके इस वित्तीय वर्ष 2012-13 में लगभग रू0 50.00 लाख मूल्य के सामानों की बिक्री किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन प्रमुख सचिव श्री मुकुल सिंघल ने कहा कि इस योजना के लागू होने से प्रदेष के हस्तषिल्पियों को जहाॅ एक ओर उनके उत्पादित माल के विक्रय हेतु एक सुगम प्लेटफार्म उपलब्ध होगा वहीं दूसरी ओर उनके कौषल विकास, कार्यषीलपूॅंजी व्यवस्था और नये डिजाइन विकसित करने का अवसर मिलेगा जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय बाजार के अलाव अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी हस्तषिल्प के उत्पादों की मांग बढे़गी। उन्होंने बताया कि हस्तषिल्पियों/कारीगरों का माल जिस दिन निगम के गंगोत्री प्रदर्षन कक्ष में प्राप्त होगा उसी दिन उस माल के देय मूल्य की 50 प्रतिषत राषि उनके खाते में स्थानान्तरित कर दी जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत चिकन, वुड-क्राफ्ट, जरी-क्राफ्ट, ब्रासवेयर, साडि़याॅ एवं अन्य क्राफ्ट की बिक्री की जायेगी।
श्री मुकुल सिंघल ने कहा कि नई दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर एवं मुम्बई में भी प्रदर्ष-सह केन्द्र खोले जायेंगे। प्रत्येक प्रदर्षन कक्ष हेतु हस्तषिल्प का चयन वहाॅ की स्थानीय मांग को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। अभी तक 88 हस्तषिल्पियों को पंजीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हस्तषिल्पियों के अलावा आम नागरिकों को भी उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता के सामान उपलब्ध होंगे, क्योंकि समस्त सामान निगम के अधिकारियों के पर्यवेक्षण में तैयार कराया जा रहा है। विस्तृत लागत गणना के उपरान्त उनके मूल्य निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्ष-सह-विपणन योजना एकीकृत हस्तषिल्प विकास योजना के रूप में लायी गई है जो प्रदेष के हस्तषिल्प के विकास में सहायक होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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