उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2012 के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिये प्रति इकाई 50 लाख रूपये की धनराशि 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम 5 वर्ष के लिये देगी।
यह जानकारी सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा0 रजनीश दुबे ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थापित होने वाली नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्लाण्ट, मशीनरी एवं स्पेयर पार्ट्स पर हुये व्यय हेतु बैंकों/वित्तीय संस्थानों से लिये गये ऋण पर यह सुविधा देगी। उन्होंने बताया कि उक्त सुविधाएं शासनादेश के निर्गत होने की तिथि से दिनांक 31 मार्च, 2017 तक अनुमन्य होगी तथा इस योजना का संचालन विभाग के अधीन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय द्वारा किया जायेगा।
डा0 दुबे ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाली इकाइयों में फल एवं सब्जी, पुष्प, मसाले, शहद, औषधीय एवं संगन्ध फसलें, मशरूम प्रसंस्करण, खाद्यान्न मिलिंग प्रसंस्करण, कृषि उत्पाद (मिल्क पाउडर, शिशु दुग्ध आहार, माल्टेड मिल्क फूड, कन्डेन्स्ड मिल्क, घी), डेयरी उत्पाद, पोल्ट्री और अण्डा, माॅंस तथा मांॅस उत्पाद एवं मछली प्रसंस्करण, डबलरोटी, तिलहन, भोजन (खाद्य) नाश्ता आहार, मिष्ठान (कोको एवं चाकलेट), माल्टेड एक्सट्रैक्ट, प्रोटीन आइसोलेट, अधिक प्रोटीन वाले खाद्य, वीनिंग फूड और एक्सट्रैक्टेड खाद्य उत्पाद, बीयर, गैर शीरा आधारित अल्कोहल पेय, वातित जल/शीतल पेय, आदि उद्योगों के लिये विशेष पैकेजिंग व्यवस्था की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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